गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती एवं भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का किया आयोजन ।
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भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती एवं भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी का अमृत महोत्सव वर्ष पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन । आज दिनांक 9 मई 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले के जन्मदिवस एवं भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले, महात्मा गांधी, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली,डॉ अमित कुमार लोहिया, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ,मदर ताहिरा चैरिटेबल वेलफेयर ट्रस्ट की निदेशक एस सबा डॉ महबूब उर रहमान एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रुप से कहा कि आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 ई को हुआ था। उनका सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा ।
गोपाल कृष्ण गोखले भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। उनका जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ था। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे। महात्मा गांधी ने राजनीति के बारे में उनसे बहुत कुछ सीखा और इसीलिए वह राष्ट्रपिता के राजनीतिक गुरु कहलाए।
महात्मा गांधी के गुरु के रूप में ही जानते हैं । गोपाल कृष्ण गोखले ने महात्मा गांधी के साथ देश के अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को स्वाधीनता आंदोलन में दिशा प्रदान की थी।
गांधी जी को अहिंसा के जरिए स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा गोखले से ही मिली थी। उन्हीं की प्रेरणा से गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन चलाया था। गांधी जी के आमंत्रण पर 1912 में गोखले खुद भी दक्षिण अफ्रीका गए एवं रंगभेद की निन्दा की तथा इसके खिलाफ आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। प्रवक्ताओं ने कहा कि गोपाल कृष्ण गोखले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने धर्म जाति से ऊपर उठकर मानवता ,नागरिक अधिकारों एवं स्वाधीनता के लिए संघर्ष का नेतृत्व किया था ।
उन्होंने एशिया अफ्रीका एवं लैटिन अमेरिका के देशों से भेदभाव, अन्याय, रंगभेद नीति का विरोध करते हुए सबके लिए मानवता, नागरिक अधिकारों एवं स्वाधीनता के लिए सपना देखा था। उनके आंदोलन को महात्मा गांधी एवं उनके सहयोगियों ने विश्व के अनेक हिस्सों में स्वाधीनता का मशाल जलाया एवं सदियों से गुलामी की जंजीरों से मानवता को स्वतंत्र कराया था।
May 09 2023, 14:59