शहर की लाइफलाइन बैंक मोड़ ओवरब्रिज आज 50 साल का हो गया

धनबाद । देश की आजादी की सिल्वर जुबली के मौके पर 20 अगस्त 1972 को धनबाद को इस ओवरब्रिज की सौगात मिली थी बिहार के तत्‍कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री नरसिंह बैठा ने पुल का उद्घाटन किया था।

धनबाद की लाइफलाइन बैंक मोड़ ओवरब्रिज आज 50 साल का हो गया देश की आजादी की सिल्वर जुबली के मौके पर आजादी के रजत जयंती सप्ताह के दौरान 20 अगस्त 1972 को धनबाद को इस ओवरब्रिज की सौगात मिली थी बिहार के तत्‍कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री नरसिंह बैठा ने पुल का उद्घाटन किया था ।

पिछले 50 सालों से यही एकलौता ओवरब्रिज है जो शहर के एक छोर को दूसरे हिस्से से जोड़ता है हीरापुर की ओर से बैंक मोड़ जाने का मुख्य मार्ग यही है पांच दशक में शहर की आबादी कई गुणा बढ़ गई है उसी रफ्तार से वाहनों की संख्या भी बढ़ी है बावजूद इतने वर्षाें में ओवरब्रिज का मेंटेनेंस नहीं हो सका। कई बार पुल के खतरे में होने का संदेश राज्य सरकार को भेजे जाने के बाद लोड टेस्टिंग हुई!

धनबाद: मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड द्वारा रक्तदान शिविर का किया गया आयोजन


धनबाद । मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन शक्ति नर्सिंग होम जोड़ाफाटक धनबाद में किया गया जिसमें कुल 25 यूनिट रक्त संग्रह किया गया रक्त संग्रह करने के लिए पीएमसीएच ब्लड बैंक के प्रभारी डॉक्टर ए के सिंह अपनी टीम के साथ उपस्थित थे ।

रक्तदान करने वालों में मारवाड़ी यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष सुरेश पोद्दार उपाध्यक्ष राजेश रीटोलिया जितेंद्र अग्रवाल महासचिव अरविंद सतनालिका विवेक अग्रवाल प्रदीप अग्रवाल मनोज अग्रवाल सीए विनय अग्रवाल जय कुमार गुप्ता कालीचरण केजरीवाल संजय मोर प्रणाम्स गोयल सीए आरबी गोयल दिलीप गोयल सुशील पोद्दार संजय रीटोलियां राजेश जलूका निशांत गर्ग श्याम पसारी अमित अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष कुलदीप अग्रवाल ने सपत्नी सुनीता अग्रवाल एवं बेटी ज्योति अग्रवाल के साथ रक्तदान किया।

इस अवसर पर सर्वश्री महेंद्र अग्रवाल दीपक रुइया सुनील तुलसियान मुकेश सोमानी मोहन अग्रवाल शेखर शर्मा शक्ति नर्सिंग होम के डॉक्टर दिनेश गिंदोडीया एवं उनकी टीम का सराहनीय योगदान रहा।

वासेपुर गैंगवार अपडेट : ढोलू के शव को किया गयासपुर्द-ए-खाक, इकबाल की स्थिति अब भी गम्भीर


 इलाके में 90 के दशक का गैंगवार याद कर सहम रहे हैं लोग

धनबाद: इकबाल के करीबी बबलू उर्फ ढोलू का शव दोपहर बाद वासेपुर के शमशेर नगर स्थित कब्रिस्तान में सपुर्द-ए-खाक किया गया। ढोलू का शव दोपहर लगभग 3:30 बजे जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद उसके आवास केजीएन कॉम्प्लेक्स आया चारों ओर चीत्कार मच गया।

 सभी परिजन रोने लगे। उसके बाद धार्मिक रीति रिवाज पूरी कर लगभग 5 बजे जनाजा निकाला गया और कब्रिस्तान में सपुर्द-ए-खाक किया गया।

 वहीं फहीम के पुत्र इकबाल की स्तिथि अब भी गंभीर बनी हुई है। लोगों की माने तो चिकित्सकों ने भले ही उसके पेट मे लगी गोली को निकाल दिया हो पर अब भी उसकी स्तिथि गंभीर बनी हुई। क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता।

स्थानीय लोगों में गैंगवार बढ़ने का भय,90 का दशक लोग कर रहे हैं याद

क्षेत्र के लोग 90 के दशक में फहीम और उसके प्रतिद्वंद्वी साबिर के समय का गैंगवार याद कर रहे हैं। फहीम के जेल में जाने के बाद से वासेपुर में गैंगवार में बहुत हद तक कमी आयी थी। पिछले कई वर्षों से फहीम के क्षत्रछाया में रहकर अपराध जगत की बारीकियां सीखने वाला उसका भांजा ही उसके परिवार के लिए आज घातक साबित हो रहा है। 

इससे पहले जानी दुश्मन साबिर से अदावत के कारण फहीम के पिता शफी खान, मां नजमा खातून,मौसी शहनाज खातून, और भाई शमीम खान की जान जा चुकी है। इसके अलावे फहीम के ऊपर भी कई बार हमले हो चुके हैं। 

एक बार फहीम के घर को चारों ओर से घेर कर फायरिंग और बमबारी की गई थी। जिसमें किसी प्रकार फहीम अपनी घर वालों का जान बचा बचा पाया था।

वासेपुर गोलीकांड अपडेट, आखिर प्रिंस का शूटर मेजर घटना को लेकर इकबाल को क्यों ठहरा रहा है जिम्मेवार पढ़ें पूरी खबर..?

प्रिंस के शूटर मेजर के नाम से सोशल मीडिया पर चिट्टी वायरल, कहा छोटे सरकार का एक ही मकसद, फहीम के नस्ल को धनबाद से खत्म करना

धनबाद। हम छोटे सरकार का शूटर मेजर. ये जो घटना फहीम खान का बेटा इकबाल खान उर्फ कानिया के साथ घटा है इसका कारण वो खुद है क्योंकि ये और इसका भाई शाहेबजादवा छोटे सरकार सरकार को मरवाने के लिए शूटर खोज रहा था इस लिए छोटे सरकार के आदेश पे इसको कुत्ते की तरह रोड पे मारे हैं।

जो जो फहीम खान का या फहीम खान का बेटा का काम करेगा तो उसको तो मारेंगे ही अगर वो नहीं मिलेगा तो उसके बाप भाई को मारेंगे। सब यह लोग का साथ छोड़ो या नहीं तो मरने के लिए तैयार रहो क्योंकि छोटे सरकार का एक ही मकसद है फहीम खान और उसके नस्ल को धनबाद से खत्म करना। 

कान खोल कर सुन लो जो जो भी इकबाल कानिया का जनाजा में जायेगा उसके भी घर वालो का जनाजा निकाल देंगे छोटे सरकार.....।  मेजर

उपर के लाइन प्रिंस के शूटर मेजर के नाम से सोशल मीडिया पर वायरल पत्र की हूबहू है। हालांकि स्ट्रीटबज़्ज़ ऐसे किसी चिट्ठी की पुष्टि नहीं करता है। बताते चलें कि फहीम के पुत्र इकबाल और उसके साथी बबलू उर्फ ढोलू को बुधवार की रात करीब 9:30 बजे बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार दी थी। 

घटना में ढोलू की मौत हो गयी जबकि स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे दुर्गापुर रेफर कर दिया था। जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। इकबाल को पेट के नीचे गोली लगी है।

वासेपुर गैंगवार : शाम में फ्लैग मार्च, तीन घण्टे बाद अपराधियों ने दिया बढ़े मनोबल का परिचय, इकबाल नहीं भांप पाया माहौल

धनबाद पुलिस अपराधियों का मनोबल तोड़ने की जीतोड़ कोशिश कर रही है। बजाबते गैंग्स से जुड़े अपराधियों की सूची तैयार कर कुंडली खंगाली जा रही है। हर नए पुराने अपराधियों को तलाश किया जा रहा है। पर अपराधी भी पुलिस को खुली चुनौती देने से बाज नहीं आ रहे हैं। बुधवार को घटना से ठीक कुछ घण्टे पहले धनबाद पुलिस ने रेपीडिक्शन फोर्स के साथ शहर के सड़कों पर फ्लैग मार्च कर अपराधियो में भय वयाप्त करने की कोशिश की थी। यह फ्लैग मार्च लगभग 6:30 बजे वासेपुर, आरा मोड़ होते हुए भूली तक पहुंचा। फ्लैग मार्च के दौरान अपराधियो और असामजिक तत्वों को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि पुलिस हर प्रकार के स्तिथि से निपटने को पूरी तरह तैयार है। ठीक इसके तीन घण्टे बाद करीब 9:30 पर अपराधियों ने घटना को अंजाम देते हुए गैंगस्टर फहीम के बेटे इकबाल और उसके साथी ढोलू पर गोली दाग दी जबकि एक अन्य साथी भाग गया। फिलहाल इकबाल का इलाज दुर्गापुर में चल रहा है जबकि उसके साथी ढोलू की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी थी उसके शव को कब्जे में लेकर पुलिस पोस्टमार्टम की प्रक्रिया में जुटी है।

माहौल को भांपने में चूक गया इकबाल, लड़ रहा जिंदगी और मौत की जंग

बताया जाता है कि इकबाल अपने सबसे करीबी बबलू उर्फ ढोलू के साथ हर दिन की तरह आरा मोड़ स्थित शिवमंदिर मैदान के समीप गया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो यहां हर रोज इकबाल अपने करीबी लोगों के साथ शाम में बैठता था। इसके अलावे कई और स्थानीय युवाओं का ग्रुप यहां अड्डेबाजी करता था। हर दिन मैदान में चहल पहल रहती थी बुधवार की शाम भी इकबाल अपने सबसे खास बबलू उर्फ ढोलू और सोनू के साथ पहुंचा। मैदान व आसपास पहले से ही सन्नाटा था। इकबाल ने इस बात पर गौर नहीं किया। और बाइक सवार अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया और आराम से फरार हो गए। कहा जा रहा है इकबाल अगर मौके की नजाकत को भांप लेता तो शायद यह घटना नहीं घटती।

गैंगबार: वासेपुर में फिर चली गोली गैंगस्टर फहीम खान के पुत्र गंभीर रुप से घायल,उसके सहयोगी की हो गयी मौत

धनबाद । वासेपुर के आरा मोड में गैंगस्टर फहीम खान के पुत्र इकबाल खान और उसके सहयोगी पर बुधवार के देर शाम को हुई गोलीबारी में एक की मौत हो गई जबकि इकबाल खान गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है सूत्रों का कहना है कि इस घटना में इकबाल का सहयोगी ढोलू की अस्पताल में मौत हो गई है ।

हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अस्पताल सूत्रों ने बताया कि इकबाल की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है वहीं उसके सहयोगी की मौत हो चुकी है घटना के बाद अस्पताल में स्थानीय लोगों की भारी संख्या में भीड़ एकत्र हो गई है जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है वहीं आसपास के थाना से भारी संख्या में पुलिस बल भी अस्पताल के लिए रवाना हो गए हैं जिससे कि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सका है।

 मालूम हो कि बुधवार की देर शाम दो अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने वासेपुर मोड़ में मंदिर मैदान के पास गैंगस्टर फहीम खान के पुत्र और उसके सहयोगी ढोलू पर गोलीबारी की थी जिसके बाद उन्हें स्थानीय लोगों की मदद से आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया था!

जानकारी के अनुसार इकबाल की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे मिशन अस्पताल दुर्गापुर में रेफर कर दिया गया है।

धनबाद: श्रमिकों की नगरी धनबाद में जगह जगह मनाया गया मज़दूर दिवस,कार्यक्रम आयोजित कर शहीद मज़दूरों को दी गयी श्रद्धांजलि

धनबाद:आज मजदूर दिवस है! इस माैके पर धनबाद में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि दी गई साथ हीं मजदूरों के कल्याण की बात भी की गई। शिकागो की घटना को याद कर मजदूरों के लिए संघर्ष का संकल्प लिया गया।

झारखण्ड राज्य बिजली कामगार यूनियन मुख्यालय धनबाद में बिजली कर्मियों ने मई दिवस मनाकर शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि दी। यूनियन के महामंत्री रामकृष्णा ने बताया कि मजदुर दिवस पर झंडोतोलन और श्रद्धांजलि दी गयी है। उन्होंने कहा कि 100 साल से भी पहले मजदूरों को 16 से 18 घंटे काम कराया जाता था। मजदूरों ने आंदोलन कर इस नीति का विरोध किया और इसपर गोलियां भी बरसाई गयी । कई मजदूरों को मार डाला गया था, आखिरकार मजदूरों के आगे हुकूमत को झुकना पड़ा और आज हम मजदूर सम्मान से जी रहे है।

 उन्ही शहीदों को याद करते हुए हर साल मजदूर दिवस मनाया जाता है। इस माैके पर संकल्प लिया गया है कि मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ यूनियन आगे भी लड़ाई जारी रखेगी। खासकर बिजली कंपनी को निजी हाथो में कभी नहीं जाने दिया जायेगा।

धनबाद स्थित श्रमिक चाैक पर विभिन्न संगठनों की तरफ से खनिक प्रतिमा पर फूल-माला चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी गई। मासस नेता हरिप्रसाद पप्पू ने बताया कि शिकागो में आज ही के दिन मजदूरों ने 16 घंटे काम को आठ घंटे करने की मांग की थी। जिसे लेकर अंग्रेजी हुकूमत ने कई मजदूरों को मौत के घात उतारा था। इसके बाद ही मजदूरों के काम का समय 8 घंटे कर उन्हें वेतन और सम्मान दिया गया। 

पंचेत में मजदूर दिवस पर भाकपा माले व एमसीसी की तरफ से श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस पर श्रमिक चौक स्थित खनिक प्रतिमा पर राष्ट्रीय जनता दल ने माल्यार्पण कर मजदूर दिवस मनाया । इस अवसर पर राजद जिलाध्यक्ष अवधेश कुमार ने कहा कि धनबाद में उद्योग और श्रमिक दोनों का अस्तित्व खतरे में है । कोयला आधारित उद्योग निजीकरण की ओर जाने के कगार पर है। 

आउटसोर्सिंग कंपनियां मजदूरों का शोषण कर रही है । अगर इसे रोका नहीं गया तो स्थिति और भयावह होगी। राजद राज्य कार्यकारिणी सदस्य उदय शर्मा ने कहा कि कृषि आधारित एवं अन्य मजदूर सरकारी उदासीनता के शिकार हो रहे हैं। मजदूर हित की सारी योजनाएं धरातल पर उतरने से पहले ही दम तोड़ दे रही है। इस माैके मौके पर महिला राजद जिलाध्यक्ष अनवरी खातून, रामानंद प्रसाद, बमबम यादव, सुभाष यादव, मनोज सिंधु, प्रेम किशोर विप्लव आदि उपस्थित थे।

भूमिगत आग और भू-धंसान के खतरे पर बसा कोयलांचल के लोगों के लिए पुनर्वास योजना हो रही है फेल, 2004 में बने जेरेडा के कार्य योजना पर भी उठ रहे सवाल


धनबाद: कोयलांचल की त्रासदी यह है कि यहां भूमिगत आग और भू-धंसान...धनबाद का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित है.धरती यहां आग और गैस उगल रहा है।

 जिसके कारण इन क्षेत्रों में रहने वालों की जिंदगी हर दिन मौत से लड़ रही है। सरकार ने अग्निप्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों के पुनर्वास के लिए देश की सबसे बड़ी पुनर्वास योजना बनाई है। इसके लिए 31 दिसंबर 2004 को झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (जरेडा) का भी गठन किया गया।

इस पर अब तक कुल 1051.56 करोड़ रुपए खर्च हुए। लेकिन, अब तक मात्र 6352 परिवारों का ही पुनर्वासित किया जा सका है। 

एक लाख से अधिक परिवार आज भी यहां अग्निप्रभावित क्षेत्रों में हैं फंसे हैं। सच यही है कि झरिया पुनर्वास अभियान फेल हो गया। पुनर्वास की योजना कैसे पूरी हो, इसके लिए हाईपावर कमेटी बनी थी। उसने माना कि झरिया मास्टर प्लान लागू करने के लिए कमेटी की ओर से की गई सिफारिशों के आधार पर योजना को व्यापक रूप से संशोधित करने की आवश्यकता है। कमेटी का मानना है कि अग्निप्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों की कई तरह की शिकायतें हैं।

पुनर्वास संबंधित शिकायतों का निबटारा नहीं हो पा रहा, जिससे योजना बाधित है। कमेटी ने प्रस्ताव दिया है कि शिकायतों को निबटाने के लिए पुनर्वास शिकायत निवारण प्राधिकरण का गठन किया जाए। किसी रिटायर जज को प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जाए। शिकायतकर्ता वकीलों के माध्यम से अपनी बात जज के समक्ष रख सकेंगे। प्राधिकरण दोनों पक्षों को सुनेगा। कमेटी के इन प्रस्तावों पर केंद्र सरकार को फैसला लेना है।

अप्रैल 2019 में हुए सर्वे के बाद 1.04 लाख परिवार पुनर्वास के लिए चिह्नित

2008 के रिवाइज्ड मास्टर प्लान में धनबाद, बोकारो व आसनसोल में तीन प्वाइंट मिलाकर कुल 595 प्वाइंट पर सर्वे किया गया। अप्रैल 2019 में सर्वे पूरा हुआ। सर्वे के तहत 1.04 लाख परिवारों को पुनर्वासित करना था।

शिकायतों का निबटारा हो : राही

सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कु. राही ने मांग की कि पुनर्वास शिकायत निवारण प्राधिकरण का गठन हो। जितनी जल्दी विवादों का निपटारा होगा, उतनी जल्दी पुनर्वास हो सकेगा।

प्राधिकार के गठन की सिफारिश

शिकायत निवारण प्राधिकरण के गठन की सिफारिश है। उसका फैसला सभी पक्षाें के लिए बाध्यकारी हाेगा। जरेडा अॉनलाइन शिकायत निवारण तंत्र भी विकसित करेगा।

कृष्णा एस वत्स, सदस्य, हाईपावर कमेटी, जरेडा

पुनर्वास पर अब तक खर्च

स्थापना में 845.25 लाख रुपए भू-अर्जन में 22784.90 लाख सुविधाओं में 74905.60 लाख

2019 के सर्वे में कुल रैयत 32064 और गैर रैयत 72882 परिवार चिह्नित किए गए थे पुनर्वास के लिए

ब्रेकिंग: धनबाद में चावल कारोबारी के मुंशी से अपराधियों ने छीने 3 लाख 72 हजार रुपये


धनबाद : इन दिनों धनबाद में अपराधियों के हौसले बुलंद है। धनबाद के पॉलिटेक्निक थाना क्षेत्र के निकट चावल कारोबारी के मुंशी से छिनतई का मामला सामने आया है. 

मिली जानकारी के अनुसार, अपराधियों ने मुंशी से करीब 3 लाख 72 हजार रुपये छीन लिए.

पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को नही मिली वेल, वकील ने उनके बीमारी का हवाला देकर जमानत के लिए लागई थी गुहार


धनबाद: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की जमानत याचिका कोर्ट ने एक बार फिर खारिज कर दी है. इन दिनों वे बीमार चल रहे हैं.जिसके आधार पर अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी थी कि वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं. उन्हें मानसिक अस्वस्थता, हृदय रोग के साथ शरीर के बाएं हिस्से में दर्द है. उनके शरीर में लकवा के भी लक्षण है. डिमेंशिया सहित अन्य बीमारी से पीड़ित है. इन बीमारियों का इलाज जेल में संभव नहीं है. इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.

विदित हो कि पूर्व विधायक अपने चचेरे भाई की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पिछले 6 वर्षों से जेल में बंद हैं. 

आज के सुनवाई और अधिवक्ता के दलील के वाबजूद झरिया के पूर्व विधायक को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत ने सोमवार को संजीव सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी. संजीव सिंह की ओर से उनके 

अपर लोक अभियोजक ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट ने धनबाद जेल अधीक्षक से संजीव सिंह की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी. मेडिकल रिपोर्ट में संजीव सिंह के स्वस्थ रहने की बात कही गई है. इसलिए उन्हें जमानत देना उचित नहीं होगा. इसके पहले भी संजीव सिंह की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट से लेकर उच्च न्यायालय तक खारिज हो चुकी है. 10 अप्रैल को संजीव सिंह को धनबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था .वहां उनकी जांच की गई थी. तीन-चार दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद फिर उन्हें धनबाद जेल भेज दिया गया था.