*कागजों पर चल रहा तिवारी वैदिक संस्कृत महाविधालय, कार्रवाई से एसीएम पंचम ने किया इंकार*
कानपुर- एक व्यापक स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ जब शिकायतकर्ता ने प्रशासन से शिकायत की तो काफी समय गंवाने के बाद उसका कोई परिणाम न मिलता देख प्रार्थी ने शासन का रूख किया। कई बार शिकायत करने पर शासन द्वारा जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग को जांच कर आख्या उपलब्ध कराने के आदेश दिये गये लेकिन सालों बीतने के बाद जिला प्रशासन ने इस भ्रष्टाचार पर आंखे मूंदे रखी। प्रार्थी के बार-बार शिकायत करने के बाद जांच अधिकारी भी बनाये गये लेकिन मामला जस का तस चलता रहा, लेकिन हार न मानने वाले शिकायतकर्ता ने जब बडे स्तर पर शासन को शिकायत की तो जिला प्रशासन में हडकंप मच गया और मामले की जांच की जाने लगी। वहीं प्रशासनिक आलाधिकारी तथा शासन को जब जांच आख्या सौंपी गयी तो शिकायकत कर्ता चौंक उठा, क्योकि जांच आख्या पूर्णतः असत्य थी और जब इस समबन्ध में शिकायकर्ता एसीएम पंचम से मिला तो उसे कहा गया कि इस ममाले को भूल जाओं इस पर कोई कार्यवाही नही की जा सकती हैं।
मामला 6/39 रानीघाट, पुरानाकानपुर थाना कोहना क्षेत्र का है, जहां फर्जी तरह से कागजों पर सालों से तिवारी वैदिक आदर्श संस्कृत महाविधालय का संचालन किया जा रहा है, लेकिन उस स्थान पर कोई विद्यालय नहीं है, बल्कि वहां मकान बने है और लोग निवास कर रहे है। तो वहीं तहसील के अभिलेखों में भी संस्कृत विद्यालय की जमीन के नाम कोई नाम दर्ज है लेकिन देवी प्रसाद तिवारी के पूर्वजों द्वारा फर्जी रूप से जमीन को दान की लिखा पढ़ी की गयी है।
शिकायत करने वाली सरस्वती देवी शुक्ला रानीघाट, पुराना कानपुर निवासी ने बताया कि एसीएम पंचम द्वारा फर्जी महाविधालय प्रबंघक से मिलकर गलत जांच रिपोर्ट लगाने का आरोप लगाया गया है।जबकि उनका यह भी कहना गलत है कि उच्चाधिकारियों द्वारा महाविधालय को ट्रांसफर करने की अनुमति दी गयी है। शिकायतकर्ता ने कहा गलत रिपोर्ट के सम्बन्ध में जब एसीएम पंचम से भेंट की गयी तो उन्होंने कहा कि उन्हें सारी सत्यता का पता है लेकिन वह किसी भी प्रकार से तिवारी वैदिक संस्कृत विधालय पर कार्यवाई नहीं कर सकते।
सरस्वती शुक्ला ने कहा कि सालों से वह इस फर्जी संस्कृत विद्यालय के भ्रष्टाचार को उजागर करने का प्रयास कर रही है लेकिन इस फर्जी महाविधालय का प्रबन्ध एक भूमाफिया है जो प्रशासन में खासी पकड रखता है, जिसके कारण कोई भी कार्यवाही नहीं होती। पूर्व में कई शिकायतों के बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा भी कोई कार्यवाई नही की गयी थी और अब शासनादेश के बाद भी जांच अधिकारी दबंग भूमाफिया प्रबंधक से मिलकर असत्य आख्या प्रस्तुत की है। कहा ऐसे किसी भी प्रकरण में शिकायतकर्ता का मनोबल टूटता है क्योंकि सालों पैसा और समय खराब करने के बाद भी उसे न्याय नही मिल पाता।
May 06 2023, 19:57