हाईकोर्ट द्वारा जाति गणना पर लगाए गए अंतरिम रोक पर शुरु हुई सियासत, विपक्ष ने सीएम पर किया यह तीखा कटाक्ष
डेस्क : जातीय जनगणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को पटना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जिसमें नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने जाति गणना पर तत्काल प्रभाव से अंतिरम रोक लगाते हुए कहा कि अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी। तब तक कोई डाटा सामने नहीं आएगा।
इधर कोर्ट के इस आदेश के बाद प्रदेश की सियासत गरम हो गई है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी इसे लेकर राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है। बीजेपी नेता व बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि यह रोक महागठबंधन सरकार की नीयत में खोट का परिणाम है। भाजपा ने शुरू से ही जाति आधारित गणना का इस आधार पर समर्थन किया था कि ये एक समान नीति, पद्यति एवं कार्यान्वयन प्रारूप बनाकर सभी की सहमति लेंगे और इसे पूरा करायेंगे। लेकिन पहले दिन से ही इनकी नीयत में खोट था।
नेता प्रतिपक्ष ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि, पहले नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में एन.डी.ए छोड़ा और फिर इसके कार्यान्वयन हेतु त्रुटिपूर्ण नीति बनाए। इन्हें डर था कि भाजपा का सरकार में साथ रहने पर इन्हें समावेशी नीति, पद्धति एवं कार्यान्वयन प्रारूप बनाना पड़ सकता था। इसे टालने की इनकी मंशा इसमें भी परिलक्षित होती है कि कार्यसूची में लाये बिना इन्होंने विधान सभा में संकल्प को रखा और न तो बहस कराया न ही इसे जनमत जानने हेतु भेजा। 2 मिनट में यह संकल्प हड़बडी में पारित किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रथम चरण की जाति आधारित गणना पूरा कर लेने का दावा किया गया। फिर दूसरे चरण की गणना की शुरुआत की गई। राज्य के लोग अवगत है कि प्रथम चरण में राज्य भर में हजारों घरों को छोड़ दिया गया। मुख्य जाति और उसकी उपजाति को अलग अलग कर उन्हें परेशान कर दिया गया। कई जातियों के संगठन और जनप्रतिनिधियों ने सरकार और मुख्यमंत्री को इन त्रुटियों का निवारण हेतु ज्ञापन भी दिया लेकिन निवारण हेतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विजय सिन्हा ने कहा कि सरकार की यह कवायद मात्र राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से किया गया है। इसका साक्ष्य पटना उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता द्वारा सरकार का पक्ष रखने के दौरान इसे सर्वे कहने एवं किसी को भी जाति बताने की बाध्यता नहीं रहने के कथन से झलकता है। राज्य सरकार द्वारा लाभ की योजना हेतु आंकड़ा इकट्ठा की बात करना हास्यास्पद है। सरकारी विद्यालय का भवन बनाने, सभी विषय का शिक्षक देने, नल जल योजना को हर एक घर में पहुंचाने, सरकारी अस्पतालों को कारगर बनाने, सड़क बनाने, कानून व्यवस्था मजबूत करने में जाति का डाटा की आवश्यकता नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश पर चुटकी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी विदाई की बेला में अब राज्य में शिक्षा, सुरक्षा एवं विकास पर ध्यान देना चाहिये। इसमें जातिगत डाटा की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
May 05 2023, 09:42