*प्रसव पूर्व जांच में आ रही चुनौतियों को दूर करना जरूरी, सुरक्षित मातृत्व देखभाल में स्वास्थ्यकर्मी की भूमिका अहम*

लखनऊ।सुरक्षित मातृत्व स्वास्थ्य देखभाल की नींव यानि गर्भवती का पंजीकरण और संस्थागत प्रसव कराने में काफी हद तक सफ़लता मिली है, लेकिन गर्भवतियों की चार प्रसव पूर्व जांच होना अभी भी चुनौती बना हुआ है । प्रसव पूर्व जांच को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयास भी कर रही हैं।

प्रसव पूर्व जांच को सुनिश्चित करने के लिए हर माह की 9 तारीख को मनाये जाने वाला प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस अब हर माह में चार बार 1, 9, 16, और 24 को मनाया जा रहा हैं। इस दिवस को माह में चार बार आयोजित करने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि प्रदेश में संभावित गर्भवती की संख्या 67 लाख है, लेकिन पीएमएसएमए दिवस पर मार्च 2023 तक कुल 12.55 लाख दूसरे और तीसरे त्रैमास की गर्भवती ही जांच के लिए आयी। 

गर्भावस्था सम्बन्धी जटिलताओं को रोकने के लिए प्रसवपूर्व जांच आवश्यक

क्वीन मैरी अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की हेड डॉ. एस पी जैसवार बताती हैं कि गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में समस्या की पहचान और प्रबंधन के लिए और गर्भावस्था सम्बन्धी जटिलताओं को रोकने के लिए प्रसवपूर्व जांच आवश्यक है जो मातृ और भ्रूण मृत्यु को कम करने में मदद करेगी।

प्रसव पूर्व जांच न करवाने के कारणों के बारे में राजधानी के मवैया क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता सुमन बताती हैं अक्सर नज़र लग जाने की वजह से गर्भावस्था कुछ महीने तक छुपायी जाती है। इसको देखते हुए गर्भवती महिलाएं दूसरी तीमाही के अंत में ही आती है। वहीं शहरी क्षेत्र में सरकारी तंत्र में आने वाले ज्यादातर लोग बाहर के निवासी होते हैं, ऐसे में गर्भावस्था के समय महिला अक्सर तीसरी तीमाही के बाद प्रसव के लिए अपने घर चली जाती है। 

जहां स्कूल न गयी 35 प्रतिशत महिलाओं ने सभी प्रसव पूर्व जांच करायी

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफ़एचएस) -5 के अनुसार प्रसवपूर्व जांच पर स्कूली शिक्षा का भी प्रभाव पड़ता है। जहां स्कूल न गयी 35 प्रतिशत महिलाओं ने सभी प्रसव पूर्व जांच करायी, वहीं 12 या उससे ज्यादा वर्ष की शिक्षा प्राप्त 50 प्रतिशत महिलाएं सभी प्रसव पूर्व जांच के लिए आयी।

इस सम्बन्ध में चुनौतियां कहां पर है, इस विषय पर जमीनी स्तर पर कार्य कर रहें कर्मियों के विभिन्न मत और इन चुनौतियों से निपटने के लिए अलग सुझाव भी हैं। एनएफ़एचएस सर्वे के अनुसार प्रदेश में सबसे अधिक 70 प्रतिशत चारों प्रसव पूर्व जांच कराने वाले जनपद कानपुर नगर के मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता हरिशंकर बताते हैं ।

कानपुर में ग्रामीण से शहरी क्षेत्र तक सभी जगह स्टाफ़ है जिसके चलते मातृत्व स्वास्थ्य को लेकर जो भी लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं, उसके परिणाम अच्छे दे पाते हैं। हालांकि शहरी क्षेत्र में 50 शहरी उपकेन्द्र है, लेकिन यदि मलिन बस्तियों के लिए और आशा कार्यकर्ता मिल जाये तो स्थिति यह 70 प्रतिशत जो नंबर है वह और बढ़ सकता है।  

आशा और एएनएम को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की जरुरत

सर्वे के अनुसार सबसे अंतिम पायदान (20 प्रतिशत) पर रहने वाले जनपद उन्नाव के अचलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शैलेन्द्र कुमार बताते हैं यदि सभी स्वास्थ्य केंद्र सुचारू रूप से संचालित कर दिए जाये तो परिणाम बेहतर होंगे। अब सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की नियुक्ति हो रहीं है।

उम्मीद है कि सीएचओ और अन्य स्टाफ़ की मदद से प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित कराने में सफ़लता मिलेंगी। झांसी जनपद की स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. विजयश्री शुक्ला के अनुसार आशा कार्यकर्ता और एएनएम एक गर्भवती के सबसे पहले संपर्क सूत्र होते हैं| ऐसे में आशा और एएनएम को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने की जरुरत है, इसी के साथ इन दोनों के प्रशिक्षण सत्र भी एक साथ होने चाहिए जिससे दोनों के कार्य के बारें में दोनों को अच्छे से पता हो।

वहीं लाभार्थी जिस तरह बच्चों के टीकाकरण के समय कार्ड लेकर केंद्र पर आती है, उसी तरह जब वह अपनी जाँच कराने आये तो एमसीपी कार्ड जरुर लेकर आये। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मी द्वारा पूरा कार्ड अच्छे से भरा जाये, तब ही इसकी मॉनिटरिंग अच्छे से हो सकती है और यह नम्बर फिर अच्छे स्तर पर दिखायी देंगे, वह बताती हैं।

केवल 62.5 प्रतिशत गर्भवती ने ही प्रथम तीमाही में प्रसव पूर्व जांच करायी

वहीं झांसी जनपद के जिला कार्यक्रम प्रबंधक ऋषिराज का मानना है कि तकनीकी रूप से कुशल स्टाफ़ की कमी की वजह से रिपोर्टिंग में गड़बड़ होती है। आशा कार्यकर्ता और एएनएम के ऊपर काम का बहुत बोझ है| इन्हीं दोनों के ऊपर हर एक कार्यक्रम की ज़िम्मेदारी है क्योंकि यही लाभार्थी के सीधे संपर्क में रहती हैं।

ऐसे में सभी जगह तकनीकी रूप से कुशल कर्मी तैनाती से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। एनएफ़एचएस-5 के आंकड़े दर्शा रहे हैं उत्तर प्रदेश में कुल 95.7 प्रतिशत गर्भवती को रजिस्टर करके उनको मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड (एमसीपी) जारी किया गया, और 83.4 प्रतिशत गर्भवतियों के संस्थागत प्रसव कराये गए।

वहीं जब प्रसव पूर्व जांच की बात आती है तो केवल 62.5 प्रतिशत गर्भवती ने ही प्रथम तीमाही में प्रसव पूर्व जांच करायी, और कुल 42.4 प्रतिशत गर्भवती ने गर्भावस्था के दौरान होने वाली कुल चार प्रसव पूर्व जांच करायी।

 

महिलाओं की एएनसी और पीएनसी का लाभ उठाने की संभावना बढ़ी

हेल्थ, पोपुलेशन, एंड न्यूट्रीशन जनरल में वर्ष 2019 में प्रकाशित एक शोध- ‘यूटिलाइजेशन ऑफ़ मैटरनल हेल्थ सर्विसेज एंड इट्स डिटर्मिनेंट्स: अ क्रोस- सेक्शनल स्टडी अमंग वीमेन इन रूरल उत्तर प्रदेश, इंडिया’ के अनुसार भी प्रसव के पहले देखभाल और प्रसव के बाद देखभाल, दोनों के लिए, स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ ज्यादा संपर्क से महिलाओं की एएनसी और पीएनसी का लाभ उठाने की संभावना बढ़ी है।

*टीबी मुक्त भारत बनाने की धर्मगुरुओं की पहल*

लखनऊ। टीबी एक पुरानी और गंभीर बीमारी है ,इससे शीघ्र और पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए समुचित इलाज के साथ सही देखभाल और सहयोग की बड़ी जरूरत है। इसको समुदाय के सभी वर्गों की तरह धर्म गुरुओं ने भी भलीभांति समझा है और स्वास्थ्य विभाग व टीबी मरीजों की मदद को आगे आये हैं।

धर्म गुरुओं की यह पहल सही मायने में रंग लाएगी क्योंकि उनकी बात को ध्यान से सुनने और मानने वालों की तादाद बड़ी है। टीबी के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत भी जांच एवं उपचार सेवाओं को मजबूत करने के अलावा प्रमुख हितधारकों और समुदाय को शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इससे टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने, टीबी से जुड़ी सेवाओं की मांग को बढ़ाने, अलग-अलग समुदायों की जरूरतों को समझने और सबसे अधिक वंचित लोगों तक पहुंचने के साथ ही छिपे हुए मरीजों को खोजने में भी मदद मिलेगी।

 

टीबी को ख़त्म करने के लिए हरस्तर से नेतृत्व जरूरी : डॉ. राजेन्द्र

नेशनल टीबी टास्क फ़ोर्स के वाइस चेयरमैन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का भी कहना है- टीबी को ख़त्म करने के लिए उच्चस्तरीय नेतृत्व व कार्रवाई की ज़रूरत है। टीबी केवल डॉक्टर व मरीज़ के बीच का मुद्दा नहीं है, बल्कि इसका सम्बन्ध परिवार, समुदाय व समाज से भी है ।

इसलिए टीबी को ख़त्म करने के लिए हरस्तर से नेतृत्व ज़रूरी है।  बरेली के अलखनाथ मंदिर के पास स्थित तुलसी मठ के महंत नीरज नयन दास टीबी मरीजों को पोषक आहार प्रदान करने के साथ, नियमित दवा सेवन के लिए प्रेरित करने की बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह प्रेरणा उनको उस वक्त मिली जब वर्ष 2010 में उन्हें पता चला कि बदायूं के दातागंज के एक सैनिक के मुंह से खून आ रहा है और मदद की जरूरत है।

जिला अस्पताल में जांच कराई तो पता चला टीबी है। सैनिक को अपने घर पर रखकर नौ महीने तक सेवा की, जिससे वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। इसके बाद तो मानो महंत को टीबी मरीजों का साथ निभाने की एक नई राह मिल गयी और हर सोमवार को टीबी मरीजों को भोजन मुहैया कराना शुरू किया। अब तक वह कई टीबी मरीजों को गोद ले चुके हैं। 

खुद टीबी मुक्त होकर अब जनपद को टीबी मुक्त बनाने में जुटे हैं लोकेंद्र नाथ तिवारी

वर्तमान में भी वह टीबी मरीजों को पोषक आहार मुहैया करा रहे हैं। मरीजों का हौसला भी बढ़ा रहे हैं। फरीदपुर के भोलागांव की टीबी ग्रसित युवती का कहना है कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। टीबी की दवाएं असर नहीं कर रहीं थीं, डाक्टर ने बताया दवाओं के साथ पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है।

जानकारी होने पर महंत ने हर महीने पौष्टिक आहार मुहैया कराया, जिससे सेहत में जल्दी सुधार हुआ। झांसी के धर्मगुरू लोकेन्द्र नाथ तिवारी टीबी से जुड़ी भ्रांतियों और भेदभाव को दूर करने में लगे हैं। एक समय था जब वह खुद टीबी से ग्रसित थे, लेकिन विश्वास कायम रखते हुए टीबी का पूरा इलाज किया। खुद टीबी मुक्त होकर अब जनपद को टीबी मुक्त बनाने में जुटे हैं ।

वर्ष 2022 से अब तक चार लोगों की टीबी की जांच कराने के साथ ही पूरा इलाज कराने में मदद पहुंचा रहे हैं । मऊरानीपुर ब्लॉक के राकेश (बदला हुआ नाम) का कहना है- दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही थी, काम में भी मन नहीं लगता था I समाज में भेदभाव के डर से टीबी की जांच नहीं कराई, लेकिन धर्मगुरु के समझाने पर जांच के लिए हिम्मत जुटा पाये और जाँच में टीबी की पुष्टि हुई। इलाज कराते हुए तीन माह से अधिक समय हो गया है, स्थिति में काफी सुधार है I 

भेदभाव रोगियों को मानसिक तौर पर तो प्रभावित करता है : डॉ. राजेन्द्र 

वाइस चेयरमैन, नेशनल टीबी टास्क फ़ोर्स डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि इसी प्रकार वाराणसी में सभी धर्म प्रमुखों ने वीडियो सन्देश जारी कर टीबी मुक्त भारत बनाने में सहयोग की अपील की है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के वरिष्ठ अर्चक आचार्य टेक नारायण उपाध्याय, मुफ़्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, फादर मजू मैथ्यू और नीचीबाग़ स्थित गुरुद्वारा के ग्रंथी धरमवीर सिंह का कहना है कि टीबी का लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं और टीबी की पुष्टि होती है तो पूरा इलाज जरूर कराएं और देश को टीबी मुक्त बनाएं ।

भेदभाव रोगियों को मानसिक तौर पर तो प्रभावित करता ही है, साथ ही परिवार, परिचितों और दोस्तों को सामाजिक, वित्तीय और शारीरिक तौर पर भी प्रभावित करता है। नेशनल स्ट्रेटेजिक प्लान फॉर ट्यूबरक्लोसिस (2017-2025) एलिमिनेशन बाय 2025 में स्पष्ट तौर पर जिक्र है- भेदभाव और भ्रांतियों को हटाना ज़रूरी है ।

इसके लिए एडवोकेसी, संचार और सोशल मोबिलिज़ेशन का इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया गया है जैसे मीडिया द्वारा भाषा का प्रयोग, विज्ञापन आदि द्वारा सन्देश भी शामिल हैं । इसमें टीबी से ठीक हुए लोगों और चैंपियन का योगदान अहम है क्योंकि ऐसे लोग अपने अनुभव से लोगों को प्रभावित कर सकते हैं । इसी वजह से टीबी पर आज लोग खुलकर बात करने को तैयार हैं ।

सरोजनीनगर में डॉ. राजेश्वर सिंह ने योगी आदित्यनाथ का किया भव्य स्वागत, कहा- कर्मयोगी सीएम के लिए प्रदेश का विकास है तपस्या

लखनऊ। निकाय चुनाव प्रचार के पहले चरण के अंतिम दिन तेलीबाग में शनिदेव मंदिर चौराहा पर विशाल जनसभा का आयोजन किया गया जिसमें सभी भाजपा प्रत्याशियों, नेताओं और पदाधिकारियों ने एकमंच पर आकर जनसमर्थन जुटाया।

इस जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को संबोधित करते हुए विजय का शंखनाद किया और सभी मतदाताओं से चुनाव में वोट डालने का आवाहन किया। इस दौरान सरोजनीनगर से विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने जनसभा को सफल बनाने के लिए अपना पूरा दमखम लगाया और भाजपा की महापौर प्रत्याशी सुषमा खर्कवाल, सभी पार्षद प्रत्याशियों के साथ-साथ नगर पंचायत बंथरा से अध्यक्ष प्रत्याशी शांति देवी एवं सभी सभासद प्रत्याशियों के पक्ष में वोट डालने की अपील की।

सीएम योगी का किया स्वागत

सरोजनीनगर विधायक ने सीएम योगी का स्वागत करते हुए कहा कि वे ऐसे योद्धा हैं जिनकी प्रचंड इच्छाशक्ति ने माफियाओं को घुटने टेकने पर मजबूर ​कर दिया हैं। वे ऐसे शूरवीर हैं जिन्होंने जातिवाद, परिवारवाद और वंशवाद को प्रदेश से जड़ से खत्म किया।

वे एक ऐसे तपस्वी योगी हैं जो धर्म युद्ध लड़ रहे हैं और जिनके नेतृत्व में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। वे ऐसे कर्मयोगी हैं जिन्होंने प्रदेश के विकास को ही तपस्या माना है। वे ऐसे महानायक हैं जो प्रदेश के युवाओं के सपनों को साकार कर रहे हैं और महिलाओं को सम्मान दिला रहे हैं, वे ऐसे सीएम का जो पूरे देश का गौरव हैं। 

विपक्षी पार्टियों पर साधा निशाना

इसके साथ ही उन्होंने विप​क्षियों पर निशाना साधते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि सपा-बसपा ने माफियाओं को टिकट दिया, उनके काल में प्रदेश में गुंडा राज रहता था। लेकिन सीएम योगी ने प्रदेश की कानून का राज स्थापित किया। आज प्रदेश में देश के सर्वाधिक एक्सप्रेसवे, हवाईअड्डे, मेट्रो हैं, भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।

आज उत्तर प्रदेश एक विकसित प्रदेश के रूप में स्थापित है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए जी20 और ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में विदेश से आए लोगों ने लखनऊ की समृद्ध इतिहास के बारे में जाना और यहां की ऐतिहासिक संस्कृति को देखा। आज लखनऊ देश की सबसे तेज गति से विकास करने वाली राजधानी बन चुकी है। भाजपा को जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है जो कि बात का प्रमाण है कि चुनाव में भाजपा का हर प्रत्या​शी भारी मतों से जीत रहा है। 

निकाय चुनाव प्रचार में डॉ. राजेश्वर सिंह ने लगाया पूरा दमखम

बता दें कि सरोजनीनगर से विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने चुनाव प्रचार अभियान को सफल बनाने के लिए अपना पूरी ताकत लगाई। प्रचार के पहले दिन से लेकिन अंतिम दिन तक कई भव्य चुनावी रैलियां निकाली और जनसंपर्क किया। कभी पैदल घर-घर जाकर उन्होंने जनता से मिलकर तो कभी बाइक, जीप व बुलडोजर पर चढ़कर प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटाया।

बारिश, तूफान, आंधी, धूप में भी डॉ. राजेश्वर सिंह न रुके, न थमे और निरंतर प्रचार करते रहे। इस दौरान सरोजनीनगर विधायक मोहल्ले-मोहल्ले, वार्ड-वार्ड, हर व्यक्ति से मिले और भाजपा प्रत्याशियों को ​विजयी बनाने का अपील की। उनकी रैली को बड़ी संख्या में जनता का समर्थन प्राप्त हुआ।

ट्रक ने मोटरसाइकिल में मारी टक्कर नवविवाहिता की मौत

सरोजनीनगर /लखनऊ। मोटरसाइकिल से जा रहा है एक‌ दम्पत्ति को तेज रफ्तार में जा रहा ट्रक टक्कर मार दी जिसके चलते पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। मंगलवार को बंथरा थाना क्षेत्र में सुबह सड़क दुर्घटना में एक महिला की मौत हो गई जबकि उसका पति बाल-बाल बच गया। दंपति बाइक से थे और ओवरटेक के दौरान एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 

वही ट्रक को भी कब्जे में ले लिया गया जबकि उसका चालक मौके से फरार हो गया। उन्नाव जिले के शुक्लागंज पोनी रोड गंगा घाट निवासी अनुराग शुक्ला 30 वर्ष मंगलवार की सुबह अपनी पत्नी सोनम 28 वर्ष को बाइक से लेकर बाराबंकी जा रहे थे।

इसी दौरान बंथरा थाना क्षेत्र के बनी मोहनलालगंज रोड स्थित नीवा गांव के सामने एक तेज रफ्तार ट्रक ने ओवरटेक के दौरान उनकी बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में अनुराग बाल-बाल बच गए जबकि उनकी पत्नी सोनम गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। 

ट्रक का चालक थोड़ी दूर आगे जाने के बाद अपनी गाड़ी सड़क किनारे खड़ी कर वहां से भाग गया । हादसे के बाद सूचना पुलिस को दी गई मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया।

बताया गया कि सोनम की इसी साल 12 फरवरी को ही शादी हुई थी। जैसे इसकी सूचना ससुराल एवं मायके वालों को मिली दोनों तरफ मातम का माहौल छा गए। अभी लगभग शादी को ढाई महीने हुए हुए थे। इसी बीच इस तरीके की अनहोनी जैसी घटना घटित हो गई दोनों परिवारों में कोहराम मच गया।

*यूपी के 37 जिलों में पहले चरण के चुनाव प्रचार आज शाम पांच बजे थमा, चार मई को सुबह 7बजे से शाम बजे तक मतदान*

लखनऊ ।उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए 37 जिलों में आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया । 37जिलों में कुल 7592पदों के लिए 44235प्रत्याशी चुनाव मैदान में है । 

सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा झांसी, प्रयागराज, लखनऊ देवीपाटन, गोरखपुर, वाराणसी ,शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर ,बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर ,संभल, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा ,मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर ,कौशांबी, , फतेहपुर, प्रतापगढ़ ,उन्नाव, लखनऊ, हरदोई, रायबरेली,सीतापुर, लखीमपुर, गोंडा और बहराइच ,बलरामपुर, श्रावस्ती, देवरिया, कुशीनगर ,महाराजगंज, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर जिलों में 4मई को सुबह सात बजे से शाम छ: बजे तक मतदान होगा ।

*सपा प्रमुख अखिलेश की सुरक्षा में चूक, गाड़ी पर चढ़ा युवक*

लखनऊ । सहारनपुर मे मंगलवार को सपा सुप्रिमो अखिलेश यादव ने महापौर प्रत्याशी नूर हसन मलिक तथा पार्षद प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो किया ।अखिलेश यादव का रोड शो कुतुशेर से गोलकोठी तक चला । रोड शो के दौरान अखिलेश के सुरक्षा में बड़ी चूक की घटना सामने आई । जिस गाड़ी पर अखिलेश यादव सवार थे उस पर एक युवक चढ़ गया सुरक्षाकर्मियों ने तीन बार धक्का देकर नीचे उतारा ।

 रोड शो के बाद अखिलेश यादव ने जिया गाड्रेन मे प्रेसवार्ता किया । सपा सुप्रिमो अखिलेश यादव ने कहां कि भाजपा नफरत की राजनीति करती है । बेकसूर लोगों को झूठे मुकदमे मे फंसाया जा रहा है । प्रदेश की कानून व्यवस्था तार तार हो चुकी है ।

अपराधियों में कानून का डर खत्म हो गया है ।मैं एक दिन पहले गोरखपुर होकर आया हुं वहां पर एक महिला से रेप हुआ है क्या उस महिला को न्याय मिल पाएगा ? लखनऊ मे एक युवक भाजपा विधायक बंबा लाल दिवाकर पर प्रताड़ना के आरोप लगा कर आत्म हत्या कर लिया क्या विधायक पर कार्रवाई होगा? ।

अखिलेश ने कहां स्मार्ट सिटी सिर्फ कागजों में है स्मार्ट सिटी के नाम पर अरबों रूपए खर्च किए गए। परन्तु शहरों में नाम मात्र का विकास नहीं हुआ है। सीएम से कोई सवाल पूछे सड़क पर गड्ढे क्यो है ? सड़क पर सांढ क्यों है ?महंगाई क्यों है ? इनका जबाब उनके पास नहीं है ।

भाजपा सरकार विकास के नाम पर केवल झूठा दावा करती है ।इनके पास हर बात का जवाब केवल तमंचा है । जनता भाजपा के बातों पर विशवास नहीं करती है । अखिलेश ने कहां मुझे खुशी है की सहारनपुर के कारीगर मजदूर तथा व्यापारी अपनी मेहनत और सूझबूझ से यहां के कारोबार को जिन्दा रखकर न केवल भारत मे बल्की दुनियां में अपनी पहचान बना रहे है । उनको सरकार ने क्या सुविधा दी है किसी से छिपा नहीं है ।

दो बाइक चालकों में आमने-सामने भिड़ंत, चार घायल

  दिलीप  उपाध्याय

 खलीलाबाद/संतकबीरनगर । खलीलाबाद कोतवाली मिल कॉलोनी के सामने रात लगभग 9:00 बजे दो बाइक चालकों में आमने-सामने भिड़ंत हो गई । जिसमे चार लोग बुरी तरह से घायल हो गए । मौके पर पहुंची पुलिस राहगीरों ने एंबुलेंस बुलाकर चारों को जिला अस्पताल भिजवाया। जिसमें 2 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं , घायलों में दो सब्जी मंडी के रहने वाले हैं।

निकाय चुनाव : भाजपा ने 35 बागियों को पार्टी से छह साल के लिए किया निष्कासित

लखनऊ । भाजपा को छोड़कर निर्दलीय निकाय चुनाव में भाग्य आजमा रहे 35 बागियों को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सोमवार को भाजपा संगठन ने इन बागियों को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। वहीं सपा नेता और पूर्व राज्यमंत्री अमित त्रिपाठी और महिला आयोग की सदस्या माला द्विवेदी को भाजपा की सदस्यता समर्थकों संग दी गई। 

महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बागियों के निष्कासन का आदेश सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर जारी कर दिया। आदेश में कहा गया है कि नगर निगम चुनाव में पार्टी के तय पार्षद प्रत्याशियों के खिलाफ ये सदस्य निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ जहां खुद चुनावी मैदान में हैं तो कुछ के परिजनों को पार्टी के तय प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की जानकारी संगठन को मिली है। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते इनको निष्कासित कर दिया गया है। 

निष्कासित होने वालों में निवर्तमान पार्षद दिलीप श्रीवास्तव, अमित मौर्या के अलावा सुभाषिनी मौर्या, सुरेश अवस्थी और अनुराग पांडेय का नाम शामिल है। सुभाषिनी मौर्या खुद अमित मौर्या की परिजन हैं। वहीं सुरेश अवस्थी की पत्नी और अनुराग पांडेय की मां पार्षद थीं। इनके अलावा अमित सोनकर लालकुआं वार्ड, भारत राजपूत बालागंज, विजय मिश्रा आलमनगर, आदित्य कुमार गौड़ फैजुल्लागंज-३, रंजना मिश्रा व उत्तम मिश्रा व मनोज शर्मा विद्यावती-1, सुरेंद्र रावत सरोजनीनगर-2, अंजली सिंह लोहियानगर, रिंकू जायसवाल व सुमन जायसवाल नजरबाग यदुनाथ सान्याल, नंदिनी मिश्रा रफी अहमद किदवई, रुद्रदेव दुबे व ममता सिंह व संतोष सिंह सेंगर खरिका -2, ममता रोहित व राजकुमार रोहित श्रद्धेय अटल बिहारी, विष्णु अवस्थी हैदरगंज-2, राजेश वर्मा हैदरगंज-1, कल्लू चौरसिया व अमित जायसवाल कन्हैया माधवपुर-2, सुनील शुक्ला अंबरगंज, नवीन चौधरी लाल बहादुर शास्त्री-2, अमित शुक्ला बाबू जगजीवन राम, केके शुक्ला गुरुनानक, रामू सान्याल लालकुआं, अवधेश गुप्ता बाबू बनारसी दास, अर्जुन सोनकर लालजी टंडन, सूर्यपाल सिंह मोतीलाल नेहरू चंद्रभानु गुप्तनगर को निष्कासित किया गया है।

लंबे समय से गैरहाजिर दो डॉक्टरों को डिप्टी सीएम ने किया बर्खास्त

लखनऊ । उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर लंबे समय से गैरहाजिर दो डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें शामली के ऊंचा गांव पीएचसी पर तैनात डॉ. किरनपाल सिंह और कुशीनगर के बहादुरपुर पीएचसी के डॉ प्रवीर कुमार सिंह शामिल हैं। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोमवार को दोनों की बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया। 

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित अस्पताल में अनिवार्य रूप से मरीजों को सेवा दें। जहां भी डॉक्टर अनुपस्थित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।  

स्वास्थ्य विभाग की छवि धूमिल करने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगी। डॉक्टर तय समय पर ओपीडी में बैठे। वार्ड में भर्ती मरीजों को देखें। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बाइक सवारों से कार की हल्की टक्कर होने के बाद जमकर उपद्रव, साथियों को बुलाकर पथराव करते हुए कार में की तोड़फोड़

लखनऊ । बीकेटी में सीतापुर हाइवे किनारे बड़ी बाजार के पास अचानक उलटी दिशा से आए बाइक सवारों ने कार से हलकी टक्कर लग जाने के बाद जमकर उपद्रव किया। अपने साथियों को बुलाकर कार पर पथराव करते हुए तोड़फोड़ की और गहने से भरा बैग लूट कर भाग निकले। पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। 

सीतापुर बिसवां के मेहंदीपुर एक शादी समारोह से लौट रहे थे कार सवार 

डालीगंज बरौलिया निवासी शादाब के मुताबिक वह सोमवार को इनोवा कार से परिवार के लगभग सात लोगों को लेकर सीतापुर बिसवां के मेहंदीपुर एक शादी समारोह में जा रहे थे। बीकेटी के बड़ी बाजार के पास पहुंचे तो भीड़ की वजह से सामने से उलटी दिशा से एक टैम्पो और उसे ओवरटेक करता हुआ एक पल्सर बाइक सवार अचानक सामने आ गया। 

एक टैम्पो में आए एक दर्जन से अधिक लोगों ने कार पर पथराव शुरू कर दिया

चालक अदनान ने पूरी कोशिश की, लेकिन बाइक और इनोवा में मामूली टक्कर हो गई। इसमें न तो किसी को चोट लगी न कोई वाहन क्षतिग्रस्त हुआ, लेकिन इसके बाद भी बाइक सवार युवक जबरन उलझ गए। इस दौरान अपने साथियों को फोन कर बुला लिया। एक टैम्पो में आए एक दर्जन से अधिक लोगों ने कार पर पथराव शुरू कर दिया। इससे कार में बैठी महिलाओं व बच्चों में चीख पुकार मच गई। 

गहनों से भरा बैग छीनकर भागे हमलावर

यह देख व्यापारियों ने हस्तक्षेप किया तो आरोपी भाग निकले। इस बीच सूचना पाकर पुलिस भी पहुंच गई और आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर पीड़ितों को थाने ले गई। वहां मुस्तरी निवासी डालीगंज ने लिखित तहरीर दी। इसमें बताया कि हमलावर युवक उनके हाथ से एक बैग छीन ले गए, जिसमें डेढ़ लाख रुपये का एक हार, झुमकी का सेट व 10 हजार रुपये कैश था। पुलिस के मुताबिक तीन आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।