दिल्ली शराब घोटाले में आया राघव चड्ढा का नाम,ईडी की चार्जशीट मे बड़ा दावा

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दिल्ली एक्साइज पॉलिसी घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा का नाम सामने आया है। ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आप सांसद का नाम शामिल किया गया है। खबर है कि पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के पीए ने राघव चड्ढा का नाम लिया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिसोदिया के तत्कालीन सचिव सी अरविंद ने राघव चड्ढा का नाम लिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि सिसोदिया के आवास पर एक बैठक हुई थी, जिसमें राघव चड्ढा, आबकारी आयुक्त वरुण रूजम और शराब घोटाले के मुख्य आरोपी विजय नायर मौजूद थे।

केजरीवाल के दिमाग की उपज थी शराब नीति

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दाखिल चार्जशीट में दावा करते हुए कहा गया है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति अरविंद केजरीवाल के ही दिमाग की उपज थी। इसके साथ ही चार्जशीट में तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी के कविता का भी जिक्र है। चार्जशीट में कहा गया है कि के कविता ने आबकारी नीति बनने और उसके लागू होने के बाद विजय नायर के साथ कई बार मीटिंग की थी।

राघव चड्ढा ने दी सफाई

वहीं, राघव चड्ढा ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि ईडी की चार्जशीट में मेरा नाम आने वाली खबरें और रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। यह मेरी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।ईडी की किसी भी शिकायत में मुझे आरोपी नहीं बनाया गया है। मेरा नाम किसी बैठक में मौजूद होने को लेकर लिया जा रहा है। मैं ऐसी किसी भी बैठक में मौजूद नहीं था।

आप सांसद संजय सिंह का भी नाम सामने आया

इससे पहले मंगलवार सुबह ही आप सांसद संजय सिंह का भी नाम सामने आया था। चार्जशीट में उन पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र था। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि दिनेश अरोड़ा ने बताया कि संजय सिंह के कहने पर उसने दिल्ली के कई रेस्टोरेंट्स के मालिकों से 82 लाख रुपये अरेंज करके मनीष सिसोदिया को पार्टी फंड के लिए दिया, जिसका इस्तेमाल दिल्ली चुनाव में किया गया। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा उसकी तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से 5-6 बार बात हुई और संजय सिंह के आवास पर सीएम अरविंद केजरीवाल से एक बार उसकी मुलाकात भी हुई थी।

मनीष सिसोदिया पहले ही जेल में बंद

बता दें कि दिल्ली के शराब नीति में हुए कथित घोटाले में आप नेता मनीष सिसोदिया पहले ही जेल में बंद हैं। उन्हें 26 फरवरी को सीबीआई ने 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। 7 दिन की सीबीआई रिमांड के बाद कोर्ट ने 6 मार्च को सिसोदिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था। यहां ईडी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम से शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ की थी, जेल से ही एजेंसी ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल मनीष सिसोदिया ईडी की कस्टडी में हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सिसोदिया की कस्टडी 8 मई तक बढ़ा दी थी।

कांग्रेस के घोषणापत्र पर पीएम मोदी का बड़ा हमला, कहा-पहले राम को ताले में बंद किया, अब जय बजरंगबली बोलने वालों को बंद करने की तैयारी में

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नेन्द्र मोदी धुंआधार रैली कर रहे हैं। पीम मोदी अपने चुनावी भाषणों में कांग्रेस पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। अब कांग्रेस के घोषणापत्र जारी होने के बाद प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तंज कसा है।कर्नाटक के हम्पी में पीएम मोदी ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्री राम से भी तकलीफ होती थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है'।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने के लिए सोमवार को मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल पर निशाना साधा।उन्होंने इसे भगवान हनुमान की पूजा करने वालों को ताले में बंद करने की कोशिश करने का कांग्रेस का प्रयास करार दिया।चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज हनुमान जी की इस पवित्र भूमि को नमन करना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है और दुर्भाग्य देखिए, मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है।ये देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस पार्टी को प्रभु श्रीराम से भी तकलीफ होती थी और अब जय बजरंगबली बोलने वालों से भी तकलीफ हो रही है।

कांग्रेस को कहा गुलामी की मानसिकता से भरी

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने हम्पी की तारीफ की और कहा कि हम्पी एक ऐसी जगह है जिसपर भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को गर्व है लेकिन गुलामी की मानसिकता से भरी कांग्रेस ने कभी भी भारत के इतिहास और विरासत पर गर्व नहीं किया। इसका नुकसान हम्पी जैसे स्थानों को भी उठाना पड़ा। यह बीजेपी की ही सरकार है जो अब 'स्वदेश दर्शन' के जरिए हम्पी की ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण कर रही है।

कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में क्या कहा?

10 मई को कर्नाटक में मतदान होना है, जिसको देखते हुए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सबसे बड़ा वादा किया है कि सरकार बनने पर पीएफआई के साथ ही बजरंग दल पर बैन लगा दिया जाएगा। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है, हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं। कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते। हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे।

उत्तराखंड के जौलीग्रांट हेलीपैड से शुरू हुई केदारनाथ के लिए हेली सेवा, 11 यात्रियों को लेकर भरी उड़ान


उत्तराखंड के जौलीग्रांट हेलीपैड से पहली बार दो धामों के लिए किसी कंपनी की हेली सेवा शुरू हुई है। मंगलवार सुबह 7:40 बजे रुद्राक्ष कंपनी के हेलीकॉप्टर ने 11 यात्रियों को लेकर केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरी।

यात्री सुबह छह बजे ही हेलीपैड पहुंच गए थे लेकिन, खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाया था। मौसम साफ होने पर हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुआ।

जौलीग्रांट में युकाडा के हेलीपैड से पहली बार रुद्राक्ष एविएशन के 18 सीटर एमआई डबल इंजन हेलीकॉप्टर की दो धामों के लिए सेवा शुरू हुई है। पिछले साल कंपनी के हेलीकॉप्टर ने हरिद्वार प्राइवेट हेलीपैड से उड़ान भरी थी।

शरद पवार के बाद किसे मिलेगी एनसीपी की कमान, सुप्रिया या अजित कौन होगा नया बॉस?

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का एलान कर दिया है।महाराष्ट्र में इस बड़े घटनाक्रम के बाद अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि पवार के बाद एनसीपी का नया बॉस कौन होगा? आखिर पवार यह पद किसे सौंपने जा रहे हैं।

इस घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। पर अब राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि, नया एनसीपी प्रमुख कौन होगा? राकांपा के अध्यक्ष पद के लिए अजित पवार भी प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखे जाते हैं। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को शरद पवार का उत्तराधिकारी माना जाता है।

अजित पवार का नाम पहले नंबर पर

शरद पवार के का बाद अध्यक्ष पद के लिए भतीजे और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार का नाम इसमें सबसे पहले है। अजित पार्टी प्रमुख के लिए सबसे बड़े दावेदार हैं। पार्टी में उनकी हुकूमत भी चलती है। पार्टी पर उनका काफी प्रभाव है। अजित ने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर शपथ ले ली थी। बगावत के बावजूद जब वापस अजित शरद पवार के साथ गए तो महाविकास अघाड़ी की सरकार में भी उन्हें ही डिप्टी सीएम बनाया गया। इसके बाद जब उद्धव ठाकरे की सरकार गिरी तो भी शरद पवार ने अजित को ही नेता प्रतिपक्ष बनाया। अजित के साथ सबसे बड़ी ताकत 'पवार' नाम की है। अजित के साथ पवार शब्द जुड़ा हुआ है। ऐसे में संभव है कि पार्टी की बागडोर अजित पवार को ही मिल जाए।

सुप्रिया सुले दूसरी सबसे बड़ी दावेदार

वहीं, दूसरी ओर शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले अध्यक्ष पद की दूसरी सबसे बड़ी दावेदार हैं। सुप्रिया तेज तर्रार नेता हैं और बोलने में काफी माहिर हैं। उनकी वाक शैली से लोग उनके कायल हो जाते हैं। सुप्रिया ने राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बना रखी है। ऐसे में संभव है कि पार्टी की कमान आगे सुप्रिया को ही मिल जाए।

पवार ने नए अध्यक्ष के चयन के लिए कमेटी में कुछ नाम सुझाए

वैसे शरद पवार ने इस्तीफे के बाद आगे का प्लान भी बताया है। आगे क्या होगा इसके इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी।शरद पवार ने नए अध्यक्ष के चयन के लिए कमेटी में कुछ नाम सुझाए हैं। कमेटी में जो नाम सुझाए गए हैं उनमें प्रफुल पटेल, सुनील टटकरे, केके शर्मा, पीसी चाको, अजित पवार, जयंत पाटील, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटील, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अहवाड़, हसन मुसरिफ़, धनंजय मुंडे, जयदेव गायकवाड़, फौजिया खान, धीरज शर्मा, सोनिया दोहन के नाम बताए जा रहे हैं।

*महाराष्ट्र की सियासत में पलट गई रोटी! शरद पवार का एनसीपी अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान*

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महाराष्ट्र की सियासत से बड़ी खबर आई है। शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पवार ने खुद इसकी घोषणा की है। अपने जीवन से जुड़ी एक किताब के विमोचन के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, मैंने आज राष्ट्रवादी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से रिटायर होने का फैसला किया है।पवार ने ये फैसला ऐसे वक्त में किया है जब एनसीपी नेता और भतीजे अजित पवार की मनमुटाव की खबरें सामने आई थीं। कहा जा रहा था कि शरद पवार, अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने को लेकर चल रहीं अटकलों से काफी नाराज थे।

राजनीति में सक्रिय रहेंगे पवार

पवार ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि अब मैं चाहता हूं कि एनसीपी की जिम्मेदारी कोई और संभाले। मैंने कई साल तक पार्टी की जिम्मेदारी संभाली है और अब पार्टी का नेतृत्व नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि वह राजनीति में सक्रिय रहेंगे, लेकिन पार्टी अध्यक्ष पद से रिटायर होना चाहते हैं। 

मेरा संन्यास सार्वजनिक जीवन से नहीं-पवार

अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते समय शदर पवार ने कहा कि, एनसीपी में आगे एक समिति नियुक्त की जाएगी। मुझे पता है कि कहां रुकना है। मेरे पास एमपी के रूप में तीन साल बाकी हैं और मैं राज्य और केंद्र के मुद्दों को देखूंगा। मैं विभिन्न सांस्कृतिक, राजनीतिक और अन्य मुद्दों के लिए काम करूंगा। मेरा संन्यास सार्वजनिक जीवन से नहीं है।

पहले ही दिया था बदलाव का इशारा

इससे पहले पिछले हफ्ते पवार ने मुंबई में आयोजित युवा मंथन कार्यक्रम में रोटी पलटने की बात कह डाली। पवार बोले, 'किसी ने मुझे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी होती है और अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा की वो इस पर काम करें।

शरद पवार ने आज अपनी किताब “लोक माझे सांगाती” का विमोचन किया। इसके तुरंत बाद ही उन्होंने अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया। शरद पवार ने कहा कि मैंने बतौर अध्यक्ष एनसीपी के लिए लंबे समय तक काम किया। अब मैं खुद चाहता हूं कि कोई दूसरा इस जिम्मेदारी को उठाए। अचानक पवार के इस्तीफे की घोषणा सुनकर वहां कार्यक्रम में मौजूद एनसीपी के नेता एवं कार्यकर्ता दंग रह गए। उन्हें इस बात की जरा भी उम्मीद नहीं थी कि पवार अपने पद से इस्तीफे की घोषणा करेंगे। पवार का फैसला सभी को हैरान कर गया। हालांकि, एनसीपी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने पद से हटने के उनके फैसले का विरोध किया।

*महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी का निधन, 89 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस*

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी का मंगलवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में निधन हो गया। वह 89 वर्ष के थे। परिवार की ओर से बताया गया कि वह कुछ समय से बीमार थे। अरुण गांधी के बेटे तुषार गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। तुषार गांधी ने बताया कि लेखक एवं सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अरुण गांधी का अंतिम संस्कार आज कोल्हापुर में किया जाएगा। 

कौन हैं अरुण मणिलाल गांधी

महात्मा गांधी के पौत्र अरुण गांधी मणिलाल गांधी के पुत्र हैं। अरुण गांधी का जन्म 14 अप्रैल 1934 को साउथ अफ्रीका के डरबन में हुआ था। महात्‍मा गांधी के दूसरे बेटे मणिलाल गांधी डरबन के समाचार पत्र इंडियन ओपिनियन के एडिटर रहे, जबकि उनकी (मणिलाल गांधी) पत्‍नी इसी समाचार पत्र में पब्लिशर थीं। अरुण गांधी ने पिता से सीख लेकर बाद में अपने दादा के आदर्शों पर चलने का फैसला लिया और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर बतौर कार्यकर्ता काम करना शुरू किया।

अरुण गांधी ने लिखी कई किताबें

अरुण गांधी ने कुछ किताबें भी लिखी हैं। इनमें द गिफ्ट ऑफ एंगर: एंड अदर लेसन्स फ्रॉम माई ग्रैंडफादर महात्मा गांधी प्रमुख हैं। अरुण गांधी 1987 में अपने परिवार के साथ अमेरिका में बस गए थे। यहां उन्होंने अपने जीवन के कई साल टेनेसी राज्य के मेम्फिस में गुजारे। यहां उन्होंने क्रिश्चियन ब्रदर्स यूनिवर्सिटी में अहिंसा से जुड़े एक संस्थान की भी स्थापना की थी। 

सामाजिक कार्यों में भी थी रूची

अरुण गांधी सामाजिक कामों के साथ ही लेखन में काफी काम करते रहे। उन्होंने अपनी पत्नी सुनंदा के साथ शादी के कुछ ही समय बाद दक्षिण अफ्रीका छोड़ दिया था। अरुण गांधी ने 30 सालों तक एक पत्रकार के तौर पर एक बड़े अखबार में काम किया था। अरुण गांधी और उनकी पत्नी सुनंदा ने महाराष्ट्र में 125 से ज्यादा अनाथ बच्चों को बचाया। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र के कई गांवों के लोगों की जिंदगियां बदलीं।

रुक रुककर हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए रोके गए यात्री, यमुनोत्री में बारिश के बीच यात्रा जारी

केदारनाथ धाम में रुक-रुककर हो रही बारिश और बर्फबारी को देखते हुए रोके गए यात्रियों को प्रशासन ने आज रवाना करना शुरू कर दिया। सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 5887 तीर्थयात्रियों को धाम के लिए रवाना किया गया। बता दें कि सोमवार को करीब नौ हजार यात्रियों को जगह-जगह रोक दिया गया था।

यहां रुके इतने यात्री

केदारनाथ धाम में मौसम के अधिक खराब होने पर तिलवाड़ा से फाटा तक करीब ढाई हजार, सीतापुर से सोनप्रयाग तक करीब छह हजार और गौरीकुंड में लगभग 500 यात्रियों को रोका गया था।

यमुनोत्री में बारिश से परेशानी

यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में सुबह से ही बारिश हो जारी है। लेकिन मौसम की बेरुखी पर तीर्थयात्रियों की आस्था भारी पड़ रही है। बारिश के बीच पांच किमी की चढ़ाई चढ़ कर यात्री यमुनोत्री धाम पहुंच रहे हैं।

केदारनाथ में तीन मई तक रजिस्ट्रेशन पर रोक

 डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि केदारनाथ में खराब मौसम की स्थिति के कारण तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण तीन मई तक रोक दिया गया है। दिल की समस्या या सांस की समस्या वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

कर्नाटक चुनाव का रण सजकर तैयार, प्री पोल सर्वे के अनुसार भाजपा को बढ़त, कांग्रेस का भी प्रदर्शन सुधरने के जताए गए आसार

कर्नाटक में सियासी रण सजकर तैयार है। 10 मई को मतदान के बाद 13 मई को ऐलान हो जाएगा कि दक्षिण भारतीय राज्य की गद्दी पर कौन सा दल काबिज होने वाला है। इसी बीच चुनाव से पहले एक सर्वे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए अच्छी खबर मिलती दिख रही है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भाजपा इस बार फिर सैकड़ा पार करने जा रही है। 2018 विधानसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस का भी प्रदर्शन सुधरने के आसार हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट में कन्वर्जेंट इंस्टीट्यूट की तरफ से किए गए प्री-पोल सर्वे में भाजपा को 105 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। जबकि, 2018 में घोषित नतीजों में भाजपा को 104 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को 87 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है। बीते चुनाव में पार्टी ने 78 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि, 2018 में 37 सीटें जीती जनता दल सेक्युलर को 5 सीटों का नुकसान हो सकता है। सर्वे में पार्टी को 32 सीटें पर रखा गया है।

भाजपा का घोषणापत्र

सोमवार को ही भाजपा ने राज्य में अपना घोषणापत्र जारी किया है। इसमें पार्टी ने राज्य में चुनाव जीतने पर यूसीसी और एनआरसी लागू करने का वादा किया है। साथ ही गरीबी रेखा के नीचे परिवारों को आधा लीटर नंदिनी दूध प्रतिदिन दिया जाएगा। हर महीने परिवार के हर सदस्य को 5 किलो चावल और 5 किलो बाजरा मिलेगा। भाजपा ने उगादी, गणेश चतुर्थी और दिवाली के मौके पर पर बीपीएल परिवारों को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर देने की बात कही है।

भाजपा के वादों की फेहरिस्त में कर्नाटक ओनरशिप एक्ट में संशोधन, हर वार्ड में लैब का निर्माण, दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार के नाम पर मैसूर में फिल्म सिटी का नामकरण और अटल आहार केंद्र भी शामिल हैं।

टूट सकता है दशकों का रिकॉर्ड

 कर्नाटक में साल 1985 के बाद कभी भी सत्तारूढ़ दल ने चुनाव नहीं जीता है। ऐसे में अगर ये प्री पोल सर्वे सटीक साबित होते हैं, तो संभावनाएं बढ़ा जाएंगी कि राज्य में भाजपा दोबारा सरकार बना ले। हालांकि, 2018 में भी भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर कुछ समय के लिए गठबंधन सरकार बना ली थी।

भाजपा और कांग्रेस दोनों को जीत जरूरी

एक ओर जहां भाजपा दक्षिण भारत में सियासी विस्तार करने की कोशिश कर रही है। वहीं, कांग्रेस भी बड़ी जीत की तलाश है। ताजा जीत के साथ दक्षिण भारत में भाजपा अपना पक्ष मजबूत करना चाहेगी। इधर, 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता की अटकलों के बीच नेतृत्व की दावेदारी के लिए जीत दर्ज करनी होगी। पार्टी के नेता भी कह रहे हैं कर्नाटक की जीत बूस्टर साबित होगी।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पर बिहार में थम नहीं रहा संग्राम, अब धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में हिंदू महासभा ने कहा- तेजप्रताप के सिर चढ़कर बोल

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के पटना दौरे पर बिहार का सियासी पारा गरम हो गया है। आरजेडी के नेता लगातार धीरेंद्र शास्त्री के दौरे पर आपत्ति जता रहे हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े बेटे और बिहार सरकार के मंत्री तेजप्रताप यादव के विरोध के बाद अखिल भारत हिंदू महासभा धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में उतर गया है। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कहा है कि तेजप्रताप यादव सत्ता के नशे में इस तरह का बयान दे रहे हैं। रोकना ही है तो ओवैसी जैसे लोगों को रोकें जो हिंदू धर्म को लेकर जहर उगलते रहते हैं।

स्वामी चक्रपाणि ने कहा है कि लालू परिवार को जब सत्ता नहीं मिल रही थी तो तेजप्रताप यादव मंदिर-मंदिर घूम रहे थे। कभी भगवान शिव तो कभी भगवान कृष्ण का रूप धारण करते थे लेकिन सत्ता की मलाई खाने के बाद ऐसा नशा चढ़ा कि आज वे भगवान की कथा करने वाले बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बिहार आने पर बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप यादव का बयान काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार में अगर नफरत फैलाने से किसी को रोकना है तो सबसे पहले वे ओवैसी जैसे लोगों को रोकें।

उन्होंने कहा कि ओवैसी और उनके भाई हमेशा से हिंदू धर्म को लेकर जहर उगलते रहे हैं। कभी मां कौशल्या तो कभी हिंदुओं के बारे में अपत्तिजनक टिप्पणी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप यादव धीरेंद्र शास्त्री को कथा करने से नहीं रोक सकते हैं। भारत अभी गजवा-ए-हिंद नहीं बना है और अभी भी धर्मनिरपेक्ष देश है। किसी भी संत या कथा वाचक को सनातम धर्म के प्रचार प्रसार की छूट है। तेजप्रताप यादव का बयान अहंकार से भरा हुआ है। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप यादव अपने बयान को वापस लें और पंडित धीरेंद्र शास्त्री से माफी मांगें। तेजप्रताप यादव को धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में जाकर कथा सुनें, शायद सद्बुद्धि आ जाए।

केंद्रीय गृह राज मंत्री नित्यानंद राय ने एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला, भस्मासुर कहने पर मचा बवाल

जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे बिहार में सियासी बयानबाजी जोरों पर हैं। बीजेपी लगातार महागठबंधन की सरकार पर हमलावर है। केंद्रीय गृह राज मंत्री नित्यानंद राय ने फिर से सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होने नीतीश कुमार की तुलना भस्मासुर से कर दी। कहा कि अति पिछड़ों को सताने और अत्याचार करने वाली राजद के साथ नीतीश कुमार ने सत्ता की साझेदारी कर ली। नित्यानंद राय सोमवार को पटना के चंद्रवंशी संकल्प सम्मेलन में शामिल हुए थे। जहां उन्होने लोगों को संबोधित करते हुए नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा। और केंद्र सरकार की उपलब्धियों गिनाईं।

नीतीश की तुलना भस्मासुर से की

नित्यानंद राय ने कहा कि नीतीश कुमार भस्मासुर हैं। जैसे भगवान शंकर ने भस्मासु को वरदान दिया था। लेकिन उस ने उन्हीं पर हाथ रखने की कोशिश की। वैसे ही नीतीश कुमार को ताकत अति पिछड़ों ने दी। लेकिन उन्होने ऐसे उस दल के साथ सत्ता की साझेदारी की। जिसने अति पिछड़ों को सताया और अत्याचार किया। बीते 15 सालों में राजद की सरकार में अति पिछड़ों को अपमानित किया गया। फिर चाहे वो लालू यादव हो या तेजस्वी यादव, उन्ही से नीतीश ने हाथ मिलाया। 

पीएम बनने का देख रहे सपना

इससे पहले बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से नीतीश कुमार की मुलाकात पर नित्यानंद राय ने कहा था कि सब जानते हैं कि बिहार में महागठबंधन को एक भी सीट नहीं मिलेगी, 40 में से 40 सीटें नरेंद्र मोदी की झोली में जाने वाली हैं। अपने प्रदेश में जिनको एक भी सीट नहीं मिलने वाली वो नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। 

बता दें लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुटे हैं। जिसके तहत उन्होने हाल ही में ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीताराम येचुरी, डी राजा समेत कई नेताओं से मुलाकात की थी।