महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बड़े उथल-पुथल के आसार, मंत्री उदय सामंत का दावा, ठाकरे ग्रुप के 13 और राकंपा के 20 विधायक शिवसेना यानी सीएम शिंदे

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर बड़े उथल-पुथल के आसार हैं। राज्य सरकार में मंत्री उदय सामंत ने दावा कर दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समूह और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बड़ी संख्या में विधायक सीएम एकनाथ शिंदे के साथ संपर्क में हैं। खास बात है कि यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार से लेकर राज्यसभा सांसद संजय राउत तक अलग-अलग कयास लग रहे हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सामंत ने कहा कि ठाकरे ग्रुप के 13 विधायक और राकंपा के 20 विधायक शिवसेना यानी सीएम शिंदे के संपर्क में हैं। सामंत इससे पहले दावा कर चुके हैं कि ठाकरे और शिंदे महाबलेश्वर में गुप्त रूप से मुलाकात कर चुके हैं। बीते साल जून-जुलाई में शिंदे की ही अगुवाई में करीब 40 विधायकों ने बगावत कर दी थी, जिसके बाद राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी।

संजय राउत के दावे

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार गिरने की भविष्यवाणी कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि सरकार का 'डेथ वॉरंट' जारी हो चुका है। उन्होंने 15-20 दिनों में सरकार गिरने की बात कही थी। अब बुधवार को ही उन्होंने एक और दावा कर दिया कि सीएम शिंदे जल्दी लंबी छुट्टी पर जाने वाले हैं। उस दौरान शिंदे अपने गृहजिला सतारा पहुंचे थे।

अजित पवार बढ़ा रहे तापमान!

राकंपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित की सियासी गतिविधियों को लेकर भी महाराष्ट्र में सियासी तापमान बढ़ता नजर आ रहा है। खबरें थी कि उनका झुकाव भी भाजपा की ओर जा रहा है। कहा जा रहा था कि वह एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ मिलकर भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। हालांकि, सीनियर पवार हमेशा इस बात के खिलाफ नजर आए।

माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हुई हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, तीन सप्ताह में योगी सरकार से मांगी रिपोर्ट


माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में हुई हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। अदालत ने मामले में योगी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। पीठ ने सरकार से कहा है कि वह हत्याकांड की जांच से जुड़े रिकॉर्ड को कोर्ट में जमा कराए। इसके लिए सरकार को तीन सप्ताह का वक्त दिया गया है। इसके बाद मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि अतीक हत्याकांड पर अधिवक्ता विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दायर की थी। कहा था कि यूपी में पिछले कुछ सालों से इस तरह के हत्याकांड में इजाफा हुआ है। मामले में जांच की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को प्रयागराज के अस्पताल में हुई हत्या के मामले में रिपोर्ट मांगी है। वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर अदालत का आदेश आया जिसमें न्यायिक जांच की मांग की गई थी। जनहित याचिका वकील ने राज्य में हत्याओं और इसी तरह की हत्याओं की जांच की मांग की थी।

तीन सप्ताह में रिपोर्ट 

शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह घटना से पहले हुई मौतों और उसके बेटे के एनकाउंटर की जांच के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दे। मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।

एडवोकेट विशाल तिवारी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका की तत्काल सुनवाई की मांग की थी। तिवारी ने अदालत में कहा कि उनकी याचिका में उत्तर प्रदेश में न्यायेतर हत्याओं की जांच की मांग की गई है। अपनी याचिका में, तिवारी ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की थी।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की जिसमें उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) के अनुसार 2017 के बाद से हुई 183 मुठभेड़ों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने और पुलिस की जांच करने की भी मांग की गई है।

गौरतलब है कि बीते 15 अप्रैल को यूपी के प्रयागराज में माफिया किंग अतीक अहमद और उसके भाई खालिम अजीम उर्फ अशरफ की तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तीनों हमलावर मीडिया के वेश में पहुंचे थे और मौका पाकर 18 राउंड की फायरिंग करके अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया था। बदमाशों ने वारदात को अंजाम तब दिया था जब अतीक और अशरफ को पुलिस टीम रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी। डबल मर्डर की यह वारदात मीडिया के कैमरों में कैद भी हुई थी।

*परीक्षा में नाकामी नहीं झेल सके, आंध्र-प्रदेश में नौ छात्रों ने की खुदकुशी, रिजल्ट जारी होने के 48 घंटे के भीतर दी जान*

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हाल के सालों में परीक्षा को लेकर छात्रों मे प्रेशर बढ़ता जा रहा है, जो कई बार दमघोंटू साबित हुआ है। कई विद्यार्थी इसका सामना तक नहीं कर पा रहे और खुदकुशी करने जैसा बड़ा कदम तक उठा लेते हैं। परिक्षा का परिणाम एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ। आंध्र प्रदेश में नौ स्कूली छात्रों ने रिजल्ट आने के 48 घंटे के भीतर अपनी जान दे दी। स्कूली छात्राओं द्वारा आत्महत्या की यह घटनाएं आंध्र प्रदेश के बोर्ड रिजल्ट आने के बाद की है। 

आंध्र प्रदेश बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एग्जामिनेशन की ओर से बुधवार को कक्षा 11 और 12 की परीक्षा के रिजल्ट घोषित किए गए, लेकिन इसके बाद राज्य में 9 छात्रों ने खुदकुशी कर अपनी जिंगगी खत्म कर ली। स्थानीय खबरों के मुताबिक 17 साल के बी तरुण ने श्रीकाकुलम जिले में एक ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली। तरुण जिले के डांडू गोपालपुरम गांव का रहने वाला था और इंटरमीडिएट के पहले साल की परीक्षा में ज्यादातर पेपर में फेल हो गया था, फेल होने के बाद वह अपने रिजल्ट से बहुत मायूस था और फिर उसने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।

इसी तरह मलकापुरम थाना क्षेत्र में पड़ने वाले त्रिनादपुरम की 16 साल की एक लड़की ने भी अपने घर में खुदकुशी कर ली। यह लड़की विशाखापत्तनम जिले की रहने वाली थी। इंटरमीडिएट पहले साल की परीक्षा के कुछ विषयों में नाकाम होने के बाद ही अखिलाश्री मानसिक रूप से बेहद परेशान थी।

चित्तूर जिले के 2 छात्रों ने अपना जीवन खत्म कर लिया। इन दोनों ही छात्रों की उम्र 17 साल थी। इन दोनों छात्रों ने एपी इंटरमीडिएट की परीक्षा में फेल होने के बाद खुदकुशी कर ली। एक लड़की ने झील में कूदकर अपनी जान दे दी, जबकि इसी जिले में रहने वाले एक लड़के ने कुछ जहरीली चीज खाकर अपनी जान दे दी। अनाकापल्ली में भी खुदकुशी की एक घटना सामने आई। 17 साल के एक अन्य छात्र ने यहां पर अपने घर पर ही फांसी लगाकर जान दे दी। कहा जा रहा है कि इंटरमीडिएट में पहले साल की परीक्षा में नंबर कम आने से बेहद तनाव में था और फिर उसने अपनी जान दे दी।

मुख्य न्यायाधीश भी जता चुके हैं चिंता

देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भी बीती फरवरी में छात्रों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि हमारे संस्थानों में क्या गलत हो रहा है जो छात्रों को अपनी जान देनी पड़ रही है? बता दें कि देश के सबसे बड़े तकनीकी संस्थानों आईआईटी में भी छात्रों द्वारा आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं।

जंतर मंतर पर सियासी जुटान, पहलवानों के समर्थन में प्रियंका गांधी भी पहुंची, पीएम से पूछा-खिलाड़ू नमेडल लेकर आए तो घर बुलाया, अब क्यों नहीं?

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दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे ओलंपिक पदक विजेता पहलवान इस प्रदर्शन की अगुआई कर रहे हैं। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज किया है, लेकिन पहलवान धरना खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं।

इस बीच जंतर-मंतर पर सियासी जमावड़ा देखा जा रहा है। पहलवानों को सियासी समर्थन भी मिल रहा है। इसी क्रम में धरने पर बैठे पहलवानों से कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुलाकात की। उनके साथ ही हरियाणा कांग्रेस के नेता और सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी जंतर मंतर पहुंचे। प्रियंका ने इस दौरान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया से काफी देर तक बात की।प्रियंका गांधी सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर जंतर मंतर पहुंची और करीब 25 मिनट तक पहलवानों के बीच रहीं।

जब एफआईआर दर्ज हो गई तो अब तक पीड़ित पक्ष को इसकी कॉपी क्यों नहीं दी-प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने महिला पहलवानों से मुलाकात के बाद कहा कि किसी को अब तक एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। अभी तक यह भी नहीं पता कि इस एफआईआर में लिखा क्या है। उन्होंने कहा आज जब ये महिला पहलवान सड़क पर बैठे है तो कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एफआईआर दर्ज हो गई तो अब तक पीड़ित पक्ष को इसकी कॉपी क्यों नहीं दी? उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के लिए कहा कि जब तक ये पद पर रहेंगे, प्रेशर बनाते रहेंगे। इसलिए पहले उनका पावर ले, इस्तीफा ले।

प्रधानमंत्री से मेरी कोई उम्मीद नहीं है-प्रियंका गांधी

प्रियंका ने आगे कहा, बहुत सारी लड़कियां है जिनके साथ ऐसा हुआ है। मैं समझना चाहती हूं ति सरकार इनको क्यों बचा रही है। प्रधानमंत्री से मेरी कोई उम्मीद नहीं है। मेडल लेकर आए तो घर बुलाया, अब क्यों नहीं बुला रहे हैं। इस आदमी (बृजभूषण शरण सिंह) को बचाने के लिए इतना क्यों किया जा रहा है।

रोंगटे खड़े कर देगी 'द केरल स्टोरी' की कहानी, सच है या फसाना?

#thekeralastory 

क्या आपने फिल्म निर्माता और निर्देशक विपुल अमृतलाल शाह की फिल्म द केरल स्टोरी का ट्रेलर देखा है? फिल्म 'द केरल स्टोरी' का ट्रेलर रोंगटे खड़े कर देने वाला है। फिल्म का ट्रेलर 26 अप्रैल को आया है और तभी से इसको लेकर बहस छिड़ गई है। मेकर्स का दावा है कि फिल्म की कहानी सच्ची घटनाओं पर आधारित है। ये फिल्म कहानी कह रही है, ब्रेन वॉश और के बाद धर्म परिवर्तन और आतंक के साथ उसके अंत की।  

26 अप्रैल के ट्रेलर रिलीज होने के महज दो दिन में करीब 10 मिलियन व्यूज हासिल कर चुका है। इसके अलावा यह ट्रेलर व्हाट्सएप पर भी वायरल हो रहा है। 2 मिनट 45 सेकंड के ट्रेलर में दिखाया गया है कि लड़कियों को पूरी प्लानिंग के साथ फंसाया गया है। पहले उन्हें इस्लाम के करीब लाया जाता है। फिर लव जिहाद के ज़रिए मुस्लिम लड़के उनसे शादी करते हैं और फिर नर्स बनने के लिए उन्हें विदेश भेज दिया जाता है, जहां वो ISIS के चंगूल में जा फंसती हैं। द केरल स्टोरी 5 मई को हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलयालम भाषा में रिलीज होगी। ट्रेलर में कहानी की शुरुआत शालिनी उन्नीकृष्णन नाम की लड़की से होती है, जिसका किरदार अदा शर्मा ने निभाया है। ट्रेलर में अदा की एक दोस्त को आईएसआईएस का रिक्रूटर दिखाया गया, जो इस्लाम अपनाने के लिए लड़कियों का ब्रेनवॉश करती है। इसके अलावा लड़कियों की मुलाकात मुस्लिम युवकों से कराती है और उनका निकाह करा देती है। इसके बाद पीड़ित लड़कियों को आईएसआईएस में भर्ती करा दिया जाता है। 

कितनी हकीकत है और कितना फसाना?

अब तक जिसने भी यह ट्रेलर देखा, उसके जेहन में चंद सवाल जरूर उठे। क्या केरल में वाकई हिंदू और ईसाई लड़कियों-महिलाओं को चारा बनाया गया? क्या 32 हजार हिंदू और ईसाई लड़कियों को आईएसआईएस में भर्ती करने की बात हकीकत है? क्या वाकई लव जिहाद के बहाने मासूम लड़कियों को कातिल बनाया जा रहा है?सवाल है कि फिल्म में जो दावा किया गया है उसमें कितनी हकीकत है और कितना फसाना? 

क्या कहते हैं आंकड़े?

जनवरी 2022 में एनआईए ने खुलासा किया था कि केरल में इस्लामिक स्टेट के स्लीपर सेल एक्टिव हैं। उस वक्त आठ आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी। एनआईए का दावा था कि केरल के मुसलमान नौजवानों को आतंक के रास्ते पर ले जाने की कोशिश हुई। ये भी बताया गया कि इसमें महिलाएं भी शामिल हैं। ओमन चांडी के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान धर्म परिवर्तन के आंकड़े सामने आए थे। उन आंकड़ों के मुताबिक साल 2006 से 2012 के दौरान 7713 लोगों ने इस्लाम कबूला था। साल 2009 से 2012 के दौरान जितने लोग कन्वर्ट हुए थे उनमें 2667 महिलाएं थीं। इनमें 2195 नौजवान हिंदू लड़कियां थीं और 492 नौजवान ईसाई लड़कियां थीं। उस वक्त सीएम चांडी ने विधानसभा में ये भी बताया था कि 2006 से 2012 के दौरान 2803 लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया था। इसके अलावा 2009 से 2012 के दौरान 79 लड़कियों ने ईसाई धर्म अपनाया था और दो लड़कियों ने हिंदू धर्म।

पिछले 10 साल में आंकड़ा 32 हजार के पार पहुंचा

ओमान चांडी ने बताया था कि केरल में हर साल 2800 से 3200 लड़कियां इस्लाम अपना रही हैं। पिछले 10 साल में यह आंकड़ा 32 हजार के पार पहुंच चुका है। फैक्ट चेक के दौरान कई चैनलों ने इस आंकड़े को फेक बताया था, लेकिन जब अफगानिस्तान में तालिबान ने दोबारा हुकूमत कायम की तो वहां की जेल में चार भारतीय महिलाएं कैद मिलीं। जांच में सामने आया कि इन चारों महिलाओं को आईएसआईएस में शामिल होने के लिए अफगानिस्तान भेजा गया था। ये चारों महिलाएं अपने-अपने पति के साथ आईएसआईएस में शामिल होने के लिए खुरासान प्रांत (ISKP) गई थीं। हालांकि, उनके परिजनों ने भारत सरकार से गुहार लगाई थी कि उनकी बेटियों को आजाद कराकर भारत लाया जाए। सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी, जिसके बाद उन्हें अफगानिस्तान की जेल में ही कैद छोड़ दिया गया।

द केरल स्टोरी का निर्माण और निर्देशन विपुल शाह ने किया है

द केरल स्टोरी का निर्माण और निर्देशन विपुल अमृतलाल शाह ने किया है। फिल्म में अदा शर्मा की मुख्य भूमिका है। अदा शर्मा फिल्म में फातिमा बा की भूमिका निभा रही है जो हिंदू मलयाली नर्स है और केरल की 32000 गुमशुदा महिलाओं में से एक है, जिन्हें आईएसआईएस ने भर्ती कर रखा है।

*खत्म होने वाला है इंतजार! गर्भ गृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख आई सामने, जानें कब होगी स्थापना*

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रामलला के दर्शन का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने स्‍थायी गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा किए जाने की तारीख को लेकर बड़ी खबर मिल रही है। योगी सरकार में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने एक ट्वीट कर राम भक्तों को जानकारी दी है कि अगले साल 22 जनवरी को रामलला विराजमान होंगे। हालांकि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अभी इस तारीख पर अंतिम मुहर नहीं लगाई है।

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है कि जनवरी 2024 तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भव्य गर्भगृह में कर दी जाए।इसको देखते हुए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने काशी के विद्वानों से प्राण प्रतिष्ठा की तीन शुभ तिथि मांगी थीं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने काशी के दिग्गज विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ से तीन मुहूर्त मांगे थे। 15 जनवरी से 25 जनवरी 2024 के भीतर यह मुहूर्त निकालने को कहा गया था। गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने 22 जनवरी 2024 का मुहूर्त निकाला है। इसके अलावा उन्होंने फरवरी में भी एक मुहूर्त निकालकर ट्रस्ट को बताया।

बताया जा रहा है कि रामलला की पुरानी और नई दोनों प्रतिमाओं को राम मंदिर में स्‍थापित करने की योजना है।22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भ गृह में पूरे विधि विधान और पूजा पाठ के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जिसके बाद राम मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा और भक्त यहां भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे।

इन दिनों राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जिसके बाद अब गर्भगृह का आकार भी दिखने लगा है। गर्भगृह के लिए बनाए गए पिलरों का काम पूरा हो गया है और अब छत की ढलाई का काम शुरू हो गया। श्री रामजन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक गर्भगृह को पूरा करने के लिए सितंबर महीने तक का समय तय किया गया है जबकि अक्टूबर माह तक मंदिर का प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। प्रथम तल में राम दरबार होगा, जबकि दूसरा तल खाली रहेगा। इसे मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा।

नैनीताल हाईकोर्ट के तीन नए न्यायाधीशों ने ली शपथ, शपथग्रहण के दौरान तालियों से गूंज उठा समारोह

उत्तराखंड हाईकोर्ट के तीन नए जज राकेश थपलियाल व पंकज पुरोहित तथा विवेक भारती शर्मा शुक्रवार को औपचारिक रूप से नियुक्त हो गए। राष्ट्रपति की नियुक्ति, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के नोटिफिकेशन के बाद नवनियुक्त न्यायाधीशों को राज्यपाल की सहमति पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी की ओर से पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह में हाईकोर्ट के न्यायाधीशगण, बड़ी संख्या में न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अधिवक्ता सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।

चीफ जस्टिस कोर्ट में सुबह दस बजे चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने जस्टिस राकेश थपलियाल, पंकज पुरोहित, विवेक भारती शर्मा को शपथ दिलाई। इससे पहले रजिस्ट्रार जनरल अनुज कुमार संगल की ओर से राष्ट्रपति की ओर से जारी नियुक्ति पत्र, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के नोटिफिकेशन, राज्यपाल गुरमीत सिंह की ओर से मुख्य न्यायाधीश को शपथ के लिए अधिकृत करने से संबंधित पत्र का वाचन किया। उसके बाद शपथ दिलाई गई।

शपथग्रहण के दौरान समारोह तालियों से गूंज उठा। इस अवसर पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा सहित महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, वरिष्ठ अधिवक्ता वीबीएस नेगी, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, प्रमुख सचिव न्याय नरेंद्र दत्त, डीएम धीराज गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट सहित पदमश्री अनिल जोशी आदि उपस्थित थे।

इन अधिवक्ताओं व रजिस्ट्रार जनरल को सितंबर 2020 में जज बनाये जाने की संस्तुति उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कॉलिजियम ने सिफारिश की थी । हाईकोर्ट के कॉलिजियम की संस्तुति संबंधित फाइल अप्रैल 2023 को सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट की कॉलिजियम ने हाल ही में इस पर अपनी मुहर लगाते हुए केंद्र सरकार को भेज दी थी।

हाईकोर्ट में लंबे समय से जजों के पद रिक्त चल रहे हैं । जिन्हें भरे जाने की मांग हाईकोर्ट के अधिवक्ता कर रहे थे। सीनियर अधिवक्ता राकेश थपलियाल मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के जबकि अधिवक्ता पंकज पुरोहित गोपेश्वर चमोली जिले के मूल निवासी हैं। थपलियाल 2014 से केंद्र सरकार के उच्च न्यायालय में असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य कर रहे हैं जबकि अधिवक्ता पुरोहित पूर्व में उप महाधिवक्ता रह चुके हैं।दोनों अधिवक्ता राज्य बनने के बाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

हायर ज्यूडिशियल सर्विसेज 2005 बैच के टॉपर विवेक भारती शर्मा 4 अप्रैल 2022 से रजिस्ट्रार जनरल हैं और दिल्ली के मूल निवासी हैं। वह उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली के निदेशक, राज्यपाल के कानूनी सलाहकार, पिथौरागढ़ व पौड़ी गढ़वाल के जिला जज, अध्यक्ष वाणिज्यक कर न्यायाधिकरण देहरादून के अध्यक्ष के अलावा हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी व नैनीताल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रह चुके हैं। तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति के बाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या आठ हो जाएगी, जबकि मुख्य न्यायाधीश सहित पदों की संख्या 11 है।

कांग्रेस के 'जहरीले सांप' के बाद बीजेपी विधायक के बिगड़े बोल, सोनिया गांधी को बताया ‘विषकन्या’

#bjpmlabasanagoudacalledsoniagandhivisha_kanya 

कर्नाटक में सियासी माहौल इस वक्त काफी गर्म है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच प्रदेश का सियासी माहौल “विषाक्त” होता जा रहा है। पार्टी नेताओं की बदजुबानी अपने चरम पर पहुंच गई है।बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को जहर उगलने वाला सांप बताया था। जिसके बाद जहां बीजेपी विधायक बासनगौड़ा ने सोनिया गांधी को 'विषकन्या' कहकर संबोधित किया है।

कर्नाटक में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं आरोप-प्रत्यारोप का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है।कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे पहले प्कधानमंत्री मोदी को “जहरीला सांप” कहा। जिसके बाद बीजेपी विधायक यतनाल ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को विषकन्या कहकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

सोनिया गांधी को चीन-पाकिस्तान का एजेंट बताया

यतनाल ने कोप्पल में एक जनसभा के दौरान कहा कि पूरी दुनिया ने पीएम मोदी को माना। अमेरिका ने एक समय उन्हें वीजा देने से मना कर दिया था। बाद में उन्होंने रेड कार्पेट बिछाया और पीएम मोदी का स्वागत किया। खरगे के 'जहरीला सांप' वाले बयान का पलटवार करते हुए विधायक ने कहा कि अब वे (खरगे) उनकी (पीएम मोदी की) तुलना सांप से कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे जहर उगलेंगे। जिस पार्टी में आप (खरगे) नाच रहे हैं, क्या सोनिया गांधी विषकन्या हैं? उन्होंने यह तक कह डाला कि सोनिया ने चीन और पाकिस्तान के साथ उनके एजेंट के रूप में काम किया। 

भूपेश बघेल ने खड़े किए सवाल

सोनिया गांधी को लेकर दिए गए इस बयान को लेकर बिना देर किए कांग्रेस भी बीजेपी पर हमलावार हो गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से दिए गए बयान का बीजेपी ने पूरे देश में विरोध किया। सीएम भूपेश ने कहा कि फिर भी कांग्रेस अध्यक्ष ने बड़प्पन दिखाते हुए अपने शब्द वापस लिया। आज उनकी ही पार्टी के विधायक द्वारा सोनिया गांधी को विषकन्या कहा गया है। इस पर पीएम मोदी और अमित शाह क्या कहते हैं देश की जनता यह जानना चाहती है।

खरगे ने दिया था यह बयान

बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को जहर उगलने वाला सांप करार दिया था। खरगे ने कहा कि पीएम मोदी वो सांप हैं जिसे चखने भर से आप मर जाएंगे। खरगे ने पीएम मोदी को लेकर यह बयान कर्नाटक के हावेरी में एक जनसभा के दौरान दिया था। जिसके बाद अनुराग ठाकुर से लेकर अमित मालवीय तक कई बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई थी। ठाकुर ने कहा था कि कांग्रेस बुरी तरह से कर्नाटक चुनाव हार रही है। यही वजह है कि सत्ता पाने की बौखलाहट में कांग्रेस नेता उल्टे सीधे बयान दे रहे हैं।

*ब्रजभूषण की बढ़ेंगी मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट में बैकफुट पर आई दिल्ली पुलिस, दर्ज करेगी एफआईआर*

#delhipoliceagreestoregisterfiragainstbrijbhushan_singh 

दिल्ली पुलिस शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सहमत हो गई है। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों की याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने मामला सुना। केंद्र सरकार के पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि दिल्ली पुलिस शीर्ष महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का संज्ञान लेकर बृजभूषण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सहमत हो गई है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, हमने एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया है, हम इसे आज दर्ज करेंगे।

दरअसल बीते कुछ दिनों से बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर देश के कई बड़े पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। जिसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट जैसे कई बड़े नाम शामिल है।

सिब्बल ने महिला पहलवानों की सुरक्षा की भी मांग

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पहलवानों की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने सुरक्षा की मांग की। कपिल सिब्बल ने एक सीलबंद कवर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया और उन्होंने मांग की वो एक स्पेशल टास्क फोर्स गठित करें। सिब्बल ने दलील दी कि मुख्य आरोपी पर हत्या के मामले सहित कुल 40 केस दर्ज हैं और ऐसे में याचिका देने वालों की सुरक्षा का क्या होगा उन्हें इस बात की चिंता है।इस के अलावा सिब्बल ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की भी मांग की। 

पूर्व जज की निगरानी में जांच की मांग

इसपर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि यह विषय दिल्ली पुलिस कमिश्नर पर छोड़ देना चाहिए सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए। इसपर तुषार मेहता ने कहा कि अब यह मांग कुछ अधिक है। सॉलिसीटर जनरल ने इसपर कहा कि यह उचित नहीं है। हर मामले में सीधे कोर्ट की या पूर्व जज की निगरानी की मांग की जाती है। शायद खिलाड़ी खुद नहीं जानते कि उनके नाम पर कुछ और भी चल रहा है। पुलिस कमिश्नर ज़िम्मेदार अधिकारी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था दिल्ली पुलिस को नोटिस

बता दें कि बीते कई दिनों से धरने पर बैठीं महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पहलवानों ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। आज सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि वह आज इस मामले में एफआईआर दर्ज करेंगे। 

बृजभूषण पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण करने का आरोप है। जनवरी में बृजभूषण को लेकर खुलासा करने के बाद विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक सहित कई स्टार पहलवान धरने पर बैठ गए थे। खेल मंत्रालय ने इससे बाद जांच कमेटी बनाई, मगर 3 महीने बाद पहलवानों ने कहा कि उनकी शिकायत के बावजूद कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही और बीते दिनों पहलवान फिर से धरने पर बैठे गए।

*अतीक-अशरफ हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट का सवाल, यूपी सरकार से पूछा-दोनों को सीधे एंबुलेंस से अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लाया गया?*

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अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में करवाने की मांग पर अदालत में सुनवाई जारी है।इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया।अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्या मामले की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में स्वतंत्र जांच करवाई जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।

माफिया ब्रदर्स की हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा, अतीक-अशरफ को सीधे एंबुलेंस से अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लाया गया। इस सवाल के जवाब में कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से मौजूद वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, हमने मामले की जांच किए जाने को लेकर एसआईटी बनाई है और हाईकोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में आयोग गठित कर मामले की जांच कर रहे हैं। रोहतगी के इस बयान पर याचिकाकर्ता ने बीच में ही टोकते हुए कहा, मैं 2017 से अब तक हुए एनकाउंटर की जांच की भी मांग कर रहा हूं।

इस दौरान उनसे कुछ तीखे सवाल पूछे गए। पीठ ने पूछा कि हत्यारों को कैसे पता की अतीक वहां आने वाला थाय़ ये भी पूछा गया कि एंबुलेंस को अस्पताल के अंदर क्यों नहीं लेकर जाया गया। आखिर क्यों अतीक-अशरफ की पैदल परेड कराई गई।

कोर्ट ने रोहतगी के इस बयान को रिकॉर्ड में लेते हुए यूपी सरकार से आने वाले तीन हफ्तों के अंदर अतीक-अशरफ हत्याकांड की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार हलफनामे में बताएगी कि किन परिस्थितियों में अतीक अशरफ की हत्या हुई। विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित की गई जस्टिस बीएस चौहान की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने क्या कदम उठाए, इसकी जानकारी भी सरकार को देनी होगी।