अगले तीन दिन सावधान रहने की जरूरत, बारिश व आंधी की आशंका, अनाज को कर ले सुरक्षित


लखनऊ । जिस प्रकार से मौसम का मिजाज बदल रहा है। उसे देखते हुए मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि अगले तीन दिन प्रदेश के ज्यादातर जिलों में आंधी के साथ बारिश हो सकती है। ऐसे में किसानों को अभी सावधान रहने की जरूरत है। अगर किसान भाई का गेहूं व अन्य अनाज बाहर पड़ा हो तो उसे कहीं सुरक्षित स्थान पर रखवा दें। ताकि बारिश में अनाज खराब न होने पाए। क्योंकि कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है।

शुक्रवार को प्रदेश के जनपदों में दिनभर आसमान में बादल छाए रहे और हल्की फुल्की बरिश भी हुई। शनिवार को सुबह से ही राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में बादल छाएं रहे। हवा भी तेजी से चल रही है। ऊपर से मौसम विभाग का दावा है कि अभी इसी तरह का मौसम तीन दिन और बना रहेगा। ऐसे में बारिश भी हो सकती है।जिन क्षेत्रों में अभी गेहूं का कटान चल रहा है। वहां के किसानों को सावधान हो जाने की जरूरत है। इसलिए जल्द से अपना काम निपटा ले।

खराब मौसम व आंधी का असर गेहूं के साथ-साथ आम पर भी खूब देखने को मिल रहा है। चूंकी तेज आंधी आने के कारण आम पेड़ से गिर जा रहे है। ऐसे में आम की खेती करने वाले किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। मौसम विभाग की माने तो पश्चिमी विक्षोभ के कारण यह हो रहा है। साथ ही पूर्वानुमान दिया है कि अगले तीन दिनों में 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चल सकती है। खास तौर से फसलों को सुरक्षित करने की बात कही गई है।

सर्वर हैक होने के मामले में परिवहन निगम के एमडी पर गिरी गाज, प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू को सौंप दिया गया उनका कार्यभार


लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम पर साइबर हमले से सर्वर हैक होने की गाज परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार पर गिरी है। शासन ने उन्हें हटाते हुए प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू को उनका कार्यभार सौंप दिया है। सरकार इस बात से ज्यादा नाराज थी कि तीन दिन बाद भी अब तक वेबसाइट दुरस्त नहीं हो पाई है और ई टिकटिंग व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी है। जिसके चलते परिवहन विभाग को जहां चूना लग रहा है वहीं इसका असर सवारियों पर भी पड़ रहा है। इसमें सुधार करने में फेल होने पर यह कार्रवाई की गई।

परिवहन निगम के सर्वर पर मंगलवार को हुआ था हमला

जानकारी के लिए बता दें कि परिवहन निगम के सर्वर पर मंगलवार को साइबर हमला हुआ था। हैकर्स ने सर्वर पूरी तरह से हैक कर लिया और डाटा रिलीज करने के लिए 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी बिटक्वाइन के जरिए मांगी। निगम की वेबसाइट को हैक कर लिया गया। मामला साइबर थाने में दर्ज कर लिया गया है। उधर एक्सपर्ट की टीम डाटा रिकवर करने में जुटी है पर अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। अहम बात यह है कि शुक्रवार तक भी यह डाटा रिकवर नहीं हो पाया और वेबसाइट चालू नहीं हुई। इसका परिणाम यह रहा कि ई टिकटिंग व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। उधर रोडवेज में प्रतिमाह लगभग 18 हजार ई टिकट बुक होते हैं। आशंका यह भी कहीं हैकर्स इनका इस्तेमाल कर ठगी न शुरू कर दें। चूंकि इनकी यूजर आईडी और डाटा भी हैकर्स के पास पहुंच चुका है।

पहले टिकट बुक करा चुके यात्रियों का वापस नहीं हो रहा पैसा

परिवहन विभाग का सर्वर हैक होने के कारण उन यात्रियों के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है जो पहले से ही टिकट बुक करा चुके थे। अब सर्वर हैक होने से न तो वह यात्रा कर पा रहे है और न ही उनका पैसा वापस हो पा रहा है। ऐसे में यात्री अपने आपको ठगा महसूस कर है, क्योंकि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चूंकी सर्वर हैक होने से इलेक्ट्रानिक टिकट बनना बंद हो गया है। अब केवल मैनुअली टिकट बनाया जा रहा है। वहीं जो टिकट बुक कराने वाले यात्री परिवहन विभाग का चक्कर काट रहे लेकिन उनका पैसा रिफंड नहीं हो पा रहा है।

किसानों का अब खराब गेहूं भी पूरे दाम पर खरीदेगी सरकार, आदेश जारी


लखनऊ । बारिश के कारण जिन किसानों की गेहूं की फसल खराब हो गयी है। ऐसे किसानों को परेशान हाेने की जरूरत नहीं है। चूंकि योगी सरकार ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिन किसानों की गेहूं खराब हो गए है उन्हें भी अब सरकार निर्धारित तय रेट पर ही खरीदने का काम करेंगी। इसके लिए बकायदा निर्देश भी जारी कर दिया गया है। यह उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है।

किसानों की समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने लिया फैसल

जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक यूपी में सरकार द्वारा निर्धारित क्रय एजेंसियों द्वारा 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं खरीदने का काम किया जा रहा है। प्रदेश में करीब 5674 क्रय केंद्र इसके लिए खोले गए हैं। ताकि किसानों को किसी प्रकार की दिक्क्त का सामना न करना पड़े। चूंकि गेहूं की फसल तैयार होने के बाद मार्च माह में बारिश और ओला पड़ने से बड़े पैमाने में गेहूं खराब हो गया है। गेहूं सूख जाने वा चमक गायब होने के कारण उसे बेचने के लिए किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। चूंकि गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होने से क्रय केंद्र पर इसका कम रेट लग रहा था।

अब बिना किसी कटौती के खराब गेहं की भी होगी खरीद

किसानों की गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण क्रय केंद्र संचालक लेने में आनाकानी कर रहे थे। साथ ही रेट भी कम लगा रहे थे। किसानों की समस्या को देखते हुए योगी सरकार ने केंद्र से खराब गेहूं की खरीद भी बिना किसी कटौती के एसएसपी रेट पर खरीदने का अनुरोध किया था। जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब केंद्र के मानक के अनुसार अधिकतम 6 फीसदी सिकुड़े-टूटे दाने वाला गेहूं की एमएसपी पर खरीदा जा सकता है।

खाद्य एवं रसद विभाग ने जारी किया निर्देश

यूपी के खाद्य एवं रसद विभाग के आयुक्त सौरभ बाबू ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि शासन ने मौसम से खराब गेहूं के गुणवत्ता मानकों में छूट दे दी है। 80 प्रतिशत की सीमा तक चमकविहीन और 18 प्रतिशत तक की सीमा तक सिकुड़े व टूटे हुए दाने वाले गेहूं की खरीद बिना किसी कटौती के समर्थन मूल्य पर की जाएगी। मानक पूरे करने वाले गेहूं की खरीद भी यथावत जारी रहेगी। खाद्य एवं रसद विभाग के अनुसार, प्रदेश में अब तक 25531 किसानों से 1.15 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। किसानों के खातों में 187.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

मल्हार भरवारा वार्ड में सपा भाजपा में कांटे की टक्कर, दोनों ही प्रत्याशी कर रहे हैं जीत का दावा

लखनऊ। मल्हौर भरवारा वार्ड 14 में भाजपा और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। दोनों ही प्रत्याशी एक ही गांव के यहां रहने वाले हैं। वहीं एक ही बिरादरी से भी आते हैं।

भाजपा ने पूर्व बीडीसी राजेश कुमार कोटेदार को जहां मैदान में उतारा है। वहीं समाजवादी पार्टी में नंदपुर गांव के ही रहने वाले गौतम रावत की पत्नी ममता रावत पर भरोसा जताया है। दोनों ही प्रत्याशी एक ही गांव के रहने वाले हैं।

 समाजवादी पार्टी से टिकट न मिलने से कई प्रत्याशी मैदान में ताल ठोंक चुके हैं। जबकि भाजपा में यह स्थिति नहीं है। मल्हार भरवारा में जहां एक तरफ प्रॉपर्टी डीलर गौतम सिंह रावत की पत्नी ममता रावत को चुनावी मैदान में उतारकर लड़ाई को धन बल की ओर मोड़ दिया है।

वहीं भाजपा प्रत्याशी राजेश कुमार को अपने संगठन के लोगों पर पूरा भरोसा है। जिन्हें पूरे वार्ड में जन समर्थन मिल रहा है। लगातार क्षेत्र में मिल रहे जन समर्थन की बदौलत राजेश कुमार को जीत का पूरा भरोसा है। 

वही प्रॉपर्टी डीलर गौतम सिंह रावत को भी समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों का पूरा लाभ मिल रहा है। माना यह भी जा रहा है कि मल्हौर भरवारा वार्ड पहली बार बनाया गया है और क्षेत्र भी काफी बड़ा है।

वहीं सूत्रों का मानना है कि यह क्षेत्र यादव बाहुल क्षेत्र है। साथ ही कई गांव में एक विशेष संप्रदाय के लोगों का भी समाज पार्टी में रुझान है। जिसकी वजह से समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है। अब देखना होगा पलडा किसका भारी पड़ता है।

इस्माइलगंज वार्ड द्वितीय अवार्ड द्वितीय में भाजपा को निर्दलीय प्रत्याशी दे रहे हैं टक्कर


लखनऊ। नगर निकाय चुनाव प्रथम चरण का मतदान 4 मई को होगा। लखनऊ जोन 7 के तहत इस्माइलगंज वार्ड द्वितीय का चुनावी समीकरण रोज का रोज बदलता नजर आ रहा है। यहां वर्तमान में करीब 38000 मतदाता हैं।

पिछले चुनाव के अपेक्षाकृत क्षेत्र काफी बढ़ गया है। विगत दो बार से निर्दलीय प्रत्याशी इस्माइलगंज वार्ड द्वितीय से जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं। जबकि एक दशक पहले यहां समाजवादी पार्टी का कब जा रहा है। दो बार लगातार मालती सिंह इस्माइल गंज वार्ड दितीय की पार्षद रह चुकी हैं। जिन्हें हराकर निर्दलीय प्रत्याशी रूद्र प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की थी।

उसके बाद दोबारा हुए चुनाव में भी रूद्र प्रताप सिंह के समर्थित कार्यकर्ता समीर पाल ने पार्षद का चुनाव निर्दलीय जीता था। इस बार रूद्र प्रताप सिंह, ललित अवस्थी व हरीश अवस्थी भाजपा से टिकट मांग रहे थे लेकिन भाजपा ने रुद्र प्रताप सिंह और ललित अवस्थी को टिकट न देकर हरीश अवस्थी पर अपना भरोसा जताया।

जिससे नाराज होकर रूद्र प्रताप सिंह ने अपनी पत्नी नीतू को चुनावी मैदान में जहां उतार दिया है। वहीं भाजपा से बागी हुए ललित अवस्थी ने भी अपनी पत्नी सरिता अवस्थी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया है। जिनका चुनाव निशान उगता सूरज है।

उधर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही रंजना अवस्थी को जहां बागी प्रत्याशी सरिता अवस्थी टक्कर दे रही हैं। वही रुद्र प्रताप से भी दो दो हाथ करना पड़ रहा है। हरीश अवस्थी की पत्नी रंजना अवस्थी को कमल के सहारे जीत हासिल करने की उम्मीद है। वहीं रूद्र प्रताप सिंह बीते 10 सालों में किए गए विकास कार्यों को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं, जबकि सरिता अवस्थी गणेशपुर रहमान पुर की प्रधान रह चुकी हैं। उन्हें भी विकास कार्यों के साथ-साथ लोगों की करीब 7 साल तक की गई सेवा जीत दिलाने में प्रमुख मानी जा रही है। समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी साइकिल को बीते 10 साल बाद फिर से दौडऩे के उत्साहित नजर आ रहे हैं।

सपा को भी अपने समर्थकों पर भरोसा है। माना यह भी जा रहा है कि समाजवादी पार्टी से टिकट मांग रहे पीयूष मिश्रा ने भी बागी तेवर अपनाते हुए अपनी पत्नी वाणी बीड़ा मिश्रा को चुनावी मैदान में उतार दिया है जोकि पिछले नगर निगम के चुनाव में निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी के रूप में पीयूष मिश्रा ने करीब 900 वोट हासिल किया था। उन्हें पूरा भरोसा था कि इस बार उन्हें समाजवादी पार्टी से टिकट मिल जाएगा। टिकट न मिलने से नाराज पीयूष मिश्रा ने भी फिर से चुनावी मैदान में अपनी पत्नी को उतारकर समाजवादी पार्टी के वोटरों में सेंधमारी कर रहे हैं। जिससे समाजवादी पार्टी की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

वहीं ललित अवस्थी का कहना है कि उनके साथ सभी समाज के लोग जुड़े हुए हैं और इस बार उगता सूरज को लोग पसंद कर रहे हैं। उन्हें इस्माइलगंज वार्ड दितीय के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। सूत्रों की माने तो भाजपा प्रत्याशी को लेकर संगठन के लोगों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है जिसका फायदा निर्दलीय प्रत्याशी ललित अवस्थी की पत्नी सरिता अवस्थी व निर्दलीय प्रत्याशी रूद्र प्रताप सिंह को कहीं ना कहीं मिल सकता है। जबकि पीयूष मिश्रा का कहना है कि वह लगातार कई वर्षों से सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं जिसका लाभ चुनाव में अवश्य मिलेगा। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि इस्माइल गंज वार्ड द्वितीय में इस बार भाजपा और भाजपा नाराज हुए दो निर्दलीय प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर है अब देखना होगा की लोग किसे ताज पहनाते हैं फिर हाल सुनामी घमासान बढ़ता जा रहा है अब कहीं ना कहीं चुनाव को लेकर आपस में टकराव भी देखा जा रहा है।

37 जिलों में नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रेक्षक तैनात


लखनऊ । राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने प्रदेश के 37 जनपदों में प्रथम चरण में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव प्रेक्षकों की तैनाती कर दी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रेक्षक अपने अपने जनपद में 29 अप्रैल की शाम तक अवश्य पहुंचकर रिपोर्ट करें। स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्वक ढंग से चुनाव संपन्न कराएं।

उन्होंने कहा कि चुनाव में कोई भी गंभीर समस्या या प्रकरण सामने आने पर यदि आयोग को सूचना नहीं दी तो प्रेक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि सभी प्रेक्षक अपने अपने जिला मुख्यालय पर पहुँचकर मतदान की समुचित तैयारियों के बारे में संबंधित अधिकारियों की बैठक लें। प्रेक्षकों को निर्वाचन क्षेत्रों में भ्रमण कर मतदान की समस्त तैयारियों का सूक्ष्म निरीक्षण अवश्य करना होगा।

पहले चरण के 04 मई को होने वाले मतदान के दिन भ्रमण कर मतदान को शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराएं। मतदान समाप्त होने के बाद समस्त निर्वाचन सामग्री स्ट्रांग रूम में रखे जाने के बाद आयोग को अवगत कराएंगे। 13 मई को होने वाली मतगणना समाप्त के बाद आयोग को सभी जानकारियां एवं सूचनाएं उपलब्ध कराने के बाद ही प्रेक्षक जनपद मुख्यालय छोड़ेंगे। यदि किसी जनपद में कहीं भी पुनर्मतदान का निर्णय लिया जाता है तो पुनर्मतदान के पश्चात मतपेटिकाएं स्ट्रांग रूम में रखे जाने के बाद ही आयोग को सूचित कर मुख्यालय को छोड़ेंगे।

गरीब मेधावी बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने को आगे आए सामाजिक संगठन : सूरज प्रसाद चौबे


लखनऊ । सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने सवर्ण आर्मी के विस्तार करते हुए ओम प्रकाश दीक्षित को जिला अध्यक्ष बाराबंकी, हरिओम तिवारी को जिला अध्यक्ष अंबेडकरनगर, कामेश्वर मिश्रा को जिला अध्यक्ष जौनपुर, बलवंत मिश्र को जिला अध्यक्ष बलिया बनाया गया ।उपस्थिति पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए कहा कि सवर्ण समाज आर्थिक राजनीतिक शैक्षिक रूप से काफी कमजोर हो गया है। यूपी बोर्ड में सवर्ण जातियों के बच्चें टाप किए हैं । सवर्ण बच्चें 80 प्रतिशत से अधिक नम्बर पाए है प्रायः बच्चें समान्य परिवार से हैं। जिन्हे आगे की शिक्षा के लिए आर्थिक समस्या मुंह बाए खड़ी है ।

समाज के विकास के लिए शिक्षा की तरफ ध्यान देना होगा

सवर्ण समाज के बच्चे की आगे के शिक्षा के लिए समाज सेवी संस्थाओं समाजिक संगठन से अपील करता हूं कि आप अपनें अपने क्षेत्र में मेधावी विद्यार्थियों का सहयोग करे। जिससे की कोई मेधावी सवर्ण जातियों के बच्चें उच्च शिक्षा लेने से वंचित न रह सके अन्य वर्ग के लोग अपने समाज के लिए इस तरह का सहयोग कर रहे हैं। हमें उनसे कुछ सीखना चाहिए सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पाण्डेय ने भी एक आम सभा में कहा था की समाज का विकास करने के लिए हमें शिक्षा की तरफ ध्यान देना होगा ।

साथ ही भी कहूंगा कि समाज के बेटियों बहनों जिनकी पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है । जिस कारण से सादी विवाह में दिक्कत आ रही है। सवर्ण समाज के सम्पन्न लोग की एक सामाजिक जिम्मेदारी है की वे इस तरह से बहन बेटी की सादी ब्याह में आगे आए । बहुत से राष्ट्रीय अन्तर राष्ट्रीय समाजिक संगठन है जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं तरह तरह की ऊंची उड़ान की बात कर रहे हैं लेकिन धरातल पर दिखाई नहीं देते हैं।

कमजोर परिवार की बेटियों की शादी में आगे आए

इसी तरह राजनीतिक दल में सवर्ण समाज के नेता हैं जिनकी ऊंची पहुंच है । समाज के लिए उपयोगी साबित हो सकतें हैं पर वे समाज के बीच चुनाव के समय ही आते हैं उनसे किसी तरह की उम्मीद करना ठीक नहीं है फिर भी अपील करता हूं कि वे आगे आए समाज के मेधावी बच्चे बच्चियों जो आर्थिक समस्या के वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं उनकी आर्थिक सहायता करते हुए प्रवेश दिलाए साथ ही सवर्ण समाज के सम्पन्न लोग से निवेदन है की गरीब आर्थिक रुप से कमजोर सवर्ण जातियों के बच्चियों के शादी में आर्थिक सहयोग कर सादी ब्याह कराए ।

राजनीतिक चर्चा में श्री चौबे ने कहा कि सवर्ण आर्मी राजनीति से बहुत दूर है हमें समाज को संगठित करना है खोए हुए अस्तित्व को वापस पाना है ।मान प्रतिष्ठा वापस लाना चाहते हैं समाज शिक्षित हो तभी समाज का कल्याण हो सकता है। किसी भी राजनीतिक दल से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है सवर्ण आर्मी किसी भी प्रभाव में आकर काम नहीं करती है न हि किसी का हक मारने की बात कर रहे हैं लेकिन मेरे समास का हक कोई मारेगा तो हक मारने नहीं दूगा।

समलैंगिक विवाह की माँग को लेकर विवाद जारी, लखनऊ में महिलाओं ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन


लखनऊ। लखनऊ में सामाजिक कार्य करने वाली कुछ महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह की माँग को लेकर जारी विवाद के बीच राज्यपाल के नाम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में महिलाओं ने समलैंगिक विवाह को प्राकृतिक व्यवस्था के विरुद्ध बताते हुए माँग की कि समलैंगिक विवाह को स्वीकार करने की अनुमति न दी जाए।

हाईकोर्ट में वकालत करने वाली मनोरमा ने कहा, भारत में विवाह का एक सभ्यतागत महत्व है और एक महान और समय की कसौटी पर खरी उतरी वैवाहिक संस्था को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का समाज द्वारा खुलकर विरोध करना चाहिए। समलैंगिक विवाहों में ये संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो कई प्रकार के विवादों को जन्म दिया जाएगा।

सामाजिक कार्यकर्ता रेखा तिवारी ने कहा कि दत्तक देने के नियम, उत्तराधिकार के नियम, तलाक संबंधी नियम आदि को विवाद के अंतर्गत लाया जाएगा। समलैंगिक संबंध वाले अपने आपको लैंगिक अल्पसंख्यक घोषित कर अपने लिए विभिन्न प्रकार के आरक्षण की माँग भी कर सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सीमा मिश्रा ने कहा, भारतीय सांस्कृतिक सभ्यता पर सदियों से निरंतर आघात हो रहे हैं फिर भी अनेक बाधाओं के बाद भी वह बची हुई है। अब स्वतंत्र भारत में इसे अपनी सांस्कृतिक जड़ों पर पश्चिमी विचारों, दर्शनों एवं प्रथाओं के अधिरोपण का सामना करना पड़ रहा है। जो इस राष्ट्र के लिए व्यावहारिक नहीं है। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते समय सामाजिक कार्यकर्ता माला, कंचन सिंह, सीमा मिश्रा, रेखा तिवारी, मनोरमा, भारती, दीप्ती उपस्थित रहीं।

*जीव और ब्रह्म के संबंधों का निरूपण ही भागवत का उद्देश्य: स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती*


लखनऊ । जानकीपुरम विस्तार स्थित महा लक्ष्मी लान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें और अंतिम दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज ने श्रीमद्भागवत पुराण के महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि सभी वेदों और शास्त्रों के सिद्धांतों का समन्वय श्रीमद्भागवत का मूल तत्व है। यह जीव और ब्रह्म की एकात्मकता का निरूपण करते हुए सांसारिक जीवन में समन्वय का संदेश देता है।

महाराज श्री ने आज भगवान कृष्ण के तमाम विवाहों की कथाएं सुनाते हुए कहा कि कृष्ण का जन्म ही सृष्टि के कल्याण के लिए हुआ था। उन्होंने जन कल्याण के लिए बार बार सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ने से भी गुरेज नहीं किया। भगवान राम जहां तत्कालीन समाज की स्थापित मर्यादाओं को पुष्ट करने के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम कहे गए वहीं भगवान कृष्ण को लीला पुरुषोत्तम और नट नागर कहा गया है।वह जहां प्रेम के अवतार थे वहीं उन्होंने आततायियों के उन्मूलन के लि छल,नियम-भंग और कूट नीति का सहारा लेने का समर्थन किया।

अच्छाई को बचाने के लिए बुराई को भी हथियार बनाने में उन्होंने कभी परहेज नहीं किया। भगवान कृष्ण के जीवन की तमाम महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कृष्ण सुदामा मैत्री का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया तो श्रोताओं की आंखें बरबस गीली हो गई।

इस मौके पर श्री हरि हर सेवा समिति के स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत झांकी ने कथा को खासा जीवंत कर दिया।तक्षक द्वारा महाराज परीक्षित को डसने और उनके पुत्र जन्मेजय द्वारा नाग यज्ञ आदि अनेक विषयों के विशद विवेचन के उपरांत स्वामी जी ने कथा को विश्राम दिया।

कल प्रातः पूर्णाहुति के बाद कथा मंच एक विराट संत सम्मेलन का साक्षी बनेगा जिसमें विचार रखने के लिए तमाम संत महात्माओं का आगमन जारी है।

हिमाचल में बन रही नकली दवाएं यूपी के रास्ते पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में पहुंच रही, एसटीएफ की पड़ताल में हुआ


लखनऊ । हिमाचल में बन रही नकली दवाएं उत्तर प्रदेश के रास्ते पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में पहुंच रही हैं। इस कारोबार में आगरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित अन्य महानगरों की दवा मंडी के कई व्यापारी संलिप्त हैं। अब इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए एसटीएफ और एफएसडीए ने संयुक्त रूप से मुहिम शुरू की है।

प्रदेश में करीब 70989 थोक एवं 105700 फुटकर दवा कारोबारी हैं। हर दिन 50 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है। ऐसे में दवा कारोबारियों के बीच नकली दवा का नेटवर्क तैयार हो गया है। यह नेटवर्क नामचीन कंपनियों के ब्रांडनेम से मिलते-जुलते नाम वाली दवाएं तैयार कर उत्तर प्रदेश के रास्ते विभिन्न राज्यों तक पहुंचा रहा है।

नवंबर और दिसंबर 2022 में नोएडा में नकली दवा बनाने की कंपनी पकड़ी गई। इसके आधार पर हुई पड़ताल में नकली दवा का नेटवर्क होने की जानकारी मिली थी। इस बीच वाराणसी में एसटीएफ के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में करीब सात करोड़ की दवा की खेप पकड़ी गई। दो दिन पहले वाराणसी में भी पांच लोगों को पकड़ा गया, जो वाराणसी में दवा स्टोर करने के बाद पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश तक पहुंचाते थे। अब तक कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पूछताछ में पता चला कि ये नकली दवाएं हिमाचल प्रदेश से तैयार होकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न महानगरों के रास्ते वाराणसी तक पहुंची। वहां से बिहार, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों तक पहुंचती हैं। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ हुई तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। इसके आधार पर एफएसडीए और एसटीएफ ने जांच का दायरा बढ़ाया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए।

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पूरे प्रदेश में नकली दवा मंडी तैयार हो गई है। इस मंडी से दो तरह का नेटवर्क जुड़ा है। एक तो बड़ी मंडी से दवा वाराणसी सहित आसपास के जिलों तक पहुंचाता है। फिर यहां से बसों के जरिए पैकेट बंद दवाएं अलग-अलग राज्यों में पहुंचाई जाती हैं। बस के एक स्टाप से दूसरे स्टाप पर पहुंचने पर दवा पहुंचाने वाला व्यक्ति बदल जाता है।

इसी तरह दूसरा नेटवर्क फुटकर कारोबारियों के बीच काम करता है। यह छोटे-छोटे पैकेट में विभिन्न बाजारों तक दवा पहुंचाते हैं। वहां से मेडिकल स्टोर पर पहुंचता है। सूत्रों का कहना है कि पकड़े गए लोगों से मिले सुराग के आधार पर वाराणसी ही नहीं बल्कि आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, बरेली सहित अन्य महानगरों के दवा कारोबारियों को भी राडार पर लिया गया है। इनकी गुपचुप तरीके से पड़ताल की जा रही है।