37 जिलों में नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रेक्षक तैनात


लखनऊ । राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने प्रदेश के 37 जनपदों में प्रथम चरण में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव प्रेक्षकों की तैनाती कर दी। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रेक्षक अपने अपने जनपद में 29 अप्रैल की शाम तक अवश्य पहुंचकर रिपोर्ट करें। स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्वक ढंग से चुनाव संपन्न कराएं।

उन्होंने कहा कि चुनाव में कोई भी गंभीर समस्या या प्रकरण सामने आने पर यदि आयोग को सूचना नहीं दी तो प्रेक्षकों पर भी कार्रवाई होगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि सभी प्रेक्षक अपने अपने जिला मुख्यालय पर पहुँचकर मतदान की समुचित तैयारियों के बारे में संबंधित अधिकारियों की बैठक लें। प्रेक्षकों को निर्वाचन क्षेत्रों में भ्रमण कर मतदान की समस्त तैयारियों का सूक्ष्म निरीक्षण अवश्य करना होगा।

पहले चरण के 04 मई को होने वाले मतदान के दिन भ्रमण कर मतदान को शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराएं। मतदान समाप्त होने के बाद समस्त निर्वाचन सामग्री स्ट्रांग रूम में रखे जाने के बाद आयोग को अवगत कराएंगे। 13 मई को होने वाली मतगणना समाप्त के बाद आयोग को सभी जानकारियां एवं सूचनाएं उपलब्ध कराने के बाद ही प्रेक्षक जनपद मुख्यालय छोड़ेंगे। यदि किसी जनपद में कहीं भी पुनर्मतदान का निर्णय लिया जाता है तो पुनर्मतदान के पश्चात मतपेटिकाएं स्ट्रांग रूम में रखे जाने के बाद ही आयोग को सूचित कर मुख्यालय को छोड़ेंगे।

गरीब मेधावी बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने को आगे आए सामाजिक संगठन : सूरज प्रसाद चौबे


लखनऊ । सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने सवर्ण आर्मी के विस्तार करते हुए ओम प्रकाश दीक्षित को जिला अध्यक्ष बाराबंकी, हरिओम तिवारी को जिला अध्यक्ष अंबेडकरनगर, कामेश्वर मिश्रा को जिला अध्यक्ष जौनपुर, बलवंत मिश्र को जिला अध्यक्ष बलिया बनाया गया ।उपस्थिति पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए कहा कि सवर्ण समाज आर्थिक राजनीतिक शैक्षिक रूप से काफी कमजोर हो गया है। यूपी बोर्ड में सवर्ण जातियों के बच्चें टाप किए हैं । सवर्ण बच्चें 80 प्रतिशत से अधिक नम्बर पाए है प्रायः बच्चें समान्य परिवार से हैं। जिन्हे आगे की शिक्षा के लिए आर्थिक समस्या मुंह बाए खड़ी है ।

समाज के विकास के लिए शिक्षा की तरफ ध्यान देना होगा

सवर्ण समाज के बच्चे की आगे के शिक्षा के लिए समाज सेवी संस्थाओं समाजिक संगठन से अपील करता हूं कि आप अपनें अपने क्षेत्र में मेधावी विद्यार्थियों का सहयोग करे। जिससे की कोई मेधावी सवर्ण जातियों के बच्चें उच्च शिक्षा लेने से वंचित न रह सके अन्य वर्ग के लोग अपने समाज के लिए इस तरह का सहयोग कर रहे हैं। हमें उनसे कुछ सीखना चाहिए सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पाण्डेय ने भी एक आम सभा में कहा था की समाज का विकास करने के लिए हमें शिक्षा की तरफ ध्यान देना होगा ।

साथ ही भी कहूंगा कि समाज के बेटियों बहनों जिनकी पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है । जिस कारण से सादी विवाह में दिक्कत आ रही है। सवर्ण समाज के सम्पन्न लोग की एक सामाजिक जिम्मेदारी है की वे इस तरह से बहन बेटी की सादी ब्याह में आगे आए । बहुत से राष्ट्रीय अन्तर राष्ट्रीय समाजिक संगठन है जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं तरह तरह की ऊंची उड़ान की बात कर रहे हैं लेकिन धरातल पर दिखाई नहीं देते हैं।

कमजोर परिवार की बेटियों की शादी में आगे आए

इसी तरह राजनीतिक दल में सवर्ण समाज के नेता हैं जिनकी ऊंची पहुंच है । समाज के लिए उपयोगी साबित हो सकतें हैं पर वे समाज के बीच चुनाव के समय ही आते हैं उनसे किसी तरह की उम्मीद करना ठीक नहीं है फिर भी अपील करता हूं कि वे आगे आए समाज के मेधावी बच्चे बच्चियों जो आर्थिक समस्या के वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं उनकी आर्थिक सहायता करते हुए प्रवेश दिलाए साथ ही सवर्ण समाज के सम्पन्न लोग से निवेदन है की गरीब आर्थिक रुप से कमजोर सवर्ण जातियों के बच्चियों के शादी में आर्थिक सहयोग कर सादी ब्याह कराए ।

राजनीतिक चर्चा में श्री चौबे ने कहा कि सवर्ण आर्मी राजनीति से बहुत दूर है हमें समाज को संगठित करना है खोए हुए अस्तित्व को वापस पाना है ।मान प्रतिष्ठा वापस लाना चाहते हैं समाज शिक्षित हो तभी समाज का कल्याण हो सकता है। किसी भी राजनीतिक दल से दूर-दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है सवर्ण आर्मी किसी भी प्रभाव में आकर काम नहीं करती है न हि किसी का हक मारने की बात कर रहे हैं लेकिन मेरे समास का हक कोई मारेगा तो हक मारने नहीं दूगा।

समलैंगिक विवाह की माँग को लेकर विवाद जारी, लखनऊ में महिलाओं ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन


लखनऊ। लखनऊ में सामाजिक कार्य करने वाली कुछ महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह की माँग को लेकर जारी विवाद के बीच राज्यपाल के नाम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में महिलाओं ने समलैंगिक विवाह को प्राकृतिक व्यवस्था के विरुद्ध बताते हुए माँग की कि समलैंगिक विवाह को स्वीकार करने की अनुमति न दी जाए।

हाईकोर्ट में वकालत करने वाली मनोरमा ने कहा, भारत में विवाह का एक सभ्यतागत महत्व है और एक महान और समय की कसौटी पर खरी उतरी वैवाहिक संस्था को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का समाज द्वारा खुलकर विरोध करना चाहिए। समलैंगिक विवाहों में ये संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि यदि इसकी अनुमति दी गई तो कई प्रकार के विवादों को जन्म दिया जाएगा।

सामाजिक कार्यकर्ता रेखा तिवारी ने कहा कि दत्तक देने के नियम, उत्तराधिकार के नियम, तलाक संबंधी नियम आदि को विवाद के अंतर्गत लाया जाएगा। समलैंगिक संबंध वाले अपने आपको लैंगिक अल्पसंख्यक घोषित कर अपने लिए विभिन्न प्रकार के आरक्षण की माँग भी कर सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सीमा मिश्रा ने कहा, भारतीय सांस्कृतिक सभ्यता पर सदियों से निरंतर आघात हो रहे हैं फिर भी अनेक बाधाओं के बाद भी वह बची हुई है। अब स्वतंत्र भारत में इसे अपनी सांस्कृतिक जड़ों पर पश्चिमी विचारों, दर्शनों एवं प्रथाओं के अधिरोपण का सामना करना पड़ रहा है। जो इस राष्ट्र के लिए व्यावहारिक नहीं है। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते समय सामाजिक कार्यकर्ता माला, कंचन सिंह, सीमा मिश्रा, रेखा तिवारी, मनोरमा, भारती, दीप्ती उपस्थित रहीं।

*जीव और ब्रह्म के संबंधों का निरूपण ही भागवत का उद्देश्य: स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती*


लखनऊ । जानकीपुरम विस्तार स्थित महा लक्ष्मी लान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें और अंतिम दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज ने श्रीमद्भागवत पुराण के महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि सभी वेदों और शास्त्रों के सिद्धांतों का समन्वय श्रीमद्भागवत का मूल तत्व है। यह जीव और ब्रह्म की एकात्मकता का निरूपण करते हुए सांसारिक जीवन में समन्वय का संदेश देता है।

महाराज श्री ने आज भगवान कृष्ण के तमाम विवाहों की कथाएं सुनाते हुए कहा कि कृष्ण का जन्म ही सृष्टि के कल्याण के लिए हुआ था। उन्होंने जन कल्याण के लिए बार बार सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ने से भी गुरेज नहीं किया। भगवान राम जहां तत्कालीन समाज की स्थापित मर्यादाओं को पुष्ट करने के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम कहे गए वहीं भगवान कृष्ण को लीला पुरुषोत्तम और नट नागर कहा गया है।वह जहां प्रेम के अवतार थे वहीं उन्होंने आततायियों के उन्मूलन के लि छल,नियम-भंग और कूट नीति का सहारा लेने का समर्थन किया।

अच्छाई को बचाने के लिए बुराई को भी हथियार बनाने में उन्होंने कभी परहेज नहीं किया। भगवान कृष्ण के जीवन की तमाम महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कृष्ण सुदामा मैत्री का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया तो श्रोताओं की आंखें बरबस गीली हो गई।

इस मौके पर श्री हरि हर सेवा समिति के स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत झांकी ने कथा को खासा जीवंत कर दिया।तक्षक द्वारा महाराज परीक्षित को डसने और उनके पुत्र जन्मेजय द्वारा नाग यज्ञ आदि अनेक विषयों के विशद विवेचन के उपरांत स्वामी जी ने कथा को विश्राम दिया।

कल प्रातः पूर्णाहुति के बाद कथा मंच एक विराट संत सम्मेलन का साक्षी बनेगा जिसमें विचार रखने के लिए तमाम संत महात्माओं का आगमन जारी है।

हिमाचल में बन रही नकली दवाएं यूपी के रास्ते पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में पहुंच रही, एसटीएफ की पड़ताल में हुआ


लखनऊ । हिमाचल में बन रही नकली दवाएं उत्तर प्रदेश के रास्ते पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में पहुंच रही हैं। इस कारोबार में आगरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित अन्य महानगरों की दवा मंडी के कई व्यापारी संलिप्त हैं। अब इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए एसटीएफ और एफएसडीए ने संयुक्त रूप से मुहिम शुरू की है।

प्रदेश में करीब 70989 थोक एवं 105700 फुटकर दवा कारोबारी हैं। हर दिन 50 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है। ऐसे में दवा कारोबारियों के बीच नकली दवा का नेटवर्क तैयार हो गया है। यह नेटवर्क नामचीन कंपनियों के ब्रांडनेम से मिलते-जुलते नाम वाली दवाएं तैयार कर उत्तर प्रदेश के रास्ते विभिन्न राज्यों तक पहुंचा रहा है।

नवंबर और दिसंबर 2022 में नोएडा में नकली दवा बनाने की कंपनी पकड़ी गई। इसके आधार पर हुई पड़ताल में नकली दवा का नेटवर्क होने की जानकारी मिली थी। इस बीच वाराणसी में एसटीएफ के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में करीब सात करोड़ की दवा की खेप पकड़ी गई। दो दिन पहले वाराणसी में भी पांच लोगों को पकड़ा गया, जो वाराणसी में दवा स्टोर करने के बाद पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, आंध्र प्रदेश तक पहुंचाते थे। अब तक कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पूछताछ में पता चला कि ये नकली दवाएं हिमाचल प्रदेश से तैयार होकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न महानगरों के रास्ते वाराणसी तक पहुंची। वहां से बिहार, पश्चिम बंगाल व अन्य राज्यों तक पहुंचती हैं। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ हुई तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। इसके आधार पर एफएसडीए और एसटीएफ ने जांच का दायरा बढ़ाया तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए।

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पूरे प्रदेश में नकली दवा मंडी तैयार हो गई है। इस मंडी से दो तरह का नेटवर्क जुड़ा है। एक तो बड़ी मंडी से दवा वाराणसी सहित आसपास के जिलों तक पहुंचाता है। फिर यहां से बसों के जरिए पैकेट बंद दवाएं अलग-अलग राज्यों में पहुंचाई जाती हैं। बस के एक स्टाप से दूसरे स्टाप पर पहुंचने पर दवा पहुंचाने वाला व्यक्ति बदल जाता है।

इसी तरह दूसरा नेटवर्क फुटकर कारोबारियों के बीच काम करता है। यह छोटे-छोटे पैकेट में विभिन्न बाजारों तक दवा पहुंचाते हैं। वहां से मेडिकल स्टोर पर पहुंचता है। सूत्रों का कहना है कि पकड़े गए लोगों से मिले सुराग के आधार पर वाराणसी ही नहीं बल्कि आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, बरेली सहित अन्य महानगरों के दवा कारोबारियों को भी राडार पर लिया गया है। इनकी गुपचुप तरीके से पड़ताल की जा रही है।

निकाय चुनाव : पहले चरण में दो अध्यक्षों समेत 86 निर्विरोध,44226 उम्मीदवार मैदान में


नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में एक नगर पालिका एवं एक नगर पंचायत अध्यक्ष समेत 86 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार के मुताबिक चार मई को पहले चरण में अब 7592 पदों के लिए 44226 उम्मीदवारों के बीच 4 मई को मतदान होगा।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि जनपद आगरा की नगर पंचायत दयालबाग में अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया है। इसके अलावा आगरा, मथुरा, गोरखपुर और मुरादाबाद नगर निगमों में दो - दो तथा झांसी, फिरोजाबाद एवं सहारनपुर नगर निगम में एक-एक पार्षद निर्विरोध चुन लिए गए। साथ ही नगर पंचायतों में आगरा में 13, महराजगंज से 10, गोंडा से 3, कुशीनगर प्रयागराज, फतेहपुर एवं मैनपुरी से 2-2 तथा श्रावस्ती से एक सदस्य निर्विरोध चुना गया है।

झांसी में नगर पालिका चिरगांव अध्यक्ष को निर्विरोध चुना गया है। इसके अलावा साथ ही 36 नगर पालिका सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं। आगरा से 9 सदस्य, रामपुर एवं शामली से 4-4, सहारनपुर से 3, गोंडा, झांसी, मथुरा, लखीमपुर खीरी से 2-2, जालौन, फतेहपुर, फिरोजाबाद, महराजगंज, संभल, सीतापुर, हरदोई से एक-एक नगर पालिका सदस्य निर्विरोध चुन लिया गया।

पहले चरण के लिए महापौर पद के 126 में से 122 नामांकन पत्र वैध मिले। 9 मैदान से हट गए तो यह लड़ने वालों की संख्या 122 रह गई। निगमों के पार्षद पद पर 5432, नगर पालिका अध्यक्ष पद पर 1069, पालिका सदस्य पद पर 14862, नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर 2932, एवं सदस्य पद पर 19818 सदस्य चुनावी रण में हैं।

प्रथम श्रीराम स्वरूप मेमोरियल वर्चुअल नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता आयोजित

लखनऊ/बाराबंकी। इन्स्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में तीन दिनों से चल रही प्रथम श्रीराम स्वरूप मेमोरियल वर्चुअल नेशनल मूट कोर्ट प्रतियोगिता का बुद्धवार को समापन सम्पन्न हुआ। इस मौके पर जजों के रुप में आमन्त्रित जस्टिस शमीम अहमद खान (उच्च न्यायालय), जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (चेयरमैन उत्तर प्रदेश स्टेट ला कमीशन), प्रो० डॉ रोहित पी साबरन, डायरेक्टर, आई एल एस, डॉ पी० सी० मिश्रा, डॉ श्रुति शर्मा ने फाइनल राउंड की विजेताओं का निर्णय लिया।

इस प्रतियोगिता में देशभर से 30 से अधिक टीमों ने प्रतिभाग किया था। इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेस्ट रिसर्चर का अबार्ड निलय खत्री, यूनिवर्सिटी आफ प्रेट्रोलियम एन्ड एनर्जी साइंस देहरादून, बेस्ट मेमोरियल बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की टीम को, बेस्ट स्पीकर के लिए अदिति, डॉ बी आर अम्बेडकर नेशनल ला यूनिवर्सिटी, सोनीपत चुनी गई, वहीं प्रतियोगिता के विजेता के रूप में एडम यूनिवर्सिटी, तथा रनर अप के लिए स्कूल आफ एक्सीलेंस इन ला, डॉ अम्बेडकर ला यूनिवर्सिटी तमिलनाडु की टीम चुनी गई।

उपरोक्त निर्णायक मंडल एवं चांसलर इजी० पंकज अग्रवाल, प्रो० चांसलर इजी० पूजा अग्रवाल एवं वाइस चांसलर प्रो० डॉ डी० के० शर्मा ने बच्चों से संवाद स्थापित करते हुए उनको उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। डायरेक्टर प्रोफेसर रोहित पी साबरन ने उच्च न्यायालय के जस्टिस शमीम अहमद को स्मृति चिन्ह एवं पौध भेंट करके सम्मानित किया।

जस्टिस शमीम अहमद ने डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ रोहित पी साबरन, बाइस चांसलर प्रो० डॉ डी० के० शर्मा एवं स्टूडेंट्स कमेंटी को ऐसे भव्य आयोजन के विशेष बधाई देते हुए कहा कि भारत में इंडस्ट्रियल विकास और वैश्वीकरण के दौर में विभिन्न विधिक चुनौतियों के मध्य ऐसे आयोजनों से भावी अधिवक्ताओं के लिए यह बहुत उपयोगी प्रयास है, सम्बोधन का अन्त उन्होंने एक शैर कहते हुए की कि,

हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे नूरी पे रोती है,

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा वर पैदा,

तत्पश्चात जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव (चेयरमैन उत्तर प्रदेश स्टेट ला कमीशन) को स्मृति चिन्ह प्रदान कर डा देवेन्द्र ने सम्मानित किया, उन्होंने अपने सम्बोधन में भिन्न तरीके से अपने विचार रखे और मूट कोर्ट को बच्चों की विधिक योग्यताओ को और निखारने वाला महत्वपूर्ण चरण करार दिया और वास्तविक कोर्ट के वृत्तिक नीतिशास्त्र पर प्रकाश डाला और कम समय में बच्चों और फैकल्टी द्वारा किए गए प्रबंधन की सराहना की।

डॉ देवेन्द्र ने वोट आफ थैंक में अपने सहकर्मियों और प्यारे बच्चों (खासकर मूट कोर्ट कमेटी) , के हित में डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ रोहित पी साबरन, चांसलर, प्रो चांसलर, एवं बाइस चांसलर और मीडिया पार्टनर्स को धन्यवाद दिया। मीडिया बाइट देते हुए डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ रोहित पी साबरन ने क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन के लिए संस्था की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए कार्यक्रमो की सफलता को यूनिवर्सिटी के पाज़िटिव माहौल का असर बतलाया। इस आयोजन को सफल बनाने में सहयोगी स्टूडेंट्स आर ए ऋषिकेश, अर्चिता श्रीवास्तव अभिषेक सिंह, महर्षि शुक्ल, लक्ष्मण सिंह आदि के सहयोग की प्रशंसा की।

*आडंबर नहीं भाव से मिलते हैं भगवान: स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती*

लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का छठा दिन भगवान के प्रति गोपियों के अप्रतिम प्रेम के नाम रहा। कथा व्यास स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज ने भगवान कृष्ण की अनेक लीलाओं का विशद वर्णन कर प्रेम की महत्ता का प्रतिपादन किया।

उद्धव गोपी संवाद का सजीव खाका खींच महाराज श्री ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।महाराज श्री ने कहा कि भगवान कृष्ण ने अपनी लीलाओं से सदैव यह संदेश दिया कि हमें वर्तमान का प्रत्येक क्षण जीते हुए न तो अतीत का पश्चाताप हो और न भविष्य का भय।

उन्होंने प्रेस के अद्भुत स्वरूप का दिग्दर्शन कराया जिसमें आज तक आकण्ठ डूब कर अश्रु बहाता है उनका हर कार्य संसार को कोई न कोई संदेश देने वाला है। उन्होंने कभी भी संघर्षों से मुंह नहीं मोड़ा और उनका डटकर मुकाबला किया।उनको जानने और पाने के लिए उनमें डूबना होता है।

गोपियों ने सिद्ध कर दिया कि भगवान आडंबरों के नहीं,भाव के भूखे हैं।ज्ञानाडंबर में सने उद्धव को तमाम प्रयासों से जो अप्राप्य है वहीं गोपियों की प्रेम गली में नर्तन करते दिखता है।

कंस वध के अलावा जरासंध और कालयवन के विरुद्ध उन्होंने लकीरों को मिटाकर रणछोड़ कहलाना स्वीकार किया परन्तु आततायियों के विनाश को सुनिश्चित किया। कथा के उत्तरार्ध में स्वामी जी ने कृष्ण और रुक्मिणी विवाह की विस्तृत चर्चा की।

इस मौके पर प्रस्तुत झांकी ने श्रोताओं को उस कालक्रम से इस तरह जोड़ दिया कि हर व्यक्ति स्वयं को उक्त विवाह का साक्षी अनुभव कर रहा था।पूरा पाण्डाल कुछ क्षणों के लिए वैवाहिक लोकाचारों का केंद्र बन गया। अपने को जनाती/बाराती समझ श्रोता झूम झूम कर हर्ष प्रदर्शन करने लगे।

गोपी गीतों और भ्रमर गीतों से शुरू आज की कथा विवाह गीतों एके लालित्य पर समाप्त हुई।कल कथा का अंतिम दिन है। इसके बाद दो दिनों तक इसी स्थान पर विराट संत सम्मेलन व भंडारा आयोजित होगा।

*यूपी बोर्ड ने 10वीं तथा 12वीं परीक्षाफल घोषित किया, हाईस्कूल में सीतापुर की प्रियांशी, इंटर में महोबा के शुभ ने किया टाॅप*


शिशिर पटेल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम मंगलवार को दोपहर घोषित कर दिया। माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट घोषित रिजल्ट में हाईस्कूल की छात्रा प्रियांशी सोनी सीतापुर ने टाॅप किया है।

प्रियांशी सोनी को 600 में 590 अंक मिले

प्रियांशी सोनी को 600 में 590 अंक (98.33 प्रतिशत ) हासिल हुए हैं। जबकि दूसरे स्थान पर कानपुर देहात के कुशाग्र पांडेय ने 97.83 प्रतिशत और अयोध्या की निशा नूर की 97.83 फीसद अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है। पूरे परीक्षा परिणाम में भी बालकों की अपेक्षा छात्राओं का उत्तीर्ण प्रतिशत बालकों के मुकाबले 6.7 फीसद ज्यादा है।

2854879 बच्चों ने परीक्षा में भाग लिया था

हाईस्कूल की परीक्षा में 3106157 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण करवाया था। इसमें 2854879 बच्चों ने परीक्षा में भाग लिया था। आज घोषित हाईस्कूल के परीक्षा परिणाम में 257987 बच्चों को सफल घोषित किया गया है।

हाईस्कूल का संपूर्ण परीक्षाफल 89.74 रहा है। परीक्षा में 1521422 बालकों व 1342199 बालिकाओं ने भाग लिया था। जबकि कुल उत्तीर्ण 2570987 बच्चों में 131821 बालक और 1252777 बालिक ।बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 86.64 प्रतिशत और बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 93.34 फीसद है।

व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण प्रतिशत से 23.38 फीसद रहा

संस्थागत परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत, व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण प्रतिशत से 23.38 फीसद अधिक है।हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की लिखित उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च से 31 मार्च के मध्य सूबे के विभिन्न केंद्रों पर किया गया। इसके लिए कुल 258 केंद्र बनाए गए थे। हाईस्कूल की कापियों का मूल्यांकन 89698 परीक्षकों के द्वारा किया गया है।

परीक्षा परिणाम विगत एक दशक में जारी परीक्षा परिणाम में सर्वाधिक

बोर्ड के सचिव के अनुसार 2023 का परीक्षा परिणाम विगत एक दशक में जारी परीक्षा परिणाम में सर्वाधिक है। बताते चलें कि हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षाएं 16 फरवरी से चार मार्च तक संपन्न करवाई गई थीं। इसके लिए कुल 8753 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।

इंटर में महोबा के शुभ छपरा रहे टाॅपर, 500 में 489 अंक हासिल किया

इसी तरह इंटरमीडिएट की परीक्षा में महोबा जिले के शुभ छपरा ने 500 में 489 अंक अर्थात 97.80% हासिल कर यूपी में टॉप किया है। इसके साथ ही पीलीभीत के सौरभ अग्रवाल व इटावा की अनामिका ने 97.20 फीसद अंक के दूसरा स्थान प्राप्त किया।

फतेहपुर के प्रियांशु व खुशी और सिद्धार्थनगर की सुप्रिया ने 97 फीसद अंक प्राप्त कर तीसरे स्थान प्राप्त किया

जबकि तीसरे स्थान पर तीन लोगों ने संयुक्त रूप से जगह बनाई है। तीसरे स्थान पर फतेहपुर के प्रियांशु उपाध्याय व खुशी और सिद्धार्थनगर की सुप्रिया ने 97 फीसद अंक प्राप्त कर तीसरे स्थान प्राप्त किया है।

गौरतलब यह है कि यूपी बोर्ड मात्र 67 दिनों में हाईस्कूल तथा इन्टर की परीक्षाफल घोषित कर 100 वषोॅ में नया रिकार्ड बनाया है ।

सोमवार के बाद स्कूटनी के लिए आवेदन शुरू हो जाएंगे। किसी छात्र को लगता है कि उसके नंबर कम आए हैं तो वह स्कूटनी भर सकता है। तीस साल में पहली बार हुआ है कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ है।

*तर्कों का स्वागत पर कुतर्क अस्वीकार्य: स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती*


लखनऊ। जानकीपुरम विस्तार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि जहां विभिन्न पंथों या मजहबों में तर्क पूरी तरह निषेध है, वहीं सनातन धर्म ने सार्थक, तार्किक, मौलिक तथा कल्याणकारी परिवर्तनों का सदैव स्वागत और सम्मान किया है, परन्तु कुतर्क कतई अस्वीकार्य हैं।

दुर्भाग्य से आज कुछ मूढ मति लोग अधकचरे ज्ञान के चलते हमारे शास्त्रों, परंपराओं और आस्था पर तर्कहीन बातों के जरिए प्रहार कर सामाजिक ताने-बाने को विनष्ट करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे राम चरित मानस हो,चाहे मनुस्मृति और तो और परम ज्ञान के सागर हमारे पूज्य वेद हैं, सभी पर दुराग्रह वश कटाक्ष कर सनातन समाज को आहत किया जा रहा है।

स्वामी जी ने कहा कि ऐसे दुराग्रही ग्रंथों या शास्त्रों की किसी एक पंक्ति को पकड़ कर आलोचना करने लगते हैं जबकि किसी बात की व्याख्या के लिए स्थान,काल और संदर्भ का विशेष महत्व है।

उन्होंने कहा कि राजनीति चमकाने के लिए तमाम राजनेता ऐसे दुराग्रहों की धृष्टता करते आए दिन देखे जा सकते हैं। बीते दिनों मानस की ढोल, गंवार चोपाई को लेकर विवाद पैदा करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए महाराज श्री ने कहा कि इस तरह के कुभाव प्रकट करने से पहले इन नेताओं को शबरी क्यों नहीं दिखती।शबरी तो नारी भी है,वह नीच जाति भी है,मगर तुलसी दास जी पारब्रह्म रुप भगवान राम को न केवल उसकी कुटिया में ले जाते हैं बल्कि उसके जूठे बेर भी चखाते हैं। गजब यह भी कि उस गरीब भीलनी की कुटिया में पधारे राम दंडकारण्य में रहते कभी किसी ऋषि के आश्रम में नहीं गए । इसी तरह सीता वनवास के बहाने राम के चरित्र को दागदार साबित करने की धृष्टता करने वाले आधे अधूरे ज्ञान को परोसने से बाज नहीं आ रहे हैं। इनमें तमाम ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने इन ग्रंथों को पढ़ना तो दूर शायद आज तक देखा भी नहीं है।

ऐसे कुबुद्धिजीवियों के विरुद्ध आवाज न उठाने से यह निरंतर मनबढ़ हो रहे हैं।

आज भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का लालित्यपूर्ण वर्णन करते हुए स्वामी जी इन लीलाओं की तार्किकता की विशद चर्चा की। कृष्ण लीलामृत की सरस वर्षा से सराबोर श्रोता वृंद आज जमकर थिरके। इस दौरान सुमधुर भक्ति गीतों ने वह समां बांधा कि पूरा पाण्डाल भक्ति की गंगा में डुबकी लगाने लगा। आरती के बाद प्रसाद वितरण के बाद कथा विश्राम हुआ।