मणिपुर में सीएम बीरेन के कार्यक्रम वाली जगह को भीड़ ने फूंका, धारा 144 लागू, इंटरनेट सर्विस भी सस्पेंड

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मणिपुर के चुराचांदपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर भीड़ ने तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात करीब नौ बजे अनियंत्रित भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद, जिले में इंटरनेट पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है।दरअसल मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह चुराचांदपुर आने वाले थे। यहां उन्हें एक जिम का उद्घाटन करना था और एक जनसभा को संबोधित भी करना था।

सीएम के दौरे से पहले ही उनके कार्यक्रम स्थल पर भीड़ ने हमला बोल दिया और तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी।आक्रोशित भीड़ को आयोजन स्थल के अंदर कुर्सियों और अन्य सामान को भी तोड़ डाला और नवनिर्मित जिम के खेल उपकरणों में भी आग लगा दी। ये घटना गुरुवार की थी। इसके बाद जिले में इंटरनेट सर्विस बंद करने के साथ-साथ धारा 144 लगा दी गई है। वहीं, भीड़ के हमले के बाद पुलिस तुरंत एक्शन मोड में नजर आई और मौके पर पहुंचकर भीड़ को भगाया। हालांकि तब तक कार्यक्रम स्थल को नुकसान पहुंच चुका था। इससे पहले ही सैकड़ों कुर्सियों को आग के हवाले किया जा चुका था। 

वहीं, इस घटना के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है।स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर चुराचंदपुर प्रशासन ने जिले में सुरक्षा बढ़ा दी, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। जिसको देखते हुए पुलिस ने जिले में सुरक्षा बढ़ा दी है। 

जानकारी के मुताबिक घटना न्यू लमका की है। यहां भीड़ ने पीटी स्पोर्ट्स कॉम्पेल्क्स में बने ओपन जिम को भी आगे हवाले कर दिया था। इसके अलावा सद्भाव मंडप में आयोजित होने वाली जनसभा से पहले वेन्यू को नुकसान पहुंचाया गया। जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला आरक्षित वन क्षेत्र को खाली कराने केलिए चलाए जा रहे बेदखली अभियान से जुड़ा हुआ है जिसका किसान और आदिवासी निवासी पिछले काफी समय से विरोध कर रहे हैं। इसी के मद्दे नजक गुरुवार को बंद का आह्वान किया गया था।

भारत की मेजबानी में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक आज, चीन और पाकिस्तान भी होंगे शामिल

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शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों का जमावड़ा आज से नई दिल्ली में होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे।बैठक के लिए चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री भाग लेने पहुंच रहे हैं। साथ ही भारत ने बेलारूस, ईरान समेत एससीओ पर्यवेक्षक देशों के रक्षा मंत्रियों को भी आमंत्रित किया है। बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री वर्चुअल तरीके से भाग लेंगे।एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की आज होने वाली बैठक में क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा, आतंकवाद पर अंकुश और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर रहेगा। इस बैठक में हरेक देश अपना पक्ष रखेगा।

चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू, ताजिकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अस्तियानी और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रसलान झाक्सिलिकोव सम्मेलन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के उनके समक्ष भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाले सम्मेलन में भाग लेंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत की अगुवाई में एससीओ देशों के रक्षा मंत्री क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा के अलावा एससीओ के इलाके में आतंकवाद विरोधी प्रयासों पर भी बात करेंगे। साथ ही रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक बैठक में बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर भी मंथन होगा। इस बैठक के लिए आ रहे विभिन्न देशों के रक्षा मंत्री के साथ भारत के रक्षा मंत्री क़ई अहम द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। जहां द्विपक्षीय रक्षा संबंधी मुद्दों और आपसी हित के अन्य मामलों पर चर्चा की जाएगी।

रोटी पलटने का समय है अब’, शरद पवार के इस बयान के क्या हैं सियासी मायने?

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राजनीति में बयानों के बड़े मायने होते हैं। ऐसे ही एक बया से महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है। दरअसल, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि रोटी पलटने का समय आ गया है।पवार के इस “मुहावरे” का महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में तरह तरह के अर्थ निकाले जा रहे हैं।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मुंबई के युवा मंथन कार्यक्रम में कहा, ''किसी ने मुझे कहा कि रोटी सही समय पर पलटनी होती है और अगर सही समय पर नहीं पलटी तो वो कड़वी हो जाती है। अब सही समय आ गया है रोटी पलटने का, उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को आग्रह करूंगा की वो इस पर काम करें।

शरद पवार के इस बयान से कयास लगाए जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि उनका इशारा भतीजे अजित पवार की तरफ है।दरअसल अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि वह बीजेपी के साथ हाथ मिला सकते हैं। हाल ही में अजित पवार एनसीपी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि इन दावों को अजित पवार और शरद पवार खारिज करते रहे हैं।

अब शरद पवार के नए बयान से सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी। सवाल उठने लगा कि आखिर शरद पवार किस रोटी को पलटने की बात कर रहे हैं? क्या फिर से महाराष्ट्र में कोई बड़ा उलटफेर होने वाला है ?

मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को कहा- जहरीला सांप, भड़की भाजपा ने कहा- अपने आकाओं को खुश करने की कोशिश

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। खड़गे ने पीएम मोदी को जहरीला सांप कहा है। कर्नाटक के कलबुर्गी में गुरुवार को चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा पीएम मोदी जहरीले सांप की तरह हैं। आप सोच सकते हैं कि यह जहर है या नहीं, लेकिन यदि आप उसे चखेंगे, तो आपकी मौत हो जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान को लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने खरगे का वीडियो शेयर किया है। वीडियो शेयर करते हुए मालवीय ने कहा है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘जहरीला सांप’ कहा है। वो कहते हैं कि सोनिया गांधी ने ‘मौत का सौदागर’ कहकर जो शुरू किया था, हम जानते हैं कि उसका अंत कैसे हुआ। कांग्रेस लगातार नीचे गिरती जा रही है। इस हताशा से पता चलता है कि कांग्रेस कर्नाटक में जमीन खो रही है और ये बात उसे पता है।

अनुराग ठाकुर का खड़गे पर तंज

खड़गे के इस बयान के बाद बीजेपी ने लगातार कांग्रेस और खड़गे पर एक के बाद एक वार किए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष तो बनाया लेकिन कोई उन्हें ऐसा मानता नहीं हैं, इसलिए उन्होंने सोनिया गांधी के बयान से भी ज्यादा घटिया बयान आज दिया।

राजनीतिक आकाओं को खुश करना चाहते हैं खड़गे- धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पीएम मोदी को लेकर खड़गे के बयान के आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया।

खड़गे की सफाई

बवाल बढ़ता देख खरगे ने अपने बयान पर सफाई दी है। खड़गे ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका मतलब पीएम मोदी से नहीं बल्कि उनके पार्टी से था और उन्होंने पीएम मोदी को नहीं अपितु बीजेपी को जहरीला कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादियों की मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान बोले सीजेआई, अब हम कानून के मामले में अमेरिका से बहु


सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी समलैंगिक शादियों की मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सरकार इसी बात पर अड़ी है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में सुनवाई नहीं करना चाहिए और फैसला संसद पर छोड़ देना चाहिए। बुधवार को दिलचस्प बहस हुई। केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र किया तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अब हम कानून के मामले में अमेरिका से बहुत आगे निकल गए हैं।

दरअसल तुषार मेहता ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का जिक्र किया था जिसमें कोर्ट ने पांच दशक पुराने ऐतिहासिक फैसले को बदलकर महिलाओं को गर्भपात करवाने के कानूनी अधिकार को समाप्त कर दिया था। सीजेआई ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि भारत अमेरिका के कानून से इस मामले में बहुत आगे है। आखिर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले का जिक्र सुप्रीम कोर्ट में किया गया यहां डिटेल में पढ़िए।

क्या था अमेरिका का पूरा मामला

अमेरिका में पहले महिलाओं को गर्भपात करवाने का कानूनी अधिकार दिया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ही साल 1973 में महिलाओं को यह अधिकार दिया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को पलटते हुए कहा कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता है। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि अमेरिका के सभी राज्य गर्भपात को लेकर अपने अलग से नियम कानून बना सकते हैं।

क्या था 50 साल पहले का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने जिस फैसले को पलटा उस केस का नाम था, 'रो वी वेड।' उस मामले में हुआ यह था कि नॉर्मा मैककॉर्वी नाम की महिला को तीसरा बच्चा होने वाला था लेकिन वह उसे जन्म नहीं देना चाहती थीं। उन्होंने जब अमेरिका के फेडरल कोर्ट का रुख किया तो उन्हें गर्भपात करवाने की इजाजत नहीं दी गई। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और वहां से उन्हें गर्भपात करवाने की इजाजत दे दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गर्भ के बारे में फैसला महिलाओं को ही करना चाहिए। इसके बाद से अमेरिका में महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात करवाने का अधिकार मिला हुआ था। साल 2022 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 6:3 के बहुमत से 50 साल पुराने फैसले को पलट दिया। इस फैसले में गर्भपात को असंवैधानिक बताया गया।

इस मामले में भारत कैसे है आगे?

सीजेआई ने कहा कि इस मामले में भारत अमेरिका से आगे है। दरअसल रो वी वेड फैसले दो साल पहले ही भारत में मेडिकल टर्मिनेशन प्रेग्नेंसी ऐक्ट 1971 पास किया था। इस कानून के तहत भारत में महिलाओं को शर्तों के साथ गर्भपात कराने का अधिकार दिया गया था। फिलहाल कई संशोधनों के बाद अब 24 हफ्ते तक गर्भपात कराने का अधिकार है। इसमें भी कई अपवाद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अविवाहित महिलाओं को भी 24 हफ्ते की प्रेग्नेंसी तक गर्भपात का अधिकार दे दिया था। सामान्य मामलों में पहले केवल विवाहित महिलाओं को ही 20 से 24 हफ्ते के बीच गर्भपात का अधिकार था।

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा, 7 से 8 गाड़ियां आपस में टकराई, 11 लोग जख्मी, कई लोगों की स्थिति गंभीर, लगा लंबा जाम

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा हुआ है। इस हादसे में 7 से 8 गाड़ियां आपस में टकरा गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक ट्रक के अनियंत्रित होने की वजह से यह हादसा हुआ है। यह हादसा कितना बड़ा था इसका अंदाजा उन तस्वीरों से लगाया जा सकता है, जिनमें गाड़ियों के परखच्चे उड़े नजर आ रहे हैं। एक्सप्रेसवे के खोपोली एग्जिट के पास यह हादसा हुआ है और इसके चलते लंबा जाम लग गया है। फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है। एक्सप्रेसवे पर तैनात पुलिस एवं बचाव दल की टीम तुरंत ही मौके पर पहुंच गई थी। 

यह हादसा पुणे से मुंबई जाने वाली लेन में हुआ है, जिसमें करीब 11 लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। कई लोगों की स्थिति गंभीर भी है। इस हादसे की वजह से पुणे से मुंबई जाने वाला ट्रैफिक फिलहाल रुका हुआ है। इस हादसे पीछे ट्रक के अनियंत्रित होने को वजह माना जा रहा है, लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। प्रशासन का भी कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और उसके बाद ही कोई जानकारी दी जाएगी। यह हादसा इतना भीषण था कि कार तो टकराने के बाद ट्रक के ऊपर चढ़ गई।

समलैंगिक विवाह के कानूनी मान्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस जारी, केंद्र ने पूछा- गे या फिर लेस्बियन मैरिज में पत्नी किसे कहेंगे?

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सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने वाली 20 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में छठे दिन की सुनवाई खत्म हो गई है। मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी। सुनवाई के दौरान केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पूछा कि समलैंगिक विवाह में पत्नी कौन होगा, जिसे भरण-पोषण का अधिकार मिलता है। गे या लेस्बियन मैरिज में पत्नी किसे कहेंगे। इससे पहले समलैंगिक विवाह के 5वें दिन की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि शादी करने के समान अधिकार देने के सवाल को फैसला करने के लिए संसद पर छोड़ देना चाहिए।

समलैंगिक विवाह मामले में वादी और प्रतिवादी दोनों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश की जा रही है। सुनवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की संवैधानिक बेंच कर रही है।सुनवाई के दौरान केंद्र का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अपोजिट जेंडर वाले समलैंगिकों को दिए जाने वाले बेनिफिट की मांग सकते हैं। यह भी हो सकता है कि अपोजिट जेंडर वाले शादीशुदा अदालत में आएंगे और कहेंगे कि मुझे वही लाभ मिले जो समलैंगिक जोड़ों को मिलता है, क्योंकि मैं भीतर से हेट्रोसेक्शुअल (विषमलैंगिक) हो सकता हूं, लेकिन मुझे कुछ और लगता है...।

तुषार मेहता ने तर्क दिया कि डोमिसाइल के मुद्दे पर आते हैं। शादी के दौरान पत्नी का डोमिसाइल होता है और यह तय करना होगा कि पत्नी कौन है। उत्तराधिकार अधिनियम पिता, माता, भाई, विधवा, विधुर प्रदान करता है। यदि इस संबंध में एक साथी की मृत्यु हो जाती है तो कौन पीछे रह जाता है विधवा या विधुर? एसजी मेहता ने कहा कि अगर आपके आधिपत्य को पति या पत्नी के स्थान पर व्यक्ति पढ़ना था, तो एक व्यक्ति को दूसरे से रखरखाव का दावा करने का अधिकार होगा। मतलब, विषमलैंगिक विवाह के मामले में पति पत्नी से दावा कर सकता है। इस दलील पर सीजेआई ने कहा कि इसलिए, इन प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य को देखते हुए शायद हम आपके तर्कों को यह कहकर समझ सकते हैं कि एसएमए के प्रावधानों की पुनर्व्याख्या करने से तीन प्रमुख समस्याएं होंगी।

तुषार मेहता ने आगे कहा कि पांच साल बाद क्या होगा, कल्पना करें। सेक्शुअल ऑटोनॉमी का हवाला देकर कोई अनाचार पर रोक लगाने वाले प्रावधानों को ही कोर्ट में चुनौती दे सकता है। इस पर सीजेआई ने कहा कि ये तर्कसंगत नहीं है। कोई भी अदालत कभी भी इसका समर्थन नहीं करेगी।

दंतेवाड़ा नक्सली हमले का वीडियो आया सामने, जवानों ने इस तरह दिया कायरता का मुंहतोड़ जवाब

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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को हुए नक्सली हमले में 10 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है।ये वीडियो धमाके के ठीक बाद का है, इस वीडियो में ब्लास्ट के बाद घायल पड़े जवान और फिर फायरिंग की आवाज भी सुनाई दे रही है। बता दें कि बुधवार को हुए इस आईडी ब्लास्ट में छत्तीसगढ़ डीआरजी के 10 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए। आज मुख्यमंत्री भूपेश शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

वीडियो में एक पुलिसकर्मी को विस्फोट के ठीक बाद सड़क के किनारे रेंगते हुए और फिर नक्सलियों पर फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। सड़क के उस पार एक धागे जैसी चीज भी पड़ी देखी जा सकती है, जिसके बारे में संदेह है कि यह आईईडी से जुड़ा तार है जिसकी मदद से सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे वाहन को उड़ाया गया।

बताया जा रहा है कि जवानों के पीछे आ रहे अन्य वाहन के चालक ने इसे बनाया है। वह भी पुलिस का जवान है।हालांकि पुलिस ने अभी तक वीडियो की पुष्टि नहीं की है।

बता दें कि दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सलियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट में कम से कम 10 जवान और एक नागरिक की मौत हो गई।दंतेवाड़ा के अरनपुर रोड पर बुधवार दोपहर नक्सलियों ने एक गश्ती दल पर हमला किया। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की एक टीम एक वाहन में अपने मुख्यालय लौट रही थी, जब अरनपुर रोड पर रखे एक आईईडी में विस्फोट हो गया, जिसमें कम से कम 10 जवान और चालक मारे गए।

कलकत्ता हाई कोर्ट से ममता सरकार को झटका, राम नवमी हिंसा की जांच एनआईए को सौंपी

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कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी हिंसा की जांच केंद्रीय एजेंसी एनआईए द्वारा किए जाने का आदेश दिया है। पिछले महीने रामनवमी समारोह के दौरान पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हिंसा हुई थी। जिले में दो समूहों के बीच झड़प के दौरान कई वाहनों में आग लगा दी गई थी और पथराव किया गया था. साथ ही दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जांच से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया।हाईकोर्ट ने सभी संबंधित थानों को दो सप्ताह के भीतर सभी रिकॉर्ड, एफआईआर और सीसीटीवी फुटेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद एनआईए मामले की जांच शुरू करेगी।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। जनहित याचिका में अधिकारी ने हिंसा की एनआईए जांच की मांग की थी जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि हिसा के दौर बम विस्फोट भी हुए थे। अदालत ने राज्य पुलिस को दो सप्ताह के भीतर मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज केंद्र सरकार को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया

बता दें कि रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल और बिहार में कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इन जगहों पर संपत्तियों को निशाना बनाया गया और आगजनी हुई। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा पर राज्य सरकार से मंगलवार को एक विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यपाल सी वी आनंद बोस से बात करने और राज्य में और खासतौर पर हावड़ा के हिंसा प्रभावित इलाकों में मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया।

#bhupesh_baghel_gave_shoulder_mortal_remains_of_the_martyred_soldiers *मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दंतेवाड़ा में शहीद जवानों की अर्थी को दिया कं


26 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने आईडी ब्लास्ट किया जिसमें 11 जवान शहीद हो गए। शहीद हुए जवानों में 10 डीआरजी (ज़िला रिजर्व गार्ड) के जवान और एक ड्राइवर है।शहीदों को श्रद्धांजलि देने सीएम भूपेश बघेल दंतेवाड़ा की पुलिस लाइन में पहुंचे। यहां सीएम ने जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ-साथ सीएम भूपेश ने शहीद जवानों के अर्थी को कंधा भी दिया।

मुख्यमंत्री बघेल के साथ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू भी दंतेवाड़ा पहुंचे हैं। दोनों नेताओं ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया। इसके बाद वह जवानों के परिजनों से भी मिले। शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम भूपेश बघेल ने शहीदों के परिजनों से भी मुलाकात की। सीएम ने रोते-बिलखते परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना प्रकट करते हुए उनका ढांढस बंधाया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि नक्सलियों को ज्यादा नुकसान होगा यह घटना नक्सलियों की हताशा को बता रही है। उन्होंने कहा कि अब नक्सलवाद समाप्ति की तरफ है।