समलैंगिक विवाह मामले में केंद्र की सुप्रीम कोर्ट से अपील, कहा-संसद को करने दें विचार

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समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को पांचवें दिन की सुनवाई हुई। आज केंद्र सरकार की ओर से दलीलें रखी गईं और कोर्ट से अपील की गई कि समलैंगिकों को कानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को संसद पर छोड़ देना चाहिए।

आज पांचवें दिन की सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने की मांग वाली याचिकाओं पर उठाए गए सवालों को संसद पर छोड़ने पर विचार किया जाए।केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत एक बेहद ही जटिल मुद्दे से निपट रही है, जिसका सामाजिक प्रभाव काफी गहरा है। तुषार मेहता ने कहा कि असल सवाल तो यह है कि शादी आखिर किससे और किसके बीच होगी ? इस पर फैसला कौन करेगा। 

तुषार मेहता ने कहा कि सवाल ये है कि शादी का गठन कैसे होता है और शादी किनके बीच होती है? इसके बहुत प्रभाव पड़ेंगे, सिर्फ समाज पर ही नहीं बल्कि दूसरे कानूनों पर? इस पर अलग-अलग राज्यों, सिविल सोसाइटी ग्रुप व अन्य समूहों के बीच बहस होनी चाहिए।स्पेशल मैरिज एक्ट और अन्य विवाह कानूनों के अलावा 160 ऐसे कानून हैं जिन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट एक जटिल विषय से निपट रहा है, जिसका गहरा सामाजिक प्रभाव है। केवल संसद ही यह तय कर सकती है कि विवाह क्या होता है और विवाह किसके बीच हो सकता है. इसका विभिन्न कानूनों और पर्सनल लॉ पर प्रभाव पड़ता है।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं में उठाये गये मुद्दों पर संसद के पास अविवादित रूप से विधायी शक्ति है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ गोद लेने, उत्तराधिकार, पेंशन से जुड़े कानून और ग्रेच्युटी आदि विषयों पर कई कानूनी प्रश्नों का सामना कर रही है। न्यायालय ने कहा कि यदि समलैंगिक विवाह की अनुमति दी जाती है, तो इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए न्यायिक व्याख्या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 तक सीमित नहीं रहेगी और पर्सनल लॉ भी इसके दायरे में आ जाएगा।

सिंगापुर में भारतीय मूल के शख्स को दी गई फांसी की सजा, 1 किलो गांजे की तस्करी का था आरोप

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एक किलो भांग की तस्करी करने के आरोप में सिंगापुर ने भारतीय मूल के एक शख्स को फांसी पर लटका दिया। संयुक्त राष्ट्र की अपील और अंतरराष्ट्रीय अपील को खारिज करते हुए सिंगापुर ने बुधवार को एक किलोग्राम भांग की तस्करी की साजिश रचने के दोषी कैदी को फांसी दे दी।

फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से तंगाराजू का परिवार लगातार सिंगापुर के राष्ट्रपति से उसे क्षमा करने की अपील कर रहा था, लेकिन उनकी अपील पर कोई विचार नहीं किया गया। संयुक्त राष्ट्र ने फांसी पर पुनर्विचार की अपील की थी, लेकिन सिंगापुर ने इसे खारिज करते हुए भारतीय मूल के 46 वर्षीय तंगाराजू सुप्पैया को मौत की सजा दे दी। तंगाराजू पर 1 किलो से अधिक गांजे की तस्करी का आरोप लगाया गया था।समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि तंगाराजू को चांगी जेल परिसर में मृत्युदंड दिया गया।

यूएन ने जताई आपत्ति

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा अपील के बावजूद आरोपी को फांसी दे दी गई। जिसपर जिनेवा स्थित ग्लोबल कमीशन ऑन ड्रग पॉलिसी के सदस्य ब्रिटिश टाइकून रिचर्ड ब्रैनसन ने सोमवार को अपने ब्लॉग पर लिखा कि गिरफ्तारी के समय तंगाराजू ड्रग्स के आस-पास भी नहीं था और हो सकता है कि सिंगापुर एक निर्दोष व्यक्ति को फांसी पर चढ़ा दे।

2018 में सुनाई गई थी मौत की सजा

फांसी से पहले सिंगापुर के गृह मंत्रालय ने कहा था कि तंगाराजू का अपराध साबित हो गया था। उसने दो मोबाइल फोन नंबर इस्तेमाल कर ड्रग्स की डिलीवरी की थी। बता दें कि तंगाराजू सुप्पैया को तस्करी के मामले में साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था और 9 अक्टूबर साल 2018 में कोर्ट ने उसे इस मामले में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। तंगाराजू के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे कोई कानूनी सहायता नहीं दी और न ही उसे तमिल ट्रांसलेटर दिया, जबकि उसकी अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। ऐसे में उसकी बात को सुना ही नहीं गया।

कर्नाटक विधानसभा चुनावःचुनाव प्रचार में योगी आदित्यनाथ की हुई एंट्री, जोड़ा कनार्टक और यूपी का कनेक्‍शन

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कर्नाटक चुनाव में अब कम ही दिन बचे हैं और चुनाव प्रचार जोरों पर है।विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है।कर्नाटक चुनाव में बीजेपी के फायरब्रांड नेता और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की एंट्री हो गई है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बुधवार को कर्नाटक के मांड्या में चुनाव प्रचार करने पहुंचे। वहां जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि कर्नाटक और यूपी का कनेक्शन जोड़ा।

कर्नाटक और यूपी का संबंध त्रेतायुग से-योगी

जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि कर्नाटक और यूपी का संबंध काफी पुराना है, यह आज का नहीं, त्रेतायुग का संबंध है। भगवान राम का संबंध उत्तर प्रदेश से है तो वहीं भगवान हनुमान का संबंध कर्नाटक से है। जैसे भगवान श्रीराम और हनुमान का संबंध प्रगाढ़ है वैसे ही कर्नाटक और यूपी का संबंध है।भगवान श्रीराम के अनन्य सहयोगी के रूप में अगर कोई मिला था तो वे बजरंग बली हनुमान जी मिले थे। यह वही कर्नाटक की धरती है। यह मित्रता कितनी अभिन्न है। दुनिया में जहां कहीं भगवान राम का मंदिर होगा। वहां हनुमान जी का मंदिर जरूर होगा। योगी ने कहा कि यही कारण है कि जब मैं कर्नाटक आता हूं तो आत्‍मीयता का अनुभव करता हूं। यहां के युवाओं से संवाद करने में मुझे प्रसन्‍नता होती है।

पीएम मोदी को तारीफ में बोले योगी

मांड्या में रैली करते हुए यूपी के सीएम योगी बोले कि, "डबल इंजन की सरकार ही समृद्धता की गारंटी दे सकती है। कांग्रेस का फेल इंजन देश को त्रासदी की ओर लेकर जाता है जबकि भाजपा का डबल इंजन हमें सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में ले जाता है। प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में भारत आज टीम इंडिया के रूप में कार्य कर रहा है। कर्नाटक की जनता को तय करना है कि टीम इंडिया में कितने प्लेयर शामिल हों। टीम इंडिया में जितने प्लेयर जाएंगे, टीम उतनी ही मजबूती से काम करेगी।

यूपी में नो दंगा... वहां सब चंगा

यूपी में कानून व्‍यवस्‍था का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नो कर्फ्यू नो दंगा वहां पर है सब चंगा। बीजेपी सरकार पीएफआई पर बैन करती है। दूसरी तरफ कांग्रेस पीएफआई के तुष्टिकरण का कार्य करती है। धर्म के आधार पर आरक्षण भारत के संविधान के विपरीत है। हमने अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण के दायरे को बढ़ाया है। अन्य जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ दिया है। हम सब मानते हैं एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना ही भारत को आगे बढ़ाएगी।

दक्षिण में भी बढ़ी योगी की डिमांड

बता दें कि बीजेपी के फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले योगी आदित्‍यनाथ की डिमांड की राज्‍यों में बढ़ी है। लॉ एंड ऑर्डर के प्रति उनकी नीतियों और माफियाराज के विरुद्ध उनके जीरो टॉलरेंस वाले रवैये से जनता काफी खुश नजर आ रही है। इसी को देखते हुए सीएम योगी को इस बार भी पार्टी ने स्‍टार प्रचारकों की सूची में श‍ामिल किया है।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, 11 जवान शहीद

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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बड़ा हमला किया है। नक्सलियों ने अरनपुर में आईडी ब्लास्ट किया है। इस ब्लास्ट में 11 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद हुए जवानों में 10 डीआरजी (ज़िला रिजर्व गार्ड) के जवान और एक ड्राइवर है।

मिल रही आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, ’26 अप्रैल को दंतेवाड़ा जिला के अरनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत माओवादी कैडर की मौजूदगी की सूचना पर दंतेवाड़ा से डीआरजी बल नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना किया गया था। जो अभियान के बाद वापस लौट रहे थे। इसी दौरान माओवादियों द्वारा अरनपुर मार्ग पर आईईड़ी विस्फोट किया गया। जिससे अभियान में शामिल 10 डीआरजी जवान और 1 ड्राइवर शहीद हुए हैं।

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ये बहुत ही दुखद है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। ये लड़ाई अंतिम दौर में चल रही है और नक्सलियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। हम योजनाबद्ध तरीके से नक्सलवाद को खत्म करेंगे।

इस हमले को लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर जानकारी ली है। उन्होंने सीएम बघेल को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।राज्य सरकार जो भी मांग करेगी, हम देने को तैयार हैं।

’एफआईआर से पहले जांच की जरुरत है’,महिला पहलवानों के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट से बोली दिल्ली पुलिस

#supreme_court_wrestlers_protest 

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत है। दरअसल भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर देश के दिग्गज पहलवान प्रदर्शन पर बैठे हैं। जिसको लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख करते हुए याचिका दार की है। जिस पर गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत एक्शन लिया और दिल्ली सरकार एवं दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा की पीठ को दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि सीधे एफआईआऱ दर्ज की जानी है तो ऐसा किया जा सकता है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा, प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि एफआईआऱ दर्ज किए जाने से पहले प्रारंभिक जांच किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा कायम न होने दें कि कोर्ट के कहने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पीठ ने मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया और कहा कि दिल्ली पुलिस 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका पर सुनवाई के दौरान एफआईआर दर्ज करने को लेकर अपने विचार रख सकती।शुक्रवार को दिल्ली पुलिस अपना जवाब दाखिल करेगी। उसी दिन सुप्रीम कोर्ट आगे की सुनवाई करेगा। 

इससे पहले शीर्ष अदालत ने सात महिला पहलवानों की याचिका पर मंगलवार को दिल्ली पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया था। न्यायालय ने महिला पहलवानों द्वारा लगाये गये यौन उत्पीड़न के आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा था कि इस पर उसे (न्यायालय) को विचार करने की जरूरत है।

चंडीगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रकाश सिंह बादल का अंतिम दर्शन कर दी श्रद्धांजलि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को चंडीगढ़ पहुंचकर पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि दी। मोदी चंडीगढ़ एयरपोर्ट से सीधे सेक्टर-28 स्थित शिरोमणि अकाली दल के कार्यालय पहुंचे। जहां दिवंगत बादल का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन को रखा गया था। पीएम मोदी जब प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे तो उस दौरान उनके साथ हरियाणा के सीएम मनोहर सिंह खट्टर और अन्य बड़े नेता मौजूद थे।

इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश सिंह बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि बेहद दुखी हूं। प्रकाश सिंह बादल भारतीय राजनीति की विराट हस्ती और उल्लेखनीय नेता थे। जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया व कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।

पीएम मोदी ने मंगलवार रात ट्वीट कर कहा था कि प्रकाश सिंह बादल का निधन मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। मैंने कई दशकों तक उनके साथ निकटता से बातचीत की है और उनसे बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा, “मुझे हमारी कई बातचीत याद आती हैं, जिसमें उनकी बुद्धिमत्ता हमेशा स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।”

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री बादल के पार्थिव शरीर को आज सुबह करीब 10 बजे सेक्टर 28 स्थित शिरोमणि अकाली दल के हेडक्वार्टर लाया गया। इसके बाद दोपहर 12 बजे तक उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। फिर अंतिम यात्रा चंडीगढ़ से शुरू होकर पंजाब के मुक्तसर साहिब स्थित बादल परिवार के पैतृक गांव बादल पहुंचेगी और कल (27 अप्रैल) दोपहर 1 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक को एक सप्ताह पहले मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को उनका निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।

”विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है,” सौराष्ट्र तमिल संगमम के समापन समारोह में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सौराष्ट्र-तमिल संगमम में वर्चुअली शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस दौरान श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमप्रशस्ति’ पुस्तक का विमोचन किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘मैं गद-गद हृदय से आज तमिलनाडु से आए अपनों के बीच वर्चुअली उपस्थित हूं।

भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है-पीएम मोदी

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे पास 2047 के भारत का लक्ष्य है। हमें देश को आगे लेकर जाना है लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे। भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सौराष्ट्र और तमिलनाडु का साझा इतिहास हमें यह भरोसा देता है। आज आजादी के अमृतकाल में हम सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे सांस्कृतिक आयोजनों की एक नई परंपरा के गवाह बन रहे हैं। ये संगम नर्मदा और वैगई का संगम है। ये संगम डांडिया और कोलाट्टम का संगम है। भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है।

विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी ये विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत को सांस्कृतिक टकराव पर नहीं, बल्कि तालमेल पर बल देना है।हम जानते हैं कि अलग-अलग धाराएं जब साथ आती हैं तो संगम का सृजन होता है। हम इन परंपराओं को सदियों से बढ़ावा देते आए हैं। संघर्षों को नहीं संगमों और समागमों को आगे बढ़ाना है। हमें भेद नहीं खोजने, बल्कि भावनात्मक रिश्ते बनाने हैं। यही भारत की वो अमर परंपरा है जो सबको साथ लेकर समावेश के साथ आगे बढ़ती है, सबको स्वीकार कर आगे बढ़ती है।

भारत ऐसा देश जो विविधता का भी जश्न मनाता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो विविधता का जश्न मनाता है। हम विभिन्न भाषाओं, विभिन्न कलाओं, विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और रीति-रिवाजों का जश्न मनाते हैं। हमारा देश उनकी आस्था से लेकर आध्यात्मिकता तक विविधता को समाहित करता है और उसका जश्न मनाता है। उन्होंने कहा कि हम सदियों से ‘संगम’ की परंपरा का पोषण करते आ रहे हैं।

विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है,” सौराष्ट्र तमिल संगमम के समापन समारोह में बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सौराष्ट्र-तमिल संगमम में वर्चुअली शामिल हुए। पीएम मोदी ने इस दौरान श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमप्रशस्ति’ पुस्तक का विमोचन किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘मैं गद-गद हृदय से आज तमिलनाडु से आए अपनों के बीच वर्चुअली उपस्थित हूं।

भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है-पीएम मोदी

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारे पास 2047 के भारत का लक्ष्य है। हमें देश को आगे लेकर जाना है लेकिन रास्ते में तोड़ने वाली ताकतें और भटकाने वाले लोग भी मिलेंगे। भारत कठिन से कठिन हालातों में भी कुछ नया करने की ताकत रखता है।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सौराष्ट्र और तमिलनाडु का साझा इतिहास हमें यह भरोसा देता है। आज आजादी के अमृतकाल में हम सौराष्ट्र-तमिल संगमम् जैसे सांस्कृतिक आयोजनों की एक नई परंपरा के गवाह बन रहे हैं। ये संगम नर्मदा और वैगई का संगम है। ये संगम डांडिया और कोलाट्टम का संगम है। भारत विविधता को विशिष्टता के रूप में जीने वाला देश है।

विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी ये विविधता हमें बांटती नहीं है, बल्कि हमारे बंधन को मजबूत बनाती है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत को सांस्कृतिक टकराव पर नहीं, बल्कि तालमेल पर बल देना है।हम जानते हैं कि अलग-अलग धाराएं जब साथ आती हैं तो संगम का सृजन होता है। हम इन परंपराओं को सदियों से बढ़ावा देते आए हैं। संघर्षों को नहीं संगमों और समागमों को आगे बढ़ाना है। हमें भेद नहीं खोजने, बल्कि भावनात्मक रिश्ते बनाने हैं। यही भारत की वो अमर परंपरा है जो सबको साथ लेकर समावेश के साथ आगे बढ़ती है, सबको स्वीकार कर आगे बढ़ती है।

भारत ऐसा देश जो विविधता का भी जश्न मनाता है-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो विविधता का जश्न मनाता है। हम विभिन्न भाषाओं, विभिन्न कलाओं, विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और रीति-रिवाजों का जश्न मनाते हैं। हमारा देश उनकी आस्था से लेकर आध्यात्मिकता तक विविधता को समाहित करता है और उसका जश्न मनाता है। उन्होंने कहा कि हम सदियों से ‘संगम’ की परंपरा का पोषण करते आ रहे हैं।

दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली, दिल्ली फायर सर्विस का कहना है की जांच चल रही है।

सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की बम डिस्पोजल टीम और लोकल पुलिस को तैनात किया गया है। फिलहाल कोई भी संदिग्ध चीज नहीं मिली है। जांच जारी है: राजेश देव, DCP साउथ ईस्ट, दिल्ली

करीब 9 बजे के पास मेल आई। अभी पुलिस ने जांच कर ली है और क्लीयरेंस दे दिया है। अभिभावकों को कहा गया है कि वे अपने बच्चों को लेकर जा सकते हैं। यह एक फर्जी कॉल थी, इसकी जांच की जा रही है: गौरव सैनी, SDM, डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली

दिल्ली मेयर चुनावः बीजेपी ने वापस लिया उम्मीदवार का नाम, निर्विरोध मेयर चुनी गईं आप की शैली ओबेरॉय

#delhi_mayor_election

दिल्ली एमसीडी मेयर के लिए आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय को दोबारा चुना गया है। डिप्टी मेयर पद पर भी आप प्रत्याशी को चुन लिया गया है। चुनाव के लिए वोटिंग शुरू होने से पहले ही मेयर पद के लिए बीजेपी उम्मीदवार शिखा राय और डिप्टी मेयर के लिए सोनी पांडेय ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय को सर्वसम्मति से दिल्ली एमसीडी का मेयर चुना गया, जबकि आले मोहम्मद इकबाल को डिप्टी मेयर चुना गया।

पिछली बार राजधानी दिल्ली के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में जिस तरह का बवाल हुआ था, उस तरह का बवाल इस बार सदन में दिखाई नहीं दिया। मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव शांतिप्रिय तरीके से संपन्न हो गया। इसकी शुरुआत तब हुई जब दिल्ली में मेयर चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार शिखा राय ने अपना नाम वापस लिया।बुधवार को मेयर चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के चंद मिनटों बाद ही बीजेपी ने मेयर और डिप्टी मेयर दोनों की उम्मीदवारी वापस ले ली।बीजेपी प्रत्याशी का नाम वापस लेने के बाद पीठासीन अधिकारी मुकेश गोयल ने डॉ शैली ओबेरॉय को मेयर घोषित कर दिया।

मेयर शैली ओबरॉय अपनी चेयर पर लौटीं। उन्होंने सभी पार्षदों, मनोनीत एमएलए को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हमें एक बार फिर से मौका देने के लिए सबको धन्यवाद, हम सब मिलकर दिल्ली के पार्कों सड़कों को सुंदर बनाएंगे।