सूडान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू, पोर्ट पहुंचे 500 भारतीय

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अफ्रीकी देश सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए सरकार ऑपरेशन कावेरी चला रही है। जिसके तहत 500 भारतीय पोर्ट सूडान पहुंच गए हैं।इस संबंध में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने जानकारी दी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बचाव अभियान की ट्वीट कर जानकारी दी। विदेश मंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन के तहत करीब 500 भारतीय नागरिक सूडान के पोर्ट पर पहुंचे हैं जबकि अभी कुछ नागरिक रास्ते में हैं। उन्होंने कहा कि सूडान में फंसे प्रत्येक भारतीय की मदद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।हमारे विमान और शिप उन्हें वापस लाने के लिए तैयार हैं।

इस बीच जानकारी मिली है कि फ्रांसीसी वायु सेना की उड़ान के जरिए पांच भारतीय नागरिकों को सूडान से बाहर निकाला गया है। फ्रांस के राजनयिक सूत्र ने इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि तीन उड़ानों के जरिए करीबन 500 लोगों को जिबूती में फ्रांस के सैन्य अड्डे पर लाया गया है। इन लोगों में भारतीय के साथ ही 28 से अधिक अन्य राष्ट्रीयताओं के लोग शामिल हैं।

बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कल जानकारी दी थी कि जेद्दाह में पहले ही इंडियन एयर फोर्स के दो विमान और सूडान के पोर्ट पर आईएनएस सुमेधा की तैनाती कर दी गई थी। सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए अगर किसी इमरजेंसी सिचुएशन का भी सामना करना पड़ा तो भारत सरकार उसके लिए भी तैयार है, क्योंकि प्लानिंग पहले ही बना ली गई है।

सरकार ने शुक्रवार को कहा था कि वह सूडान में विभिन्न स्थानों पर मौजूद 3,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा पर अभी ध्यान दे रही है। शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूडान से भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आकस्मिक योजनाओं की तैयारी के लिए निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि सूडान में, वहां की सेना और एक अर्द्धसैनिक समूह के बीच पिछले 10 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

विपक्षी एकता की कवायद में नीतीश कुमार ने बढ़ाया एक और कदम, बंगाल में सजी सियासी बिसात, जानें ममता बनर्जी से मुलाकात में क्या हुई बात

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लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री लगातार प्रयासरत हैं। पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे र राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बंगाल मे सियासी बिसात सजी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सोमवार को कोलकाता पहुंचे। कोलकाता में दोनों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक की। यह बैठक राज्य सचिवालय नबान्न में हुई।बैठक में तीनों नेताओं के बीच विपक्षी एकता को मजबूत करने पर बात हुई। 

क्या बोले नीतीश कुमार?

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नीतीश ने कहा- हम लोगों की अच्छी और पॉजिटिव बातचीत हुई है। नीतीश कुमार ने कहा कि अब पता नहीं, ये(भाजपा) इतिहास बदल देंगे या क्या कर देंगे? सभी को सतर्क होना है, इसलिए हम सभी के साथ बातचीत कर रहे हैं। आवश्यकता अनुसार हम भविष्य में अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे।

ममता बोलीं-हम चाहते हैं बीजेपी जीरो हो जाए

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हम चाहते हैं कि जो बीजेपी हीरो बनी फिर रही है, वो आने वाले चुनाव में जीरो हो जाए। ममता ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। ममता बनर्जी ने कहा, मैंने नीतीश जी से यही अनुरोध किया है कि जयप्रकाश जी का आंदोलन बिहार से हुआ था तो हम भी बिहार में ऑल पार्टी मीटिंग करें। हमें एक संदेश देना है कि हम सभी एक साथ हैं। मैंने तो पहले ही कह दिया है कि मुझे इससे कोई एतराज नहीं है।

नीतीश-ममता की मुलाकात है खास

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश और तेजस्‍वी के साथ ममता की मुलाकात को सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है। संभव है कि लोकसभा चुनाव में पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर ममता के साथ नीतीश कुमार की बातचीत काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। विपक्षी एकता को एकजुट करने के लिए नीतीश काफी प्रयासरत हैं। अगर उनकी ये कोशिश कामयाब होती है तो बीजेपी के लिए मुश्किल आगामी चुनाव में जीत का रास्ता कठिन हो जाएगा।

अखिलेश से भी मुलाकात के आसार

जानकारी यह भी मिली है कि ममता से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार सीधे लखनऊ जाकर अखिलेश यादव से मिलेंगे। इससे पहले पिछले महीने ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कोलकाता के कालीघाट में ममता से मुलाकात की थी। बैठक में, दोनों नेताओं ने कांग्रेस से दूरी बनाए रखने और 2024 के चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय ताकतों की एकता पर फोकस करने पर सहमति व्यक्त की थीं।

पंचायती राज्य सम्मलेनःपीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा, कहा- जिस दल की सरकार ने सबसे ज्यादा समय तक शासन किया, उसी ने गांवों का भरोसा तोड़ा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मध्यप्रदेश के रीवा जिले में राष्ट्रीय पंचायती दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। पीएम मोदी ने रीवा के एस.ए.एफ ग्राउंड में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में रिमोट दबाकर पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए बनाए गए एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही पीएम मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर प्रधानमंत्री समावेशी विकास विषय पर आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तहत एकीकृत राष्ट्रीय लांच और एकम समावेशी विकास वेबसाइट और मोबाइल ऐप का शुभारंभ कियाष

कांग्रेस ने गांवों का भरोसा तोड़ा-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने शिवराज सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए छिंदवाड़ा के विकास की बात करते हुए कमलनाथ पर निशाना साधा। वहीं, कांग्रेस को घेरते हुए पीएम ने कहा कि जिस दल की सरकार ने देश में सबसे ज्यादा समय तक शासन किया। उसने ही गांवों का भरोसा तोड़ दिया।

90 के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति हुई-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि पूज्य बापू कहते थे भारत की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन कांग्रेस ने गांधी के विचारों को भी अनसुना किया। आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया। जो व्यवस्था सैकड़ों वर्ष, हजारों वर्ष पहले से थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आजादी के बाद भरोसा ही नहीं किया गया।90 के दशक में पंचायती राज के नाम पर खानापूर्ति की, ध्यान नहीं दिया। 2014 के बाद से देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया। आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं। आज भारत की पंचायतें गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं।

2 लाख से अध‍िक पंचायतों तक ऑप्ट‍िकल फाइबर की सुव‍िधा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले पंचायतों के ल‍िए व‍ित्त आयोग का अनुदान 17 हजार करोड़ से कम था। क्या इतनी कम राश‍ि से इतना बड़ा देश और इतनी सारी पंचायतों काम कर पाती। 2014 में हमारी सरकार आने के बाद पंचायतों को म‍िला ये अनुदान 2 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है। पहले की सरकार ने ग्राम पंचायतों तक ऑप्ट‍िकल फाइबर पहुंचाने की योजना शुरू की थी, लेकि‍न उस योजना के तहत 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्ट‍िकल फाइबर से जोड़ा गया था, वह भी शहर के पास वाली पंचायतों तक ये सुव‍िधा थी, लेक‍िन हमारी सरकार ने 2 लाख से अध‍िक पंचायतों तक ऑप्ट‍िकल फाइबर की सुव‍िधा दी है।

सरकार की योजना को पूरा करने के ल‍िए पंचायतें पूरी न‍िष्ठा से काम कर रही- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 30 लाख पंचायती प्रत‍िन‍िध‍ि वर्चुअली जुड़े हुए हैं। ये न‍िश्च‍ित रूप से भारत के लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर है। हम सभी जनता के प्रत‍िन‍िध‍ि हैं। हम सभी देश और लोकतंत्र के ल‍िए समर्पि‍त हैं। काम के दायरे भले ही अलग हों, लेक‍िन लक्ष्य जनसेवा से राष्ट्र सेवा का एक ही है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे खुशी है कि‍ गांव और गरीब का जीवन आसान बनाने के ल‍िए कई योजनाएं केंद्र सरकार ने बनाई है उन्हें पूरा करने के ल‍िए पंचायतें पूरी न‍िष्ठा से जमीन पर उतार रही हैं।

अतीक-अशरफ हत्याकांड मामले में स्वतंत्र जांच की मांग, सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को करेगा सुनवाई

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प्रयागराज में पुलिस की कस्टडी में माफिया भाइयों अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच की भी मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दायर की है। इस याचिका में उत्तर प्रदेश में साल 2017 के बाद से हुए 183 हुए एनकाउंटरों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग भी की गई है। जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमिटी से कराने की मांग की गई। तिवारी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले को 28 अप्रैल को लिस्ट करने के निर्देश दिए।जजों के कोविड से प्रभावित होने की वजह से सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया था जिसके बाद मामले पर सुनवाई के विए 24 अप्रैल की तारीख तय की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते जल्द सुनवाई की मांग पर इस याचिका को 24 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को कहा था। लेकिन सोमवार को मामला सूचीबद्ध नहीं हुआ।

पूर्व आईपीएस ने भी की जांच की मांग

पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटिशन दाखिल करके अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या मामले की सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अमिताभ ठाकुर ने याचिका में कहा है कि 'भले ही अतीक अहमद और उसका भाई अपराधी हों मगर जिस तरह से उनकी हत्या हुई, उससे इस घटना के राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है।

पुलिस-प्रशासन सवालों के घेरे में

बता दें, माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तीन हमलावरों ने 18 राउंड फायरिंग करके दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तीनों आरोपियों की पहचान लवलेश, सनी सिंह और अरुण मौर्य के तौर पर हुई थी।जब अतीक और अशरफ की हत्या की गई, उस समय उनको एक साथ एक हथकड़ी में बांधकर रखा गया था। वे अस्पताल के परिसर में कुछ पत्रकारों के सवालों को जवाब दे रहे थे, तभी खुद को पत्रकारों के रूप में पेश करने वाले तीन लोगों ने दोनों माफिया भाइयों के बहुत करीब से गोली मार दी। इससे पहले झांसी में 13 अप्रैल को अतीक के बेटे असद और उसके एक साथी को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। असद को दफनाए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर पूर्व सांसद अतीक और उसके भाई की भी हत्या कर दी गई।

फर्जी SMS और लिंक के जरिए हो रहा ऑनलाइन फ्रॉड, पढ़ लीजिए इस बड़े सरकारी बैंक ने ग्राहकों के लिए जारी किया अलर्ट


देश के सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक की ओर से फ्रॉड को लेकर एक अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें बैंक के नाम पर फर्जी लिंक से बचने की सलाह दी गई है। बैंक की ओर से सोशल मीडिया पर इसके लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है।

पंजाब नेशनल बैंक की ओर से एक ट्वीट कर ग्राहकों से कहा गया कि 'पीएनबी 130 एनीवर्सरी गवर्नमेंट फाइनेंशियल सब्सिडी' नाम से एक मैसेज सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा है। इस तरह के जाली मैसेज ग्राहकों को सावधान रहना चाहिए।

बैंक ने जारी किया बयान

पीएनबी की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस तरह के जाली मैसेज के जरिए जालसाज पीएनबी ब्रांड के नाम का उपयोग करके लोगों के साथ अलग-अलग तरह के फ्रॉड करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के चोरी और जालसाजी करने के पिछले दिनों कुल मामले आए हैं।

बैंक ने ग्राहकों को इसे लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर सोशल मीडिया पर इस तरह से फ्रॉड को अंजाम दिया जा रहा है।

बैंक ग्राहकों से कहा है कि किसी भी तरह की निजी जानकारी जैसे बैंक खाते, नेट बैंकिंग के पासवर्ड, डेबिट कार्ड नंबर फोन कॉल या फिर ईमेल पर नहीं देनी है, चाहे ये जानकारियां बैंक के कर्मचारी की ओर से ही क्यों न मांगी जा रही हो।

पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, पीएनबी देश का पहला स्वदेशी बैंक है। बैंक की स्थापना 12 अप्रैल 1895 को हुई थी। बैंक की शुरुआत से लेकर अब तक पीएनबी में 9 बैंकों का विलय और एकीकृत किया गया है।

तो क्या कुछ ही दिन की मेहमान है महाराष्ट्र में शिंदे सरकार? सुप्रीम कोर्ट में ये केस बना ठाकरे गुट की उम्मीद, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

महाराष्ट्र की सियासी फिजा बदली-बदली सी लग रही है। बीते साल राज्य की सत्ता गंवाने वाली शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं के सुर अलग नजर आ रहे हैं। पहले संजय राउत और अब उद्धव ठाकरे... पार्टी के कद्दावर नेताओं का दावा है कि राज्य की मौजूदा एकनाथ शिंदे सरकार कुछ ही दिन की मेहमान है।

शिंदे सरकार का 'डेथ वारंट' जारी

संजय राउत ने तो ये भी कह दिया था कि अगले 15-20 दिनों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि शिंदे सरकार का 'डेथ वारंट' जारी हो चुका है। संजय राउत ने इसी रविवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, "उनकी पार्टी अदालत के आदेश का इंतजार कर रही है और उम्मीद कर रही है कि न्याय होगा।"

कभी भी हो सकते हैं चुनाव

संजय राउत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी दावा किया है कि राज्य में कभी भी चुनाव हो सकते हैं और उनकी पार्टी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है। उद्धव ने महाराष्ट्र में इसी रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव कभी भी हो सकते हैं, आज भी हम तैयार हैं।

संजय, उद्धव के बयान का आधार क्या?

शिवसेना (यूबीटी) नेता लगातार शिंदे सरकार के गिरने के दावे कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी इस वक्त साइलेंट मोड पर है। राज्य में जल्द चुनाव के दावे के पीछे की वजह है सुप्रीम कोर्ट में एक केस। दरअसल, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगले सप्ताह तक आने की उम्मीद है। कोर्ट के फैसले के बाद ही साफ होगा की मौजूदा सरकार अगले चुनाव से पहले ही जाएगी या अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होगी।

सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा विधायकों की वैधता पर फैसला

गौरतलब है कि बीते साल जून में महाविकास आघाड़ी की सरकार जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों की सदस्यता की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। यदि संविधान पीठ के फैसले में इन 16 विधायकों की सदस्यता को अवैध ठहराया जाता है तो अभी चल रही एकनाथ शिंदे सरकार खतरे में पड़ सकती है।

अतीक अहमद मामला, साथ-साथ हैं शाइस्ता, आयशा व गुड्डू मुस्लिम! बढ़ सकती है इनाम की राशि

उमेश पाल हत्याकांड के बाद फरार 50 हजार रुपये की इनामी शाइस्ता परवीन और पांच लाख रुपये के इनामी गुड्डू मुस्लिम को एसटीएफ खोज रही है। शाइस्ता के सरेंडर की आशंकाओं के बीच चर्चा यह भी है कि अतीक की बीवी शाइस्ता, उसकी बहन आयशा और गुड्डू बमबाज साथ-साथ हैं।

शाइस्ता व गुड्डू हैं साथ-साथ

हालांकि इस पर बहुत से लोगों का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है पुलिस अधिकारी भी इस पर खुलकर नहीं बोल रहे हैं। एसटीएफ दोनों की लोकेशन के लिए हर तरह के प्रयास कर रही है। शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम यूपी एसटीएफ के लिए मोस्ट वांडेट हैं। फरार तो अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा, बहन आयशा नूरी और दो भांजियों समेत शूटर अरमान व साबिर भी हैं, लेकिन ज्यादा जोर शाइस्ता तथा गुडडू की गिरफ्तारी पर है।

शाइस्ता जानती है माफिया के कई राज

वजह ये कि शाइस्ता माफिया अतीक की पत्नी होने की वजह से उसके तमाम राज जानती है। वह अतीक से मिलने साबरमती जेल जाती रही है। देश भर में फैली बेनामी संपत्तियों के बारे में भी उसे पता है। साथ ही उमेश पाल हत्याकांड की साजिश की बैठकों में शुरू से शामिल रही है। वह इस कांड के तमाम पहलुओं के बारे में जानती है। उससे पूछताछ करने पर बहुत सी जानकारियां पुलिस के सामने आएंगी।

गुड्डू मुस्लिम जानता है कई राज

गुड्डू मुस्लिम भी अतीक गिरोह का सबसे पुराना आदमी है। वह राजू पाल हत्याकांड से लेकर उमेश पाल हत्याकांड तक अतीक गैंग में बना रहा है। सबसे ज्यादा अनुभवी है। अतीक के जेल में बंद होने पर वह शाइस्ता और बेटों के लिए गाइड की तरह काम कर रहा था। अतीक और अशरफ की गैर मौजूदगी में गुड्डू ही शाइस्ता का साथ दे रहा था।

कहा जा रहा है कि कत्ल की साजिश में भी उसने अपना अनुभव उड़ेला। ऐसे में इस बात की संभावना है कि वह शाइस्ता और आयशा नूरी के साथ ही कहीं हो। संभव है कि किसी एक जगह पर शाइस्ता, आयशा नूरी, उसकी दोनों बेटियां और गुड्डू मुस्लिम भी हो। मगर यह जगह प्रयागराज से बाहर होगी।

गुड्डू मुस्लिम पर संदेह की बात उठने के बाद ही साथ होने की बात कमजोर दिखने लगी वर्ना अब तक गुड्डू को अतीक का सबसे खास आदमी ही माना जाता रहा है।

शाइस्ता पर बढ़ सकती है इनाम की राशि

फरार शाइस्ता की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाने की तैयारी शाइस्ता की गिरफ्तारी पर इनाम बढ़ाने की तैयारी है। उस पर उमेशपाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। शाइस्ता पर 50 हजार रुपये का इनाम है जिसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा सकता है। फरार तीन शूटरों गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम रखा गया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, 'मोदी सरनेम' मामले में पेशी से मिली छूट


राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मोदी सरनेम के मामले में राहुल गांधी को राहत देते हुए हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। फिलहाल उन्हें पेशी के लिए बिहार नहीं आना पड़ेगा।

पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है। राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर दिये बयान पर पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 25 अप्रैल को कोर्ट में हाज़िर होने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट द्वारा लगाये गई रोक के बाद उन्हें 25 अप्रैल को हाज़िर नहीं होना पड़ेगा।

सुशील मोदी ने दर्ज कराया था मानहानि का केस

बता दें कि राहुल के बयान 'इन सारे चोरों का नाम मोदी क्यों है' पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने 2019 में उनपर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है।

इसी मामले में पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता को 25 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था। राहुल गांधी की तरफ से पटना हाईकोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर एमएलए-एमपी कोर्ट द्वारा पेश होने के आदेश को रद करने की मांग की गई थी। राहुल गांधी के अधिवक्ता अंशुल ने इस मामले की त्वरित सुनवाई की गुहार भी लगाई थी।

सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई दो साल की सजा

उल्लेखनीय है कि मोदी सरनेम पर बयान के बाद सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। इस मामले में 23 मार्च 2023 को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसके बाद राहुल की लोकसभा सांसद सदस्यता रद कर दी गई।

कोरोना संक्रमण के मामले में मामूली राहत, पिछले 24 घंटे में 7 हजार नए केस, 69 दिन बाद सबसे कम एक्टिव केस

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भारत में कोरोना वायरस के नए मामलों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। इस बीच आज कोरोना संक्रमण के मामलों में थोड़ी राहत देखी गई है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले 24 घंटे में देश में 7,178 नए मामले सामने आए है। इससे पहले रविवार को कोरोना के 10,112 नए केस आए थे।कल की तुलना में आज 2,934 नए मामले कम आए। वहीं, शनिवार को 12,193 नए केस मिले थे। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत में बीते 24 घंटे में रविवार को 7,178 नए कोरोना वायरस संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं।देश में कुल 16 कोरोना मरीजों की मौत हुई है। इन 16 मौतों के साथ देश में कोविड से मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,31,345 हो गई है, जिनमें से आठ का मिलान केरल से किया गया है।

सक्रिय मामलों की संख्या 69 दिनों के बाद कम

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सक्रिय मामलों की संख्या 69 दिनों के बाद कम हो गई है।कोरोना के नए मामलों में करीब 3 हजार की गिरावट के बीच देश में एक्टिव केस की संख्या में भी कमी आई है। देश में 69 दिन बाद कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या में गिरावट आई। अभी 65,683 एक्टिव केस चल रहे हैं जबकि एक दिन पहले यह संख्या 67,806 थी।

केंद्र ने राज्य सरकारों को लिखा पत्र

केंद्र द्वारा शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र सहित आठ राज्यों को कड़ी निगरानी रखने और संक्रमण के किसी भी उभरते प्रसार को नियंत्रित करने के लिए चिंता के किसी भी क्षेत्र में पूर्वव्यापी कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, हरियाणा और दिल्ली को लिखे पत्र में उनसे किसी भी स्तर पर ढिलाई के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया है।

महा विकास अघाडी गठबंधन को लेकर शरद पवार का बड़ा बयान,कहा-एमवीए कल हों या न हों, ये पता नहीं

#sharadpawaronmaharashtravikasaghadialliance

महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हलचल बढ़ गई है।खासकर एनसीपी नेता अजित पवार के हालिया रुख से महाराष्ट्र का राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। इसे और बढ़ाने का काम किया हैएनसीपी चीफ शरद पवार ने। शरद पवार ने शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा गठबंधन के बारे में भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा है कि आज महाविकास अघाड़ी गठबंधन (एमवीए) में हैं, कल हों या न हों, ये पता नहीं। इसके बाद राजनीति गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है। 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (उद्धव गुट) और कांग्रेस के बीच वाले अघाडी गठबंधन के भविष्य पर संकट दिख रहा है।पूर्व केंद्रीय मंद्री पवार ने रविवार को अमरावती में कहा, महाराष्ट्र में अघाड़ी है। हमारी इच्छा है कि हम साथ में काम करें, पर इच्छा से क्या होता है। आगे विधानसभा और लोकसभा चुनाव हैं। आगे अघाड़ी रहेगी या नहीं, इस पर चर्चा नहीं हुई।शरद पवार ने कहा, कई प्रक्रिया होती है। सीट बंटवारे का मुद्दा होता है। पार्टियों के विषय हैं तो अभी कैसे कह सकते हैं।

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को भी अपनी बात रखी थी। उन्होंने कहा था कि वह महसूस करते हैं कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीनों घटकों शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा को वर्ष 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ना चाहिए। हालांकि इस मुद्दे पर फैसला पार्टी और गठबंधन में शामिल घटकों के साथ बातचीत कर के ही लिया जाएगा।

संजय राउत ने कहा-महा विकास अघाड़ी रहेगी

वहीं, शरद पवार के बयान के बाद शिवसेना के उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा है कि अघाड़ी रहेगी और 2024 में हम साथ चुनाव लड़ेंगे। राउत ने कहा 'महा विकास अघाड़ी रहेगी। पवार साहब ने जो कहा है उस पर भी प्रयास किया जा रहा है। महाविकास अघाड़ी के प्रमुख नेता उद्धव ठाकरे और शरद पवार हैं। 2024 का विधानसभा चुनाव महाविकास अघाड़ी के साथ लड़ेंगे। उसमें शरद पवार की भूमिका पहले भी थी, आज भी है और आगे भी रहेगी।