सरायकेला ब्रेकिंग : जिला के गिद्दीबेड़ा जंगल से निकला विशाल ट्रस्कर हाथी ,मुख्य राज मार्ग पर यातायात बाधित

जिला के गिद्दीबेड़ा जंगल में विशाल ट्रस्कर हाथी निकलने से ,सरायकेला से चौका जाने वाले मुख्य राज मार्ग घंटो भर आवाजाही बंद रहा।

रास्ते में आने से गजराज बड़ी वाहन के साथ छोटी वाहन के राहिगीर डर के मारे सभी का हालत पंचर । कुछ ही देर के बाद गजराज कांड्रा जंगल की ओर चले गए ।

ब्रेकिंग/ बिजली की तार की चपेट में आने से हाइवा में लगी आग, बाल-बाल बचा चालक


 सरायकेला-खरसावां जिला के चौका थाना क्षेत्र अंतर्गत मुखिया होटल के समीप गैरेज में खड़ी हाइवा में बिजली की तार स्पर्श होने पर आग लग गई. घटना रविवार सुबह की है. जानकारी के अनुसार हाइवा चालक ने गैरेज के समीप 11 हजार वोल्ट की तार के नीचे डाला उठाकर हाइवा खड़ा कर दिया था.

 हाइवा खड़ा करके चालक नहाने के लिए गया था. उसी दौरान हवा के झोंके से 11 हजार वोल्ट की तार हाइवा से स्पर्श हुई और आग लग गई. हाईवा में आग जलते देखकर आस-पास के लोग जुटे और नजदीक के नाला से पानी लाकर आग को बुझाने का प्रयास करने लगे. 

सूचना पर दमकल पहुंचे और हाइवा में लगी आग को बुझा लिया. मौके पर पहुंची चौका पुलिस ने मामले की छानबीन भी की.

ब्रेकिंग/ कार के चक्का टूटने से दुर्घटना, घटनास्थल पर हीं हुई दो लोगों की मौत, दो घायल

चक्रधरपुर चाईबासा मार्ग एनएच 75 (ई) पर एक सड़क हादसा हो गया. इस हादसे में दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. 

जानकारी के अनुसार, झिंकपानी से कुछ लोग सराईकेला आ रहे थे. तभी बैंका गांव के पास उनकी कार का पिछला चक्का टूट गया, जिससे देवेंद्रनाथ कालिंदी और महिला मझला कालिंदी की मौत हो गई. जबकि साहबो कालिंदी और जितेन कालिंदी गंभीर रूप से घायल हो गए.

सरायकेला:चौका थाना क्षेत्र के मुखिया होटल स्थित एक गैरेज के पास खड़ी हाइवा में लगी अचानक आग मची अफरा तफरी।

सरायकेला :- चौका थाना क्षेत्र के मुखिया होटल स्थित एक गैरेज के पास खड़ी एक हाइवा में रविवार की सुबह करीब साढ़े सात बजे अचानक आग लग गई। देखते ही देखते हाइवा के टायर जलने लगे और अफरा-तफरी का माहौल बन गया ।  

कुछ ही देर पहले हाइवा खड़ी कर उसका चालक नहाने के लिए गया ही था कि हाइवा में आग लग गई। आसपास के लोगों ने हाइवा को जलते देख कर चौका थाना की पुलिस के अलावा बिजली विभाग और उसके मालिक को घटना की सूचना दी ।

सूचना मिलते ही चौका थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी । शॉट सर्किट से हाइवा में आग लगने से एक होने वाली एक बड़ी घटना टल गई। हाइवा का डाला उठाने के दौरान अगर बिजली की तार से डाला सट जाता तो वाहन पर सवार चालक व खलासी को नुकसान हो सकता था।

हालांकि इस घटना में हाइवा को नुकसान होने के अलावा कोई हताहत नहीं हुआ है।शॉट सर्किट से लगी आग

बताया गया कि बिजली की तार से सटने के कारण हाइवा में आग लग गई थी । हाइवा का चालक वाहन खड़ी करने के बाद उसका डाला उठाकर नहाने चला गया था ।

इसी क्रम में हवा के झोंके से निकट से गुजरी बिजली का तार हाइवा के डाला से सट गया । बिजली तार से सटने के कारण हाइवा में आग लग गई । बिजली कटने के बाद स्थानीय लोगों ने सामने से बहने वाले जुड़िया से बाल्टी में पानी लाकर आग को बुझाया और हाइवा को पूरी तरह से जलने से बचाया. इसके बाद दमकल वाहन मौके पर पहुंची।

दमकल वाहन ने भी पानी की बौछार कर पूरी तरह से आग पर काबू पाया. संयोग रहा कि सुबह के वक्त गैरेज में दूसरा कोई वाहन नहीं लगी थी. अन्य दिन उक्त गैरेज में वाहनों की भीड़ रहती है । अन्य वाहन रहने पर उसे भी नुकसान हो सकता था. ईद का त्योहार होने के कारण सभी गैरेज मिस्त्री घर गए हैं।

सरायकेला : अवैध महुआ शराब चुलाई व व्यापार बंद करने हेतु ग्रामीणों ने नीमडीह थाना प्रभारी से किया आग्रह, दहशत के जीवन जीने पर मजबूर ग्रामीण


सरायकेला :- जिला के नीमडीह थाना अंतर्गत बाड़ेदा पंचायत के बाड़ेदा गांव एवं आस-पास के क्षेत्र में देशी महुआ शराब की चुलाई ओर बिक्री का रोख लगाने साथ ही अवैध धंधा बंद करने के लिए ग्रामीणों ने नीमडीह थाना प्रभारी के नाम ज्ञापन दिया ।

ज्ञापन में लिखा गया है कि बाड़ेदा व आसपास क्षेत्र में अवैध देशी महुआ शराब की चुलाई खुलेआम चल रहा है। आये दिन शराब की बजह से पारिवारिक अशांति व मारपीट ग्राम में होता है। क्षेत्र के नवयुवक वर्ग इसकी लत में आ रहे हैं। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार आम बात हो गई है। 

ग्राम में स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय बाड़ेदा के निकट ही एक शराब की देशी भट्टी है जिसकी दुर्गध विद्यालयों में आती हैं। विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा भी कई बार इसकी शिकायत हम ग्रामीणों को ,की गई परन्तु अत्यंत खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि अवैध शराब की भट्टी चलाने वाले लोग दबंग किस्म के लोग है। 

हमलोग उससे उलझना नहीं चाहते हैं। इस क्षेत्र में चल रहे सभी शराब भट्टी के नेतृत्वकर्ता अजय दास बाड़ेदा के निवासी हैं। विद्यालय के निकट चल रहे अवैध शराब भट्टी भी इनका ही है। विगत कुछ माह में शराब के कारण 08 से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। शराब भट्टी में अधिक लकड़ी की आवश्यकता होती है जिसके कारण क्षेत्र के जंगल की कटाई खुले आम हो रही है। 

आज जब हम सभी ग्रामीण जागरुक होकर समाज में शांति एवं बच्चों को अच्छा संस्कार देना चाहते हैं तो कुछ दबंग व्यक्तियों के द्वारा अवैध शराब भट्टी चलाकर समाज को दुषित किया जा रहा है। हम सभी ग्रामीणों की ओर से निवेदन है कि उक्त कुकृत्य से संबंधित दंबग व्यक्तियों के उपर कठोर से कठोर कार्रवाई करने की कृपा किया जाय, ताकि समाज को बचाया जा सके। 

पत्र में पंचायत के मुखिया, ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य, सबिता सिंह, गुरुपद सिंह, नेपाल कर्मकार, अरुण कर्मकार, रामचंद्र दास, रेखा दास, मनु गोराई, अजय सिंह, गुलाप सिंह, गुरुबारी सिंह, सुषेण कर्मकार, कविता सिंह, गोपाल कर्मकार, अलका सिंह चंचला सिंह, प्रकाश सिंह आदि 197 महिला पुरुषों का हस्ताक्षर है।

सरायकेला:कोल्हान के एन एच 75 E चाईबासा से चलकर ओडिसा को जाने वाली सड़क पर धूल उड़ने से ग्रामीण परेशान

चाईबासा:- कोल्हान के एन एच 75 E चाईबासा से चलकर ओडिसा को जाने वाली सड़क पर ग्रामीण उड़ने वाली धूल से काफी परेशान है, इस सड़क से लगातार आयरन और लदी गाड़ियां चलती है जिससे आसपास के ग्रामीण धूल से परेशान है वर्ष 2016-17 से क्षेत्र में हो रहे गड्ढों के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है आए दिन सड़क दुर्घटनाएं भी होती है।

सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे और उड़ती धूल से जनता परेशान है बाल बार इनके द्वारा मांग की जाती रही है कि सड़क पर पानी का छिड़काव किया जाए मगर इस पर कोई ध्यान नहीं देता है जबकि इस रोड को निर्माण कराने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है और सड़क को बनाने का काम धीमी गति से शुरू हुआ है मगर लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द यहां कम से कम पानी का छिड़काव किया जा सके ताकि बच्चों को और लोगों को कोई दिक्कत ना हो लोग धूल पकने को मजबूर हो गए हैं।इन्हीं सभी मांगों को लेकर गीत लिपि चौक के पास ग्रामीणों ने nh75 को सुबह से ही जाम कर दिया। 

उनकी मांग है कि जल्द से जल्द कम से कम यहां पर छिड़काव किया जाए ताकि धूल उड़े इस जाम की वजह से चाईबासा से उड़ीसा जाने वाली सड़क पूरी तरह से बाधित हो गई है और प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को मनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि आवागमन में कोई तरह की दिक्कत ना हो मगर ग्रामीण इस बात पर अधिक है कि उन्हें उस क्षेत्र में धूल से निजात मिले तब जाकर ही वह कुछ आगे का निर्णय ले पाएंगे।

हालांकि सड़क निर्माण करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि और प्रशासन से जुड़े लोगों ने गांव वालों को समझाने का काफी प्रयास किया और उन्हें यह बात कही कि 2 दिन के अंदर उन्हें इस समस्या से निजात मिल जाएगी जल्द ही उनके क्षेत्र में पानी का छिड़काव होगा और रोड का काम चाईबासा से शुरू किया जाएगा।हालांकि अभी इसे हरिया से शुरू किया गया है क्योंकि इलीगढ़ा के पास रोड बनाने वाली कंपनी ने अपना सेटअप बैठाया है

सरायकेला:चांडिल अनुमंडल के अधीन विभिन्न जगहो पर स्थित मजिस्द, ईदगाह में नमाज अदा की गई।


सरायकेला :- जिला के चांडिल अनुमंडल के अधीन विभिन्न जगह पर पर स्थित मजिस्द, ईदगाह में नमाज अदा की गई।ईद पर्व बड़े धूम-धाम एवं हर्षोल्लास, भाईचारा के साथ मनाया गया। पुलिस प्रशासन विधि व्यवस्था नहीं बिगाड़े इसके पुरी चुस्त दुरुस्त व्यवस्था थी।

इसी क्रम नीमडीह थाना क्षेत्र के सिंदुरपुर,झिमड़ी , तिरूलडीह थाना के तिरूलडीह,चोड़ा, चांडिल थाना क्षेत्र चांडिल और कापली गांव में पवित्र माह ईद के उपलक्ष पर अलविदा नमाज अदा की गई।

झिमड़ी बस्ती मस्जीद ऐ आलीकारी रफीक रजा कादरी ने मजिस्द में नमाज अदा करऐ। मो.मुबारक मोमीन,अकीदत के साथ मनाया गया ईद का त्यौहार, देश की तरक्की के लिए मांगी गई दुआ कुकड़ू प्रखंड के चौड़ा ईदगाह, तिरुलडीह नूरी मस्जिद, ईचागढ़ के आमाडा, गौरांगकोचा, निमडीह के सिंदूरपूर मस्जिद एवं चांडिल मस्जिद में ईद उल फितर की नमाज अदा की गई। 

इस रोजेदारों ने मुल्क की सलामती व आपसी भाईचारा की डोर को मजबूत करने के लिए सामूहिक दुआ मांगी। इसके बाद एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। 

कई मस्जिद में जगह नहीं मिलने पर रोजदारों ने छत पर और आसपास की मस्जिदों में पहुंच कर नमाज अदा किया। ईद त्यौहार को लेकर लेकर जिला प्रशासन की ओर सुरक्षा का पुख्ता इंतेजाम किया था एवं सभी मस्जिदों व इदगाह के समीप पुलिस एवं दंडाधिकरियों को प्रतिनियुक्त किया गया था। 

इधर शांतिपूर्ण और भाईचारगी के साथ ईद का त्यौहार संपन्न कराने को लेकर अंजुमन इस्लामिया कमिटी,तिरुलडीह के सचिव असगर अली अंसारी ने सरायकेला-खरसावां पुलिस प्रशासन की पूरी तैयारी में थे।

गांव को समृद्ध बनाकर ही राज्य और देश का हो सकता है विकास : चंपई सोरेन

सरायकेला :– गांव को समृद्ध बनाकर ही राज्य और देश का विकास किया जा सकता है। महिला सखी मंडलों को ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी और सशक्त बनाने को लेकर सरकार प्रयासरत है। 

उक्त बातें मंत्री चंपई सोरेन ने गम्हरिया प्रखंड स्थित रापचा पंचायत के पदमपुर स्थित गम्हरिया आजीविका संसाधन केंद्र उद्घाटन के मौके पर कही।

झारखंड सरकार के ग्रामीण विभाग अंतर्गत जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) द्वारा संपोषित योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर पशुपालन, कृषि पालन की जानकारी प्रदान कर स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से सखी मंडल कार्यरत हैं। 

कार्यक्रम में मौजूद सखी मंडलों को स्वरोजगार से लेकर मार्केटिंग की जानकारी प्रदान की गई। इस मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने सखी मंडलों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी मूलवासीयों के विकास के साथ गांव को सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। जिसके तहत इन योजनाओं को संचालित किया जा रहा है। 

कार्यक्रम के दौरान मंत्री चंपई सोरेन ने डिस्टिक प्रोग्राम मैनेजर और ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर से सखी मंडलों के कार्यों की जानकारी प्राप्ति की मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया की योजनाएं केवल फाइलों तक सिमट के ना रहे बल्कि इनके प्रोग्रेस रिपोर्ट की भी समीक्षा की जाए, ताकि चल रहे सभी योजनाओं का भरपूर लाभ महिलाओं को मिले।

आजीविका संसाधन केंद्र उद्घाटन के मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने सखी मंडल की महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनके मानदेय बढ़ाने को लेकर प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वे मुख्यमंत्री से बात करेंगे ताकि मानदेय में बढ़ोतरी हो सके।उन्होंने कहा कि महिला स्वावलंबन के दिशा में बेहतर प्रयास होंगे ताकि यह क्षेत्र महिलाओं के लिए मिसाल बन सके। 

उद्घाटन समारोह में मंत्री के अलावा जिला परिषद सदस्य पिंकी मंडल, प्रखंड प्रमुख अनीता टूडू ,रापचा गांव की मुखिया सुखमति मार्डी, डुमरा की मुखिया पियो हांसदा, कांड्रा पंचायत मुखिया संकरी सिंह, दुग्धा पंचायत मुखिया मोहन बास्के समेत अन्य गणमान्य तिथि भी मौजूद रहे।

सरायकेला : दलमा सेंचुरी से हाथी कर रहे पलायन ,वन विभाग के सही प्रबंधन के अभाव में हो रहा यह समस्या

:सरायकेला : जिला के एक मात्र सेंचुरी चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्रफल में फैले हैं। जहां आसपास जल स्रोत है। 

भोजन की तलाश में हाथी की झुंड इस भीषण गर्मी में चले आते परंतु एक दो दिनों के बाद हाथी वापस फिर उसी राज्य में चले जाते हैं। विगत दो , तीन ,वर्षो से हाथी की झुंड दलमा सेंचुरी में देखने को नहीं मिल रहा है। 

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्षो से हाथी जंगल छोड़कर गांव की तरफ पहुंच जाते क्योंकि जंगल में पौष्टिक भोजन की कमी देखा गया । जंगल में प्रति वर्ष आग लगने के कारण से हाथी के खाने वाले पेड़ पौधे नष्ट हो जाते हैं । हाथी के भोजन में पौष्टिक आहार में गलगल का पेड़, डका का पेड़, चिहड़पात लता, पाजन का पेड़ ,आम पेड़ , साथ ही बांस की इस जंगलों में कमी हो गयी है।

जिसके कारण हाथी जंगल में घूमकर पलायन करते हैं सेंचुरी के रास्ते में हाथी द्वारा पेड़ पौधे गिराकर अवरोध कर देते जिसे पर्यटकों के लिए खतरा है ।जिसके लिए विभाग के पास से गाइड लेना जरूरी है नही तो खतरा होगा ।

एक दशक पूर्व इस जंगल को रॉयल बंगाल टाईगर बहुल क्षेत्र माना जाता था । आज इस सेंचुरी में भालू की कमी तेंदुआ पेड़ नही होने कारण लुप्त होते जा रहे हैं । भालू की प्रिय भोजन में केंदुआ पेड़ का फल , भूखू (दीमक कीड़ा) दोनो की कमी होने कारण भालू पलायन किया हे।

स्थानीय बाईला माझी ने बताया की 10 वर्षो से पहले रॉयल बंगाल टाईगर ,चिता , तेंदुआ भालू देखने को मिलता था ।अब के दर्शक में जंगल में आग लगना ओर पेड़ पौधे की कटाई और चोरी छुपे शिकार होने के कारण जंगल से हिरण और सुअर इस जंगल से विलुप्त होते देखा गया ।

कई प्रकार के वन्य पंछी भी दिखाई नही दे रहा है। पहले इस जंगल में विभिन्न प्रकार के प्रजाति देखने को मिलता था ।

 सुखलाल पहाड़िया ने बताया की दो तीन वर्षो से सेंचुरी से हाथी कर रहे पलायन । पश्चिम बंगाल छत्तीस गड़ झारखंड के कोने कोने हाथी पहुंचे है।और दो चार दिनों के बाद जंगल छोड़कर वापस चले जाते । प्रतिवर्ष सरकार वन एवं पर्यावरण विभाग को करोड़ों रुपया मुहैया कराते है।यह राशि जंगल और जंगली वन्य जीवजंतु की सुरक्षा के लिए मुहैय्या कराया जाता।

सेंचुरी में स्थानीय झारखंड राज्य के पर्यटक के साथ देश विदेश पश्चिम बंगाल उड़ीसा ,बिहार आदि राज्यों से पर्यटक दलमा सेंचुरी में वन्य जीव जंतु देखने पहुंचते हैं।

 दलमा गज परियोजना के नाम से जाना जाता आज घंटो भर घूमने के बाद किसी भी जलस्रोत में हाथी का झुंड देखने को नहीं मिला है।जिसे पर्यटक में मायूस देखा गया ।हाथी देखने लिए बड़का बाध,छोटका बांध, माझला बांध,निचला बांध, माकड़ जाल,चिपिंग धाड़ी,कोई जगह पर हाथी देखने लिए हाईडाउट, वॉच टावर बनाए गए जिसके अंदर घुसकर सुरक्षा होकर हाथी देखने का आनंद उठा पाए ।

दुर्घटना को आमंत्रण दे रहा है करोड़ों रुपया का टेंडर जारी करने वाला सरायकेला का लघु सिंचाई प्रमंडल का जर्जर कार्यालय भवन


सरायकेला: जिले के लघु सिंचाई विभाग के प्रमंडल कार्यालय का कार्यालय भवन जर्जर हो चला हैं। जो कभी भी बड़ी दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहा है।

 इस जर्जर भवन में हमेशा दुर्घटना का ख़तरा बना रहता हैं।प्रतिवर्ष अरबों रुपया के विकास योजनाओं का टेंडर इन्हीं कार्यालय से निकलता है। इस विभाग से मुख्यता लिफ्ट इरिगेशन से खेती, चेक डैम, तालाब का टेंडर जारी करता है ।

 परंतु भवन इतनी जर्जर है कि कभी भी किसी तरह के अनहोनी को रोका नहीं जा सकता। वहां कार्यरत कर्मचारी जान जोखिम में डालकर कार्य करने को मजबूर है। भवन का छत जगह-जगह से टूट कर गिर रहा है ।

 छत कब किस कर्मचारी के ऊपर टूट कर गिरे यह कहना मुश्किल है। वहीं इस संबंध में कार्यपालक अभियंता विजय प्रकाश ने बताया कि भवन निर्माण को लेकर पूर्व के पदाधिकारियों ने कभी भी कोई पहल नहीं की परंतु मेरे आने के बाद भवन निर्माण को लेकर विभागीय पदाधिकारी को पत्र द्वारा भवन की स्थिति एवं नव निर्माण को लेकर पत्राचार किया गया है।