आज अपने सरकारी बंगला की चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंप देंगे,राहुल गांधी,अब नया ठिकाना होगा मां का बंगला
नई दिल्ली, राहुल गांधी आज अपने 12 तुगलक रोड की चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंप देंगे। मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने व संसद सदस्यता रद्द किये जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकारी बंगले से शुक्रवार को ही अपना सामान निकाल लिया था ।
अब नया ठिकाना मां सोनिया का बंगला होगा
जानकारी के अनुसार पिछले 14 अप्रैल को हीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने सरकारी आवास स्थित कार्यालय को स्थानांतरित कर दिया था। वह दो दशक से 12 तुगलक रोड पर रह रहे थे। राहुल गांधी अब अपनी मां सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ में रहेंगे।
मानहानि मामले में 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा
बता दें कि 23 मार्च को सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत ने भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद लोकसभा सचिवालय से उन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए 22 अप्रैल का समय देते हुए नोटिस जारी किया था। कुछ साल पहले एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा से भी लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली कराने को कहा गया था। राहुल ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक की जनसभा में कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?
सत्र अदालत ने भी खारिज कर दी राहुल की याचिका
इससे पहले, सूरत की सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगेरा की अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की राहुल की याचिका को खारिज कर दिया। अगर दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जाती, तो उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो सकता था।
हाईकोर्ट में आदेश को देंगे चुनौती
राहुल के वकील किरीट पानवाला ने कहा कि सत्र अदालत के आदेश को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। निचली अदालत के 23 मार्च के आदेश के विरुद्ध उनकी अपील पर सुनवाई के लिए सत्र अदालत ने 20 मई की तारीख तय की है। पूर्णेश मोदी के वकील ने कहा कि कोर्ट ने राहुल की याचिका खारिज करने से पूर्व सभी पहलुओं पर विचार किया।
क्या कहा सत्र अदालत ने?
सीआरपीसी की धारा 389 (1) के तहत दोषसिद्धि को निलंबित/रोकने के लिए दी गई शक्ति को 'सावधानी के साथ' प्रयोग करने की आवश्यकता है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में कहा है। यदि ऐसी शक्ति का आकस्मिक व यांत्रिक तरीके से प्रयोग किया जाता है, तो न्याय प्रणाली को लेकर जनता के विचारों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।



Apr 22 2023, 14:22
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
2.0k