*भाजपा मिर्ज़ापुर जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर जमीन कब्जाने का आरोप, मुख्यमंत्री योगी से शिकायत पर की गई जांच*
मिर्जापुर- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर बीहड़ की जमीन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की गई है। शिकायत के बाद इस मामले की जांच की गई। जांच करके रिपोर्ट दी गई। रिपोर्ट देने के बाद पुनः रिपोर्ट को परिवर्तित किया गया, एक बार फिर रिपोर्ट प्रेषित की गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बीजेपी के जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह अध्यक्ष बनने के बाद जमीन पर कब्जा किये है। फिलहाल एसडीएम सदर व अन्य आलाधिकारी कुछ भी बोलने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है।
बुलडोजर चलने की मांग
सोशल मीडिया पर जहां बीजेपी जिलाध्यक्ष के समर्थक शिकायतकर्ता को घेरने में लगे हैं, तो वहीं लोग बीजेपी जिलाध्यक्ष के कार्यों की जांच की भी मांग करते हुए नजर आ रहे हैं। दबी जुबान से लोगों का कहना है कि सत्ता का लाभ उठाते हुए बीजेपी जिला अध्यक्ष ने स्वयं सहित अपने लोगों पर उपकार करने का कार्य किया है। जिनपर बाबा का बुलडोजर चलना चाहिए।
उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग
गौरतलब हो कि मिर्जापुर जिले के पड़री के चंदलेवा के रहने वाले प्रिंस सिंह ने 14 मार्च को मुख्यमंत्री से भाजपा जिलाध्यक्ष की शिकायत की है। बीजेपी जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए प्रिंस सिंह ने प्रार्थना पत्र के माध्यम से बताया कि बीहड़ श्रेणी की जमीन व अन्य जमीन को कूटरचित करके भाजपा जिलाध्यक्ष ने अपने नाम करा लिया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष बनने के बाद जमीन पर कब्जा किये है, जो जमीन करीब 12 बीघा है। प्रिंस सिंह ने प्रार्थना पत्र में सिंचाई व लोक निर्माण विभाग में दबाव के माध्यम से अवैध ठेकेदारी करने को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए। प्रार्थना पत्र के माध्यम से प्रिंस सिंह ने उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी।
जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को दी गई है जांच
प्रिंस सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र की जांच डीएम व एसपी को दी गई। 29 मार्च को जांच के लिए आदेश मिला, जहां एसडीएम सदर की देखरेख में जांच की गई। जांच के आधार पर एसडीएम ने रिपोर्ट प्रेषित की। रिपोर्ट में दर्शाया गया कि गाटा संख्या 945/7 का रकबा 1372 से 1374 की फसल में बीहड़ के रूप में दर्ज है। 1375 से 1376 फसली की खतौनी का बीहड़ का पृष्ठ गायब है। 1377 से लेकर 1379 फसली के खाता संख्या में जमीन राम अनुज सिंह व अरुण कुमार सिंह के नाम अंकित है, जो लाल स्याही से दर्ज है। जांच के मुताबिक कोई आदेश रहा होगा, जिसके आधार पर यह नाम दर्ज किया गया है। जांच रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि 1375 से 1376 फसली के खाता संख्या- 425 जीर्ण शीर्ण होकर फट गया है। तभी से इनके पूर्वजों का नाम इसपर चला आ रहा है। पहली रिपोर्ट में दर्शाया गया था कि सन 1972 में आवंटन पत्रावली नही होती थी। भूमि प्रबंध समिति के ग्राम प्रधान द्वारा पट्टा किया जाता था। पट्टे के स्थान पर 57 ख की रसीद दी जाती थीं रसीद के आधार पर नाम दर्ज होता था। सम्पूर्ण जमीन भीड़ श्रेणी 5 की भूमि है, जिसका आवंटन किया जा सकता है। नहर की जमीन पर विद्यालय बनाने के मामले में कहा गया कि नहर की चौड़ाई 20 मीटर से अधिक है। नहर पर विद्यालय का कोई कब्जा नहीं है। पहली रिपोर्ट 10 अप्रैल को भेजी गई थी।
दो बार पेश की गई जांच रिपोर्ट
प्रिंस सिंह की शिकायत के बाद फिर से एक बार रिपोर्ट 13 अप्रैल को प्रेषित की गई। 13 अप्रैल की रिपोर्ट में बीहड़ की जमीन पर कब्जा और अभिलेख की कहानी पुरानी रही, लेकिन बीहड़ जमीन की श्रेणी को हटा दिया गया। इसके साथ ही न्यायालय में असंतोष वाद दाखिल कर सकते है। आरबीएस शिक्षा निकेतन स्कूल की शिकायत की जांच की गई जो पूर्व से निर्मित है। वो श्रेणी 6(2) स्कूल के नाम दर्ज है। आरबीएस उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जो कि खातेदार की जमीन पर है। जांच में जिलाध्यक्ष के बयान को दर्शाया गया है, जिसमें कहा गया है कि आरबीएस शिक्षा निकेतन से उनका कोई वास्ता नही है।
शिकायतकर्ता ने कहा, सत्ता का किया गया है दुरुपयोग
शिकायतकर्ता प्रिंस सिंह ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री के यहां जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह के ऊपर बीहड़ की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। आरोप में एसडीएम ने जांच की। जांच में दर्शाया गया है कि जमीन बीहड़ से जब खाते में दर्ज हुई तो उसके पहले के अभिलेख गायब है। सब कुछ मान लिया जाता है। हमारे पास साक्ष्य है। सम्पूर्ण जमीन बीहड़ श्रेणी 6(4) की है। रिपोर्ट आने के बाद हमने फिर शिकायत की है। वर्तमान समय में जमीन पर जिलाध्यक्ष और उनके परिवार के लोग पत्थर व कटीला तार लगाकर कब्जा के लिए है। यह सरासर सत्ता का दुरुपयोग है।
दूसरी ओर एनडीए की घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के जिलाध्यक्ष सुनील ने कहा कि जबसे हमने जिलाध्यक्ष की शिकायत की है, तबसे हमें जाने से मारने की धमकी मिल रही है। परिवार के लोग इसमें बैक जो जाने को लेकर दबाव बना रहे है। ऐसी जमीन पर स्कूल बने, अस्पताल बने या फिर जनसेवा के लिए कुछ बनाया जाए। अगर कोई कार्यवाई नही होती है तो आगे हमलोग जन आंदोलन करेगे।
अधिकारी ने बोलने से किया इंकार, तो बीजेपी जिलाध्यक्ष ने नहीं उठाया फोन
मिर्ज़ापुर के एसडीएम सदर चंद्रभानु सिंह ने इस पूरे प्रकरण पर बोलने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा जो भी शिकायत की जा रही है। अभिलेखों के आधार पर रिपोर्ट दी जा रही है। जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने भी न कुछ बोल रहे है और न ही फोन उठा रहे है। कई बार फोन करने के बाद भी जिलाध्यक्ष ने फ़ोन नही उठाया है।
Apr 19 2023, 18:26