*CRPF के शौर्य दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन देश की नई पीढ़ी से की अपील, राष्ट्र सेवा को आगे आएं*
बेतिया : आज दिनांक 9 अप्रैल 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) वीरता दिवस (शौर्य दिवस) के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रुप से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के संस्थापक को एवं वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने विगत वर्षों में मातृभूमि की रक्षा एवं देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
कहा कि हर साल 9 अप्रैल को बल के बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2022 में 57वां सीआरपीएफ वीरता दिवस राष्ट्र द्वारा मनाया जा रहा है । इस दिन 1965 में, CRPF की एक छोटी टुकड़ी ने गुजरात के कच्छ के रण में स्थित सरदार पोस्ट में बड़े पैमाने पर आक्रमणकारी पाकिस्तानी सेना को हराकर इतिहास रचा था । सीआरपीएफ के जवानों ने 34 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया एवं चार को जिंदा पकड़ लिया था। इस युद्ध में, सीआरपीएफ ने छह कर्मियों वीरगति को प्राप्त हुए, जिन्होंने शहादत प्राप्त की थी।इस मंच के माध्यम से हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकार के तहत कार्य करता है। सीआरपीएफ की प्राथमिक भूमिका राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने एवं उग्रवाद-निरोध के लिए पुलिस के संचालन में सहायता करने में निहित है। इस अवसर पर वक्ताओं ने देश की नई पीढ़ी के युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि मातृभूमि की रक्षा एवं देश की अखंडता के लिए नई पीढ़ी को आगे आने की आवश्यकता है।
विगत वर्षों में जिस प्रकार से युवाओं ने मातृभूमि की रक्षा एवं देश की अखंडता के लिए अपना त्याग एवं बलिदान दिया है। उसमें और भी अत्यधिक सहयोग करने की आवश्यकता है ताकि हम सब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ,अमर शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों एवं अपने पुरखों के सपनों को साकार कर सकें, जिसका सपना बरसों पहले हमारे पुरखों ने देखा था।
Apr 10 2023, 11:31