*थाना भदोही पुलिस टीम को मिली कामयाबी*

नितेश श्रीवास्तव 

भदोही। बृहस्पतिवार को आवेदक दुर्गा शंकर यादव पुत्र कमला शंकर यादव निवासी डुडवा कुकरौठी द्वारा थाना भदोही पर सूचना दिया गया कि नन्दलाल यादव को कपड़ा प्रेस कराने हेतु जाते देख विपक्षीगण द्वारा दूसरे गाँव का लड़का समझकर ललकारते हुए बैट से सिर पर मारकर बेहोश कर दिया गया, जिसका ईलाज जीवनदीप अस्पताल में चल रहा है।

उक्त सूचना के आधार पर आरोपीगण के विरुद्ध मु0अ0स0 61/23 धारा 308/352 भा0द0वि0 का आभियोग पंजीकृत करते हुए विवेचनात्मक कार्यवाही प्रचलित की गई।

डॉ0 अनिल कुमार, पुलिस अधीक्षक द्वारा जानलेवा हमले में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु निर्देश के क्रम में स्थानीय पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए उक्त अभियोग से सम्बंधित नामजद वांछित अभियुक्तों 1.बसंत लाल उर्फ बसकाला सरोज पुत्र स्व0 शिखारी राम सरोज 2.लोलारख सरोज पुत्र शेषमणि सरोज निवासीगण अहमदपुर फुलवरिया थाना व जनपद भदोही को एमबीएस हॉस्पिटल के पास से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है।

गिरफ्तारशुदा अभियुक्तगण का विधिक कार्यवाही के उपरांत चालान न्यायालय किया गया।

इबादत के महीना शुरू, पहले रोजे के दिन घरों में अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर दुआएं मांगी

 

कानपुर। माहे रमजान की मुबारक महीना शुरू होते ही घरों में इबादत नमाज की पाबंदी के साथ-साथ बड़े बुजुर्गों बच्चों ने रोजा रखकर अल्लाह की बारगाह में दुआ की ए अल्लाह माहे रमजान मुबारक महीने के सदके में हमारे गुनाहों को माफ फरमा दे हमारे देश में चैनो अमन की मिसाल कायम करें जो लोग गरीबों के ऊपर अत्याचार करें अल्लाह उसका खात्मा करें।

रमजान मुबारक महीने में घरों के अंदर हम सही अवतारी के लिए लोग इंतजाम करने में जुड़ जाते हैं फिर दस्तरखान लगाया जाता है अल्लाह की बारगाह में दोनों हाथ उठाकर दुआएं मांगी जाती हैं एक नेकी करने का 70 गुना सवाब हासिल होता है मुस्लिम समाज में रमजान मुबारक महीना बड़ेही के साथ मनाया जाता है। राष्ट्रीय लोक दल महानगर अध्यक्ष मोहम्मद उस्मान अपने परिवार के साथ रोजा इफ्तार करते हुए! करते हुए ।

विकलांग एसोसिएशन 8 अप्रैल को आयोजित करेगी विकलांग व्यक्तियों का सामूहिक विवाह


कानपुर। विकलांग एसोसिएशन विकलांग व्यक्तियों का सामूहिक विवाह 08 अप्रैल को शास्त्री नगर सेन्ट्रल पार्क में आयोजित करेगी।एसोसिएशन ने ‘‘घर बसाओ - पुण्य कमाओ कन्यादान योजना’’ में शामिल होने के लिये लोगों से अपील किया।सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले व्यक्तियों को सरकार की विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ विकलांग एसोसिएशन दिलायेगी।

जिसके तहत शारीरिक रूप से स्वस्थ लड़के विकलांग लड़की से विवाह करेंगें तो उन्हें पुरस्कार के रूप में 20 हजार, शारीरिक रूप से स्वस्थ लड़की विकलांग लड़के से विवाह करेंगी तो उन्हें 15 हजार व दोनों के विकलांग होने पर 35 हजार मिलेगा। 

विकलांग एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने बताया की गरीब व अनाथ विकलांग लड़कियों के विवाह के लिये एसोसिएशन ने घर बसाओ - पुण्य कमाओ कन्यादान योजना शुरू की है। जिसके तहत विवाह का सारा खर्च विकलांग एसोसिएशन वहन करेगी। ऐसे व्यक्तियों को कन्यादान योजना में शामिल किया जायेगा जिनके पुत्री नहीं है और वो कन्यादान करने के इच्छुक हों। इसके लिए उन्हें लिखित सहमति देनी होगी।

वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि विकलांग व्यक्तियों के विवाह में बहुत समस्या आ रही हैं। विकलांग लड़कियों के विवाह के लिये आवेदन नाम मात्र ही आते हैं। जबकी विकलांग लडकों के आवेदन अधिक आते हैं।वीरेन्द्र कुमार ने बताया की शास्त्री नगर सेन्ट्रल पार्क बगिया में सामूहिक विवाह के लिये आवेदन प्राप्त किये जा सकते हैं। जो व्यक्ति कन्यादान योजना में शामिल होना चाहते हैं वो भी सम्पर्क कर सकते हैं।

पांच सदी पुराने मंदिर में विराजती है मां काली

कानपुर नगर। इतिहास से जुडी अनेकों अध्यात्मिक कथाओं को संजोये कानपुर नगर के मध्य स्थित बहुचर्चित स्थान प्रयाग नारायण शिवाला लगभग कानपुर सेन्ट्रल से दो कि0मी0 की दूरी पर स्थित है। यह बाजार देव पूजन, सामग्री, श्रृंगार वस्त्र और विशेषकर पुष्प बिक्री के लिये नगर ही नही अपितु सम्पूर्ण प्रदेश में अपनी विशिष्ठ पहचान रखता है।

यही नही यहां कई ऐतिहासिक मंदिर है और यहीं की कुंज बाडी, के बंगाली मोहाल में स्थित है मां दक्षिणेश्वर काली जी की विशाल प्रतिमा वाला लगभग पांच सदियों पुराना यह मंदिर। कानपुर नगर की प्राचीन कला से ही ऐतिहासिक स्थली रहा यह स्थान कालांतर में कान्हापुर के नाम से जाना जाता था। अग्रेजी शासनकाल में यह नाम बदलकर कानपुर हो गया। मंदिर के बारे में कोई भी प्रमाणित इतिहास के दस्तावेज न होते हुये भी यह मंदिर की शिल्पकला यह बताती है कि यह मंदिर पांच सौ वर्ष से भी अधिक पुराना है।

इस मंदिर के वर्तमान संरक्षक एवं पुजारी पं0 रविनाथ बनर्जी बतातें है कि कालांतर में जब यहां पाचं सौ वर्ष पूर्व जब यहां धना जंगल हुआ करता था तो उस समय गंगा जी की धारा मंदिर तक पहुंचती थी। उसी तट पर साधू अपना आश्रम बनाकर तप किया करते थे। उसी काल में मां काली के एक भक्त को मां ने स्वपन में अपनी उपस्थिति का ज्ञान कराया दूसरे ही दिन उस कुटुम्ब में यह चर्चा का विषय रहा। उक्त जगह की खुदाई कराई गयी तो यहां मां की एक विशाल प्रतिमा प्रकट हुई। बाद में उस ब्राम्हण ने यहां एक मंदिर बनवा दिया। 

        

 धीरे-धीरे इस स्थान की महिमा बढी और सदी के अंतराल के बाद अपनी ही ईष्ट देवी के रूप में मानने वाले 23 परगना और 24 परगना के बंगाली समुदाय के लोग आकर बस गये और मां की सेवा करने लगे।

सन् 1826 ई0 में इसी समुदाय के एक सदस्य पं0 उमेश चन्द मुखर्जी ने इस मंदिर का जीणोद्वार कराया और यहां मां की पिण्डी के साथ नौ फिट की मां दक्षिणेश्वर काली की स्थापना करायी और वह पिण्डी उसकी जगह नीचे स्थापित की। कोलकाता के काली घाट, आसाम के तारापीठ और उसके अलावा कानपुर के बंगाली मोहाल कालीबाडी में सिर्फ मां का पंचमुडी आसन है और इसके अलावा सम्पूर्ण भारत में और कोई विग्रह नही है। 

बहु प्रसिद्धि इस मंदिर की कई है अनूठी परम्पराऐ- जिसमें मन्नत का ताला बांधने की प्रथा बडी अनूठी है। कहते है कि माता से अपनी मनौती मनवाने के लिये भक्त मां के दरबार की ध्वजा में ताला बांधते है इसका मतलब होता है कि मां को वचनबद्ध कर देना। भक्त मन्नत पूरी होने पर पूजन और मां का श्रंगार,अनुष्ठान करवाता है। तथा ताला लगाने की प्रथा के बारे में पुजारी जी ने बताया कि यह प्रथा लगभग 50 वर्ष पूर्व विस्तार हुआ तब से यह परम्परा अनवरत चल रही है।

ताला लगाने के बाद एक चाभी मां को अर्पित की जाती है और एक चाभी भक्त अपने पास रखता है जबतक उसकी मनोकामना पूर्ण नही हो जाती। मंदिर में लगे लाखों ताले भक्तों की अटूट श्रृद्धा की प्रवाह को दर्शाते है। प्रतिदिन सैकडों ताले रोज खोले और बांधे जाते है। मंदिर के पुजारी रविन्द्र नाथ बनर्जी बताते है कि यहां मां की विशेष रूप से पूजा प्रत्येक माह की अमावस्या और विशेष पूजा दिवाली की मध्य रात्रि में की जाती है। इस रात्रि में मां को पांच जीवों की बलि दी जाती है जिसमें प्रथम जीव प्रतीक रूप में गन्ना, कुम्हणा, काले रंग का बकरा, चौथा भैंसा, पंचम नारियल की बलि होती है।

साथ ही मां को 56 प्रकार के भोग लगाये जाते है जिसमें मां का प्रिय भोग खिचडी और मेवे की खीर है। देश विदेश से लगभग सभी स्थानों सेे लाखों की संख्या में नवरात्र में यहां भक्त दर्शन को आते है। तांत्रिकों का मानना है कि जप, तप व तंत्र सिद्धि के लिये यह एक दिव्य व जाग्रत स्थान है। 

   

  पं0 रविन्द्रनाथ बनर्जी- अपने परिवार को मंदिर की संरक्षणता में दसवी पीढी मानते है। उन्होने बताया कि उनके दादा और परदादा ने उनसे पहले मां की सेवा की व अब यह मौका उन्हे तथा उनकी आनेवाली पीढियों को मिल रहा है। उनके दो बेटे आलोक व आकाश बनर्जी भी मां की सेवा में रत रहते है।

पेशे से इंजीनियर रहे बनर्जी मां की सेवा में अपने आप को धन्य मानते है और कहते है कि जो व्यक्ति इस दरबार में सच्चे भाव से आया वह कभी खाली नही लौटा। मां के दरबार में एक तत्थपूर्ण रहस्य और भी है कि किसी भी असाध्य रोग वाला व्यक्ति यदि मां के खड्ग का जल प्राप्त करता है व सप्तमी, अष्टमी, नौमी को मां के दर्शन करता है तो उसे रोग मुक्ति मिलती है।

*दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में एनएसएस के सात दिवसीय विशेष शिविर का दूसरा दिन रहा महिलाओं को समर्पित*

कानपुर। दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर में 24 मार्च, 2023 को एनएसएस के सात दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस का शुभारंभ प्रथम सत्र में प्रातः कालीन प्रार्थना, एनएसएस सॉन्ग, योगा, प्राणायाम के साथ हुआ।

द्वितीय सत्र में आज के मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत पोस्टर प्रदर्शन व रैली का आयोजन किया गया। जिसमें 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ', 'बेटी का सम्मान करो बेटो जैसा प्यार दो' 'पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी है घर की' जैसे नारों के द्वारा जन जागरूकता फैलाई गई।

एनएसएस वॉलिंटियर्स ने मलिन बस्ती अस्पताल घाट में जाकर बस्ती वासियों को महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा व सशक्तिकरण के संबंध में पोस्टर, वाक्य, आपसी वार्तालाप आदि के द्वारा समझाया।  

तत्पश्चात स्वल्पाहार के बाद तृतीय सत्र में आज का विषय विश्व क्षय रोग दिवस, 2023 को समर्पित किया गया। जिसमे इस साल के थीम "हम टी बी खत्म कर सकते हैं" को ध्यान में रखकर ग्रुप डिस्कशन किया गया।

मुख्य वक्ता विहान केयर एंड सपोर्ट सेंटर, एनजीओ से श्री गोविंद पांडे व हेल्थ प्रमोटर श्री अंकित सचान ने छात्राओं को क्षय रोग के कारण एवं निवारण तथा सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारियां दी।

यह सेशन अत्यधिक लाभदायक रहा।महाविद्यालय प्राचार्या प्रो. अर्चना वर्मा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दोनों ही विषय वर्तमान संदर्भ में अत्यधिक समीचीन एवं प्रासंगिक हैं। यह छात्राओं के चौमुखी विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है।

एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि इस शिविर में प्रतिदिन 4 सत्र किए जाएंगे जिनमें अलग-अलग समसामयिक विशेष महत्व के विषय रखे जाएंगे। भूगोल विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव ने आज के सभी अतिथियों महाविद्यालय शासन एवं प्रशासन तथा छात्राओं का धन्यवाद प्रेषित किया। कार्यक्रम में सभी एनएसएस वॉलिंटियर्स ने सक्रियता के साथ हिस्सा लिया।

डॉ लोहिया के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया

कानपुर। समाजवादी पार्टी ग्रामीण नवीन मार्केट में समाजवादी चिंतक डॉ राममनोहर लोहिया का 113वें जन्मदिन के मौके पर ग्रामीण निवर्तमान अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में डॉ लोहिया के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया।

निवर्तमान जिलाध्यक्ष ने बताया कि डा. लोहिया श्रमिकों, अल्प वेतनभोगियों एवं छोटे किसानों के समर्थक रहे। वह राष्ट्रीय नीति को बदलने और लघु सिंचाई द्वारा कृषि उत्पादन बढ़ाने के प्रबल समर्थक थे। उनकी मान्यता थी कि देश के गांवों में बसने वाले करोड़ो लोगों के जीवन में खुशियां लघु कुटीर उद्योगों को लगाकरही लाई जा सकती है अर्थात गांव में रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे तभी देश की उन्नति हो सकती है।

लोहिया जी का जीवन स्तर सादगी भरा रहा उन्होंने गांव और गरीब के लिए हमेशा संघर्ष किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ समाजवादियों ने अपने विचार रखे। इस मौके धर्मेन्द्र यादव, सुरेश गुप्ता, राजीव अवस्थी,धीरेन्द्र सिंह,अजीत गुप्ता आदि बड़ी संख्या में समाजवादी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

मारपीट रोकने पहुंचे आर्मी के रिटायर्ड गार्डो ने खुद कर दी मारपीट

कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज से सम्बंद्ध हैलट अस्पताल में मरीज लेकर आए तीमारदार आपस में ही मारपीट करने लगे। झगडा होता देख भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के कुछ गार्ड उन्हें छुडाने और अलग करने पहुंचे लेकिन उल्टा गार्डो ने ही तीमारदार और महिला को जमकर पीट दिया और उसे हैलट चौकी में पुलिस के हवाले कर दिया।

हैलट अस्पताल में जब से सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के गार्डो को लगाया गया तब से सुरक्षा कम बवाल ज्यादा बढ़ गया है। आए दिन गार्डो से कोई न कोई बवाल होता ही रहता है। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार एक युवती इलाज कराने हैलट अस्पताल पहुंची तभी उसके ससुरालीजन पहुंच गए और किसी बात को लेकर इमरजेंसी के सामने ही दोनो पक्षो में मारपीट शुरू हो गई।

मारपीट होता देख गार्डो तुरत ही मौके पर पहुंचे और दोनो पक्षो को अलग करने की कोशिश की ,लेकिन इतने में बात बढ़ गई और गार्डोने तीमारदार को पीटना शुरू कर दिया और जमकर गाली गलौज दिया।

मारपीट को रोकने आयी तीारदार महिला को भी गार्डो ने नही छोडा और उसे लात घूंसो से जमकर पीट दिया और उसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। गार्डो द्वारा आए दिन अभद्र व्यवहार के चलते किसी न किसी से विवाद होता रहता है

करौली सरकार आश्रम से गायब हुआ युवक,पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर शुरू की जांच

कानपुर । नोएडा के डॉक्टर की पिटाई के बाद सुर्खियों में आए बिधनू थाना क्षेत्र के करौली सरकार के बाबा संतोष भौदरिया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है । जहां एक और मुकदमा दर्ज होने के बाद करौली सरकार के बाबा संतोष भदौरिया के पुराने कांड भी खुलकर सामने आ रहे हैं तो वही झारखंड निवासी है परिवार ने करौली आश्रम से मानसिक विक्षिप्त बेटे के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है।

अपर पुलिस आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए हैं ।बता दें कि नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ की 1 माह पूर्व करोली बाबा आश्रम में पिटाई की गई थी। डाक्टर का आरोप है की चमत्कार न दिखा पाने पर डाक्टर के गुर्गों ने पीटा है। मुकदमा दर्ज होने के बाद यह मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।

इस बीच झारखंड के देवघर निवासी एक परिवार ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराते हुए बताया कि अपने मानसिक विक्षिप्त बेटे उमेश का इलाज कराने के लिए करौली आश्रम आए थे ।जहां से बेटा संदिग्ध अवस्था में गायब हो गया है। पूरे मामले में ज्वाइन कमिश्नर आनंद तिवारी ने बताया कि पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है ।

पीड़ित ने इस मामले में आश्रम के बाबा संतोष भदौरिया पर किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगाया है। इसके अलावा उन्होंने कहा करौली आश्रम से जुड़े किसी भी विवाद की शिकायत पुलिस तत्काल संज्ञान लेकर जांच कर रही है  

अपर पुलिस आयुक्त आनंद तिवारी ने बताया करौली आश्रम से कोई शिकायत हैतो सीधे पुलिस से शिकायत कर सकता है पुलिस सभी मामलों की जांच करेगी ।

जिला महिला अस्पताल में नवजन्मी कन्याओं का बर्थ-डे केक काट कर मनाया

कानपुर | महिला कल्याण विभाग के तत्वावधान में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू हुए जागरूकता अभियान को लेकर जनपद में विभिन्न तरह के कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को जागरुक करने का कार्य बड़े स्तर पर किया जा रहा है।

शासन की मंशा के अनुसार बालिकाओं के कन्या जन्म उत्सव का कार्यक्रम जिला प्रोबेशन अधिकारी के नेत्रत्व मे बड़े जोर शोर से मनाया जा रहा है। इसी श्रंखला में गुरुवार को जिला महिला चिकित्सालय में कन्या जन्मोत्सव को लेकर भव्य कार्यक्रम हुआ। जिसमें अस्पताल में कन्या के जन्म पर कन्याओं की मां के साथ मिलकर केक काटकर कन्या का जन्म उत्सव मनाया।

जिससे बेटियों के प्रति माता-पिता की सोच बदले। इस मौके पर सभी नव जन्मी कन्याओं के माता-पिता को बेबी किट प्रदान की। चिकित्सालय प्रबंधक डॉ दरक्षा ने कहा की कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के उद्देश्य के तहत स्वास्थ्य विभाग इस प्रकार के अनेक कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया की संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए और बालिकाओं के जन्म पर भी हमें उत्सव मनाना चाहिए।

उन्होंने नवजात बालिकाओं और उनकी माताओं को उपहार देकर कन्या जन्मोत्सव की बधाई दी गई। महिला कल्याण अधिकारी मोनिका यादव ने कहा कि कन्या को बचाने के लिए माता-पिता की सोच बदलना ही पहली जरुरत है। उन्हें अपनी बेटियों के पोषण, शिक्षा, जीवन शैली आदि की उपेक्षा रोकने की जरूरत है। अपने बच्चों को एक समान मानना चाहिये चाहे वो बेटी हो या बेटा। यह माता-पिता की लड़की के लिए सकारात्मक सोच ही है, जो पूरे समाज को बदल सकती है।

लोगों में बेटियों के प्रति सोच बदलने के लिए कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। डीपीओ संजय कुमार निगम ने कहा कि हमें कन्याओं पर गर्व होना चाहिए, उन्हे अच्छी शिक्षा प्रदान करें, ताकि वे भी देश को अपना योगदान दे सकें।

डॉ ज्योति मल्होत्रा ने भी कन्या जन्म उत्सव पर अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किए। एक महिला ने कहा कि आज के कन्या जन्म उत्सव मनाने की वजह से हमारे घर की सास ससुर परिवार जो बेटियों और बेटे में अंतर करते थे l उनकी मानसिकता बदलेगी और उन्हें भी लगेगा कि हमारी बेटियों के लिए समाज में एक अच्छी शुरुआत है l

दूसरी महिला ने कहा कि पहली बार देख रहे हैं की सरकार द्वारा इतने बड़े पैमाने पर बालिकाओं के कन्या जन्म उत्सव मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम मे संरक्षण अधिकारी अधिकारी दीप्ति सक्सेना, जिला समन्वयक शैल शुक्ला, सोशल वर्कर रंजना व प्रतीक श्रीवास्तव के साथ समस्त अस्पताल स्टाफ मौजूद रहे।

जिला क्षयरोग केंद्र से आज निकलेगी रैली, गोष्ठी के माध्यम से करेंगे जागरूक

कानपुर | वैसे तो बाल और नाखून छोड़ कर (टीबी) क्षयरोग शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है, लेकिन पल्मनरी यानि फेफेड़े की टीबी का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक खांसने और छींकने के जरिये प्रसार होता है। ऐसे में अगर टीबी मरीज को समय से ढूंढ कर इलाज न किया जाए तो वह वर्ष में दस से पंद्रह लोगों को टीबी संक्रमित कर सकता है । अगर टीबी के लक्षण, जांच और इलाज की जानकारीज जन तक पहुंचाई जाए तो नये मरीजों को खोज कर टीबी का उन्मूलन करना संभव होगा ।

उक्त जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने गुरुवार को रामदेवी स्थित अपने कार्यालय में विश्व क्षयरोग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे लेकर जनपद में कुल 26 टीबी यूनिट हैं जनपद में 1043 डॉट्स सेंटर हैं, इसमें आशा अपने सामने क्षय रोगियों को दवा खिलाती हैं।

सरकारी प्रावधानों के अनुसार ही मरीज की सीबी नॉट, एचआईवी और मधुमेह की भी जांच कराई जाती है। एमडीआर टीबी (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) की जांच के लिए चार सीबी नॉट एवं 14 ट्रूनेट जांच मशीनें हैं। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को ढूंढ कर उन्हें इलाज से जोड़ना अति आवश्यक है। टीबी का सम्पूर्ण इलाज संभव है, बशर्ते मरीज बीच में दवा न बंद करें और दवा की पूरी डोज लें। बीच में दवा छोड़ देने या इलाज न करवाने से ड्रग रेसिस्टेंट टीबी हो जाता है।

फिर इलाज जटिल हो जाता है। टीबी मरीज को इलाज चलने तक 500 रुपये प्रति माह पोषण के लिए दिये जाते हैं। निजी अस्पतालों में इलाज करवाने वाले टीबी मरीज भी चिकित्सक की सहमति से सरकारी अस्पताल की सेवा प्राप्त कर सकते हैं। जिले में इस समय कुल 8040 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है । जनवरी 2023 से अब तक कुल 3657 क्षयरोगियों को चिन्हित किया जा चुका है।जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ एपी मिश्रा ने बताया की अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक की खांसी, रात में बुखार, पसीने के साथ बुखार, तेजी से वजन घटने, भूख न लगने जैसी दिक्कत हो तो वह संभावित टीबी रोगी हो सकता है। इन लक्षण वाले लोगों को प्रोत्साहित कर टीबी जांच करवाएं।

जांच की सुविधा सरकारी प्रावधानों के अनुसार 26 टीबी यूनिट्स सहित सभी सीएचसी, पीएचसी, जिला क्षय रोग केंद्र और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है । जांच में टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत इलाज शुरू किया जाता है और मरीज के निकट सम्पर्कियों की भी टीबी जांच कराई जाती है। अगर निकट सम्पर्की में कोई टीबी मरीज मिलता है तो उसका भी इलाज कराया जाता है। निकट सम्पर्कियों में टीबी की पुष्टि न होने पर भी बचाव की दवा खिलाई जाती है ।

जिला कार्यक्रम समन्वयक राजीव सक्सेना ने बताया की विश्व क्षयरोग दिवस के उपलक्ष में ग्राम से लेकर जिला स्तर पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिला क्षयरोग नियंत्रण केंद्र से क्षयरोग जागरूकता रैली निकाली जायेगी और गोष्ठी कर क्षयरोग के प्रति जागरूक किया जाएगा।प्रेसवार्ता के दौरान स्वास्थ्य अधिकारीयों सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।