बेतिया: गर्म हवाएं/लू से बचाव हेतु सभी व्यवस्थाएं रखें अपडेट- जिलाधिकारी।
खराब चापाकलों की युद्धस्तर पर मरम्मति, सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था, भू-गर्भ जलस्तर की लगातार निगरानी एवं समीक्षा करने का निर्देश।
सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, आईवी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा आदि की व्यवस्था सहित आवश्यकतानुसार आईसोलेशन वार्ड की व्यवस्था कराने का निर्देश।
बेतिया। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार की अध्यक्षता में आज समाहरणालय सभाकक्ष में गर्म हवाएं/लू से बचाव के लिए पूर्व तैयारी एवं की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक सम्पन्न हुयी। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, सहायक समाहर्त्ता, सुश्री शिवाक्षी दीक्षित, अपर समाहर्त्ता, श्री राजीव कुमार सिंह, श्री अनिल राय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।
अधिकारियों को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्यिस अथवा अधिक होने पर लू की स्थिति मानी जाती है। साथ ही वास्तविक अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस अथवा अधिक होने पर भीषण गर्मी की स्थिति मानी जाती है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा ऐसी संभावना व्यक्त की गयी है कि इस बार बिहार में लू की स्थिति रहेगी। गर्म हवाएं/लू के मद्देनजर सभी संबंधित विभाग अपनी-अपनी तैयारी ससमय पूरी कर लेंगे।
उन्होंने निर्देश दिया कि सिविल सर्जन सरकारी अस्पतालों में लू से प्रभावित व्यक्तियों के ईलाज की विशेष व्यवस्था करें। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, आईवी फ्लूड एवं जीवन रक्षक दवा आदि की व्यवस्था करेंगे। साथ ही आवश्यकतानुसार आईसोलेशन वार्ड की भी व्यवस्था करेंगे। चलंत चिकित्सा दल एवं वाहन की समुचित व्यवस्था करेंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभावितों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करायी जा सके। बच्चों, वृद्धों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखा जाना है।
नगर निगम आयुक्त सहित जिले के सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था, खराब चापाकलों की मरम्मति, आश्रय स्थलों में पेयजल की व्यवस्था, लू से बचाव से संबंधित सूचनाओं को आमजनों के लिए प्रदर्शित करेंगे। कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी समूचे जिले के खराब चापाकलों की युद्धस्तर पर मरम्मति, पेयजल संकट से निपटने हेतु निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल की उपलब्धता सहित भू-गर्भ जलस्तर की लगातार समीक्षा एवं निगरानी करेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि भीषण गर्मी से बचाव हेतु सुबह की पाली में विद्यालय का संचालन, गर्मी की स्थिति को देखते हुए गर्मी की छुट्टियां निर्धारित समय से पूर्व करने, स्कूलों को अल्प अवधि के लिए बंद करने, सभी स्कूलों एवं परीक्षा केन्द्रों में पेयजल एवं ओआरएस की व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से कराना सुनिश्चित करेंगे। वहीं डीपीओ, आइसीडीएस सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल की समुचित व्यवस्था, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जीवन रक्षक घोल (ओआरएस) की व्यवस्था सहित नवजात शिशु, बच्चों, धातृ एवं गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विशेष चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेंगी।
जिला पशुपालन पदाधिकारी पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हेतु सरकारी ट्यूबवेल के समीप/अन्य सुविधायुक्त स्थानों पर गड्ढ़ा खुदवाकर पानी इकट्ठा कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही बीमार पशुओं के लिए चिकित्सा दल को अलर्ट मोड में रखेंगे। जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया सहित सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म यथा-फेसबुक, वाट्सऐप एवं ट्विटर के माध्यम से लू से बचाव हेतु क्या करें, क्या नहीं करें का व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि मनरेगा अंतर्गत तालाबों/आहर आदि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायी जाय, जिससे इनमें पानी इकट्ठा हो एवं पशु-पक्षियों को पानी प्राप्त हो सके। कार्यस्थल पर पेयजल एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
इसके साथ ही जिला पंचायत कार्यालय, श्रम संसाधन कार्यालय, परिवहन कार्यालय, विद्युत कार्यालय के प्रधानों को भी लू से बचाव हेतु कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया।
समीक्षा के क्रम में बताया गया कि साधारण सावधानियों से अपने आपको गर्म हवाएं/लू से सुरक्षित रखा जा सकता हैः-
● जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें।
● जितनी बार हो सके पानी पीयें, प्यास न भी लगे तो भी पानी पीयें। सफर में अपने साथ पीने का पानी हमेशा रखें।
● जब भी बाहर धूप में जायें, हल्के रंग के ढ़ीले-ढ़ाले सूती कपड़े, धूप के चश्में इस्तेमाल करें। गमछे या टोपी से अपने सिर को ढ़के और खाली पांव धूप में न चलें।
● अधिक तापमान में कठिन काम न करें।
● हल्का भोजन करें। अधिक पानी की मात्रा वाले फल जैसे तरबूज, खीरा, नींबू, संतरा आदि का सेवन करें तथा ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन का सेवन न करें जैसे-मांस व मेवे, जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं।
● घर में ना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक-चीनी का घोल, छांछ, नींबू-पानी, आम का पन्ना आदि का नियमित सेवन करें।
● बच्चों एवं पालतू जानवर को बंद वाहनों में अकेला न छोड़ें। जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें।
● लू लगने की स्थिति में जैसे कि बेहोशी या चक्कर लगना, उल्टी, सिरदर्द, अत्यधिक प्यास लगना, दिल की धड़कन तेज होना आदि होने पर तुंरत चिकित्सक के पास जायें।
● स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान और आगामी तापमान में परिवर्तन के बारे में सतर्क रहें।
● अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
लू लगने पर क्या करें :-
● लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा दें, अगर उनके शरीर पर तंग कपड़े हो तो उन्हें ढ़ीला कर दें अथवा हटा दें।
● लू लगे व्यक्ति का शरीर ठंडे गीले कपड़े से पोछें या ठंडे पानी से नहलायें।
● उनके शरीर के तापमान को कम करने के लिए कूलर, पंखे आदि का प्रयोग करें।
● उनके गर्दन, पेट एवं सिर पर बार-बार गीला तथा ठंडा कपड़ा रखें।
● प्रभावित व्यक्ति को ओआरएस/नींबू-पानी, नमक-चीनी का घोल, छांछ या शर्बत पीने को दें, जो शरीर में जल की मात्रा को बढ़ा सके।
● लू लगे व्यक्ति की हालत में एक घंटे तक सुधार न हो तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।
लू लगने पर क्या न करें :-
● जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकलें।
● अधिक तापमान में बहुत अधिक शारीरिक श्रम न करें।
● चाय, कॉफी जैसे-गर्म पेय तथा जर्दा तंबाकू आदि मादक पदार्थों का सेवन कम करें अथवा न करें।
● ज्यादा प्रोटिन वाले भोजन जैसे-मांस, अंडा व सूखे मेवे जो शारीरिक ताप को बढ़ाते हैं, का सेवन कम करें अथवा न करें।
● यदि व्यक्ति गर्मी या लू के कारण पानी की उल्टियां करें या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने-पीने को न दें।
● बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़े।
Mar 21 2023, 17:40