*मिर्जापुर मंडलीय अस्पताल में दलालों को पकड़ने और छोड़ने का चल रहा है लुकाछिपी खेल*
मिर्जापुर- मंडलीय अस्पताल में इन दिनों दलालों को पकड़ने और छोड़ने का जबरदस्त खेल चल रहा है. बताते चलें कि जिला मंडलीय अस्पताल की बे-पटरी हो चुकी स्वास्थ्य सेवाओं को पुनः पटरी पर दौड़ाए जाने की जहां तेजी से कवायत चल रही है, वही दलालों के भरमार ने यहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अस्त-व्यस्त कर रख दिया है. दवा से लेकर जांच की इत्यादि के लिए दलालों का जबरदस्त प्रभाव यहां देखने को मिलता है. ऐसे में दूरदराज से आने वाले ग्रामीण अंचल के आम मरीज और तीमारदार जहां इनके हाथों ठगे जा रहे हैं, वही आर्थिक दोहन का भी शिकार होना पड़ जा रहा है.
बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद भी जिला मंडलीय अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है, हालांकि लगातार मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर बी कमल से लगाए मंडलीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ अरविंद कुमार सिंह द्वारा निरंतर समय-समय पर अस्पताल की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण करने के साथ ही साथ दवाओं के हेराफेरी में लगे दलालों के रोकथाम की दिशा में भी निरंतर कार्रवाई की जा रही है. बावजूद इसके दलालों का प्रभाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों कुछ दलालों को एवं एमआर इत्यादि को पकड़ा गया था जिन्हें बाद में माफीनामा के शर्त पर छोड़ दिया गया था. जबकि एक शातिर किस्म का चोर जो पूर्व में जिला अस्पताल से उपकरणों की चोरी के आरोप में जेल जा चुका था, दोबारा जिला अस्पताल में दलाली करते हुए पकड़े जाने पर उसे अस्पताल पुलिस चौकी से शहर कोतवाली ले जाया गया था जहां वह पुलिस को चकमा देकर शहर कोतवाली से भाग जाने में सफल रहा है.
इसी प्रकार अन्य दिनों में भी कई दलालों को प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के निर्देश पर अस्पताल पुलिस चौकी द्वारा पकड़ा तो जरूर गया था लेकिन कोई ठोस कार्रवाई ना कर कुछ देर बिठाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है. जिसका असर यह है कि दलालों का वर्चस्व कम होने का नाम नहीं ले रहा है. न ही दलालों के अंदर उच्चाधिकारियों का भय देखने को मिल रहा है. वह बेखौफ होकर विभिन्न वार्डों में यहां तक चिकित्सक के कक्ष में बैठकर मरीजों को "डील" करते हुए देखे जा सकते हैं. हद की बात तो यह है कि इसमें से कई ऐसे दलाल हीरोइन और गांजे के नशे में धूत्त भी नजर आते हैं. सूत्रों की माने तो कुछ चिकित्सकों का भी इन दलालों को संरक्षण प्राप्त होने के कारण उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही है. जो ऐन केन प्रकारेण इन के बचाव में आ खड़े होते हैं.
Mar 18 2023, 16:06