नामी पान मसाला कम्पनी का रसूख के आगे नाची पुलिस

कानपुर । हमेशा विवादों में रहने वाली पुलिस क्या रसूखदारों की कठपुतली बन गयी? ये सवाल इसलिये कि जिस आंचल खरबंदा, स्पा सेंटर समेत कई मामलों की शिकायतों और जांच को हवाला बनाकर गिरफ्तारी करने से बचती है वही पुलिस रसूखदार की शिकायत पर इतनी तेजी से काम करती है कि मानों आतंकियों की सूचना मिली हो। 

जानकारों के अनुसार पुलिसिया कार्यवाही सवालों के घेरे में

मामला नजीराबाद थानाक्षेत्र से जुड़ा है। जहां एक नामी पान मसाला कारोबारी के इशारे पर पुलिस ने तीन युवकों को न सिर्फ पकड़ा बल्कि लाखों की बरामदगी भी कर ली। जबकि पूरे मामले में कानून के जानकारों के अनुसार पुलिसिया कार्यवाही सवालों के घेरे में है।

शहर के एक नामी व अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पान मसाला कारोबारी से का कम्पनी के डायरेक्टर त्रिलोकीनाथ की सूचना पर नजीराबाद पुलिस ने 23 फरवरी को सलीम, मेराज और तुषार नाम के युवक को पकड़ा था। 

आरोप है कम्पनी में आने वाले कूपनों की चोरी करके दुकानदारों को बेंचते थे

कम्पनी के डायरेक्टर का आरोप है कम्पनी में आने वाले कूपनों की चोरी करके दुकानदारों को बेंचते थे जिससे कम्पनी को नुकसान हो रहा था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नजीराबाद पुलिस ने आनन फानन में सूचना पर तीनों आरोपियों को पकड़ा और 420, 381, 406 का मुकदमा भी दर्ज कर लिया।

यहां एक बड़ा पेंच यह सामने आ रहा है जब तहरीर के अनुसार कम्पनी के डायरेक्टर को पहले ही पता चला चुका था कूपन की चोरी हो रही है पर इसकी सूचना स्थानीय थाना कलक्टरगंज मे नहीं दी। और तो और पुलिस को दी तहरीर में कहा कि आरोपी कूपन का पैसा लेने आ रहे है उनके पास और कूपन हो सकते है जबकि पुलिस को कूपन बरामद नहीं हुआ था।

बिना माल बरामद किये ही कई घंटे आरोपियों को कस्टडी में रखने का आरोप

 परिजनों का आरोप था कि जब कुछ बरामद नहीं हुआ था तो पुलिस ने तीनों को थाने में क्यों बैठाया। जिसके बाद परिजनों ने सीपी आवास पर हंगामा भी किया था। अब पूरे मामले में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में यहां तक कहा जा रहा है कि नामी पान मसाला कम्पनी के मालिको का विवादों से कथित तौर पर नाता रहा है। जीएसटी से लेकर आयकर तक में खेल किये जाते है। सबसे बड़ा सवाल यह है कम्पनी जिन कूपनों को जमा करती थी आखिर उन पर कोई मार्क या सिंबल क्यों नहीं लगाताी थी। 

इससे पता चलता है कम्पनी की मंशा भी कुछ मायनों में ठीक नहीं थी। क्योंकि जो कूपन जलाये जाते थे उनका रिकार्ड होता होगा, कहीं ऐसा तो नहीं कूपनों को जलाने के नाम पर फिर से इस्तेमाल करके अन्य राजस्व विभागों को गुमराह करने का खेल चल रहा है।

फिलहाल सोशल मीडिया पर चल रही खबरों पुलिस की कार्यवाही में गिरफ्तार आरोपियों के परिजनों के आरोपों की हमारा पोर्टल पुष्टि नहीं करता है। लेकिन इस पूरे मामले में स्टेट जीएसटी विभाग को जांच करनी चाहिये कि कूपनों के नाम पर कहीं कम्पनी मार्केट में कोई स्कैम तो नहीं कर रही है। 

इस प्रकरण में पुलिस आयुक्त का क्या कहना 

इस पूरे प्रकरण में पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने बताया कि पुलिस को फौरी सूचना मिली थी उस आधार पर कार्रवाई की गयी है। मुकदमा दर्ज करके जांच चल रही है इसमें कई और लोगों के शामिल होने की आशंका है। दुकानादारों से कूपनों लेने के बाद कम्पनी तुंंरत डमैज या मार्क क्यों नहीं लगाती थी ये जांच का विषय है। फिलहाल मौके से आरोपियों के पास से कूपन बरामद नहीं होने की बात थानेदार ने बतायी है। मामले की जांच की जा रही ह

कम्पनी के डायरेक्टर से नहीं हो सकी बात 

 वहीं इस मामले में कम्पनी के डायरेक्टर त्रिलोकीनाथ से बात करने के लिये फोन किया गया तो उन्होंने अस्पताल में होने की बात कही जिसके चलते उनसे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका है।