किसानों को सता रहा आम में रोग होने का डर, छिड़काव के लिए रासायनिक दवाओं पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलने का है प्रावधान
बेगूसराय : बसंत के स्वागत में बाग-बगीचे के पेड़-पौधों ने भी नई कोपलों के परिधान धारण कर लिए हैं। फलों का राजा आम में मंजर निकलने लगे हैं। उसकी महक मन को अभी से मदमस्त करने लगी है। आम व लीची के बगीचों में मधुमक्खियां व अन्य परागण करने वाले कीड़ों की गुनगुनाने की आवाज सुनाई देने लगती है। यह प्रतीक है कि आम व लीची की पेड़ों में मंजर निकल चुके हैं।
ऐसी अवस्था में कृषक आम व लीची के पेड़ों में किसी भी प्रकार की कृषि रसायन का छिड़काव न करें। इससे फूलों का नुकसान अथवा परागण बाधित होता है। इस दौरान किसी भी कृषि रासायनिक का छिड़काव करने पर वृक्ष पर परागण करने वाले कीड़े नहीं जायेंगे, फलस्वरूप पूरी तरह से परागण नहीं होगा। अपूर्ण परागण वाले फल सूखकर गिर जायेंगे। विभाग द्वारा इसके लिए उन्हें अब तक प्रशिक्षित नहीं किया जा सका है।
किसान इसकी सुरक्षा के लिए विभिन्न कीटनाशक दवाओं का छिड़काव पुराने अंदाज में कर रहे हैं। कहने के लिए तो कृषि विभाग की ओर से किसान सलाहकार समेत प्रखंड से जिला स्तर तक पौधा संरक्षण व उद्यान विभाग के कर्मी व अधिकारी की फौज तैनात हैं परंतु वैज्ञानिकों की बात तो दूर, किसान सलाहाकार तक किसानों को दर्शन नहीं देते।
किसान इस तरह करे आम का बचाव
परिणामस्वरूप गत कई वर्षों से काफी मेहनत व खर्च के बावजूद आम की मिठास से आमलोगों को वंचित रहना पड़ता रहा है। कृषि वैज्ञानिक डॉ रमन की मानें तो अभी तक जिस वृक्ष में मंजर नहीं आये हों या मंजर निकलने वाले हों तो ऐसी स्थिति में सल्फर दो ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से तैयार कर पौधा की धुलाई करनी चाहिए, वहीं फूल के निकलने के पूर्व इमिडाक्लोप्रिड नाम की दवा एक मिली लीटर प्रति तीन लीटर पानी में व हेक्साकोनाजोल एक मिली प्रति लीटर पानी मे देकर छिड़काव करनी चाहिए।
ऐसा करने से पौर्डी मिल्ड्यू, मधुवा व अन्य फफूंद जनित रोगों के प्रकोप को रोका जा सकता है। वहीं वैसे बाग जिसमें मंजर के केबल डांटे ही दिख रही हो व अभी तक मंजर अच्छे से नहीं निकला हो तो तो घुलनशील सल्फर दो ग्राम प्रतिलीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से मंजर अच्छे खुल जाएंगे।
विभागीय सूत्रों के अनुसार कृषि विभाग की ओर से आम पर छिड़काव के लिए रासायनिक दवाओं पर 50 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान किया गया है, लेकिन सरकारी जटिल प्रक्रिया व अनुदान की अल्प राशि होने के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। विभाग द्वारा जारी निर्देश के आलोक में आम पर कीटनाशक छिड़काव के लिए प्रति एकड़ 200 व दो हेक्टेयर अधिकतम यानी 500 तक अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Mar 14 2023, 17:12