जेडीयू में मचा भगदड़, उपेन्द्र कुशवाहा के बाद अब इस पूर्व सांसद ने पार्टी का छोड़ा साथ

पटना : जब से सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होकर राजद के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाई है। तब उनकी पार्टी जदयू के अंदर सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। 

पहले पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा जदयू से अलग हुए। अब आरा - विक्रमगंज की पूर्व सांसद मीना सिंह ने आज जेडीयू से इस्तीफा दे दिया है। आज पटना के मौर्या होटल में आयोजित प्रेस - कांफ्रेंस में श्रीमती सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार से मैं कभी जुदा नहीं होना चाहती थी, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने जंगल राज के युवराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है, बिहार की जनता डर गई है, आम - अवाम को पुराने दौर की वापसी दिख रही है, ऐसे में जेडीयू के साथ मेरा रहना नाइंसाफी होता। 

श्रीमती सिंह ने कहा कि आज के फैसले के पहले हमने अपने राजनैतिक जीवन का पूर्ण आकलन किया। मेरे पति अजीत कुमार सिंह जी कांग्रेस में थे। लेकिन बिहार को जंगल राज से मुक्त कराने की लड़ाई में वे नीतीश कुमार के साथ आए। फिर बिहार को आतंक राज से मुक्ति मिली। इसके बाद आप सभी को पता है कि मेरे सांसद पति की असामयिक मौत एक सड़क दुर्घटना में हो गई। आगे, नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को सेवा करने का मौका दिया। हमने पूरी निष्ठा के साथ जेडीयू की हर लड़ाई में अपनी सहभागिता निभाई। 

उन्होंने कहा कि 2014 में भी नीतीश कुमार के साथ रही मैं, जबकि बहुत सारे लोग छोड़ कर उन्हें चले गए। आगे के किसी चुनाव में उन्हें मेरी याद भले नहीं आई हो, लेकिन जेडीयू को हमने कभी नहीं भूला। उन्होंने कहा कि 2015 में भी बिहार में महागठबंधन बना, लेकिन आम - अवाम को इसलिए चिंता नहीं हुई क्योंकि पूरी मजबूती से नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहा। जब भ्रष्टाचार के छींटे सहयोगी दल पर लगे, तो बिना देर किए नीतीश कुमार ने नाता तोड लिया।

श्रीमती मीना सिंह ने कहा कि आज की स्थिति दूसरी और बहुत ही भयावह है। जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, पूरे बिहार में अपराधी तांडव कर रहे हैं। हर प्रकार के अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं, ऐसा लग रहा है कि 2005 के पूर्व की तरह खास तरह के खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने से रोक दिया गया है। जनता परेशान है, जंगल राज रिटर्न साफ - साफ दिख रहा है, लेकिन नीतीश कुमार को कोई फिक्र नहीं है। 

उन्होंने कहा कि सबसे दुखद पल तो वो रहा, जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इसके बाद तो मैं विचलित हो गई । मेरे लोग कहने लगे, अब जेडीयू में क्या बचा है। मुझे लगता है, नीतीश कुमार ने जेडीयू के साथियों के सम्पूर्ण संघर्ष को भूला दिया है और पार्टी को विलोपित करने का ही फैसला कर लिया है, वरना जंगल राज के युवराज को वे उत्तराधिकारी नहीं घोषित करते।

पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर श्रीमती सिंह ने कहा कि आगे वे क्या करेंगी, इसके पहले अपने समर्थकों के साथ बैठक कर विचार करेंगी। बिहारहित में जो मंजूर होगा, उसी रास्ते चलेंगी। 

श्रीमती सिंह के साथ - साथ आज समता पार्टी के निर्माण काल से पार्टी के सदस्य व प्रदेश सचिव, भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री अशोक शर्मा, युवा जेडीयू के प्रदेश सचिव श्री राकेश पाठक, पूर्व जिला महासचिव शिवशंकर सिंह, शाहपुर के प्रखंड अध्यक्ष श्री उमेश चंद्र पांडेय , बिहियां के प्रखंड अध्यक्ष श्रीराम महतो , उदवंतनगर के प्रखंड अध्यक्ष श्री मुकुल कुमार सिंह , संदेश के प्रखंड अध्यक्ष श्री विपिन विश्वास , जेडीयू भोजपुर के वरिष्ठ नेता व गढ़नी के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष श्री अवधेश पांडेय, सुरक्षा सेवा प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रामदयाल सिंह , पंचायती राज प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री रंजन कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में दूसरे नेताओं ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

*श्याम फागुन महोत्सव के दूसरे दिन शक्तिधाम सेवा न्यास के तत्वावधान में निकाली गई विशाल निशान शोभा यात्रा*

    

पटना : श्याम फागुन महोत्सव के दूसरे दिन शक्तिधाम सेवा न्यास के तत्वावधान में विशाल निशान (ध्वज ) शोभा यात्रा का आयोजन किया गया। इस निशान शोभा यात्रा में महिलाये रंग बिरंगे परिधान में एवं पुरुष श्याम बाबा का केशरिया दुपट्टा ओढ़े हुए थे। 

हांथों में निशान (ध्वज )लिए श्याम भक्तों का यह कारवां पूरे उत्साह एवं श्रद्धा के साथ पुष्पविहार अपार्टमेंट  एक्जीविशन रोड से सुबह 10:30 प्रारम्भ हुआ। 

निशान शोभा यात्रा प्रारम्भ होते ही गुलाब जल का छिड़काव करते हुए फूलों की वर्षा की गयी एवं गुलाल उड़ाते हुए बहुत ही अनोखे ढंग से सुसज्जित श्याम बाबा के रथ को निकाला गया। 

शोभा यात्रा में भक्तजनो द्वारा गाये जा रहे " मेरे सर पे रख दे हाथ बाबा " " हाथों में निशान हो - सामने मेरे श्याम हो " “आये है दिन फागण के ,आये है दिन नाचण के , बीत गए दिन सावन के,” ऐसे भक्तिमय गीतों की स्वर लहरी पूरे वातावरण को भक्तिमय कर रहा था। श्याम बाबा को समर्पित भजन कीर्तन से माहौल श्याममय हो रहा था।

       

शोभा यात्रा में लाल, पीले , गुलाबी परिधानों में सजी धजी महिलाओं के अलावे युवाओं का भी उत्साह देखते बन रहा था। करीब हजारों की संख्या में भक्तों ने अपने अपने हांथों में निशान (ध्वज ) उठा रखे थे।शोभा यात्रा के दौरान पूरे रास्ते भक्तो को ठंडा पानी , शर्बत एवं फल इत्यादि दिया जाता रहा। 

        

निशान शोभा यात्रा पुष्प विहार अपार्टमेंट , एक्जीविशन रोड से होते हुए भट्टाचार्या रोड, पीरमुहानी, कदमकुआं, जहाजी कोठी, हथुआ मार्केट, बाकरगंज, गांधी मैदान, होटल मौर्या, विस्कोमान भवन होते हुए महाराजा अग्रसेन मार्ग स्थित शक्तिधाम मंदिर पंहुचकर समाप्त हुआ । 

बाबा के जयकारे के साथ शक्तिधाम मंदिर में श्याम बाबा का निशान अर्पण करने का सिलसिला काफी देर तक चलता रहा। भक्तो को श्याम बाबा का प्रसाद दिया गया। 

         

मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल ने बताया की पांच दिवसीय श्याम फाल्गुन महोत्सव के तीसरे दिन कल शुक्रवार 3 मार्च को दिन में दस बजे सुबह से "अखण्ड ज्योति पाठ" श्रीमती मंजू जैन एवं पार्टी द्वारा तथा 9:30 रात्रि से ( PM) "रात्रि जागरण" का आयोजन होगा।  

        

एम पी जैन ने बताया कि आज के निशान यात्रा में अमर अग्रवाल, ओम पोद्दार, रमेश मोदी, राजकुमार अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल, शंकर शर्मा, नरेन्द्र शर्मा, प्रदीप पंसारी, सज्जन चौधरी, सतीश अग्रवाल, सूर्य नारायण, ललन लाठ, दीपक अग्रवाल, रितेश तुलसियान, राजेश माखारिया, शकुंतला अग्रवाल, रेणु बजाज, इंदिरा खंडेलवाल, रिमझिम सर्राफ, पूनम मोर, मंजू जैन, रजनी, सहित करीब हजार से अधिक की संख्या में लोग शामिल थे।

बिहार बजट को लोजपा (रामविलास) ने बताया आंकड़ो की बाजीगरी, कहा-बजट में विकास को नहीं दी गई है प्राथमिकता

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार सरकार के बजट को लोक-लुभावन और चुनावी बताया है। पटना के श्रीकृष्णापुरी स्थित लोजपा (रा) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजू तिवारी ने कहा कि बजट में आंकड़ों की बाजीगरी बड़े साफगोई से की गई है। जिससे स्पष्ट पता चलता है कि विकास सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। 

श्री तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य को लेकर बजट में पीएमसीएच के विश्वस्तरीय निर्माण के लिए 5500 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की गई है, जो इससे पहले के बजट में भी दिखाया गया है। बजट के तहत प्रत्येक विधानसभा में 5 पीएचसी खोलने की सरकार बात कर रही है वही मौजूदा पीएचसी में बहाली के अभाव में डॉक्टर मौजूद नहीं है, क्योंकि उनकी बहाली नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि रोजगार के नाम पर भी सरकार ने केवल छलावा किया है। रटा-रटाया 10 लाख रोजगार देने लक्ष्य रखा गया है, जबकि यह लक्ष्य विगत 2 वर्ष पूर्व 2020 के चुनावी घोषणा-पत्र में राजद द्वारा घोषित की गई थी। प्रदेश उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि कैबिनेट के पहले दिन पहली कलम से 10 लाख रोजगार देंगे, लेकिन वह सीफर साबित हुआ है। 

स्कूलों में 40 हजार 506 प्रधान शिक्षकों की बहाली, बिहार लोक सेवा आयोग में 49 हजार पद, 44 हजार 193 माध्यमिक शिक्षक और बिहार कर्मचारी चयन आयोग में 29 सौ एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा में 89 हजार 724 जबकि पुलिस विभाग में 75 हजार 543 पदों की मंजूरी दी है। लेकिन इसके लिए वितीय व्यवस्था का जिक्र नहीं किया गया है और ना इसकी कोई समय सीमा तय की गई है।

बात उधोग की करें तो बिहार में बिमारू उधोग के पुर्नरूधार या घरेलु उद्यमिता विकास का कोई जिक्र नहीं किया गया है। कृषि- बजट में किसान गरीब गांव एवं मजूदरों के लिए ऐसा कोई भी प्रभावशाली कदम नही दिख रहा है, जिससे किसानों में जिंदगी बेहतर हीने की उमीद जगे। 2.61 करोड़ के बजट प्रस्ताव में योजनाओं पर मात्र 38.20 प्रतिशत यदि 1 लाख करोड़ खर्च करने का अनुमान किया गया है जिससे यह स्पष्ट है कि विकास सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

राजू तिवारी ने कहा कि सरकार के निर्भरता राजस्व को लेकर केन्द्रीय करों में राज्यों के हिस्सेदारी पर टिकी हुई है। पिछले वितीय वर्षों मे बिहार को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर 95 हजार 509.85 करोड़ मिलने की अनुमान है। वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 102, 737.36 करोड़ होने का अनुमान है। जिससे अगामी वितीय वर्ष में केन्द्रीय सरकार से 53,377.92 करोड़ प्राप्त होने की उमीद है। सरकाथ बजट में डेढ़ लाख के करीब नए पदों के सृजन की बात कही जा रही है जबकि पुराना वायदा अभी पूरा नहीं हुआ है और इस नवसृजित पद के लिए फंड कहां से आएगा इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है जबकि राज्य सरकार मौजूदा संविदा कर्मियों को वेतन समय पर नहीं दे पा रही है जिस पर भरोसा करना बिल्कुल कहीं से न्याय संगत नहीं है। यह बिहार के बेरोजगारों को धोखा दिए जाने से ज्यादा कुछ नहीं है।

राज्य के समावेशी विकास की बात ना करके सरकार लोकलुभावन योजनाएं साइकिल पोशाक और छात्रवृत्ति में ही सिमट कर रह गई है जिससे राज्य का समावेशी विकास कहीं नहीं दिखाई दे रहा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 करोड़ 62 लाख 73 हजार नौजवान छात्रवृति के आभाव में अपनी पढ़ाई लिखाई बंद करने के कागार पर है। बजट में कोई प्रावधान नहीं है।

बिहार में 52 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे है। इनके उत्थान के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। अभी बिहार नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार 19वें नम्बर पर है जबकि आप वजये तीसरे पावदान बता रहे है। ये सफेद झुठ है। उद्योग में 1 प्रतिशत का बजट है स्व रोजगार कैसे बढायेंगे।

शक्तिधाम दादीजी मंदिर में दादीजी होली मिलन का किया गया भव्य आयोजन, भजन और होली गीत से गुलजार रहा माहौल

पटना : राजधानी पटना स्थ्त शक्तिधाम दादीजी मंदिर में दादीजी होली मिलन का भव्य आयोजन किया गया। शक्तिधाम मंदिर के मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल ने बताया कि पांच दिवसीय श्याम फाल्गुन महोत्सव के पहले दिन दादीजी होली मिलन महोत्सव आयोजित किया जाता है। 

आज दादीजी का श्रृंगार देशी एवं विदेशी फूलों से बड़े हीं मनमोहक ढंग से किया गया था। दादीजी का श्रृंगार अति मोहक एवं दर्शनीय लग रहा था। भक्तगण दादीजी का दर्शन कर भाव विभोर हो रहे थे। दादीजी मंदिर में सैकड़ों की संख्या में महिलायें भक्ति भाव से भजन कीर्तन कर रही थी। 

महिलायें ……" "उत्सव में उड़े गुलाल मईया म्हारो अंगनियां में आज " "मैयाजी थ्हारी बेटी हूँ मै रखियो मेरी लाज " “दादी फागुन की आयो बहार, बुला रहा है सांवरा अपने अपने द्वार " आदि भजन गा रही थीं। महिलायें इन गीतों पर खूब झूमी और अबीर गुलाल उड़ाए। 

दादीजी होली मिलन समारोह में उत्साह , उमंग के बीच आस्था का रंग भी दिखा। रंग बिरंगे चकाचक परिधानों में सजी महिलाओं का उत्साह देखने लायक था। होली मिलन के दौरान होली खेलने से पहले श्रद्धालु महिलायें दादी जी की चरणो में अबीर गुलाल अर्पित कर रहे थे। महिलायें गा रही थीं:-

 “झुंझुनू की सेठानी निहाल करसी- मांग ले दादी स मालामाल करसी” . 

आज दादीजी की होली में शकुंतला अग्रवाल, सरिता बंका, सरोज बंका, रेखा मोदी, सरिता चौधरी, प्रेमलता गोयल, अनुसुईया खेतान, रेणु अग्रवाल सहित सैकड़ों महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।  

इस अवसर पर दादीजी को विशेष छप्पन भोग लगाया गया। इसके बाद दादीजी की 51 बत्तियों के दीप से महाआरती की गयी। भक्तों के लिए विशेष प्रसाद मालपुआ, खीर, समोसा का वितरण किया गया।

मौके पर शक्तिधाम सेवा न्यास के मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल ने बताया की श्याम फाल्गुन महोत्सव भक्तों के जीवन में खुशहाली का परिचायक है। 

अमर अग्रवाल ने बताया की पांच दिवसीय श्याम फाल्गुन महोत्सव के दूसरे दिन कल गुरुवार 02 मार्च को दिन में दस बजे से निशान शोभा यात्रा पुष्प विहार अपार्टमेंट , एक्जीविशन रोड से निकलकर भट्टाचार्या रोड, पीरमुहानी, कदमकुआं, जहाजी कोठी, हथुआ मार्केट, बाकरगंज, गांधी मैदान, होटल मौर्या, विस्कोमान भवन होते हुए महाराजा अग्रसेन मार्ग शक्तिधाम मंदिर पहुंचेगी। 

आज के समारोह में अमर अग्रवाल , अक्षय अग्रवाल, ओम पोद्दार, रमेश मोदी, संतोष अग्रवाल, रोशन सर्राफ, रितेश तुलसियान सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

बिहार वजट पर लोजपा (रामविलास) ने बताया बताया आंकड़ो की बाजीगरी, कहा-बजट में विकास को नहीं दी गई है प्राथमिकता

पटना : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने बिहार सरकार के बजट को लोक-लुभावन और चुनावी बताया है। पटना के श्रीकृष्णापुरी स्थित लोजपा (रा) के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री राजू तिवारी ने कहा कि बजट में आंकड़ों की बाजीगरी बड़े साफगोई से की गई है। जिससे स्पष्ट पता चलता है कि विकास सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। 

श्री तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य को लेकर बजट में पीएमसीएच के विश्वस्तरीय निर्माण के लिए 5500 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की गई है, जो इससे पहले के बजट में भी दिखाया गया है। बजट के तहत प्रत्येक विधानसभा में 5 पीएचसी खोलने की सरकार बात कर रही है वही मौजूदा पीएचसी में बहाली के अभाव में डॉक्टर मौजूद नहीं है, क्योंकि उनकी बहाली नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि रोजगार के नाम पर भी सरकार ने केवल छलावा किया है। रटा-रटाया 10 लाख रोजगार देने लक्ष्य रखा गया है, जबकि यह लक्ष्य विगत 2 वर्ष पूर्व 2020 के चुनावी घोषणा-पत्र में राजद द्वारा घोषित की गई थी। प्रदेश उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि कैबिनेट के पहले दिन पहली कलम से 10 लाख रोजगार देंगे, लेकिन वह सीफर साबित हुआ है। 

स्कूलों में 40 हजार 506 प्रधान शिक्षकों की बहाली, बिहार लोक सेवा आयोग में 49 हजार पद, 44 हजार 193 माध्यमिक शिक्षक और बिहार कर्मचारी चयन आयोग में 29 सौ एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा में 89 हजार 724 जबकि पुलिस विभाग में 75 हजार 543 पदों की मंजूरी दी है। लेकिन इसके लिए वितीय व्यवस्था का जिक्र नहीं किया गया है और ना इसकी कोई समय सीमा तय की गई है।

बात उधोग की करें तो बिहार में बिमारू उधोग के पुर्नरूधार या घरेलु उद्यमिता विकास का कोई जिक्र नहीं किया गया है। कृषि- बजट में किसान गरीब गांव एवं मजूदरों के लिए ऐसा कोई भी प्रभावशाली कदम नही दिख रहा है, जिससे किसानों में जिंदगी बेहतर हीने की उमीद जगे। 2.61 करोड़ के बजट प्रस्ताव में योजनाओं पर मात्र 38.20 प्रतिशत यदि 1 लाख करोड़ खर्च करने का अनुमान किया गया है जिससे यह स्पष्ट है कि विकास सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

राजू तिवारी ने कहा कि सरकार के निर्भरता राजस्व को लेकर केन्द्रीय करों में राज्यों के हिस्सेदारी पर टिकी हुई है। पिछले वितीय वर्षों मे बिहार को केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर 95 हजार 509.85 करोड़ मिलने की अनुमान है। वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 102, 737.36 करोड़ होने का अनुमान है। जिससे अगामी वितीय वर्ष में केन्द्रीय सरकार से 53,377.92 करोड़ प्राप्त होने की उमीद है। सरकाथ बजट में डेढ़ लाख के करीब नए पदों के सृजन की बात कही जा रही है जबकि पुराना वायदा अभी पूरा नहीं हुआ है और इस नवसृजित पद के लिए फंड कहां से आएगा इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है जबकि राज्य सरकार मौजूदा संविदा कर्मियों को वेतन समय पर नहीं दे पा रही है जिस पर भरोसा करना बिल्कुल कहीं से न्याय संगत नहीं है। यह बिहार के बेरोजगारों को धोखा दिए जाने से ज्यादा कुछ नहीं है।

राज्य के समावेशी विकास की बात ना करके सरकार लोकलुभावन योजनाएं साइकिल पोशाक और छात्रवृत्ति में ही सिमट कर रह गई है जिससे राज्य का समावेशी विकास कहीं नहीं दिखाई दे रहा। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 1 करोड़ 62 लाख 73 हजार नौजवान छात्रवृति के आभाव में अपनी पढ़ाई लिखाई बंद करने के कागार पर है। बजट में कोई प्रावधान नहीं है।

बिहार में 52 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे है। इनके उत्थान के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। अभी बिहार नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार 19वें नम्बर पर है जबकि आप वजये तीसरे पावदान बता रहे है। ये सफेद झुठ है। उद्योग में 1 प्रतिशत का बजट है स्व रोजगार कैसे बढायेंगे।

सीएम नीतीश कुमार के जन्म दिवस के मौके पर छात्र जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने पटना हाई कोर्ट के मजार पर की चदरपोसी, स्वस्थ्य और लंबी उम्र की दुआ की


पटना - आज 01 मार्च को बिहार के मुख्यमंत्री जनाब नीतीश कुमार के जन्मदिन के मौके पर छात्र जदयू के पुर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शादाब आलम के नेतृत्व में उनके सेहतयाब की लिए पटना हाईकोर्ट मजार पर चादर चढ़ाया गया।

मोहम्मद शादाब आलम ने कहा की जिस प्रकार बिहार को विगत वर्षों में मुख्यमंत्री जनाब नितीश कुमार साहब ने विकास के पथ पर लाने का काम किए है वो देश में एक मिशाल बना हुआ है।

 

कहा कि वर्तमान समय में जहां एक ओर देश में केंद्र सरकार ने सामाजिक तनाव, नफरत की बीज बोई है उसे दूर करने के लिए नीतीश कुमार जी ने विपक्ष को एकजुट करने की जी पीड़ा उठाई है उसमे वो कामयाब हो और अगले साल देश में होने वाले लोकसभा के आम चुनाव में केंद्र सरकार की तख्ता पलट हो।  

इसी उम्मीद और विश्वास के साथ आज जदयू के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पटना के हाई कोर्ट मजार पे चादरपोशी किए और ऊपर वाले से दुआ किए की नीतीश कुमार जी को ताकत दे ताकि अब देश में बिहार मॉडल के साथ-साथ सामाजिक सौहार्द का वातावरण हो लोग अमन-चैन से रहे। 

 

इस दौरान जदयू के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

देशभक्ति के साथ नई शिक्षा नीति को बढ़ावा देना देशभगत यूनिवर्सिटी का ध्येय : चांसलर डॉ. जोड़ा सिंह

पटना : आज होटल पाटलिपुत्रा एक्जोटिका एग्जीविशन रोड, पटना में देशभगत यूनिवर्सिटी के द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड व होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीपप्रज्वलन का किया गया। दीप प्रज्वलन के बाद राजेश कुमार के द्वारा गणपति आराधना के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। 

कार्यक्रम का संबोधन करते हुए यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. हर्ष सदावती ने कहा कि बिहार और पंजाब का दिल से रिश्ता है। आज हमारे यूनिवर्सिटी में आयुर्वेद, नर्सिंग, डेंटल, फार्मेसी के साथ साथ लगभग 200 से ज्यादा टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्सेज चलाएं जा रहे हैं। आज शिक्षा का मतलब केवल ज्ञान लेना ही नहीं बल्कि नई शिक्षा नीति के तहत अपने ज्ञान को केंद्रित करना है। छात्रों को वोकेशनल कोर्सेज का अध्ययन कर प्रोफेशनल बनना चाहिए। 

यूनिवर्सिटी के जरिए संचालित कोर्सेज के साथ ही साथ छात्रों को कैंपेटिटिव एग्जाम की तैयारी भी पहले सत्र से करवाई जाती है। यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. जोड़ा सिंह जी ने कहा कि हम यहां देशभक्ति के साथ नई शिक्षा नीति को बढ़ावा देने के लिए आए हैं।

देश भगत यूनिवर्सिटी में बिहार के निदेशक हरपाल राजपूत और उनके सहायक हेमंत अरोड़ा द्वारा बिहार में एस टी एस सी ओ बी सी के सभी विधार्थियों को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी. घर घर तक शिक्षा पहुंचे यही हमारे यूनिवर्सिटी का ध्येय है। हमारे यहां एक छत के नीचे सारे कोर्स यानी यूजी एवं पीजी की पढ़ाई होती है। 

मीडिया की बात करें तो उससे संबंधित भी पढ़ाई कराई जाती है। आप का ऐसा ही सहयोग मिलता है बस यही आपसे आशा करता हूं।कार्यक्रम में पटना नगर निगम के मेयर श्रीमती सीता साहू ने बिहार शिक्षा का केंद्र है और यहां के छात्र पूरे देश एवं विदेश में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे हैं। जहां एक ओर हमारा देश विश्व गुरु बनने की अग्रसर हो रहा है तो इसमें बिहारी प्रतिभा भी अपनी अलग पहचान दिला रही है। 

उक्त कार्यक्रम में प्रो. चांसलर डॉ. तेजिंदर पाल जी, श्री सुनील सिंह जी अध्यक्ष, जन लोक पार्टी, बिहार के साथ अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहें।

संतोष कुमार शर्मा बने हम अति पिछड़ा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष

पटना : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से०) अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो राधेश्याम प्रसाद ने संतोष कुमार शर्मा को अति पिछड़ा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया है।   

   

अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर राधेश्याम प्रसाद ने पार्टी के संरक्षक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार सरकार में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन के विचार विमर्श के उपरांत संतोष कुमार शर्मा को अति पिछड़ा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया है।

   

राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि संतोष कुमार शर्मा अति पिछड़ा प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर संगठन को मजबूत करने में योग और सक्षम व्यक्ति हैं, निश्चित तौर पर उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से पार्टी को लाभ मिलेगा।

अपनी 21 सूत्री मांगो को लेकर सड़क पर उतरा ECR कर्मचारी यूनियन, महाप्रबंधक कार्यालय, हाजीपुर के समक्ष किया विशाल प्रदर्शन

पटना : ईस्ट सेन्ट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन हाजिपुर द्वारा औल इण्डिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं जे एफ आर ओ पी एस के आह्वान पर एन पी एस समाप्त कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने सहित 27 सुत्री मांगों को लेकर महाप्रबंधक पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के समक्ष विशाल प्रदर्शन साथी एसएम पी श्रीवास्तव महामंत्री ईसीआर के यू के नेतृत्व में किया गया। 

इस प्रदर्शन में मुख्य वक्ता ए आई आर एफ के महामंत्री श्री शिवगोपाल मिश्रा जी उपस्थित थे। इस प्रदर्शन में हाजिपुर जोन के पांचों मंडलों के 53 शाखाओं के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने पूरे जोश एवं उमंग के साथ भाग लिया। 

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में 

1/ भारतीय रेल के मौदरीकरण एवं निजीकरण पर रोक

2/ महिला कर्मचारियों के चाइल्ड केयर लीव के द्वितीय वर्ष में पूर्ण वेतन भुगतान की व्यवस्था की जाए

3/ सभी महिला कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर दिन प्रतिदिन जरूरत की सुविधा जैसे महिला टॉयलेट, लंच रूम , चेंजिंग रूम, कॉमन रूम, बच्चों के लिए कैंच आदि की सुविधा की जाए

4/ ब्याज दरों में भारी कमी के मद्देनजर सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों से कमयूटेड राशि की मौजूदा वसूली अवधी को घटाकर 15 वर्ष से 12 वर्ष किया जाए

5.मुख्यालय हाजीपुर में कार्यरत कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता पटना की दर पर भुगतान किया जाए

6. रेल आवासों की दयनीय स्थिति को देखते हुए बिना शर्त रेल आवास वीहीन कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस प्रदान किया जाए समेत 27 सुत्री मांग शामिल है और इसे लेकर यह प्रदर्शन किया गया है।

    

इस प्रदर्शन का नेतृत्व ई सी आर के यु के महामंत्री श्री एस एन पी श्रीवास्तव जी ने किया तथा इस प्रदर्शन में डी के पाण्डेय एस एस डी मिश्रा , मोहम्मद जियाउद्दीन, मनीष कुमार, ओ पी शर्मा , मृदुला कुमारी, संजय कुमार मंडल, आर के मंडल , बीपी यादव , मनोज कुमार पांडे तबस्सुम पटना शाखा के सुभाष चन्द्र सिंह विजय कुमार संतोष कुमार सिंह मीडिया प्रभारी एके शर्मा ,हरेंद्र प्रसाद सिंह, नीरज कुमार रोहित कुमार, आर एल झा, एसएम आलम, गौतम कुमार मंजय कुमार विनय कुमार , के के किकर , केके सिंह रामनाथ एस के सुमन मुकेश कुमार उमेश कुमार रवि रंजन रमेश कुमार मिश्रा युवा कार्यकर्ता महिला कार्यकता समेत बहुत सारे कार्यकता शामिल थे।

*बजट पर बोले बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार के विकास के लिए कोई योजना नहीं

पटना : बिहार का बजट आया है। बिहार जब भी तरक्की करता है उस समय ब्रेक लगाने का काम कर दिया जाता है। यह देश तीन बार तेजी से तरक्की किया है। 1991 में जब आर्थिक सुधार लागू किया गया, 1996 में अटल जी सरकार बनने पर तथा 2014 में मोदी सरकार के आगमन के बाद जबरदस्त तरक्की किया है।

आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बिहार सरकार के द्वारा पेश किये गये बजट पर प्रेसवार्ता के माध्यम से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा0 संजय जायसवाल ने कहा कि 15 वर्षो तक लालू शासन में बिहार के प्रत्येक व्यक्ति की आय 6 हजार थी। अब पूरे देश के प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 97 हजार है तो बिहार में प्रति व्यक्ति आय 50 हजार को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार के वित्तमंत्री विजय चौधरी यह बतायें कि 10 लाख नौकरी को बजट से कहां गायब कर दिया गया। अब तक कमीशन के सर्विस को जोड़ लेंगे तब भी एक लाख नौकरी नहीं दे पा रहे हैं । बिहार के शिक्षक अपने ठगा महसूस कर रहे हैं । पूरा झूठ रचा जा रहा है। केन्द्र सरकार पंचायती राज विभाग को नल-जल का जो पैसा दिया उसे वापस किया जा रहा है। वापसी इसलिए हो रहा है कि केन्द्र राज्य सरकार के घोटाले को पकड़ लेगी। केन्द्र ने प्रत्येक व्यक्ति का 55 लीटर पानी मिल रहा है कि नहीं इसके जांच करेगी, इसीलिए नल-जल योजना के रूपये नहीं लिये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पूरे बजट का खास तलाकशुदा महिला को 10,000 से 25,000 किया है। टीएसवीपी में लोग की रक्षा करेंगे। बगल के उत्तर प्रदेश में 12 लाख करोड़ के निवेश करके एक शब्द नहीं बोला जा रहा है। लेकिन बिहार की सरकार इतने में ही अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। उद्योग लगाये जाने के बारे में कोई योजना की चर्चा नहीं की गयी। इथनॉल के क्षेत्र में जो काम प्रारंभ हुए वह केन्द्र सरकार की सहयोग से ही शुरू हुआ, अब तो उद्योगपति भी बिहार से भागने लगे हैं।

बिहार सरकार के पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन को आभार की उनके प्रयास से बिहार में इथनॉल सहित कई यूनिट लगे तथा अन्य उद्योग भी प्रारंभ हुए। जबकि इस बजट में उद्योग लगाये जाने के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला गया। जीएसटी के बारे में गलत बयानबाजी किये गये। जबकि 1 लाख करोड़ की राशि बिहार को जीएसटी के कारण मिलती है। पिछले सत्र के बजट में 2 लाख 37 हजार करोड़ से इस सत्र के बजट ने 2 लाख 66 हजार करोड़ रूपया किया है, अगर औसत जोड़ लीजिए तो इस साल के बजट में एक रूपया भी नहीं बढ़ा है। मार्च तक पिछले बजट का खर्च कर लेंगे इस पर भी संशय है । केन्द्र सरकार ने मत्स्यजीवियों के लिए अलग से मंत्रालय बनाया तथा बजट में उसके लिए अलग से प्रावधान किये। बिहार सरकार के बजट में इस संदर्भ में कुछ नहीं दिखा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी पेंशन योजना में 1,000 रूपया दिये जाते हैं जबकि बिहार में वृद्धा पेंशन में राशि नहीं बढ़ाया गया। पीडीएस में कुछ नया नहीं जबकि उत्तर प्रदेश सरकार नमक, तेल, दाल भी मुफ्त में दे रही है। बिहार के पीडीएस में सभी सामग्री केन्द्र से मिलता है उसमें बिहार का एक रूपया नहीं लगता है। बिहार में उद्योग के प्रति कोई रूचि नहीं । यह सरकार उद्योग के नाम पर बालू- माफियाओं के द्वारा हजारो राउण्ड गोली चलवाने में तथा हत्या करवाने में पूरा समय गुजार रही है। बिहार सरकार के बजट में तलाकशुदा नारी को 10,000 से 25,000 की राशि दिये जाने तथा मदरसों के लिए 40 करोड़ रूपये दिये जाना यही खास है। इस बजट में बिहार के विकास के लिए कोई योजना नहीं है । बिहार के लोगों को ठगने का काम किया गया है।

प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संतोष पाठक, विवेकानंद पासवान, प्रेस पैनलिस्ट विनोद शर्मा, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह, राजेश कुमार झा उपस्थित रहे।