*गंधक के छिड़काव से नहीं सुखेगा आम का बौर*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। फलों के राजा आम को इस वर्ष मौसम की नजर लग गई है। आए दिन आसमान में कुचाल मार रहे काले बादलों की गरज ने आम के डालियों में लगे बौरों ( मंजरी) को काफी नुकसान पहुंचा दिया है।
आम आदमी को इस वर्ष आम आदमी को इस वर्ष आम फल का स्वाद मिलने से रहा। आगे भी मौसम का यही हाल रहा तो फिर आम की फसल पूरी तरह से चौपट होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। कालीनों के शहर भदोही जनपद में आम की खेती बहुतायत तो नहीं होती, लेकिन कुछ कुछ किसान इसमें रुचि रखते हैं।
बाकी अधिकांश लोग सब कुछ मौसम पर छोड़ देते। अन्य वर्षों की अपेक्षा इस साल आम के पेड़ों में बौर कम दिखा दे दिखाई दे रहे थे। फिर भी ठीक ठाक फसल होने के आसार नजर आ रहे थे कि इस बीच गत चार दिनों से बीच - बीच में आसमान में सुबह व रात के समय मेघों की आमद हो रही है। साथ ही गर्मी की भी आमद समय से पहले हुई है। तेज हवा के झोकों ने सिर्फ बौर को जमीन पर गिरा दिया।
ऐसे में इस वर्ष आम की पैदावार 50 फीसदी कम होने की आंशका जताई जा रही है। जिला कृषि मौसम वैज्ञानिक सर्वेश बरनवाल ने बताया कि इन दिनों आम की फसल में फूदका कीड़ा व मिली बगर ( गुझिया कीट) के लगने की संभावना अधिक रहती है। इससे फूदका कीड़ा मंजरी के रस को चूस लेते हैं।
Feb 27 2023, 13:23