*सड़क दुर्घटना में कमी लाने के लिए परिवहन और पुलिस को मिलकर करना होगा कार्य*
लखनऊ। कमेटी आफ रोड सेफ्टी के चेयरमैन और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में परिवहन विभाग और सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पक्षों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई। न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे ने कहा कि हम इस बात पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं कि प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों को कैसे बचाया जाय। सड़क सुरक्षा वर्तमान में अत्यन्त गम्भीर चिन्ता का विषय बन गया है।
न्यायाधीश ने पुलिस विभाग एवं परिवहन विभाग को निर्देश दिये कि मिलकर कार्य योजना बनाये। लोगों को जागरूक करें। सड़क सुरक्षा नियम का पालन सख्ती से करायें। साथ ही प्रत्येक स्टेक होल्डर विभाग अपनी-अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करें। ओवर स्पीडिंग दुर्घटना का एक महत्वपूर्ण कारण है जिसकी वजह से लोगों की जान जाती है। इस पर हर हाल में अंकुश लगाये। साथ ही देखे कि लोग ड्रिंक एंड ड्राइविंग, गलत लेन चलना, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल इत्यादि से बचें। लोगों की जान बचाना हमारा सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
उनके द्वारा मुख्यतः प्रभावी प्रवर्तन, रोड इंजीनियरिंग तथा इमरजेंसी केयर के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ किये जाने पर बल दिया जाय। हेल्मेट को अनिवार्य रूप से पहनना सुनिश्चित किये जाने हेतु शिक्षा विभाग के सहयोग से समस्त विद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों को तथा समस्त सरकारी व अर्द्धसरकारी व निजी संस्थानों में समस्त कर्मचारियों को बिना हेल्मेट धारण किये परिसर में प्रवेश निषिद्ध किये जाने का सुझाव दिया। साथ ही पेट्रोल पम्प पर बिना हेलमेट पेट्रोल न दिया जाए।
इसी तरह सड़को पर निजी वाहनों के दबाव को कम किये जाने हेतु यह भी सुझाव दिया कि सभी सरकारी/अर्द्धसरकारी कार्यालयों, निजी संस्थानों, समस्त विद्यालयों में सार्वजनिक वाहन के माध्यम से ही कार्यालयाध्यक्ष से लेकर समस्त कर्मचारियों तथा प्रिंसिपल, शिक्षक से लेकर समस्त विद्यार्थियों को आना जाना अनिवार्य बनाया जाये।
सड़क सुरक्षा के मामले में यातायात पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। नियमों का इम्प्लीमेंटेशन एवं इनफोर्समेंट पुलिस को ही कराना होता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट या सरकार केवल नियम बना सकती है। लोगों से नियमों का अनुपालन तो पुलिस को ही कराना है। साथ ही एनएचएआई, पीडब्लूडी, स्टेट हाइवे अथारिटी की भी उतनी ही भूमिका है। ब्लैक स्पाॅट का चिन्हांकन, रोड सेफ्टी के साइन बोर्ड लगाना इन्हीं की जिम्मेदारी है। इसके बाद परिवहन विभाग की जिम्मेदारी आती है। लाइसेंस रद्द करना, गाड़ी की फिटनेस जाॅच करना परिवहन विभाग का काम है।
समीक्षा बैठक के दौरान प्रमुख सचिव परिवहन वेंकेटेश्वर लू, एडीजी यातायात निदेशालय तथा सड़क सुरक्षा अनुपम कुलश्रेष्ठ, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम संजय कुमार, परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
Feb 23 2023, 20:07