जेएनयू में फिर बवाल, अब शिवाजी महाराज की तस्वीर को लेकर छात्र संघ और एबीवीपी के बीच झड़प

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दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर ‘अखाड़ा’ बना है।वामपंथी और एबीवीपी छात्रों के बीच झड़प के बाद कैंपस में तनाव का महौल है।जेएनयू के छात्र संघ कार्यालय में शिवाजी जयंती के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और वामपंथी सदस्यों के बीच झड़प हो गई। रविवार को जेएनयू में छात्र संघ कार्यालय में वामपंथियों के द्वारा वीर शिवाजी के चित्र से माला उतारी गई। इसके साथ ही तोड़-फोड़ कर वहां लगे महापुरुषों की तस्वीरों को फेंक दिया गया। जिसके बाद से कैंपस में तनाव का महौल है।

एबीवीपी ने घटना का वीडियो ट्वीट किया

एबीवीपी ने एक बयान में कहा कि उसने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम के तुरंत बाद वामपंथी छात्र वहां आ गए और माला उतारकर शिवाजी की तस्वीर नीचे फेंक दी। एबीवीपी ने इस घटना पर ट्वीट भी किया है।वीडियो में एबीवीपी का एक छात्र कह रहा है, यहां अभी-अभी लेफ्ट के गुंडो द्वारा हमारे बीच शिवाजी और महाराणा प्रताप जी के चित्र से माला को उतार दिया गया। इसके साथ ही यहां जेएनयूएसयू पर तोड़फोड़ की गई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस घटना का निंदा करती है।

जेएनयू छात्रसंघ का एबीवीपी पर आरोप

वहीं, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव ने कहा- एबीवीपी सदस्यों ने शिवाजी का फोटो जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) के दफ्तर पर रखा था, जिसके लिए जेएनयूएसयू की ओर से अनुमति चाहिए होती है। फिर भी उन्होंने वहां उसे अवैध तरीके से रखा। कुछ और स्टूडेंट्स वहां पहुंचे और उन्होंने स्क्रीनिंग प्रोग्राम के लिए सभी पोट्रेट्स हटा दिए, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच लड़ाई हो गई।वहीं वाम के समर्थन वाले जेएनयू छात्र संघ का आरोप था कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-बॉम्बे) के स्टूडेंट के लिए न्याय की मांग को लेकर निकाले गए मार्च के बाद अखिल एबीवीपी ने कुछ छात्रों पर हमला किया, जबकि एबीवीपी ने इसे सिरे से खारिज किया है।

मेघालय में चुनाव से पहले बीजेपी पदेश अध्यक्ष का बड़ा बयान, कहा-मैं बीफ खाता हूं और बीजेपी में हूं, इसमें कोई दिक्कत नहीं

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मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी पार्टियां जोर शोर से प्रचार में जुटी हुई हैं। नेता अलग-अलग मुद्दों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। हालांकि, मतदान से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने बड़ा दिया है, जो नया चुनावी मुद्दा बन सकता है। दरअसल अर्नेस्ट मावरी ने कहा कि भगवा पार्टी ने गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है और वह बीफ खाते हैं और इसमें कोई समस्या नहीं है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह भी कहा- जब से बीजेपी सत्ता के केंद्र में आई है, तब से चर्चों पर कोई हमला नहीं हुआ है और न ही पार्टी बीफ खाने पर किसी तरह का कोई बैन लगाती है।मावरी ने कहा, मैं बीफ खाता हूं और बीजेपी में भी हूं। इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं है। पार्टी किसी जाति, पंथ या धर्म के बारे में नहीं सोचती है। हम जो चाहें खा सकते हैं, यह हमारी खाने की आदतों में शामिल है।किसी राजनीतिक दल को इससे समस्या क्यों होनी चाहिए?

पार्टी में गोमांस को लेकर कोई निर्देश नहीं-मावरी

जब मावरी से पूछा गया कि हिंदू धर्म में तो गाय को पवित्र माना जाता है। इस पर उन्होंने कहा कि वे अपनी भोजन की आदतों का पालन करते हैं और इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है, इसे लेकर हमें कोई निर्देश नहीं मिला है।उन्होंने कहा कि मेघालय में हर कोई बीफ खाता है और राज्य में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

कम से कम 34 सीटें जीतने का दावा

वहीं, मेघालय बीजेपी चीफ ने चुनाव में जीत कादावा किया। उन्होंने कहा, मेघालय के लोग इस बार बीजेपी के साथ हैं। यह आप दो मार्च को देख लेंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आगामी चुनावों में उनकी पार्टी कम से कम 34 सीटें जीतेगी।

मेघालय विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को विधान सभा के सभी 60 सदस्यों के चुनाव के लिए निर्धारित हैं।नतीजे 2 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी पर हमला, कहा- मुसलमान नहीं करते मुगलों की बात, बाप-दादा का जिक्र औलादें करती है

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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बिना नाम लिए बीजेपी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। मुफ्ती ने बीजेपी को लेकर विवादित बयान दिया है। पीडीपी प्रमुख ने बीजेपी के लोगों को मुगलों का औलाद बताया है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि जो लोग सबसे ज्यादा मुगलों की बात करते हैं, उनकी औलादें लगती हैं।

मुफ्ती ने पूछा- बाप-दादा का कौन जिक्र करता है?

महबूबा मुफ्ती ने रविवार को जम्मू कश्मीर में कहा कि मैं जम्मू के लोगों से कहना चाहूंगी कि अगर उन्हें लगता है कि ये(बीजेपी) मुसलमानों के पीछे पड़े हैं तो आप इस ख्वाब से बाहर निकल जाइए। ये कोई राष्ट्र नहीं बनाना चाहते ये बस बीजेपी राष्ट्र बनाना चाहते हैं। पीडीपी प्रमुख ने बीजेपी का नाम लिए बगैर कहा कि जब कोई दुश्मन नहीं मिलता तब ये लोग मुगलों की बात करते हैं। मुसलमान मुगलों की बात नहीं करते हैं। ये (बीजेपी) लोग जितना कर रहे हैं ऐसा प्रतीत होता है कि ये उन्हीं की औलाद हों। महबूबा में सवाल करते हुए कहा कि बाप-दादा का कौन जिक्र करता है? जो औलाद होती है वहीं करती हैं।

पिता के बीजेपी के साथ गठबंधन के फैसले का किया बचाव

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बुलडोजर का इस्तेमाल किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को अहसास हो रहा है कि आर्टिकल 370 कैसे उनके लिए सुरक्षा कवच था। उन्होंने 2014 में बीजेपी से गठबंधन करने के उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के फैसले का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि तब पीडीपी सुप्रीमो ने सफलतापूर्वक ‘जानवर को पिंजरे’ में कैद किया था। महबूबा ने कहा कि कोई नहीं समझ सकता कि मुफ्ती साहब ने जानवर को पिंजरे में बंद किया था। उन्होंने बीजेपी को पिंजरे में डाला था। मुफ्ती साहब ने बीजेपी का हाथ पकड़ा ताकि उन्हें रोका जा सके। 

बीबीसी विवाद पर भी बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं पीडीपी प्रमुख ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीजेपी पर तंज कसा।उन्होंने कहा कि वो ब्रिटिश सहयोगी थे, जिन्होंने कभी भी अंग्रेजों के खिलाफ तब तक बात नहीं की जब तक विवाद नहीं हुआ। महबूबा मुफ्ती ने कहा, वो अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बोलते हैं, लेकिन अब जब बीबीसी विवाद छिड़ गया है, तो वो अंग्रेजों के खिलाफ बोलते हैं, क्योंकि इस फिल्म में सच्चाई है।

मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी की सास कौन है..? आइये जानते हैं उनके नाम दर्ज उपलब्धियां...?
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वाईएस शर्मिला ने तालिबान से की केसीआर की तुलना, तेलंगाना को बताया भारत का अफगानिस्तान

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वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) प्रमुख वाईएस शर्मिला ने केसीआर की तुलना तालिबान से की है, यही नहीं उन्होंने तेलंगाना को भारत का अफगानिस्तान बताया है। वाईएस शर्मिला ने ये बातें पुलिस तेलंगाना पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के दौरान कहीं।शर्मिला को उनकी पदयात्रा के दौरान महबूबाबाद शहर में पुलिस ने गिरफ्तार किया।

वाईएस शर्मिला ने रविवार को कहा कि तेलंगाना भारत का अफगानिस्तान है और केसीआर इसका तालिबान है। महबूबाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए शर्मिला ने कहा कि वह (तेलंगाना के सीएम केसीआर) एक तानाशाह हैं। वह अत्याचारी हैं। तेलंगाना में कोई भारतीय संविधान नहीं है। केवल केसीआर का संविधान है। तेलंगाना भारत का अफगानिस्तान है और केसीआर इसका तालिबान है।

वहीं दूसरी ओर वाई. एस. शर्मिला को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक बी. शंकर नाइक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज एक मामले में रविवार को महबूबाबाद जिले में एहतियातन हिरासत में लिया गया। पुलिस ने कहा कि बीआरएस के एक नेता की शिकायत पर शर्मिला के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने शर्मिला पर चल रही राज्यव्यापी पदयात्रा ‘प्रजा प्रस्थानम’ के दौरान शनिवार को महबूबाबाद जिले में अपनी टिप्पणी के माध्यम से अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित विधायक का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया। पुलिस ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए उन्हें पदयात्रा के लिए दी गई अनुमति रद्द कर दी गई है, क्योंकि उनके बयान के बाद शर्मिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बीआरएस के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

इससे पहले शर्मिला ने शनिवार शाम कस्बे में एक जनसभा के दौरान महबूबाबाद के विधायक बी. शंकर नाइक के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। शर्मिला ने आरोप लगाया था कि विधायक भ्रष्टाचार में शामिल हैं और उन्होंने जमीनों पर कब्जा किया हुआ है।

बता दें कि दो महीने से अधिक के ब्रेक के बाद वाईएस शर्मिला ने इस महीने की शुरूआत में अपनी प्रजा प्रस्थानम पदयात्रा फिर से शुरू की थी। उन्होंने उस स्थान से पदयात्रा फिर से शुरू की जहां पिछले साल नवंबर में इसे रोक दिया गया था। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला की पदयात्रा वर्तमान में 3,800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है और खम्मम जिले के पालेर पहुंचने पर 4,111 किलोमीटर की दूरी पूरी कर लेगी। पांच मार्च को पालेर में एक विशाल जनसभा आयोजित की जानी है, जहां पदयात्रा का समापन बड़े पैमाने पर होना तय है। पदयात्रा 20 अक्टूबर, 2021 को चेवेल्ला से शुरू हुई थी।

गुजरात में पूर्व सरपंच के भतीजे की शादी में रिश्तेदारों ने उड़ाए लाखों के नोट, बटोरने के लिए मची होड़, वीडियो वायरल

 गुजरात के मेहसाणा जिले में पूर्व सरपंच के भतीजे की शादी में लाखों रुपए हवा में उड़ा दिए गए। इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि मकान की छत पर खड़े लोग नोट उड़ा रहे हैं और नीचे भारी भीड़ है, जो नोट पकड़ने के लिए खड़ी है। यह मामला मेहसाणा जिले के अगोल गांव का है। यहां पूर्व सरपंच करीमभाई दादूभाई जादव के भाई रसूल भाई के बेटे की शादी थी। इस शादी की खुशी में घर के लोगों ने अपने मकान की छत पर खड़े होकर नोटों की बारिश कर दी। पहले नोट उड़ाए गए, फिर उन्हें उठाने के लिए लोग टूट पड़े।

शादी में डीजे फ्लोर पर उड़ाए लाखों रुपए

जानकारी के अनुसार, मेहसाणा में अगोल गांव के पूर्व सरपंच करीम यादव के भतीजे रज्जाक की शादी थी। रज्जाक की शादी पूर्व सरपंच करीम जादव ने धूमधाम से की। शादी के दूसरे दिन गांव में जुलूस निकाला गया, इस दौरान नोटों की बरसात कर दी गई।

शाम के समय गांव में जुलूस निकला, तब करीम भाई और उनके परिजन मकान की छत पर पहुंच गए और नोटों की बारिश करनी शुरू कर दी। दस रुपए से लेकर 500 तक के नोट उड़ाए। पूर्व सरपंच का परिवार छत से नोट उड़ा रहा था। वहीं नीचे बड़ी संख्या में लोग नोट बटोरने के लिए होड़ कर रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों के बीच हाथापाई भी हो गई।

झांसी में पति की हत्या कर रात भर शव के पास बैठी रहीं मां-बेटी, आरोप लगाया 'पुत्री के साथ दुष्कर्म करना चाहता था पिता'

झांसी के मऊरानीपुर तहसील में मां ने अपनी बेटी के साथ मिलकर पति को लाठियों से पीट-पीट कर मार डाला। हत्या की आरोपी पत्नी ने कहा कि शराब के नशे में उसका पति बेटी के साथ दुष्कर्म की धमकी दे रहा था। जिसके विवाद में डंडा मारा जिससे पति की मौत हो गई। जबकि मृतक की मां ने बहू पर आए दिन मारपीट करने लाठियों से पीट-पीटकर उसके बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मां-बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

आठ दिन पहले वापस आया था काशीराम

आरोपी काशीराम की वर्ष 2002 में लाडकुंवर से शादी हुई थी। वह दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी करता था। अभी 8 दिन पहले वह अपने घर वापस आया था। कौसादेवी पत्नी नर्मदा प्रसाद ने बताया कि वह अपने बड़े बेटे के पास रहती हैं। शुक्रवार की रात लगभग 12:30 बजे उसे जानकारी हुई कि उसके छोटे बेटे काशीराम की बहू लाडकुंवर व नातिन बेटे की लाठी-डंडों से मारपीट कर रही हैं।

वह छोटे बेटे के घर पहुंची और बहू और बेटे को रोकने की कोशिश की। पर वह नहीं मानी। इस पर उसने अपने बड़े पुत्र देशराज के लड़के रमाकांत, बृजेंद्र को बुलाया। उन्होंने आकर लाडकुंवर व नातिक को समझाया कि लड़ाई झगड़ा ना करें। लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी और काशीराम को जबरन कमरे में अंदर ले गई और दरवाजा बंद कर मारपीट करने लगी। थोड़ी देर में अंदर से आवाज नहीं आने पर उन्होंने समझा कि मामला शांत हो गया है तो वह सभी लोग अपने अपने घर चले गए।

सुबह देखा तो मृत था बेटा

दूसरे दिन शनिवार की सुबह लगभग 5:00 बजे उसका नाती काशीराम के घर पहुंचा तो देखा कि वह मृत अवस्था में पड़ा था। यह देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। घटना की जानकारी होते ही मोहल्ले के लोग आ गए। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बेटे की हत्या किए जाने का आरोप लगाया। इस पर पुलिस ने मृतक की पत्नी बेटी खुशबू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। उधर लाडकुंवर ने कहा कि पति बाहर रहकर मजदूरी करता था, कभी कभार ही घर आता था।

पति जुआ खेलने का शराब पीने का आदी था। बताया कि पिछले कई दिनों से उसके साथ मारपीट कर रहा था, मकान बेचने के लिए कह रहा था। पिछली रात भर शराब के नशे में आया और बेटी के साथ छेड़खानी करने के साथ दुष्कर्म की धमकी देने लगा। उसने विरोध किया तो पति लाठी लेकर उसे मारने दौड़ा, उसने बीच बचाव किया इसमें उन लोगों के बीच छीना झपटी हुई और पति जमीन पर गिर पड़ा जिससे उसकी मौत हो गई।

रात भर शव के पास बैठ कर रोती रही मां-बेटी

आधी रात को पति पत्नी के बीच मारपीट हुई, जिसके बाद सब कुछ शांत हो गया। बताया गया कि रात को ही पति की हत्या करने के बाद मां बेटी सदमे में आ गईं। बंद कमरे में वह शव के साथ बैठ कर रोती रही। सुबह जब लोग इकट्ठा हो गए तो दरवाजा खुलवाया जिसके बाद हत्या की जानकारी हो सकी।

दिल्ली में रहकर मजदूरी करता था काशीराम

मृतक की मां कौसा देवी ने बताया कि उसका पुत्र काशीराम दिल्ली में अकेला रहता था और वही मेहनत मजदूरी करता था। भदरवारा में उसकी पत्नी व पुत्री रहते हैं। बताया कि 8 दिन पहले ही उसका बेटा दिल्ली से लौटा था। यहां उसके आने के बाद से ही बहू आए दिन किसी न किसी बात पर झगड़ा करती थी।

उद्धव गुट के नेता संजय राउत का दावा किया, शिवसेना पार्टी के नाम, उसके धनुष और तीर का चिन्ह खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये की डील हुई 

मुझे सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने दी जानकारीः राउत

उद्धव गुट के नेता संजय राउत का दावा किया है कि शिवसेना पार्टी के नाम, उसके धनुष और तीर का चिन्ह खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये की डील हुई है।

राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2,000 करोड़ रुपये एक प्रारंभिक आंकड़ा था और यह 100 फीसदी सच था। उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने उनके साथ यह जानकारी साझा की। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उनके दावे के समर्थन में सबूत हैं, जिसका खुलासा वह जल्द करेंगे।

चुनाव आयोग ने शिंदे गुट के पक्ष में सुनाया था फैसला

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया। संगठन पर नियंत्रण के लिए लंबी लड़ाई पर 78 पन्नों के आदेश में, चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को राज्य में विधानसभा उपचुनावों के पूरा होने तक आवंटित धधकती मशाल चुनाव चिन्ह रखने की अनुमति दी। राउत ने रविवार को कहा कि शिवसेना के नाम को 'खरीदने' के लिए 2,000 करोड़ रुपये कोई छोटी रकम नहीं है।

अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ भूटान में महसूस हुए भूकंप के झटके, किसी के हताहत होने की खबर नहीं, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.8 रही

 अरुणाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर भूकंप का झटका लगा, जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर में दोपहर 1 बजे झटके महसूस हुए।

एक आधिकारिक बुलटेन के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप दोपहर को 12 बजकर 12 मिनट पर आया, जिसका केंद्र भूटान सीमा के पास पश्चिम कामेंग में था और इसकी गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी।

धार में भी आया भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र इंदौर से 150 किलोमीटर दूर धार में था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.0 मापी गई। 

भूटान में भी महसूस हुए झटके

बता दें कि भूकंप के झटके अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के साथ-साथ असम के मध्य और उत्तरी क्षेत्र में महसूस हुए। इसके अलावा भूकंप के पूर्वी हिस्से में भी झटका लगा। अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के तत्काल बाद किसी के भी घायल होने की कोई खबर नहीं मिली और न ही संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचा।

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आता रहता है, क्योंकि यह हिस्सा उच्च भूकंपीय क्षेत्र में आता है।

गुजरात में 3.2 तीव्रता का था भूकंप

इससे पहले गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। फरवरी की शुरुआत में गुजरात में 3.2 तीव्रता का भूकंप आया था। इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजिकल रिसर्च (ISR) ने बताया था कि भूकंप की गहराई 3.2 किमी दर्ज की गई थी।

भूकंप आने पर तत्काल करें ये काम

भूकंप की स्थिति में भागादौड़ी से बचना चाहिए और तत्काल प्रभाव से खुले मैदान की ओर जाना चाहिए।

भूकंप के दौरान हमेशा सबसे सुरक्षित जगह की तलाश करनी चाहिए। किसी बिल्डिंग, पेड़ या खंभे का पास नहीं खड़ा होना चाहिए।

जो लोग घर के अंदर मौजूद हो वे तुरंत किसी बेड, सोफे या टेबल के नीचे छिप जाएं।