ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 36 मजदूर, राज्य व केंद्र सरकार से वतन वापसी की लगाई गुहार


धनबाद:- धनबाद, गिरिडीह,बोकारो और हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखंडो में रहनेवाले 36 प्रवासी मजदूरों ने ताजिकिस्तान से सोशल मीडिया के माध्यम से वतन वापसी की गुहार लगाई है।मजदूरों की मदद के लिए भारत सरकार एवं झारखंड सरकार के नाम त्राहिमाम संदेश भेजा गया है।

सरकारों से कहा गया है कि जिस कंपनी में ये मजदूर काम कर रहे थे,उसने चार महीने से वेतन नहीं दिया है।पैसे के अभाव में मजदूर दाने-दाने को मोहताज हैं।बता दें कि यह कोई पहला मौका नही है जब दलालों के चक्कर में पड़कर गरीब तबक़े के लोग विदेशों में फसे जाते हैं।

इससे पूर्व ताजिकिस्तान 44 मजदूर फंसने के मामले सामने आए थे।ये सभी मजदूर पिछले चार महीने पूर्व बिष्णुगढ प्रखंड के खरना के पंचम महतो के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन के लिए काम करने ताजिकिस्तान गए थे।जहां पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है।इस कारण वे दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं।

श्रमिकों की मदद के लिए की अपील

प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकन्दर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से श्रमिकों को मदद की अपील की है।उन्होंने कहा कि रोजगार के अभाव में झारखंड में आए दिन कहीं न कहीं से इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। लोग रोजी रोटी की तलाश में विदेश जाते हैं, जहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं।ऐसे हालात में मजदूर बड़ी मुश्किल से अपने वतन लौट पाते हैं।ऐसे में सरकार को मजदूरो का पलायन रोकने को लेकर रोजगार की व्यव्स्था करने की जरूरत हैं।

ताजिकिस्तान में फंसे मजदूर

गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत तुकतुको के खिरोधर महतो,नागेश्वर चौधरी,रामदेव महतो,औरा के सुखदेव महतो,संतोष कुमार महुरी के गोवर्धन महतो,ढिबरा के जगरनाथ महतो,परतापुर के गणेश महतो घाघरा के कैलाश महतो,सरिया प्रखंड के अंतर्गत पिपराडीह के डुमरचंद महतो,डुमरी प्रखंड के अंतर्गत कुलगो के शंकर कुमार,सेवाटांड झरिलाल महतो.हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड अंतर्गत गोविंदपुर के बालेश्वर महतो,नागी के महेन्द्र महतो,करगालो के शिवशंकर साव,सारूकुदर के टुकामन महतो,नागेश्वर महतो,केन्दुवाडीह के डेगलाल गंझू,बलकमक्का के दर्शन महतो,उच्चाघाना के प्रकाश महतो, खरना के सुरेश महतो,डेगलाल महतो,महेश महतो,अशोक कुमार, सिरैय के राजेश महतो,बसरिया के सुकर महतो.टाटीझरिया प्रखंड अंतर्गत जोलमी के दौलत महतो, लालमण महतो,योधा महतो बोकारो जिले के गोमियां प्रखंड अंतर्गत हुरलुंग के नारायण महतो,बालेश्वर महतो,कडमा के दशरथ महतो, अशोक कुमार,करतवारी के प्रकाश महतो.धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड अंतर्गत मानटांड के दिनेश कुमार महतो शामिल हैं।

धनबाद: भूली के पंचवटी में ग्रामीणों और सीआइएसएफ जवानों के बीच हिंसक झड़प,दोनों पक्ष के लोग चोटिल


धनबाद: भूली के पंचवटी नगर में ग्रामीणों और सीआइएसएफ जवानों के बीच हिंसक झड़प हो गई। बीसीसीएल की ओर से जमीन समतलीकरण कार्य के दौरान महिलाओं ने पत्थरबाजी कर दी। इसमें एक महिला सीआइएसएफ जवान समेत कई ग्रामीण घायल हो गए।

बीसीसीएल के गोंदुडीह कोलियरी क्षेत्र के धोबिकुल्ही के प्रभावित लोगों को बसाने के लिए बीसीसीएल पंचवटी नगर क्षेत्र में जमीन समतलीकरण का कार्य करवा रही थी। जैसे ही इसकी सूचना ग्रामीणों को मिली, वे मौके पर पहुंचकर हंगामा करने लगे।

सीआइएसएफ के अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण नहीं माने। इसी बीच ग्रामीणों और सीआइएसएफ के बीच झड़प हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें सीआइएसएफ महिलाकर्मी मधुमला को पत्थर से सिर में चोट लगी। उसका इलाज क्षेत्रीय6 अस्पताल में कराया गया।

वहीं ग्रामीणों में शकुंतला देवी, सुनीता देवी, उमा देवी, दिलीप महतो चोटिल हो गए। इसके बाद जमीन समतलीकरण का काम बंद कर दिया गया।

बगैर पंजीयन काम कर रहे निजी क्लीनिकों पर होगी कार्रवाई : डीडीसी


धनबाद : निजी स्वास्थ्य क्लीनिक एवं नर्सिंग होम के कागजात की जांच को लेकर जिला प्रशासन ने 10 फरवरी को नगर निगम एवं पुलिस विभाग को निर्देश दिया है.

डीडीसी शशि प्रकाश सिंह ने कहा कि वैसे अस्पतालों की जांच की जाए, जो बिना पंजीयन के काम कर रहे हैं और खामी पाए जाने पर क्लीनिकों के खिलाफ क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) के तहत कार्रवाई की जाए.

उप विकास आयुक्त (डीडीसी) शशि प्रकाश सिंह ने पहली जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा को क्लिनिकल स्थापना अधिनियम के दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन के लिए टीम गठित करने और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की उपलब्धता का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. नर्सिंग होम और स्वास्थ्य क्लीनिकों में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के मद्देनजर, उन्होंने जैव-चिकित्सा अपशिष्ट निपटान क्षेत्र, कोविड-19 अपशिष्ट डंपिंग साइट और इसके अलगाव की स्थिति का निरीक्षण करने का भी आदेश दिया और यह आकलन करने के लिए कहा कि एनजीटी के दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है या नहीं.

जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक संपन्न


धनबाद के विकास को गति प्रदान करना दिशा की बैठक का उद्देश्य : सांसद

धनबाद : सांसद धनबाद सह अध्यक्ष, जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा), श्री पशुपतिनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिशा की बैठक समाहरणालय के सभागार में आयोजित की गई।

इस अवसर पर सांसद ने कहा कि धनबाद के विकास को गति प्रदान करना इस बैठक का उद्देश्य है। यह बैठक उपयोगी रहे यह सब का प्रयास होना चाहिए। बैठक के दौरान सांसद ने उपायुक्त श्री संदीप सिंह की पहल पर होने जा रहे गया पुल चौड़ीकरण कार्य के लिए उनको विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

सांसद ने प्रस्ताव रखा कि अगर धनबाद रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर से जोड़ा फाटक तक सड़क बनती है तो बैंक मोड़ में 75% ट्राफिक का समाधान हो जाएगा। सांसद ने कहा कि रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर से जोड़ फाटक तक अप्रोच रोड बनाना रेलवे की जिम्मेदारी है। यदि यह कार्य रेलवे नहीं करती है तो जिला प्रशासन को पहल कर इस दिशा में आगे आना चाहिए। 

उन्होंने बैंक मोड़ फ्लाईओवर होते हुए जोड़ाफाटक, धनसार, झरिया, सिंदरी, चंदनकियारी की ओर जाने वाले वाहनों के लिए इस प्रस्तावित नए मार्ग पर वनवे करने का भी सुझाव दिया। साथ ही कहा कि धनबाद एक महत्वपूर्ण शहर है। प्रतिवर्ष सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ रहा है। इसलिए यातायात को सुचारू रखने के लिए ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था होनी चाहिए।

धनबाद में विगत दिनों हुए अग्निकांड की चर्चा करते हुए सांसद ने अग्निशमन विभाग से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट व एनओसी की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की। 

वहीं बैंक मोड़ फ्लाईओवर की मरम्मत, हर घर नल से जल योजना की प्रगति, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत, छात्रवृत्ति योजना, विभिन्न योजना के तहत दी जाने वाली बैंक लोन, एनएचएआई, जेएसएलपीएस, मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा, राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित नागरिक सुविधा की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं पर चर्चा की और अपने सुझाव दिए।

इसके अलावा सांसद ने सभी पानी टंकी एवं बिजली सबस्टेशन में कंप्लेंट बुक रखने, गर्मी से पहले पानी की समस्या के समाधान के लिए सभी जनप्रतिनिधियों के साथ विभाग की बैठक करने, झमाडा में कार्य की समीक्षा करने, भूदा से बेलगड़िया तक सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने, चांदमारी से बेलगड़िया तक बेरा होकर सड़क निर्माण करने, डीएवी स्कूल पुराना बाजार में सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन निर्धारण की जांच करने, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित चिकित्सकों का मोबाइल नंबर सहित नाम प्रदर्शित करने, फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट व एनओसी प्राप्त करने के लिए डीजी अग्निशमन विभाग से बात करने का भी प्रस्ताव रखा।

बैठक में माननीय विधायक धनबाद श्री राज सिन्हा ने विकासनगर, जगजीवन नगर, गर्भुडीह, मुनिडीह इत्यादि क्षेत्रों में पेयजल समस्या का समाधान करने, पंपिंग स्टेशन में डेडीकेटेड बिजली लाइन देने, एसएनएमएमसीएच पर भार कम करने के लिए सदर अस्पताल का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करने का सुझाव दिया।

उन्होंने वासेपुर आरामोड़ की निविदा बारंबार कैंसिल होने, बरमसिया में एफसीआई गोदाम के पास भारी वाहनों द्वारा किए जा रहे सड़क अतिक्रमण तथा पांडरपाला में सदियों पुराने श्मशान घाट की भूमि के अतिक्रमण पर चिंता व्यक्त की और प्रशासन से इस दिशा में कारगर कदम उठाने की मांग की।

 

बैठक में उपायुक्त ने कहा कि माननीय सांसद एवं माननीय विधायक तथा अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त सभी सुझाव पर कारगर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूजा टॉकीज से पुरानी बंद पड़ी धनबाद झरिया रेलवे लाइन तक ओवर ब्रिज बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। पहले रेलवे ने जमीन देने से मना किया था। अब रेलवे तैयार हो गया है।

साथ ही उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिया कि कोई भी योजना के शिलान्यास के समय शीला पट्ट पर माननीय जनप्रतिनिधियों का नाम, योजना का विवरण, प्राक्कलित राशि सहित पूरा विवरण प्रदर्शित करे। उन्होंने पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को हर घर नल योजना का प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराने, बिजली विभाग के सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को आम लोगों के फोन रिसीव कर उनकी समस्या का समाधान करने, सिविल सर्जन से सदर अस्पताल सहित सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों का रोस्टर बनाने का निर्देश दिया। ‌‌

बैठक में माननीय सांसद धनबाद श्री पशुपतिनाथ सिंह, माननीय विधायक धनबाद श्री राज सिन्हा, जिला परिषद की माननीय अध्यक्ष श्रीमती शारदा सिंह, चिरकुंडा नगर परिषद के माननीय अध्यक्ष श्री डबलु बाउरी, उपायुक्त श्री संदीप सिंह, उप विकास आयुक्त श्री शशि प्रकाश सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी श्री विकास पालीवाल, अपर समाहर्ता श्री नंदकिशोर गुप्ता, निदेशक डीआरडीए श्री मुमताज अली अहमद, जिला योजना पदाधिकारी श्री महेश भगत, सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा, जिला खनन पदाधिकारी श्री मिहिर सालकर, डीसीएलआर श्री सतीश चंद्रा, डीटीओ श्री राजेश कुमार सिंह, माननीय विधायक झरिया के प्रतिनिधि श्री केडी पांडेय, माननीय विधायक सिंदरी के प्रतिनिधि श्री कुमार महतो, माननीय सांसद के प्रतिनिधि श्री नितिन भट्ट, माननीय सांसद के शिक्षा प्रतिनिधि श्री रणविजय सिंह, माननीय सांसद गिरिडीह के प्रतिनिधि, माननीय विधायक बाघमारा के प्रतिनिधि श्री मनीष सिंह, अग्निशमन पदाधिकारी श्री लक्ष्मण प्रसाद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती स्नेह कश्यप, डीपीएम जेएसएलपीएस श्रीमती रीता सिंह, नगर निगम के मोहम्मद अनीस, पीएचइडी वन एवं टू के कार्यपालक अभियंता सहित सभी विभागों के पदाधिकारी, विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड प्रमुख सहित अन्य लोग मौजूद थे।

कृषि बिल के खिलाफ एकजुट हुए धनबाद जिले के 58 संगठन,14 फरवरी तक बिल वापस नहीं तो 15 से अनिश्चितकालीन हड़ताल


धनबाद : धनबाद कृषि बिल के विरोध में 10 फरवरी शुक्रवार को जिले के व्यवसायियों के 58 संगठनों ने एकजुट हो कर आंदोलन की चेतावनी दी है. बाज़ार समिति के प्रांगण में बिल के खिलाफ आयोजित प्रेसवार्ता में 58 संगठन के पदाधिकारियों ने एक सुर में कृषि बिल का विरोध किया. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बाजार समिति के अध्यक्ष विनोद गुप्ता ने कहा कि 14 फरवरी तक राज्य सरकार को बिल वापस लेने के लिए अल्टीमेटम दिया गया है.

 व्यवसायी 14 फरवरी तक आंदोलन भी करते रहेंगे और विधायक, मंत्री व राज्य सरकार से निरस्तीकरण की मांग करेंगे. मांगें पूरी न होने पर 15 फरवरी से बाजार समिति के तमाम व्यवसायी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

मौके पर जिला चेंबर के महासचिव अजय नारायण लाल ने कहा कि हेमंत सरकार शुरू से व्यवसायी व जन विरोधी रही है. उन्होंने कहा कि सरकार समय रहते इस बिल को निरस्त कर दे, वरना आने वाले समय में आंदोलन और भी उग्र रूप धारण करेगा, जिसकी जवाबदेही सरकार की होगी. बाजार समिति के महासचिव विकास कंधवे ने कहा कि है सरकार को काला कानून वापस लेने के लिए 1 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया गया है. 

14 फरवरी तक सरकार कानून वापस नहीं लेती है तो 15 फरवरी से धनबाद सहित पूरे झारखंड में खाद्यान्न, फल, राइस मिल, फ्लावर मिल, अंडा, मछली, आलू-प्याज व सब्जी का कारोबार पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा.

बैंकमोड़ चैम्बर के निवर्तमान अध्यक्ष प्रमोद गोयल ने हेमंत सरकार को व्यवसायी विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने कभी भी व्यवसायियों का भला नहीं चाहा है. नए-नए कानून लाकर व्यवसायियों की गर्दन को दबाने का काम करती रही है. उन्होंने कहा है कि अब लड़ाई आर-पार की होगी.

धनबाद में आग लगने का सिलसिला जारी,शनिवार की रात बैंकमोड़ के सेंटर पॉइंट के रेड टेप जूता दुकान में लगी आग

अग्निशमन टीम ने आग पर पाया काबू,कितने रुपये की सम्पति का हुआ क्षति आकलन जारी

धनबाद: धनबाद इन दिनों अभिशप्त शहर बन गया है। यहां अगलगी का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कभी मकान तो कभी दुकान और फिर झाड़ियों में आग लगने का सिलसिला जारी है। 

शनिवार की दोपहर को धनबाद के वीर कुंवर सिंह कॉलोनी में शॉर्ट सर्किट से झाड़ी में आग लग गई, तो शाम सात बजे सर्किट हाउस में पेड़ जल गया। वहीं रात आठ बजे के करीब बैंक मोड़ सेंटर पॉइंट के रेड टेप जूता दुकान में आग लगने से अफरा- तफरी मच गई।

 हालांकि लोगों ने तत्काल तत्परता दिखाई और अग्निश्मन विभाग को सूचना दी, दमकल की गाड़ी पहुंचने के बाद आग पर काबू पा लिया गया। दुकान में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट होना बताया गया।

 सूचना के बाद धनबाद विधायक राज सिन्हा और बैंक मोड़ थानेदार पीके सिंह मौके पर पहुंचे और घटना का जयजा लिया। समाचार लिखे जाने तक आग से दुकान में कितने की सम्पति का नुकसान हुआ है, इसका आकलन अभी नहीं हो सका है। ज्ञात हो कि 27 जनवरी से धनबाद शहर में लगातार छोटी-बड़ी अगलगी की घटना हो रही है। अभी तक अगलगी में 19 लोगों की जान भी जा चुकी है।

बोकारो: आपसी विवाद में पाँच वर्षीय बच्चे की हत्या, तीन गिफ्तार

बोकारो के दुग्दा थाना क्षेत्र के कुरुवा गांव में दो लोगों की जमीनी विवाद के बाद आपसी रंजिश के कारण बबलू देव के पुत्र आर्यन देव 5 वर्ष के बच्चे की निर्मम हत्या कर शव को कुएं में फेंका गया शव पुलिस ने बरामद किया है। हत्या का इस तरीका से लोगों में आक्रोश है । 5 वर्ष के बच्चे की गला दबाकर ,आंखें फोड़कर हत्या कर शव को कुएं में डाल दिया गया था। 

 बच्चे के लापता होने के बाद माता पिता बच्चे की खोजबीन करने के बाद पता नहीं चलने पर पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस आनन-फानन में खोज करते हुए संदेह के आधार पर हत्या आरोपी मानस गोप तथा उसके पिता भुनेश्वर तथा भगीरथ उर्फ़ चरकु गोप, से पुलिस ने शख्ती से पूछताछ की तो उन्होंस हत्या कर शव को कुएं में फेकने की बात कबूल की।  

साथ ही हत्यारोपी को घटनास्थल पर ले जाकर पुलिस ने मामले का उद्भेदन करते हुए बच्चे का शव कुएं से बरामद किया है ।इस मामले मे हत्या आरोपी तथा पिता एवं भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं। तथा इन अपराधियों के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया। 

वही बच्चे का शव कब्जे में लेकर पुलिस पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। और आगे की कार्रवाई करते हुए मामले के अनुसंधान में पुलिस जुटी हुई है।

डीडीसी ने सदर अस्पताल पहुंच किया मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का शुभारंभ

निरीक्षण के दौरान स्टोर रूम को व्यवस्थित करने का दिया निर्देश

धनबाद। डीडीसी शशि प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को सदर अस्पताल पहुंचकर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का फाइलेरिया की दवा का सेवन कर शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वस्थ और रोग मुक्त रखने के संकल्प को धरातल पर उतारने के उद्देश्य से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम का आज से पूरे जिले में शुभारंभ किया गया है।

11 से 25 फरवरी तक छूट हुए लोगों को दवा प्रशासक द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा के साथ सदर अस्पताल में मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं तथा सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने हर विभाग में जाकर मरीजों को मिलने वाली दवा तथा इलाज में काम आने वाले उपकरणों से संबंधित रजिस्टर की जांच की। इसके बाद डीडीसी ने सदर अस्पताल के स्टोर रूम का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि स्टोर रूम में सभी वस्तुओं को सुव्यवस्थित तरीके से रखें। यह सुनिश्चित करें कि इसमें रखी दवा की डिलीवरी मरीज तक हो। उसका पूरा रिकॉर्ड संधारण करके रखें। अस्पताल के सुचारू संचालन में ओपीडी की तरह स्टोर रूम की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। साथ ही अग्निशमन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर फायर फाइटिंग सिस्टम स्थापित करने, आपातकाल की स्थिति में निकासी द्वार व अन्य बिंदुओं पर निर्देश दिए। मौके पर डॉ सुनील कुमार, फाइलेरिया पदाधिकारी डॉक्टर सुधा सिंह, वीबीडी पदाधिकारी रमेश कुमार सिंह व अन्य लोग मौजूद थे।

नियोजन अधिनियम एवं नियमावली को लेकर कार्यशाला का आयोजन

धनबाद। कोयला नगर स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के कम्यूनिटी हॉल में आज झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के अनुपालन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला एवं निबंधन शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर में उक्त नियमावली से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही नियमावली के क्रियान्वयन एवं प्रगति पर भी चर्चा की गई। अधिनियम के अंतर्गत नियोजक की परिभाषा में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों को नियोजनालय में निबंधित होना अनिवार्य है।

कार्यशाला में नियोक्ता द्वारा अधिनियम से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न किए गए जिसका आनन्द कुमार, नियोजन पदाधिकारी धनबाद एवं संतोष कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी -सह- नोडल पदाधिकारी, बोकारो थर्मल द्वारा उत्तर दिया गया।

शिविर में 50 आउटसोर्सिंग एजेंसी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जो आउटसोर्सिंग एजेंसी के प्रतिनिधि इस कार्यशाला में उपस्थित नहीं हो सके उनके निबंधन कराने हेतु बीसीसीएल द्वारा आश्वस्त किया गया।

अधिनियम सह नियम के लागू होने के बाद राज्य अंतर्गत प्रत्येक नियोक्ता (अधिनियम में परिभाषित) द्वारा 40,000 रुपए (चालीस हजार रुपये) से अधिक या सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित अधिसीमा मासिक वेतन या मजदूरी वाले ऐसे पदों जो अधिसूचित होने की तिथि को रिक्त हो एवं उसके उपरान्त उत्पन्न कुल रिक्ति का 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित किया जाना अनिवार्य होगा।

अधिनियम / नियम का विस्तार सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाला कोई व्यक्ति अथवा ऐसी संस्था जिसे सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित किया जाए, पर लागू होगा। इसमें केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के उपक्रम शामिल नहीं होगें, किन्तु केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों/ उपक्रमों में बाह्यश्रोत से सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू होगें।

प्रत्येक नियोक्ता द्वारा स्वयं का अभिहित पोर्टल (उद्देश्य के क्रियान्वयन हेतु झारखण्ड रोजगार पोर्टल) पर निबंधन स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन नियम 2022 की अधिसूचना के 30 दिनों के अंदर करना होगा एवं 40,000/- (चालीस हजार रूपए) तक कुल वेतन, पारिश्रमिक या मेहनताना पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी का भी तीन महीने के अंदर उक्त पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके साथ ही स्थानीय उम्मीदवारों को भी इस अधिनियम / नियम के अधीन लाभों के उपभोग हेतु स्वयं को अभिहित पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।

अधिनियम / नियम के अनुपालन के अनुश्रवण के लिए प्रधान सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग झारखण्ड सरकार की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का भी प्रावधान है।

कार्यशाला में संतोष कुमार, जिला नियोजन पदाधिकारी, बोकारो थर्मल -सह- नोडल पदाधिकारी, धनबाद, आनन्द कुमार, नियोजन पदाधिकारी धनबाद, पीवीकेआर मल्लिकार्जुन, वरीय सलाहकार (कार्मिक) बीसीसीएल, विद्युत साहा, महाप्रबंधक (पी एंड आईआर), सरोज कुमार पांडे, मुख्य प्रबंधक (कार्मिक), नीरज कुमार मिश्रा, वरिष्ठ अधिकारी कार्मिक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

*भगवान भरोसे चल रहा है झारखंड का अग्निशमन विभाग, जमादार दे रहे एनओसी सर्टिफिकेट, आखिर कैसे सुरक्षित होंगी इमारतें*

धनबाद : धनबाद समेत राज्य के तकरीबन सभी जिले में उंची-उंची इमारतें खड़ी हो रही है। उन सभी सरकारी और गैर सरकारी भवनों को आग से सुरक्षित रखने के लिए अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लिया जाता है।

जांच करने वाले अधिकारियों के पास आग से सुरक्षा की कोई जानकारी नहीं जिले में मौजूद फायर अधिकारी भवन की जांच पड़ताल करते हैं, फिर आग से सुरक्षित होने का प्रमाण पत्र भी दिया जाता हैं लेकिन झारखंड के अधिकांश जिलों में ऐसे अधिकारी जांच करते हैं, जिन्हें आग से सुरक्षा की कोई जानकारी नहीं होती है, उन्होंने सुरक्षा को लेकर एडवांस कोर्स तक नहीं किया है। बिल्डर को उनसे एनओसी मिल जाता है लेकिन सोचिए अगर किसी गंभीर बीमारी में डॉक्टर की जगह कंपाउंडर इलाज करे तो आप कितना भरोसा करेंगे।

राज्य के अधिकांश जिलों का यही हाल

इसी तरह का हाल फिलहाल धनबाद समेत राज्य भर के अधिकांश जिलों में अग्निशमन विभाग का है। यहां बिल्डिंग को आगजनी से सुरक्षित होने का दावा कर जो प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं, उसकी जांच जमादार और हवलदार पद के फायर अधिकारी कर रहे हैं, जबकि अग्निशमन विभाग में तीन तरह की पढ़ाई होती है।

किस पद के लिए कौन सा कोर्स

सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले सब इंस्पेक्टर पद के अधिकारी होते हैं, वहीं डिप्लोमा इन फायर इंजीनियरिंग ज्यादातर दारोगा करते हैं, जो फायर फाइटिंग के लिए प्रशिक्षित होते हैं, सबसे महत्वपूर्ण कोर्स, एडवांस डिप्लोमा एंड फायर इंजीनियरिंग का होता है। यह कोर्स इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी का है, इस कोर्स के अधिकारी ही किसी भवन निर्माण के दौरान आग से सुरक्षित रखने का मंतव्य किसी को दे सकते हैं।

फायर इंजीनियर ही कर सकते हैं भवन निर्माण की सुरक्षा की जांच

आग से सुरक्षित भवन निर्माण की जांच एडवांस डिप्लोमा एंड फायर इंजीनियर के पदाधिकारी के द्वारा ही करने काे प्रावधान है। किसी भी भवन निर्माण के दौरान फायर सेफ्टी की जानकारी एडवांस कोर्स करने वाले पदाधिकारी को ही रहती है। हालांकि यहां दुर्भाग्य की बात यह है कि सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले जमादार भी फायर सेफ्टी की जांच करते हैं और उंची-उंची इमारतें खड़ी हो रही है।

32 सालों से नहीं हुई विशेषज्ञों की बहाली

1989 के बाद राज्य में एडवांस डिप्लोमा इन फायरिंग इंजीनियरिंग कोर्स करने वाले इंस्पेक्टर की बहाली नहीं हुई है। बिहार के दौरान एडवांस डिप्लोमा एंड इंजीनियरिंग कोर्स के अधिकारी जो 1989 में बहाल हुए थे। तकरीबन सभी सेवानिवृत भी हो चुके हैं।

जमादार स्तर के अधिकारी को बना दिया गया प्रभारी

महत्वपूर्ण बात है कि राज्य भर में डिप्लोमा कोर्स करने वाले फायर अधिकारियों का भी 44 पद खाली है। उस रिक्त स्थान को अब तक नहीं भरा जा सका है। जहां दारोगा स्तर के पदाधिकारी अग्निशमन विभाग के प्रभारी होते थे, वहां अब जमादार स्तर के पदाधिकारी को प्रभारी बना दिया गया है। धनबाद में एडवांस डिप्लोमा एंड इंजीनियरिंग करनेवाले इंस्पेक्टर स्तर के एक पदाधिकारी का पद 2019 से खाली है।