*सोमवार से 24 फरवरी तक चलेगा विशेष नियमित टीकाकरण*
फर्रुखाबाद ।जिले में टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए विविध प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में खसरा व रूबेला (एमआर) से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण पखवाड़ा का दूसरा चरण 13 फरवरी से 24 फरवरी तक चलेगा और अंतिम चरण 13 मार्च से 24 मार्च तक चलेगा। चरण 9 जनवरी से 20 जनवरी तक चल चुका है। सीएमओ डॉ अवनीन्द्र कुमार ने जनपदवासियों से अपील की है कि अपने बच्चे को टीका अवश्य लगवाएं। यह हमारे बच्चों के लिए बहुत जरूरी है और बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रभात वर्मा ने बताया कि मीजल्स रूबेला रोग संक्रामक वायरस के कारण होने वाला एक संक्रमण रोग है। इसे जर्मन खसरा भी कहा जाता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी आसानी से फैल सकता है। खसरा होने पर इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। खसरा होने पर यह लाल दाने शुरू में सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं दानों में खुजली और जलन होती है व बच्चे को तेज बुखार आता है।
डीआईओ ने बताया कि खसरा से बचने के लिए टीकाकरण करवाने पर बच्चे को संक्रामक बीमारी का खतरा बहुत कम हो जाता है और बच्चा खसरे से असहज दाने, तेज बुखार और बीमारी व संक्रमण से सुरक्षित हो जाता है। इसीलिए इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवाएं। टीकाकरण ही बचाव है। डीआईओ ने बताया कि जिले के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 5 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का तय प्रारूप पर हेड काउंट सर्वेक्षण आशा किया गया। इसको ई- कवच पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है।
खसरा से बचाव के लिए मीजल्स रूबेला (एमआर) विशेष टीकाकरण अभियान के तहत माइक्रो प्लान तैयार कर विशेष सत्रों में टीकाकरण किया जाएगा। हाई रिस्क एरिया, मलिन बस्तियों और नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों को भी माइक्रो प्लान में शामिल कर लक्षित लाभार्थियों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। डीआईओ ने बताया कि जनपद में 13 फरवरी से शुरू होने वाले विशेष टीकाकरण पखवाड़े के तहत चलने वाले तीन चरणों में मीजल्स-रूबेला टीकाकरण को शत प्रतिशत पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा।
यूएनडीपी से वीसीसीएम मानव शर्मा ने बताया कि इस 9 जनवरी से चले अभियान के दौरान बच्चों को टीबी से बचाने के लिए बीसीजी के 2637, ओपीवी के 13281, डीपीटी के 6569, डिप्थीरिया (गलघोंटू), काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस-बी और हिब जैसी पांच जानलेवा बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए 8867, बच्चों को पेंटावैलेंट के टीके, इंजेक्टेबल पोलियो के 9115, रोटा वायरस से बचाव के लिए 8844, निमोनिया से बचाने के लिए 897 टीके लगाए गए, वहीं खसरा व रूबेला रोग से बचाव के लिए 7392 बच्चों को एमआर का टीका दिया गया | 6107 गर्भवती महिलाओं को टिंटनेस से बचाव के लिए टीके लगाए गए l रूबेला टीकाकरण को शत् प्रतिशत पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा।
Feb 08 2023, 18:41