मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहाँ मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं, जो सिर्फ संचार का माध्यम नहीं बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। इन सुरक्षा चौकियों के आसपास गांवों में न केवल पुलिस की उपस्थिति से सुरक्षा की भावना बनी है, बल्कि इन इलाकों में अब नेटवर्क भी पहुंच गया है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है। यह न सिर्फ तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह संकेत है कि अब आदिवासी क्षेत्रों में संचार क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है। तकनीक के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है।

सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को नालंदा परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24x7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों की सराहना की और छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक सीधी रेलवे लाइन आज जुड़ी , मोदी ने दिखाई झंडी
कटरा रेलवे स्टेशन से कश्मीर के घाटी में जाना हुआ आसान, चेनाब नदी पर। बने पुल का मोदी ने किया उद्घाटन

कटरा रेलवे स्टेशन से कश्मीर के घाटी में जाना हुआ आसान, चेनाब नदी पर। बने पुल का मोदी ने किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेधा डेयरी प्लांट में मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची के होटवार में मेधा डेयरी प्लांट में राज्य के पहले मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें:

- किसानों की आयद बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

- व्यवसायिक खेती का महत्व: मुख्यमंत्री ने व्यवसायिक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

- पर्यावरण और कृषि: मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि ही एक ऐसा सेक्टर है जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।

मिल्क पाउडर प्लांट की विशेषताएं:

- 80 करोड़ की लागत: मेधा डेयरी प्लांट में बनने वाले मिल्क पाउडर प्लांट की लागत 80 करोड़ रुपये है।

- 20 मीट्रिक टन क्षमता: इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 20 मीट्रिक टन मिल्क पाउडर का उत्पादन करने की है।

- आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम: मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्लांट के बनने से राज्य दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा और निर्यात करने में भी सक्षम होगा।

किसानों के लिए सरकार की पहल:

- धान और दूध की सरकारी खरीद: सरकार धान और दूध की सरकारी खरीद कर रही है, जिससे किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिल सके।

- पशुपालन बीमा: सरकार पशुपालकों को बीमा युक्त पशुधन दे रही है, जिससे उन्हें किसी तरह का आर्थिक नुकसान न हो।

- दुग्ध संग्रहण केंद्र: सरकार दुग्ध संग्रहण केंद्र बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे किसानों और पशुपालकों को दूध के लिए बाजार उपलब्ध हो सके और उन्हें उचित कीमत मिल सके।

छत्तीसगढ़ में अब तक 50 कोविड-19 मरीजों की पुष्टि, स्वास्थ्य मंत्री श्याम विहारी जायसवाल ने दिये ये निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।

सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारी

आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही, उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।

राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार

5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं, और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाह

भारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।

राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने MS धोनी का जिक्र कर किसानों को दी स्वावलंबन की प्रेरणा


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि किसान का खेतीबाड़ी के माध्यम से जीवन यापन होता है। देश की अर्थ व्यवस्था में भी किसानों की भूमिका है। देश के एक नेता ने एक नारा दिया था जय जवान जय किसान। यह कितना ताकतवर नारा है, अगर सही मायने में हम इसको समझ पाएं। इससे अच्छा आज की दुनिया में और कुछ नहीं है। खेती और पशुपालन मानव जीवन की एक ऐसी व्यवस्था है, इसमें कोई नुकसान नहीं है। सिर्फ फायदा ही फायदा है। बहुत सारे उद्योग धंधे चल रहे हैं। इनसे कोई न कोई नुकसान जरूर नहीं है। पर्यावरण को नुकसान होता है, हमें भी परेशानी होती है, लेकिन खेती से न तो पर्यावरण को और न ही मनुष्यों को नुकसान होता है।

सीएम हेमंत सोरेन शुक्रवार को होटवार के टाना भगत स्टेडियम में मेधा पाउडर प्लांट का शिलान्यास करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोग व्यक्तिगत रूप से खेती कर उसे व्यवसाय के रूप में भी आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे राज्य के क्रिकेटर एमएस धोनी भी खेतीबाड़ी करते हैं और उनके खेत का उत्पाद विदेशों में भी बेचा जाता है।

उन्होंने कहा कि जब क्रिकेट खेलने वाले एक व्यस्त व्यक्ति खेतीबाड़ी कर सकते हैं, तो हम क्यूं नहीं?। हम तो 24 घंटे खेत-खलिहान में ही रहते हैं। मेहनत से किया हुआ काम हमेशा अच्छा फल देता है, इसलिए किसान सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए स्वावलंबी बने।

सीएम ने कहा अब गांव-देहात में कमजोर बच्चे पैदा होने को मजबूर होते हैं, महिलाओं में खून की कमी होती है, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। पहले हमारे गांव में पशुपालन व्यवस्था समृद्ध रहती थी। अगर पशुधन घर में रहे, तो परिवार का कोई सदस्य कमजोर नहीं रह सकता है। वर्तमान में महंगाई तेजी से बढ़ रही है, लेकिन किसानों की आय नहीं बढ़ रही है। किसानों को हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है। आय का स्रोत बढाने के लिए विभाग प्रयासरत है और कई योजनाएं बना रहे हैं, ताकि किसान स्वावलंबी हो सकें। किसानों का धान और दूध सरकार खरीदती है।

पशुओं का हो रहा बीमा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पहले पशुओं का वितरण काम चलाऊ था। जानवर वितरण का कोई लेखाजोखा नहीं था। लेकिन अब सरकार किसानों को मुर्गी, बकरी, गाय, सुअर का बीमा करा रही है, क्योंकि जानवरों को बीमारी होती है और उसकी मौत हो जाती है।ऐसी घटना होने पर किसानों की लागत बैंक से वापस दिया जाएगा, ताकि फिर से पशुपालन किया जा सके। राज्य में प्रखंडों में दूध संग्रहण का कार्य हो रहा है। दूध संग्रहण सेंटर को पंचायत स्तर पर पहुंचाया जाएगा।

अलग राज्यों से मिलावटी पनीर और खोआ बेचा जा रहा है और लोगों की जान खतरे में डाला जा रहा है। हम अपने राज्य में इसका उत्पादन बढ़ा लें, तो हमें मिलावट दही, दूध और पनीर खाने की क्या आवश्यकता होगी। अंडा, मछली और मीट को लेकर हम दूसरे राज्यों निर्भर रहते थे। लेकिन अगले पांच साल में इन सभी क्षेत्रों में राज्य आत्मनिर्भर हो जाएगा।

दूध संग्रहण केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि 80 करोड़ की लागत से प्रति दिन 20 मीट्रिक टन क्षमता वाले इस प्लांट से दूध के अतिरिक्त संग्रहण को मिल्क पाउडर बनाने में मदद मिलेगी। अबतक अतिरिक्त दूध को मिल्क पाउडर में बदलने के लिए असम- छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन होटवार स्थित मेधा प्लांट परिसर में ही दूध को मिल्क पाउडर में आसानी से बदला जाएगा।

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अभी मेधा ढाई लाख लीटर प्रतिदिन दूध कर रहा है। झारखंड में प्रतिदिन करीब 60 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में दूध संग्रहण केंद्र की संख्या बढानी होगी। राज्य में 32 हजार गांव है जबकि दूध संग्रहण केंद्र की संख्या 12 सौ है। बिचौलिया गांव में पशुपालकों से मनमाने दर पर दूध का उठाव करते है।

पशुपालकों को सरकार प्रति लीटर पांच रुपये प्रोत्साहन राशि दे रही है, ताकि उनकी मेहनत का अधिक से अधिक पैसा उनकी जेब में जा सके। इस दौरान कई पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी मंच से किया गया। इस दौरान कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीख, एनडीडीबी के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह, जेएमएफ के एमडी जयदेव विश्वास, विशेष सचिव प्रदीप हजारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

साहित्यकार सागर आनंद ने मानसी सिंह को प्रदान किया प्रथम 'नागनूर हिंदी हीरोइन' सम्मान


जहानाबाद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं "नागनूर नायक" के रूप में प्रतिष्ठित सागर आनंद की वैवाहिक वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उनके निजामुद्दीनपुर स्थित आवास पर एक भव्य साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक विशेष पुस्तक विमोचन समारोह भी संपन्न हुआ, जिसमें नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से अनेक साहित्यकार, कवि और कला प्रेमी उपस्थित हुए।

इस गरिमामयी अवसर पर जहानाबाद की उभरती हुई साहित्यिक प्रतिभा मानसी सिंह को "प्रथम नागनूर हिंदी हीरोइन सम्मान" से सम्मानित किया गया। यह सम्मान सागर आनंद, उनके प्रथम शोधार्थी पंकज अमन, विभा सागर, मंजू आनंद, कवयित्री सावित्री सुमन, और कवयित्री ममता प्रिया के करकमलों से प्रदान किया गया। मानसी सिंह की हिंदी भाषा, कला एवं साहित्य के प्रति समर्पण और योगदान को देखते हुए यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया, जिसे उपस्थित साहित्यिक समुदाय ने एक सराहनीय पहल बताया।

कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने सागर आनंद एवं उनकी धर्मपत्नी को वैवाहिक वर्षगांठ की ढेरों शुभकामनाएं प्रेषित कीं, वहीं नवसम्मानित मानसी सिंह को उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ उत्साहपूर्वक बधाई दी गई।

इस समारोह में नागनूर के प्रसिद्ध हिंदी गायक कुमार सरगम, साहित्यकार राणा वीरेंद्र सिंह, अशोक प्रियदर्शी, चितरंजन चैनपुरा, अमृतेश बाबू, नंदन मिश्र सहित शहर के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक एवं कला-संस्कृति से जुड़े गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

इस प्रकार का आयोजन साहित्यिक चेतना को प्रोत्साहित करने वाला तथा स्थानीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

लापरवाही और अनियमितता के मामले में शासन की बड़ी कार्रवाई, महासमुंद के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी को किया निलंबित

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कुमार कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है। 

गौरतलब है कि 29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई। इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।

आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई, सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।

बकरीद को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क, बूढ़नपुर में निकाला गया फ्लैग मार्च जनता को सुरक्षा का दिलाया भरोसा, उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
बूढ़नपुर/आजमगढ़। आगामी बकरीद पर्व को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से बूढ़नपुर नगर पंचायत में पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए फ्लैग मार्च का आयोजन किया। सीओ बूढ़नपुर किरण पाल सिंह के नेतृत्व में थानाध्यक्ष अतरौलिया अमित कुमार मिश्रा, चौकी इंचार्ज राम निहाल वर्मा सहित भारी पुलिस बल ने नगर के विभिन्न क्षेत्रों में मार्च निकाला।फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय नागरिकों से संवाद कर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया। सीओ किरण पाल सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि बकरीद का पर्व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाए, किसी भी तरह की अशांति फैलाने की कोशिश करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि पर्व के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मांस या खून आदि को सार्वजनिक स्थानों पर न फेंकें, जिससे गंदगी न फैले और किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।फ्लैग मार्च के जरिए पुलिस ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि त्योहार को शांतिपूर्वक और सुरक्षित माहौल में मनाया जाएगा, और किसी भी प्रकार की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
शिक्षा की रौशनी से चमका तरौद का स्कूल, युक्तियुक्तकरण से मिले चार नए शिक्षक, बच्चों के चेहरे पर दिखने लगी पढ़ाई की ललक

रायपुर-  कभी शिक्षक की कमी से जूझ रहा बालोद ज़िले का छोटा-सा गांव तरौद में शिक्षा की एक नई उम्मीद जगी है। जहां पहले सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था, अब यहां चार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की खबर से गांव में उत्साह का माहौल है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल ने बच्चों, अभिभावकों और पूरे गांव में शिक्षा को लेकर एक नई ऊर्जा भर दी है।

लगभग 60 विद्यार्थियों वाला यह शासकीय हाईस्कूल बीते दो वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। पढ़ाई बाधित होती थी, एक शिक्षक से सभी विषयों की जिम्मेदारी निभा पाना नामुमकिन था। बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की पहल ने इस अंधेरे को आशा की किरण दिखाई है।

युक्ति युक्तकरण वास्तव में शिक्षकों और संसाधनों के असमान वितरण को दूर करने की एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है, जिसमें जरूरतमंद स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती की जाती है। इसी योजना के तहत अब तरौद के हाईस्कूल में चार नए शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जो अलग-अलग विषयों के हैं। इससे अब हर विषय की पढ़ाई नियमित और गुणवत्ता पूर्ण हो सकेगी।

गांव के सरपंच धर्मेंद्र कुमार रामटेके की बातों से ग्रामीणों की भावनाएं झलकती हैं। पहले स्कूल में पढ़ाई की स्थिति अच्छी नहीं थी। जनभागीदारी समिति कई बार गांव के युवाओं को बुलाकर बच्चों के अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था करती थी। शासन ने अब हमारे गांव के स्कूल को चार नए शिक्षक देकर बच्चों के अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था कर दी है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आभारी हैं। महेश्वरी ठाकुर, स्कूल की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष कहती हैं कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है, और शासन ने यह अधिकार लौटाया है। अब हमें चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि हमारे बच्चों को कौन पढ़ाएगा।

स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना की खबर पाकर गांव के बच्चे भी बेहद खुश हैं। पढ़ाई को लेकर उनमें ललक और उत्साह दिखाई देने लगा है। बच्चों को हर विषय में अलग-अलग शिक्षक मिलना किसी सौगात से कम नहीं है। अब वह अच्छी पढ़ाई लिखाई करके डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या अधिकारी बनने के सपने देखने लगे हैं। तरौद अब केवल एक गांव नहीं रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा सुधारों का उदाहरण बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की यह पहल पूरे जिले के स्कूलों में चल रही है। शासन का स्पष्ट लक्ष्य है कि हर स्कूल में शिक्षक हों, और हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षा की रोशनी जब दूर-दराज के गांवों तक पहुंचती है, तो उसका असर सिर्फ किताबों तक नहीं रहता। वह पूरे समाज को एक नई दिशा देती है। ग्राम तरौद का यह बदलाव इसी सकारात्मक सोच और योजनाबद्ध प्रयास का नतीजा है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा की यह नई सुबह, निश्चित ही पूरे प्रदेश को प्रगति की ओर ले जाएगी।

दूरस्थ इलाकों में पहुंचेगी शिक्षा की रौशनी, युक्तियुक्तकरण से बच्चों को मिला बेहतर शिक्षा का भरोसा

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति ने दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था की नई उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया को तेज़ी से और पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा किया जा रहा है। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बेहद सुचारू और निष्पक्ष तरीके से पूरी कर ली गई है। अब तक जिन स्कूलों में या तो शिक्षक नहीं थे या केवल एक शिक्षक की तैनाती थी, अब वहां विषय-विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं। इससे गणित, विज्ञान और अन्य विषयों अध्ययन-अध्यापन अच्छे से हो सकेगा।

शिक्षकों ने जताया भरोसा और आभार

इस प्रक्रिया से शिक्षक भी बेहद संतुष्ट नज़र आ रहे हैं। शिक्षिका सिंधु श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान स्क्रीन पर रिक्त पदों की जानकारी दी गई, जिससे स्कूल चयन में कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार जैन, जो पहले माध्यमिक शाला देवडोंगर में पदस्थ थे, ने कहा कि सेवानिवृत्ति के करीब होने के बावजूद उनकी इच्छानुसार और पारदर्शी तरीके से स्कूल चयन करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से अब ग्रामीण स्कूलों में गणित, रसायन और जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक मिल सकेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा।

शिक्षक आत्माराम मंडावी ने बताया कि उन्हें उनके ही ब्लॉक के विद्यालय में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पदस्थ किया गया है, उन्हें यह उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब कलेक्टर, सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं काउंसलिंग प्रक्रिया में उपस्थित रहे, तो प्रक्रिया की विश्वसनीयता स्वतः सिद्ध हो गई।

समावेशी शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम

शिक्षक वर्ग का मानना है कि इस पारदर्शी तरीके से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी हुई है। इससे जरूरत वाली शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना होने से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर विश्वास भी मजबूत होगा। यह पहल समावेशी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम है। राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत की है। शिक्षक समुदाय ने इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन कांकेर को धन्यवाद दिया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं एवं उपलब्धियों पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहाँ मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं, जो सिर्फ संचार का माध्यम नहीं बल्कि विकास और विश्वास के प्रतीक बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सरकार द्वारा विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। इन सुरक्षा चौकियों के आसपास गांवों में न केवल पुलिस की उपस्थिति से सुरक्षा की भावना बनी है, बल्कि इन इलाकों में अब नेटवर्क भी पहुंच गया है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है। यह न सिर्फ तकनीकी बदलाव है, बल्कि यह संकेत है कि अब आदिवासी क्षेत्रों में संचार क्रांति की शुरुआत हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है। तकनीक के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है।

सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री को नालंदा परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24x7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों की सराहना की और छत्तीसगढ़ के विकास में केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक सीधी रेलवे लाइन आज जुड़ी , मोदी ने दिखाई झंडी
कटरा रेलवे स्टेशन से कश्मीर के घाटी में जाना हुआ आसान, चेनाब नदी पर। बने पुल का मोदी ने किया उद्घाटन

कटरा रेलवे स्टेशन से कश्मीर के घाटी में जाना हुआ आसान, चेनाब नदी पर। बने पुल का मोदी ने किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेधा डेयरी प्लांट में मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची के होटवार में मेधा डेयरी प्लांट में राज्य के पहले मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें:

- किसानों की आयद बढ़ाने के लिए सरकार की योजनाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।

- व्यवसायिक खेती का महत्व: मुख्यमंत्री ने व्यवसायिक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

- पर्यावरण और कृषि: मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि ही एक ऐसा सेक्टर है जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।

मिल्क पाउडर प्लांट की विशेषताएं:

- 80 करोड़ की लागत: मेधा डेयरी प्लांट में बनने वाले मिल्क पाउडर प्लांट की लागत 80 करोड़ रुपये है।

- 20 मीट्रिक टन क्षमता: इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 20 मीट्रिक टन मिल्क पाउडर का उत्पादन करने की है।

- आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम: मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्लांट के बनने से राज्य दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा और निर्यात करने में भी सक्षम होगा।

किसानों के लिए सरकार की पहल:

- धान और दूध की सरकारी खरीद: सरकार धान और दूध की सरकारी खरीद कर रही है, जिससे किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिल सके।

- पशुपालन बीमा: सरकार पशुपालकों को बीमा युक्त पशुधन दे रही है, जिससे उन्हें किसी तरह का आर्थिक नुकसान न हो।

- दुग्ध संग्रहण केंद्र: सरकार दुग्ध संग्रहण केंद्र बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे किसानों और पशुपालकों को दूध के लिए बाजार उपलब्ध हो सके और उन्हें उचित कीमत मिल सके।

छत्तीसगढ़ में अब तक 50 कोविड-19 मरीजों की पुष्टि, स्वास्थ्य मंत्री श्याम विहारी जायसवाल ने दिये ये निर्देश

रायपुर- छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।

सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारी

आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही, उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।

राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार

5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं, और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाह

भारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।

राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने MS धोनी का जिक्र कर किसानों को दी स्वावलंबन की प्रेरणा


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि किसान का खेतीबाड़ी के माध्यम से जीवन यापन होता है। देश की अर्थ व्यवस्था में भी किसानों की भूमिका है। देश के एक नेता ने एक नारा दिया था जय जवान जय किसान। यह कितना ताकतवर नारा है, अगर सही मायने में हम इसको समझ पाएं। इससे अच्छा आज की दुनिया में और कुछ नहीं है। खेती और पशुपालन मानव जीवन की एक ऐसी व्यवस्था है, इसमें कोई नुकसान नहीं है। सिर्फ फायदा ही फायदा है। बहुत सारे उद्योग धंधे चल रहे हैं। इनसे कोई न कोई नुकसान जरूर नहीं है। पर्यावरण को नुकसान होता है, हमें भी परेशानी होती है, लेकिन खेती से न तो पर्यावरण को और न ही मनुष्यों को नुकसान होता है।

सीएम हेमंत सोरेन शुक्रवार को होटवार के टाना भगत स्टेडियम में मेधा पाउडर प्लांट का शिलान्यास करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोग व्यक्तिगत रूप से खेती कर उसे व्यवसाय के रूप में भी आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे राज्य के क्रिकेटर एमएस धोनी भी खेतीबाड़ी करते हैं और उनके खेत का उत्पाद विदेशों में भी बेचा जाता है।

उन्होंने कहा कि जब क्रिकेट खेलने वाले एक व्यस्त व्यक्ति खेतीबाड़ी कर सकते हैं, तो हम क्यूं नहीं?। हम तो 24 घंटे खेत-खलिहान में ही रहते हैं। मेहनत से किया हुआ काम हमेशा अच्छा फल देता है, इसलिए किसान सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए स्वावलंबी बने।

सीएम ने कहा अब गांव-देहात में कमजोर बच्चे पैदा होने को मजबूर होते हैं, महिलाओं में खून की कमी होती है, लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। पहले हमारे गांव में पशुपालन व्यवस्था समृद्ध रहती थी। अगर पशुधन घर में रहे, तो परिवार का कोई सदस्य कमजोर नहीं रह सकता है। वर्तमान में महंगाई तेजी से बढ़ रही है, लेकिन किसानों की आय नहीं बढ़ रही है। किसानों को हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है। आय का स्रोत बढाने के लिए विभाग प्रयासरत है और कई योजनाएं बना रहे हैं, ताकि किसान स्वावलंबी हो सकें। किसानों का धान और दूध सरकार खरीदती है।

पशुओं का हो रहा बीमा

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पहले पशुओं का वितरण काम चलाऊ था। जानवर वितरण का कोई लेखाजोखा नहीं था। लेकिन अब सरकार किसानों को मुर्गी, बकरी, गाय, सुअर का बीमा करा रही है, क्योंकि जानवरों को बीमारी होती है और उसकी मौत हो जाती है।ऐसी घटना होने पर किसानों की लागत बैंक से वापस दिया जाएगा, ताकि फिर से पशुपालन किया जा सके। राज्य में प्रखंडों में दूध संग्रहण का कार्य हो रहा है। दूध संग्रहण सेंटर को पंचायत स्तर पर पहुंचाया जाएगा।

अलग राज्यों से मिलावटी पनीर और खोआ बेचा जा रहा है और लोगों की जान खतरे में डाला जा रहा है। हम अपने राज्य में इसका उत्पादन बढ़ा लें, तो हमें मिलावट दही, दूध और पनीर खाने की क्या आवश्यकता होगी। अंडा, मछली और मीट को लेकर हम दूसरे राज्यों निर्भर रहते थे। लेकिन अगले पांच साल में इन सभी क्षेत्रों में राज्य आत्मनिर्भर हो जाएगा।

दूध संग्रहण केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि 80 करोड़ की लागत से प्रति दिन 20 मीट्रिक टन क्षमता वाले इस प्लांट से दूध के अतिरिक्त संग्रहण को मिल्क पाउडर बनाने में मदद मिलेगी। अबतक अतिरिक्त दूध को मिल्क पाउडर में बदलने के लिए असम- छत्तीसगढ़ जैसे राज्य पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन होटवार स्थित मेधा प्लांट परिसर में ही दूध को मिल्क पाउडर में आसानी से बदला जाएगा।

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अभी मेधा ढाई लाख लीटर प्रतिदिन दूध कर रहा है। झारखंड में प्रतिदिन करीब 60 लाख लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में दूध संग्रहण केंद्र की संख्या बढानी होगी। राज्य में 32 हजार गांव है जबकि दूध संग्रहण केंद्र की संख्या 12 सौ है। बिचौलिया गांव में पशुपालकों से मनमाने दर पर दूध का उठाव करते है।

पशुपालकों को सरकार प्रति लीटर पांच रुपये प्रोत्साहन राशि दे रही है, ताकि उनकी मेहनत का अधिक से अधिक पैसा उनकी जेब में जा सके। इस दौरान कई पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी मंच से किया गया। इस दौरान कृषि सचिव अबु बक्कर सिद्दीख, एनडीडीबी के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह, जेएमएफ के एमडी जयदेव विश्वास, विशेष सचिव प्रदीप हजारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

साहित्यकार सागर आनंद ने मानसी सिंह को प्रदान किया प्रथम 'नागनूर हिंदी हीरोइन' सम्मान


जहानाबाद के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं "नागनूर नायक" के रूप में प्रतिष्ठित सागर आनंद की वैवाहिक वर्षगांठ के शुभ अवसर पर उनके निजामुद्दीनपुर स्थित आवास पर एक भव्य साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजन किया गया। इस अवसर पर एक विशेष पुस्तक विमोचन समारोह भी संपन्न हुआ, जिसमें नगर सहित आसपास के क्षेत्रों से अनेक साहित्यकार, कवि और कला प्रेमी उपस्थित हुए।

इस गरिमामयी अवसर पर जहानाबाद की उभरती हुई साहित्यिक प्रतिभा मानसी सिंह को "प्रथम नागनूर हिंदी हीरोइन सम्मान" से सम्मानित किया गया। यह सम्मान सागर आनंद, उनके प्रथम शोधार्थी पंकज अमन, विभा सागर, मंजू आनंद, कवयित्री सावित्री सुमन, और कवयित्री ममता प्रिया के करकमलों से प्रदान किया गया। मानसी सिंह की हिंदी भाषा, कला एवं साहित्य के प्रति समर्पण और योगदान को देखते हुए यह सम्मान उन्हें प्रदान किया गया, जिसे उपस्थित साहित्यिक समुदाय ने एक सराहनीय पहल बताया।

कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने सागर आनंद एवं उनकी धर्मपत्नी को वैवाहिक वर्षगांठ की ढेरों शुभकामनाएं प्रेषित कीं, वहीं नवसम्मानित मानसी सिंह को उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ उत्साहपूर्वक बधाई दी गई।

इस समारोह में नागनूर के प्रसिद्ध हिंदी गायक कुमार सरगम, साहित्यकार राणा वीरेंद्र सिंह, अशोक प्रियदर्शी, चितरंजन चैनपुरा, अमृतेश बाबू, नंदन मिश्र सहित शहर के कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक एवं कला-संस्कृति से जुड़े गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

इस प्रकार का आयोजन साहित्यिक चेतना को प्रोत्साहित करने वाला तथा स्थानीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

लापरवाही और अनियमितता के मामले में शासन की बड़ी कार्रवाई, महासमुंद के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी को किया निलंबित

रायपुर- छत्तीसगढ़ शासन ने शासकीय कार्य में अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में गंभीर कमी और बिक्री राशि में लाखों रुपये की गड़बड़ी के मद्देनज़र महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कुमार कोष्टी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत की गई है। 

गौरतलब है कि 29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण से पूर्व एक छद्म ग्राहक को 500-500 रूपए की कुल 4 नोट यानि कुल 2000 रूपए देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1760 रूपए के स्थान पर विक्रयकर्ता द्वारा 2000 रूपए में मदिरा बेचा गया। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर विक्रय की बात स्वीकार की। स्टॉक के भौतिक सत्यापन में 1886 नग देशी मदिरा मसाला की कमी और एक लाख 88 हजार रूपए की आर्थिक गड़बड़ी पाई गई। वहीं, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3 लाख 8 हजार रूपए और विदेशी मदिरा में एक लाख 99 हजार रूपए की कमी पकड़ में आई। इस प्रकार कुल 6 लाख 96 हजार रूपए की वित्तीय अनियमितता का मामला पकड़ में आया। उपरोक्त अनियमितताओं को देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी महासमुंद को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने की कार्रवाई की गई है।

आबकारी आयुक्त ने बताया कि इससे पूर्व में 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता द्वारा बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित और केवल उड़ीसा में वैध 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई थी, जिसमें तीन प्रकरण दर्ज हुए और फरार आरोपी के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की धाराओं 34(2) और 59(क) के तहत कार्यवाही की गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है, प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई, सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।

बकरीद को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क, बूढ़नपुर में निकाला गया फ्लैग मार्च जनता को सुरक्षा का दिलाया भरोसा, उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
बूढ़नपुर/आजमगढ़। आगामी बकरीद पर्व को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से बूढ़नपुर नगर पंचायत में पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए फ्लैग मार्च का आयोजन किया। सीओ बूढ़नपुर किरण पाल सिंह के नेतृत्व में थानाध्यक्ष अतरौलिया अमित कुमार मिश्रा, चौकी इंचार्ज राम निहाल वर्मा सहित भारी पुलिस बल ने नगर के विभिन्न क्षेत्रों में मार्च निकाला।फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय नागरिकों से संवाद कर उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिलाया। सीओ किरण पाल सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि बकरीद का पर्व सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाए, किसी भी तरह की अशांति फैलाने की कोशिश करने वालों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि पर्व के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मांस या खून आदि को सार्वजनिक स्थानों पर न फेंकें, जिससे गंदगी न फैले और किसी की धार्मिक भावनाएं आहत न हों।फ्लैग मार्च के जरिए पुलिस ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि त्योहार को शांतिपूर्वक और सुरक्षित माहौल में मनाया जाएगा, और किसी भी प्रकार की अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन के इस कदम की सराहना करते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
शिक्षा की रौशनी से चमका तरौद का स्कूल, युक्तियुक्तकरण से मिले चार नए शिक्षक, बच्चों के चेहरे पर दिखने लगी पढ़ाई की ललक

रायपुर-  कभी शिक्षक की कमी से जूझ रहा बालोद ज़िले का छोटा-सा गांव तरौद में शिक्षा की एक नई उम्मीद जगी है। जहां पहले सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे पूरा स्कूल चल रहा था, अब यहां चार विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की खबर से गांव में उत्साह का माहौल है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल ने बच्चों, अभिभावकों और पूरे गांव में शिक्षा को लेकर एक नई ऊर्जा भर दी है।

लगभग 60 विद्यार्थियों वाला यह शासकीय हाईस्कूल बीते दो वर्षों से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। पढ़ाई बाधित होती थी, एक शिक्षक से सभी विषयों की जिम्मेदारी निभा पाना नामुमकिन था। बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावकों की चिंता बढ़ती जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की पहल ने इस अंधेरे को आशा की किरण दिखाई है।

युक्ति युक्तकरण वास्तव में शिक्षकों और संसाधनों के असमान वितरण को दूर करने की एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है, जिसमें जरूरतमंद स्कूलों में योग्य शिक्षकों की तैनाती की जाती है। इसी योजना के तहत अब तरौद के हाईस्कूल में चार नए शिक्षक पदस्थ किए गए हैं, जो अलग-अलग विषयों के हैं। इससे अब हर विषय की पढ़ाई नियमित और गुणवत्ता पूर्ण हो सकेगी।

गांव के सरपंच धर्मेंद्र कुमार रामटेके की बातों से ग्रामीणों की भावनाएं झलकती हैं। पहले स्कूल में पढ़ाई की स्थिति अच्छी नहीं थी। जनभागीदारी समिति कई बार गांव के युवाओं को बुलाकर बच्चों के अध्ययन अध्यापन की व्यवस्था करती थी। शासन ने अब हमारे गांव के स्कूल को चार नए शिक्षक देकर बच्चों के अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था कर दी है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आभारी हैं। महेश्वरी ठाकुर, स्कूल की जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष कहती हैं कि शिक्षा बच्चों का अधिकार है, और शासन ने यह अधिकार लौटाया है। अब हमें चिंता नहीं करनी पड़ेगी कि हमारे बच्चों को कौन पढ़ाएगा।

स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना की खबर पाकर गांव के बच्चे भी बेहद खुश हैं। पढ़ाई को लेकर उनमें ललक और उत्साह दिखाई देने लगा है। बच्चों को हर विषय में अलग-अलग शिक्षक मिलना किसी सौगात से कम नहीं है। अब वह अच्छी पढ़ाई लिखाई करके डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक या अधिकारी बनने के सपने देखने लगे हैं। तरौद अब केवल एक गांव नहीं रहा, बल्कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा सुधारों का उदाहरण बन गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में युक्तियुक्तकरण की यह पहल पूरे जिले के स्कूलों में चल रही है। शासन का स्पष्ट लक्ष्य है कि हर स्कूल में शिक्षक हों, और हर बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षा की रोशनी जब दूर-दराज के गांवों तक पहुंचती है, तो उसका असर सिर्फ किताबों तक नहीं रहता। वह पूरे समाज को एक नई दिशा देती है। ग्राम तरौद का यह बदलाव इसी सकारात्मक सोच और योजनाबद्ध प्रयास का नतीजा है। छत्तीसगढ़ में शिक्षा की यह नई सुबह, निश्चित ही पूरे प्रदेश को प्रगति की ओर ले जाएगी।

दूरस्थ इलाकों में पहुंचेगी शिक्षा की रौशनी, युक्तियुक्तकरण से बच्चों को मिला बेहतर शिक्षा का भरोसा

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई युक्तियुक्तकरण नीति ने दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की बेहतर व्यवस्था की नई उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया को तेज़ी से और पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा किया जा रहा है। कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बेहद सुचारू और निष्पक्ष तरीके से पूरी कर ली गई है। अब तक जिन स्कूलों में या तो शिक्षक नहीं थे या केवल एक शिक्षक की तैनाती थी, अब वहां विषय-विशेषज्ञ शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं। इससे गणित, विज्ञान और अन्य विषयों अध्ययन-अध्यापन अच्छे से हो सकेगा।

शिक्षकों ने जताया भरोसा और आभार

इस प्रक्रिया से शिक्षक भी बेहद संतुष्ट नज़र आ रहे हैं। शिक्षिका सिंधु श्रीवास्तव ने बताया कि काउंसलिंग के दौरान स्क्रीन पर रिक्त पदों की जानकारी दी गई, जिससे स्कूल चयन में कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने सरकार और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। वरिष्ठ शिक्षक मनोज कुमार जैन, जो पहले माध्यमिक शाला देवडोंगर में पदस्थ थे, ने कहा कि सेवानिवृत्ति के करीब होने के बावजूद उनकी इच्छानुसार और पारदर्शी तरीके से स्कूल चयन करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से अब ग्रामीण स्कूलों में गणित, रसायन और जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षक मिल सकेंगे, जिससे बच्चों की पढ़ाई में सुधार होगा।

शिक्षक आत्माराम मंडावी ने बताया कि उन्हें उनके ही ब्लॉक के विद्यालय में युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पदस्थ किया गया है, उन्हें यह उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब कलेक्टर, सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी स्वयं काउंसलिंग प्रक्रिया में उपस्थित रहे, तो प्रक्रिया की विश्वसनीयता स्वतः सिद्ध हो गई।

समावेशी शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम

शिक्षक वर्ग का मानना है कि इस पारदर्शी तरीके से युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी हुई है। इससे जरूरत वाली शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना होने से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी। इससे विद्यार्थियों और अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर विश्वास भी मजबूत होगा। यह पहल समावेशी शिक्षा व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम है। राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की नींव भी मजबूत की है। शिक्षक समुदाय ने इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार और जिला प्रशासन कांकेर को धन्यवाद दिया है।