सीएम हेमंत सोरेन का बीजेपी पर हमला, बोले- जेल में नहीं होता तो एनडीए को झारखंड में खाता नहीं खोलने देता

#bihar _

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन आज वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होने बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। पटना में वोटर अधिकार यात्रा के समापन के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने केन्द्र और बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान एनडीए सरकार पर साजिश के तहत ईडी और इनकम टैक्स जैसे हथकंडों के जरिए विपक्षी जनप्रतिनिधियों को डराने का आरोप लगाया।

2014 में कुछ चालाक लोगों ने सता पर कब्जा किया-हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वोट किसी पार्टी का नहीं, वोट देश का है। वोट से संविधान और देश बचता है। 2014 में कुछ चालाक और चतुर लोगों ने सता पर कब्जा कर लिया। आज फूट डालो और राज करो पर अमल कर रहे हैं। आज सीबीआई और ईडी के बल पर जनप्रतिनिधियों को डराया जा रहा है।

वोट रिवीजन कराने की चेतावनी

हेमंत सोरेने ने आगे कहा कि कहा कि वोट चोरी की यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है, लेकिन राहुल गांधी ने अब इन्हें बेनकाब करने का काम किया है। बिहार का चुनाव केवल बिहार का नहीं पूरे देश को बचाने का चुनाव है। सोरेन ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उन्हें जेल में डाल दिया गया, वरना जिस तरह झारखंड में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, उसी तरह लोकसभा में भी एनडीए को खाता खोलने का मौका नहीं मिलता। अगर है हिम्मत तो देश की गद्दी छोड़ो वोट रिवीजन कराओ तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

बिहार में हम हाइड्रोजन बम दिखाएंगे, मोदी जी अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे, पटना में गरजे राहुल

#biharvoteradhikaryatrarahulgandhipatna

कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पटना में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ को संबोधित किया। जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर वोट चोरी का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा, यह यात्रा बिहार से शुरू हुई और हमने इसे ‘वोटर अधिकार यात्रा’ नाम दिया। यहां महाराष्ट्र के नेता मौजूद हैं। महाराष्ट्र में चुनाव चोरी किया गया था। एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए और उनके वोट बीजेपी गठबंधन को मिले। लोकसभा चुनाव में हम जीते, लेकिन विधानसभा में हार गए, क्योंकि बीजेपी ने वोट चोरी की।

देश के सामने सबूत रखा-राहुल गांधी

जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा माधवापुरा, बैंगलोर सेंट्रल की सीट में हमने दिखाया कि एक एसेंबली में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोटर थे। बैंगलोर सेंट्रल में 7 विधानसभा हैं, 6 में हम जीतते हैं, जहां ज्यादा फर्जी वोट थे, वहां हम हार जाते हैं। उसी एक सीट के चलते बीजेपी लोकसभा चुनाव जीत जाती है। हमारे लोगों ने कागज की वोटर लिस्ट से फोटो-नाम-एड्रेस मिलाकर काम किया। 4 महीने लगे, हमने 16-17 घंटे रोज काम किया और देश के सामने सबूत रखा।

संविधान की हत्या करने की साजिश-राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, जिन शक्तियों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी, वही लोग आज संविधान की हत्या करने की साजिश में लगे हुए हैं। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। बिहार में इस यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिला है। बीजेपी के लोग काले झंडे दिखा रहे हैं, लेकिन वे सुन लें, एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम होता है, और वह आ रहा है। वोट चोरी की सच्चाई पूरे देश के सामने आने वाली है। इसके बाद नरेंद्र मोदी देश की जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।

मोदी और शाह आपको डुबा देंगे-खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रैली को संबोधित किया। खरगे ने कहा, इस 15 दिन की यात्रा पूरे देश में चर्चा चली। भाजपा ने इसमें रुकावट डालने की पूरी कोशिश की। गठबंधन के लोग राहुल जी या तेजस्वी जी नहीं डरे। वोट चोरी करने वाले पैसा चोरी करने की भी आदत रखते हैं। बैंक से चोरी कर बाहर जाने वालों को भी यह संभालते हैं। मोदी जी बिहार में वोट चोरी कराकर जीतना चाहते हैं। सतर्क नहीं रहेंगे तो यह मोदी और शाह आपको डुबा देंगे। आजादी के बाद जो वोट का अधिकार दिलाया गया, उसे खोना नहीं। यह महात्मा गांधी, आंबेडकर और नेहरु जी ने अधिकार दिया है।

सीएम नीतीश पर भी बरसे खरगे

सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए खरगे ने कहा कि यह आरएसएस वाले आपको कचरा में जाकर फेकेंगे। खरगे ने पुलिस को राहुल गांधी की यात्रा रोकने के लिए भी आड़े हाथ लिया। खरगे ने कहा, यहां पुलिस का सही इंतजाम क्यों नहीं? राहुल जी, मैं विपक्ष का नेता, तेजस्वी बिहार में विपक्ष के नेता, लेकिन पुलिस का इस सभा में सही इंतजाम नहीं। यहां धक्का-मुक्की हो रही है। पुलिस जान ले कि अभी हमारी सरकार नहीं लेकिन कम हम भी सत्ता में आएंगे।

वैष्णो देवी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 30, आज भी भारी बारिश का अलर्ट

#jammukashmirvaishnodeviyatraroutelandslides

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी धाम की तरफ जाने वाले रास्ते पर भारी बारिश से भूस्खलन हो गया। हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 से 25 लोगों के घायल होने की खबर है। मंगलवार की दोपहर कटरा के अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी भूस्खलन हुआ था। कुछ ही समय में 8 लोगों की मौत की खबर आ गई थी, जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे थे। समय बीतने के साथ मौत का आंकड़ा बढ़कर 30 हो गया है।

मलबे में और भी लोग दबे होने की आशंका

मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। भूस्खलन वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर स्थित अर्द्धकुंवारी गुफा मंदिर में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ। त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित मंदिर मार्ग का बड़ा हिस्सा मलबे में ढेर हो गया है। आशंका है कि मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं। सेना और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट

वहीं मौसम विभाग ने आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जम्मू-पुंछ-राजौरी नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो गया है। रेलवे ने भी जम्मू से आने-जाने वाली 22 ट्रेनें आज रद्द कर दी गईं, जबकि 27 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। इस कारण वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए सैकड़ों लोग वहां जम्मू में फंस गए हैं।

लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के हालात

बता दें कि बारिश ने पूरे जम्मू और कश्मीर घाटी में कहर बरपाया है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक पार कर गया। चिनाब, तवी और उझ भी उफान पर हैं। सैकड़ों लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित निकाला गया। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा हाईवे बंद कर दिए गए।

मोबाइल, इंटरनेट में दिक्कत और स्कूल बंद

भारी बारिश और भूस्खलन से मोबाइल नेटवर्क और दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं। आपात सेवाओं पर असर पड़ा। जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त तक बंद कर दिए गए। कक्षा 10वीं और 11वीं की परीक्षाएं स्थगित हो गईं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपात बैठक बुलाई। उन्होंने प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। प्रशासन ने लोगों से भूस्खलन और नदियों के आसपास जाने से बचने की अपील की है।

अमरनाथ यात्रा के लिए निकला पहला जत्था, एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी

#jk_lg_manoj_sinha_flags_off_first_batch_of_pilgrims_shri_amarnath_yatra

बाबा बर्फानी के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन बेहद खास है। अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बुधवार को जम्मू से रवाना हो गया। बाबा बर्फानी का पहला दर्शन 3 जुलाई को होगा। इसके लिए आज यानी 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।

पवित्र अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर किया गया। भगवती नगर आधार शिविर से पहला जत्था रवाना हुआ। इस दौरान भक्त हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे।

इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए हैं। लोगों में खासा उत्साह है। भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी।

नौ अगस्त को होगा यात्रा का समापन

कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तीन जुलाई को घाटी से दो रास्तों से शुरू होगी - अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। यात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी

अमरनाथ यात्रा के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी है। खासकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 180 कंपनियों के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा और निगरानी के लिए जैमर और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। लखनपुर से बनिहाल तक 50,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के लिए 106 आवास केंद्रों में भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

उत्तरकाशी में बड़ा हादसा, हेलिकॉप्टर क्रैश में छह की मौत, दो घायल

#uttarkashichardhamyatrahelicopter_crashes

उत्तरकाशी जिले में आज सुबह एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में छह लोगों के मौत हो गई है। पुलिस-प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन की टीम मौके के लिए रवाना हुई। घटनास्थल पर पहुंचते ही टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर में 7 यात्री सवार थे, जिनमें से पांच की मौत हो गई है। वहीं दो अन्य घायल हुए हैं।

प्राइवेट कम्पनी का हेलीकाप्टर एरो ट्रिंक हादसाग्रस्त

बताया जा रहा है कि हादसा उत्तरकाशी में गंगनानी के पास हुआ है। हेलीकॉप्टर ने देहरादून से उड़ान भरी थी, जो गंगनानी से आगे नाग मंदिर के क्रैश हो गया। यह प्राइवेट कम्पनी का हेलीकाप्टर एरो ट्रिंक था। वहीं, हेलीकॉप्टर क्रैश होने की सूचना पर घटनास्थल के लिए आपदा प्रबंधन QRT, 108 एंबुलेंस वाहन, तहसीलदार भटवाड़ी, BDO भटवाड़ी, राजस्व टीम रवाना की गई है। इन दिनों उत्तराखंड में चार धाम यात्रा भी चल रही है। ये तीर्थयात्रियों का हेलीकॉप्टर था या कोई दूसरा इसका पता अभी नहीं चला है।

सीएम धामी ने जताया दुख

उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि उत्तरकाशी के गंगनानी के समीप हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है. राहत एवं बचाव कार्य के लिए SDRF और जिला प्रशासन की टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. ईश्वर हादसे में दिवंगत हुए लोगों की आत्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. प्रशासन को घायलों को हर संभव सहायता पहुंचाने एवं हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं और हर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है.

*occasion of Akshaya Tritiya, the LordJagannath abode in Digha will be inaugurated*

Desk : With hearts filled with deep devotion, we prepare to welcome Lord Jagannath into our midst.

On the auspicious occasion of Akshaya Tritiya, the Lord's humble abode in Digha will be inaugurated.

The rituals leading up to the Pran Pratistha have commenced. The Kalash Yatra was performed with heartfelt participation from devotees.

Courtesy by: x.com/mamataofficial

फिर से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत चीन के बीच बनी बात

#india_china_meeting_resumption_of_kailash_mansarovar_yatra

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भारत और चीन के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। पूरे पांच साल बाद बीजिंग में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देश के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर सहमति बन गई। दोनों देशों के बीच पांच साल के अंतराल के बाद विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की बैठक बीजिंग में 6 मुद्दों पर सहमति बनी।भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तो चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे।

ईस्टर्न लद्दाख में चार साल लंबे गतिरोध के बाद संबंधों की बहाली के मद्दनेजर सभी मुद्दों पर बात करने के लिए बॉर्डर मुद्दे पर बने इस मैकेनिज्म की आखिरी बैठक दिसंबर 2019 के बाद पहली बार हुई है।भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तो चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे। दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने बॉर्डर एरिया में शांति क़ायम करने को द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए अहम बताया।

दोनों पक्षों ने इस बात को माना कि ग्राउंड पर शांतिपूर्ण हालात कायम करने ज़रूरी हैं जिससे कि सीमा संबंधी मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों की सामान्य गतिविधियों पर असर ना डाले। साल 2020 से सबक़ लेते हुए बॉर्डर पर शांति कायम करने और बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर चर्चा की गई। दोनों देशों ने इस इसे लेकर संबंधित डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल को निर्देशित करने और इस्तेमाल का भी फ़ैसला किया

कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के दौरान चीन की अनुमति जरूरी है क्योंकि यह यात्रा तिब्बत में स्थित है। जो वर्तमान में चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। इसलिए वहां जाने के लिए चीनी पर्यटक वीजा लेना होता है। चीनी सरकार ने इस क्षेत्र में यात्रा के लिए नियम और शर्तें निर्धारित की हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है. अब भारत के समझौते के साथ कैलाश मानसरोवर की यात्रा आसान हो सकती है।

विशेष प्रतिनिधियों की बैठक प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हाल ही में हुई बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार हुई। इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करने और सीमा से जुड़े सवालों का निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए शीघ्र बैठक की जानी थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की थी। जिसमें मानसवोर यात्रा को दोबारा शुरू करने और भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई थी।

कैलाश मानसरोवर यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ यात्रा है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखती है. यह यात्रा तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाती है। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यह पर्वत तिब्बत के पश्चिमी क्षेत्र में हिमालय श्रृंखला का हिस्सा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 6,638 मीटर है। जबिक, मानसरोवर झील को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी रचना ब्रह्मा जी ने की थी। यह झील तिब्बत के उच्च पठार पर 4,590 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और कैलाश पर्वत से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।

इस यात्रा के दौरान तीर्थयात्री कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं और मानसरोवर झील में स्नान करते हैं, जिसे पवित्र और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। समुद्र तल से 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपूलेख दर्रे से होकर यात्रा की जाती है।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू, जानें पूरा शेड्यूल और सुरक्षा व्यवस्था

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने आज यानि 21 नवंबर से अपनी 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू कर दी है. यह पदयात्रा सुबह 8 बजे बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर (Bageshwar Dham Padyatra) के दर्शन एवं राष्ट्रध्वज व भगवां ध्वज फहराकर प्रारंभ हुई. हिन्दुओं के बीच मौजूद जाति भेदभाव, छुआछूत, अगड़े और पिछड़े का फर्क मिटाने के लिए यह पदयात्रा निकाली गई है. 9 दिन तक इस यात्रा में क्या-क्या होगा चलिए जानते हैं पूरा शेड्यूल…

बागेश्वर धाम से प्रारंभ होने वाली यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी. इस पदयात्रा को देश के अनेक जाने-माने संतों की उपस्थिति में प्रारंभ किया जाएगा. पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोककलाओं का प्रदर्शन भी करेंगे.

क्या बोले बागेश्वर बाबा

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि देश भर का हिन्दू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जाति भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है. इस पदयात्रा का उद्देश्य हिन्दुओं को जगाकर भारत को सामथ्र्यवान बनाना है. यही जागृत हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगा. उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी अनेक सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं.

लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पूर्व से पंजीयन कराए हैं. जबकि, इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं. उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में शामिल होने और उत्साह के साथ यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है.

इन संतों की रहेगी उपस्थिति

इस यात्रा को सफल बनाने के लिए देश के अनेक सनातनी संत बागेश्वर महाराज के संकल्प में साथ खड़े नजर आ रहे हैं. बागेश्वर धाम समिति की ओर से बताया कि 21 नवंबर को इस यात्रा के शुभारंभ अवसर पर जगतगुरू तुलसी पीठाधीश्वर श्रीराम भद्राचार्य जी के द्वारा भगवां ध्वज दिखाया जाना तय किया गया था. किन्तु आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण वो नहीं आ सके. किन्तु 21 को देश के जाने-माने संत गोपालमणि जी, कथाव्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज एवं सुदामा कुटी वृंदावन के महंत उपस्थित रहे.

इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास, जगतगुरू राघवाचार्य, देश के जाने-माने कथाव्यास अनिरूद्धाचार्य, कृष्णचन्द्र ठाकुर, मृदुलकांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोरदास जी महाराज, भिण्ड से दंदरूआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंददेव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी जी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्रदास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत भी उपस्थित हैं.

महापुरूषों की झांकियां और बालाजी का रथ चलेगा

इस पदयात्रा में सभी हिन्दू समाजों को एकजुट करने के उद्देश्य से विभिन्न समाजों के महापुरूषों को झांकियों के रूप में सम्मिलित किया जा रहा है. यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं जिनमें गौरथ, महापुरूषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल है. इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ को खींचने वाले बुन्देलखण्ड के खली बद्री विश्वकर्मा भी उपस्थित रहेंगे. पूरी पदयात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिक शंकर सोनी, सुरेश बाबू खरे, राकेश असाटी आदि राष्ट्रध्वज तिरंगा एवं भगवां ध्वज लेकर चलेंगे.

600 पुलिस जवान तैनात

इस पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे. पदयात्रा के दौरान कई डीजे वाहन, घोड़े, बग्घी आदि भी सम्मिलित होंगे. चप्पे-चप्पे पर पुलिस, चार स्तर का होगा सुरक्षा घेरा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों तक पहुंच चुकी है. उनकी इस यात्रा में किसी प्रकार का विघ्र उत्पन्न न हो इसलिए मप्र सरकार और उप्र सरकार की ओर से सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. चार दिनों तक यह यात्रा छतरपुर जिले में ही रहेगी. छतरपुर एसपी अगम जैन ने बताया कि यात्रा की सुरक्षा के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय एवं सागर पुलिस मुख्यालय से 600 पुलिस जवान भेजे गए हैं.

160 किमी की यात्रा

इसके अलावा जिले का पुलिस अमला भी व्यवस्था में तैनात है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर 160 किमी तक चलने वाली इस पदयात्रा में पैदल ही निकले हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को लेकर भी चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है. मध्य में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कुछ संत भी हैं. इसके बाद उनकी वाई श्रेणी के सुरक्षाकर्मी, तीसरे घेरे में पुलिस की रस्सा पार्टी और चौथे घेरे में बागेश्वर धाम के सेवादारों की एक रस्सा पार्टी चल रही है.

जानी मानीं हस्तियां भी आएंगी

बागेश्वर धाम जनसेवा समिति की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में अब तक देश की कई जानी-मानी हस्तियों के आने की स्वीकृति मिल चुकी है. इनमें फिल्म स्टार संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी, कन्हैया मित्तल, कॉमेडियन श्याम रंगीला, अभिनेत्री अक्षरा सिंह, गायक शीतल पाण्डेय दिल्ली, बुन्देली गायिका कविता शर्मा, बुन्देली कलाकार हिमालय यादव, सोनू तिवारी, बिन्नू रानी, गायिका अंजलि द्विवेदी और जाने-माने कवि कुमार विश्वास के नाम शामिल हैं. ये लोग अलग-अलग तरीखों पर इस यात्रा में सम्मिलित होंगे.

बागेश्वर धाम से पेप्टेक टाउन तक

21 नवंबर को पदयात्रा बागेश्वर धाम से प्रारंभ हुई है. इसके बाद गढ़ा तिराहे, टुरया तिराहे, मड़तला, बसारी स्टेण्ड, डीपी पब्लिक स्कूल, हरिकृपा रेस्टोरेंट, महिन्द्रा एजेंसी पर पदयात्रियों को स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है. पदयात्रा शाम होते-होते कदारी फार्मेसी कॉलेज पहुंचेगी जहां पदयात्रियों के भोजन एवं रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है. यहां संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिसमें बुन्देली कलाकार हरिया भैया और सोनू तिवारी अपनी प्रस्तुति देंगे.

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

22 नवंबर की सुबह यह पदयात्रा कदारी से प्रारंभ होकर गठेवरा पहुंचेगी जहां पदयात्रियों को दोपहर भोजन कराया जाएगा. तदोपरांत यह पदयात्रा आगे बढ़ती हुई रूद्राक्ष होटल से छतरपुर शहर में प्रवेश करेगी. यात्रा 22 को दिन भर छतरपुर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरेगी, छत्रसाल चौराहे पर बागेश्वर महाराज के द्वारा एक सभा की जाएगी. इस सभा में हैदराबाद के हिन्दू नेता टी राजा भी शामिल होंगे. 22 नवंबर की शाम यह पदयात्रा बस स्टेण्ड होते हुए नौगांव रोड के पेप्टेक टाउन में पहुंचेगी जहां रात्रि भोजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम व बागेश्वर महाराज के प्रवचन होंगे. यहां दिल्ली के जाने-माने गायक शीतल पाण्डेय, बिन्नू रानी और हिमालय यादव भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.

नौगांव में कुमार विश्वास, अक्षरा सिंह होंगे शामिल

हिन्दू एकता पदयात्रा 23 नवंबर को मऊसहानियां के महाराजा छत्रसाल शौर्यपीठ पर महाराजा छत्रसाल को प्रणाम करते हुए दोपहर भोजन के साथ आगे बढ़ती हुई नौगांव पहुंचेगी. नौगांव के शांति कॉलेज में यात्रियों का रात्रि विश्राम है और यहीं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के अनेक राष्ट्रवादी कवियों के साथ-साथ कुमार विश्वास और भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह सम्मिलित होंगी.

24 नवंबर को देवरी रेस्टहाउस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बुन्देली गायिका कविता शर्मा एवं जानी-मानी गायिका अंजली द्विवेदी प्रस्तुति देंगी. 25 नवंबर को मऊरानीपुर में संजय दत्त, पहलवान खली, कॉमेडियन श्याम रंगीला और वीआईपी अपनी प्रस्तुति देंगे. 26 को गुजरात के लोकगायक कीर्तिदान गढ़वी और 27 को कन्हैया मित्तल यात्रा में शामिल होंगे. इसके अलावा अनेक कलाकारों की स्वीकृति आना शेष है.

फिर से जल्द शुरू होगी भारत-चीन सीधी उड़ान और मानसरोवर यात्रा?चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर ने की मुलाकात

#india_china_direct_flight_mansarovar_yatra_to_resume_soon

भारत-चीन संबंध पटरी पर आते दिख रहे हैं। अब जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू हो सकती है। दरअसल, दोनों देश सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर भी सहमति के करीब पहुंच गए हैं। ब्राजील में संपन्न जी20 समिट में दुनिया के तमाम राष्‍ट्रध्‍यक्षों ने एक-दूसरे से मुलाकात की। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने सीमा तनाव कम करने में हालिया प्रगति पर चर्चा की। साथ ही भारत और चीन के बीच डायरेक्‍ट फ्लाइट शुरू करने जैसे अहम मुद्दे पर भी बात की।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्रियों की चर्चा मतभेद दूर करने, संदेह मिटाने वाले और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करते हुए द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने वाले कदम उठाने पर केंद्रित थी। इस दौरान कैलास मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें शुरू करने, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करने और मीडिया आदान-प्रदान आदि पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक में बनी सहमतियों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में कई प्रमुख कदमों पर चर्चा की गई, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार की नदियों पर आंकड़े साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडियाकर्मियों की परस्पर आवाजाही शामिल हैं। यह बैठक खास तौर से अहम थी, क्योंकि पिछले कुछ सालों से कोविड-19 महामारी की वजह दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें और कैलाश मानसरोवर यात्रा निलंबित कर दी गई थीं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने माना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिली है। इस चर्चा का मुख्य विषय भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर था। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री स्तर की बैठक जल्द ही होगी।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों के बीच 21 अक्टूबर को सहमति बनने के कुछ दिनों बाद, भारतीय और चीनी सेनाओं ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली, जिससे दोनों टकराव बिंदुओं पर चार साल से अधिक समय से चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार वर्षों के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी पुनः शुरू कीं।

सीएम हेमंत सोरेन का बीजेपी पर हमला, बोले- जेल में नहीं होता तो एनडीए को झारखंड में खाता नहीं खोलने देता

#bihar _

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन आज वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होने बिहार की राजधानी पटना पहुंचे। पटना में वोटर अधिकार यात्रा के समापन के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने केन्द्र और बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान एनडीए सरकार पर साजिश के तहत ईडी और इनकम टैक्स जैसे हथकंडों के जरिए विपक्षी जनप्रतिनिधियों को डराने का आरोप लगाया।

2014 में कुछ चालाक लोगों ने सता पर कब्जा किया-हेमंत सोरेन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वोट किसी पार्टी का नहीं, वोट देश का है। वोट से संविधान और देश बचता है। 2014 में कुछ चालाक और चतुर लोगों ने सता पर कब्जा कर लिया। आज फूट डालो और राज करो पर अमल कर रहे हैं। आज सीबीआई और ईडी के बल पर जनप्रतिनिधियों को डराया जा रहा है।

वोट रिवीजन कराने की चेतावनी

हेमंत सोरेने ने आगे कहा कि कहा कि वोट चोरी की यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है, लेकिन राहुल गांधी ने अब इन्हें बेनकाब करने का काम किया है। बिहार का चुनाव केवल बिहार का नहीं पूरे देश को बचाने का चुनाव है। सोरेन ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उन्हें जेल में डाल दिया गया, वरना जिस तरह झारखंड में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी, उसी तरह लोकसभा में भी एनडीए को खाता खोलने का मौका नहीं मिलता। अगर है हिम्मत तो देश की गद्दी छोड़ो वोट रिवीजन कराओ तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

बिहार में हम हाइड्रोजन बम दिखाएंगे, मोदी जी अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे, पटना में गरजे राहुल

#biharvoteradhikaryatrarahulgandhipatna

कांग्रेस सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पटना में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ को संबोधित किया। जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने एक बार फिर वोट चोरी का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा, यह यात्रा बिहार से शुरू हुई और हमने इसे ‘वोटर अधिकार यात्रा’ नाम दिया। यहां महाराष्ट्र के नेता मौजूद हैं। महाराष्ट्र में चुनाव चोरी किया गया था। एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए और उनके वोट बीजेपी गठबंधन को मिले। लोकसभा चुनाव में हम जीते, लेकिन विधानसभा में हार गए, क्योंकि बीजेपी ने वोट चोरी की।

देश के सामने सबूत रखा-राहुल गांधी

जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा माधवापुरा, बैंगलोर सेंट्रल की सीट में हमने दिखाया कि एक एसेंबली में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोटर थे। बैंगलोर सेंट्रल में 7 विधानसभा हैं, 6 में हम जीतते हैं, जहां ज्यादा फर्जी वोट थे, वहां हम हार जाते हैं। उसी एक सीट के चलते बीजेपी लोकसभा चुनाव जीत जाती है। हमारे लोगों ने कागज की वोटर लिस्ट से फोटो-नाम-एड्रेस मिलाकर काम किया। 4 महीने लगे, हमने 16-17 घंटे रोज काम किया और देश के सामने सबूत रखा।

संविधान की हत्या करने की साजिश-राहुल गांधी

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, जिन शक्तियों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी, वही लोग आज संविधान की हत्या करने की साजिश में लगे हुए हैं। हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे। बिहार में इस यात्रा को जबरदस्त समर्थन मिला है। बीजेपी के लोग काले झंडे दिखा रहे हैं, लेकिन वे सुन लें, एटम बम से बड़ा हाइड्रोजन बम होता है, और वह आ रहा है। वोट चोरी की सच्चाई पूरे देश के सामने आने वाली है। इसके बाद नरेंद्र मोदी देश की जनता को अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।

मोदी और शाह आपको डुबा देंगे-खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी रैली को संबोधित किया। खरगे ने कहा, इस 15 दिन की यात्रा पूरे देश में चर्चा चली। भाजपा ने इसमें रुकावट डालने की पूरी कोशिश की। गठबंधन के लोग राहुल जी या तेजस्वी जी नहीं डरे। वोट चोरी करने वाले पैसा चोरी करने की भी आदत रखते हैं। बैंक से चोरी कर बाहर जाने वालों को भी यह संभालते हैं। मोदी जी बिहार में वोट चोरी कराकर जीतना चाहते हैं। सतर्क नहीं रहेंगे तो यह मोदी और शाह आपको डुबा देंगे। आजादी के बाद जो वोट का अधिकार दिलाया गया, उसे खोना नहीं। यह महात्मा गांधी, आंबेडकर और नेहरु जी ने अधिकार दिया है।

सीएम नीतीश पर भी बरसे खरगे

सीएम नीतीश कुमार पर हमला करते हुए खरगे ने कहा कि यह आरएसएस वाले आपको कचरा में जाकर फेकेंगे। खरगे ने पुलिस को राहुल गांधी की यात्रा रोकने के लिए भी आड़े हाथ लिया। खरगे ने कहा, यहां पुलिस का सही इंतजाम क्यों नहीं? राहुल जी, मैं विपक्ष का नेता, तेजस्वी बिहार में विपक्ष के नेता, लेकिन पुलिस का इस सभा में सही इंतजाम नहीं। यहां धक्का-मुक्की हो रही है। पुलिस जान ले कि अभी हमारी सरकार नहीं लेकिन कम हम भी सत्ता में आएंगे।

वैष्णो देवी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 30, आज भी भारी बारिश का अलर्ट

#jammukashmirvaishnodeviyatraroutelandslides

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में माता वैष्णो देवी धाम की तरफ जाने वाले रास्ते पर भारी बारिश से भूस्खलन हो गया। हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 से 25 लोगों के घायल होने की खबर है। मंगलवार की दोपहर कटरा के अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास भारी भूस्खलन हुआ था। कुछ ही समय में 8 लोगों की मौत की खबर आ गई थी, जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे थे। समय बीतने के साथ मौत का आंकड़ा बढ़कर 30 हो गया है।

मलबे में और भी लोग दबे होने की आशंका

मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। भूस्खलन वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर स्थित अर्द्धकुंवारी गुफा मंदिर में इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ। त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित मंदिर मार्ग का बड़ा हिस्सा मलबे में ढेर हो गया है। आशंका है कि मलबे में और भी लोग दबे हो सकते हैं। सेना और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट

वहीं मौसम विभाग ने आज भी पूरे राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जम्मू-पुंछ-राजौरी नेशनल हाईवे तालाब में तब्दील हो गया है। रेलवे ने भी जम्मू से आने-जाने वाली 22 ट्रेनें आज रद्द कर दी गईं, जबकि 27 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। इस कारण वैष्णो देवी के दर्शन के लिए गए सैकड़ों लोग वहां जम्मू में फंस गए हैं।

लगातार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन के हालात

बता दें कि बारिश ने पूरे जम्मू और कश्मीर घाटी में कहर बरपाया है। नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक पार कर गया। चिनाब, तवी और उझ भी उफान पर हैं। सैकड़ों लोगों को निचले इलाकों से सुरक्षित निकाला गया। जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा हाईवे बंद कर दिए गए।

मोबाइल, इंटरनेट में दिक्कत और स्कूल बंद

भारी बारिश और भूस्खलन से मोबाइल नेटवर्क और दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं। आपात सेवाओं पर असर पड़ा। जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल 27 अगस्त तक बंद कर दिए गए। कक्षा 10वीं और 11वीं की परीक्षाएं स्थगित हो गईं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आपात बैठक बुलाई। उन्होंने प्रभावित जिलों के उपायुक्तों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने और कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। प्रशासन ने लोगों से भूस्खलन और नदियों के आसपास जाने से बचने की अपील की है।

अमरनाथ यात्रा के लिए निकला पहला जत्था, एलजी मनोज सिन्हा ने दिखाई हरी झंडी

#jk_lg_manoj_sinha_flags_off_first_batch_of_pilgrims_shri_amarnath_yatra

बाबा बर्फानी के दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन बेहद खास है। अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज बुधवार को जम्मू से रवाना हो गया। बाबा बर्फानी का पहला दर्शन 3 जुलाई को होगा। इसके लिए आज यानी 2 जुलाई को अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।

पवित्र अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ आज जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर किया गया। भगवती नगर आधार शिविर से पहला जत्था रवाना हुआ। इस दौरान भक्त हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे।

इस दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए हैं। लोगों में खासा उत्साह है। भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं। मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी।

नौ अगस्त को होगा यात्रा का समापन

कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तीन जुलाई को घाटी से दो रास्तों से शुरू होगी - अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। यात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी

अमरनाथ यात्रा के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी है। खासकर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 180 कंपनियों के साथ बहुस्तरीय सुरक्षा और निगरानी के लिए जैमर और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। लखनपुर से बनिहाल तक 50,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के लिए 106 आवास केंद्रों में भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

उत्तरकाशी में बड़ा हादसा, हेलिकॉप्टर क्रैश में छह की मौत, दो घायल

#uttarkashichardhamyatrahelicopter_crashes

उत्तरकाशी जिले में आज सुबह एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में छह लोगों के मौत हो गई है। पुलिस-प्रशासन के साथ ही आपदा प्रबंधन की टीम मौके के लिए रवाना हुई। घटनास्थल पर पहुंचते ही टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर में 7 यात्री सवार थे, जिनमें से पांच की मौत हो गई है। वहीं दो अन्य घायल हुए हैं।

प्राइवेट कम्पनी का हेलीकाप्टर एरो ट्रिंक हादसाग्रस्त

बताया जा रहा है कि हादसा उत्तरकाशी में गंगनानी के पास हुआ है। हेलीकॉप्टर ने देहरादून से उड़ान भरी थी, जो गंगनानी से आगे नाग मंदिर के क्रैश हो गया। यह प्राइवेट कम्पनी का हेलीकाप्टर एरो ट्रिंक था। वहीं, हेलीकॉप्टर क्रैश होने की सूचना पर घटनास्थल के लिए आपदा प्रबंधन QRT, 108 एंबुलेंस वाहन, तहसीलदार भटवाड़ी, BDO भटवाड़ी, राजस्व टीम रवाना की गई है। इन दिनों उत्तराखंड में चार धाम यात्रा भी चल रही है। ये तीर्थयात्रियों का हेलीकॉप्टर था या कोई दूसरा इसका पता अभी नहीं चला है।

सीएम धामी ने जताया दुख

उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि उत्तरकाशी के गंगनानी के समीप हेलीकॉप्टर क्रैश में कुछ लोगों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है. राहत एवं बचाव कार्य के लिए SDRF और जिला प्रशासन की टीमें तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गई हैं. ईश्वर हादसे में दिवंगत हुए लोगों की आत्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. प्रशासन को घायलों को हर संभव सहायता पहुंचाने एवं हादसे की जांच के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं और हर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है.

*occasion of Akshaya Tritiya, the LordJagannath abode in Digha will be inaugurated*

Desk : With hearts filled with deep devotion, we prepare to welcome Lord Jagannath into our midst.

On the auspicious occasion of Akshaya Tritiya, the Lord's humble abode in Digha will be inaugurated.

The rituals leading up to the Pran Pratistha have commenced. The Kalash Yatra was performed with heartfelt participation from devotees.

Courtesy by: x.com/mamataofficial

फिर से शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत चीन के बीच बनी बात

#india_china_meeting_resumption_of_kailash_mansarovar_yatra

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भारत और चीन के बीच एक बड़ा समझौता हुआ है। पूरे पांच साल बाद बीजिंग में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इस बैठक में दोनों देश के बीच कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर सहमति बन गई। दोनों देशों के बीच पांच साल के अंतराल के बाद विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की बैठक बीजिंग में 6 मुद्दों पर सहमति बनी।भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तो चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे।

ईस्टर्न लद्दाख में चार साल लंबे गतिरोध के बाद संबंधों की बहाली के मद्दनेजर सभी मुद्दों पर बात करने के लिए बॉर्डर मुद्दे पर बने इस मैकेनिज्म की आखिरी बैठक दिसंबर 2019 के बाद पहली बार हुई है।भारत की ओर से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तो चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे। दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने बॉर्डर एरिया में शांति क़ायम करने को द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए अहम बताया।

दोनों पक्षों ने इस बात को माना कि ग्राउंड पर शांतिपूर्ण हालात कायम करने ज़रूरी हैं जिससे कि सीमा संबंधी मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों की सामान्य गतिविधियों पर असर ना डाले। साल 2020 से सबक़ लेते हुए बॉर्डर पर शांति कायम करने और बॉर्डर मैनेजमेंट को लेकर चर्चा की गई। दोनों देशों ने इस इसे लेकर संबंधित डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल को निर्देशित करने और इस्तेमाल का भी फ़ैसला किया

कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के दौरान चीन की अनुमति जरूरी है क्योंकि यह यात्रा तिब्बत में स्थित है। जो वर्तमान में चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र है। इसलिए वहां जाने के लिए चीनी पर्यटक वीजा लेना होता है। चीनी सरकार ने इस क्षेत्र में यात्रा के लिए नियम और शर्तें निर्धारित की हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है. अब भारत के समझौते के साथ कैलाश मानसरोवर की यात्रा आसान हो सकती है।

विशेष प्रतिनिधियों की बैठक प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हाल ही में हुई बैठक के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार हुई। इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करने और सीमा से जुड़े सवालों का निष्पक्ष, उचित और परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए शीघ्र बैठक की जानी थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की थी। जिसमें मानसवोर यात्रा को दोबारा शुरू करने और भारत और चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई थी।

कैलाश मानसरोवर यात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक तीर्थ यात्रा है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखती है. यह यात्रा तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक जाती है। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। यह पर्वत तिब्बत के पश्चिमी क्षेत्र में हिमालय श्रृंखला का हिस्सा है, जिसकी ऊंचाई लगभग 6,638 मीटर है। जबिक, मानसरोवर झील को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी रचना ब्रह्मा जी ने की थी। यह झील तिब्बत के उच्च पठार पर 4,590 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और कैलाश पर्वत से लगभग 30 किलोमीटर दूर है।

इस यात्रा के दौरान तीर्थयात्री कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते हैं और मानसरोवर झील में स्नान करते हैं, जिसे पवित्र और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। समुद्र तल से 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित लिपूलेख दर्रे से होकर यात्रा की जाती है।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू, जानें पूरा शेड्यूल और सुरक्षा व्यवस्था

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) ने आज यानि 21 नवंबर से अपनी 9 दिवसीय पदयात्रा शुरू कर दी है. यह पदयात्रा सुबह 8 बजे बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर (Bageshwar Dham Padyatra) के दर्शन एवं राष्ट्रध्वज व भगवां ध्वज फहराकर प्रारंभ हुई. हिन्दुओं के बीच मौजूद जाति भेदभाव, छुआछूत, अगड़े और पिछड़े का फर्क मिटाने के लिए यह पदयात्रा निकाली गई है. 9 दिन तक इस यात्रा में क्या-क्या होगा चलिए जानते हैं पूरा शेड्यूल…

बागेश्वर धाम से प्रारंभ होने वाली यह पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी. इस पदयात्रा को देश के अनेक जाने-माने संतों की उपस्थिति में प्रारंभ किया जाएगा. पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोककलाओं का प्रदर्शन भी करेंगे.

क्या बोले बागेश्वर बाबा

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि देश भर का हिन्दू जाग रहा है और समाज के भीतर मौजूद जाति भेदभाव को खत्म कर एकजुट होकर भारत के विकास के लिए आगे आ रहा है. इस पदयात्रा का उद्देश्य हिन्दुओं को जगाकर भारत को सामथ्र्यवान बनाना है. यही जागृत हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेगा. उन्होंने कहा कि इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी अनेक सनातनी लोग शामिल हो रहे हैं.

लगभग 20 हजार लोगों ने इस यात्रा में साथ चलने के लिए पूर्व से पंजीयन कराए हैं. जबकि, इससे कई गुना अधिक लोग बिना पंजीयन के ही यात्रा में सम्मिलित हो सकते हैं. उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में शामिल होने और उत्साह के साथ यात्रा को सफल बनाने का आह्वान किया है.

इन संतों की रहेगी उपस्थिति

इस यात्रा को सफल बनाने के लिए देश के अनेक सनातनी संत बागेश्वर महाराज के संकल्प में साथ खड़े नजर आ रहे हैं. बागेश्वर धाम समिति की ओर से बताया कि 21 नवंबर को इस यात्रा के शुभारंभ अवसर पर जगतगुरू तुलसी पीठाधीश्वर श्रीराम भद्राचार्य जी के द्वारा भगवां ध्वज दिखाया जाना तय किया गया था. किन्तु आकस्मिक रूप से उनका स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण वो नहीं आ सके. किन्तु 21 को देश के जाने-माने संत गोपालमणि जी, कथाव्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज एवं सुदामा कुटी वृंदावन के महंत उपस्थित रहे.

इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास, जगतगुरू राघवाचार्य, देश के जाने-माने कथाव्यास अनिरूद्धाचार्य, कृष्णचन्द्र ठाकुर, मृदुलकांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोरदास जी महाराज, भिण्ड से दंदरूआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंददेव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी जी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्रदास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष कोटि के संत भी उपस्थित हैं.

महापुरूषों की झांकियां और बालाजी का रथ चलेगा

इस पदयात्रा में सभी हिन्दू समाजों को एकजुट करने के उद्देश्य से विभिन्न समाजों के महापुरूषों को झांकियों के रूप में सम्मिलित किया जा रहा है. यात्रा में ऐसे 15 रथ तैयार किए गए हैं जिनमें गौरथ, महापुरूषों के रथ, बागेश्वर बालाजी का रथ, बागेश्वर धाम का संकल्प रथ शामिल है. इसके अलावा अपने बालों से 160 किमी तक रथ को खींचने वाले बुन्देलखण्ड के खली बद्री विश्वकर्मा भी उपस्थित रहेंगे. पूरी पदयात्रा के दौरान वरिष्ठ नागरिक शंकर सोनी, सुरेश बाबू खरे, राकेश असाटी आदि राष्ट्रध्वज तिरंगा एवं भगवां ध्वज लेकर चलेंगे.

600 पुलिस जवान तैनात

इस पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे. पदयात्रा के दौरान कई डीजे वाहन, घोड़े, बग्घी आदि भी सम्मिलित होंगे. चप्पे-चप्पे पर पुलिस, चार स्तर का होगा सुरक्षा घेरा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर की लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों तक पहुंच चुकी है. उनकी इस यात्रा में किसी प्रकार का विघ्र उत्पन्न न हो इसलिए मप्र सरकार और उप्र सरकार की ओर से सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. चार दिनों तक यह यात्रा छतरपुर जिले में ही रहेगी. छतरपुर एसपी अगम जैन ने बताया कि यात्रा की सुरक्षा के लिए भोपाल पुलिस मुख्यालय एवं सागर पुलिस मुख्यालय से 600 पुलिस जवान भेजे गए हैं.

160 किमी की यात्रा

इसके अलावा जिले का पुलिस अमला भी व्यवस्था में तैनात है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर 160 किमी तक चलने वाली इस पदयात्रा में पैदल ही निकले हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को लेकर भी चार स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है. मध्य में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कुछ संत भी हैं. इसके बाद उनकी वाई श्रेणी के सुरक्षाकर्मी, तीसरे घेरे में पुलिस की रस्सा पार्टी और चौथे घेरे में बागेश्वर धाम के सेवादारों की एक रस्सा पार्टी चल रही है.

जानी मानीं हस्तियां भी आएंगी

बागेश्वर धाम जनसेवा समिति की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 9 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में अब तक देश की कई जानी-मानी हस्तियों के आने की स्वीकृति मिल चुकी है. इनमें फिल्म स्टार संजय दत्त, पहलवान खली, गायक कीर्तिदान गढ़वी, कन्हैया मित्तल, कॉमेडियन श्याम रंगीला, अभिनेत्री अक्षरा सिंह, गायक शीतल पाण्डेय दिल्ली, बुन्देली गायिका कविता शर्मा, बुन्देली कलाकार हिमालय यादव, सोनू तिवारी, बिन्नू रानी, गायिका अंजलि द्विवेदी और जाने-माने कवि कुमार विश्वास के नाम शामिल हैं. ये लोग अलग-अलग तरीखों पर इस यात्रा में सम्मिलित होंगे.

बागेश्वर धाम से पेप्टेक टाउन तक

21 नवंबर को पदयात्रा बागेश्वर धाम से प्रारंभ हुई है. इसके बाद गढ़ा तिराहे, टुरया तिराहे, मड़तला, बसारी स्टेण्ड, डीपी पब्लिक स्कूल, हरिकृपा रेस्टोरेंट, महिन्द्रा एजेंसी पर पदयात्रियों को स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है. पदयात्रा शाम होते-होते कदारी फार्मेसी कॉलेज पहुंचेगी जहां पदयात्रियों के भोजन एवं रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है. यहां संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे जिसमें बुन्देली कलाकार हरिया भैया और सोनू तिवारी अपनी प्रस्तुति देंगे.

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

22 नवंबर की सुबह यह पदयात्रा कदारी से प्रारंभ होकर गठेवरा पहुंचेगी जहां पदयात्रियों को दोपहर भोजन कराया जाएगा. तदोपरांत यह पदयात्रा आगे बढ़ती हुई रूद्राक्ष होटल से छतरपुर शहर में प्रवेश करेगी. यात्रा 22 को दिन भर छतरपुर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरेगी, छत्रसाल चौराहे पर बागेश्वर महाराज के द्वारा एक सभा की जाएगी. इस सभा में हैदराबाद के हिन्दू नेता टी राजा भी शामिल होंगे. 22 नवंबर की शाम यह पदयात्रा बस स्टेण्ड होते हुए नौगांव रोड के पेप्टेक टाउन में पहुंचेगी जहां रात्रि भोजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम व बागेश्वर महाराज के प्रवचन होंगे. यहां दिल्ली के जाने-माने गायक शीतल पाण्डेय, बिन्नू रानी और हिमालय यादव भी अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.

नौगांव में कुमार विश्वास, अक्षरा सिंह होंगे शामिल

हिन्दू एकता पदयात्रा 23 नवंबर को मऊसहानियां के महाराजा छत्रसाल शौर्यपीठ पर महाराजा छत्रसाल को प्रणाम करते हुए दोपहर भोजन के साथ आगे बढ़ती हुई नौगांव पहुंचेगी. नौगांव के शांति कॉलेज में यात्रियों का रात्रि विश्राम है और यहीं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया है जिसमें देश के अनेक राष्ट्रवादी कवियों के साथ-साथ कुमार विश्वास और भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह सम्मिलित होंगी.

24 नवंबर को देवरी रेस्टहाउस पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में बुन्देली गायिका कविता शर्मा एवं जानी-मानी गायिका अंजली द्विवेदी प्रस्तुति देंगी. 25 नवंबर को मऊरानीपुर में संजय दत्त, पहलवान खली, कॉमेडियन श्याम रंगीला और वीआईपी अपनी प्रस्तुति देंगे. 26 को गुजरात के लोकगायक कीर्तिदान गढ़वी और 27 को कन्हैया मित्तल यात्रा में शामिल होंगे. इसके अलावा अनेक कलाकारों की स्वीकृति आना शेष है.

फिर से जल्द शुरू होगी भारत-चीन सीधी उड़ान और मानसरोवर यात्रा?चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर ने की मुलाकात

#india_china_direct_flight_mansarovar_yatra_to_resume_soon

भारत-चीन संबंध पटरी पर आते दिख रहे हैं। अब जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू हो सकती है। दरअसल, दोनों देश सीधी उड़ान और कैलास मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर भी सहमति के करीब पहुंच गए हैं। ब्राजील में संपन्न जी20 समिट में दुनिया के तमाम राष्‍ट्रध्‍यक्षों ने एक-दूसरे से मुलाकात की। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने सीमा तनाव कम करने में हालिया प्रगति पर चर्चा की। साथ ही भारत और चीन के बीच डायरेक्‍ट फ्लाइट शुरू करने जैसे अहम मुद्दे पर भी बात की।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, विदेश मंत्रियों की चर्चा मतभेद दूर करने, संदेह मिटाने वाले और एक-दूसरे के हितों का सम्मान करते हुए द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने वाले कदम उठाने पर केंद्रित थी। इस दौरान कैलास मानसरोवर यात्रा और सीधी उड़ानें शुरू करने, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करने और मीडिया आदान-प्रदान आदि पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक में बनी सहमतियों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक में कई प्रमुख कदमों पर चर्चा की गई, जिनमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना, सीमा पार की नदियों पर आंकड़े साझा करना, भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें और मीडियाकर्मियों की परस्पर आवाजाही शामिल हैं। यह बैठक खास तौर से अहम थी, क्योंकि पिछले कुछ सालों से कोविड-19 महामारी की वजह दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें और कैलाश मानसरोवर यात्रा निलंबित कर दी गई थीं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने माना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी से शांति और सौहार्द बनाए रखने में मदद मिली है। इस चर्चा का मुख्य विषय भारत-चीन संबंधों में अगले कदमों पर था। दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि विशेष प्रतिनिधियों और विदेश सचिव-उपमंत्री स्तर की बैठक जल्द ही होगी।

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। डेमचोक और देपसांग में पीछे हटने के लिए दोनों पक्षों के बीच 21 अक्टूबर को सहमति बनने के कुछ दिनों बाद, भारतीय और चीनी सेनाओं ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली, जिससे दोनों टकराव बिंदुओं पर चार साल से अधिक समय से चल रहा गतिरोध लगभग समाप्त हो गया। दोनों पक्षों ने लगभग साढ़े चार वर्षों के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्त गतिविधियां भी पुनः शुरू कीं।