आधार कार्ड से लिंक होगा मतदाता पहचान पत्र, चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला

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केंद्र सरकार वोटर आईडी और आधार को लिंक करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर मंगलवार को चुनाव आयोग और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें दोनों को लिंक करने पर सहमति बनी।चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पहचान-पत्रों को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इसके साथ ही इसके लिए यूआईडीएआई और उसके विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। कहा गया कि इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे। 

क्या कहता है अनुच्छेद 326

भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, आधार कार्ड केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार और डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा। अब यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू किया जाएगा।

संविधान में हैं वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान

संविधान में भी वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान है।बताया जाता है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहा जाता के मुताबिक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या प्रदान करने की मांग कर सकते हैं। यह कानून मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है।

चुनाव आयोग ने अप्रैल 2025 से पहले सुझाव मांगे

भारतीय निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, वोटर-आधार को लिंक करने का मकसद आगामी चुनावों से पहले चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, समावेशिता और एफिशिएंसी को बढ़ाना है। चुनाव आयोग 31 मार्च से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, जिला चुनाव अधिकारियों और मुख्य चुनाव अधिकारियों के लेवल पर मीटिंग करेगा।

इसके लिए पिछले 10 साल में पहली बार चुनाव आयोग ने कानूनी ढांचे के भीतर सभी राष्ट्रीय और राज्य-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक आधिकारिक तौर पर सुझाव मांगे हैं।

पहले भी हो चुकी है ऐसी कोशिश

इससे पहले 2015 में भी ऐसी ही कोशिश हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था। 2015 में चुनाव आयोग ने मार्च 2015 से अगस्त 2015 तक राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम चलाया था। उस समय चुनाव आयोग ने 30 करोड़ से ज्यादा वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रोसेस पूरा कर लिया था। ये प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रुकी।

दरअसल, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया के दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब 55 लाख लोगों के नाम वोटर डेटाबेस से हट गए थे। इसी को लेकर आधार की संवैधानिकता को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को वोटर आईडी और आधार को लिंक करने से रोक दिया था।

राहुल गांधी ने उठाया वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा, सदन में चर्चा की मांग

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कई राज्यों में मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने इस पर सदन में चर्चा की मांग की।उन्होंने कहा कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो। बता दें कि पिछले कुछ चुनावों के बाद लगातार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा विपक्षी दल उठा रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप लगाया था। फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाताओं को शामिल करने की मुद्दा उठाया था। बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित सबूत के साथ इस मुद्दे को उठाया था।

आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया है। सदन में शून्यकाल के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और कुछ दूसरे राज्यों में मतदाता सूचियों को लेकर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा, मैं इस बात से सहमत हूं कि मतदाता सूची सरकार नहीं बनाती, लेकिन पूरे देश में मतदाता सूची को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, पूरा विपक्ष यह मांग कर रहा है कि मतदाता सूची पर चर्चा हो जाए।

दरअसल, उद्धव के सांसद से ठीक पहले टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने वोटर लिस्ट का मुद्दा उठाया था। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि उनकी पार्टी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कागजात दिखाए हैं जिससे पता चला है कि मतदाता पहचान पत्र संख्या का दोहराव हो रहा है। उन्होंने दावा किया, कुछ गंभीर गड़बड़ी है, जिसके बारे में पहले महाराष्ट्र में बात हुई थी। हरियाणा में भी इसे लेकर बात हुई थी। तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने पश्चिम बंगाल और असम में भी भविष्य में इस तरह की बात सामने आने की आशंका जताई।

रॉय ने कहा, पूरी मतदाता सूची में व्यापक सुधार होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि यह कैसे हुआ है। रॉय के सवाल पर स्पीकर ओम बिरला ने कह दिया कि वोटर लिस्ट सरकार बनाती है क्या?

इस पर राहुल गांधी ने कहा कि सरकार नहीं बनाती है, यह बात बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा, 'आपने सही बात बोली कि वोटर लिस्ट क्या सरकार बनाती है? आपने सही बोला कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है। मगर पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष शासित हर राज्य में और खासकर महाराष्ट्र में साफ-साफ सवाल उठे हैं। पूरा विपक्ष मिलकर सिर्फ ये कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर यहां चर्चा हो जाए। आप बनाते नहीं हैं, ये हम मानते हैं, लेकिन वोटर लिस्ट पर चर्चा तो हो जाए।

बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।

दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी वोटर’ बनेगा मुद्दा, ममता बनर्जी ने शुरू किया “खेला”

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दिल्ली में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद वापसी करते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करारी शिकस्त दी। हालांकि सरकार गठन के बाद बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटों के जरिए जीता। इसमें चुनाव आयोग ने मदद की। बता दें कि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी नामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी वोटर कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसियां भेजी गई हैं।

दो एजेंसियों का लिया नाम

दो संगठनों का सीधे तौर पर नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र में धोखाधड़ी के लिए राज्य में भेजा गया। उन्होंने एक कागज हाथ में लिया और एक उदाहरण देकर समझाया कि क्या हो रहा है? तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, जहां तक मुझे खबर मिली है। ‘एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स’ और ‘कंपनी इंडिया 360 सब्सिडियरी’ नामक दो एजेंसियां हैं। कई लोगों ने उन्हें यहां भेजा है। ऑनलाइन हेरफेर किया गया। इसी एपिक कार्ड में बाहरी लोगों के नाम भी थे। उन्होंने कहा, ममता का दावा है कि जब बंगाल के लोग वोट देने जाएंगे तो कोई बाहर से आकर उनके लिए वोट देगा।

एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के रानीनगर के सैदुल इस्लाम और हरियाणा की सोनिया देवी नामक एक अन्य मतदाता के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक ही नाम है। इसी तरह से बंगाल के मोहम्मद अली हुसैन और हरियाणा के मंजीत के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक जैसा है। ममता का सवाल, “पश्चिम बंगाल वोट देगा या हरियाणा?” एक लंबी सूची दिखाते हुए ममता ने कहा, “सभी हरियाणा के मतदाता है। यह भाजपा का काम है। हरियाणा ही नहीं, गुजरात के मतदाताओं के नाम भी सूची में हैं।

बीजेपी के साथ चुनाव आयोग को भी लपेटा

ममता ने कहा- भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा पाया।

उन्होंने कहा- मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन एनआरसी और सीएए के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह टीएमसी को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है।

इस मुद्दे पर आक्रामक हो रही टीएमसी

बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर राज्य में फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। साथ ही कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी ने इसी तरह जीत हासिल की, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं चलेगा। अब टीएमसी के नेता इस मुद्दे पर आक्रामक हो रहे हैं। उनका का कहना है कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों को नाम जोड़ रहे हैं।

आधार, पैन समेत ये 18 दस्तवेज दिखाकर कर सकेंगे मतदान, वोटर लिस्ट में ऐसे चेक करें अपना नाम

रायपुर-  नगरपालिकाओं और त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 के लिए मतदान केन्द्र पर मतदाता की पहचान स्थापित करने के लिए 18 प्रकार के दस्तावेजों को मान्य किया गया है.

 

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों में क्रमशः भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र, बैंक / डाकघर फोटोयुक्त पासबुक, पासपोर्ट, आयकर पहचान-पत्र (PAN CARD), आधार कार्ड, राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्थानीय निकाय अथवा अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट) कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, स्वतंत्रता सेनानी फोटोयुक्त पहचान-पत्र, केन्द्रीय अथवा छ.ग. राज्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा जारी दसवीं एवं बारहवीं की फोटोयुक्त अंकसूची, बार कौशिल द्वारा अधिवक्ताओं को जारी फोटोयुक्त परिचय-पत्र, फोटोयुक्त निःशक्तता प्रमाण-पत्र, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी वैध फोटोयुक्त राशन कार्ड, महाविद्यालय अथवा विद्यालय द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान-पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लायसेंस एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है. मतदाता उपरोक्त में से कोई भी एक फोटोयुक्त पहचान-पत्र मतदान केन्द्र पर लेकर जायेगा और पीठासीन अधिकारी द्वारा पहचान स्थापित की जायेगी.

 

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है. यह पर्ची आयोग की वेबसाईट पर दिये गये लिंक से मतदाता के द्वारा डाउनलोड की जा सकती है, इसके लिए cgsec.gov.in वेबसाईट में जाकर VOTER SEARCH & PRINT – URBAN एवं से VOTER SEARCH & PRINT – RURAL नामवार Search करके अपना मतदान केन्द्र का विवरण देख व print कर सकते हैं.

घर बैठे चुटकियों में निकल जाएगी Voter Slip, ये है पूरा प्रोसेस

दिल्ली विधानसभा इलेक्शन के लिए वोटिंग 5 फरवरी को होगी. ऐसे में अगर आप भी वोट डालने के लिए जाने वाले हैं तो अपनी वोटिंग स्लिप घऱ से ही निकाल कर जाएं. इससे आपका काफी समय बचेगा. आप 10 सेकंड से भी कम समय में अपनी वोटिंग स्लिप निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ेगा. बस अपने स्मार्टफोन के जरिए घर बैठे ये काम तुरंत करें. वोटिंग के लिए कई जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. जिनके बिना आप वोट नहीं डाल पाएंगे.

इलेक्शन कमीशन वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप (VIS) जारी करता है. इसमें वोटर की उम्र, जेंडर, नाम, असेंबली कांस्टीट्यूएंसी, पोलिंग स्टेशन लोकेशन जैसी जानकारी मेंशन होती हं. वोटर स्लिप ऑनलाइन डाउनलोड करने के लिए दिया गया प्रोसेस फॉलो करें.

SMS के जरिए वोटर स्लिप

SMS के जरिए वोटर स्लिप निकालने के लिए अपने फोन के मैसेज सेक्शन में जाएं. ECI (आपका वोटर आईडी नंबर) डालें. इसके बाद 1950 नंबर पर सेंड कर दें. इसके बाद आपको चुनाव आयोग की तरफ से धन्यवाद का मैसेज आएगा. SMS करने के 10 सेकंड के अंदर वोटर स्लिप भी भेज दी जाएगी. अगर आप वोटर हेल्पलाइन नंबर के जरिए स्लिप निकालना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें.

ऐसे निकालें Voter Slip

Voter Helpline मोबाइल ऐप के जरिए आप आसानी से वोटर स्लिप निकाल सकते हैं. सबसे पहले Voter Helpline App को गूगल प्ले स्टोर या एपल ऐप स्टोर से इंस्टॉल करें. मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें और पासवर्ड से रजिस्टर कर लें. अगर पहले से अकाउंट है तो लॉगिन करें., Search Your Name in Electoral Roll ऑप्शन पर जाएं और अपना नाम वहां पर सर्च करें..सर्च बाई EPIC No, Search by Bar/QR Code या Search by Mobile इन चारों ऑप्शन में से कोई भी एक सलेक्ट करें.. जरूरी जानकारी भरें और सर्च वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. आपके सामने सभी डिटेल्स आ जाएंगी. डाउनलोड आइकन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं.

जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्र विजय सिंह और एसएसपी राज करन नय्यर ने दी जानकारी


अयोध्या।जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर के साथ 273-मिल्कीपुर विधानसभा निर्वाचन उपचुनाव 2025 को निष्पक्ष, शान्तिपूर्ण एवं पारदर्शिता से सम्पन्न कराये जाने हेतु अब तक की गयी तैयारियों के सम्बंध में जनपद के सम्मानित पत्रकार बन्धुओं के साथ कलेक्टेªट सभागार में प्रेसवार्ता की गयी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मिल्कीपुर में 414 मतदेय स्थलों पर मतदान कराने की पूर्ण तैयारी कर ली गयी है, जिसके क्रम मे राजकीय इंटर कालेज अयोध्या से पोलिंग पार्टियों की रवानगी की गई है । उन्होंने बताया कि उपनिर्वाचन को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए 210 मतदेय स्थल पर वेवकास्टिंग, 25 मतदेय स्थल पर वीडियोग्राफी, 71 मतदान केन्द्र पर माइको आब्जर्बर, 09 टीम उड़नदस्ता, 09 टीम स्थैतिक निगरानी टीम, 06 टीम वीडियो निगरानी टीम, 02 सुपर जोनल मजिस्टेªट, 04 जोनल मजिस्टेªट व 41 सेक्टर मजिस्टेªट तैनात किये गये है। उन्होंने बताया कि कुल 97.26 प्रतिशत मतदान पर्चियां वितरित की जा चुकी है तथा अवशेष मतदाता पर्ची का वितरण बी0एल0ओ0 द्वारा यथाशीघ्र करने के निर्देश सम्बंधित को दिये गये है तथा जिन मतदाताओं को किसी कारणवश मतदान पर्ची नही प्राप्त होती है तो उसके लिए मा0 भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अन्य विकल्प दिये गये है, जिसमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों/डाकघरों द्वारा निर्गत फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत निर्गत स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा निर्गत स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्रध्राज्य सरकारध्लोक उपक्रमध्पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किये गये फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सासदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान-पत्र और यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार मतदाता सूचना पर्ची को डाउनलोड करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर https://voters.eci.gov.in से मतदाताओं द्वारा डाउन लोड किया जा सकता है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने बताया कि दिनांक 05 फरवरी 2025 को होने वाले मतदान के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है, जिसमें मानक के अनुसार सुरक्षा कार्मिक पोलिंग पार्टी रवानगी के साथ मतदेय स्थल पर पहुंच जायेंगे, शेष अपने-अपने क्षेत्र में तैनात किये जा चुके है। उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव को शांतिपूर्ण व भयमुक्त वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी व पुलिस प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। अधिकारी द्वय ने सभी मिल्कीपुर क्षेत्र के मतदाताओं व निवासियों से अपील करते हुये कहा कि चुनाव सम्बंधी कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर उसकी जानकारी तत्काल दें तथा भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दें। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि दिनांक 05 फरवरी को शत प्रतिशत मतदान करते हुये अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।

पूर्वांचलियों को बीजेपी ने नहीं दिया सम्मान, काटे जा रहे उनके वोट”, केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली में बवाल

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दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों को लेकर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचलियों वाले बयान पर दिल्ली में बवाल मच गया है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। यह मार्च अशोक रोड से केजरीवाल के घर तक निकाला गया। बीजेपी ने इसे पूर्वांचल सम्मान मार्च नाम दिया है। सांसद मनोज तिवारी इसे लीड किया। बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता केजरीवाल के घर पर प्रदर्शन करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए।पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।

विरोध मार्च को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वांचलियों का सबसे ज्यादा अपमान बीजेपी करती है। प्रदर्शन को लेकर केजरीवाल बोले कि वे अपने घर के बाहर एक टेंट लगा देता हूं। बीजेपी के अपने 100 लोगों को वहीं बैठा दे। बस आरोप वाले बैनर रोज बदल दिया करे।

इससे पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सत्ता जाने के भय से अरविंद केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। अपनी सत्ता खोने का बदला केजरीवाल जी आप दिल्ली वालों से ले रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, भाजपा ने दिल्ली को भारत की अपराध राजधानी बना दिया है। दिल्ली में डकैती, चेन स्नैचिंग, गैंगवार हो रहे हैं, महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है। अपनी नफरत के कारण ही वे पिछले 25 सालों से दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं आए हैं। मैंने दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाया है कि आप की सरकार बनने पर आरडब्ल्यूए को दिल्ली सरकार से फंड मिलेगा, ताकि वे अपने-अपने इलाकों में निजी सुरक्षा गार्ड नियुक्त कर सकें। भाजपा अब धरना पार्टी बन गई है। कल मैं चुनाव आयोग में शिकायत करने गया था कि भाजपा रोहिंग्या के नाम पर पूर्वांचल और दलितों के वोट काट रही है।'

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जानें कैसे चेक करें वोटर लिस्ट में अपना नाम

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है, अगले महीने 5 फरवरी को चुनाव होंगे. दिल्ली में वोटिंग के बाद 8 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. आप भी अगर दिल्ली में रहते हैं तो चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले इस बात को जरूर चेक कर लें कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है भी या नहीं?

आइए आपको बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले आप किस तरह से Voter List में अपना नाम चेक कर सकते हैं? Voter List में आप लोगों का नाम है या फिर नहीं? इस बात को जानने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे आसानी से इस बात का पता लगा पाएंगे. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने से पहले EPIC Number अपने पास रखें, ये नंबर आपको वोटर आईडी कार्ड पर लिखा मिलेगा.

Voter List में ऐसे चेक करें नाम

गूगल पर Voters Service Portal लिखकर सर्च करें या electoralsearch.eci.gov.in पर जाएं. साइट पर आप लोगों को नाम चेक करने के लिए तीन विकल्प दिखेंगे. पहला विक्लप, Search by EPIC, दूसरा तरीका सर्च बाय डिटेल्स और तीसरा तरीका सर्च बाय मोबाइल.

Search by EPIC ऑप्शन में पहले भाषा चुनने के लिए कहा जाएगा, इसके बाद EPIC नंबर, अपना राज्य और कैप्चा भरकर सर्च ऑप्शन पर क्लिक कर दें. दूसरा, सर्च बाय डिटेल्स ऑप्शन में राज्य, भाषा, नाम, पिता/पति का नाम, डेट ऑफ बर्थ, उम्र, जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जैसी जरूरी जानकारी भरनी होगी. ये सभी जानकारी देने के बाद कैप्चा भरकर सर्च करें.

तीसरा तरीका, सर्च बाय मोबाइल ऑप्शन में नाम चेक करने के लिए ये तरीका खोजते हैं तो आपको भाषा, राज्य, मोबाइल नंबर और कैप्चा भरकर सर्च करना होगा. आपके नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी डालने के बाद जैसे ही आप सर्च दबाएंगे आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं.

छत्तीसगढ़ में अब 2.11 करोड़ मतदाता : पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर ज्यादा, अंतिम सूची का हुआ प्रकाशन

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि में आज मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज अपने कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अंतिम मतदाता सूची की जानकारी दी। उन्होंने बैठक में बताया कि अंतिम प्रकाशन की फोटोरहित मतदाता सूची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट ceochhattisgarh.nic.in पर अपलोड कर दी गई है। आम नागरिक मतदान केन्द्रवार मतदाता सूची डाउनलोड कर इसका अवलोकन कर सकते हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद अब राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या दो करोड़ 11 लाख पांच हजार 391 हो गई है। इनमें एक करोड़ चार लाख 27 हजार 842 पुरुष मतदाता, एक करोड़ छह लाख 76 हजार 821 महिला मतदाता और 728 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। राज्य में निर्वाचकों का लिंगानुपात (Gender Ratio) 1024 है। उन्होंने बताया कि 18-19 आयु वर्ग समूह में चार लाख 52 हजार 134 मतदाता पंजीकृत हैं। राज्य के 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 24 हजार 371 मतदान केन्द्र हैं।

श्रीमती कंगाले ने बताया कि वोटर हेल्पलाइन एप या वेबसाइट https://voters.eci.gov.in के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने, विलोपन, संशोधन एवं स्थानातंरण के लिए घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा है। संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी.एस, ध्रुव, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपूर्व प्रियेश टोप्पो और सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रुपेश वर्मा भी राजनीतिक दलों के साथ बैठक में मौजूद थे।

आधार कार्ड से लिंक होगा मतदाता पहचान पत्र, चुनाव आयोग-गृह मंत्रालय की बैठक में फैसला

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केंद्र सरकार वोटर आईडी और आधार को लिंक करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर मंगलवार को चुनाव आयोग और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें दोनों को लिंक करने पर सहमति बनी।चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा कि मतदाता पहचान-पत्रों को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इसके साथ ही इसके लिए यूआईडीएआई और उसके विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू होगा।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। कहा गया कि इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे। 

क्या कहता है अनुच्छेद 326

भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, आधार कार्ड केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों के अनुसार और डब्ल्यूपी (सिविल) संख्या 177/2023 में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा। अब यूआईडीएआई और ईसीआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच तकनीकी परामर्श जल्द ही शुरू किया जाएगा।

संविधान में हैं वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान

संविधान में भी वोटर आईडी को आधार से जोड़ने का प्रावधान है।बताया जाता है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23, जिसे चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 कहा जाता के मुताबिक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मौजूदा या भावी मतदाताओं से स्वैच्छिक आधार पर पहचान स्थापित करने के लिए आधार संख्या प्रदान करने की मांग कर सकते हैं। यह कानून मतदाता सूची को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है।

चुनाव आयोग ने अप्रैल 2025 से पहले सुझाव मांगे

भारतीय निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, वोटर-आधार को लिंक करने का मकसद आगामी चुनावों से पहले चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, समावेशिता और एफिशिएंसी को बढ़ाना है। चुनाव आयोग 31 मार्च से पहले निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों, जिला चुनाव अधिकारियों और मुख्य चुनाव अधिकारियों के लेवल पर मीटिंग करेगा।

इसके लिए पिछले 10 साल में पहली बार चुनाव आयोग ने कानूनी ढांचे के भीतर सभी राष्ट्रीय और राज्य-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक आधिकारिक तौर पर सुझाव मांगे हैं।

पहले भी हो चुकी है ऐसी कोशिश

इससे पहले 2015 में भी ऐसी ही कोशिश हो चुकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था। 2015 में चुनाव आयोग ने मार्च 2015 से अगस्त 2015 तक राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम चलाया था। उस समय चुनाव आयोग ने 30 करोड़ से ज्यादा वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रोसेस पूरा कर लिया था। ये प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रुकी।

दरअसल, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की प्रक्रिया के दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब 55 लाख लोगों के नाम वोटर डेटाबेस से हट गए थे। इसी को लेकर आधार की संवैधानिकता को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को वोटर आईडी और आधार को लिंक करने से रोक दिया था।

राहुल गांधी ने उठाया वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा, सदन में चर्चा की मांग

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कई राज्यों में मतदाता सूचियों में कथित गड़बड़ी का मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने इस पर सदन में चर्चा की मांग की।उन्होंने कहा कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है, यह तो सबको पता है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं तो अच्छा होगा कि संसद में इस विषय पर चर्चा हो। बता दें कि पिछले कुछ चुनावों के बाद लगातार वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा विपक्षी दल उठा रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने मतदाता सूची में हेराफेरी का आरोप लगाया था। फिर दिल्ली विधानसभा चुनाव के वक्त आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाताओं को शामिल करने की मुद्दा उठाया था। बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित सबूत के साथ इस मुद्दे को उठाया था।

आज से संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया है। सदन में शून्यकाल के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र और कुछ दूसरे राज्यों में मतदाता सूचियों को लेकर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा, मैं इस बात से सहमत हूं कि मतदाता सूची सरकार नहीं बनाती, लेकिन पूरे देश में मतदाता सूची को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा, पूरा विपक्ष यह मांग कर रहा है कि मतदाता सूची पर चर्चा हो जाए।

दरअसल, उद्धव के सांसद से ठीक पहले टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने वोटर लिस्ट का मुद्दा उठाया था। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि उनकी पार्टी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कागजात दिखाए हैं जिससे पता चला है कि मतदाता पहचान पत्र संख्या का दोहराव हो रहा है। उन्होंने दावा किया, कुछ गंभीर गड़बड़ी है, जिसके बारे में पहले महाराष्ट्र में बात हुई थी। हरियाणा में भी इसे लेकर बात हुई थी। तृणमूल कांग्रेस सदस्य ने पश्चिम बंगाल और असम में भी भविष्य में इस तरह की बात सामने आने की आशंका जताई।

रॉय ने कहा, पूरी मतदाता सूची में व्यापक सुधार होना चाहिए। निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि यह कैसे हुआ है। रॉय के सवाल पर स्पीकर ओम बिरला ने कह दिया कि वोटर लिस्ट सरकार बनाती है क्या?

इस पर राहुल गांधी ने कहा कि सरकार नहीं बनाती है, यह बात बिल्कुल सही है। उन्होंने कहा, 'आपने सही बात बोली कि वोटर लिस्ट क्या सरकार बनाती है? आपने सही बोला कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनाती है। मगर पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष शासित हर राज्य में और खासकर महाराष्ट्र में साफ-साफ सवाल उठे हैं। पूरा विपक्ष मिलकर सिर्फ ये कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर यहां चर्चा हो जाए। आप बनाते नहीं हैं, ये हम मानते हैं, लेकिन वोटर लिस्ट पर चर्चा तो हो जाए।

बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के स्थानीय अधिकारी केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं।

दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी वोटर’ बनेगा मुद्दा, ममता बनर्जी ने शुरू किया “खेला”

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दिल्ली में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद वापसी करते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करारी शिकस्त दी। हालांकि सरकार गठन के बाद बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटों के जरिए जीता। इसमें चुनाव आयोग ने मदद की। बता दें कि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी नामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी वोटर कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसियां भेजी गई हैं।

दो एजेंसियों का लिया नाम

दो संगठनों का सीधे तौर पर नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र में धोखाधड़ी के लिए राज्य में भेजा गया। उन्होंने एक कागज हाथ में लिया और एक उदाहरण देकर समझाया कि क्या हो रहा है? तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, जहां तक मुझे खबर मिली है। ‘एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स’ और ‘कंपनी इंडिया 360 सब्सिडियरी’ नामक दो एजेंसियां हैं। कई लोगों ने उन्हें यहां भेजा है। ऑनलाइन हेरफेर किया गया। इसी एपिक कार्ड में बाहरी लोगों के नाम भी थे। उन्होंने कहा, ममता का दावा है कि जब बंगाल के लोग वोट देने जाएंगे तो कोई बाहर से आकर उनके लिए वोट देगा।

एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के रानीनगर के सैदुल इस्लाम और हरियाणा की सोनिया देवी नामक एक अन्य मतदाता के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक ही नाम है। इसी तरह से बंगाल के मोहम्मद अली हुसैन और हरियाणा के मंजीत के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक जैसा है। ममता का सवाल, “पश्चिम बंगाल वोट देगा या हरियाणा?” एक लंबी सूची दिखाते हुए ममता ने कहा, “सभी हरियाणा के मतदाता है। यह भाजपा का काम है। हरियाणा ही नहीं, गुजरात के मतदाताओं के नाम भी सूची में हैं।

बीजेपी के साथ चुनाव आयोग को भी लपेटा

ममता ने कहा- भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा पाया।

उन्होंने कहा- मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन एनआरसी और सीएए के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह टीएमसी को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है।

इस मुद्दे पर आक्रामक हो रही टीएमसी

बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर राज्य में फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। साथ ही कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी ने इसी तरह जीत हासिल की, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं चलेगा। अब टीएमसी के नेता इस मुद्दे पर आक्रामक हो रहे हैं। उनका का कहना है कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों को नाम जोड़ रहे हैं।

आधार, पैन समेत ये 18 दस्तवेज दिखाकर कर सकेंगे मतदान, वोटर लिस्ट में ऐसे चेक करें अपना नाम

रायपुर-  नगरपालिकाओं और त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 के लिए मतदान केन्द्र पर मतदाता की पहचान स्थापित करने के लिए 18 प्रकार के दस्तावेजों को मान्य किया गया है.

 

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों में क्रमशः भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदाय किया गया मतदाता पहचान पत्र, बैंक / डाकघर फोटोयुक्त पासबुक, पासपोर्ट, आयकर पहचान-पत्र (PAN CARD), आधार कार्ड, राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्थानीय निकाय अथवा अन्य निजी औद्योगिक संस्थानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट) कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस, स्वतंत्रता सेनानी फोटोयुक्त पहचान-पत्र, केन्द्रीय अथवा छ.ग. राज्य माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा जारी दसवीं एवं बारहवीं की फोटोयुक्त अंकसूची, बार कौशिल द्वारा अधिवक्ताओं को जारी फोटोयुक्त परिचय-पत्र, फोटोयुक्त निःशक्तता प्रमाण-पत्र, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी वैध फोटोयुक्त राशन कार्ड, महाविद्यालय अथवा विद्यालय द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान-पत्र, फोटोयुक्त शस्त्र लायसेंस एवं छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है. मतदाता उपरोक्त में से कोई भी एक फोटोयुक्त पहचान-पत्र मतदान केन्द्र पर लेकर जायेगा और पीठासीन अधिकारी द्वारा पहचान स्थापित की जायेगी.

 

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर SEC-ER द्वारा Online जनरेटेड मतदाता पहचान पर्ची को मान्य किया गया है. यह पर्ची आयोग की वेबसाईट पर दिये गये लिंक से मतदाता के द्वारा डाउनलोड की जा सकती है, इसके लिए cgsec.gov.in वेबसाईट में जाकर VOTER SEARCH & PRINT – URBAN एवं से VOTER SEARCH & PRINT – RURAL नामवार Search करके अपना मतदान केन्द्र का विवरण देख व print कर सकते हैं.

घर बैठे चुटकियों में निकल जाएगी Voter Slip, ये है पूरा प्रोसेस

दिल्ली विधानसभा इलेक्शन के लिए वोटिंग 5 फरवरी को होगी. ऐसे में अगर आप भी वोट डालने के लिए जाने वाले हैं तो अपनी वोटिंग स्लिप घऱ से ही निकाल कर जाएं. इससे आपका काफी समय बचेगा. आप 10 सेकंड से भी कम समय में अपनी वोटिंग स्लिप निकाल सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ेगा. बस अपने स्मार्टफोन के जरिए घर बैठे ये काम तुरंत करें. वोटिंग के लिए कई जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. जिनके बिना आप वोट नहीं डाल पाएंगे.

इलेक्शन कमीशन वोटर इन्फोर्मेशन स्लिप (VIS) जारी करता है. इसमें वोटर की उम्र, जेंडर, नाम, असेंबली कांस्टीट्यूएंसी, पोलिंग स्टेशन लोकेशन जैसी जानकारी मेंशन होती हं. वोटर स्लिप ऑनलाइन डाउनलोड करने के लिए दिया गया प्रोसेस फॉलो करें.

SMS के जरिए वोटर स्लिप

SMS के जरिए वोटर स्लिप निकालने के लिए अपने फोन के मैसेज सेक्शन में जाएं. ECI (आपका वोटर आईडी नंबर) डालें. इसके बाद 1950 नंबर पर सेंड कर दें. इसके बाद आपको चुनाव आयोग की तरफ से धन्यवाद का मैसेज आएगा. SMS करने के 10 सेकंड के अंदर वोटर स्लिप भी भेज दी जाएगी. अगर आप वोटर हेल्पलाइन नंबर के जरिए स्लिप निकालना चाहते हैं तो ये प्रोसेस फॉलो करें.

ऐसे निकालें Voter Slip

Voter Helpline मोबाइल ऐप के जरिए आप आसानी से वोटर स्लिप निकाल सकते हैं. सबसे पहले Voter Helpline App को गूगल प्ले स्टोर या एपल ऐप स्टोर से इंस्टॉल करें. मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें और पासवर्ड से रजिस्टर कर लें. अगर पहले से अकाउंट है तो लॉगिन करें., Search Your Name in Electoral Roll ऑप्शन पर जाएं और अपना नाम वहां पर सर्च करें..सर्च बाई EPIC No, Search by Bar/QR Code या Search by Mobile इन चारों ऑप्शन में से कोई भी एक सलेक्ट करें.. जरूरी जानकारी भरें और सर्च वाले ऑप्शन पर क्लिक करें. आपके सामने सभी डिटेल्स आ जाएंगी. डाउनलोड आइकन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं.

जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्र विजय सिंह और एसएसपी राज करन नय्यर ने दी जानकारी


अयोध्या।जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर के साथ 273-मिल्कीपुर विधानसभा निर्वाचन उपचुनाव 2025 को निष्पक्ष, शान्तिपूर्ण एवं पारदर्शिता से सम्पन्न कराये जाने हेतु अब तक की गयी तैयारियों के सम्बंध में जनपद के सम्मानित पत्रकार बन्धुओं के साथ कलेक्टेªट सभागार में प्रेसवार्ता की गयी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मिल्कीपुर में 414 मतदेय स्थलों पर मतदान कराने की पूर्ण तैयारी कर ली गयी है, जिसके क्रम मे राजकीय इंटर कालेज अयोध्या से पोलिंग पार्टियों की रवानगी की गई है । उन्होंने बताया कि उपनिर्वाचन को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए 210 मतदेय स्थल पर वेवकास्टिंग, 25 मतदेय स्थल पर वीडियोग्राफी, 71 मतदान केन्द्र पर माइको आब्जर्बर, 09 टीम उड़नदस्ता, 09 टीम स्थैतिक निगरानी टीम, 06 टीम वीडियो निगरानी टीम, 02 सुपर जोनल मजिस्टेªट, 04 जोनल मजिस्टेªट व 41 सेक्टर मजिस्टेªट तैनात किये गये है। उन्होंने बताया कि कुल 97.26 प्रतिशत मतदान पर्चियां वितरित की जा चुकी है तथा अवशेष मतदाता पर्ची का वितरण बी0एल0ओ0 द्वारा यथाशीघ्र करने के निर्देश सम्बंधित को दिये गये है तथा जिन मतदाताओं को किसी कारणवश मतदान पर्ची नही प्राप्त होती है तो उसके लिए मा0 भारत निर्वाचन आयोग द्वारा अन्य विकल्प दिये गये है, जिसमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों/डाकघरों द्वारा निर्गत फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत निर्गत स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा निर्गत स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केन्द्रध्राज्य सरकारध्लोक उपक्रमध्पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किये गये फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, सासदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान-पत्र और यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार मतदाता सूचना पर्ची को डाउनलोड करने हेतु भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर https://voters.eci.gov.in से मतदाताओं द्वारा डाउन लोड किया जा सकता है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर ने बताया कि दिनांक 05 फरवरी 2025 को होने वाले मतदान के लिए पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है, जिसमें मानक के अनुसार सुरक्षा कार्मिक पोलिंग पार्टी रवानगी के साथ मतदेय स्थल पर पहुंच जायेंगे, शेष अपने-अपने क्षेत्र में तैनात किये जा चुके है। उन्होंने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव को शांतिपूर्ण व भयमुक्त वातावरण में सम्पन्न कराने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी व पुलिस प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। अधिकारी द्वय ने सभी मिल्कीपुर क्षेत्र के मतदाताओं व निवासियों से अपील करते हुये कहा कि चुनाव सम्बंधी कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर उसकी जानकारी तत्काल दें तथा भ्रामक सूचनाओं पर ध्यान न दें। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि दिनांक 05 फरवरी को शत प्रतिशत मतदान करते हुये अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

दिल्ली में चुनाव से पहले पूर्वांचली वोटर्स पर बीजेपी और आप आमने-सामने, जानें किन सीटों पर पूर्वांचलियों का दबदबा

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दिल्ली में वोटर लिस्ट के नाम पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बड़ी संख्या में फर्जी वोटरों को जोड़ा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा है, एक लाख की छोटी सी विधानसभा सीट है, उसमें पिछले 15 दिन में 13 हजार नए वोटर बनने की एप्लिकेशन कहां से आ गई? जाहिर तौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार से ला लाकर, आस-पास के स्टेट से लाकर फर्जी वोट बनवा रहे हैं ये लोग। आम आदमी के इस आरोप को बीजेपी ने पूर्वांचली वोटरों से अपमान से जोड़ा है।

भाजपा का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली वोटर का अपमान किया है। इसे लेकर दिल्ली में शुक्रवार को खूब बवाल हुआ। भाजपा ने केजरीवाल का घेराव किया। इस दौरान खूब गहमागहमी दिखी। भाजपा ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर यह प्रदर्शन किया।

दिल्ली में वोटर लिस्ट और पूर्वांचलियों पर पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आपस में भिड़े हुए हैं। दिल्ली में पूर्वांचली वोटर सियासी लिहाज से काफी अहम हैं। पूर्वी यूपी और बिहार के वोटरों को पूर्वांचली वोटर कहते हैं। उनकी तादाद दिल्ली में अच्छी खासी है। आंकडों में देखें तो करीब 25 से 30 फीसदी पूर्वांचली वोटर दिल्ली में रहते हैं।25 से 30 फीसदी वाले ये पूर्वांचली वोटर्स दिल्ली की कई सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करते हैं।

पहले भी यूपी-बिहार पर कर चुके हैं टिप्पणी

केजरीवाल की जुबान से पहली बार बिहार-यूपी को केंद्र कर प्रतिकूल प्रभाव वाली टिप्पणी नहीं निकलती है। इससे पहले 2019 में भी केजरीवाल ने कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे काफी बवेला मचा था। पहली बार केजरीवाल ने कहा था कि बिहार जैसे राज्यों से लोग 500 रुपये का टिकट लेकर दिल्ली आ जा रहे हैं और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज कराते हैं। उनके इस बयान पर भाजपा और जेडीयू ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।केजरीवाल अब कह रहे हैं कि भाजपा बिहार-यूपी से लोगों को दिल्ली लाकर वोटर बनवा रही

दिल्ली की पूर्वांचल बहुल सीट

दिल्ली देश की राजधानी होने के साथ-साथ प्रवासियों का शहर कहा जाता है। दिल्ली की आबादी में करीब 40 फीसदी प्रवासी ही हैं जो उत्तर प्रदेश, बिहार और देश के अलग अलग राज्यों में रोज़गार की तलाश में आते हैं। पूर्वांचली लगभग 70 सीटों में आधे पर जीत हार में फर्क डालते हैं। बुराड़ी, लक्ष्मी नगर, पड़पड़गंज, राजेंद्र नगर, बादली, मॉडल टाउन, घोंडा, करावल नगर, किराड़ी, रिठाला, छतरपुर, द्वारका, पालम, विकासपुरी, बदरपुर, संगम विहार और जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वो प्रमुख सीटे हैं जहां पर पूर्वांचली वोटर जिधर जाता है उसी की जीत तय मानी जाती है।

दिल्ली में पूर्वांचल का प्रभाव

दिल्ली में बसे पूर्वांचल के लोग तकरीबन दो दर्जन सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। यही वजह है कि बिहार मूल की राजनीतिक पार्टियां भी दिल्ली चुनाव में ताल ठोंकने के लिए बेचौन दिखती हैं। जेडीयू और आरजेडी के अलावा एलजेपी भी पिछले चुनावों में किस्मत आजमा चुकी हैं। इस बार भी तीनों पार्टियों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने तो बाजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर दिल्ली में एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ने की बात कुछ ही दिनों पहले कही थी।

पूर्वांचलियों को बीजेपी ने नहीं दिया सम्मान, काटे जा रहे उनके वोट”, केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली में बवाल

#bjp_vs_aap_row_over_purvanchal_voters

दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों को लेकर एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। अरविंद केजरीवाल के पूर्वांचलियों वाले बयान पर दिल्ली में बवाल मच गया है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विरोध मार्च निकाला। यह मार्च अशोक रोड से केजरीवाल के घर तक निकाला गया। बीजेपी ने इसे पूर्वांचल सम्मान मार्च नाम दिया है। सांसद मनोज तिवारी इसे लीड किया। बड़ी संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता केजरीवाल के घर पर प्रदर्शन करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया है। कई प्रदर्शनकारी बैरिकेड पर चढ़ गए।पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।

विरोध मार्च को लेकर अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वांचलियों का सबसे ज्यादा अपमान बीजेपी करती है। प्रदर्शन को लेकर केजरीवाल बोले कि वे अपने घर के बाहर एक टेंट लगा देता हूं। बीजेपी के अपने 100 लोगों को वहीं बैठा दे। बस आरोप वाले बैनर रोज बदल दिया करे।

इससे पहले बीजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सत्ता जाने के भय से अरविंद केजरीवाल अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। अपनी सत्ता खोने का बदला केजरीवाल जी आप दिल्ली वालों से ले रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, भाजपा ने दिल्ली को भारत की अपराध राजधानी बना दिया है। दिल्ली में डकैती, चेन स्नैचिंग, गैंगवार हो रहे हैं, महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है। अपनी नफरत के कारण ही वे पिछले 25 सालों से दिल्ली की सत्ता में वापस नहीं आए हैं। मैंने दिल्ली के लोगों को भरोसा दिलाया है कि आप की सरकार बनने पर आरडब्ल्यूए को दिल्ली सरकार से फंड मिलेगा, ताकि वे अपने-अपने इलाकों में निजी सुरक्षा गार्ड नियुक्त कर सकें। भाजपा अब धरना पार्टी बन गई है। कल मैं चुनाव आयोग में शिकायत करने गया था कि भाजपा रोहिंग्या के नाम पर पूर्वांचल और दलितों के वोट काट रही है।'

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जानें कैसे चेक करें वोटर लिस्ट में अपना नाम

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है, अगले महीने 5 फरवरी को चुनाव होंगे. दिल्ली में वोटिंग के बाद 8 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. आप भी अगर दिल्ली में रहते हैं तो चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले इस बात को जरूर चेक कर लें कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है भी या नहीं?

आइए आपको बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले आप किस तरह से Voter List में अपना नाम चेक कर सकते हैं? Voter List में आप लोगों का नाम है या फिर नहीं? इस बात को जानने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे आसानी से इस बात का पता लगा पाएंगे. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने से पहले EPIC Number अपने पास रखें, ये नंबर आपको वोटर आईडी कार्ड पर लिखा मिलेगा.

Voter List में ऐसे चेक करें नाम

गूगल पर Voters Service Portal लिखकर सर्च करें या electoralsearch.eci.gov.in पर जाएं. साइट पर आप लोगों को नाम चेक करने के लिए तीन विकल्प दिखेंगे. पहला विक्लप, Search by EPIC, दूसरा तरीका सर्च बाय डिटेल्स और तीसरा तरीका सर्च बाय मोबाइल.

Search by EPIC ऑप्शन में पहले भाषा चुनने के लिए कहा जाएगा, इसके बाद EPIC नंबर, अपना राज्य और कैप्चा भरकर सर्च ऑप्शन पर क्लिक कर दें. दूसरा, सर्च बाय डिटेल्स ऑप्शन में राज्य, भाषा, नाम, पिता/पति का नाम, डेट ऑफ बर्थ, उम्र, जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जैसी जरूरी जानकारी भरनी होगी. ये सभी जानकारी देने के बाद कैप्चा भरकर सर्च करें.

तीसरा तरीका, सर्च बाय मोबाइल ऑप्शन में नाम चेक करने के लिए ये तरीका खोजते हैं तो आपको भाषा, राज्य, मोबाइल नंबर और कैप्चा भरकर सर्च करना होगा. आपके नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी डालने के बाद जैसे ही आप सर्च दबाएंगे आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं.

छत्तीसगढ़ में अब 2.11 करोड़ मतदाता : पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर ज्यादा, अंतिम सूची का हुआ प्रकाशन

रायपुर-     छत्तीसगढ़ में फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के बाद 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि में आज मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने आज अपने कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर अंतिम मतदाता सूची की जानकारी दी। उन्होंने बैठक में बताया कि अंतिम प्रकाशन की फोटोरहित मतदाता सूची मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट ceochhattisgarh.nic.in पर अपलोड कर दी गई है। आम नागरिक मतदान केन्द्रवार मतदाता सूची डाउनलोड कर इसका अवलोकन कर सकते हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने बताया कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद अब राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या दो करोड़ 11 लाख पांच हजार 391 हो गई है। इनमें एक करोड़ चार लाख 27 हजार 842 पुरुष मतदाता, एक करोड़ छह लाख 76 हजार 821 महिला मतदाता और 728 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं। राज्य में निर्वाचकों का लिंगानुपात (Gender Ratio) 1024 है। उन्होंने बताया कि 18-19 आयु वर्ग समूह में चार लाख 52 हजार 134 मतदाता पंजीकृत हैं। राज्य के 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 24 हजार 371 मतदान केन्द्र हैं।

श्रीमती कंगाले ने बताया कि वोटर हेल्पलाइन एप या वेबसाइट https://voters.eci.gov.in के माध्यम से मतदाता सूची में नाम जोड़ने, विलोपन, संशोधन एवं स्थानातंरण के लिए घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा है। संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी.एस, ध्रुव, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपूर्व प्रियेश टोप्पो और सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रुपेश वर्मा भी राजनीतिक दलों के साथ बैठक में मौजूद थे।