बीजेपी के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को क्यों दिया टिकट? अजीत पवार ने बताई वजह

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। यहां विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। वहीं, वोटर्स को लुभाने की कोशिश में महाराष्ट्र सरकार और महायुति के सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अजीत पवार गुट भी लगी हुई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) ने दाऊद इब्राहिम के करीबी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल जाने वाले नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से टिकट दिया है। सहयोगी दलों के नहीं चाहने के बाद भी अजीत पवार ने नवाब मलिक को अंतिम समय टिकट दे ही दिया। अब अजीत पवार ने इस मामले में अपनी सफाई दी है।

अजित पवार ने एनसीपी से नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया, इस बारे में भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, मैं उम्मीदवार देने के समय मुस्लिम समाज को अपनी पार्टी के कोटे से 10 फीसदी टिकट देने का वादा किया था। मुम्ब्रा से नजीमुल्लाह को उम्मीदवार बनाया, नवाब मलिक को टिकट दिया। इस बात का बहुत से लोगों ने विरोध किया, फिर भी मैंने टिकट दिया और प्रचार में भी गया। उनकी बेटी सना को भी टिकट दिया गया है। इसके अलावा, बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को भी चुनावी मैदान में उतारा है। हसन मुशरिफ और शेख को भी एनीसीपी प्रत्याशी बनाया गया है।

बीड जिले में चुनाव प्रचार करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपनी चुनावी जनसभा के दौरान यह दावा किया कि उनकी पार्टी से 10 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। अजीत पवार ने कहा, मैंने उम्मीदवार तय करने के दौरान मुस्लिम समाज का भी ख्याल रखा। मैंने अपनी पार्टी के कोटे से 10 प्रतिशत टिकट मुस्लिम नेताओं को दिया है।

वहीं, कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नवाब मलिक को टिकट दिए जाने को लेकर अजित पवार ने कहा, "नवाब मलिक के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, तो उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया जाता?" अजित पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में नवाब मलिक की स्थिति की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से की, जिन पर पद पर रहते हुए आरोप लगे थे। पवार ने कहा, "राजीव गांधी के खिलाफ बोफोर्स जैसे कई आरोप लगाए गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आरोपी हैं। यह लोकतंत्र है, हम बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते।" इसके बाद पवार ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को दोषी घोषित करने से पहले आरोपों को अदालत में साबित किया जाना चाहिए।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। साल 2022 में मलिक को कुख्यात आतंकी और भगोड़े दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा भी कई मुकदमे चल रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी अदालत ने नवाब मलिक पर लगे किसी आरोपों को साबित नहीं किया है।

पुतिन ने अब तक ट्रंप को क्यों नहीं दी जीत की बधाई, अमेरिका-रूस के रिश्तों पर आया बड़ा बयान

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेताओं ने बधाई दी है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।दुनिया के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों की ओर से ट्रंप को बधाई दिए जाने के बीच पुतिन का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रूस की ओर से अमेरिका को अमित्र देश बताया गया है।

दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया कि वो फिलहाल अभी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने नहीं जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने की योजना नहीं बना रहे हैं। दिमित्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए पेसकोव ने कहा कि ‘अमेरिका इस संघर्ष को बढ़ावा देता है और इसमें हिस्सा लेता है। अमेरिका इस विदेश नीति को बदलने में सक्षम है. यह किया जाएगा या नहीं और यह कैसे किया जाएगाष

बता दें कि मास्को ने दर्जनों देशों को ‘अमित्र’ के रूप में नामित किया है, जो रूस के हितों के लिए शत्रुतापूर्ण माने जाते हैं। इसमें आर्थिक प्रतिबंध लगाना और यूक्रेन का समर्थन करना शामिल है, क्योंकि वह रूस के के खिलाफ खुद में शामिल है।

रूस को अमेरिका के रुख का इंतजार

रूस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, लेकिन क्रेमलिन का दरवाजा बातचीत के लिए खुला है। अभी रूस को इस बात का इंतजार है कि जब जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटते हैं तो क्या होता है।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी जीत की बधाई

वहीं, दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनावी जीत के लिए बधाई दी है। जेलेंस्की ने दुनिया के मामलों में ताकत के जरिये से शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध से निपटने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तरीके की आलोचना की। ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह अभी भी पद पर होते, तो रूस कभी भी पूरे पैमाने पर हमला शुरू नहीं करता। पुतिन और जेलेंस्की दोनों के साथ अपने अच्छे संबंध का दावा करते हुए, ट्रम्प ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर पदभार ग्रहण करने से पहले यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का वादा किया है।

भारत में पहली बार बनेंगे C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट, रफ्तार देख थम जाएगी दुश्मनों की सांस, जानें इसकी खासियत

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अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। भारत के C-295 कार्यक्रम में कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे जिनमें से 16 सीधे एयरबस डिलीवर करेगा और बाकी 40 भारत में बनाए जाएंगे। इन 40 C-295 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी 'टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड' की होगी। इसके साथ ही भारत के रक्षा क्षेत्र में बड़ा कायाकप्ल होगा।

यह प्रोजेक्ट अहम इसलिए भी है, क्योंकि पहली बार देश में कोई निजी कंपनी सेना के लिए प्लेन बनाएगी। यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी। साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत डील हुई थी। इस डील के तहत भारत को पिछले साल सितंबर के पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे। 40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया है।

यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है। इसे कार्गो से लेकर जवानों तक को ट्रांसपोर्ट करने के लिए यूज किया जा सकता है। एयरक्राफ्ट को कई तरह के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, पैराशूट ड्रॉपिंग, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस (ELINT), मेडिकल निकासी (MEDEVAC), और समुद्री गश्त शामिल हैं। बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है।सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है।

कम वजन के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए अहम C-295 एयरक्राफ्ट

यह कॉम्प्लेक्स देश का पहला निजी फाइनल असेंबली लाइन है, जो मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगा। भारतीय वायुसेना, के लिए ट्रांसपोर्ट विमान भारत के लिए बेहद जरूरी है, जिससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। C-295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारतीय सेना केलिए अहम साबित होने वाला है।

C-295 एयरक्राफ्ट की कितनी है क्षमता?

सी-295 एयरक्राफ्ट की फंक्शनिंग की बात करें तो इसे दो पायलट्स उड़ाते हैं। इसमें एक साथ 73 सैनिक, 48 पैराट्रूपर्स, 12 स्ट्रेचर इंटेसिंव केयर मेडवैक, या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मिडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। डायमेंशंस का उल्लेख करें तो यह C-295 एयरक्राफ्ट 9250 KG का वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट, ऊंचाई 28.5 फीट है।

कौन हैं पाक के नए चीफ जस्टिस याह्या अफरीदी, जानें नियुक्ति पर क्यों हो रहा बवाल?

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पाकिस्तान की विशेष संसदीय कमेटी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस को चुन लिया। कमेटी ने लंबी चली बैठक के बाद तीन सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में अगले चीफ जस्टिस के रूप में याह्या अफरीदी को नामित किया है।अफरीदी का चयन हाल ही में हुए 26 वें संविधान संशोधन के तहत किया गया है, इस संशोधन ने न्यायपालिका में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिसमें मुख्य न्यायाधीश के चयन के लिए एक विशेष संसदीय समिति (SPC) की स्थापना शामिल है।

हाल ही में किए गए संविधान के 26वें संशोधन ने न्यायपालिका के संबंध में कई बदलाव लागू किए, जिनमें से एक विशेष संसदीय समिति (एसपीसी) द्वारा तीन शीर्ष न्यायाधीशों में से चीफ जस्टिस की नियुक्ति करना शामिल था, जबकि पिछले नियम के हिसाब से सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को वरिष्ठता सिद्धांत के तहत चीफ जस्टिस नियुक्त किया जाता था।

विशेष संसदीय समिति (SPC) की स्थापना से पहले वरिष्ठता के आधार पर चीफ जस्टिस का चयन होता था। याह्या अफरीदी के साथ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर भी इस दौड़ में शामिल थे। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा 25 अक्टूबर को शीर्ष न्यायाधीश से रिटायर होने वाले हैं। न्यायमूर्ति शाह को पहले वरिष्ठता सिद्धांत के तहत अगला CJP बनाया जाना था।

हालांकि, अनुच्छेद-175ए के खंड-3 में किए गए संशोधन के बाद राष्ट्रपति 'शीर्ष अदालत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश' को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त नहीं कर सकेंगे। इसके बजाय, अब विशेष संसदीय समिति की सिफारिश के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के तीन सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से किसी एक को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

याह्या अफरीदी कौन हैं

जस्टिस अफरीदी का जन्म 23 जनवरी 1965 को डेरा इस्माइल खान में हुआ था। वह कोहाट सीमांत क्षेत्र में स्थित अफरीदी जनजाति से हैं। वो बांदा गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर के एचीसन कॉलेज में प्राप्त की। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से अर्थशास्त्र में कला में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि 59 वर्षीय अफरीदी ने 1990 में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और देश के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करने के बाद 2018 में उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

Find Your Vibe: where FOMO is never on the table

 

Find Your Vibe connects people to the coolest, most action-packed events happening around them. Whether that means live music for one person, being an art enthusiast or discovering the next great festival to try out one's foodie bag, this platform has had all of it covered. Behind the making of this platform is the fun, enthusiastic team that keeps no one from ever missing out!.

FYV is the ultimate personal event guru! It’s a go-to platform for discovering unforgettable experiences that match each user’s unique vibe. Across categories like Concerts, Parties, Stand-up Comedy, Exhibitions, and more!—if it’s happening, users will know about it! The platform curates the coolest events that align with diverse interests, making sure there’s something for everyone. Plus, we also bring exclusive Offers from top brands, so users get more value while enjoying amazing experiences.

Why Was Find Your Vibe Created?

Ever had FOMO pop up after missing an amazing event? So has the team at Find Your Vibe! They built this site because no one should ever feel cut off and left out. Nowadays, it can be really tough to come across those really good events, and let's be honest, there is nothing worse than sifting through page-long endless lists. Find Your Vibe was built to cope with this, to keep users updated, connected, entertained, and as a part of something bigger than just themselves

What’s Next for Find Your Vibe?

This is just the beginning! The vision for Find Your Vibe is to grow into a complete social ecosystem. Personalized event recommendations tailored to each individual, virtual events that bring fun directly to users' screens, and collaborative tools that help forge new friendships and partnerships. The team is on a mission to ensure users thrive—both personally and socially!

Stay tuned for upcoming events in Raipur—from thrilling Concerts to exclusive Exhibitions, epic Parties, chill Meetups, and more happening near you. With our easy booking system, you’ll never miss out on the events you’re Interested in. Whether you're into live vibes or exploring new hobbies, Find Your Vibe keeps you connected to all the exciting happenings in Raipur!

1st Networking Event: “Find Your Vibe!” Recap

The first networking event, "Find Your Vibe," was a resounding success! Like-minded individuals came together to exchange ideas, create new partnerships, and vibe with fresh connections. It was the perfect chance for participants to meet their tribe and explore future collaborations. Stay tuned for more exciting events—there’s always something new coming up!

Event Recap: Strike Showdown – 22nd Sept 2024

The Strike Showdown on September 22nd, 2024, was an absolute hit! Bowling enthusiasts from all over came together for a day filled with friendly competition, great prizes, and unforgettable fun. The atmosphere was electric, with people bonding over shared interests, lively networking, and plenty of laughs.

Top Performers: Congratulations to our standout bowlers who walked away with some fantastic prizes!

New Connections: The event was a great opportunity for participants to meet like-minded people and form lasting connections.

Missed out on this one? Don’t worry—there are plenty more exciting events coming soon! Stay tuned on findyourvibe.in for updates, new offers, and more chances to catch your next favorite event.

All happenings at Find Your Vibe are a chance to connect, discover, and create memories that will last. Whether it's about music, art, food, community gathering, or whatnot, there's something there for everyone.

So, are you ready to say goodbye to FOMO and get dive in to the exciting party? Find Your Vibe is here to guide you. Stay tuned, stay connected, and most importantly—find your vibe. Because life's too short to miss out on the fun!

हरियाणा में हैट्रिकः क्या है बीजेपी के तीसरे बार जीत की वजह?

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे। चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के बाद कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही थी। चुनाव प्रचार और एग्जिट पोल में कांग्रेस की आंधी दिखी, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए।कांग्रेस, हरियाणा में लगातार तीसरी बार हार गई है।

हरियाणा में बीजेपी के जीत निश्चित रूप से अप्रत्याशित है। अप्रत्याशित इसलिए कि 10 साल सत्ता में रहने के बाद पार्टी के सामने टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के कई नेताओं की बगावत चुनौती बनकर सामने आई। एग्जिट पोल में भी बीजेपी की हार की संभावना जताई गई। इन सबके बावजूद बीजेपी की जीत निश्चित रूप से बहुत खास है।हरियाणा में बीजेपी की जीत के पीछे क्या कुछ फैक्टर हो सकते हैं देखते हैः-

गैर जाट जातियों को जोड़ने का फार्मूला हिट

बीजेपी 2014 में पहली बार हरियाणा की सत्ता पर काबिज हुई।लोगों को उम्मीद थी कि किसी जाट को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी, क्योंकि पिछले कई दशक से हरियाणा का मुख्यमंत्री जाट ही बन रहा था, भले ही वो किसी भी दल का हो। लेकिन बीजेपी ने पंजाबी समाज के मनोहर लाल खट्टर को सीएम की कुर्सी पर बिठा दिया। पहली बार विधायक बने खट्टर को पीएम नरेंद्र मोदी की पसंद बताया गया। खट्टर को सीएम बनाने के बाद ही यह चर्चा चल उठी कि बीजेपी जाट राजनीति को खत्म करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी से जाटों की नाराजगी यहीं से शुरू हुई। बीजेपी कभी जाटों को मनाने की कोशिश करती हुई नजर नहीं आई। उसने पंजाबी, ओबीसी और दलित वोटों को एकजुट रखने की कोशिशें जारी रखीं। 

चुनाव से पहले खट्टर की जगह सैनी को सीएम बनाने का दांव

भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपने सीएम को बदल दिया था। मनोहर लाल खट्टर को लेकर लोगों में नाराजगी नजर को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम की कुर्सी पर बैठा दिया। सैनी की माली जाति हरियाणा की बड़ी और ताकतवर ओबीसी जाति है। यानी कि बीजेपी की गैर जाट जातियों को जोड़ने का फार्मूला एक बार फिर काम कर गया है। हरियाणा में गैर जाट जातियां आज भी बीजेपी के साथ मजबूती से खड़ी नजर आ रही हैं।

जाटों ने बीजेपी का समर्थन किया है

ऐसा नहीं है कि जाट बीजेपी से नाराज ही हैं। हम यह इसलिए कह रहे हैं कि इस बार के चुनाव में बीजेपी ने जाट बहुल सीटों पर भी अच्छा प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने 2019 के चुनाव में 30 फीसद जाट बहुल सीटें जीत ली थीं। वहीं 2024 के चुनाव में उसने 51 फीसदी जाट बहुल सीटों पर बढ़त बनाई है। इसका मतलब यह हुआ कि जाट बीजेपी से बहुत नाराज नहीं हैं। हालांकि हरियाणा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को मिले वोटों का अंतर बहुत ज्यादा नहीं है। 

कुमारी सैलजा की नाराजगी

दलितों में कुमारी सैलजा को सबसे बड़ा जाटव नेता माना जाता है। कुमारी सैलजा की नाराजगी के कारण यह वोट बैंक कांग्रेस से खिसका। इसके अलावा इसमें टर्निंग पॉइंट अशोक तंवर की वापसी से आया। इससे सैलजा की जाति में मैसेज गया कि हुड्डा ने उनका कद कम करने के लिए तंवर की वापसी कराई है।

राहुल गांधी के आरक्षण विरोधी बयान

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आरक्षण विरोधी बयानों को भी बीजेपी ने चुनावी सभा में खूब भुनाया। इस मैसेज को दलितों की बस्ती में घर घर तक ले जाने का काम संघ के स्वयं सेवकों ने किया। कुछ सीटों पर आप के कैंडिडेट ने भी कांग्रेस के वोट काटने का काम किया।

हरियाणा में जीतते-जीतते कैसे हार गई कांग्रेस? सैलजा, हुड्डा या कोई और वजह

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हरियाणा में बीजेपी ने हैट्रिक लगाई है। भाजपा एक बार फिर सूबे में सरकार बनाती नजर आ रही है। 10 साल से वनवास झेल रही कांग्रेस एक बार फिर सत्ता के करीब आते-आते रह गई।लगभग एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनती हुई दिख रही थी, लेकिन चुनावी नतीजों ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया। 60 सीटों पर जीत का दावा करने वाली ओल्ड ग्रैंड पार्टी 40 के नीचे सिमट गई है। इस सियासी जनादेश की वजह से कांग्रेस फिर से 5 साल के लिए सत्ता से दूर हो गई है।

वोटिंग के बाद सामने आए एग्जिट पोल के सर्वे में अनुमान जताया गया था कि हरियाणा में कांग्रेस दमदार तरीके से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकती है, लेकिन चुनावी नतीजे और रुझान उसके उलट नजर आए। हरियाणा में मोहब्बत की दुकान खोलने वाली कांग्रेस बीजेपी के सियासी समीकरण को पछाड़ने में पूरी तरह से नाकाम रही। हरियाणा में चुनाव परिणाम आने के बाद अब इस सवाल के जवाब तलाशे जा रहे हैं कि कांग्रेस इस चुनाव में क्यों पिछड़ गई?

कांग्रेस की हार के कारण

हुड्डा का पार्टी में एकाधिकार

हरियाणा कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पार्टी की हार के सबसे बड़े कारक माने जा रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का पार्टी में एकाधिकार था। बीते डेढ़-दो साल से हरियाणा कांग्रेस के बड़े फैसले हुड्डा ही ले रहे थे। फिर चाहे प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की नियुक्ति हो या लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारा हो, इन सबमें हुड्डा ही अकेले पॉवर सेंटर बनकर उभरे। चुनाव में राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने हुड्डा पर विश्वास किया, लेकिन अब हरियाणा में लगातार तीसरी बार कांग्रेस की नैया डूब नजर आ रही है।हुड्डा के पसंद के उम्मीदवार को तरजीह

इस बार के विधानसभा चुनाव में भी 90 में से 70 से अधिक सीटें हुड्डा के कहने पर बंटे। टिकट बंटवारे में को लेकर जब दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस की बैठक हुई थी तब भी हुड्डा की ही चली थी। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा हुड्डा समर्थक उम्मीदवारों को टिकट दिया था। 90 में से करीब-करीब 70 सीटों पर हुड्डा के पसंद वाले उम्मीदवारों को मौका दिया गया। तब कुमारी सैलजा समेत कई नेताओं ने खुले तौर पर तो नहीं लेकिन अंदरूनी रूप से नाराजगी भी जताई थी, लेकिन हाईकमान ने ध्यान नहीं दिया। अब उसका असर चुनाव के नतीजों में देखने को मिल रहे हैं।

दिग्गज नेताओं की नाराजगी

कांग्रेस के दिग्गज नेता कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला टिकट बंटवारे से खुश नहीं थे। दोनों नेताओं ने अपने करीबियों और समर्थकों के लिए प्रचार किया। सूबे की बाकी सीटों पर चुनाव प्रचार करने नहीं गए। कुमारी सैलजा ने लंबे समय तक चुनाव प्रचार से दूरी रखी, इसके बाद वे लौटीं। हालांकि, तब भी कई इंटरव्यूज में सैलजा ने इशारों-इशारों में बताया कि उनकी हुड्डा से बातचीत नहीं है।

गठबंधन दलों को तरजीह नहीं देना

कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के दलों को तरजीह नहीं दी। अहीरवाल बेल्ट में पार्टी ओवर कन्फिडेंस में रही। यहां पर सपा सीट मांग रही थी। हुड्डा ने साफ-साफ कह दिया कि हरियाणा में इंडिया का गठबंधन नहीं होगा। कई सीटों पर आप को भी अच्छे-खासे वोट मिले हैं। चुनाव से पहले आप ने कांग्रेस के सामने गठबंधन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन क्षेत्रीय नेताओं के कहने पर कांग्रेस ने हाथ नहीं मिलाया। इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव के परिणाम में देखने को मिल रहा है।

Confidence of Mr. Vishal Choksi - "The Metal Master"

If there’s one thing that can make or break a business, it’s confidence. Confidence in the services offered, in the products sold, and in the company, itself can make a huge difference in how the public views the business and how successful it ultimately becomes. That’s why building and maintaining confidence is so important for any entrepreneur.

Mr. Vishal Choksi, founder and CEO of the DVN Group, knows this well. He has been in the Jewelry industry for decades and has made a name for himself as someone who can be trusted. Mr. Vishal Choksi, the master of metals, and is known for his extensive knowledge of metals and his dedication to providing the best possible service. One of the key ways that Mr. Choksi builds confidence is by providing high-quality products and services. His company, DVN Group specializes in providing a wide range of Jewelries to clients all over the world.  And because Mr. Choksi is committed to quality, clients know that they can trust that they are getting the best products possible. 

Another way that Mr. Choksi maintains confidence in his company is by being transparent about his business practices. He believes in the importance of ethical guidelines, and has implemented strict policies to ensure that his company operates with integrity. By being open and honest about his methods, Mr. Choksi has earned the respect and trust of his clients and the broader public.

Mr. Choksi also believes in fostering trust and confidence through his philanthropic efforts. As someone who has been blessed with success, he believes that it’s important to give back to the community. He is particularly interested in supporting charities that help to advance education and improve health care.

In conclusion, Mr. Vishal Choksi is known as "The Metal Master" for a reason. He is a successful businessman who has built his reputation on providing high-quality services and products. He is committed to ethical guidelines and has earned the confidence of his clients through his transparent business practices. With a dedication to giving back to the community, he is a true leader in the metals industry. And with his strong sense of self-confidence, he is poised to continue achieving great things in the years to come. As he often says, "With a strong sense of confidence, you can conquer any challenge that comes your way." It’s no wonder that he is known as “The Metal Master.” His dedication to building and maintaining confidence has been instrumental in his success. And for that, he should be commended. Indeed, Mr. Vishal Choksi’s commitment to confidence has helped him become a true legend in his field. With his strong work ethic, ethical practices, and dedication to giving back, he is someone who we can all look up to as a role model. And that is something that will make a lasting impact on the business world. So, here’s to Mr. Choksi and his unwavering confidence in himself, his company, and the future. With people like him leading the way, there is nothing that we cannot accomplish. As Mr. Choksi would say, “The future is bright. Trust in yourself and believe in your dreams. And above all else, be confident.” These are wise words of wisdom from a man who truly knows what he’s talking about.

DVNGroup site: https://www.dvngroup.org/

DVNJewelry site:  https://www.dvnjewelry.com/

Official site: https://www.vishalchoksi.com/ 

 

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81 साल की उम्र में भी अमिताभ बच्चन क्यों करते हैं काम, लोगों के लिए लिखा नोट

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Amitabh Bachchan

अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अभी तक उनके काम करने का कारण पूछने वालों के लिए एक लंबा नोट लिखा है। रविवार को अपने ब्लॉग पर अमिताभ ने अपने काम को जारी रखने के संबंध में सवाल उठाने वाले लोगों को जवाब दिया। उन्होंने ने लिखा की ये समझा पाना कि वो क्यों अभी भी काम के प्रति समर्पित ये संभव नहीं है, सिवाय इसके कि यह उनके लिए नौकरी का एक और अवसर है। अभिनेता ने यह भी पूछा कि क्या किसी को इससे कोई समस्या है।

अमिताभ ने बताया कि वह क्यों काम कर रहे हैं

उन्होंने लिखा, "लोग मुझसे काम के सेट पर पूछते रहते हैं, मेरे अबतक काम करने का कारण.. और मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है, सिवाय इसके कि यह मेरे लिए एक और नौकरी का अवसर है.. और क्या कारण हो सकता है..अन्य अवसरों और स्थितियों का उनका अपना आकलन होता है, किसी भी चीज़ को लेकर आपको अपने निष्कर्ष निकालने की स्वतंत्रता है और मुझे अपने काम की आज़ादी है।"

अमिताभ की वजह हैं 'बंद'

अमिताभ ने आगे कहा, "मेरा काम मुझे सौंपा गया था.. जब यह आपको दिया जाए, तो उस प्रश्न का उत्तर दीजिए.. हो सकता है कि मेरे कारण आपसे सहमत न हों.. लेकिन क्योंकि अभिव्यक्ति के अधिकार को उपस्थिति रास्ता दिया गया है, इसलिए आपकी बात सुनी जाती है।" आपने कहा, मैंने सुना, मैंने काम करने का कारण बताया, वह मैं हूं, मेरे पास जो कारण है वह मेरा है जो की बंद है ।

अमिताभ पूछते हैं कि क्या लोगों को कोई समस्या है?

उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "काम का आभाव आपको अपने स्वयं के रेत के महल बनाने और इसके निर्माण का आनंद लेने के लिए मजबूर करती है। समय के साथ रेत के महल गिर जाते हैं। क्या आप उन्हें बना सकते हैं, स्थायित्व का एक उपाय ढूंढ सकते है?.. यदि यह बनाया गया है आपके और आपके व्यवसाय के लिए। 

मेरा काम पूरा हो गया है और यह अभी भी खड़ा है - मैं काम करता हूं .. अवधि .. क्या इसमें कोई समस्या है? ठीक है .. काम पर लग जाओ और पता लगाओ।

अमिताभ के प्रोजेक्ट्स

अमिताभ ने कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) 16 के लिए मेजबान के रूप में अपनी भूमिका दोहराई है। उन्हें आखिरी बार कल्कि 2898 ईस्वी में देखा गया था। नाग अश्विन द्वारा निर्देशित, सर्वनाश के बाद की फिल्म हिंदू धर्मग्रंथों से प्रेरित है और 2898 ईस्वी में सेट है। दीपिका पादुकोण, कमल हासन, प्रभास और दिशा पटानी भी फिल्म का हिस्सा हैं। यह फिल्म भविष्य में स्थापित एक पौराणिक कथाओं से प्रेरित विज्ञान-फाई असाधारण फिल्म है। फिल्म में विजय देवरकोंडा, दुलकर सलमान और मृणाल ठाकुर ने कैमियो किया है।

इसके अलावा, अमिताभ बच्चन वेट्टैयान की शूटिंग में व्यस्त हैं, जिसमें रजनीकांत भी हैं। यह इस साल अक्टूबर में दुनिया भर में रिलीज होने वाली है। फिल्म में फहद फासिल, राणा दग्गुबाती, रितिका सिंह, मंजू वारियर और दुशारा विजयन हैं। अनिरुद्ध रविचंदर फिल्म के लिए संगीतकार के रूप में काम कर रहे हैं। 

बीजेपी के विरोध के बाद भी नवाब मलिक को क्यों दिया टिकट? अजीत पवार ने बताई वजह

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। यहां विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। वहीं, वोटर्स को लुभाने की कोशिश में महाराष्ट्र सरकार और महायुति के सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अजीत पवार गुट भी लगी हुई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) ने दाऊद इब्राहिम के करीबी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल जाने वाले नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से टिकट दिया है। सहयोगी दलों के नहीं चाहने के बाद भी अजीत पवार ने नवाब मलिक को अंतिम समय टिकट दे ही दिया। अब अजीत पवार ने इस मामले में अपनी सफाई दी है।

अजित पवार ने एनसीपी से नवाब मलिक को टिकट क्यों दिया, इस बारे में भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, मैं उम्मीदवार देने के समय मुस्लिम समाज को अपनी पार्टी के कोटे से 10 फीसदी टिकट देने का वादा किया था। मुम्ब्रा से नजीमुल्लाह को उम्मीदवार बनाया, नवाब मलिक को टिकट दिया। इस बात का बहुत से लोगों ने विरोध किया, फिर भी मैंने टिकट दिया और प्रचार में भी गया। उनकी बेटी सना को भी टिकट दिया गया है। इसके अलावा, बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को भी चुनावी मैदान में उतारा है। हसन मुशरिफ और शेख को भी एनीसीपी प्रत्याशी बनाया गया है।

बीड जिले में चुनाव प्रचार करने पहुंचे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपनी चुनावी जनसभा के दौरान यह दावा किया कि उनकी पार्टी से 10 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। अजीत पवार ने कहा, मैंने उम्मीदवार तय करने के दौरान मुस्लिम समाज का भी ख्याल रखा। मैंने अपनी पार्टी के कोटे से 10 प्रतिशत टिकट मुस्लिम नेताओं को दिया है।

वहीं, कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नवाब मलिक को टिकट दिए जाने को लेकर अजित पवार ने कहा, "नवाब मलिक के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए हैं, तो उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया जाता?" अजित पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में नवाब मलिक की स्थिति की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से की, जिन पर पद पर रहते हुए आरोप लगे थे। पवार ने कहा, "राजीव गांधी के खिलाफ बोफोर्स जैसे कई आरोप लगाए गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे आरोपी हैं। यह लोकतंत्र है, हम बिना सबूत के किसी को दोषी नहीं ठहरा सकते।" इसके बाद पवार ने इस बात पर जोर दिया कि किसी को दोषी घोषित करने से पहले आरोपों को अदालत में साबित किया जाना चाहिए।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। साल 2022 में मलिक को कुख्यात आतंकी और भगोड़े दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा भी कई मुकदमे चल रहे हैं। हालांकि, अभी तक किसी भी अदालत ने नवाब मलिक पर लगे किसी आरोपों को साबित नहीं किया है।

पुतिन ने अब तक ट्रंप को क्यों नहीं दी जीत की बधाई, अमेरिका-रूस के रिश्तों पर आया बड़ा बयान

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इतिहास रचने वाले डोनाल्ड ट्रंप को दुनिया भर के नेताओं ने बधाई दी है। लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।दुनिया के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों की ओर से ट्रंप को बधाई दिए जाने के बीच पुतिन का ये कदम चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। रूस की ओर से अमेरिका को अमित्र देश बताया गया है।

दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ किया कि वो फिलहाल अभी डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने नहीं जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देने की योजना नहीं बना रहे हैं। दिमित्री ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम एक ऐसे अमित्र देश के बारे में बात कर रहे हैं जो हमारे देश के खिलाफ युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।यूक्रेन में चल रहे युद्ध का जिक्र करते हुए पेसकोव ने कहा कि ‘अमेरिका इस संघर्ष को बढ़ावा देता है और इसमें हिस्सा लेता है। अमेरिका इस विदेश नीति को बदलने में सक्षम है. यह किया जाएगा या नहीं और यह कैसे किया जाएगाष

बता दें कि मास्को ने दर्जनों देशों को ‘अमित्र’ के रूप में नामित किया है, जो रूस के हितों के लिए शत्रुतापूर्ण माने जाते हैं। इसमें आर्थिक प्रतिबंध लगाना और यूक्रेन का समर्थन करना शामिल है, क्योंकि वह रूस के के खिलाफ खुद में शामिल है।

रूस को अमेरिका के रुख का इंतजार

रूस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर हैं, लेकिन क्रेमलिन का दरवाजा बातचीत के लिए खुला है। अभी रूस को इस बात का इंतजार है कि जब जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस लौटते हैं तो क्या होता है।

जेलेंस्की ने ट्रंप को दी जीत की बधाई

वहीं, दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्रंप को चुनावी जीत के लिए बधाई दी है। जेलेंस्की ने दुनिया के मामलों में ताकत के जरिये से शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की। अपने चुनाव अभियान के दौरान, ट्रंप ने यूक्रेन में युद्ध से निपटने के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के तरीके की आलोचना की। ट्रंप ने दावा किया कि अगर वह अभी भी पद पर होते, तो रूस कभी भी पूरे पैमाने पर हमला शुरू नहीं करता। पुतिन और जेलेंस्की दोनों के साथ अपने अच्छे संबंध का दावा करते हुए, ट्रम्प ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर पदभार ग्रहण करने से पहले यूक्रेन में युद्ध को खत्म करने का वादा किया है।

भारत में पहली बार बनेंगे C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट, रफ्तार देख थम जाएगी दुश्मनों की सांस, जानें इसकी खासियत

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अब एयरबस के C-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भारत में ही बनेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) परिसर में C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज भी मौजूद रहे। भारत के C-295 कार्यक्रम में कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे जिनमें से 16 सीधे एयरबस डिलीवर करेगा और बाकी 40 भारत में बनाए जाएंगे। इन 40 C-295 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी 'टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड' की होगी। इसके साथ ही भारत के रक्षा क्षेत्र में बड़ा कायाकप्ल होगा।

यह प्रोजेक्ट अहम इसलिए भी है, क्योंकि पहली बार देश में कोई निजी कंपनी सेना के लिए प्लेन बनाएगी। यह पहली बार है जब कोई निजी कंपनी भारत में पूरा का पूरा मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगी। साल 2021 में 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21हजार 935 करोड़ रुपये की टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के तहत डील हुई थी। इस डील के तहत भारत को पिछले साल सितंबर के पहला C-295 एयरक्राफ्ट मिल गया था। डील में 56 विमानों में से पहले 16 विमान स्पेन और बाकी भारत में बनाए जाएंगे। 40 C-295 एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए वडोदरा में टाटा ने एयरबस के साथ मिलकर मैनुफैक्चरिंग कॉम्लेक्स बनाया है।

यह विमान सैनिकों को ध्यान में रखकर खास डिजाइन किया गया है। इसे कार्गो से लेकर जवानों तक को ट्रांसपोर्ट करने के लिए यूज किया जा सकता है। एयरक्राफ्ट को कई तरह के मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें ट्रांसपोर्ट, पैराशूट ड्रॉपिंग, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस (ELINT), मेडिकल निकासी (MEDEVAC), और समुद्री गश्त शामिल हैं। बाकी कार्गो विमानों की तुलना में इस विमान का टेकऑफ टाइम कम है।सी-295 एक मीडियम साइज का विमान जो किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है।

कम वजन के ट्रांस्पोर्टेशन के लिए अहम C-295 एयरक्राफ्ट

यह कॉम्प्लेक्स देश का पहला निजी फाइनल असेंबली लाइन है, जो मिलिट्री एयरक्राफ्ट बनाएगा। भारतीय वायुसेना, के लिए ट्रांसपोर्ट विमान भारत के लिए बेहद जरूरी है, जिससे सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकें। C-295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारतीय सेना केलिए अहम साबित होने वाला है।

C-295 एयरक्राफ्ट की कितनी है क्षमता?

सी-295 एयरक्राफ्ट की फंक्शनिंग की बात करें तो इसे दो पायलट्स उड़ाते हैं। इसमें एक साथ 73 सैनिक, 48 पैराट्रूपर्स, 12 स्ट्रेचर इंटेसिंव केयर मेडवैक, या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मिडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं। डायमेंशंस का उल्लेख करें तो यह C-295 एयरक्राफ्ट 9250 KG का वजन उठा सकता है। इसकी लंबाई 80.3 फीट, विंगस्पैन 84.8 फीट, ऊंचाई 28.5 फीट है।

कौन हैं पाक के नए चीफ जस्टिस याह्या अफरीदी, जानें नियुक्ति पर क्यों हो रहा बवाल?

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पाकिस्तान की विशेष संसदीय कमेटी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस को चुन लिया। कमेटी ने लंबी चली बैठक के बाद तीन सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में अगले चीफ जस्टिस के रूप में याह्या अफरीदी को नामित किया है।अफरीदी का चयन हाल ही में हुए 26 वें संविधान संशोधन के तहत किया गया है, इस संशोधन ने न्यायपालिका में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिसमें मुख्य न्यायाधीश के चयन के लिए एक विशेष संसदीय समिति (SPC) की स्थापना शामिल है।

हाल ही में किए गए संविधान के 26वें संशोधन ने न्यायपालिका के संबंध में कई बदलाव लागू किए, जिनमें से एक विशेष संसदीय समिति (एसपीसी) द्वारा तीन शीर्ष न्यायाधीशों में से चीफ जस्टिस की नियुक्ति करना शामिल था, जबकि पिछले नियम के हिसाब से सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को वरिष्ठता सिद्धांत के तहत चीफ जस्टिस नियुक्त किया जाता था।

विशेष संसदीय समिति (SPC) की स्थापना से पहले वरिष्ठता के आधार पर चीफ जस्टिस का चयन होता था। याह्या अफरीदी के साथ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर भी इस दौड़ में शामिल थे। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा 25 अक्टूबर को शीर्ष न्यायाधीश से रिटायर होने वाले हैं। न्यायमूर्ति शाह को पहले वरिष्ठता सिद्धांत के तहत अगला CJP बनाया जाना था।

हालांकि, अनुच्छेद-175ए के खंड-3 में किए गए संशोधन के बाद राष्ट्रपति 'शीर्ष अदालत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश' को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त नहीं कर सकेंगे। इसके बजाय, अब विशेष संसदीय समिति की सिफारिश के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के तीन सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से किसी एक को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

याह्या अफरीदी कौन हैं

जस्टिस अफरीदी का जन्म 23 जनवरी 1965 को डेरा इस्माइल खान में हुआ था। वह कोहाट सीमांत क्षेत्र में स्थित अफरीदी जनजाति से हैं। वो बांदा गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर के एचीसन कॉलेज में प्राप्त की। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से अर्थशास्त्र में कला में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि 59 वर्षीय अफरीदी ने 1990 में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और देश के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करने के बाद 2018 में उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

Find Your Vibe: where FOMO is never on the table

 

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Why Was Find Your Vibe Created?

Ever had FOMO pop up after missing an amazing event? So has the team at Find Your Vibe! They built this site because no one should ever feel cut off and left out. Nowadays, it can be really tough to come across those really good events, and let's be honest, there is nothing worse than sifting through page-long endless lists. Find Your Vibe was built to cope with this, to keep users updated, connected, entertained, and as a part of something bigger than just themselves

What’s Next for Find Your Vibe?

This is just the beginning! The vision for Find Your Vibe is to grow into a complete social ecosystem. Personalized event recommendations tailored to each individual, virtual events that bring fun directly to users' screens, and collaborative tools that help forge new friendships and partnerships. The team is on a mission to ensure users thrive—both personally and socially!

Stay tuned for upcoming events in Raipur—from thrilling Concerts to exclusive Exhibitions, epic Parties, chill Meetups, and more happening near you. With our easy booking system, you’ll never miss out on the events you’re Interested in. Whether you're into live vibes or exploring new hobbies, Find Your Vibe keeps you connected to all the exciting happenings in Raipur!

1st Networking Event: “Find Your Vibe!” Recap

The first networking event, "Find Your Vibe," was a resounding success! Like-minded individuals came together to exchange ideas, create new partnerships, and vibe with fresh connections. It was the perfect chance for participants to meet their tribe and explore future collaborations. Stay tuned for more exciting events—there’s always something new coming up!

Event Recap: Strike Showdown – 22nd Sept 2024

The Strike Showdown on September 22nd, 2024, was an absolute hit! Bowling enthusiasts from all over came together for a day filled with friendly competition, great prizes, and unforgettable fun. The atmosphere was electric, with people bonding over shared interests, lively networking, and plenty of laughs.

Top Performers: Congratulations to our standout bowlers who walked away with some fantastic prizes!

New Connections: The event was a great opportunity for participants to meet like-minded people and form lasting connections.

Missed out on this one? Don’t worry—there are plenty more exciting events coming soon! Stay tuned on findyourvibe.in for updates, new offers, and more chances to catch your next favorite event.

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So, are you ready to say goodbye to FOMO and get dive in to the exciting party? Find Your Vibe is here to guide you. Stay tuned, stay connected, and most importantly—find your vibe. Because life's too short to miss out on the fun!

हरियाणा में हैट्रिकः क्या है बीजेपी के तीसरे बार जीत की वजह?

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे बेहद चौंकाने वाले रहे। चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल के बाद कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही थी। चुनाव प्रचार और एग्जिट पोल में कांग्रेस की आंधी दिखी, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए।कांग्रेस, हरियाणा में लगातार तीसरी बार हार गई है।

हरियाणा में बीजेपी के जीत निश्चित रूप से अप्रत्याशित है। अप्रत्याशित इसलिए कि 10 साल सत्ता में रहने के बाद पार्टी के सामने टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के कई नेताओं की बगावत चुनौती बनकर सामने आई। एग्जिट पोल में भी बीजेपी की हार की संभावना जताई गई। इन सबके बावजूद बीजेपी की जीत निश्चित रूप से बहुत खास है।हरियाणा में बीजेपी की जीत के पीछे क्या कुछ फैक्टर हो सकते हैं देखते हैः-

गैर जाट जातियों को जोड़ने का फार्मूला हिट

बीजेपी 2014 में पहली बार हरियाणा की सत्ता पर काबिज हुई।लोगों को उम्मीद थी कि किसी जाट को ही मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी, क्योंकि पिछले कई दशक से हरियाणा का मुख्यमंत्री जाट ही बन रहा था, भले ही वो किसी भी दल का हो। लेकिन बीजेपी ने पंजाबी समाज के मनोहर लाल खट्टर को सीएम की कुर्सी पर बिठा दिया। पहली बार विधायक बने खट्टर को पीएम नरेंद्र मोदी की पसंद बताया गया। खट्टर को सीएम बनाने के बाद ही यह चर्चा चल उठी कि बीजेपी जाट राजनीति को खत्म करने की कोशिश कर रही है। बीजेपी से जाटों की नाराजगी यहीं से शुरू हुई। बीजेपी कभी जाटों को मनाने की कोशिश करती हुई नजर नहीं आई। उसने पंजाबी, ओबीसी और दलित वोटों को एकजुट रखने की कोशिशें जारी रखीं। 

चुनाव से पहले खट्टर की जगह सैनी को सीएम बनाने का दांव

भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपने सीएम को बदल दिया था। मनोहर लाल खट्टर को लेकर लोगों में नाराजगी नजर को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम की कुर्सी पर बैठा दिया। सैनी की माली जाति हरियाणा की बड़ी और ताकतवर ओबीसी जाति है। यानी कि बीजेपी की गैर जाट जातियों को जोड़ने का फार्मूला एक बार फिर काम कर गया है। हरियाणा में गैर जाट जातियां आज भी बीजेपी के साथ मजबूती से खड़ी नजर आ रही हैं।

जाटों ने बीजेपी का समर्थन किया है

ऐसा नहीं है कि जाट बीजेपी से नाराज ही हैं। हम यह इसलिए कह रहे हैं कि इस बार के चुनाव में बीजेपी ने जाट बहुल सीटों पर भी अच्छा प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने 2019 के चुनाव में 30 फीसद जाट बहुल सीटें जीत ली थीं। वहीं 2024 के चुनाव में उसने 51 फीसदी जाट बहुल सीटों पर बढ़त बनाई है। इसका मतलब यह हुआ कि जाट बीजेपी से बहुत नाराज नहीं हैं। हालांकि हरियाणा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को मिले वोटों का अंतर बहुत ज्यादा नहीं है। 

कुमारी सैलजा की नाराजगी

दलितों में कुमारी सैलजा को सबसे बड़ा जाटव नेता माना जाता है। कुमारी सैलजा की नाराजगी के कारण यह वोट बैंक कांग्रेस से खिसका। इसके अलावा इसमें टर्निंग पॉइंट अशोक तंवर की वापसी से आया। इससे सैलजा की जाति में मैसेज गया कि हुड्डा ने उनका कद कम करने के लिए तंवर की वापसी कराई है।

राहुल गांधी के आरक्षण विरोधी बयान

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आरक्षण विरोधी बयानों को भी बीजेपी ने चुनावी सभा में खूब भुनाया। इस मैसेज को दलितों की बस्ती में घर घर तक ले जाने का काम संघ के स्वयं सेवकों ने किया। कुछ सीटों पर आप के कैंडिडेट ने भी कांग्रेस के वोट काटने का काम किया।

हरियाणा में जीतते-जीतते कैसे हार गई कांग्रेस? सैलजा, हुड्डा या कोई और वजह

#congresswhylostinharyana

हरियाणा में बीजेपी ने हैट्रिक लगाई है। भाजपा एक बार फिर सूबे में सरकार बनाती नजर आ रही है। 10 साल से वनवास झेल रही कांग्रेस एक बार फिर सत्ता के करीब आते-आते रह गई।लगभग एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनती हुई दिख रही थी, लेकिन चुनावी नतीजों ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया। 60 सीटों पर जीत का दावा करने वाली ओल्ड ग्रैंड पार्टी 40 के नीचे सिमट गई है। इस सियासी जनादेश की वजह से कांग्रेस फिर से 5 साल के लिए सत्ता से दूर हो गई है।

वोटिंग के बाद सामने आए एग्जिट पोल के सर्वे में अनुमान जताया गया था कि हरियाणा में कांग्रेस दमदार तरीके से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना सकती है, लेकिन चुनावी नतीजे और रुझान उसके उलट नजर आए। हरियाणा में मोहब्बत की दुकान खोलने वाली कांग्रेस बीजेपी के सियासी समीकरण को पछाड़ने में पूरी तरह से नाकाम रही। हरियाणा में चुनाव परिणाम आने के बाद अब इस सवाल के जवाब तलाशे जा रहे हैं कि कांग्रेस इस चुनाव में क्यों पिछड़ गई?

कांग्रेस की हार के कारण

हुड्डा का पार्टी में एकाधिकार

हरियाणा कांग्रेस में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पार्टी की हार के सबसे बड़े कारक माने जा रहे हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का पार्टी में एकाधिकार था। बीते डेढ़-दो साल से हरियाणा कांग्रेस के बड़े फैसले हुड्डा ही ले रहे थे। फिर चाहे प्रदेश अध्यक्ष उदयभान की नियुक्ति हो या लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारा हो, इन सबमें हुड्डा ही अकेले पॉवर सेंटर बनकर उभरे। चुनाव में राहुल गांधी समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने हुड्डा पर विश्वास किया, लेकिन अब हरियाणा में लगातार तीसरी बार कांग्रेस की नैया डूब नजर आ रही है।हुड्डा के पसंद के उम्मीदवार को तरजीह

इस बार के विधानसभा चुनाव में भी 90 में से 70 से अधिक सीटें हुड्डा के कहने पर बंटे। टिकट बंटवारे में को लेकर जब दिल्ली में हरियाणा कांग्रेस की बैठक हुई थी तब भी हुड्डा की ही चली थी। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा हुड्डा समर्थक उम्मीदवारों को टिकट दिया था। 90 में से करीब-करीब 70 सीटों पर हुड्डा के पसंद वाले उम्मीदवारों को मौका दिया गया। तब कुमारी सैलजा समेत कई नेताओं ने खुले तौर पर तो नहीं लेकिन अंदरूनी रूप से नाराजगी भी जताई थी, लेकिन हाईकमान ने ध्यान नहीं दिया। अब उसका असर चुनाव के नतीजों में देखने को मिल रहे हैं।

दिग्गज नेताओं की नाराजगी

कांग्रेस के दिग्गज नेता कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला टिकट बंटवारे से खुश नहीं थे। दोनों नेताओं ने अपने करीबियों और समर्थकों के लिए प्रचार किया। सूबे की बाकी सीटों पर चुनाव प्रचार करने नहीं गए। कुमारी सैलजा ने लंबे समय तक चुनाव प्रचार से दूरी रखी, इसके बाद वे लौटीं। हालांकि, तब भी कई इंटरव्यूज में सैलजा ने इशारों-इशारों में बताया कि उनकी हुड्डा से बातचीत नहीं है।

गठबंधन दलों को तरजीह नहीं देना

कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के दलों को तरजीह नहीं दी। अहीरवाल बेल्ट में पार्टी ओवर कन्फिडेंस में रही। यहां पर सपा सीट मांग रही थी। हुड्डा ने साफ-साफ कह दिया कि हरियाणा में इंडिया का गठबंधन नहीं होगा। कई सीटों पर आप को भी अच्छे-खासे वोट मिले हैं। चुनाव से पहले आप ने कांग्रेस के सामने गठबंधन का प्रस्ताव रखा था, लेकिन क्षेत्रीय नेताओं के कहने पर कांग्रेस ने हाथ नहीं मिलाया। इसका खामियाजा विधानसभा चुनाव के परिणाम में देखने को मिल रहा है।

Confidence of Mr. Vishal Choksi - "The Metal Master"

If there’s one thing that can make or break a business, it’s confidence. Confidence in the services offered, in the products sold, and in the company, itself can make a huge difference in how the public views the business and how successful it ultimately becomes. That’s why building and maintaining confidence is so important for any entrepreneur.

Mr. Vishal Choksi, founder and CEO of the DVN Group, knows this well. He has been in the Jewelry industry for decades and has made a name for himself as someone who can be trusted. Mr. Vishal Choksi, the master of metals, and is known for his extensive knowledge of metals and his dedication to providing the best possible service. One of the key ways that Mr. Choksi builds confidence is by providing high-quality products and services. His company, DVN Group specializes in providing a wide range of Jewelries to clients all over the world.  And because Mr. Choksi is committed to quality, clients know that they can trust that they are getting the best products possible. 

Another way that Mr. Choksi maintains confidence in his company is by being transparent about his business practices. He believes in the importance of ethical guidelines, and has implemented strict policies to ensure that his company operates with integrity. By being open and honest about his methods, Mr. Choksi has earned the respect and trust of his clients and the broader public.

Mr. Choksi also believes in fostering trust and confidence through his philanthropic efforts. As someone who has been blessed with success, he believes that it’s important to give back to the community. He is particularly interested in supporting charities that help to advance education and improve health care.

In conclusion, Mr. Vishal Choksi is known as "The Metal Master" for a reason. He is a successful businessman who has built his reputation on providing high-quality services and products. He is committed to ethical guidelines and has earned the confidence of his clients through his transparent business practices. With a dedication to giving back to the community, he is a true leader in the metals industry. And with his strong sense of self-confidence, he is poised to continue achieving great things in the years to come. As he often says, "With a strong sense of confidence, you can conquer any challenge that comes your way." It’s no wonder that he is known as “The Metal Master.” His dedication to building and maintaining confidence has been instrumental in his success. And for that, he should be commended. Indeed, Mr. Vishal Choksi’s commitment to confidence has helped him become a true legend in his field. With his strong work ethic, ethical practices, and dedication to giving back, he is someone who we can all look up to as a role model. And that is something that will make a lasting impact on the business world. So, here’s to Mr. Choksi and his unwavering confidence in himself, his company, and the future. With people like him leading the way, there is nothing that we cannot accomplish. As Mr. Choksi would say, “The future is bright. Trust in yourself and believe in your dreams. And above all else, be confident.” These are wise words of wisdom from a man who truly knows what he’s talking about.

DVNGroup site: https://www.dvngroup.org/

DVNJewelry site:  https://www.dvnjewelry.com/

Official site: https://www.vishalchoksi.com/ 

 

JEE Main Crash Course by Sarthaks eConnect

Listen, my dear students,

I’ve seen many batches come and go, and I know how overwhelming preparing for the JEE Main exam can feel. But let me tell you something—there's no need to worry if you plan wisely and make use of the right resources.

This year, Sarthaks.com has brought a wonderful crash course for JEE Main 2025, and I strongly recommend you take advantage of it. Here's why this course can really make a difference for you:

You’ll have access to 700+ concept videos, explained in a mix of Hindi and English (Hinglish), which will help you understand and revise important topics at your own pace.

Then there are 24 full syllabus tests. These are gold. They’ll give you a sense of what the actual exam will feel like, preparing you mentally and sharpening your time management.

For deeper practice, there are 500+ chapter tests. These are perfect for drilling down into specific topics and making sure you've mastered each one.

You’ll also have 36 subject tests to help you get a solid grasp on Physics, Chemistry, and Math, and 90+ chapter-wise notes that will give you all the important points for quick revision.

It covers the entire JEE main syllabus [Updated 2025] thoroughly, and it's been designed with your success in mind.

On top of that, we provide JEE main mock test for you, this mock tests will put you in the real exam mindset, helping you tackle questions with confidence.

I’ve seen many students succeed by taking the right help at the right time. This course can give you that edge. So, make sure to grab this opportunity, give it your best shot, and you’ll be well on your way to crack this exam.

For your references I have put all the necessary links on the above, just go to the link and star you preparations ASAP.

81 साल की उम्र में भी अमिताभ बच्चन क्यों करते हैं काम, लोगों के लिए लिखा नोट

#whyamitabhbachchanworkstill_now

Amitabh Bachchan

अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अभी तक उनके काम करने का कारण पूछने वालों के लिए एक लंबा नोट लिखा है। रविवार को अपने ब्लॉग पर अमिताभ ने अपने काम को जारी रखने के संबंध में सवाल उठाने वाले लोगों को जवाब दिया। उन्होंने ने लिखा की ये समझा पाना कि वो क्यों अभी भी काम के प्रति समर्पित ये संभव नहीं है, सिवाय इसके कि यह उनके लिए नौकरी का एक और अवसर है। अभिनेता ने यह भी पूछा कि क्या किसी को इससे कोई समस्या है।

अमिताभ ने बताया कि वह क्यों काम कर रहे हैं

उन्होंने लिखा, "लोग मुझसे काम के सेट पर पूछते रहते हैं, मेरे अबतक काम करने का कारण.. और मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं है, सिवाय इसके कि यह मेरे लिए एक और नौकरी का अवसर है.. और क्या कारण हो सकता है..अन्य अवसरों और स्थितियों का उनका अपना आकलन होता है, किसी भी चीज़ को लेकर आपको अपने निष्कर्ष निकालने की स्वतंत्रता है और मुझे अपने काम की आज़ादी है।"

अमिताभ की वजह हैं 'बंद'

अमिताभ ने आगे कहा, "मेरा काम मुझे सौंपा गया था.. जब यह आपको दिया जाए, तो उस प्रश्न का उत्तर दीजिए.. हो सकता है कि मेरे कारण आपसे सहमत न हों.. लेकिन क्योंकि अभिव्यक्ति के अधिकार को उपस्थिति रास्ता दिया गया है, इसलिए आपकी बात सुनी जाती है।" आपने कहा, मैंने सुना, मैंने काम करने का कारण बताया, वह मैं हूं, मेरे पास जो कारण है वह मेरा है जो की बंद है ।

अमिताभ पूछते हैं कि क्या लोगों को कोई समस्या है?

उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "काम का आभाव आपको अपने स्वयं के रेत के महल बनाने और इसके निर्माण का आनंद लेने के लिए मजबूर करती है। समय के साथ रेत के महल गिर जाते हैं। क्या आप उन्हें बना सकते हैं, स्थायित्व का एक उपाय ढूंढ सकते है?.. यदि यह बनाया गया है आपके और आपके व्यवसाय के लिए। 

मेरा काम पूरा हो गया है और यह अभी भी खड़ा है - मैं काम करता हूं .. अवधि .. क्या इसमें कोई समस्या है? ठीक है .. काम पर लग जाओ और पता लगाओ।

अमिताभ के प्रोजेक्ट्स

अमिताभ ने कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) 16 के लिए मेजबान के रूप में अपनी भूमिका दोहराई है। उन्हें आखिरी बार कल्कि 2898 ईस्वी में देखा गया था। नाग अश्विन द्वारा निर्देशित, सर्वनाश के बाद की फिल्म हिंदू धर्मग्रंथों से प्रेरित है और 2898 ईस्वी में सेट है। दीपिका पादुकोण, कमल हासन, प्रभास और दिशा पटानी भी फिल्म का हिस्सा हैं। यह फिल्म भविष्य में स्थापित एक पौराणिक कथाओं से प्रेरित विज्ञान-फाई असाधारण फिल्म है। फिल्म में विजय देवरकोंडा, दुलकर सलमान और मृणाल ठाकुर ने कैमियो किया है।

इसके अलावा, अमिताभ बच्चन वेट्टैयान की शूटिंग में व्यस्त हैं, जिसमें रजनीकांत भी हैं। यह इस साल अक्टूबर में दुनिया भर में रिलीज होने वाली है। फिल्म में फहद फासिल, राणा दग्गुबाती, रितिका सिंह, मंजू वारियर और दुशारा विजयन हैं। अनिरुद्ध रविचंदर फिल्म के लिए संगीतकार के रूप में काम कर रहे हैं।