बिहार चुनावः अंतिम चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान शुरू, दिल्ली धमाके के बढ़ाई गई सतर्कता

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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। आज 20 जिलों की 122 सीटों पर शुरू चुका है। वोटिंग के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में 4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए धमाके के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

बिहार में आज इन जिलों में वोटिंग

बिहार में आज गयाजी, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में वोटिंग की जा रही है।

दिल्ली विस्फोट के बाद हो रही वोटिंग

सोमवार शाम को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद बिहार में अंतिम चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। ऐसे में बिहार पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। डीजीपी विनय कुमार ने सभी एसपी को संवेदनशील इलाकों, मतदान केंद्रों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकन्नी हैं। डीजीपी ने बताया कि केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें गश्त बढ़ा रही हैं। सीमा क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। 

4003 बूथें अतिसंविदनशील घोषित

दूसरे चरण के मतदान के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। इनमें से 4109 बूथों को संवेदनशील बनाया गया है। इसमें 4003 अतिसंविदनशील बूथ घोषित हैं। यहां पर चार बजे तक मतदान होगा। कटोरिया, बेलहर, चैनपुर, चेनारी, गोह, नवीनगर, कुटुंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी के (36 बूथ), बोधगया (200 बूथ), रजौली, गोविंदपुर, सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई विधानसभा में बनाए गए बूथों पर शाम चार बजे मतदान होगा। वहीं बोधगया में 106 बूथों पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इन बूथों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात रहने का निर्देश दिया गया है। 

नीतीश के “नवरत्नों” की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, चकाई से सुमित कुमार सिंह, झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, अमरपुर से जयंत राज, छातापुर से नीरज कुमार सिंह बबलू, बेतिया से रेणु देवी, धमदाहा से लेशी सिंह, हरसिद्धि से कृष्णनंदन पासवान और चैनपुर से जमा खान शामिल हैं। वहीं नबीनगर से बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन आनंद का भी फैसला आज जनता कर रही है।

महागठबंधन के इन चेहरों की किस्मत का फैसला

वहीं, दूसरे चरण में महागठबंधन की ओर से राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कटिहार की कदवा सीट से कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, लालगंज से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला और भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम उम्मीदवार हैं।

बिहार में 1 बजे तक 42.31 प्रतिशत मतदान, गोपालगंज जिले में सर्वाधिक 46.73 फीसदी वोटिंग

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान जारी है। दोपहर 1 बजे तक बिहार में 42.31 प्रतिशत वोटिंग हुई है। दोपहर एक बजे तक सबसे ज्यादा वोटिंग गोपालगंज और लखीसराय में, जबकि सबसे कम वोटिंग पटना और दरभंगा में हुई है। 

पटना में 37.72 प्रतिशत वोटिंग

राज्य के गोपालगंज जिले में सबसे ज्यादा 46.73 प्रतिशत वोट डाले जा चुके हैं। इसके अलावा बेगूसराय में 46.02 प्रतिशत, भोजपुर में 41.15 प्रतिशत, बक्सर में 41.10 प्रतिशत, दरभंगा में 39.35 प्रतिशत, खगड़िया में 42.94 प्रतिशत, लखीसराय में 46.37 प्रतिशत, मधेपुरा में 44.16 प्रतिशत, मुंगेर में 41.47 प्रतिशत, मुजफ्फरपुर में 45.41 प्रतिशत, नालंदा में 41.87 प्रतिशत, पटना में 37.72 प्रतिशत, सहरसा में 44.20 प्रतिशत, समस्तीपुर में 43.03 प्रतिशत, सहारनपुर 43.06 प्रतिशत, शेखपुरा में 41.23 प्रतिशत, सिवान में 41.20 प्रतिशत और वैशाली में 42.60 प्रतिशत मतदान हो चुका है।

दरभंगा में बोगस वोटिंग करते दो गिरफ्तार

दरभंगा के गौड़ाबोराम विधानसभा इलाके से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बोगस वोट करते दो गिरफ्तार किया है। गौड़ाबौराम विधानसभा के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के लगमा गांव के 172 बूथ नंबर पर दो युवक बोगस वोटिंग के मामले में अरेस्ट किए गए। गिरफ्तार युवकों का नाम केशव कुमार और सौरभ कुमार है।

भोजपुर के अगिआंव में लोगों की मतदान से दूरी

भोजपुर जिले के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुसुम्ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ संख्या 175 पर मतदान के दौरान बड़ा मामला सामने आया है। यहां ग्रामीणों ने मतदान प्रक्रिया का सर्वसम्मति से बहिष्कार कर दिया, जिसके चलते मतदान शुरू होने के कई घंटों बाद भी केवल तीन वोट ही पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में वर्षों से सड़क की समस्या बनी हुई है, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा आज तक कोई समाधान नहीं किया गया। विकास कार्यों के अभाव से आक्रोशित लोगों ने चुनावी प्रतिनिधियों को स्पष्ट संदेश देते हुए मतदान से दूरी बनाई। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपने निर्णय पर अड़े रहे।

मधेपुरा में वोट बहिष्कार

मधेपुरा के बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुरलीगंज प्रखंड के दीनापट्टी सखुआ पंचायत के तिलकोरा गांव में बूथ संख्या 92, 93, 94 पर वार्ड 11, 12 और 13 के मतदाता सड़क की समस्या को लेकर वोट बहिष्कार कर दिया है। सुबह से बहुत कम संख्या में लोग मतदान केंद्र पर पहुंचे हैं। बीडीओ और सीओ लोगों को समझाने पहुंचे हैं, लेकिन लोग लिखित आश्वासन मांग कर रहे थे। इसके बाद दोनों अधिकारी वापस लौट गए।

बिहार में पहले चरण की वोटिंग आज, 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान

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बिहार में आज पहले चरण का चुनाव होना है। सुबह 7 बजे से बिहार की 121 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई।पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होने जा रहा है। यह जिले हैं, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर।

नीतीश सरकार के इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

भाजपा कोटे से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (सीवान), बांकीपुर से नितिन नवीन, तारापुर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, लखीसराय से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, दरभंगा के जाले से नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, दरभंगा शहरी से राजस्व मंत्री संजय सरावगी, कुढ़नी से पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, साहेबगंज से पर्यटन मंत्री राजू कुमार, अमनौर से सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, बिहारशरीफ से पर्यावरण मंत्री सुनील कुमार और बछवाड़ा से खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता चुनाव मैदान में हैं। वहीं, जद(यू) के पांच मंत्रियों में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), नालंदा से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, बहादुरपुर से समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, कल्याणपुर से सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी और सोनबरसा से मंत्री रत्नेश सदा शामिल हैं।

पहले चरण में इन दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला

पहले चरण में कई चर्चित उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद होगी। इनमें महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, लोकगायिका मैथिली ठाकुर, भोजपुरी फिल्म स्टार खेसारी लाल यादव, जनशक्ति जनता दल के तेज प्रताप यादव, जनता दल (यूनाइटेड) प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और भोला यादव शामिल हैं। अलीनगर सीट पर भी सबकी नजर है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विनोद मिश्रा से है। वहीं, हाल ही में मोकामा में दुलार चंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार जद(यू) प्रत्याशी अनंत सिंह की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होना है।

पहले चरण में तीन करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाता

पहले चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। एक करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, एक करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।। इसके अलावा, 1, 00, 904 सर्विस वोटर भी इस चरण में वोट डालेंगे।

दीघा में सबसे अधिक मतदाता

निर्वाचन क्षेत्रों के लिहाज से दीघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 4,57,657 मतदाता हैं, जबकि बरबीघा में सबसे कम 2,31,998 मतदाता पंजीकृत हैं। क्षेत्रफल के अनुसार बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र सबसे छोटा (16.239 वर्ग किलोमीटर) और सूर्यगढ़ा सबसे बड़ा (62.247 वर्ग किलोमीटर) है।

बिहार चुनावः पहले चरण में तेजस्वी-सम्राट की अग्निपरीक्षा, मैथिली से लेकर खेसारी की प्रतिष्ठा भी दावं पर

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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान छह नवंबर को है। पहले चरण में 18 जिले के 121 सीटों पर चुनाव होना है। इस बार महागठबंधन की ओर से राजद ने 71, कांग्रेस ने 25, भाकपा माले 13, वीआईपी और सीपीआई छह-छह, सीपीएम और आईआईपी ने दो प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं एनडीए से जदयू ने 57 उतारे हैं। भाजपा के 48, लोजपा (राम) के 14 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। 

सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत तेजस्वी की अग्निपरीक्षा

बिहार विधानसभा चुनाव में पहले फेज की महत्ता का पता इस बात चल जाता है कि हार-जीत किसी भी गठबंधन की हो, लेकिन सत्ता इसी इलाके के राजनेताओं के हाथों में केंद्रित रहेगी, क्योंकि दोनों गठबंधनों के सूत्रधारों का प्रभाव पहले चरण की सीटों पर सबसे अधिक रहा है। पहले चरण में एनडीए के दो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत दर्जन भर मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं इसी चरण में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव की भी अग्निपरीक्षा होनी है।

पहले फेज में किस पार्टी से कितने प्रत्याशी मैदान में

पहले चरण की 121 सीटों पर एनडीए की ओर से जदयू ने पहले फेज में 57 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। 48 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है, एलजेपी (रामविलास) के 14 सीटों पर उम्मीदवार उतरे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम के दो प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं, राजद महागठबंधन में सबसे ज्यादा 69 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। कांग्रेस ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा सीपीआइ माले 14, वीआइपी छह, सीपीआइ पांच और सीपीएम तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है। आइआइपी पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

इन दिग्गजों की किस्मत पहले चरण में दांव पर

पहले चरण में राजद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर और छपरा से भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय, सम्राट चौधरी तारापुर से, मंत्री मंगल पांडेय सीवान से, जिवेश मिश्रा जाले से, संजय सरावगी दरभंगा सदर से, राजू सिंह राजू कुमार सिंह, नितिन नवीन बांकीपुर और लोकगायिका मैथिली ठाकुर अलीनगर सीट, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा से चुनावी मैदान में हैं। वहीं जदयू से मंत्री विजय कुमार चौधरी सरायगंज से, महेश्वर हजारी कल्याणपुर से चुनावी मैदान में हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

दिल्ली में कौन करेगा राज, 2% कम मतदान के क्या हैं मायने?

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी वोटों के लिहाज से पिछला रिकॉर्ड दोहरा पाएगी या फिर बीजेपी या कांग्रेस में से कोई और उससे आगे निकल जाएगी? इस सवाल का जवाब 8 फरवरी को मिलेगा, जब मतगणना के नतीजे आएंगे। इससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल ने भाजपा की सरकार बनवा दी। आम आदमी पार्टी हैट्रिक जीत से चूकती नजर आ रही है। अब फाइनल नतीजों का इंतजार है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर इस बार 60.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 66.25% वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में और सबसे कम 56.31% वोटिंग साउथ-ईस्ट दिल्ली में हुई। दिल्ली विधानसभा के पिछले 3 चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2013 में 65.63% वोटिंग हुई थी। 2015 में 67.12% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी। तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। इस बार 60.44% वोटिंग हुई है

इसका मतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 से करीब 2.15 फीसदी कम। अब सवाल है कि कम वोटिंग के सियासी मायने क्या हैं, इससे किसकी सीटों पर असर पड़ेगा?

क्या है सियासी ट्रेंड?

दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी। 2003 में 4.43 प्रतिशत, 2008 में 4.1 प्रतिशत, 2013 में 8 प्रतिशत और 2015 में करीब 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

2013 छोड़ दिया जाए तो वोट बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ। हालांकि, सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई। 2003 में 4.4 प्रतिशत वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई. 2008 में 4.1 प्रतिशत वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई।

2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई। वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ। 2015 में 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ कर 67 पर पहुंच गई।

कम वोटिंग के मायने

इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के चुनावों में जब-जब वोटिंग कम हुई है, आम आदमी पार्टी को घाटा हुआ है। इस बार भी वोटिंग कम ही है। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी की सीटें घटेंगी। ज्यादातर एग्जिट पोल भी यही अनुमान लगा रहे हैं। मगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं ही बनेगी, यह कहना भी अभी अतिश्योक्ति ही होगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है देर शाम तक हुई वोटिंग। एग्जिट पोल के नतीजे 6.30 के बाद जारी हो गए। इसका मतलब है कि सैंपल फाइनल वोटिंग आंकड़ा से नहीं लिया गया होगा। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि एग्जिट पोल के नतीजे क्या 8 फरवरी को सही साबित होते हैं?

दिल्ली में वोटिंग खत्म, शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग शाम 6 बजे संपन्न हो गई। हालांकि, लाइन में लगे लोगों को 6 बजे के बाद भी वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ है। मुस्तफाबाद में बंपर वोटिंग हुई है। यहां 66.68 फीसदी वोट पड़े। वहीं, सीलमपुर में 66.41 और गोकलपुर में 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।2020 के विधानसभा चुनाव में 62.55 फीसद मतदान हुआ था।

दिल्ली में इस बार किसका राज होगा। इस बार खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी वापसी, या फिर आप की झाड़ू कर देगी सबका सूपड़ा साफ। सबके मन में एक ही सवाल बाकी रह गया है कि राजधानी में अबकी बार किसकी सरकार? आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस कड़े मुकाबले के बीच अब सबकी नजर आज आने वाले एग्जिट पोल पर है।

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से प्रसार के माध्यम से एग्जिट पोल के किसी भी प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी, थोड़ी देर में एग्जिट पोल सामने आएंगे। तमाम सर्वे एजेंसियां इस बात का अनुमान जातएंगी की दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?

महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए वोटिंग जारी, सचिन तेंदुलकर से लेकर अक्षय कुमार तक ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव हो रहे हैं। जहां कई बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है. इस बार राज्य के दिग्गज नेताओं पर सबकी नजर रहेगी कि उन्हें जीत मिलेगी या फिर हार का सामना करना पड़ेगा। चुनावी मैदान में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अजित परावर, देवेंद्र फडणवीस से लेकर सीएम एकनाथ शिंदे तक मौजूद है। अब 23 नवंबर 2024 को महाराष्ट्र चुनाव 2024 के नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा कि किसे मिला जनता का आशीर्वाद मिलता है।

महाराष्‍ट्र चुनाव 2024 के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोग जुटना शुरू हो गए हैं. महाराष्‍ट्र में केवल एक चरण में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। यहां महयुति के सामने महाविकास अघाड़ी गठबंधन की चुनौती है। महाराष्‍ट्र चुनाव में वोट डालने के लिए कुल 9.70 करोड़ रजिस्‍टर्ड वोटर्स हैं। इनमें 5 करोड़ पुरुष और 4.69 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग के आंकड़ों में 6101 लोग थर्ड जेंडर से भी हैं। अब देखना होगा कि कितने लोग इस बार वोट डालने के लिए घरों से निकलते हैं।

सुप्रिया सुले-युगेंद्र पवार ने डाला वोट

पुणे की बारामती सीट पर राकांपा-शरद पवार की सांसद सुप्रिया सुले ने मतदान किया। जहां उनकी पार्टी से इस बार युगेंद्र पवार को खड़ा किया गया है, वहीं इस सीट पर अजित पवार महायुति के उम्मीदवार हैं। सुप्रिया सुले के कुछ देर बाद ही युगेंद्र भी वोट डालने पहुंचे।

शाइना एनसी ने किया मताधिकार का प्रयोग

शिवसेना नेता और मुंबादेवी सीट से उम्मीदवार शाइना एनसी ने सुबह पहुंचकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा, "मैं हमारे मुंबई के लोगों से कहूंगी कि आप बाहर आएं और मतदान करें, क्योंकि अगर आप मतदान करते हैं तो आप सवाल कर सकते हैं, प्रश्न चिन्ह उठा सकते हैं। लेकिन जब तक हाथ पर ये निशान नहीं होगा आप कुछ नहीं कर सकते हैं। प्रजातंत्र और लोकतंत्र के इस पर्व में जरूर बाहर आएं और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को निभाएं।

बॉलीवुड जगत की हस्तियां भी वोटिंग के लिए पहुंचीं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जारी वोटिंग के बीच सुबह-सुबह अभिनेता अक्षय कुमार वोट डालने पहुंचे। उन्होंने कहा, मतदान केंद्र पर बहुत अच्छा इंतजाम किया है। सफाई रखी हुई है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। इसके अलावा फिल्म निर्देशक कबीर खान ने भी मुंबई के एक मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला। अभिनेता राजकुमार राव ने वोट डालने के बाद कहा, "मतदान बहुत जरूरी है। महाराष्ट्र में सभी लोग जाएं और मतदान करें।

महाराष्‍ट्र चुनाव में युवाओं की भरमार

महाराष्‍ट्र चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की भी कमी नहीं हैं। इस बार 18-19 साल की उम्र के फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्‍या 22.2 लाख है। ये वो युवा हैं, जिन्‍होंने लोकसभा चुनाव के बाद अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाया है। इसके अलावा 6.41 लाख विकलांग भी इन चुनावों में वोट डालेंगे।

100 साल की उम्र से ज्‍यादा कितने वोटर्स?

महाराष्‍ट्र चुनाव 2024 के आज डाले जा रहे वोटर्स में बुजुर्गों की संख्‍या भी कम नहीं है. यहां 100 साल से ज्‍यादा उम्र के वोटर्स की भरमार है. चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्‍ट्र में 100 या इससे ज्‍यादा उम्र के वोटर्स की संख्‍या 47,392 है. अब देखना होगा कि अधिक उम्र की इस बाधा को तोड़कर कितने लोग वोट डालने के लिए मैदान में उतरते हैं.

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावःकैसे चुना जाता है नया राष्ट्रपति, क्या है 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम

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अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं, अब से कुछ ही घंटों बाद जब अमेरिका में सुबह होगी तो लाखों करोड़ों अमेरिकी अपने-अपने मतों का इस्तेमाल करने घर से बाहर निकलेंगे। अमेरिका में महीनों से चल रही राष्ट्रपति पद की रेस का प्रचार 4 नवंबर की रात थम गया। अब इंतजार है मंगलवार की सुबह 7 बजे से शुरु होने वाले मतदान का जो तय करेगा कि व्हाइट हाउस में अगले 4 साल के लिए कौन सा चेहरा होगा। अमेरिका के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होनी है, लिहाजा चुनावी नतीजे भी काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

वोटिंग का समय क्या है?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच शुरू होगी। यह भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक का समय होगा। वहीं मतदान के लिए अंतिम समय की बात करें तो ज्यादातर वोटिंग सेंटर्स शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जारी रह सकते हैं। यानी अमेरिका में वोटिंग खत्म होने तक भारत में अगला दिन शुरू हो जाएगा। यानी अमेरिका में मतदान भारतीय समयानुसार बुधवार की सुबह 4:30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। कई राज्यों में यह समय और अधिक हो सकता है क्योंकि अमेरिका के राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे हुए हैं।

कब आएंगे नतीजे?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। काउंटिंग खत्म होने पर पॉपुलर वोट (जनता के वोट) का विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह हर बार जरूरी नहीं कि जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट मिले हैं वह वाकई में राष्ट्रपति पद का विजेता हो। क्योंकि अमेरिका में असल में राष्ट्रपति का चुनाव पॉपुलर वोट्स नहीं बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज करते हैं। इसके अलावा कई बार ऐसा भी हो सकता है कि किसी राज्य में अनुमानित विजेता घोषित किया जा रहा हो जबकि दूसरे में वोटिंग जारी हो। लिहाजा कई बार सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है। वहीं दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसिडेंट को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी।

इलेक्टोरल कॉलेज क्या होते हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका सबसे अहम होती है। इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिका के हर राज्य के लिए तय किए गए इलेक्टर्स की संख्या है। किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल कॉलेज जीतने होंगे। हर राज्य को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और अमेरिकी सीनेट में उसके प्रतिनिधियों की संख्या के अनुसार ही इलेक्टर्स मिलते हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 55 इलेक्टर्स कैलिफोर्निया स्टेट में हैं, वहीं सबसे कम इलेक्टर्स की संख्या 3 है, जो कि अमेरिका के वायोमिंग समेत 6 राज्यों में हैं। हालांकि सबसे ज्यादा अहमियत 7 स्विंग स्टेट्स की होती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों की तरह इनका रुख पहले से साफ नहीं होता है और यही वजह है कि इन स्विंग स्टेट्स को प्रमुख ‘बैटल फील्ड’ माना जाता है।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

क्या होते हैं स्विंग स्टेट?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में स्विंग स्टेट्स या युद्धक्षेत्र वाले राज्य, उन राज्यों को कहा जाता है, जो चुनाव में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी, किसी भी तरफ झुक सकते हैं। अमेरिका में कई राज्य अक्सर किसी एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन जिन राज्यों में मुकाबला कड़ा रहता है और जिनका तय नहीं है कि वे किस तरफ जाएंगे, उन्हें ही स्विंग स्टेट कहा जाता है। इन राज्यों में दोनों पार्टी के उम्मीदवार प्रचार के दौरान ज्यादा धन और समय लगाते हैं। स्विंग स्टेट की पहचान के लिए कोई परिभाषा या नियम नहीं है और चुनाव के दौरान ही इन राज्यों का निर्धारण होता है।

बिहार चुनावः अंतिम चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान शुरू, दिल्ली धमाके के बढ़ाई गई सतर्कता

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बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। आज 20 जिलों की 122 सीटों पर शुरू चुका है। वोटिंग के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में 4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम हुए धमाके के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।

बिहार में आज इन जिलों में वोटिंग

बिहार में आज गयाजी, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में वोटिंग की जा रही है।

दिल्ली विस्फोट के बाद हो रही वोटिंग

सोमवार शाम को दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद बिहार में अंतिम चरण के लिए वोट डाले जा रहे हैं। ऐसे में बिहार पुलिस ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। डीजीपी विनय कुमार ने सभी एसपी को संवेदनशील इलाकों, मतदान केंद्रों, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर सुरक्षा कड़ी करने का निर्देश दिया है। सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह चौकन्नी हैं। डीजीपी ने बताया कि केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमें गश्त बढ़ा रही हैं। सीमा क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। 

4003 बूथें अतिसंविदनशील घोषित

दूसरे चरण के मतदान के लिए 45339 मतदान केंद्र बनाएं गए हैं। इनमें से 4109 बूथों को संवेदनशील बनाया गया है। इसमें 4003 अतिसंविदनशील बूथ घोषित हैं। यहां पर चार बजे तक मतदान होगा। कटोरिया, बेलहर, चैनपुर, चेनारी, गोह, नवीनगर, कुटुंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी के (36 बूथ), बोधगया (200 बूथ), रजौली, गोविंदपुर, सिकंदरा, जमुई, झाझा, चकाई विधानसभा में बनाए गए बूथों पर शाम चार बजे मतदान होगा। वहीं बोधगया में 106 बूथों पर शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इन बूथों पर पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात रहने का निर्देश दिया गया है। 

नीतीश के “नवरत्नों” की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कई मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें सुपौल से बिजेंद्र प्रसाद यादव, चकाई से सुमित कुमार सिंह, झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, अमरपुर से जयंत राज, छातापुर से नीरज कुमार सिंह बबलू, बेतिया से रेणु देवी, धमदाहा से लेशी सिंह, हरसिद्धि से कृष्णनंदन पासवान और चैनपुर से जमा खान शामिल हैं। वहीं नबीनगर से बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन आनंद का भी फैसला आज जनता कर रही है।

महागठबंधन के इन चेहरों की किस्मत का फैसला

वहीं, दूसरे चरण में महागठबंधन की ओर से राजद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कटिहार की कदवा सीट से कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, लालगंज से बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला और भाकपा (माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम उम्मीदवार हैं।

बिहार में 1 बजे तक 42.31 प्रतिशत मतदान, गोपालगंज जिले में सर्वाधिक 46.73 फीसदी वोटिंग

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान जारी है। दोपहर 1 बजे तक बिहार में 42.31 प्रतिशत वोटिंग हुई है। दोपहर एक बजे तक सबसे ज्यादा वोटिंग गोपालगंज और लखीसराय में, जबकि सबसे कम वोटिंग पटना और दरभंगा में हुई है। 

पटना में 37.72 प्रतिशत वोटिंग

राज्य के गोपालगंज जिले में सबसे ज्यादा 46.73 प्रतिशत वोट डाले जा चुके हैं। इसके अलावा बेगूसराय में 46.02 प्रतिशत, भोजपुर में 41.15 प्रतिशत, बक्सर में 41.10 प्रतिशत, दरभंगा में 39.35 प्रतिशत, खगड़िया में 42.94 प्रतिशत, लखीसराय में 46.37 प्रतिशत, मधेपुरा में 44.16 प्रतिशत, मुंगेर में 41.47 प्रतिशत, मुजफ्फरपुर में 45.41 प्रतिशत, नालंदा में 41.87 प्रतिशत, पटना में 37.72 प्रतिशत, सहरसा में 44.20 प्रतिशत, समस्तीपुर में 43.03 प्रतिशत, सहारनपुर 43.06 प्रतिशत, शेखपुरा में 41.23 प्रतिशत, सिवान में 41.20 प्रतिशत और वैशाली में 42.60 प्रतिशत मतदान हो चुका है।

दरभंगा में बोगस वोटिंग करते दो गिरफ्तार

दरभंगा के गौड़ाबोराम विधानसभा इलाके से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बोगस वोट करते दो गिरफ्तार किया है। गौड़ाबौराम विधानसभा के घनश्यामपुर थाना क्षेत्र के लगमा गांव के 172 बूथ नंबर पर दो युवक बोगस वोटिंग के मामले में अरेस्ट किए गए। गिरफ्तार युवकों का नाम केशव कुमार और सौरभ कुमार है।

भोजपुर के अगिआंव में लोगों की मतदान से दूरी

भोजपुर जिले के अगिआंव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुसुम्ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय स्थित बूथ संख्या 175 पर मतदान के दौरान बड़ा मामला सामने आया है। यहां ग्रामीणों ने मतदान प्रक्रिया का सर्वसम्मति से बहिष्कार कर दिया, जिसके चलते मतदान शुरू होने के कई घंटों बाद भी केवल तीन वोट ही पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में वर्षों से सड़क की समस्या बनी हुई है, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा आज तक कोई समाधान नहीं किया गया। विकास कार्यों के अभाव से आक्रोशित लोगों ने चुनावी प्रतिनिधियों को स्पष्ट संदेश देते हुए मतदान से दूरी बनाई। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन लोग अपने निर्णय पर अड़े रहे।

मधेपुरा में वोट बहिष्कार

मधेपुरा के बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुरलीगंज प्रखंड के दीनापट्टी सखुआ पंचायत के तिलकोरा गांव में बूथ संख्या 92, 93, 94 पर वार्ड 11, 12 और 13 के मतदाता सड़क की समस्या को लेकर वोट बहिष्कार कर दिया है। सुबह से बहुत कम संख्या में लोग मतदान केंद्र पर पहुंचे हैं। बीडीओ और सीओ लोगों को समझाने पहुंचे हैं, लेकिन लोग लिखित आश्वासन मांग कर रहे थे। इसके बाद दोनों अधिकारी वापस लौट गए।

बिहार में पहले चरण की वोटिंग आज, 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान

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बिहार में आज पहले चरण का चुनाव होना है। सुबह 7 बजे से बिहार की 121 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई।पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होने जा रहा है। यह जिले हैं, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर।

नीतीश सरकार के इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

भाजपा कोटे से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (सीवान), बांकीपुर से नितिन नवीन, तारापुर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, लखीसराय से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, दरभंगा के जाले से नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, दरभंगा शहरी से राजस्व मंत्री संजय सरावगी, कुढ़नी से पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, साहेबगंज से पर्यटन मंत्री राजू कुमार, अमनौर से सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, बिहारशरीफ से पर्यावरण मंत्री सुनील कुमार और बछवाड़ा से खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता चुनाव मैदान में हैं। वहीं, जद(यू) के पांच मंत्रियों में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी (सराय रंजन), नालंदा से ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, बहादुरपुर से समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, कल्याणपुर से सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी और सोनबरसा से मंत्री रत्नेश सदा शामिल हैं।

पहले चरण में इन दिग्गजों की किस्मत का होगा फैसला

पहले चरण में कई चर्चित उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद होगी। इनमें महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, लोकगायिका मैथिली ठाकुर, भोजपुरी फिल्म स्टार खेसारी लाल यादव, जनशक्ति जनता दल के तेज प्रताप यादव, जनता दल (यूनाइटेड) प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और भोला यादव शामिल हैं। अलीनगर सीट पर भी सबकी नजर है, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विनोद मिश्रा से है। वहीं, हाल ही में मोकामा में दुलार चंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार जद(यू) प्रत्याशी अनंत सिंह की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होना है।

पहले चरण में तीन करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाता

पहले चरण में कुल 3 करोड़ 75 लाख 13 हजार 302 मतदाता मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। एक करोड़ 98 लाख 35 हजार 325 पुरुष, एक करोड़ 76 लाख 77 हजार 219 महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।। इसके अलावा, 1, 00, 904 सर्विस वोटर भी इस चरण में वोट डालेंगे।

दीघा में सबसे अधिक मतदाता

निर्वाचन क्षेत्रों के लिहाज से दीघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 4,57,657 मतदाता हैं, जबकि बरबीघा में सबसे कम 2,31,998 मतदाता पंजीकृत हैं। क्षेत्रफल के अनुसार बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र सबसे छोटा (16.239 वर्ग किलोमीटर) और सूर्यगढ़ा सबसे बड़ा (62.247 वर्ग किलोमीटर) है।

बिहार चुनावः पहले चरण में तेजस्वी-सम्राट की अग्निपरीक्षा, मैथिली से लेकर खेसारी की प्रतिष्ठा भी दावं पर

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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान छह नवंबर को है। पहले चरण में 18 जिले के 121 सीटों पर चुनाव होना है। इस बार महागठबंधन की ओर से राजद ने 71, कांग्रेस ने 25, भाकपा माले 13, वीआईपी और सीपीआई छह-छह, सीपीएम और आईआईपी ने दो प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं एनडीए से जदयू ने 57 उतारे हैं। भाजपा के 48, लोजपा (राम) के 14 और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। 

सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत तेजस्वी की अग्निपरीक्षा

बिहार विधानसभा चुनाव में पहले फेज की महत्ता का पता इस बात चल जाता है कि हार-जीत किसी भी गठबंधन की हो, लेकिन सत्ता इसी इलाके के राजनेताओं के हाथों में केंद्रित रहेगी, क्योंकि दोनों गठबंधनों के सूत्रधारों का प्रभाव पहले चरण की सीटों पर सबसे अधिक रहा है। पहले चरण में एनडीए के दो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत दर्जन भर मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं इसी चरण में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव की भी अग्निपरीक्षा होनी है।

पहले फेज में किस पार्टी से कितने प्रत्याशी मैदान में

पहले चरण की 121 सीटों पर एनडीए की ओर से जदयू ने पहले फेज में 57 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। 48 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है, एलजेपी (रामविलास) के 14 सीटों पर उम्मीदवार उतरे हैं। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम के दो प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं, राजद महागठबंधन में सबसे ज्यादा 69 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। कांग्रेस ने 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा सीपीआइ माले 14, वीआइपी छह, सीपीआइ पांच और सीपीएम तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है। आइआइपी पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

इन दिग्गजों की किस्मत पहले चरण में दांव पर

पहले चरण में राजद से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर और छपरा से भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा से उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय, सम्राट चौधरी तारापुर से, मंत्री मंगल पांडेय सीवान से, जिवेश मिश्रा जाले से, संजय सरावगी दरभंगा सदर से, राजू सिंह राजू कुमार सिंह, नितिन नवीन बांकीपुर और लोकगायिका मैथिली ठाकुर अलीनगर सीट, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा से चुनावी मैदान में हैं। वहीं जदयू से मंत्री विजय कुमार चौधरी सरायगंज से, महेश्वर हजारी कल्याणपुर से चुनावी मैदान में हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 2 चरणों में होंगे मतदान, जानें कब होगी वोटिंग?

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बिहार चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरण में- 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने की सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के विस्तृत कार्यक्रम की आधिकारिक ऐलान किया गया। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, बिहार में इस बार एसआईआर (SIR) की प्रक्रिया की गयी और 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गयी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस बार चुनाव न सिर्फ बिहार के मतदाताओं के लिए सुगम होंगे बल्कि शांतिपूर्ण और पूर्ण पारदर्शी ढंग से मतदान कराएंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण सुझाव लिए हैं।

नामांकन की आखिरी तारीख

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पहले चरण के चुनाव का गैजेट नोटिफिकेशन 10 अक्टूबर को जारी होगा और दूसरे चरण का 13 अक्टूबर को। पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर होगी और दूसरे की 30 अक्टूबर। स्क्रूटनी की तारीख 18 और 21 अक्टूबर होगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 20 और 23 अक्टूबर तय की गई है। पहले चरण में 121 सीटों और दूसरे चरण में 122 सीटों पर मतदान होगा।

बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 3.92 करोड़ पुरुष और 3.5 करोड़ महिलाएं हैं। 14 लाख मतदाता ऐसे हैं जो पहली बार वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14,000 मतदाता 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है।

मोबाइल फोन जमा कराने की व्यवस्था

सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बिहार विधानसभा चुनाव में नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।

दिल्ली में कौन करेगा राज, 2% कम मतदान के क्या हैं मायने?

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी वोटों के लिहाज से पिछला रिकॉर्ड दोहरा पाएगी या फिर बीजेपी या कांग्रेस में से कोई और उससे आगे निकल जाएगी? इस सवाल का जवाब 8 फरवरी को मिलेगा, जब मतगणना के नतीजे आएंगे। इससे पहले एग्जिट पोल के नतीजे आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल ने भाजपा की सरकार बनवा दी। आम आदमी पार्टी हैट्रिक जीत से चूकती नजर आ रही है। अब फाइनल नतीजों का इंतजार है।

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर इस बार 60.44% मतदान हुआ है। सबसे ज्यादा 66.25% वोटिंग नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में और सबसे कम 56.31% वोटिंग साउथ-ईस्ट दिल्ली में हुई। दिल्ली विधानसभा के पिछले 3 चुनावों के मुकाबले इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2013 में 65.63% वोटिंग हुई थी। 2015 में 67.12% और 2020 में 62.59% वोटिंग हुई थी। तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी थी। इस बार 60.44% वोटिंग हुई है

इसका मतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 से करीब 2.15 फीसदी कम। अब सवाल है कि कम वोटिंग के सियासी मायने क्या हैं, इससे किसकी सीटों पर असर पड़ेगा?

क्या है सियासी ट्रेंड?

दिल्ली में 2003, 2008, 2013 और 2015 के विधानसभा चुनावों में वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई थी। 2003 में 4.43 प्रतिशत, 2008 में 4.1 प्रतिशत, 2013 में 8 प्रतिशत और 2015 में करीब 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।

2013 छोड़ दिया जाए तो वोट बढ़ने की वजह से कभी सरकार का उलटफेर नहीं हुआ। हालांकि, सीटों की संख्या में जरूर कमी और बढ़ोतरी देखी गई। 2003 में 4.4 प्रतिशत वोट बढ़े तो सत्ताधारी कांग्रेस की सीटें 5 कम हो गई. 2008 में 4.1 प्रतिशत वोट बढ़े तो कांग्रेस की सीटों में 4 की कमी आई।

2013 में कांग्रेस 8 सीटों पर सिमट गई। वोट बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी और नई-नवेली आम आदमी पार्टी को हुआ। 2015 में 1.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई तो आम आदमी पार्टी की सीटें बढ़ कर 67 पर पहुंच गई।

कम वोटिंग के मायने

इन आंकड़ों से साफ है कि दिल्ली के चुनावों में जब-जब वोटिंग कम हुई है, आम आदमी पार्टी को घाटा हुआ है। इस बार भी वोटिंग कम ही है। ऐसे में यह तय है कि आम आदमी पार्टी की सीटें घटेंगी। ज्यादातर एग्जिट पोल भी यही अनुमान लगा रहे हैं। मगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं ही बनेगी, यह कहना भी अभी अतिश्योक्ति ही होगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है देर शाम तक हुई वोटिंग। एग्जिट पोल के नतीजे 6.30 के बाद जारी हो गए। इसका मतलब है कि सैंपल फाइनल वोटिंग आंकड़ा से नहीं लिया गया होगा। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि एग्जिट पोल के नतीजे क्या 8 फरवरी को सही साबित होते हैं?

दिल्ली में वोटिंग खत्म, शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान, 8 फरवरी को आएंगे नतीजे

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दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर सुबह 7 बजे से जारी वोटिंग शाम 6 बजे संपन्न हो गई। हालांकि, लाइन में लगे लोगों को 6 बजे के बाद भी वोटिंग का अधिकार दिया गया। इसके साथ ही उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

दिल्ली में शाम 5 बजे तक 57.70% मतदान हुआ है। मुस्तफाबाद में बंपर वोटिंग हुई है। यहां 66.68 फीसदी वोट पड़े। वहीं, सीलमपुर में 66.41 और गोकलपुर में 65.05 प्रतिशत मतदान हुआ है।2020 के विधानसभा चुनाव में 62.55 फीसद मतदान हुआ था।

दिल्ली में इस बार किसका राज होगा। इस बार खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस करेगी वापसी, या फिर आप की झाड़ू कर देगी सबका सूपड़ा साफ। सबके मन में एक ही सवाल बाकी रह गया है कि राजधानी में अबकी बार किसकी सरकार? आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला है। इस कड़े मुकाबले के बीच अब सबकी नजर आज आने वाले एग्जिट पोल पर है।

चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को शाम 6:30 बजे तक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी अन्य तरीके से प्रसार के माध्यम से एग्जिट पोल के किसी भी प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा रखा है। यानी, थोड़ी देर में एग्जिट पोल सामने आएंगे। तमाम सर्वे एजेंसियां इस बात का अनुमान जातएंगी की दिल्ली में किस पार्टी की सरकार बन सकती है? किस पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं?

महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए वोटिंग जारी, सचिन तेंदुलकर से लेकर अक्षय कुमार तक ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए चुनाव हो रहे हैं। जहां कई बड़े नेताओं की साख दांव पर लगी है. इस बार राज्य के दिग्गज नेताओं पर सबकी नजर रहेगी कि उन्हें जीत मिलेगी या फिर हार का सामना करना पड़ेगा। चुनावी मैदान में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अजित परावर, देवेंद्र फडणवीस से लेकर सीएम एकनाथ शिंदे तक मौजूद है। अब 23 नवंबर 2024 को महाराष्ट्र चुनाव 2024 के नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा कि किसे मिला जनता का आशीर्वाद मिलता है।

महाराष्‍ट्र चुनाव 2024 के लिए वोटिंग शुरू हो गई है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोग जुटना शुरू हो गए हैं. महाराष्‍ट्र में केवल एक चरण में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। यहां महयुति के सामने महाविकास अघाड़ी गठबंधन की चुनौती है। महाराष्‍ट्र चुनाव में वोट डालने के लिए कुल 9.70 करोड़ रजिस्‍टर्ड वोटर्स हैं। इनमें 5 करोड़ पुरुष और 4.69 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग के आंकड़ों में 6101 लोग थर्ड जेंडर से भी हैं। अब देखना होगा कि कितने लोग इस बार वोट डालने के लिए घरों से निकलते हैं।

सुप्रिया सुले-युगेंद्र पवार ने डाला वोट

पुणे की बारामती सीट पर राकांपा-शरद पवार की सांसद सुप्रिया सुले ने मतदान किया। जहां उनकी पार्टी से इस बार युगेंद्र पवार को खड़ा किया गया है, वहीं इस सीट पर अजित पवार महायुति के उम्मीदवार हैं। सुप्रिया सुले के कुछ देर बाद ही युगेंद्र भी वोट डालने पहुंचे।

शाइना एनसी ने किया मताधिकार का प्रयोग

शिवसेना नेता और मुंबादेवी सीट से उम्मीदवार शाइना एनसी ने सुबह पहुंचकर ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोट डालने के बाद उन्होंने कहा, "मैं हमारे मुंबई के लोगों से कहूंगी कि आप बाहर आएं और मतदान करें, क्योंकि अगर आप मतदान करते हैं तो आप सवाल कर सकते हैं, प्रश्न चिन्ह उठा सकते हैं। लेकिन जब तक हाथ पर ये निशान नहीं होगा आप कुछ नहीं कर सकते हैं। प्रजातंत्र और लोकतंत्र के इस पर्व में जरूर बाहर आएं और अपनी नैतिक जिम्मेदारी को निभाएं।

बॉलीवुड जगत की हस्तियां भी वोटिंग के लिए पहुंचीं

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जारी वोटिंग के बीच सुबह-सुबह अभिनेता अक्षय कुमार वोट डालने पहुंचे। उन्होंने कहा, मतदान केंद्र पर बहुत अच्छा इंतजाम किया है। सफाई रखी हुई है, वरिष्ठ नागरिकों के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की है। इसके अलावा फिल्म निर्देशक कबीर खान ने भी मुंबई के एक मतदान केंद्र पहुंचकर वोट डाला। अभिनेता राजकुमार राव ने वोट डालने के बाद कहा, "मतदान बहुत जरूरी है। महाराष्ट्र में सभी लोग जाएं और मतदान करें।

महाराष्‍ट्र चुनाव में युवाओं की भरमार

महाराष्‍ट्र चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की भी कमी नहीं हैं। इस बार 18-19 साल की उम्र के फर्स्ट टाइम वोटर्स की संख्‍या 22.2 लाख है। ये वो युवा हैं, जिन्‍होंने लोकसभा चुनाव के बाद अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाया है। इसके अलावा 6.41 लाख विकलांग भी इन चुनावों में वोट डालेंगे।

100 साल की उम्र से ज्‍यादा कितने वोटर्स?

महाराष्‍ट्र चुनाव 2024 के आज डाले जा रहे वोटर्स में बुजुर्गों की संख्‍या भी कम नहीं है. यहां 100 साल से ज्‍यादा उम्र के वोटर्स की भरमार है. चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्‍ट्र में 100 या इससे ज्‍यादा उम्र के वोटर्स की संख्‍या 47,392 है. अब देखना होगा कि अधिक उम्र की इस बाधा को तोड़कर कितने लोग वोट डालने के लिए मैदान में उतरते हैं.

अमेरिका में मतदान शुरू, ट्रंप और कमला हैरिस में कांटे की टक्कर, वोटिंग के बीच 7 स्विंग स्टेट्स पर सबकी नजर

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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। भारतीय समय के मुताबिक शाम 6 बजे से मतदान शुरू हो गया है। जहां डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है।ट्रंप अगर जीत हासिल करते हैं तो वो दूसरी बार राष्ट्रपति बनेंगे। वहीं, अगर कमला हैरिस को जीत मिलती है तो वो पहली बार राष्ट्रपति बनेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कई राज्यों में मतदान जारी है। वैसे तो मतदान की तारीख आज यानि कि 5 नवंबर है. लेकिन इससे पहले ही करोड़ों लोग वोटिंग कर चुके हैं. यह सुविधा में अमेरिका में है, इसे अर्ली वोटिंग कहते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के इलेक्शन लैब के मुताबिक, अमेरिका के कई हिस्सों में हो रही अर्ली वोटिंग में अब तक लगभग आठ करोड़ लोग वोट डाल चुके हैं। वहीं, आज फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इलिनॉइस, लुइसियाना, मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स, मिशिगन, मिसौरी, पेंसिल्वेनिया, रोड आइलैंड, साउथ कैरोलाइना और वॉशिंगटन में वोटिंग हो रही है।

अमेरिका के पेन्सिलवेनिया राज्‍य पर दुनिया की नजरें

इस चुनाव में जॉर्जिया, मिशिगन, और पेंसिल्वेनिया जैसे महत्वपूर्ण स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है। विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया को चुनावी परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है। यह राज्‍य अमेरिका के स्विंग स्‍टेट का हिस्‍सा है। अमेरिका में 7 स्विंग स्‍टेट हैं और यही फैसला करते हैं कि अगला राष्‍ट्रपति कौन होगा। पेन्सिलवेनिया में कुल 19 इलेक्‍टोरल वोट हैं जो किसी अन्‍य राज्‍य की तुलना में ज्‍यादा है। यहां अब तक कमला हैरिस की डेमोक्रेटिक पार्टी का दबदबा था।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

स्विंग स्टेट क्या हैं और वे महत्वपूर्ण क्यों हैं?

जैसा कि उनके नाम से पता चलता है, स्विंग स्टेट - जिन्हें बैटलग्राउंड स्टेट भी कहा जाता है - राष्ट्रीय चुनाव के नतीजे को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अमेरिकी राजनीति में, राष्ट्रपति चुनाव एक वेटेज वोटिंग सिस्टम द्वारा तय किए जाते हैं जिसे इलेक्टोरल कॉलेज के रूप में जाना जाता है, न कि लोकप्रिय वोट द्वारा। इस वजह से, स्विंग स्टेट नतीजे तय करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 50 राज्यों में से प्रत्येक को उनकी जनसंख्या के अनुपात में एक निश्चित संख्या में इलेक्टोरल कॉलेज वोट आवंटित किए जाते हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीतने के लिए 270 इलेक्टर हासिल करने होंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावःकैसे चुना जाता है नया राष्ट्रपति, क्या है 'इलेक्टोरल कॉलेज' सिस्टम

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अमेरिका में आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं, अब से कुछ ही घंटों बाद जब अमेरिका में सुबह होगी तो लाखों करोड़ों अमेरिकी अपने-अपने मतों का इस्तेमाल करने घर से बाहर निकलेंगे। अमेरिका में महीनों से चल रही राष्ट्रपति पद की रेस का प्रचार 4 नवंबर की रात थम गया। अब इंतजार है मंगलवार की सुबह 7 बजे से शुरु होने वाले मतदान का जो तय करेगा कि व्हाइट हाउस में अगले 4 साल के लिए कौन सा चेहरा होगा। अमेरिका के दो सबसे प्रमुख राजनीतिक दल रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होनी है, लिहाजा चुनावी नतीजे भी काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

वोटिंग का समय क्या है?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अलग-अलग राज्यों के स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच शुरू होगी। यह भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:30 बजे तक का समय होगा। वहीं मतदान के लिए अंतिम समय की बात करें तो ज्यादातर वोटिंग सेंटर्स शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक जारी रह सकते हैं। यानी अमेरिका में वोटिंग खत्म होने तक भारत में अगला दिन शुरू हो जाएगा। यानी अमेरिका में मतदान भारतीय समयानुसार बुधवार की सुबह 4:30 बजे तक खत्म हो सकते हैं। कई राज्यों में यह समय और अधिक हो सकता है क्योंकि अमेरिका के राज्य कई अलग-अलग टाइम जोन में बंटे हुए हैं।

कब आएंगे नतीजे?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग खत्म होते ही मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। काउंटिंग खत्म होने पर पॉपुलर वोट (जनता के वोट) का विजेता घोषित किया जाता है, लेकिन यह हर बार जरूरी नहीं कि जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पॉपुलर वोट मिले हैं वह वाकई में राष्ट्रपति पद का विजेता हो। क्योंकि अमेरिका में असल में राष्ट्रपति का चुनाव पॉपुलर वोट्स नहीं बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज करते हैं। इसके अलावा कई बार ऐसा भी हो सकता है कि किसी राज्य में अनुमानित विजेता घोषित किया जा रहा हो जबकि दूसरे में वोटिंग जारी हो। लिहाजा कई बार सटीक नतीजे आने में एक-दो दिन का समय लग जाता है। वहीं दिसंबर में इलेक्टर्स की वोटिंग के बाद 25 दिसंबर तक सारे इलेक्टोरल सर्टिफिकेट सीनेट के प्रेसिडेंट को सौंप दिए जाएंगे। इसके बाद 6 जनवरी, 2025 को कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टर्स के वोटों की गिनती होगी, इसी दिन उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस सदन में विजेता के नाम का ऐलान करेंगी।

इलेक्टोरल कॉलेज क्या होते हैं?

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज की भूमिका सबसे अहम होती है। इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिका के हर राज्य के लिए तय किए गए इलेक्टर्स की संख्या है। किसी भी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 538 में से 270 इलेक्टोरल कॉलेज जीतने होंगे। हर राज्य को यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव और अमेरिकी सीनेट में उसके प्रतिनिधियों की संख्या के अनुसार ही इलेक्टर्स मिलते हैं। वर्तमान में सबसे ज्यादा 55 इलेक्टर्स कैलिफोर्निया स्टेट में हैं, वहीं सबसे कम इलेक्टर्स की संख्या 3 है, जो कि अमेरिका के वायोमिंग समेत 6 राज्यों में हैं। हालांकि सबसे ज्यादा अहमियत 7 स्विंग स्टेट्स की होती है क्योंकि ज्यादातर राज्यों की तरह इनका रुख पहले से साफ नहीं होता है और यही वजह है कि इन स्विंग स्टेट्स को प्रमुख ‘बैटल फील्ड’ माना जाता है।

किस 'स्विंग स्टेट' में कौन आगे?

अमेरिका चुनाव से पहले ताजा सर्वेक्षण के मुताबिक नेवादा में ट्रंप को 51.2 प्रतिशत समर्थन मिला जबकि हैरिस को 46 प्रतिशत। इसी तर्ज पर नॉर्थ कैरोलिना में ट्रंप को 50.5 प्रतिशत और हैरिस को 47.1 प्रतिशत समर्थन मिल रहा है। उधर, जॉर्जिया की बात की जाए तो यहां डोनाल्‍ड ट्रंप को 50.1% से 47.6% के अंतर से कमला हैरिस से आगे हैं। मिशिगन में ट्रंप को 49.7 प्रतिशत तो हैरिस को 48.2 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही पेंसिल्वेनिया में ट्रंप को 49.6 प्रतिशत के मुकाबले हैरिस को 47.8 प्रतिशत लोग पसंद कर रहे हैं। उधर, विस्कॉन्सिन में ट्रंप 49.7 प्रतिशत और कमला हैरिस 48.6 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद हैं।

क्या होते हैं स्विंग स्टेट?

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में स्विंग स्टेट्स या युद्धक्षेत्र वाले राज्य, उन राज्यों को कहा जाता है, जो चुनाव में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन पार्टी, किसी भी तरफ झुक सकते हैं। अमेरिका में कई राज्य अक्सर किसी एक ही पार्टी को वोट देते आए हैं, लेकिन जिन राज्यों में मुकाबला कड़ा रहता है और जिनका तय नहीं है कि वे किस तरफ जाएंगे, उन्हें ही स्विंग स्टेट कहा जाता है। इन राज्यों में दोनों पार्टी के उम्मीदवार प्रचार के दौरान ज्यादा धन और समय लगाते हैं। स्विंग स्टेट की पहचान के लिए कोई परिभाषा या नियम नहीं है और चुनाव के दौरान ही इन राज्यों का निर्धारण होता है।