उत्तराखंड के बाद इस राज्य में भी लागू होगा यूसीसी, ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति का गठन

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू हो चुका है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां यूसीसी लागू किया गया है। उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी यूसीसी को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए इसके कार्यान्वयन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा सभी धर्मों के गुरु से चर्चा करने के बाद ही रिपोर्ट बनाई जाएगी। गुजरात सरकार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस मुद्दे को लेकर संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भारत संविधान की 75वीं वर्षगांठ मन रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नागरिक में समान हक के लिए कॉमन सिविल कोड अमल करने का फैसला लिया है। जितने वादे किए थे, वह एक के बाद एक पूरे हुए हैं। उसी दिशा में गुजरात पीएम मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में कटिबद्ध है। सभी नागरिकों को समान हक मिले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया गया है। यह समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी। इस समिति में रंजना देसाई के अलावा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सीएल मीणा, वकील आरसी कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ शामिल हैं।

भारत में सभी धर्मों के अपने-अपने पर्सनल लॉ मौजूद हैं। जैसे, हिंदुओं के लिए शादी और तलाक के नियम हिंदू मैरिज एक्ट के तहत हैं, जबकि मुस्लिमों के लिए ये मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत हैं। इसी तरह ईसाई और सिखों के लिए भी अलग-अलग कानून हैं। यूसीसी के जरिए सभी धर्मों के लिए शादी, तलाक और संपत्ति से जुड़े मामलों में समानता लाने की कोशिश की गई है।

पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, कुंभ पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन के बयान पर कही यह बात*
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पटना : केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले पटना पहुँचे। इस दौरान कुम्भ को लेकर मल्लिकार्जुन के द्वारा दिये ब्यान पर मंत्री ने कहा कि कुंभ स्नान एक परम्परा है,उनका ब्यान पूरी तरह से गलत है। उन्होंने हिन्दुओ का अपमान किया है ऐसे ब्यान से । राहुल के संविधान बचाने के बयान पर मंत्री ने कहा संविधान खतरे मे नही है। संविधान कभी टूट नही सकता है। संविधान बदलने वाले खुद बदल जायेगे। संविधान खतरे मे है कहने वाले समाज मे दूरिया बढ़ाना चाहते है। ucc के उत्तराखंड मे लागू होने पर का कि हिन्दु मुस्लिम को एक करने का कानून हैय़ इससे मुस्लिमो को डरने की जरूरत नही है। हम इस कानून का स्वागत करते है,देश के विकास के लिए कानून है। वक्फ संसोधन मुस्लिमो के हित मे मुस्लिमो का विरोधी नही है।इससे मुस्लिमो को डरने की जरूरत नही है,गरीब मुस्लिमो को हक देने के लिए संसोधन किये जा रहे है।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू, सीएम ने किया पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का किया लोकार्पण। सीएम ने रिमोट दबाकर वेब पोर्टल का लोकार्पण किया। सीएम धामी ने यूसीसी लागू होने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी। वहीं, इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। इसी के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया।

इस अवसर पर सीएम पुष्‍कर धामी ने कहा कि मैं ये बहते हुए बहुत भावुक हूं क‍ि उत्तराखंड में आज से यूसीसी लागू हो गया है। इसी पल से उत्तराखंड में सभी जाति धर्म की महिलाओं को समान न्याय की शुरुआत हो गई है। 2022 के चुनाव में हमने जो जनता से वायदा किया था, उसे आज हम पूरा कर रहे हैं। अब से हलाला, इद्दत, बाल विवाह, बहु विवाह पर पूरी तरह से रोक होगी। संविधान के अनुच्छेद -342 में अनुसूचित जनजातियों को सरंक्षित किया गया है, इसलिए उन्हें बाहर रखा गया है। किसी धर्म संप्रदाय को टार्गेट करने जैसा यूसीसी में कुछ नहीं है। केवल कुप्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है।

उन्‍होंने आगे कहा कि कई देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। निकाह पर कोई रोक नहीं है। जैसे पहले रस्म होती थी वैसे ही होंगी, लेकिन सभी में न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की गई है। संपति के अधिकार में बच्चों का भी बराबर का अधिकार होगा, चाहे वह लिव इन रिलेशनशिप से जन्मा बच्चा ही क्यों न हो। विवाह और तलाक दोनों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया है। सात फरवरी 2024 को विधानसभा ने इससे संबंधित विधेयक पारित किया। 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। फिर 14 मार्च को सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहली इसकी नियमावली बनाने का निर्णय लिया। लगभग एक साल तक चली कसरत के बाद नियमावली तैयार की गई। इसके बाद इसे धरातल पर उतारने के लिए कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। संहिता के प्रविधानों के अनुसार विभिन्न विषयों का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है।

यूसीसी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की थ्री लेयर की व्यवस्था होगी। इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा ना होने या पोर्टल काम नहीं करने पर वहां सीएससी के माध्यम से पंजीकरण होगा। इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। कोई भी शिकायत होने पर आप पोर्टल पर ही दर्ज करा सकते हैं। इस कानून के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी। तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी। वैवाहिक संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर देना होगा पोर्टल पर सूचना देनी होगी। इसके अलावा लिव इन में रहने वालो को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा। पंचायत पालिका निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे।

महाराष्ट्र में बीजेपी की 'अप्रत्याशित' जीत, राष्ट्रीय राजनीति पर क्या होगा असर?

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“मोदी का मौजिक खत्म हो गया है”, “बीजेपी के बूरे दिन शुरू हो गए है।” इस साल जून में जब लोकसभा तुनाव के परिणाम आए तो इसी तरह की बातें शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा यूपी और महाराष्ट्र ने ही निराश किया था। लेकिन, मई में हुए लोकसभा तुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बातें पूरी तरह से बकवास साबित हुई। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल हुई सीटों ने तो सारे भ्रम को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी पीएम मोदी की राजनीति पर महाराष्ट्र के वोटरों ने एक बार फिर से जो मुहर लगाई है, उसका असर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिल सकता है।

लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह देखा गया था क्योंकि इससे एनडीए के घटक दलों का महत्व बढ़ गया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। हालांकि, एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था, लेकिन एक बात साफ थी कि पीएम मोदी पहले अपने दो कार्यकाल की तरह फैसले लेने से परहेज करेंगे।

सहयोगी दलों की स्थिति भी होगी कमजोर

यही नहीं, महाराष्ट्र में भाजपा की इस जीत से एनडीए के भीतर पार्टी का दबदबा और मजबूत होगा और सहयोगी पार्टियां का दखल अब कमजोर होता दिखाई देगा। क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और भाजपा यहां भी नीतीश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक़ डील कर सकती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे भले केंद्र में मोदी सरकार चल रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को मिल रही लगातार जीत से समीकरण बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से अब बहुत तोलमोल नहीं कर पाएंगे। बीजेपी का मज़बूत होना न केवल विपक्षी पार्टियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि एनडीए के भीतर भी सहयोगी दलों को लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं होगी।

प्रधानमंत्री मोदी अब होंगे और मजबूत

इससे पहले साल 2014 और 2019 में भाजपा ने केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इस बार बहुमत नहीं मिलने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम होती लोकप्रियता से जोड़ा गया था, लेकिन हरियाणा में जीत, जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र की जीत ने एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता पर लग रहे प्रश्न चिह्न को खत्म कर दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे अधिक 149 सीटों पर चुनाव लड़ी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मोदी की लोकप्रियता और नीतियों के अधार पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत को मोदी की जीत बताया जा रहा है। ऐसे में भाजपा के अंदर अब मोदी का रुतबा और मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कहा कि जा सकता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता वैसी ही बनी है।

कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएगी

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में भारी जीत के बाद नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में जो भाषण दिया, उसमें इस बात के कई संकेत दिखे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार अपने उस कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा सकेगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के बाद एक हिचकिचाहट सी महसूस होने लगी थी। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास पर और बढ़ेगा, जिसके आधार में हिंदुत्व का प्रभाव और भारत की प्राचीन विरासत का असर नजर आएगा। इसके साथ ही उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे लगता है कि केंद्र सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और वन नेशन, वन इलेक्शन के अपने इरादे को और ज्यादा हौसले के साथ आगे बढ़ाएगी।

कांग्रेस की कमजोरी फिर सामने

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव केवल बीजेपी के लिए ही नहीं कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीट जीते थे। जिसके बाद से कांग्रेस के नई ऊर्जा के साथ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सोचने पर मजबूर कर देंगे। एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगेंगे। पार्टी को भविष्य की रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

शिव सेना और एनसीपी पर क्या होगा असर?

महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम केवल बीजेपी कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि ये ही शिव सेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव सेना और एनसीपी दोनों बँट चुकी हैं। ऐसे में असली शिव सेना और एनसीपी पर दावेदारी मज़बूत होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार की चुनौतियां बढ़ेंगी क्योंकि उन्हें ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सोचना होगा।

महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत से हिन्दुत्व की राजनीति पर बाल ठाकरे के परिवार की दावेदारी कमज़ोर होगी। यानी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की राजनीति पर शिव सेना से वैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा-झारखंड में लागू होगा UCC, आदिवासी होंगे UCC के दायरे से बाहर


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उन्‍होंने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आज भाजपा का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) किया जारी

झारखंड डेस्क 

रांची। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि झारखंड में UCC (समान नागरिक संहिता) लागू किया जाएगा। आदिवासी समुदाय को UCC के दायरे से बाहर रखा जाएगा। उन्‍होंने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 3 नवंबर को भाजपा का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी किया।

इस अवसर पर श्री शाह ने कहा कि बंगाल में घुसपैठ नहीं रुकी है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा है। हर जगह बीएसएफ है। असम में भी बीएसएफ है। यहां भाजपा की सरकार बनाइए। हमारे पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक हर कोई ना केवल घुसपैठिए को रोकेंगे, बल्कि उन्हें बाहर भी करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा हेमंत सोरेन पीएम मोदी से 1 लाख करोड़ का हिसाब मांग रहे थे। मैं हिसाब लेकर आया हूं। अगर हिम्मत है तो इसका जवाब झारखंड की जनता दीजिए। जिस कांग्रेस और लालू प्रसाद की गोदी में आप बैठे हैं, उनकी UPA सरकार ने 2004 से 2014 तक झारखंड को 10 साल में 84 हजार करोड़ देने का काम किया था। पीएम मोदी ने 2014 से 2024 के बीच में 3 लाख 8 हजार करोड़ रुपया झारखंड देने का काम किया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि झारखंड का ये चुनाव ना केवल सरकार बदलने का चुनाव है, बल्कि झारखंड का भविष्य सुनिश्चित करने का चुनाव है। झारखंड की महान जनता ने तय करना है कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार चाहिए या विकास के रास्ते पर पीएम मोदी के नेतृत्व में चलती हुई भाजपा सरकार चाहिए। घुसपैठ कराकर झारखंड की अस्मिता रोटी, बेटी, माटी तीनों को खतरे में डालने वाली सरकार चाहिए या परिंदा भी पैर ना मार सके ऐसी सरहद की सुरक्षा करने वाली भाजपा सरकार चाहिए।

श्री शाह ने कहा कि ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। दिवाली और रक्षाबंधन पर मुफ्त एलपीजी गैस सिलेंडर दिए जाएंगे और सिलेंडर 500 रुपये में दिए जाएंगे। झारखंड के युवाओं के लिए 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।

ये है मुख्‍य बिंदु

गोगो दीदी योजना के तहत झारखंड की हर महिला को हर महीने ₹2,100, सालाना 25,000+

लक्ष्मी जोहार के तहत सभी परिवारों को ₹500 में गैस सिलेंडर और साल में दो मुफ्त सिलेंडर

2.87 लाख सरकारी पदों पर भर्ती और 5 लाख स्वरोजगार के अवसर, नवंबर 2025 तक 1.5 लाख पदों पर भर्ती और वार्षिक कैलेंडर

युवा साथी भत्ता के तहत संघर्षरत स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं को 2 साल तक प्रति माह 2 हजार रुपये

सपनों का घर साकार बनाने के लिए निःशुल्क बालू, ₹1 लाख की बढ़ी वित्तीय सहायता के साथ

21 लाख पीएम आवास और शेष 59 लाख घरों में जल कनेक्शन

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द, प्रमुख पेपर लीकों की सीबीआई जांच और जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ का निपटारा, घुसपैठियों द्वारा कब्जाई आदिवासी जमीन की वापसी। आदिवासी महिलाओं से शादी करने वाले घुसपैठियों के बच्चों को आदिवासी दर्जा नहीं

₹1 रुपये की स्टांप ड्यूटी महिलाओं के नाम पर ₹50 लाख तक मूल्य की अचल संपत्ति के पंजीकरण के लिए

बीएड, नर्सिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए निःशुल्क शिक्षा

विस्थापन से पहले पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्वास आयोग का गठन

आदिवासी अस्मिता और सम्मान पर्व एवं लोक आयोजनों के लिए अनुदान, ₹500 करोड़ का सिद्धो-कान्हो शोध केंद्र और आदिवासी नायकों के स्मारकों का विकास

फूलो-झानो पढ़ो के तहत बिटिया गरीब और पिछड़े वर्ग की प्रत्येक बालिका को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा

मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को 6 पोषण किट और ₹21,000 की सहायता

10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और हर जिले में एक नर्सिंग कॉलेज, अस्पतालों में 25,000 नए बेड, आयुष्मान भारत जीवन धारा के तहत सभी 70 वर्ष के व्यक्तियों को ₹10 लाख तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा

झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति। जांच आयोग का गठन, दो सालों में नक्सलवाद का खात्मा, अवैध खनन पर अंकुश, 181 सीएम संवाद हेल्पलाइन की पुनर्वाहाली और मुखियाओं का वेतन ₹2,500 से बढ़ाकर ₹5,000

ऑपरेशन सुरक्षा के तहत 2027 तक मानव तस्करी का खात्मा, 24/7 टोल-फ्री एंटी-ट्रैफिकिंग हेल्पलाइन और पीड़ितों के लिए पुनर्वास कोष

कृषक सु-नीति। ₹3,100 प्रति क्विंटल तक धान की खरीद, कटनी-छटनी का निवारण, 24 घंटे में DBT से भुगतान, 5 एकड़ तक की भूमि पर ₹5,000 प्रति एकड़ के लिए कृषि आशीर्वाद योजना

सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एससी/एसटी आरक्षण यथावत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण

डायमंड क्यॉड्रिलैटरल एक्सप्रेसवे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 25,000 किमी सड़कें और हर जिला मुख्यालय को राजधानी रांची से जोड़ने के लिए रेल नेटवर्क

20 देश के प्रमुख शहरों में राज्य से बाहर रहने बाले झारखंडियों की सुविधा के लिए झारखंड जोहार भवन

वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए ₹2,500 तक मासिक पेंशन

अरहर और मड़आ को न्यूनतम समर्थन मूल्य, हर आदिवासी ब्लॉक में प्रसंस्करण और भंडारण केंद्र, आदिवासी बहुपरकारी समितियों (लैम्प्स) का गठन और प्रमुख वन उत्पादों की सहज खरीद

आदिवासी अधिकारों की गारंटी UCC के दायरे से आदिवासी बाहर, पेसा का क्रियान्वयन कर मुखियाओं का सशक्तिकरण, वन अधिकार पट्टों का वितरण एवं वन विभाग द्वारा व दर्ज छोटे मुकदमों का समापन

झारखंड इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग के तहत 5 लाख युवाओं को ट्रेनिंग और 1 लाख की वित्तीय सहायता, सभी ITI का उन्नयन, इनोवेशन हबों की स्थापना और कारीगरों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण

झारखंड को शीर्ष पांच पर्यटन अनुकूल राज्य बनाने के लिए भगवती सर्किट, बाबा वैद्यनाथ-वासुकीनाथ का विकास, आदिवासी सर्किट एवं बेतला राष्ट्रीय उद्यान का इकोटूरिज्म

अमेरिकी रिपोर्ट ने भारत में अल्पसंख्यकों को खतरे में बताया, विदेश मंत्रालय ने कहा-पक्षपाती एजेंडा
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अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर भारत पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें भारत की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वरिष्ठ नीति विश्लेषक सेमा हसन ने लिखा है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर हिंसक हमले होते हैं। धार्मिक अशांति फैलाने के लिए गलत जानकारी दी जाती है। इसके अलावा सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि रिपोर्ट में मुस्लिम, वक्फ संशोधन बिल गोहत्या विरोधी कानून की बात की गई है। इन सब के चलते आयोग ने देश को धार्मिक भेद-भाव वाले देशों के लिस्ट में नामित करने का आग्रह किया है। अमेरिकी सरकार के आयोग USCIRF (US Commission on International Religious Freedom) की ओर से 2 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), समान नागरिक संहिता (UCC), राज्यों में धर्मांतरण का विरोध और गोहत्या विरोधी कानून का जिक्र किया गया है। साथ ही कहा गया है कि इन कानूनों का मकसद भारत में अल्पसंख्यकों को टारगेट करना और उन्हें मताधिकार से वंचित रखना है। रिपोर्ट में आगे लिखा है, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति 2024 में लगातार बदतर होती जा रही है। खासकर देश में राष्ट्रीय चुनाव होने से पहले और तुरंत बाद के महीनों में। लोगों को मारा गया, पीटा गया और लिंचिंग की गई। धार्मिक नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया। घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया। ये घटनाएं धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हैं। भारत सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून, गोहत्या कानून और आतंकवाद विरोधी जैसे कानून लागू करके धार्मिक समुदायों का दमन कर रही है। अपनी सलाना रिपोर्ट में USCIRF ने अमेरिकी विदेश विभाग से ये आग्रह किया है कि वो भारत में धार्मिक स्तर पर हो रहे उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए उसे विशेष चिंता वाले देश के रूप में शामिल करें। भारत ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। भारत ने इसे एक राजनीतिक एजेंडा वाला 'पक्षपाती संगठन' करार दिया। भारत ने इस रिपोर्ट को 'दुर्भावनापूर्ण' बताया। विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यूएससीआईआरएफ को अपने समय का ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका में मानवाधिकारों के मुद्दे से निपटने में करना चाहिए। बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी आयोग ने भारत के खिलाफ धर्म संबंधित ऐसा रिपोर्ट जारा किया है। इससे पहले भी उन्होंने ऐसा किया था। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध होने की वजह से जो बाइडेन प्रशासन USCIRF द्वारा किए गए आग्रह को मानने से बचता रहा है।
उत्तराखंड में UCC लागू करने की कवायद शुरू, अंतिम चरण में प्रक्रिया, शादी का पंजीकरण नहीं करने पर नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य में शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा, और जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यह निर्णय मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और यूसीसी समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें संहिता की नियमावली के अंतिम चरण की समीक्षा की गई और कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया।

UCC के तहत, सरकार शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर सकती है और सरकारी सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके लिए सरकार एक समय सीमा तय कर सकती है, और इस अवधि के बाद पंजीकरण न कराने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति पंजीकरण करवा लेता है, तो उसे पूर्ववत लाभ जारी रहेगा। समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत एक डेटा बेस भी तैयार किया जाएगा, जिसमें परिवार पंजीकरण जैसी जानकारियां शामिल होंगी। इस डेटा एप के माध्यम से सरकार को भविष्य की योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी।

यूसीसी की नियमावली के अनुसार, जब यह कानून लागू होगा, तब से छह महीने के भीतर वे जोड़े जो पहले से शादीशुदा हैं, उन्हें पंजीकरण करवाने का समय मिलेगा। वहीं, यूसीसी लागू होने के दिन या उसके बाद शादी करने वालों को केवल तीन महीने का समय दिया जाएगा। निर्धारित समय के बाद पंजीकरण न करवाने वाले किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे, लेकिन पंजीकरण करवाने के बाद उन्हें लाभ मिल सकेगा। बैठक में UCC के सदस्य मनु गौड़, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव रमेश कुमार और सुधांशु भी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

उत्तराखंड के बाद इस राज्य में भी लागू होगा यूसीसी, ड्राफ्ट तैयार करने के लिए समिति का गठन

#ucc_be_implemented_in_this_state_too_after_uttarakhand

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू हो चुका है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां यूसीसी लागू किया गया है। उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी यूसीसी को लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए इसके कार्यान्वयन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा सभी धर्मों के गुरु से चर्चा करने के बाद ही रिपोर्ट बनाई जाएगी। गुजरात सरकार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह मंत्री हर्ष संघवी ने इस मुद्दे को लेकर संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भारत संविधान की 75वीं वर्षगांठ मन रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नागरिक में समान हक के लिए कॉमन सिविल कोड अमल करने का फैसला लिया है। जितने वादे किए थे, वह एक के बाद एक पूरे हुए हैं। उसी दिशा में गुजरात पीएम मोदी के संकल्प को साकार करने की दिशा में कटिबद्ध है। सभी नागरिकों को समान हक मिले, इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति के गठन का फैसला किया गया है। यह समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर सरकार निर्णय लेगी। इस समिति में रंजना देसाई के अलावा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी सीएल मीणा, वकील आरसी कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ शामिल हैं।

भारत में सभी धर्मों के अपने-अपने पर्सनल लॉ मौजूद हैं। जैसे, हिंदुओं के लिए शादी और तलाक के नियम हिंदू मैरिज एक्ट के तहत हैं, जबकि मुस्लिमों के लिए ये मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत हैं। इसी तरह ईसाई और सिखों के लिए भी अलग-अलग कानून हैं। यूसीसी के जरिए सभी धर्मों के लिए शादी, तलाक और संपत्ति से जुड़े मामलों में समानता लाने की कोशिश की गई है।

पटना पहुंचे केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, कुंभ पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन के बयान पर कही यह बात*
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पटना : केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले पटना पहुँचे। इस दौरान कुम्भ को लेकर मल्लिकार्जुन के द्वारा दिये ब्यान पर मंत्री ने कहा कि कुंभ स्नान एक परम्परा है,उनका ब्यान पूरी तरह से गलत है। उन्होंने हिन्दुओ का अपमान किया है ऐसे ब्यान से । राहुल के संविधान बचाने के बयान पर मंत्री ने कहा संविधान खतरे मे नही है। संविधान कभी टूट नही सकता है। संविधान बदलने वाले खुद बदल जायेगे। संविधान खतरे मे है कहने वाले समाज मे दूरिया बढ़ाना चाहते है। ucc के उत्तराखंड मे लागू होने पर का कि हिन्दु मुस्लिम को एक करने का कानून हैय़ इससे मुस्लिमो को डरने की जरूरत नही है। हम इस कानून का स्वागत करते है,देश के विकास के लिए कानून है। वक्फ संसोधन मुस्लिमो के हित मे मुस्लिमो का विरोधी नही है।इससे मुस्लिमो को डरने की जरूरत नही है,गरीब मुस्लिमो को हक देने के लिए संसोधन किये जा रहे है।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू, सीएम ने किया पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का किया लोकार्पण। सीएम ने रिमोट दबाकर वेब पोर्टल का लोकार्पण किया। सीएम धामी ने यूसीसी लागू होने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी। वहीं, इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। इसी के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया।

इस अवसर पर सीएम पुष्‍कर धामी ने कहा कि मैं ये बहते हुए बहुत भावुक हूं क‍ि उत्तराखंड में आज से यूसीसी लागू हो गया है। इसी पल से उत्तराखंड में सभी जाति धर्म की महिलाओं को समान न्याय की शुरुआत हो गई है। 2022 के चुनाव में हमने जो जनता से वायदा किया था, उसे आज हम पूरा कर रहे हैं। अब से हलाला, इद्दत, बाल विवाह, बहु विवाह पर पूरी तरह से रोक होगी। संविधान के अनुच्छेद -342 में अनुसूचित जनजातियों को सरंक्षित किया गया है, इसलिए उन्हें बाहर रखा गया है। किसी धर्म संप्रदाय को टार्गेट करने जैसा यूसीसी में कुछ नहीं है। केवल कुप्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है।

उन्‍होंने आगे कहा कि कई देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। निकाह पर कोई रोक नहीं है। जैसे पहले रस्म होती थी वैसे ही होंगी, लेकिन सभी में न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की गई है। संपति के अधिकार में बच्चों का भी बराबर का अधिकार होगा, चाहे वह लिव इन रिलेशनशिप से जन्मा बच्चा ही क्यों न हो। विवाह और तलाक दोनों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया है। सात फरवरी 2024 को विधानसभा ने इससे संबंधित विधेयक पारित किया। 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। फिर 14 मार्च को सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहली इसकी नियमावली बनाने का निर्णय लिया। लगभग एक साल तक चली कसरत के बाद नियमावली तैयार की गई। इसके बाद इसे धरातल पर उतारने के लिए कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। संहिता के प्रविधानों के अनुसार विभिन्न विषयों का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है।

यूसीसी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की थ्री लेयर की व्यवस्था होगी। इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा ना होने या पोर्टल काम नहीं करने पर वहां सीएससी के माध्यम से पंजीकरण होगा। इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। कोई भी शिकायत होने पर आप पोर्टल पर ही दर्ज करा सकते हैं। इस कानून के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी। तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी। वैवाहिक संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर देना होगा पोर्टल पर सूचना देनी होगी। इसके अलावा लिव इन में रहने वालो को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा। पंचायत पालिका निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे।

महाराष्ट्र में बीजेपी की 'अप्रत्याशित' जीत, राष्ट्रीय राजनीति पर क्या होगा असर?

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“मोदी का मौजिक खत्म हो गया है”, “बीजेपी के बूरे दिन शुरू हो गए है।” इस साल जून में जब लोकसभा तुनाव के परिणाम आए तो इसी तरह की बातें शुरू हो गई थी। लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा यूपी और महाराष्ट्र ने ही निराश किया था। लेकिन, मई में हुए लोकसभा तुनाव के बाद हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बातें पूरी तरह से बकवास साबित हुई। उसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को हासिल हुई सीटों ने तो सारे भ्रम को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी पीएम मोदी की राजनीति पर महाराष्ट्र के वोटरों ने एक बार फिर से जो मुहर लगाई है, उसका असर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति में भी देखने को मिल सकता है।

लोकसभा चुनाव परिणाम भाजपा और नरेंद्र मोदी के लिए एक झटके की तरह देखा गया था क्योंकि इससे एनडीए के घटक दलों का महत्व बढ़ गया था। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 240 सीटों पर जीत हासिल की थी और उसके नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। हालांकि, एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था, लेकिन एक बात साफ थी कि पीएम मोदी पहले अपने दो कार्यकाल की तरह फैसले लेने से परहेज करेंगे।

सहयोगी दलों की स्थिति भी होगी कमजोर

यही नहीं, महाराष्ट्र में भाजपा की इस जीत से एनडीए के भीतर पार्टी का दबदबा और मजबूत होगा और सहयोगी पार्टियां का दखल अब कमजोर होता दिखाई देगा। क्योंकि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव है और भाजपा यहां भी नीतीश कुमार के साथ सीटों की साझेदारी में मन मुताबिक़ डील कर सकती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे भले केंद्र में मोदी सरकार चल रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा को मिल रही लगातार जीत से समीकरण बदलेगा। ऐसे में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार से अब बहुत तोलमोल नहीं कर पाएंगे। बीजेपी का मज़बूत होना न केवल विपक्षी पार्टियों के लिए निराशाजनक है, बल्कि एनडीए के भीतर भी सहयोगी दलों को लिए बहुत अच्छी स्थिति नहीं होगी।

प्रधानमंत्री मोदी अब होंगे और मजबूत

इससे पहले साल 2014 और 2019 में भाजपा ने केंद्र में अपने दम पर सरकार बनाई थी। इस बार बहुमत नहीं मिलने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कम होती लोकप्रियता से जोड़ा गया था, लेकिन हरियाणा में जीत, जम्मू-कश्मीर में अच्छे प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र की जीत ने एक बार फिर से पीएम मोदी की लोकप्रियता पर लग रहे प्रश्न चिह्न को खत्म कर दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी सबसे अधिक 149 सीटों पर चुनाव लड़ी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने मोदी की लोकप्रियता और नीतियों के अधार पर ही चुनाव लड़ा। ऐसे में महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत को मोदी की जीत बताया जा रहा है। ऐसे में भाजपा के अंदर अब मोदी का रुतबा और मजबूत होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कहा कि जा सकता है कि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता वैसी ही बनी है।

कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाएगी

प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में भारी जीत के बाद नई दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में जो भाषण दिया, उसमें इस बात के कई संकेत दिखे हैं कि आने वाले दिनों में भाजपा सरकार अपने उस कोर एजेंडे को फिर से पूरी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा सकेगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के बाद एक हिचकिचाहट सी महसूस होने लगी थी। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जो कुछ कहा है, उससे स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का फोकस विकास पर और बढ़ेगा, जिसके आधार में हिंदुत्व का प्रभाव और भारत की प्राचीन विरासत का असर नजर आएगा। इसके साथ ही उन्होंने जो कुछ कहा है कि उससे लगता है कि केंद्र सरकार अब यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) और वन नेशन, वन इलेक्शन के अपने इरादे को और ज्यादा हौसले के साथ आगे बढ़ाएगी।

कांग्रेस की कमजोरी फिर सामने

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव केवल बीजेपी के लिए ही नहीं कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल के बाद सबसे बेहतर प्रदर्शन किया था। कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में 99 सीट जीते थे। जिसके बाद से कांग्रेस के नई ऊर्जा के साथ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। हालांकि, पहले हरियाणा और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम सोचने पर मजबूर कर देंगे। एक बार फिर राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठने लगेंगे। पार्टी को भविष्य की रणनीति पर फिर से विचार करना होगा।

शिव सेना और एनसीपी पर क्या होगा असर?

महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम केवल बीजेपी कांग्रेस के लिए ही अहम नहीं है, बल्कि ये ही शिव सेना और एनसीपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। शिव सेना और एनसीपी दोनों बँट चुकी हैं। ऐसे में असली शिव सेना और एनसीपी पर दावेदारी मज़बूत होगी। उद्धव ठाकरे और शरद पवार की चुनौतियां बढ़ेंगी क्योंकि उन्हें ख़ुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए सोचना होगा।

महाराष्ट्र में बीजेपी की जीत से हिन्दुत्व की राजनीति पर बाल ठाकरे के परिवार की दावेदारी कमज़ोर होगी। यानी महाराष्ट्र में हिन्दुत्व की राजनीति पर शिव सेना से वैसी प्रतिद्वंद्विता नहीं मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा-झारखंड में लागू होगा UCC, आदिवासी होंगे UCC के दायरे से बाहर


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उन्‍होंने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आज भाजपा का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) किया जारी

झारखंड डेस्क 

रांची। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि झारखंड में UCC (समान नागरिक संहिता) लागू किया जाएगा। आदिवासी समुदाय को UCC के दायरे से बाहर रखा जाएगा। उन्‍होंने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 3 नवंबर को भाजपा का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी किया।

इस अवसर पर श्री शाह ने कहा कि बंगाल में घुसपैठ नहीं रुकी है, क्योंकि स्थानीय प्रशासन घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा है। हर जगह बीएसएफ है। असम में भी बीएसएफ है। यहां भाजपा की सरकार बनाइए। हमारे पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक हर कोई ना केवल घुसपैठिए को रोकेंगे, बल्कि उन्हें बाहर भी करेंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा हेमंत सोरेन पीएम मोदी से 1 लाख करोड़ का हिसाब मांग रहे थे। मैं हिसाब लेकर आया हूं। अगर हिम्मत है तो इसका जवाब झारखंड की जनता दीजिए। जिस कांग्रेस और लालू प्रसाद की गोदी में आप बैठे हैं, उनकी UPA सरकार ने 2004 से 2014 तक झारखंड को 10 साल में 84 हजार करोड़ देने का काम किया था। पीएम मोदी ने 2014 से 2024 के बीच में 3 लाख 8 हजार करोड़ रुपया झारखंड देने का काम किया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि झारखंड का ये चुनाव ना केवल सरकार बदलने का चुनाव है, बल्कि झारखंड का भविष्य सुनिश्चित करने का चुनाव है। झारखंड की महान जनता ने तय करना है कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई सरकार चाहिए या विकास के रास्ते पर पीएम मोदी के नेतृत्व में चलती हुई भाजपा सरकार चाहिए। घुसपैठ कराकर झारखंड की अस्मिता रोटी, बेटी, माटी तीनों को खतरे में डालने वाली सरकार चाहिए या परिंदा भी पैर ना मार सके ऐसी सरहद की सुरक्षा करने वाली भाजपा सरकार चाहिए।

श्री शाह ने कहा कि ‘गोगो दीदी योजना’ के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। दिवाली और रक्षाबंधन पर मुफ्त एलपीजी गैस सिलेंडर दिए जाएंगे और सिलेंडर 500 रुपये में दिए जाएंगे। झारखंड के युवाओं के लिए 5 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे।

ये है मुख्‍य बिंदु

गोगो दीदी योजना के तहत झारखंड की हर महिला को हर महीने ₹2,100, सालाना 25,000+

लक्ष्मी जोहार के तहत सभी परिवारों को ₹500 में गैस सिलेंडर और साल में दो मुफ्त सिलेंडर

2.87 लाख सरकारी पदों पर भर्ती और 5 लाख स्वरोजगार के अवसर, नवंबर 2025 तक 1.5 लाख पदों पर भर्ती और वार्षिक कैलेंडर

युवा साथी भत्ता के तहत संघर्षरत स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं को 2 साल तक प्रति माह 2 हजार रुपये

सपनों का घर साकार बनाने के लिए निःशुल्क बालू, ₹1 लाख की बढ़ी वित्तीय सहायता के साथ

21 लाख पीएम आवास और शेष 59 लाख घरों में जल कनेक्शन

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द, प्रमुख पेपर लीकों की सीबीआई जांच और जेपीएससी अध्यक्ष की नियुक्ति

अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ का निपटारा, घुसपैठियों द्वारा कब्जाई आदिवासी जमीन की वापसी। आदिवासी महिलाओं से शादी करने वाले घुसपैठियों के बच्चों को आदिवासी दर्जा नहीं

₹1 रुपये की स्टांप ड्यूटी महिलाओं के नाम पर ₹50 लाख तक मूल्य की अचल संपत्ति के पंजीकरण के लिए

बीएड, नर्सिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए निःशुल्क शिक्षा

विस्थापन से पहले पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए पुनर्वास आयोग का गठन

आदिवासी अस्मिता और सम्मान पर्व एवं लोक आयोजनों के लिए अनुदान, ₹500 करोड़ का सिद्धो-कान्हो शोध केंद्र और आदिवासी नायकों के स्मारकों का विकास

फूलो-झानो पढ़ो के तहत बिटिया गरीब और पिछड़े वर्ग की प्रत्येक बालिका को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा

मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को 6 पोषण किट और ₹21,000 की सहायता

10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और हर जिले में एक नर्सिंग कॉलेज, अस्पतालों में 25,000 नए बेड, आयुष्मान भारत जीवन धारा के तहत सभी 70 वर्ष के व्यक्तियों को ₹10 लाख तक निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा

झारखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति। जांच आयोग का गठन, दो सालों में नक्सलवाद का खात्मा, अवैध खनन पर अंकुश, 181 सीएम संवाद हेल्पलाइन की पुनर्वाहाली और मुखियाओं का वेतन ₹2,500 से बढ़ाकर ₹5,000

ऑपरेशन सुरक्षा के तहत 2027 तक मानव तस्करी का खात्मा, 24/7 टोल-फ्री एंटी-ट्रैफिकिंग हेल्पलाइन और पीड़ितों के लिए पुनर्वास कोष

कृषक सु-नीति। ₹3,100 प्रति क्विंटल तक धान की खरीद, कटनी-छटनी का निवारण, 24 घंटे में DBT से भुगतान, 5 एकड़ तक की भूमि पर ₹5,000 प्रति एकड़ के लिए कृषि आशीर्वाद योजना

सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में एससी/एसटी आरक्षण यथावत, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण

डायमंड क्यॉड्रिलैटरल एक्सप्रेसवे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 25,000 किमी सड़कें और हर जिला मुख्यालय को राजधानी रांची से जोड़ने के लिए रेल नेटवर्क

20 देश के प्रमुख शहरों में राज्य से बाहर रहने बाले झारखंडियों की सुविधा के लिए झारखंड जोहार भवन

वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए ₹2,500 तक मासिक पेंशन

अरहर और मड़आ को न्यूनतम समर्थन मूल्य, हर आदिवासी ब्लॉक में प्रसंस्करण और भंडारण केंद्र, आदिवासी बहुपरकारी समितियों (लैम्प्स) का गठन और प्रमुख वन उत्पादों की सहज खरीद

आदिवासी अधिकारों की गारंटी UCC के दायरे से आदिवासी बाहर, पेसा का क्रियान्वयन कर मुखियाओं का सशक्तिकरण, वन अधिकार पट्टों का वितरण एवं वन विभाग द्वारा व दर्ज छोटे मुकदमों का समापन

झारखंड इंटर्नशिप और स्किल ट्रेनिंग के तहत 5 लाख युवाओं को ट्रेनिंग और 1 लाख की वित्तीय सहायता, सभी ITI का उन्नयन, इनोवेशन हबों की स्थापना और कारीगरों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण

झारखंड को शीर्ष पांच पर्यटन अनुकूल राज्य बनाने के लिए भगवती सर्किट, बाबा वैद्यनाथ-वासुकीनाथ का विकास, आदिवासी सर्किट एवं बेतला राष्ट्रीय उद्यान का इकोटूरिज्म

अमेरिकी रिपोर्ट ने भारत में अल्पसंख्यकों को खतरे में बताया, विदेश मंत्रालय ने कहा-पक्षपाती एजेंडा
#uscirf_india_minorities_rights_attack_report

अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर भारत पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें भारत की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वरिष्ठ नीति विश्लेषक सेमा हसन ने लिखा है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर हिंसक हमले होते हैं। धार्मिक अशांति फैलाने के लिए गलत जानकारी दी जाती है। इसके अलावा सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि रिपोर्ट में मुस्लिम, वक्फ संशोधन बिल गोहत्या विरोधी कानून की बात की गई है। इन सब के चलते आयोग ने देश को धार्मिक भेद-भाव वाले देशों के लिस्ट में नामित करने का आग्रह किया है। अमेरिकी सरकार के आयोग USCIRF (US Commission on International Religious Freedom) की ओर से 2 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), समान नागरिक संहिता (UCC), राज्यों में धर्मांतरण का विरोध और गोहत्या विरोधी कानून का जिक्र किया गया है। साथ ही कहा गया है कि इन कानूनों का मकसद भारत में अल्पसंख्यकों को टारगेट करना और उन्हें मताधिकार से वंचित रखना है। रिपोर्ट में आगे लिखा है, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति 2024 में लगातार बदतर होती जा रही है। खासकर देश में राष्ट्रीय चुनाव होने से पहले और तुरंत बाद के महीनों में। लोगों को मारा गया, पीटा गया और लिंचिंग की गई। धार्मिक नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया। घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया। ये घटनाएं धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हैं। भारत सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून, गोहत्या कानून और आतंकवाद विरोधी जैसे कानून लागू करके धार्मिक समुदायों का दमन कर रही है। अपनी सलाना रिपोर्ट में USCIRF ने अमेरिकी विदेश विभाग से ये आग्रह किया है कि वो भारत में धार्मिक स्तर पर हो रहे उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए उसे विशेष चिंता वाले देश के रूप में शामिल करें। भारत ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। भारत ने इसे एक राजनीतिक एजेंडा वाला 'पक्षपाती संगठन' करार दिया। भारत ने इस रिपोर्ट को 'दुर्भावनापूर्ण' बताया। विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यूएससीआईआरएफ को अपने समय का ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका में मानवाधिकारों के मुद्दे से निपटने में करना चाहिए। बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी आयोग ने भारत के खिलाफ धर्म संबंधित ऐसा रिपोर्ट जारा किया है। इससे पहले भी उन्होंने ऐसा किया था। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध होने की वजह से जो बाइडेन प्रशासन USCIRF द्वारा किए गए आग्रह को मानने से बचता रहा है।
उत्तराखंड में UCC लागू करने की कवायद शुरू, अंतिम चरण में प्रक्रिया, शादी का पंजीकरण नहीं करने पर नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य में शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया जाएगा, और जिन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यह निर्णय मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और यूसीसी समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें संहिता की नियमावली के अंतिम चरण की समीक्षा की गई और कार्यान्वयन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया।

UCC के तहत, सरकार शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर सकती है और सरकारी सेवाओं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके लिए सरकार एक समय सीमा तय कर सकती है, और इस अवधि के बाद पंजीकरण न कराने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। यदि कोई व्यक्ति पंजीकरण करवा लेता है, तो उसे पूर्ववत लाभ जारी रहेगा। समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत एक डेटा बेस भी तैयार किया जाएगा, जिसमें परिवार पंजीकरण जैसी जानकारियां शामिल होंगी। इस डेटा एप के माध्यम से सरकार को भविष्य की योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी।

यूसीसी की नियमावली के अनुसार, जब यह कानून लागू होगा, तब से छह महीने के भीतर वे जोड़े जो पहले से शादीशुदा हैं, उन्हें पंजीकरण करवाने का समय मिलेगा। वहीं, यूसीसी लागू होने के दिन या उसके बाद शादी करने वालों को केवल तीन महीने का समय दिया जाएगा। निर्धारित समय के बाद पंजीकरण न करवाने वाले किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे, लेकिन पंजीकरण करवाने के बाद उन्हें लाभ मिल सकेगा। बैठक में UCC के सदस्य मनु गौड़, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव रमेश कुमार और सुधांशु भी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें


नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को दिया ये संदेश, जानिए भाषण की 15 बड़ी बातें

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा झंडा फहराया। इस पर मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को करीब एक घंटे 41 मिनट संबोधित किया।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध, भ्रष्ट्राचार, न्यायिक प्रणाली में सुधार, बांग्लादेश के हालात समेत कई मुद्दों पर बात की। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें।

पीएम मोदी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। 

इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने को कहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा। 

मोदी ने कहा कि हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं। उन्होंने घोषणा की कि हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि हम 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी अपने पुरुषार्थ, समर्पण, त्याग और बलिदान से आजादी दिला सकते हैं, आजाद भारत बना सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश में बड़े सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है और वह राजनीतिक गुणा-भाग से नहीं, बल्कि ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि’ के संकल्प के साथ कदम उठाती है। 

उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पिछले 10 वर्षों के दौरान उठाए गए कदमों तथा प्रमुख योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ‘यथास्थिति’ वाली मानसिकता को खत्म किया है। 

मोदी ने कहा कि पहले देश में यथास्थिति का एक माहौल बन गया था। लोग कहते थे कि कुछ होने वाला नहीं है। हमें इस मानसिकता को तोड़ना था और हमने तोड़ा । मोदी ने कहा, ‘‘देश का सामान्य नागरिक बदलाव चाहता था। हमने बड़े सुधार किए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचारियों के मन में डर पैदा हो ताकि आम आदमी को लूटने की परंपरा बंद हो। 

हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते जो भारत का भला सोच नहीं सकते हैं। जब तक खुदका भला न हो तब तक उन्हें किसी का भला अच्छा नहीं लगता। देश को ऐसे लोगों से बचना होगा। ईमानदारी के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई तीव्र गति से जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उन्हें प्रगतिशील भारत को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने सपना देखा है कि 2047 विकसित में सरकार की दखल कम हो। जहां सरकार की जरूरत हो वहां अभाव न हो और सरकार का बिना कारण प्रभाव भी न हो। मोदी ने कहा कि विश्व में सबसे तेज़ गति से करोड़ों लोगों को कोविड वैक्सीनेशन का काम हमारे देश में हुआ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द सामान्य होंगे और वहां हिंदू तथा दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि बांग्लादेश की विकास यात्रा को लेकर शुभेच्छा रहेगी। 

मोदी ने कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते हमें चिंता होना स्वाभाविक है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्द सामान्य होंगे। 140 करोड़ देशवासियों की चिंता यह है कि वहां हिंदू, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो। 

उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें।

पीएम मोदी ने कहा कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न करते हैं । पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर बार-बार चर्चा की है। मैं कहूंगा कि यह समय की मांग है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो...तभी हम धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्त हो पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं। 

मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और महिला सशक्तीकरण की सराहना की। मोदी ने कहा कि हमें यह देखकर गर्व हो रहा है कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर हो जाती हैं तो वे परिवार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेती हैं और यह महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन सुनिश्चित करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास कर रही है। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत में आ रही गिरावट पर भी चिंता जताई। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं और ऐसी कृषि पद्धतियों के लिए बजट आवंटन भी बढ़ाया गया है। मोदी ने भरोसा जताया कि भारत दुनिया का जैविक खाद्यान्न उत्पादक बन सकता है। 

उन्होंने कहा, ''हमारी कृषि प्रणाली में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। यह समय की मांग है।पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार UCC को लेकर चर्चा की है, अनेक बार आदेश दिए हैं। अब देश की मांग है कि देश में secular civil code हो। 

दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा- सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने governance के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम हो, इस दिशा में भी हमने काम किया है। हमने देशवासियों के लिए 1,500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया, ताकि कानूनों के जंजाल में देशवासियों को फंसना न पड़े। सदियों से हमारे पास जो criminal law थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में 'दंड नहीं, नागरिक को न्याय' के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में ease of living के लिए कदम उठाने चाहिए।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के बड़े सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों में शामिल हैं। ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत बैंकिंग प्रणाली औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है। 

उन्होंने कहा कि पहले बैंकिंग क्षेत्र कठिन दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इस क्षेत्र में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, ''जरा सोचिए हमारे बैंकिंग क्षेत्र की क्या हालत थी। कोई वृद्धि नहीं थी, कोई विस्तार नहीं था और (बैंकिंग प्रणाली में) कोई विश्वास नहीं था। हमारे बैंक कठिन दौर से गुजर रहे थे।

आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। वो हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।