25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश

#session_of_parliament_25_november_start

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था।

इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश*
#session_of_parliament_25_november_start
18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था। इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
Harry Porter Book Day Celebrated with Readers Meet Up

Kochi Oct 14 : Harry Porter Book Day was organised by JCI Cochin, SMRI & Book Lovers Club as its first edition on October 12 at Subash Bose Park in Ernakulam with Day long event.

There were 40 plus Readers from all districts of Kerala.

All members had an oppurtunity to introduce themselves with speech.

The Event inaugurated with a Cake cutting ceremony kickstarted by Dr.Shabeer Iqbal JCI President in the presence of Kamal Muhamed Author of Daring Prince & Head of AICHLS ( Kerala)3 Humanitaran Awards Winner 2024, Shaun Joseph secretary JCI, Unnikrishnan past president JCI, Shijin BT founder & Dean SMRI & Faizy Sayed Ibrahim Author & Organisor of event from JCI.

All the participants were honored with Recognition Certificates , apart  Best 4 Readers selected through Jury,Haneefa Cherumukku (7000 Books)

Ajay Jose ( 190)

Fincy Biju ;( 154)

Anju Prejith ;(130) were given Special Honors Momentos Gifts & Books.

Kamal Muhamed Author Daring Prince & Shijin Founder of SMRI were blessed with special token of respect by JCI Cochin.

Shijin Author & Founder of SMRI gave few words about the Book Harry Porter & Author J.K Rowlings.

There were sponsors who have shared their books to be distributed free to participants includes Global Humanitarian & Philanthropist Dr. Mohanji ;( Shubha Raathri Chindakal) he also shared a viedeo message with Best wishes all the way from Montenegro. Where he stressed the importance of reading .

 Author AL Ameen also shared his book ORIDAM THEDI for free distribution.

There was surprise announcement by Author Kamal Muhamed during the event on New Book Release Faizy Syed Ibrahim: IRU HRIDHAYANGAL was cheered. accordingly was released by Dr.Shabeer Iqbal JCI President. event concluded at 5 pm with Photo session by members hoding Play card of Harry Porter..

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

अमेरिका की संसद में गरजे इजरायली पीएम नेतन्याहू, बोले-जब तक हमास को पूरी तरह मिटा नहीं देते जारी रहेगा युद्ध

#israelipmnetanyahuaddressedthejointsessionoftheuscongress

बीते नौ महीनों से इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने अमेरिकी संसद को संबोधित किया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार रात 11:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन को संबोधित किया। नेतन्याहू ने करीब एक घंटे तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने सबसे अधिक ईरान पर ही बात की। उन्होंने ईरान को अमेरिका और इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। साथ ही उन्होंने हमास और अन्य ईरान समर्थित सशस्त्र समूहों के खिलाफ युद्ध के लिए अमेरिकी समर्थन बढ़ाने की भी मांग की।उन्होंने ये भी कहा कि जब तक हमास को पूरी तरह से मिटा नहीं देते युद्ध खत्म नहीं होगा। 

हमास पर राहत सामग्री को चुराने का आरोप

बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी संसद में 9 महीने से जारी गाजा और इजराइल युद्ध का जिक्र करते हुए हमास पर फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए भेजी जाने वाली राहत सामग्री को चुराने का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इजराइल ने 40,000 से ज्यादा सहायता ट्रकों को गाजा में प्रवेश करने दिया है। लेकिन गाजा में फिलिस्तीनियों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है, तो इसका कारण यह नहीं है कि इजराइल इसे रोक रहा है। बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हमास इसे चुरा रहा है।

हमास पर फिलिस्तीनी नागरिकों का इस्तेमाल करने का आरोप

इजराइली पीएम ने कहा कहाल कि हमास फिलिस्तीनी नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईडीएफ यानी इजराइली रक्षा बलों ने फिलिस्तीनी नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए लाखों फ़्लायर्स भेजे हैं लाखों टेक्स्ट संदेश भेजे हैं और सैकड़ों हजारों फोन कॉल किए हैं। उन्होंने कहा कि हमास फिलिस्तीनी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। वह स्कूलों, अस्पतालों और मस्जिदों से रॉकेट दागता है। जब वे युद्ध क्षेत्र छोड़ने की कोशिश करते हैं तो वे उन्हें गोली भी मार देते हैं।

ईरान को अमेरिका और इजराइल के लिए संकट बताया

इस दौरान इजराइली पीएम ने हिजबुल्ला को भी कुचलने की धमकी। उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरू कदम उठाएंगे। आगे उन्होंने ईरान को अमेरिका और इजराइल के लिए संकट बताया। नेतन्याहू ने कहा कि ऐसे में अमेरिका और इस्राइल को एक साथ खड़ा होना चाहिए। जब हम एक साथ खड़े होते हैं तो वास्तव में सब अच्छा होता है। हम जीतते हैं, वे हारते हैं। 

रिकॉर्ड चौथी बार अमेरिकी संसद को संबोधित किया 

नेतन्याहू पहले ऐसे विदेशी नेता बन गए हैं, जिन्होंने अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ कॉमन्स) की संयुक्त बैठक को रिकॉर्ड चौथी बार संबोधित किया है। उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने तीन बार संबोधन किया था।

I'm confident you'll allow the opposition to speak in the house- Rahul Gandhi

And at the same time his alliance govt in Tamilnadu suspended the leader of opposition for the whole session...

The Irony!!!
A legend's final bow: Chhetri wants to walk out on a high
Sports News




Khabar kolkata News bureau:At the end of Sunil Chhetri's penultimate training session of his 19-year international career for India, he quietly picked up a ball, delicately placed it on the penalty spot and signalled Vishal Kaith to take his place between the sticks. As he's done at the end of every training session, he wanted to take a few attempts from 12 yards out before wrapping up for the day.

Chhetri shot four and scored all four of them. A slight grin appeared on his face after every shot. It wasn't just the joy of a successful strike, but of living every last moment of his national team career to the fullest. When the captain announced his retirement, for everyone else, everything became about June 6. But for Chhetri, it was about every single training session leading up to the big day. Every drop of sweat, every stride in his run, every swing of his boot attempting to score every shot in every practice session.

But on June 6, the captain wants it to be all about India. His life has been all about football. After the lights of the Salt Lake Stadium dim on Thursday night, he won't be part of the game for his country on the pitch, but will become another one of the billion-and-a-half fans of the national team. The 90 minutes before that could change Indian football completely. And perhaps fate had it that they would be Chhetri's last 90 minutes too. But there's nothing more the legend wants than bidding adieu to the sacred blue jersey, one which absorbed all of his sweat for nearly two decades, with all three points, which could potentially propel India to the third round. All he wishes for the post-Chhetri Indian team is to see them rub shoulders with Asia's elite.

"I've been fighting a small battle every day. Don't ask me how I feel (about retirement). Because I don't want to address it. We really need to win tomorrow. Once we win this game, it gives us a great chance to go to the third round, which we have never been to. One thing we know for sure is that this is not going to be easy. And one thing we are very happy about is that we're playing in Kolkata. We'll have tremendous support," said Chhetri.

The fan life will be different, but it's something the 39-year-old has already visualised.

"I'll be there wearing a nice suit, coming to watch all our boys play. That's the dream. We win tomorrow, hopefully, and we'll be almost qualified. It's not 100% guaranteed. There are some permutations and combinations, but we'll qualify. There will be 10 top games against the best in Asia, home and away. We'll go and watch the games. I get free tickets so I can enjoy it. That's the whole plan but again, this is only after the hard work that we put in tomorrow. Every day when I talk to the boys I keep telling them this. Hopefully, everything goes according to plan and I can go and watch them (in the third round). Just imagine playing against Japan and Australia in the third round. Just imagine what the whole euphoria will be and that is why the win is important. That's why we want everyone together," stressed Chhetri.

It would simply be the best farewell gift for the captain, and from the captain. The gift for billions in a nation for whom Indian football has only meant Sunil Chhetri over the last two decades. He made the country believe in their national team and inspired millions to kick a football. An icon of not just India, but global football. Only three players have scored more international goals in the history of the sport than him. The numbers speak for themselves. Some of those numbers will never be achieved again.

Thursday will be the 151st and final time he will don the India shirt. From the 20-year-old who sprayed perfume on his shirt before his debut, to the 39-year-old legendary figure, who will have thousands wearing the India jersey with his name on the back, this has been the journey of the nation's greatest football player.

"I think it's the right time. This is the right setup. It's one of the biggest games that I, who has played for 19 years, is going to play. We win, we go to the third round where we've never been before. There couldn't be a better game for me to call it my last. I'm at peace from the inside. I've given whatever I had." *Pic Courtesy by:AIFA* & *Sanjay Hazra*
History beckons Blue Tigers: Chhetri and his men eager to script their own narrative
*Sports News*


*Khabar kolkata News bureau* : The road has been rugged and bumpy so far but India still stand on the cusp of history. A victory on the night of June 6 at the Salt Lake Vivekananda Yubo bharti Stadium for India against Kuwait in their penultimate Group A fixture of the FIFA World Cup 2026 and AFC Asian Cup 2027 Preliminary Joint Qualification Round 2 will put their one foot into the never-seen-before territory - the next round of qualifiers.

June 6. It's a date that has been echoing in the realm of Indian football for the past couple of months. The defeat to Afghanistan in Guwahati in March converted this date into practically a do-or-die occasion for India. And the echoes were further amplified when Sunil Chhetri, exactly three weeks before the D-Day, announced that it would also be his R-Day — R for Retirement. After 19 years of unmatchable service to his great nation, the Indian skipper will hang his boots at the Salt Lake, amid more than 60 thousand people, who will witness the legend's last kick of the ball for India.

But Chhetri was the quickest to point out during Wednesday's pre-match press conference that the match should not be about him, but the potentially ground-breaking result awaiting Indian football.

"I'm trying really hard not to think about the game emotionally. It's not about me. I would love to win 1-0, I don't care who scores. The last 15 days have been good. I think we're on the same page in terms of fitness and that's a good headache for the coach to have," said Chhetri.

India head coach Igor Stimac also concurred with his skipper's words. The most significant thing about tomorrow will be the victory. The fact that it's Chhetri's last 90 minutes for the nation adds to the prestige of the fixture.

"Knowing that this is the last game of our captain for the national team makes this occasion much, much bigger. But of course, this is still about India winning against Kuwait. We are focussed on what we need to do. I will put it in a few words - we are ready for it," said Stimac.

India and Kuwait have met thrice in the last 12 months, twice in the SAFF Championship (1-1 in the group stage and a penalty shoot-out win for India in the final), before the Blue Tigers triumphed 1-0 in the World Cup Qualifiers in November.

"We had three tight, tough games against Kuwait," said Stimac. "Either team could've won them. I would say our best game was away in Kuwait in these qualifiers because that was perfect defensive shape, not allowing them to get near our box and create clear chances. That's what we need to repeat tomorrow, with our discipline, focus, tight marking, reaching the opposition goal and scoring the goal because that's what we need."

Scoring goals from open play has been an Achilles heel for India, who have failed to score in five of the last six matches apart from Chhetri's penalty against Afghanistan in Guwahati. In fact, India's last open-play goal came against Kuwait from Manvir Singh's left foot. But with every passing training session with goal nets bulging non-stop from finishing drills, Stimac gains more and more confidence.

"The boys have worked tremendously hard on details and for everything that is needed for this game. We're going to be absolutely ready for each scenario which awaits us," he said.

As far as India's opponents are concerned, after the end of their domestic season in the last week of May, Kuwait held a one-week camp in Bangkok before travelling to Kolkata on Tuesday night. Their Portuguese head coach Rui Bento named a 26-man squad composed entirely of players from the Kuwait Premier League.

"We expect a good game tomorrow. We know that both teams have competitive targets and the same goal. We've had a good environment in our training. We believe that more than the one week of camp in Thailand, it's about the one and a half year of us being together as a team," said Bento.

The former Portugal youth international coach believed Kuwait, ranked 139th in the world, are now in a better place than last year and can put up a better challenge against India on Thursday as compared to the last three meetings. However, the West Asians are also wary that a defeat will condemn them to the bottom two in the group and officially eliminate them from World Cup qualifying.

"Yes, we played three games against India last year. They were all very balanced and the teams were at a similar level. But all those matches are history. Football is always an ongoing process, and we are proud and confident of ourselves. We are more prepared now to face India and expect ourselves to be better than before and win the game," said Bento.

*Pic Courtesy by: AIFA*
प्राइवेट स्कूलों का सालाना लूट समारोह, किताबें-यूनिफार्म की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश..

मार्च अप्रैल का महीना, बच्चों के मां-बाप के जेब कटने का महीना होता है. आमतौर पर जब कोई आपकी जेब काटता है तो आप चोर-चोर चिल्लाते हैं, लेकिन इन दो महीनों में जब मां-बाप की जेब कटती है तो वो स्कूल-स्कूल चिल्लाते हैं. किसी जेबकतरे की शिकायत आप पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं. लेकिन जेब काटने वाले स्कूलों की आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते हैं. बहुत मुमकिन है कि जेबकतरे को पुलिस पकड़कर जेल में भी डाल दे, आपका कुछ पैसा भी दिलवा दे, लेकिन स्कूलों पर कोई हाथ नहीं डालता है. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं. ऐसा इसलिए है कि मंत्री से लेकर अधिकारी तक, नौकरी पेशा से लेकर व्यापारी तक, सभी के बच्चे किसी ना किसी स्कूल में पढ़ते हैं.

उनके बच्चों को प्रताड़ित ना किया जाए, उनके बच्चों को स्कूल से ना निकाल दिया जाए, उनके बच्चे के साथ भेदभाव ना शुरु कर दिया जाए, इस डर से सब चुप रहते हैं. और चुप्पी ही स्कूली जेबकतरों की शक्ति है. वर्ष बदलते हैं लेकिन हालात नहीं बदले..फीस और किताबों के SET के नाम पर लुटेरों के जज्बात भी नहीं बदले हैं.

- इस वर्ष स्कूलों में कॉपी-किताबों के पूरे Set की कीमत, 40 प्रतिशत तक महंगी कर दी गई हैं.

- इसमें कॉपी-किताबें करीब 30 प्रतिशत तक महंगी हुई है.

- स्कूल ड्रेस और बैग वगैरह की कीमतों में 40 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया है.

कीमतें हर वर्ष बढ़ाई जाती हैं...

हालांकि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, जैसे महंगाई के नाम पर कॉपी किताबों की कीमतें हर वर्ष हद से ज्यादा बढ़ाई जाती हैं. स्कूलों में बच्चों को ये सिखाया जाता है कि पेड़ काटना नहीं चाहिए. नए पेड़ लगाने चाहिए. लेकिन यही स्कूल अपने यहां हर वर्ष बच्चों को नई क्लास के लिए नए कॉपी-किताबों का सेट खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. पुरानी किताबों को एक तरह से अछूत घोषित कर दिया जाता है.

प्राइवेट स्कूली शिक्षा की बातें...

मतलब ये है कि एक ही परिवार के अगर दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हों, तो स्कूल उन्हें किताबें शेयर करने की इजाज़त नहीं देता है. यानी 7वीं क्लास में पढ़ने वाली कोई बच्ची, 8वीं क्लास में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन की किताबें इस्तेमाल नहीं कर सकती. उसको 8वीं की नई चमचमाती किताबें ही लेनी होंगी. और जैसा की हम कह रहे हैं कि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, उसमें से एक ये भी है कि किताबें छापने वाली कंपनियां और प्राइवेट स्कूलों में गहरे करीबी संबंध होते हैं, कई बार स्कूलों के ही अपने Publishing House भी होते हैं.

अलग-अलग मुद्दों पर सर्वे करने वाली संस्था Local Circle ने प्राइवेट स्कूलों की फीस और कॉपी किताबों के Set की कीमत बढ़ाने को लेकर एक सर्वे किया है. ये सर्वे देश के अलग-अलग प्रदेशों के करीब 312 जिलों में किया गया है. जिसमें अभिभावकों से स्कूल के खर्च पर बात की गई. सर्वे में 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं शामिल की गई थीं.

- Local Circle के इस सर्वे में पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में प्राइवेट स्कूलों की फीस में 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है. सर्वे में शामिल अभिभावकों में से 50 प्रतिशत ने ये बात कही है.

- 8 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस में 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

- 42 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस 30 से 50 प्रतिशत बढ़ी है.

- अभिभावकों ने सर्वे में ये भी बताया कि स्कूल के Session की शुरुआत में नई कॉपी किताबों की लागत की वजह से खर्चे और ज्यादा बढ़े हैं.

- सर्वे के मुताबिक टियर-1 शहरों के स्कूलों की वार्षिक फीस 1 लाख से 4 लाख रुपये की बीच है.

- टियर 2 शहरों में स्कूलों की फीस सालाना 35 हजार से 2 लाख रुपये तक है.

ये एक ऐसी दुकान हैं. जहां स्कूल की किताबें मिलती हैं. आप जिस तरह से अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदते हैं. यहां पर भी वैसी खरीदारी हो रही है. ना आप कुछ बोलते हैं ना दुकानदार कुछ बोलता है, लेकिन कॉपी-किताबों के SET का लेनदेन पूरा हो जाता है. जो लोग इस प्रक्रिया को नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि पहले

- प्राइवेट स्कूल....कॉपी किताबों के सेट खरीदने के लिए एक पर्ची और साथ में कॉपी-किताबों की लिस्ट देता है.

- पर्ची पर पहले से निर्धारित एक खास विशेष दुकान का नाम लिखा होता है.

- आप उस दुकान पर जाते हैं, दुकानदार को वो पर्ची देते हैं.

- पर्ची लेकर दुकानदार आपको एक बैग थमा देता है, इस बैग में पहले ही वो सारी कॉपी-किताबें और स्टेशनरी मौजूद होती है जो स्कूल ने अपने लिस्ट में लिखी थी.

- ना आप दुकानदार से कुछ बोलते हैं, ना दुकानदार आपसे कुछ कहता है, पर्ची,पैसों और किताबों का लेनदेन हो जाता है. काम खत्म.

Publishing House के मालिकों के नेक्सस...

हवाला कारोबार के नेक्सस पर तो देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर होती है, पुलिस उस पर कार्रवाई करती है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों और कॉपी-किताबों वाले Publishing House के मालिकों के नेक्सस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया जाता है, कार्रवाई तो भूल ही जाइए. प्राइवेट स्कूलों की इस मानमानी का असर, उन मां-बाप पर पड़ता है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हैं.

कई बार तो कॉपी किताबों का बिल भी नहीं दिया जाता है. अपराध की दुनिया में हवाला कारोबार भी कुछ ऐसे ही होता है. एक निशानी लेकर जाइए, दूसरे शख्स से उसकी पहचान कराइए, पैसे लीजिए या दीजिए. काम खत्म. मैच फिक्सिंग की तरह स्कूलों की ओर से फिक्स हो चुकी दुकानों में पहले से ही किताबों और नोटबुक के बंडल बनाकर रखे जा चुके होते हैं.

अभिभावकों को केवल बच्चे का नाम और उसकी कक्षा का नाम बताना होता है. केवल दो मिनट में किताबें हाथ में आ जाती हैं. अभिभावक चाहकर भी अपनी पसंद की दुकान से कॉपी किताबें नहीं खरीद पाते हैं. प्राइवेट स्कूल की Education Fixing में शामिल दुकानदार इसीलिए मनचाही कीमत पर कॉपी, किताबें, स्टेशनरी और बाकी सामान बेचते हैं. और मां-बाप उन्हें खरीदने को मजबूर होते हैं.

प्राइवेट स्कूल, खास पब्लिशर की किताब खास जगह से खरीदनों को क्यों कहते हैं ये आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जिन किताबों से बच्चों को ज्ञान मिलता है,..आरोप है उन्हीं किताबों की कीमत से प्राइवेट स्कूलों को कमीशन मिलती है.

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी...

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी से जितना प्यार बच्चों को होता है, उससे ज्यादा प्यार प्राइवेट स्कूलों, पब्लिशिंग हाउस और दुकानदारों को होता है. बच्चों को नई चीजें देखकर खुशी मिलती है...और बाकी सभी को उससे होने वाली कमाई देखकर. स्कूलों की मनमानी हर वर्ष ऐसे ही चलती है, बच्चो के मां-बाप मन मारकर रह जाते हैं और स्कूल्स को कुछ नहीं कह पाते हैं.

स्थिति ये है कि जो किताब बाजार में 100 रुपये की मिलती है, वही किताब स्कूलों की ओर से बताई गई दुकान पर 140 रुपये तक बेची जा रही है. कीमतों में दिख रहा ये अंतर, कमीशन का गहरा खेल है. जिसको समझना एक सामान्य मां-बाप के लिए मुश्किल है. मां-बाप जब अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदने के लिए जाते हैं, तो वो स्कूल की लिस्ट के हिसाब से निश्चित दुकान पर फिक्स्ड प्राइस पर सामान खरीदते हैं. उन्हें प्राइवेट स्कूलों की तरफ से इतना भी अधिकार नहीं दिया जाता है कि वो दूसरी दुकान से किताबें खरीद सकें. हमने इस मुद्दे पर कुछ ऐसे अभिभावकों से बात की, जो स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं.

कई बार अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों की ओर से ऐसे संकेत दिए जाते हैं, कि अगर वो फीस या स्टेशनरी संबंधित दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर सकते, तो वो अपने बच्चों का एडमिशन कहीं और करवा सकते हैं. बस यही बात माता पिता के डर की वजह बनता है.

उन्हें मालूम है कि प्राइवेट स्कूल्स के संबंध बड़े-बड़े व्यापारी घरानों से भी होते हैं. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ना तो कार्रवाई की उम्मीद होती है, ना ही कड़े नियम कानून बनने की उम्मीद होती है.

प्राइवेट स्कूल भी बेधड़क वही करते हैं जिससे उनकी कमाई हो सके. देश में शिक्षा के हालात ऐसे है कि मां-बाप को अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल चुनने के लिए मजबूर किया जाता है. प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की इसी मजबूरी का लाभ उठाते हैं.

From classrooms to airwaves: JBCN International School, Borivali, celebrates World Radio Day.

16th February 2024, Mumbai: On World Radio Day, the airwaves resonated with the vibrant energy of young minds as JBCN International School, Borivali, celebrated the transformative power of radio through its learner-led initiative, JBCN Radio. Spearheaded by Grade IV and V learners, these young Changemakers have been broadcasting thought-provoking episodes on their YouTube channel, covering many topics from current affairs to school events, all while honing essential skills like public speaking, confidence, and creative thinking. Under the constant mentorship from dedicated teachers, the JBCN Radio team has embraced the EduCreative spirit, showcasing their passion and enthusiasm for the world of radio. 

Ms Debika Chatterji, Director Principal of JBCN International School, Borivali, shared her excitement about the initiative, saying, "JBCN Radio truly embodies the EduCreative spirit we strive to cultivate in our learners. Witnessing young minds evolve and foster unity and connectivity within our school community with the power of radio is truly heartening."

Beyond skill development, JBCN Radio provides a platform for learners to express ideas, engage with diverse topics, and address concerns. Learners shaped a collaborative and enriched educational journey through their inclusive approach for all involved.

In celebrating World Radio Day, JBCN International School, Borivali, campus orchestrated various activities. These included information zones, social media trivia, poster making, and jingle creation, empowering learners to unleash their creativity and talents. The winners of these activities earned an opportunity to host their episode on JBCN Radio, further amplifying diverse voices within the school community and inculcating a culture of positive change.

Additionally, an interactive session was organised with RJ Saurabh Naik from All India Radio. During this session, the JBCN Radio team learned about voice culture, gained valuable insights, and acquired tricks to craft compelling and engaging content. This collaborative effort enriched the learners' understanding of the radio industry and fuelled their passion for effective communication.

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश

#session_of_parliament_25_november_start

18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा।

18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था।

इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।

25 नवंबर से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ संशोधन विधेयक हो सकते हैं पेश*
#session_of_parliament_25_november_start
18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर संयुक्त सेशन होगा। ये सेशन पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जाएगा। संविधान दिवस के कार्यक्रम का आयोजन संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर होगा।संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने ये जानकारी दी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा। उन्होंने लिखा, माननीय राष्ट्रपति महोदय ने भारत सरकार की संस्तुति पर संसद के दोनों सदनों को शीतकालीन सत्र 2024 के लिए 25 नवंबर से 20 दिसंबर, 2024 तक (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन) बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 26 नवंबर, 2024 (संविधान दिवस) को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में कार्यक्रम मनाया जाएगा। 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। जिनमें वन नेशन वन इलेक्शन और वक्फ विधेयक जैसे बिल शामिल हैं।इसी के साथ-साथ जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव भी पास होने की संभावना है। हाल ही में जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन प्रस्तावों को लेकर विपक्ष का तीखा रुख देखने को भी मिला था। इससे पहले दो नवंबर को आई सूचना के मुताबिक संसद के शीतकालीन सत्र में 'वन नेशन वन इलेक्शन' और वक्फ कानून में संशोधन के लिए पेश विधेयक पर चर्चा के आसार हैं। विपक्ष के आक्रामक तेवरों को देखते हुए आगामी शीतकालीन सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। गौरतलब है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। अब शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित कराने पर जोर दिया जाएगा।
Harry Porter Book Day Celebrated with Readers Meet Up

Kochi Oct 14 : Harry Porter Book Day was organised by JCI Cochin, SMRI & Book Lovers Club as its first edition on October 12 at Subash Bose Park in Ernakulam with Day long event.

There were 40 plus Readers from all districts of Kerala.

All members had an oppurtunity to introduce themselves with speech.

The Event inaugurated with a Cake cutting ceremony kickstarted by Dr.Shabeer Iqbal JCI President in the presence of Kamal Muhamed Author of Daring Prince & Head of AICHLS ( Kerala)3 Humanitaran Awards Winner 2024, Shaun Joseph secretary JCI, Unnikrishnan past president JCI, Shijin BT founder & Dean SMRI & Faizy Sayed Ibrahim Author & Organisor of event from JCI.

All the participants were honored with Recognition Certificates , apart  Best 4 Readers selected through Jury,Haneefa Cherumukku (7000 Books)

Ajay Jose ( 190)

Fincy Biju ;( 154)

Anju Prejith ;(130) were given Special Honors Momentos Gifts & Books.

Kamal Muhamed Author Daring Prince & Shijin Founder of SMRI were blessed with special token of respect by JCI Cochin.

Shijin Author & Founder of SMRI gave few words about the Book Harry Porter & Author J.K Rowlings.

There were sponsors who have shared their books to be distributed free to participants includes Global Humanitarian & Philanthropist Dr. Mohanji ;( Shubha Raathri Chindakal) he also shared a viedeo message with Best wishes all the way from Montenegro. Where he stressed the importance of reading .

 Author AL Ameen also shared his book ORIDAM THEDI for free distribution.

There was surprise announcement by Author Kamal Muhamed during the event on New Book Release Faizy Syed Ibrahim: IRU HRIDHAYANGAL was cheered. accordingly was released by Dr.Shabeer Iqbal JCI President. event concluded at 5 pm with Photo session by members hoding Play card of Harry Porter..

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

अमेरिका की संसद में गरजे इजरायली पीएम नेतन्याहू, बोले-जब तक हमास को पूरी तरह मिटा नहीं देते जारी रहेगा युद्ध

#israelipmnetanyahuaddressedthejointsessionoftheuscongress

बीते नौ महीनों से इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने अमेरिकी संसद को संबोधित किया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार रात 11:30 बजे (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन को संबोधित किया। नेतन्याहू ने करीब एक घंटे तक भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने सबसे अधिक ईरान पर ही बात की। उन्होंने ईरान को अमेरिका और इजराइल का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। साथ ही उन्होंने हमास और अन्य ईरान समर्थित सशस्त्र समूहों के खिलाफ युद्ध के लिए अमेरिकी समर्थन बढ़ाने की भी मांग की।उन्होंने ये भी कहा कि जब तक हमास को पूरी तरह से मिटा नहीं देते युद्ध खत्म नहीं होगा। 

हमास पर राहत सामग्री को चुराने का आरोप

बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी संसद में 9 महीने से जारी गाजा और इजराइल युद्ध का जिक्र करते हुए हमास पर फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए भेजी जाने वाली राहत सामग्री को चुराने का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इजराइल ने 40,000 से ज्यादा सहायता ट्रकों को गाजा में प्रवेश करने दिया है। लेकिन गाजा में फिलिस्तीनियों को पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा है, तो इसका कारण यह नहीं है कि इजराइल इसे रोक रहा है। बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हमास इसे चुरा रहा है।

हमास पर फिलिस्तीनी नागरिकों का इस्तेमाल करने का आरोप

इजराइली पीएम ने कहा कहाल कि हमास फिलिस्तीनी नागरिकों को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईडीएफ यानी इजराइली रक्षा बलों ने फिलिस्तीनी नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए लाखों फ़्लायर्स भेजे हैं लाखों टेक्स्ट संदेश भेजे हैं और सैकड़ों हजारों फोन कॉल किए हैं। उन्होंने कहा कि हमास फिलिस्तीनी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। वह स्कूलों, अस्पतालों और मस्जिदों से रॉकेट दागता है। जब वे युद्ध क्षेत्र छोड़ने की कोशिश करते हैं तो वे उन्हें गोली भी मार देते हैं।

ईरान को अमेरिका और इजराइल के लिए संकट बताया

इस दौरान इजराइली पीएम ने हिजबुल्ला को भी कुचलने की धमकी। उन्होंने कहा कि हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरू कदम उठाएंगे। आगे उन्होंने ईरान को अमेरिका और इजराइल के लिए संकट बताया। नेतन्याहू ने कहा कि ऐसे में अमेरिका और इस्राइल को एक साथ खड़ा होना चाहिए। जब हम एक साथ खड़े होते हैं तो वास्तव में सब अच्छा होता है। हम जीतते हैं, वे हारते हैं। 

रिकॉर्ड चौथी बार अमेरिकी संसद को संबोधित किया 

नेतन्याहू पहले ऐसे विदेशी नेता बन गए हैं, जिन्होंने अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ कॉमन्स) की संयुक्त बैठक को रिकॉर्ड चौथी बार संबोधित किया है। उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने तीन बार संबोधन किया था।

I'm confident you'll allow the opposition to speak in the house- Rahul Gandhi

And at the same time his alliance govt in Tamilnadu suspended the leader of opposition for the whole session...

The Irony!!!
A legend's final bow: Chhetri wants to walk out on a high
Sports News




Khabar kolkata News bureau:At the end of Sunil Chhetri's penultimate training session of his 19-year international career for India, he quietly picked up a ball, delicately placed it on the penalty spot and signalled Vishal Kaith to take his place between the sticks. As he's done at the end of every training session, he wanted to take a few attempts from 12 yards out before wrapping up for the day.

Chhetri shot four and scored all four of them. A slight grin appeared on his face after every shot. It wasn't just the joy of a successful strike, but of living every last moment of his national team career to the fullest. When the captain announced his retirement, for everyone else, everything became about June 6. But for Chhetri, it was about every single training session leading up to the big day. Every drop of sweat, every stride in his run, every swing of his boot attempting to score every shot in every practice session.

But on June 6, the captain wants it to be all about India. His life has been all about football. After the lights of the Salt Lake Stadium dim on Thursday night, he won't be part of the game for his country on the pitch, but will become another one of the billion-and-a-half fans of the national team. The 90 minutes before that could change Indian football completely. And perhaps fate had it that they would be Chhetri's last 90 minutes too. But there's nothing more the legend wants than bidding adieu to the sacred blue jersey, one which absorbed all of his sweat for nearly two decades, with all three points, which could potentially propel India to the third round. All he wishes for the post-Chhetri Indian team is to see them rub shoulders with Asia's elite.

"I've been fighting a small battle every day. Don't ask me how I feel (about retirement). Because I don't want to address it. We really need to win tomorrow. Once we win this game, it gives us a great chance to go to the third round, which we have never been to. One thing we know for sure is that this is not going to be easy. And one thing we are very happy about is that we're playing in Kolkata. We'll have tremendous support," said Chhetri.

The fan life will be different, but it's something the 39-year-old has already visualised.

"I'll be there wearing a nice suit, coming to watch all our boys play. That's the dream. We win tomorrow, hopefully, and we'll be almost qualified. It's not 100% guaranteed. There are some permutations and combinations, but we'll qualify. There will be 10 top games against the best in Asia, home and away. We'll go and watch the games. I get free tickets so I can enjoy it. That's the whole plan but again, this is only after the hard work that we put in tomorrow. Every day when I talk to the boys I keep telling them this. Hopefully, everything goes according to plan and I can go and watch them (in the third round). Just imagine playing against Japan and Australia in the third round. Just imagine what the whole euphoria will be and that is why the win is important. That's why we want everyone together," stressed Chhetri.

It would simply be the best farewell gift for the captain, and from the captain. The gift for billions in a nation for whom Indian football has only meant Sunil Chhetri over the last two decades. He made the country believe in their national team and inspired millions to kick a football. An icon of not just India, but global football. Only three players have scored more international goals in the history of the sport than him. The numbers speak for themselves. Some of those numbers will never be achieved again.

Thursday will be the 151st and final time he will don the India shirt. From the 20-year-old who sprayed perfume on his shirt before his debut, to the 39-year-old legendary figure, who will have thousands wearing the India jersey with his name on the back, this has been the journey of the nation's greatest football player.

"I think it's the right time. This is the right setup. It's one of the biggest games that I, who has played for 19 years, is going to play. We win, we go to the third round where we've never been before. There couldn't be a better game for me to call it my last. I'm at peace from the inside. I've given whatever I had." *Pic Courtesy by:AIFA* & *Sanjay Hazra*
History beckons Blue Tigers: Chhetri and his men eager to script their own narrative
*Sports News*


*Khabar kolkata News bureau* : The road has been rugged and bumpy so far but India still stand on the cusp of history. A victory on the night of June 6 at the Salt Lake Vivekananda Yubo bharti Stadium for India against Kuwait in their penultimate Group A fixture of the FIFA World Cup 2026 and AFC Asian Cup 2027 Preliminary Joint Qualification Round 2 will put their one foot into the never-seen-before territory - the next round of qualifiers.

June 6. It's a date that has been echoing in the realm of Indian football for the past couple of months. The defeat to Afghanistan in Guwahati in March converted this date into practically a do-or-die occasion for India. And the echoes were further amplified when Sunil Chhetri, exactly three weeks before the D-Day, announced that it would also be his R-Day — R for Retirement. After 19 years of unmatchable service to his great nation, the Indian skipper will hang his boots at the Salt Lake, amid more than 60 thousand people, who will witness the legend's last kick of the ball for India.

But Chhetri was the quickest to point out during Wednesday's pre-match press conference that the match should not be about him, but the potentially ground-breaking result awaiting Indian football.

"I'm trying really hard not to think about the game emotionally. It's not about me. I would love to win 1-0, I don't care who scores. The last 15 days have been good. I think we're on the same page in terms of fitness and that's a good headache for the coach to have," said Chhetri.

India head coach Igor Stimac also concurred with his skipper's words. The most significant thing about tomorrow will be the victory. The fact that it's Chhetri's last 90 minutes for the nation adds to the prestige of the fixture.

"Knowing that this is the last game of our captain for the national team makes this occasion much, much bigger. But of course, this is still about India winning against Kuwait. We are focussed on what we need to do. I will put it in a few words - we are ready for it," said Stimac.

India and Kuwait have met thrice in the last 12 months, twice in the SAFF Championship (1-1 in the group stage and a penalty shoot-out win for India in the final), before the Blue Tigers triumphed 1-0 in the World Cup Qualifiers in November.

"We had three tight, tough games against Kuwait," said Stimac. "Either team could've won them. I would say our best game was away in Kuwait in these qualifiers because that was perfect defensive shape, not allowing them to get near our box and create clear chances. That's what we need to repeat tomorrow, with our discipline, focus, tight marking, reaching the opposition goal and scoring the goal because that's what we need."

Scoring goals from open play has been an Achilles heel for India, who have failed to score in five of the last six matches apart from Chhetri's penalty against Afghanistan in Guwahati. In fact, India's last open-play goal came against Kuwait from Manvir Singh's left foot. But with every passing training session with goal nets bulging non-stop from finishing drills, Stimac gains more and more confidence.

"The boys have worked tremendously hard on details and for everything that is needed for this game. We're going to be absolutely ready for each scenario which awaits us," he said.

As far as India's opponents are concerned, after the end of their domestic season in the last week of May, Kuwait held a one-week camp in Bangkok before travelling to Kolkata on Tuesday night. Their Portuguese head coach Rui Bento named a 26-man squad composed entirely of players from the Kuwait Premier League.

"We expect a good game tomorrow. We know that both teams have competitive targets and the same goal. We've had a good environment in our training. We believe that more than the one week of camp in Thailand, it's about the one and a half year of us being together as a team," said Bento.

The former Portugal youth international coach believed Kuwait, ranked 139th in the world, are now in a better place than last year and can put up a better challenge against India on Thursday as compared to the last three meetings. However, the West Asians are also wary that a defeat will condemn them to the bottom two in the group and officially eliminate them from World Cup qualifying.

"Yes, we played three games against India last year. They were all very balanced and the teams were at a similar level. But all those matches are history. Football is always an ongoing process, and we are proud and confident of ourselves. We are more prepared now to face India and expect ourselves to be better than before and win the game," said Bento.

*Pic Courtesy by: AIFA*
प्राइवेट स्कूलों का सालाना लूट समारोह, किताबें-यूनिफार्म की कीमत जानकर उड़ जाएंगे होश..

मार्च अप्रैल का महीना, बच्चों के मां-बाप के जेब कटने का महीना होता है. आमतौर पर जब कोई आपकी जेब काटता है तो आप चोर-चोर चिल्लाते हैं, लेकिन इन दो महीनों में जब मां-बाप की जेब कटती है तो वो स्कूल-स्कूल चिल्लाते हैं. किसी जेबकतरे की शिकायत आप पुलिस स्टेशन में कर सकते हैं. लेकिन जेब काटने वाले स्कूलों की आप कहीं शिकायत नहीं कर सकते हैं. बहुत मुमकिन है कि जेबकतरे को पुलिस पकड़कर जेल में भी डाल दे, आपका कुछ पैसा भी दिलवा दे, लेकिन स्कूलों पर कोई हाथ नहीं डालता है. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हैं. ऐसा इसलिए है कि मंत्री से लेकर अधिकारी तक, नौकरी पेशा से लेकर व्यापारी तक, सभी के बच्चे किसी ना किसी स्कूल में पढ़ते हैं.

उनके बच्चों को प्रताड़ित ना किया जाए, उनके बच्चों को स्कूल से ना निकाल दिया जाए, उनके बच्चे के साथ भेदभाव ना शुरु कर दिया जाए, इस डर से सब चुप रहते हैं. और चुप्पी ही स्कूली जेबकतरों की शक्ति है. वर्ष बदलते हैं लेकिन हालात नहीं बदले..फीस और किताबों के SET के नाम पर लुटेरों के जज्बात भी नहीं बदले हैं.

- इस वर्ष स्कूलों में कॉपी-किताबों के पूरे Set की कीमत, 40 प्रतिशत तक महंगी कर दी गई हैं.

- इसमें कॉपी-किताबें करीब 30 प्रतिशत तक महंगी हुई है.

- स्कूल ड्रेस और बैग वगैरह की कीमतों में 40 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया है.

कीमतें हर वर्ष बढ़ाई जाती हैं...

हालांकि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, जैसे महंगाई के नाम पर कॉपी किताबों की कीमतें हर वर्ष हद से ज्यादा बढ़ाई जाती हैं. स्कूलों में बच्चों को ये सिखाया जाता है कि पेड़ काटना नहीं चाहिए. नए पेड़ लगाने चाहिए. लेकिन यही स्कूल अपने यहां हर वर्ष बच्चों को नई क्लास के लिए नए कॉपी-किताबों का सेट खरीदने के लिए मजबूर करते हैं. पुरानी किताबों को एक तरह से अछूत घोषित कर दिया जाता है.

प्राइवेट स्कूली शिक्षा की बातें...

मतलब ये है कि एक ही परिवार के अगर दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हों, तो स्कूल उन्हें किताबें शेयर करने की इजाज़त नहीं देता है. यानी 7वीं क्लास में पढ़ने वाली कोई बच्ची, 8वीं क्लास में पढ़ने वाली अपनी बड़ी बहन की किताबें इस्तेमाल नहीं कर सकती. उसको 8वीं की नई चमचमाती किताबें ही लेनी होंगी. और जैसा की हम कह रहे हैं कि प्राइवेट स्कूली शिक्षा की दुनिया में कुछ बातें Universal Truth है, उसमें से एक ये भी है कि किताबें छापने वाली कंपनियां और प्राइवेट स्कूलों में गहरे करीबी संबंध होते हैं, कई बार स्कूलों के ही अपने Publishing House भी होते हैं.

अलग-अलग मुद्दों पर सर्वे करने वाली संस्था Local Circle ने प्राइवेट स्कूलों की फीस और कॉपी किताबों के Set की कीमत बढ़ाने को लेकर एक सर्वे किया है. ये सर्वे देश के अलग-अलग प्रदेशों के करीब 312 जिलों में किया गया है. जिसमें अभिभावकों से स्कूल के खर्च पर बात की गई. सर्वे में 66 प्रतिशत पुरुष और 34 प्रतिशत महिलाएं शामिल की गई थीं.

- Local Circle के इस सर्वे में पता चला है कि पिछले 2 वर्षों में प्राइवेट स्कूलों की फीस में 30 प्रतिशत या उससे ज्यादा की बढ़ोतरी की गई है. सर्वे में शामिल अभिभावकों में से 50 प्रतिशत ने ये बात कही है.

- 8 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस में 40 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है.

- 42 प्रतिशत अभिभावकों ने माना है कि स्कूल की फीस 30 से 50 प्रतिशत बढ़ी है.

- अभिभावकों ने सर्वे में ये भी बताया कि स्कूल के Session की शुरुआत में नई कॉपी किताबों की लागत की वजह से खर्चे और ज्यादा बढ़े हैं.

- सर्वे के मुताबिक टियर-1 शहरों के स्कूलों की वार्षिक फीस 1 लाख से 4 लाख रुपये की बीच है.

- टियर 2 शहरों में स्कूलों की फीस सालाना 35 हजार से 2 लाख रुपये तक है.

ये एक ऐसी दुकान हैं. जहां स्कूल की किताबें मिलती हैं. आप जिस तरह से अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदते हैं. यहां पर भी वैसी खरीदारी हो रही है. ना आप कुछ बोलते हैं ना दुकानदार कुछ बोलता है, लेकिन कॉपी-किताबों के SET का लेनदेन पूरा हो जाता है. जो लोग इस प्रक्रिया को नहीं जानते हैं उन्हें बता दें कि पहले

- प्राइवेट स्कूल....कॉपी किताबों के सेट खरीदने के लिए एक पर्ची और साथ में कॉपी-किताबों की लिस्ट देता है.

- पर्ची पर पहले से निर्धारित एक खास विशेष दुकान का नाम लिखा होता है.

- आप उस दुकान पर जाते हैं, दुकानदार को वो पर्ची देते हैं.

- पर्ची लेकर दुकानदार आपको एक बैग थमा देता है, इस बैग में पहले ही वो सारी कॉपी-किताबें और स्टेशनरी मौजूद होती है जो स्कूल ने अपने लिस्ट में लिखी थी.

- ना आप दुकानदार से कुछ बोलते हैं, ना दुकानदार आपसे कुछ कहता है, पर्ची,पैसों और किताबों का लेनदेन हो जाता है. काम खत्म.

Publishing House के मालिकों के नेक्सस...

हवाला कारोबार के नेक्सस पर तो देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर होती है, पुलिस उस पर कार्रवाई करती है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों और कॉपी-किताबों वाले Publishing House के मालिकों के नेक्सस पर कभी कोई सवाल नहीं उठाया जाता है, कार्रवाई तो भूल ही जाइए. प्राइवेट स्कूलों की इस मानमानी का असर, उन मां-बाप पर पड़ता है जो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हैं.

कई बार तो कॉपी किताबों का बिल भी नहीं दिया जाता है. अपराध की दुनिया में हवाला कारोबार भी कुछ ऐसे ही होता है. एक निशानी लेकर जाइए, दूसरे शख्स से उसकी पहचान कराइए, पैसे लीजिए या दीजिए. काम खत्म. मैच फिक्सिंग की तरह स्कूलों की ओर से फिक्स हो चुकी दुकानों में पहले से ही किताबों और नोटबुक के बंडल बनाकर रखे जा चुके होते हैं.

अभिभावकों को केवल बच्चे का नाम और उसकी कक्षा का नाम बताना होता है. केवल दो मिनट में किताबें हाथ में आ जाती हैं. अभिभावक चाहकर भी अपनी पसंद की दुकान से कॉपी किताबें नहीं खरीद पाते हैं. प्राइवेट स्कूल की Education Fixing में शामिल दुकानदार इसीलिए मनचाही कीमत पर कॉपी, किताबें, स्टेशनरी और बाकी सामान बेचते हैं. और मां-बाप उन्हें खरीदने को मजबूर होते हैं.

प्राइवेट स्कूल, खास पब्लिशर की किताब खास जगह से खरीदनों को क्यों कहते हैं ये आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जिन किताबों से बच्चों को ज्ञान मिलता है,..आरोप है उन्हीं किताबों की कीमत से प्राइवेट स्कूलों को कमीशन मिलती है.

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी...

ई कॉपियां, नई किताबें..नई स्टेशनरी से जितना प्यार बच्चों को होता है, उससे ज्यादा प्यार प्राइवेट स्कूलों, पब्लिशिंग हाउस और दुकानदारों को होता है. बच्चों को नई चीजें देखकर खुशी मिलती है...और बाकी सभी को उससे होने वाली कमाई देखकर. स्कूलों की मनमानी हर वर्ष ऐसे ही चलती है, बच्चो के मां-बाप मन मारकर रह जाते हैं और स्कूल्स को कुछ नहीं कह पाते हैं.

स्थिति ये है कि जो किताब बाजार में 100 रुपये की मिलती है, वही किताब स्कूलों की ओर से बताई गई दुकान पर 140 रुपये तक बेची जा रही है. कीमतों में दिख रहा ये अंतर, कमीशन का गहरा खेल है. जिसको समझना एक सामान्य मां-बाप के लिए मुश्किल है. मां-बाप जब अपने बच्चों के लिए कॉपी किताबें खरीदने के लिए जाते हैं, तो वो स्कूल की लिस्ट के हिसाब से निश्चित दुकान पर फिक्स्ड प्राइस पर सामान खरीदते हैं. उन्हें प्राइवेट स्कूलों की तरफ से इतना भी अधिकार नहीं दिया जाता है कि वो दूसरी दुकान से किताबें खरीद सकें. हमने इस मुद्दे पर कुछ ऐसे अभिभावकों से बात की, जो स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं.

कई बार अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों की ओर से ऐसे संकेत दिए जाते हैं, कि अगर वो फीस या स्टेशनरी संबंधित दिशा निर्देशों का पालन नहीं कर सकते, तो वो अपने बच्चों का एडमिशन कहीं और करवा सकते हैं. बस यही बात माता पिता के डर की वजह बनता है.

उन्हें मालूम है कि प्राइवेट स्कूल्स के संबंध बड़े-बड़े व्यापारी घरानों से भी होते हैं. ऐसे में अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ना तो कार्रवाई की उम्मीद होती है, ना ही कड़े नियम कानून बनने की उम्मीद होती है.

प्राइवेट स्कूल भी बेधड़क वही करते हैं जिससे उनकी कमाई हो सके. देश में शिक्षा के हालात ऐसे है कि मां-बाप को अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल चुनने के लिए मजबूर किया जाता है. प्राइवेट स्कूल अभिभावकों की इसी मजबूरी का लाभ उठाते हैं.

From classrooms to airwaves: JBCN International School, Borivali, celebrates World Radio Day.

16th February 2024, Mumbai: On World Radio Day, the airwaves resonated with the vibrant energy of young minds as JBCN International School, Borivali, celebrated the transformative power of radio through its learner-led initiative, JBCN Radio. Spearheaded by Grade IV and V learners, these young Changemakers have been broadcasting thought-provoking episodes on their YouTube channel, covering many topics from current affairs to school events, all while honing essential skills like public speaking, confidence, and creative thinking. Under the constant mentorship from dedicated teachers, the JBCN Radio team has embraced the EduCreative spirit, showcasing their passion and enthusiasm for the world of radio. 

Ms Debika Chatterji, Director Principal of JBCN International School, Borivali, shared her excitement about the initiative, saying, "JBCN Radio truly embodies the EduCreative spirit we strive to cultivate in our learners. Witnessing young minds evolve and foster unity and connectivity within our school community with the power of radio is truly heartening."

Beyond skill development, JBCN Radio provides a platform for learners to express ideas, engage with diverse topics, and address concerns. Learners shaped a collaborative and enriched educational journey through their inclusive approach for all involved.

In celebrating World Radio Day, JBCN International School, Borivali, campus orchestrated various activities. These included information zones, social media trivia, poster making, and jingle creation, empowering learners to unleash their creativity and talents. The winners of these activities earned an opportunity to host their episode on JBCN Radio, further amplifying diverse voices within the school community and inculcating a culture of positive change.

Additionally, an interactive session was organised with RJ Saurabh Naik from All India Radio. During this session, the JBCN Radio team learned about voice culture, gained valuable insights, and acquired tricks to craft compelling and engaging content. This collaborative effort enriched the learners' understanding of the radio industry and fuelled their passion for effective communication.