बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करीब ₹12 करोड़ की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार



डेस्क: डिजिटल अरेस्ट के जरिये बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तकरीबन 12 करोड़ की ठगी करने के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने 2 आरोपियों को अरेस्ट करने में सफलता पाई है। तरुण और करन नाम के इन आरोपियों ने ED और कस्टम अधिकारी बनकर टेकी विजयकुमार को पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर उनके अकाउंट में मौजूद लगभग 12 करोड़ रुपये के वेरिफिकेशन के नाम पर अलग अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाकर इस ठगी को अंजाम दिया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपियों को इस बात की सूचना मिली थी कि विक्टिम विजयकुमार ने शेयर मार्केट में बड़ा निवेश किया हुआ है जिसके चलते उनके पास 11 करोड़ 84 लाख रुपये जमा हो गए थे। बेंगलुरु नार्थ डिवीजन के तहत GKVK में रहने वाले इस युवक को जब तक ये पता चला कि उसके साथ डिजिटल ठगी हुई है तब तक उसकी सारी कमाई लुट गयी। इस युवक ने पुलिस की साइबर, इकोनॉमिक और नारकोटिक्स यानी CEN ब्रांच में 12 दिसम्बर को एक शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में युवक ने पुलिस को बताया कि 11 नवम्बर सर 12 दिसम्बर के बीच डिजिटल ठगों ने इससे 11 करोड़ 84 लाख रुपये ऐंठ लिये।

पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक इस युवक को 11 नवम्बर को एक IVR फोन आया। इस कॉल में कहा गया कि ये कॉल टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI से है, उसके फोन नम्बर का मिस यूज हुआ है और 2 घंटे में उसका फोन कट जाएगा। उसने जब कारण पूछा तो उसे 8791120937 नंबर से एक फोन आया और सामने वाले ने कहा कि वो मुम्बई के कोलाबा से क्राइम ब्रांच का अफसर है और उसके आधार नम्बर के साथ कोलाबा में एक केस दर्ज हुआ है। उसे बताया गया कि नरेश गोयल नाम के एक व्यक्ति को 6 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पकड़ा गया है और इसमें उसके आधार कार्ड और फोन की डिटेल्स मिली है।

फोन पर ये सब सुनकर युवक डर गया जिसके बाद उसे एक ओर नम्बर 7420928275 से फोन आया। उसने खुद को कस्टम और ED का अधिकारी बताया और इस युवक को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहते हुए उससे मोबाइल फोन पर 2 एप और स्काईप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद पुलिस अधिकारी का भेष बनाकर एक और ठग ने 9997342801 से वीडियो कॉल किया और उसे बताया कि अब ये केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया है और न सिर्फ वो बल्कि उसके परिवार के बाकी लोगों को भी अब जिंदगी भर जेल में रहना होगा।

ये युवक बुरी तरह डर गया और इसका फायदा उठाते हुए ठगों ने उसके बैंक में जमा राशि की सारी जानकारी उससे ले ली। उससे कहा गया कि उसे अपने अकाउंट से पैसे RBI के अकाउंट में जमा कराने होंगे और एक बार वेरिफिकेशन हो जाने के बाद ये रुपये उसके अकाउंट में वापस भेज दिए जाएंगे। इसके बाद 11 नवम्बर को युवक ने ICICI बैंक के एक अकाउंट में 75 लाख जमा कराए , उसके अगले दिन UCO बैंक के एक अकाउंट में 3 करोड़ 14 लाख जमा कराए। इसके बाद उसे मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस से बाहर निकालने के लिए और रुपयों की डिमांड की गई, चूंकि पीड़ित बुरी तरह घबराया हुआ था इसीलिए ठगों ने इसका पूरा फायदा उठाया और सिलसिले वार तरीके से अलग-अलग बैंक अकाउंट में 97 लाख, 25 लाख, 1 करोड़, 56 लाख, 96 लाख और आखिर में 2 लाख रुपए जमा करवाये गए।

इसके बाद युवक से कहा गया कि 12 दिसम्बर की दोपहर तक सारे पैसे दुबारा उसके अकाउंट में आ जाएंगे। तय समय पर पैसे वापस नहीं आये तो ये युवक पैनिक हो गया, उसने उस अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो सारे फोन फोन स्विच ऑफ हो गए। युवक ने जब बैंक को कॉल किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिन 9 बैंक खातों में इंजीनियर ने पैसे ट्रांसफर किये थे उन सभी खातों से पैसे निकाल लिए गए। थे इस वजह से बैंक उसे ब्लॉक नहीं कर पाए। इसके बाद उसे एहसास हुआ कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उसके साथ इतनी बड़ी ठगी हुई है। अब बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भारत एक एकमात्र सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

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Dr. Manmohan Singh (1932-2024)

भारत ने 26 दिसंबर को अपने एकमात्र सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले पूर्व पीएम को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 

भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, सिंह 33 साल के कार्यकाल के बाद अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के कुछ महीनों बाद अक्टूबर 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1982-1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार को रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 92 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी की हालत गंभीर थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचीं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" इसके कुछ ही देर बाद उनके निधन की खबरें आने लगी। 

2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, उन्होंने इसे "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया। पीटीआई ने सिंह के हवाले से 2021 में एक कार्यक्रम में कहा, "बेरोजगारी अधिक है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है, 2016 में लिए गए बिना सोचे-समझे नोटबंदी के फैसले से यह संकट पैदा हुआ है।" 

26 सितंबर, 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने 1952 और 1954 में क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया। पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के बाद सिंह भारत सरकार में शामिल हो गए। 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में। डॉ. मनमोहन सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया।

यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया।

देश उनके योगदान के लिए सदैव आभारी रहेगा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। 

कांग्रेस के सवालों पर वित्तमंत्री ओपी चौधरी का पलटवार, कहा- पिछली सरकार ने छत्तीसगढ़ को किया कंगाल, हर जगह था माफिया राज ….
रायपुर-  छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को 2023 विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने का जनादेश दिया. साय सरकार ने एक साल के कार्यकाल में अधिकतर वादे पूरे किए. किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. कांग्रेस ने साय सरकार के एक साल के कार्यकाल पर कई सवाल उठाए हैं. जिस पर वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने पलटवार किया है. मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, सवालों में कांग्रेस का माफिया राज ही नजर आयेगा. 100 नहीं बल्कि 800 सवाल करें, उनका माफियाराज ही सामने आयेगा.

वित्तीय भार को लेकर पिछली सरकार पर साधा निशाना

वित्तीय भार को विभाग ने मैनेज करने की रणनीति पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पिछली सरकार पर निशाना साधा है. मंत्री चौधरी ने कहा, पिछली सरकार ने छत्तीसगढ़ को कंगाल कर दिया था. हर जगह को माफिया राज बना दिया था. पुराने स्कीम, वेतन और सैलरी के वित्तीय बर्डन के साथ सरकार की कई योजनाएं भी चल रही थी. निश्चित रूप से इसका प्रभाव पड़ा है, लेकिन कांग्रेस के लोग कर्जा लेकर अपना जेब भरने का काम करते थे. RBI से उधार लेकर साय सरकार छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बेहतर उपयोग करेगी.

जनता को बताई जाएगी सरकार की एक साल की उपलब्धियां

मंत्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में एक साल का कार्यकाल पूरा हुआ है. राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री का दौरा होने वाला है, इसपर चर्चा होगी. इस एक साल में सरकार की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा जाएगा. यह सभी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में यह सब हो पाया है.

वहीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि सरकार के 1 साल पूरे हो रहे है. इन सभी में इतने सारे उपलब्धि है. जहां भी जरूरत पड़ेगी हम सदन के समक्ष रखेंगे.

11वीं बार भी नहीं घटा रेपो रेट, ईएमआई पर क्या होगा असर?

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने देश के आर्थिक विकास की रफ्तार की गति के धीमे पड़ने के बाद मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में बड़ा फैसला लिया है। तीन दिन तक चली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में हुए फैसलों को गवर्नर ने शुक्रवार को जनता के सामने रखा। पिछली 10 बार की बैठकों से अपरिवर्तित रहे रेपो रेट पर इस बार भी कोई फैसला नहीं हुआ, गवर्नर ने सारा जोर महंगाई को काबू करने पर दिया और अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए कैश रिजर्व रेशियो 0.50 फीसदी घटा दिया है, जो अब 4 फीसदी हो गया।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी रेट का फैसला सुनाते हुए कहा कि रेपो रेट को फ्रीज रखा जाएगा। इसका मतलब है कि आरबीआई ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आखिरी बार ब्याज दरों में बदलाव फरवरी 2023 में किया था। जब ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद से रिजर्व बैंक की ओर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 4-2 बहुमत से ब्याज दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, जबकि एसडीएफ दर 6.25% और एमएसएफ दर 6.75% पर बनी हुई है। केंद्रीय बैंक का रुख तटस्थ बना हुआ है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से इस तटस्थ नीति रुख को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की, जो वर्तमान आर्थिक स्थितियों के प्रति सतर्क दृष्टिकोण का संकेत देता है।

शक्तिकांत दास ने कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का एलान किया है। सीआरआर को 4.50 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है। कैश रिजर्व रेश्यो में कटौती को दो चरणों में लागू किया जाएगा। इससे बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये का एडिशनल कैश आएगा।

सीआरआर किसी बैंक की कुल जमाराशि का वह प्रतिशत है जिसे उसे आरबीआई के पास नकदी के रूप में रखना होता है। सीआरआर का प्रतिशत आरबीआई द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाता है। बैंकों को इस राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से कम 5.4 प्रतिशत रही। दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में मंदी का संकेत देने वाले संकेतक समाप्त हो गए हैं। दास के अनुसार,आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत किया है। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देने वाले संकेतक अब समाप्त होने की स्थिति में हैं। एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार दबाव रहने से तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि रबी उत्पादन से राहत मिलेगी।

एमपीसी बैठक के बाद गवर्नर ने कहा कि आम आदमी को महंगाई से राहत दिलाना हमारी प्राथमिकता है, लेकिन देश की ग्रोथ रेट भी जरूरी है। लिहाजा एमपीसी ने अपने नजरिये को अब न्‍यूट्रल बना लिया है, जिसका मतलब है कि जैसा आगे माहौल होगा, उसी के हिसाब से रेपो रेट या फिर बैंकों के लोन रेट में कटौती की जाएगी। गवर्नर ने चिंता जताई कि तीसरी तिमाही में भी महंगाई से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही और चौथी तिमाही से ही जाकर इसमें कुछ नरमी आएगी। खास बात तो ये है कि ये बैठक आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल की आखिरी बैठक है। उसके बाद फरवरी में होने वाली बैठक में नए गवर्नर दिखाई दे सकते हैं।

రెపో రేటుపై ఆర్బీఐ కీలక నిర్ణయం

భారతీయ రిజర్వ్ బ్యాంక్ (RBI) వరుసగా 11వ సారి వడ్డీ రేట్లలో ఎలాంటి మార్పు చేయకూడదని నిర్ణయించింది. మూడు రోజుల సుదీర్ఘ మానిటరీ పాలసీ కమిటీ (MPC) సమావేశం తర్వాత, RBI గవర్నర్ శక్తికాంత దాస్ శుక్రవారం డిసెంబర్ 6, 2024న వడ్డీ రేట్లను ప్రకటించారు.

రిజర్వ్ బ్యాంక్ గవర్నర్ (RBI) శక్తికాంత దాస్ తన పదవీ కాలం చివరి ఎంపీసీ సమావేశంలో మరోసారి సామాన్యుల అంచనాలను తలకిందులు చేశారు. మూడు రోజుల పాటు జరిగిన ద్రవ్య విధాన కమిటీ సమావేశంలో తీసుకున్న నిర్ణయాలను గవర్నర్ శుక్రవారం ప్రజల ముందుంచారు. ఈసారి కూడా రెపో రేటు పెంపుపై ఎలాంటి నిర్ణయం తీసుకోలేదు. ఇది గత 10 సమావేశాల నుంచి ఎటువంటి మార్పు లేకుండానే ఉంది. ద్రవ్యోల్బణాన్ని నియంత్రించడానికి, ఆర్థిక వ్యవస్థను పెంచడానికి, నగదు నిల్వల నిష్పత్తిని ఇప్పుడు 0.50 శాతం తగ్గించారు.

RBI గత 10 సార్లు ప్రధాన పాలసీ వడ్డీ రేటు రెపో రేటును 6.5 శాతం వద్ద మార్చకుండా కొనసాగిస్తోంది. RBI ఈ చర్య కారణంగా గృహ రుణ EMIలలో ఎటువంటి తగ్గింపు ఉండదు. శుక్రవారం ద్వైమాసిక ద్రవ్య సమీక్షను సమర్పిస్తూ ఆర్‌బీఐ గవర్నర్ శక్తికాంత దాస్ ఈ మేరకు ప్రకటించారు. ధరల స్థిరత్వం ప్రజలకు చాలా ముఖ్యమని, అయితే వృద్ధి కూడా ముఖ్యమని ఈ సందర్భంగా పేర్కొన్నారు. ఆర్థిక వ్యవస్థలకు ద్రవ్యోల్బణం అంతిమ గమ్యం కష్టతరంగా మారుతుందని ఆయన అన్నారు. పాలసీ రెపో రేటును 6.5% వద్ద యథాతథంగా కొనసాగించాలని ద్రవ్య విధాన కమిటీ 4:2 మెజారిటీతో నిర్ణయించిందని ఆర్‌బీఐ గవర్నర్ వెల్లడించారు.

ఇది రిజర్వ్ బ్యాంక్ 11వ MPC సమావేశం. దీనిలో రెపో రేటు విషయంలో ఎటువంటి మార్పు చేయలేదు. 6 MPC సభ్యులలో 4 మంది మరోసారి దానిని 6.50 శాతం వద్ద కొనసాగించడానికి అనుకూలంగా ఓటు వేశారు. అంటే సామాన్యుడి రుణంలో ఎలాంటి ఉపశమనం ఉండదని, ఈఎంఐ యథాతథంగా ఉంటుందన్నమాట. గత నెలలో విడుదల చేసిన వృద్ధి రేటు గణాంకాలను చూసిన తర్వాత, ఈసారి జరిగే MPC సమావేశంలో CRR తగ్గింపుపై నిర్ణయం తీసుకోవచ్చని ఊహాగానాలు వచ్చాయి. గవర్నర్ కూడా అలాగే చేసి సీఆర్‌ఆర్‌ను 4.5 శాతం నుంచి 4 శాతానికి తగ్గించారు. దీంతో బ్యాంకుల వద్ద అదనంగా రూ.1.20 లక్షల కోట్లు ఉంటాయని, వీటిని రుణాల పంపిణీకి వినియోగించుకోవచ్చని సూచించారు.

MPC ఇప్పుడు తన అభిప్రాయాన్ని తటస్థంగా ఉంచింది. అంటే పర్యావరణం ప్రకారం, రెపో రేటు లేదా బ్యాంకుల రుణ రేట్లు తదనుగుణంగా తగ్గించబడతాయి. మూడో త్రైమాసికంలో కూడా ద్రవ్యోల్బణం నుంచి ఉపశమనం కనిపించడం లేదని, నాలుగో త్రైమాసికం నుంచి మాత్రమే కొంత మోడరేషన్ ఉంటుందని గవర్నర్ ఆందోళన వ్యక్తం చేశారు.

ఆర్‌బీఐ సీఆర్‌ఆర్‌ను 50 బేసిస్ పాయింట్లు (BPS) అంటే 0.5 శాతం తగ్గించింది. దీని వల్ల బ్యాంకింగ్ వ్యవస్థలో రూ.1.1 లక్షల కోట్ల నుంచి రూ. 1.2 లక్షల కోట్ల మొత్తం ఉచితం. అంటే బ్యాంకులు తమ నిల్వల్లో ఉంచిన మొత్తంలో ఈ భాగాన్ని రుణాలుగా ఖర్చు చేస్తాయి. ఇది నేరుగా ఆర్థిక వ్యవస్థకు ప్రయోజనం చేకూరుస్తుంది. ఎందుకంటే ఎక్కువ రుణాల పంపిణీ అంటే వినియోగం కూడా పెరుగుతుంది. ఇది తయారీని వేగవంతం చేస్తుంది. తద్వారా మొత్తం ఆర్థిక వ్యవస్థ చక్రం వేగంగా ప్రారంభమవుతుంది.

ప్రస్తుత పరిస్థితుల దృష్ట్యా ద్రవ్యోల్బణం ఒత్తిడితో రిజర్వ్ బ్యాంక్ వృద్ధి రేటు అంచనాను తగ్గించాల్సి వచ్చింది. ప్రస్తుత ఆర్థిక సంవత్సరంలో వృద్ధి రేటు 7.2 శాతంగా ఉంటుందని ముందుగా అంచనా వేయగా, ఇప్పుడు 6.6 శాతానికి తగ్గింది. వచ్చే ఆర్థిక సంవత్సరం అంటే 2026 మొదటి త్రైమాసికంలో వృద్ధి రేటు అంచనా కూడా 7.3 నుంచి 6.9 శాతానికి తగ్గించబడింది. రెండో త్రైమాసిక అంచనాను 7.3 శాతంగా కొనసాగించింది.

డాలర్‌తో పోల్చితే డేంజర్ జోన్‌లో రూపాయి

అగ్రరాజ్యం అమెరికా డాలర్ బలపడటం, చైనా కరెన్సీ యువాన్ బలహీనపడటం వల్ల దేశీయ కరెన్సీ ఒత్తిడిలో ఉండవచ్చని ఆర్థిక నిపుణులు చెబుతున్నారు. ఈ నేపథ్యంలో వచ్చే డిసెంబర్ నాటికి రూపాయి విలువ మరింత తగ్గుతుందని భావిస్తున్నారు.

ఈ సంవత్సరం చివరి నాటికి డాలర్‌తో పోల్చితే రూపాయి (rupee) విలువ మరింత బలహీనపడవచ్చని ఆర్థిక నిపుణులు అంటున్నారు. డాలర్(Dollar) బలపడటం, చైనా కరెన్సీ యువాన్ బలహీనపడటం వల్ల స్థానిక కరెన్సీ ఒత్తిడిలో ఉండవచ్చని చెబుతున్నారు. ఈ క్రమంలో భారతీయ రిజర్వ్ బ్యాంక్ (RBI) రూపాయికి మద్దతు ఇవ్వడానికి కరెన్సీ మార్కెట్లో చురుకుగా ఉంటుందని భావిస్తున్నారు. ఐడీఎఫ్‌సీ ఫస్ట్ బ్యాంక్ ప్రకారం ఈ సంవత్సరాంతానికి రూపాయి డాలర్‌కు 85 స్థాయిని తాకవచ్చన్నారు. గురువారం నాడు రూపాయి 84.41 వద్ద ముగిసింది. కరెన్సీ మార్కెట్ శుక్రవారం మూసివేయబడింది.

నవంబర్‌లో డాలర్‌తో పోలిస్తే రూపాయి ఇప్పటికే 0.33 శాతం క్షీణించింది. సెప్టెంబరు వరకు చాలా వరకు స్థిరంగా ఉన్న స్థానిక కరెన్సీ, US ఫెడరల్ రిజర్వ్ నిర్ణయాలు, USలో డొనాల్డ్ ట్రంప్ విజయంతో రేటు తగ్గింపు తర్వాత ఒత్తిడి మొదలైంది. తక్కువ బ్యాలెన్స్ ఆఫ్ పేమెంట్స్ మిగులు డాలర్‌ను బలోపేతం చేస్తాయని ఐడీఎఫ్‌సీ ఫస్ట్ బ్యాంక్ చీఫ్ ఎకనామిస్ట్ గౌరా సేన్ గుప్తా అన్నారు. యువాన్ బలహీనపడటం వల్ల 2025 ఆర్థిక సంవత్సరంలో రూపాయిపై ఒత్తిడిని ఉంటుందన్నారు. అక్టోబరు నుంచి నవంబర్ 8 వరకు రూపాయి క్షీణత వేగాన్ని పరిమితం చేయడానికి RBI $ 15.5 బిలియన్ల నికర విక్రయాన్ని చేసింది.

నవంబర్ 8తో ముగిసిన వారంలో దేశ విదేశీ మారక నిల్వలు 675.7 బిలియన్ డాలర్లకు తగ్గాయి. రూపాయి పతనాన్ని ఆపడానికి, కరెన్సీ మార్కెట్‌లో RBI జోక్యం చేసుకుంది. ఈ క్రమంలో గత ఆరు వారాల్లో విదేశీ మారక నిల్వలు 29 బిలియన్ డాలర్లు తగ్గాయి. విదేశీ మారకపు మార్కెట్‌లో ఆర్‌బీఐ జోక్యం సాధారణం కంటే ఎక్కువగా ఉందని, డాలర్లను విక్రయించడం ద్వారా రూపాయికి సెంట్రల్ బ్యాంక్ మద్దతునిస్తుందని మార్కెట్ పార్టిసిపెంట్లు చెబుతున్నారు. మరోవైపు విదేశీ మారకపు మార్కెట్‌లో సెంట్రల్ బ్యాంక్ జోక్యం అసాధారణమైన అస్థిరతను నిరోధించడమేనని, పరిమితిని లక్ష్యంగా చేసుకోలేదని ఆర్‌బీఐ గవర్నర్ శక్తికాంత దాస్ ఇటీవల చెప్పారు.

డాలర్‌తో పోలిస్తే రూపాయి విలువ 84.50 స్థాయిలో పరీక్షించబడుతుందని బ్యాంక్ ఆఫ్ బరోడా చీఫ్ ఎకనామిస్ట్ మదన్ సబ్నవిస్ అన్నారు. ట్రంప్ అమెరికా అధ్యక్షుడైన తర్వాత డాలర్ బలపడటం, విదేశీ ఇన్వెస్టర్ల ఉపసంహరణ సహజమేనని గుర్తు చేశారు. రూపాయి 84 స్థాయిని దాటిన తర్వాత పరిమిత జోక్యాన్ని చూశామన్నారు. కాబట్టి RBI చర్యలు కూడా కీలకమని ప్రస్తావించారు. నవంబర్‌లో ఇప్పటివరకు 10 సంవత్సరాల US బాండ్లపై రాబడి 20 బేసిస్ పాయింట్లు పెరిగింది. ప్రస్తుత ఆర్థిక సంవత్సరంలో ఇప్పటివరకు డాలర్‌తో రూపాయి మారకం విలువ 1.2 శాతం క్షీణించగా, ఈ ఏడాది రూపాయి 1.5 శాతం బలహీనపడింది.

దేశంలో అతిపెద్ద బ్యాంక్ నుంచి కస్టమర్లకు షాక్

దేశంలోనే అతిపెద్ద బ్యాంకు అయిన ఎస్‌బీఐ రుణాలపై వడ్డీ రేట్లను పెంచింది. మార్జినల్ కాస్ట్ ఆఫ్ ఫండ్స్ బేస్డ్ లెండింగ్ రేటును 5 బేసిస్ పాయింట్లు పెంచిన నేపథ్యంలో రుణ రేట్లు పెరగనున్నాయి. అయితే ఎలాంటి లోన్స్ పెరిగే అవకాశం ఉందనే వివరాలను ఇక్కడ తెలుసుకుందాం.

దేశంలో అతిపెద్ద ప్రభుత్వ రంగ బ్యాంకు అయిన స్టేట్ బ్యాంక్ ఆఫ్ ఇండియా (SBI) తన ఖాతాదారులకు షాక్ ఇచ్చిందని చెప్పవచ్చు. ఎందుకంటే బ్యాంక్ MCLR (మార్జినల్ కాస్ట్ ఆఫ్ ఫండ్స్ బేస్డ్ లెండింగ్ రేట్)ని ఇటివల 0.05% పెంచింది. ఈ కొత్త మార్పు శుక్రవారం నుంచి అమల్లోకి వచ్చింది. ఒక సంవత్సరం MCLR ఇప్పుడు 9%కి చేరుకుంది. ఇది దీర్ఘకాలిక గృహ రుణాలు, ఇతర ప్రధాన రుణాలకు ముఖ్యమైనది. ఎస్‌బీఐ (ఎస్‌బీఐ హోమ్ లోన్) ఎమ్‌సీఎల్‌ఆర్‌ని పెంచడం ఇటీవలి కాలంలో ఇది రెండోసారి. బ్యాంక్ ప్రకారం ఈ నిర్ణయానికి కారణం ఖర్చులు, మార్కెట్లో పోటీ పెరగడమేనని పేర్కొన్నారు.

MCLR పెరుగుదల వల్ల ఇప్పుడు SBI లోన్స్ తీసుకున్న కస్టమర్లు మరింత వడ్డీని చెల్లించవలసి ఉంటుంది. వారి రుణాలు MCLR ఆధారిత వడ్డీ రేట్లపై నిర్ణయించబడతాయి. SBI మొత్తం రుణ పుస్తకంలో 42% MCLRకి సంబంధించినదని బ్యాంక్ ఛైర్మన్ CS శెట్టి తెలిపారు. రుణాలు రెపో రేటు వంటి బాహ్య బెంచ్‌మార్క్ రేట్లతో అనుసంధానించబడి ఉన్నాయన్నారు. MCLRలో మార్పు వల్ల నేరుగా ఇల్లు, కారు, వ్యక్తిగత రుణాలు వంటి సేవలను ఉపయోగిస్తున్న వినియోగదారులపై ప్రభావం పడుతుంది.

SBI (SBI హోమ్ లోన్) మూడు నెలలు, ఆరు నెలలు, సంవత్సరం MCLRని 0.05% పెంచింది. అయితే ఓవర్‌నైట్, ఒక నెల, రెండు సంవత్సరాలు, మూడు సంవత్సరాల పదవీకాలానికి MCLR రేట్లలో ఎటువంటి మార్పు చేయలేదు.

కొత్త - పాత వడ్డీ రేట్లు

ముందు వడ్డీ రేటు (%) - ఇప్పుడు వడ్డీ రేటు (%)

ఒక నెల 8.20 - 8.20

మూడు నెలలు 8.50 - 8.55

ఆరు నెలలు 8.85 - 8.90

ఒక సంవత్సరం 8.95 - 9.0

రెండు సంవత్సరాలు 9.05 - 9.05

మూడు సంవత్సరం 9.10 - 9.10

MCLR అనేది బ్యాంకులు తమ ఖాతాదారులకు రుణాలు ఇచ్చే కనీస వడ్డీ రేటు. రుణ వడ్డీ (SBI హోమ్ లోన్) రేట్లను పారదర్శక పద్ధతిలో నిర్ణయించడానికి వీలుగా RBI ఏప్రిల్ 2016లో ఈ విధానాన్ని అమలు చేసింది. బ్యాంకుల నిధుల ఖర్చులు, నగదు నిర్వహణ, ఇతర ఖర్చుల ఆధారంగా MCLR నిర్ణయించబడుతుంది. ఈ విధానంలో RBI నుంచి ప్రత్యేక అనుమతి లేని పక్షంలో బ్యాంకులు కస్టమర్‌కు స్థిర రేటు కంటే తక్కువ వడ్డీ రేటుకు రుణం ఇవ్వలేవు. ఈ వ్యవస్థ ప్రధాన లక్ష్యం RBI చేసిన వడ్డీ రేటు తగ్గింపుల ప్రయోజనాన్ని వినియోగదారులకు అందించడం.

MCLRలో పెరుగుదల ఆధారంగా రుణాలు పొందిన వినియోగదారుల EMIలపై ప్రత్యక్ష ప్రభావాన్ని చూపుతుంది. అయితే రెపో రేటు వంటి బాహ్య బెంచ్‌మార్క్ రేట్లపై ఆధారపడి రుణాలు పొందిన కస్టమర్‌లపై వెంటనే ప్రభావం చూపకపోవచ్చు. ఉదాహరణకు మీరు గృహ రుణం తీసుకుంటూ MCLR 9% అయినట్లయితే, మీ నెలవారీ వాయిదా పెరగవచ్చు. అయితే ఈ మార్పు లోన్ కాలవ్యవధి, అసలు మొత్తంపై కూడా ఆధారపడి ఉంటుంది.

RBI को धमकी भरा कॉल, खुद को बताया आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का CEO

डेस्क: मुंबई स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दफ्तर को एक धमकी भरा कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का CEO बताते हुए धमकी दी। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, यह कॉल शनिवार सुबह लगभग 11:00 बजे आई और इसके बाद आरोपी ने गाना गाना शुरू कर दिया।

कॉल आने के बाद RBI अधिकारियों ने तुरंत मुंबई पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने रमाबाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया। फिलहाल, पुलिस की ओर से आरोपी की पहचान और उस तक पहुंचने के लिए तफ्तीश की जा रही है।

मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और कॉल के पीछे कौन था, यह जल्द ही पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

कांग्रेस के स्टार प्रचारक पप्पू यादव ने असम सीएम हेमंता को रगड़ा,


जबरन वसूली और टाडा केस का जिक्र, पूरे परिवार पर लगाए आरोप

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण को लेकर सियासी दलों के नेताओं अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक नेता राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव असम के सीएम हेमंता बिस्वा सरमा पर लगातार हमलावर नजर आए।  

आज एक बार फिर पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हेमंता बिस्वा सरमा पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए । उन्होंने बताया कि प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट Pvt Ltd नाम की कंपनी में 2 मार्च को पैसे जमा किए गए थे। हेमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी के अकाउंट में। 10 करोड रुपए उनके अकाउंट में आए। शारदा चिट फंड के द्वारा यह पैसा दिया गया । शारदा चिट फंड के दो मुख्य आरोपी बीजेपी में शामिल हुए थे। हेमंता बिस्वा सरमा और मुकुल सेन। सुदीप्ता सेन ने सीबीआई को कहा कि 3 करोड़ रुपए दिए गए। RBI ने आरोप लगाया कि जितनी भी टी कंपनी है सब में हेमंता के बेटे और पत्नी का शेयर होल्डर है।

पप्पू यादव ने हेमंता बिस्वा सरमा को बड़ा चोर बताते हुए कहा कि 60% व्यापारियों के शेयर होल्डर अपने परिवार के नाम लिखवा लिए। वहीं उन्होंने दावा किया कि इनसे जुड़े टेप भी हम लेकर आयेंगे जिसमें वो लोगों को धमकी दे रहे है।  

पप्पू यादव ने शब्दों की मर्यादा को पार करते हुए असम सीएम को जल्लाद बताया और इन्हें सीएम नहीं बने रहने देना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की।

दूसरी ओर तस्करी की बात करते हुए कहां कि यह कहते है कि जानवर की स्मगलिंग असम से हो रही है। अगर स्मगलिंग हो रही है तो वह पैसा सीएम को जा रहा है। जानवर , कोयला , सुपारी और दवाई की स्मगलिंग हो रही है। हेमंता बिस्वा सरमा पहले अपने परिवार के अकाउंट का ब्यौरा दे। कांग्रेस के विधायकों को खरीदने के लिए जो पैसा कहा से आ रहा है। 20 साल आप जो सीएम रहे। रघुवर दास से बड़ा चोर इस राज्य में कोई नहीं हुआ है।

दो या इससे अधिक बैंक खाते रखने वालों पर अब आरबीआई की नजर, जारी किया गाइडलाइन, नहीं हो सकेगा फर्जीवाड़ा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक नई गाइडलाइन जारी की है जो उन ग्राहकों को प्रभावित कर सकती है जिनके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं। RBI के इस दिशा-निर्देश का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित बनाना और संभावित फर्जीवाड़े को रोकना है।

भारत में बैंकिंग व्यवस्था में धोखाधड़ी और अवैध लेनदेन की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में RBI ने कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश पेश किए हैं ताकि बैंक खातों में होने वाले संदिग्ध लेनदेन पर निगरानी रखी जा सके। इसका उद्देश्य साफ है – बैंकिंग सेक्टर को सुरक्षित बनाना और हर तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाना।

RBI के इस नए नियम के तहत अगर किसी ग्राहक के पास एक से अधिक बैंक खाते हैं और इनमें लेनदेन हो रहे हैं, तो उसके खाते पर नजर रखी जाएगी। अगर लेनदेन में किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि पाई जाती है, तो संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि ग्राहक के खाते के ट्रांजैक्शन पैटर्न और वैलिडिटी पर निर्भर करेगी।

सावधानी

जिन ग्राहकों के पास एक से अधिक बैंक खाते हैं, उन्हें अपने लेनदेन के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। RBI की गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी ग्राहक के खाते में संदिग्ध प्रकार का लेनदेन पाया जाता है, तो बैंक को यह अधिकार है कि वे उस खाते की जांच-पड़ताल करें। अगर जांच में अनियमितता पाई जाती है, तो खाते को फ्रीज किया जा सकता है और ग्राहक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से ग्राहकों के खातों की जांच करते रहें, खासकर उन खातों की जिनमें एक से अधिक बैंक खाते हो सकते हैं। अगर किसी खाते में संदिग्ध गतिविधि पाई जाती है, तो बैंक को इसकी रिपोर्ट तुरंत RBI को देनी होगी। इसके आधार पर ग्राहक के खिलाफ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं। दो बैंक खाते रखना सभी के लिए गलत नहीं है। कई लोग अलग-अलग उद्देश्यों के लिए कई बैंक खातों का उपयोग करते हैं, उन्हें लेन देन स्पष्ट रखना होगा।

बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करीब ₹12 करोड़ की ठगी, दो आरोपी गिरफ्तार



डेस्क: डिजिटल अरेस्ट के जरिये बेंगलुरु के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से तकरीबन 12 करोड़ की ठगी करने के मामले में बेंगलुरु पुलिस ने 2 आरोपियों को अरेस्ट करने में सफलता पाई है। तरुण और करन नाम के इन आरोपियों ने ED और कस्टम अधिकारी बनकर टेकी विजयकुमार को पहले डिजिटल अरेस्ट किया और फिर उनके अकाउंट में मौजूद लगभग 12 करोड़ रुपये के वेरिफिकेशन के नाम पर अलग अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाकर इस ठगी को अंजाम दिया।

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपियों को इस बात की सूचना मिली थी कि विक्टिम विजयकुमार ने शेयर मार्केट में बड़ा निवेश किया हुआ है जिसके चलते उनके पास 11 करोड़ 84 लाख रुपये जमा हो गए थे। बेंगलुरु नार्थ डिवीजन के तहत GKVK में रहने वाले इस युवक को जब तक ये पता चला कि उसके साथ डिजिटल ठगी हुई है तब तक उसकी सारी कमाई लुट गयी। इस युवक ने पुलिस की साइबर, इकोनॉमिक और नारकोटिक्स यानी CEN ब्रांच में 12 दिसम्बर को एक शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत में युवक ने पुलिस को बताया कि 11 नवम्बर सर 12 दिसम्बर के बीच डिजिटल ठगों ने इससे 11 करोड़ 84 लाख रुपये ऐंठ लिये।

पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक इस युवक को 11 नवम्बर को एक IVR फोन आया। इस कॉल में कहा गया कि ये कॉल टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI से है, उसके फोन नम्बर का मिस यूज हुआ है और 2 घंटे में उसका फोन कट जाएगा। उसने जब कारण पूछा तो उसे 8791120937 नंबर से एक फोन आया और सामने वाले ने कहा कि वो मुम्बई के कोलाबा से क्राइम ब्रांच का अफसर है और उसके आधार नम्बर के साथ कोलाबा में एक केस दर्ज हुआ है। उसे बताया गया कि नरेश गोयल नाम के एक व्यक्ति को 6 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पकड़ा गया है और इसमें उसके आधार कार्ड और फोन की डिटेल्स मिली है।

फोन पर ये सब सुनकर युवक डर गया जिसके बाद उसे एक ओर नम्बर 7420928275 से फोन आया। उसने खुद को कस्टम और ED का अधिकारी बताया और इस युवक को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कहते हुए उससे मोबाइल फोन पर 2 एप और स्काईप डाउनलोड करने को कहा। इसके बाद पुलिस अधिकारी का भेष बनाकर एक और ठग ने 9997342801 से वीडियो कॉल किया और उसे बताया कि अब ये केस सुप्रीम कोर्ट में चला गया है और न सिर्फ वो बल्कि उसके परिवार के बाकी लोगों को भी अब जिंदगी भर जेल में रहना होगा।

ये युवक बुरी तरह डर गया और इसका फायदा उठाते हुए ठगों ने उसके बैंक में जमा राशि की सारी जानकारी उससे ले ली। उससे कहा गया कि उसे अपने अकाउंट से पैसे RBI के अकाउंट में जमा कराने होंगे और एक बार वेरिफिकेशन हो जाने के बाद ये रुपये उसके अकाउंट में वापस भेज दिए जाएंगे। इसके बाद 11 नवम्बर को युवक ने ICICI बैंक के एक अकाउंट में 75 लाख जमा कराए , उसके अगले दिन UCO बैंक के एक अकाउंट में 3 करोड़ 14 लाख जमा कराए। इसके बाद उसे मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस से बाहर निकालने के लिए और रुपयों की डिमांड की गई, चूंकि पीड़ित बुरी तरह घबराया हुआ था इसीलिए ठगों ने इसका पूरा फायदा उठाया और सिलसिले वार तरीके से अलग-अलग बैंक अकाउंट में 97 लाख, 25 लाख, 1 करोड़, 56 लाख, 96 लाख और आखिर में 2 लाख रुपए जमा करवाये गए।

इसके बाद युवक से कहा गया कि 12 दिसम्बर की दोपहर तक सारे पैसे दुबारा उसके अकाउंट में आ जाएंगे। तय समय पर पैसे वापस नहीं आये तो ये युवक पैनिक हो गया, उसने उस अधिकारी से बात करने की कोशिश की तो सारे फोन फोन स्विच ऑफ हो गए। युवक ने जब बैंक को कॉल किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिन 9 बैंक खातों में इंजीनियर ने पैसे ट्रांसफर किये थे उन सभी खातों से पैसे निकाल लिए गए। थे इस वजह से बैंक उसे ब्लॉक नहीं कर पाए। इसके बाद उसे एहसास हुआ कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उसके साथ इतनी बड़ी ठगी हुई है। अब बेंगलुरु साइबर क्राइम पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
भारत एक एकमात्र सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में निधन

#former_prime_minister_dr_manmohan_singh_dies_at_the_age_of_92

Dr. Manmohan Singh (1932-2024)

भारत ने 26 दिसंबर को अपने एकमात्र सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 साल की उम्र में अंतिम सांस लेने वाले पूर्व पीएम को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। 

भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार, सिंह 33 साल के कार्यकाल के बाद अप्रैल 2024 में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री बनने के कुछ महीनों बाद अक्टूबर 1991 में राज्यसभा में प्रवेश किया। अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में 26 सितंबर, 1932 को जन्मे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1982-1985 तक RBI के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को गुरुवार को रात करीब 8 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 92 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी की हालत गंभीर थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सिंह की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रमुख संस्थान पहुंचीं।

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। उनके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" इसके कुछ ही देर बाद उनके निधन की खबरें आने लगी। 

2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे सिंह इस साल की शुरुआत में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए, जिससे 33 साल बाद उच्च सदन में उनकी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम का प्रतिनिधित्व किया और 2019 में राजस्थान चले गए। संसद में उनका अंतिम हस्तक्षेप नोटबंदी के खिलाफ था, उन्होंने इसे "संगठित लूट और वैधानिक लूट" बताया। पीटीआई ने सिंह के हवाले से 2021 में एक कार्यक्रम में कहा, "बेरोजगारी अधिक है और अनौपचारिक क्षेत्र खस्ताहाल है, 2016 में लिए गए बिना सोचे-समझे नोटबंदी के फैसले से यह संकट पैदा हुआ है।" 

26 सितंबर, 1932 को पंजाब में जन्मे सिंह ने 1952 और 1954 में क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना आर्थिक ट्रिपोस पूरा किया। इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल. किया। पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन के बाद सिंह भारत सरकार में शामिल हो गए। 1971 में वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में। डॉ. मनमोहन सिंह को 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया गया।

यूएनसीटीएडी सचिवालय में एक छोटे कार्यकाल के बाद, उन्हें 1987-1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग का महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह ने वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पदों पर भी कार्य किया।

देश उनके योगदान के लिए सदैव आभारी रहेगा, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।