बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित किया जाए : प्रो सत्यकाम
जम्मू-कश्मीर में एनसी बनी सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन वोटों के मामले में बाजी मार गई बीजेपी
#nc_won_most_seats_in_jammu_and_kashmir_but_this_party_won_in_terms_of_votes
* जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। यहां 90 विधानसभा सीटों में से एनसी को 42 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है, जबकि भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है। जम्मू-कश्मीर बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत थी। राज्य में एनसी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है। दोनों दलों ने साथ मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। ऐसे में सरकार एनसी-कांग्रेस ही बनाने वाली है। भले कांग्रेस पार्टी गठबंधन को बहुमत मिला है, लेकिन चुनावी नतीजों का बारीक अध्ययन करें तो पाएगें कि यहां भी उसकी लुटिया डूब गई है। खासकर, बीजेपी के मुकाबले उसका प्रदर्शन काफी खराब रहा है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की प्रमुख पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन तो यही कहता है। *बीजेपी को सबसे ज्यादा 25.64 फीसदी वोट मिले* नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भले ही सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, लेकिन कुल वोट पाने के मामले में वह सूबे में दूसरे नंबर पर है। भारतीय जनता पार्टी भले ही कुल सीटों के मामले में दूसरे नंबर पर आई हो, उसने जम्मू-कश्मीर के अपने चुनावी इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने न सिर्फ सूबे की 90 में से 29 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की, बल्कि सबसे ज्यादा 25.64 फीसदी वोट भी हासिल किए। कुल वोटों के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस दूसरे नंबर पर रही जिसे 23.43 फीसदी वोट मिले। संख्या के हिसाब से देखें तो बीजेपी को 1462225 वोट और NC को 1336147 वोट मिले हैं। वहीं, कांग्रेस को 11.97 और PDP को 8.87 फीसदी वोट मिले और ये दोनों दल क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे। इस तरह देखा जाए तो बीजेपी ने कांग्रेस और PDP के कुल वोटों से भी ज्यादा वोट बटोरे। *स्ट्राइक रेट में कांग्रेस से मीलों आगे* जम्मू कश्मीर में 90 सीटों के लिए तीन चरण में चुनाव हुआ। नतीजों में कुल 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही नेशनल कांफ्रेंस के हिस्से आई 42 सीट। यानी ओवरऑल एनसी का स्ट्राइक रेट 75 फीसदी के करीब रहा। उसकी सहयोगी कांग्रेस पार्टी का स्ट्राइक रेट 15 फीसदी को भी पार नहीं कर सका। 39 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस 6 सीट पर सिमट गई। बीजेपी की बात करें तो, वह जम्मू की सभी 43 और कश्मीर की 47 में से केवल 19 सीट पर चुनाव लड़ रही थी। इस तरह, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कुल 62 उम्मीदवार उतारे। जिनमें 29 जीत गए। यानी पार्टी 47 फीसदी के स्ट्राइक रेट के साथ एनसी से काफी पीछे मगर कांग्रेस से कई कोस आगे रही। *बीजेपी का जम्मू में स्ट्राइक रेट 67 फीसदी* अब क्षेत्रवार यानी जम्मू और कश्मीर का अलग-अलग स्ट्राइक रेट देखा। जम्मू को केंद्र में रखकर बीजेपी के प्रदर्शन को देखा जाए तो वह एनसी, कांग्रेस से काफी आगे दिखती है। पार्टी ने जम्मू की सभी 43 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स को उतारा था। इनमें 29 जीत गए। यानी बीजेपी का जम्मू में स्ट्राइक रेट 67 फीसदी रहा। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस जम्मू की जिन 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। उनमें से 7 सीट जीत गई। मतलब ये कि एनसी जम्मू में 41 फीसदी सीट जीत पाने में वह सफल रही। जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस जम्मू में केवल 1 सीट जीत सकी। कांग्रेस जम्मू के 29 सीट पर चुनाव लड़ रही थी। इस तरह, देश की सबसे पुरानी पार्टी का जम्मू में स्ट्राइक रेट महज 3 फीसदी रहा। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर की 47 सीटों में से 39 पर चुनाव लड़ा। इनमें से 35 सीट वह जीत गई। इस तरह एनसी का घाटी में स्ट्राइक रेट 90 फीसदी रहा, जिसको क्लीन स्वीप कहा जाना चाहिए। जबकि कश्मीर में 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही उसकी साझेदार कांग्रेस केवल 5 सीट जीत सकी। यानी वादी में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी रहा।
झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 49 प्रस्ताव पर लगी मुहर, रांची में खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज,
राशन कार्ड की संख्या 20 से बढ़कर 25 लाख की गई
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई।इस बैठक में कुल 49 प्रस्तावों पर मुहर लगी है.जो इस प्रकार हैं-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभुक के लिए झारखंड राज्य खाद्य योजना के लाभुक का लक्ष्य 20 लाख से बढ़ा कर 25 लाख किया गया। मुफ्त खाद्यान योजना अगले आदेश तक बढ़ाया गया। वही पीडीएस डीलर का कमीशन 100 रुपए से बढ़ा कर 150 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।
पीडीएस डीलर के आश्रित अब 60 साल की उम्र के बाद निधन पर भी अनुकंपा का लाभ ले सकते हैं। अब इसे बढ़ाकर 70 साल कर दिया गया है।
झारखंड राज्य युवा आयोग प्रक्रिया एवं संचालन अधिनियम 2024 की स्वीकृति मिली।
झारखंड में 15 वर्ष का कार्य अवधि पूरी कर चुकी सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा।
राजधानी रांची में नए मेडिकल कॉलेज के लिए 10 अरब रुपए की मंजूरी दी गई।
राजकीय होमियो पैथिक अस्पताल गोड्डा के चिकित्सा पदाधिकारी के मानदेय वृद्धि की गई।
बोकारो के 500 बेड के अस्पताल का नाम जगन्नाथ महतो मेडिकल कॉलेज किया गया।
राज्य योजना से नेताजी सुभाष आवासीय विद्यालय में जेनरेटर व्यवस्था एवं शिक्षा संचालन की स्वीकृति मिली।
अनुसूचित जन जाति, जाति पिछड़ा वर्ग के तहत संचालित 6 एकलव्य विधायक के गैर सरकारी संस्था से संचालन की स्वीकृति।
रांची विश्व विद्यालय के सिल्ली विधानसभा में डिग्री विधायक के निर्माण के लिए 59 करोड़ के राशि की स्वीकृति
पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति नियमावली 2018 के संशोधन की स्वीकृति।
धनबाद साइंस केंद्र के लिए 41 करोड़ की मंजूरी दी गई।
स्टेट ऑफ आर्ट संस्थान के तौर पर विकसित करने के लिए पोल्टेकनिक कॉलेज खरसवा के लिए राशि की स्वीकृति।
झारखंड प्रोफेसनल एजुकेशन ऑर्डिनेंश 2024 की स्वीकृति , शुल्क नियामक समिति का गठन , शक्ति का निर्धारण किया गया है ।
फूलो झानो महाविद्यालय के तहत नर्सिंग कॉलेज के स्थापना की स्वीकृति
रांची में निर्माणाधीन रबिंद्र भवन के लिए 292 करोड़ के पुनरीक्षित प्रक्लन की स्वीकृति
डिजिटल पंचायत योजना के संशोधन की स्वीकृति
गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्प संख्यक माध्यमिक विद्यालय के कर्मियों को 7 वे वेतनमान के अनुरूप पेंशन एवं अन्य सुविधा के संबंध में स्वीकृति
स्टेट ऑफ आर्ट संस्थान के तौर पर विकसित करने के लिए पोल्टेकनीक कॉलेज जयनगर ,कोडरमा के लिए राशि की स्वीकृति
झारखंड विधानसभा के सदस्यों के गृह निर्माण के लिए अग्रिम राशि लेने से संबंधित नियमावली में संशोधन।
झारखंड अग्नि समन सेवा के अराजपत्रित नियमावली में संशोधन की स्वीकृति।
केंद्र प्रायोजित कृषि उन्नति योजना के तहत ग्राम स्तर पर कार्यरत कृषक मित्रों के देय राशि को 1000 से बढ़ा कर 2000 रुपए किया गया ,16 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा लाभ
साहेबगंज में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा के लिए 433 एकड़ रैयती भूमि के अधिग्रहण की स्वीकृति
रसोइया सह सहायिका को 1000 हजार रुपए अतिरिक्त वृद्धि 12 महीने के लिए किया गया।
पीएम मोदी और भारत को अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए', महबूबा मुफ्ती ने क्यों कही ये बात?*
#kashmir_would_have_been_part_of_pakistan_why_pdp_chief_mufti_said_this *
जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी के दरवाजे पर आई थी। ये बात प्रधानमंत्री जी को याद होगा। यही नहीं, पीडीपी चीफ ने ये भी कहा कि अब्दुल्ला परिवार की वजह से भारत में कश्मीर है। अगर अब्दुल्ला खानदान ने तब पाकिस्तान का एजेंडा लागू किया होता तो जम्मू कश्मीर भारत के बदले पाकिस्तान में होता और आजाद होता। श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उमर अब्दुल्ला ने यहां उनके एजेंडे को लागू किया। जहां तक महबूबा मुफ्ती, मुफ्ती परिवार और पीडीपी का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी को याद होगा कि सरकार बनाने के लिए वे 2-3 महीने तक हमारे दरवाजे पर थे। उन्होंने कहा कि हम जो भी शर्तें रखेंगे, वे हमारे साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और हमने शर्तें रखीं जैसे कि 370 से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। सड़कें खोली जाएंगी, AFSPA हटाया जाएगा। पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी बुलाया। वे खुद हमारे दरवाजे पर आए, जैसे वे उमर को मंत्री बनाने के लिए आए थे, देखिए अब वे क्या बोल रहे हैं? महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा। महबूबा ने कहा कि मोदी जी को शेख परिवार का आभारी होना चाहिए, जिनके प्रयासों से देश में जम्मू कश्मीर का विलय हुआ। उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी में मंत्री थे, तब उन्होंने पोटा लाया, तब भाजपा, उमर को हर जगह घुमाती रही, ताकि यह दिखाया जा सके कि कश्मीर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है और यह केवल आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान पर हमला किया जाना चाहिए और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए और उमर ने भी उन्हें यहां अपना एजेंडा लागू करने में मदद की। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
पीएम मोदी और भारत को अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए', महबूबा मुफ्ती ने क्यों कही ये बात?
#kashmir_would_have_been_part_of_pakistan_why_pdp_chief_mufti_said_this
जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी के दरवाजे पर आई थी। ये बात प्रधानमंत्री जी को याद होगा। यही नहीं, पीडीपी चीफ ने ये भी कहा कि अब्दुल्ला परिवार की वजह से भारत में कश्मीर है। अगर अब्दुल्ला खानदान ने तब पाकिस्तान का एजेंडा लागू किया होता तो जम्मू कश्मीर भारत के बदले पाकिस्तान में होता और आजाद होता।
श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उमर अब्दुल्ला ने यहां उनके एजेंडे को लागू किया। जहां तक महबूबा मुफ्ती, मुफ्ती परिवार और पीडीपी का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी को याद होगा कि सरकार बनाने के लिए वे 2-3 महीने तक हमारे दरवाजे पर थे।
उन्होंने कहा कि हम जो भी शर्तें रखेंगे, वे हमारे साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और हमने शर्तें रखीं जैसे कि 370 से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। सड़कें खोली जाएंगी, AFSPA हटाया जाएगा। पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी बुलाया। वे खुद हमारे दरवाजे पर आए, जैसे वे उमर को मंत्री बनाने के लिए आए थे, देखिए अब वे क्या बोल रहे हैं?
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा। महबूबा ने कहा कि मोदी जी को शेख परिवार का आभारी होना चाहिए, जिनके प्रयासों से देश में जम्मू कश्मीर का विलय हुआ। उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी में मंत्री थे, तब उन्होंने पोटा लाया, तब भाजपा, उमर को हर जगह घुमाती रही, ताकि यह दिखाया जा सके कि कश्मीर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है और यह केवल आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान पर हमला किया जाना चाहिए और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए और उमर ने भी उन्हें यहां अपना एजेंडा लागू करने में मदद की।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 370 निरस्त के खिलाफ प्रस्ताव, सीएम अब्दुल्ला बोले-इसका कोई औचित्य नहीं
#pdpmlamovesresolutionopposingabrogationofarticle370jk_assembly
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद सोमवार को विधानसभा की पहली बैठक शुरू हुई। विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र शुरू होते ही हंगामा हो गया। दरअसल, सत्र के पहले ही दिन पीडीपी विधायक वहीद-उर-रहमान ने सदन में जम्मू-कश्मीर में फिर से अनुच्छेद 370 लागू करने और राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश कर दिया। बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पुलवामा के विधायक वहीद उर रहमानपारा ने अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। भाजपा द्वारा टिप्पणी को हटाने और प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया।
इस प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं- उमर अब्दुल्ला
वहीं, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि 370 के खिलाफ प्रस्ताव की कोई अहमियत नहीं है। सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते। हमें पता था कि इसके लिए एक सदस्य द्वारा तैयारी की जा रही है। वास्तविकता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं। अगर उन्होंने इसे स्वीकार किया होता, तो आज के नतीजे अलग होते। सदन इस पर कैसे विचार करेगा, यह कोई एक सदस्य तय नहीं करेगा।
सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी विधायक द्वारा आज लाए गए प्रस्ताव का कोई महत्व नहीं है, यह केवल कैमरों के लिए है। अगर इसके पीछे कोई उद्देश्य होता, तो वे पहले हमसे इस पर चर्चा करते। इसके बाद उन्होंने स्पीकर से सदन को स्थगित करने का रिक्वेस्ट किया। इसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।
महबूबा ने प्रस्ताव की सराहना की
पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए पीडीपी नेता की सराहना की। महबूबा मुफ़्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करने और विशेष दर्जा बहाल करने के संकल्प के लिए वहीद पारा द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने पर मुझे गर्व है।
अब्दुल रहीम राथर चुने गए स्पीकर
इस बीच सदन में सोमवार को उसके अध्यक्ष का चुनाव हुआ। विधायक अब्दुल रहीम राथर को सदन का स्पीकर चुना गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह पूरे सदन की ओर से राथर को बधाई देते हैं। आप स्पीकर पद के स्वाभाविक दावेदार थे। आपका किसी एक भी सदस्य ने विरोध नहीं किया। अब आप इस सदन के कस्टोडियन हैं।
बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित किया जाए : प्रो सत्यकाम
जम्मू-कश्मीर में एनसी बनी सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन वोटों के मामले में बाजी मार गई बीजेपी
#nc_won_most_seats_in_jammu_and_kashmir_but_this_party_won_in_terms_of_votes
* जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई वाली जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। यहां 90 विधानसभा सीटों में से एनसी को 42 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है, जबकि भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही है। जम्मू-कश्मीर बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत थी। राज्य में एनसी और कांग्रेस के बीच गठबंधन है। दोनों दलों ने साथ मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। ऐसे में सरकार एनसी-कांग्रेस ही बनाने वाली है। भले कांग्रेस पार्टी गठबंधन को बहुमत मिला है, लेकिन चुनावी नतीजों का बारीक अध्ययन करें तो पाएगें कि यहां भी उसकी लुटिया डूब गई है। खासकर, बीजेपी के मुकाबले उसका प्रदर्शन काफी खराब रहा है। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की प्रमुख पार्टियों बीजेपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन तो यही कहता है। *बीजेपी को सबसे ज्यादा 25.64 फीसदी वोट मिले* नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भले ही सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, लेकिन कुल वोट पाने के मामले में वह सूबे में दूसरे नंबर पर है। भारतीय जनता पार्टी भले ही कुल सीटों के मामले में दूसरे नंबर पर आई हो, उसने जम्मू-कश्मीर के अपने चुनावी इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। बीजेपी ने न सिर्फ सूबे की 90 में से 29 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की, बल्कि सबसे ज्यादा 25.64 फीसदी वोट भी हासिल किए। कुल वोटों के मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस दूसरे नंबर पर रही जिसे 23.43 फीसदी वोट मिले। संख्या के हिसाब से देखें तो बीजेपी को 1462225 वोट और NC को 1336147 वोट मिले हैं। वहीं, कांग्रेस को 11.97 और PDP को 8.87 फीसदी वोट मिले और ये दोनों दल क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर रहे। इस तरह देखा जाए तो बीजेपी ने कांग्रेस और PDP के कुल वोटों से भी ज्यादा वोट बटोरे। *स्ट्राइक रेट में कांग्रेस से मीलों आगे* जम्मू कश्मीर में 90 सीटों के लिए तीन चरण में चुनाव हुआ। नतीजों में कुल 56 सीटों पर चुनाव लड़ रही नेशनल कांफ्रेंस के हिस्से आई 42 सीट। यानी ओवरऑल एनसी का स्ट्राइक रेट 75 फीसदी के करीब रहा। उसकी सहयोगी कांग्रेस पार्टी का स्ट्राइक रेट 15 फीसदी को भी पार नहीं कर सका। 39 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस 6 सीट पर सिमट गई। बीजेपी की बात करें तो, वह जम्मू की सभी 43 और कश्मीर की 47 में से केवल 19 सीट पर चुनाव लड़ रही थी। इस तरह, बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में कुल 62 उम्मीदवार उतारे। जिनमें 29 जीत गए। यानी पार्टी 47 फीसदी के स्ट्राइक रेट के साथ एनसी से काफी पीछे मगर कांग्रेस से कई कोस आगे रही। *बीजेपी का जम्मू में स्ट्राइक रेट 67 फीसदी* अब क्षेत्रवार यानी जम्मू और कश्मीर का अलग-अलग स्ट्राइक रेट देखा। जम्मू को केंद्र में रखकर बीजेपी के प्रदर्शन को देखा जाए तो वह एनसी, कांग्रेस से काफी आगे दिखती है। पार्टी ने जम्मू की सभी 43 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स को उतारा था। इनमें 29 जीत गए। यानी बीजेपी का जम्मू में स्ट्राइक रेट 67 फीसदी रहा। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस जम्मू की जिन 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। उनमें से 7 सीट जीत गई। मतलब ये कि एनसी जम्मू में 41 फीसदी सीट जीत पाने में वह सफल रही। जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस जम्मू में केवल 1 सीट जीत सकी। कांग्रेस जम्मू के 29 सीट पर चुनाव लड़ रही थी। इस तरह, देश की सबसे पुरानी पार्टी का जम्मू में स्ट्राइक रेट महज 3 फीसदी रहा। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस ने कश्मीर की 47 सीटों में से 39 पर चुनाव लड़ा। इनमें से 35 सीट वह जीत गई। इस तरह एनसी का घाटी में स्ट्राइक रेट 90 फीसदी रहा, जिसको क्लीन स्वीप कहा जाना चाहिए। जबकि कश्मीर में 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही उसकी साझेदार कांग्रेस केवल 5 सीट जीत सकी। यानी वादी में कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 50 फीसदी रहा।
झारखंड कैबिनेट की बैठक में कुल 49 प्रस्ताव पर लगी मुहर, रांची में खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज,
राशन कार्ड की संख्या 20 से बढ़कर 25 लाख की गई
रिपोर्टर जयंत कुमार
रांची : झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई।इस बैठक में कुल 49 प्रस्तावों पर मुहर लगी है.जो इस प्रकार हैं-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से आच्छादित लाभुक के लिए झारखंड राज्य खाद्य योजना के लाभुक का लक्ष्य 20 लाख से बढ़ा कर 25 लाख किया गया। मुफ्त खाद्यान योजना अगले आदेश तक बढ़ाया गया। वही पीडीएस डीलर का कमीशन 100 रुपए से बढ़ा कर 150 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।
पीडीएस डीलर के आश्रित अब 60 साल की उम्र के बाद निधन पर भी अनुकंपा का लाभ ले सकते हैं। अब इसे बढ़ाकर 70 साल कर दिया गया है।
झारखंड राज्य युवा आयोग प्रक्रिया एवं संचालन अधिनियम 2024 की स्वीकृति मिली।
झारखंड में 15 वर्ष का कार्य अवधि पूरी कर चुकी सरकारी वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा।
राजधानी रांची में नए मेडिकल कॉलेज के लिए 10 अरब रुपए की मंजूरी दी गई।
राजकीय होमियो पैथिक अस्पताल गोड्डा के चिकित्सा पदाधिकारी के मानदेय वृद्धि की गई।
बोकारो के 500 बेड के अस्पताल का नाम जगन्नाथ महतो मेडिकल कॉलेज किया गया।
राज्य योजना से नेताजी सुभाष आवासीय विद्यालय में जेनरेटर व्यवस्था एवं शिक्षा संचालन की स्वीकृति मिली।
अनुसूचित जन जाति, जाति पिछड़ा वर्ग के तहत संचालित 6 एकलव्य विधायक के गैर सरकारी संस्था से संचालन की स्वीकृति।
रांची विश्व विद्यालय के सिल्ली विधानसभा में डिग्री विधायक के निर्माण के लिए 59 करोड़ के राशि की स्वीकृति
पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति नियमावली 2018 के संशोधन की स्वीकृति।
धनबाद साइंस केंद्र के लिए 41 करोड़ की मंजूरी दी गई।
स्टेट ऑफ आर्ट संस्थान के तौर पर विकसित करने के लिए पोल्टेकनिक कॉलेज खरसवा के लिए राशि की स्वीकृति।
झारखंड प्रोफेसनल एजुकेशन ऑर्डिनेंश 2024 की स्वीकृति , शुल्क नियामक समिति का गठन , शक्ति का निर्धारण किया गया है ।
फूलो झानो महाविद्यालय के तहत नर्सिंग कॉलेज के स्थापना की स्वीकृति
रांची में निर्माणाधीन रबिंद्र भवन के लिए 292 करोड़ के पुनरीक्षित प्रक्लन की स्वीकृति
डिजिटल पंचायत योजना के संशोधन की स्वीकृति
गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्प संख्यक माध्यमिक विद्यालय के कर्मियों को 7 वे वेतनमान के अनुरूप पेंशन एवं अन्य सुविधा के संबंध में स्वीकृति
स्टेट ऑफ आर्ट संस्थान के तौर पर विकसित करने के लिए पोल्टेकनीक कॉलेज जयनगर ,कोडरमा के लिए राशि की स्वीकृति
झारखंड विधानसभा के सदस्यों के गृह निर्माण के लिए अग्रिम राशि लेने से संबंधित नियमावली में संशोधन।
झारखंड अग्नि समन सेवा के अराजपत्रित नियमावली में संशोधन की स्वीकृति।
केंद्र प्रायोजित कृषि उन्नति योजना के तहत ग्राम स्तर पर कार्यरत कृषक मित्रों के देय राशि को 1000 से बढ़ा कर 2000 रुपए किया गया ,16 हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा लाभ
साहेबगंज में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा के लिए 433 एकड़ रैयती भूमि के अधिग्रहण की स्वीकृति
रसोइया सह सहायिका को 1000 हजार रुपए अतिरिक्त वृद्धि 12 महीने के लिए किया गया।
पीएम मोदी और भारत को अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए', महबूबा मुफ्ती ने क्यों कही ये बात?*
#kashmir_would_have_been_part_of_pakistan_why_pdp_chief_mufti_said_this *
जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी के दरवाजे पर आई थी। ये बात प्रधानमंत्री जी को याद होगा। यही नहीं, पीडीपी चीफ ने ये भी कहा कि अब्दुल्ला परिवार की वजह से भारत में कश्मीर है। अगर अब्दुल्ला खानदान ने तब पाकिस्तान का एजेंडा लागू किया होता तो जम्मू कश्मीर भारत के बदले पाकिस्तान में होता और आजाद होता। श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उमर अब्दुल्ला ने यहां उनके एजेंडे को लागू किया। जहां तक महबूबा मुफ्ती, मुफ्ती परिवार और पीडीपी का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी को याद होगा कि सरकार बनाने के लिए वे 2-3 महीने तक हमारे दरवाजे पर थे। उन्होंने कहा कि हम जो भी शर्तें रखेंगे, वे हमारे साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और हमने शर्तें रखीं जैसे कि 370 से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। सड़कें खोली जाएंगी, AFSPA हटाया जाएगा। पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी बुलाया। वे खुद हमारे दरवाजे पर आए, जैसे वे उमर को मंत्री बनाने के लिए आए थे, देखिए अब वे क्या बोल रहे हैं? महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा। महबूबा ने कहा कि मोदी जी को शेख परिवार का आभारी होना चाहिए, जिनके प्रयासों से देश में जम्मू कश्मीर का विलय हुआ। उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी में मंत्री थे, तब उन्होंने पोटा लाया, तब भाजपा, उमर को हर जगह घुमाती रही, ताकि यह दिखाया जा सके कि कश्मीर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है और यह केवल आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान पर हमला किया जाना चाहिए और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए और उमर ने भी उन्हें यहां अपना एजेंडा लागू करने में मदद की। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
पीएम मोदी और भारत को अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए', महबूबा मुफ्ती ने क्यों कही ये बात?
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जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी के दरवाजे पर आई थी। ये बात प्रधानमंत्री जी को याद होगा। यही नहीं, पीडीपी चीफ ने ये भी कहा कि अब्दुल्ला परिवार की वजह से भारत में कश्मीर है। अगर अब्दुल्ला खानदान ने तब पाकिस्तान का एजेंडा लागू किया होता तो जम्मू कश्मीर भारत के बदले पाकिस्तान में होता और आजाद होता।
श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उमर अब्दुल्ला ने यहां उनके एजेंडे को लागू किया। जहां तक महबूबा मुफ्ती, मुफ्ती परिवार और पीडीपी का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी को याद होगा कि सरकार बनाने के लिए वे 2-3 महीने तक हमारे दरवाजे पर थे।
उन्होंने कहा कि हम जो भी शर्तें रखेंगे, वे हमारे साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और हमने शर्तें रखीं जैसे कि 370 से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। सड़कें खोली जाएंगी, AFSPA हटाया जाएगा। पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी बुलाया। वे खुद हमारे दरवाजे पर आए, जैसे वे उमर को मंत्री बनाने के लिए आए थे, देखिए अब वे क्या बोल रहे हैं?
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा। महबूबा ने कहा कि मोदी जी को शेख परिवार का आभारी होना चाहिए, जिनके प्रयासों से देश में जम्मू कश्मीर का विलय हुआ। उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी में मंत्री थे, तब उन्होंने पोटा लाया, तब भाजपा, उमर को हर जगह घुमाती रही, ताकि यह दिखाया जा सके कि कश्मीर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है और यह केवल आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान पर हमला किया जाना चाहिए और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए और उमर ने भी उन्हें यहां अपना एजेंडा लागू करने में मदद की।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
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Nov 04 2024, 13:28