अब संजय राउत के भाई के बिगड़े बोल, शिंदे गुट की महिला उम्मीदवार को कहा ‘बकरी’

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महाराष्ट्र चुनाव में बदजुबानी जारी है। पहले शिवसेना उद्धव गुट के नेता अरविंद सांवत ने शायना एनसी को “इम्पोर्टेड माल” कहकर संबोधित किया था। अब शिवसेना उद्धव गुट के ही संजय राउत के भाई और उम्मीदवार सुनील राउत ने महिला उम्मीदवार का अपमान किया है। सुनील राउत ने महिला उम्मीदवार को बकरी कहकर संबोधित किया है।

संजय राउत के भाई सुनील राउत का विवादित वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में सुनील राउत बता रहे हैं कि उनके सामने कोई उम्मीदवार ही नहीं है। उन्होंने कहा, वो दस से साल से विधायक है। अब कोई उम्मीदवार नहीं मिला तो एक बकरी को लाकर मेरे सामने खड़ा कर दिया। अब बकरी आई तो बकरे को सर झुकाना ही पड़ेगा।

बता दें कि सुनील राउत विक्रोली विधानसभा से तीसरी बार शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार बने हैं। अब उन्हें उम्मीद है वो जीतेंगे ही नहीं बल्कि इस बार मंत्री भी बनेंगे।वहीं, सुनील राउत के सामने शिवसेना शिंदे गुट ने इलाके की पार्षद सुवर्णा करंजे को उम्मीदवार बनाया है। जिन्हें सुनाल राउत ने बकरी कह कर संबोधित कर रहे हैं।

इससे पहले शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सांवत पहले ही शिंदे गुट की उम्मीदवार शायना एनसी को माल कहकर संबोधित कर चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर उद्धव गुट के नेता ने बदजुबानी की है।

महाराष्ट्र चुनाव: एनसीपी ने जारी की 38 उम्मीदवारों की पहली सूची, बारामती से लड़ेंगे अजित पवार

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महाराष्ट्र चुनाव के एलान के बाद से ही सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इस बीच आज एनसीपी (अजित गुट) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 38 नाम शामिल हैं जिसमें उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार का भी नाम है। उप मुख्यमंत्री अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अजिर पवार कह चुके थे कि उन्हें बारामती से लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन लिस्ट से उनकी मंशा साफ हो गयी है।

पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 38 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। लिस्ट में अजित पवार, दिलीप वालसे पाटिल, धनंजय मुंडे, नरहरी झिरवाल, अदिति तटकरे, हसन मुशरिफ सहित अनिल पाटिल ज्यादातर नाम उन्हीं के है जो सिटिंग विधायक हैं। उनकी ही सीट पर उन्हें टिकट दिया गया है। अजित पवार के बेटे पार्थ को पहले बारामती सीट से लड़ाने की तैयारी थी, लेकिन अजित खुद अपनी सीट पर लड़ रहे हैं और पार्थ पवार के नाम को किसी सीट पर घोषित नहीं किया गया है। छगन भुजबल येओला से, दिलीप वाल्से पाटिल अम्बेगांव से चुनाव लड़ेंगे।

मलिक परिवार को किनारा!

एनसीपी की इस लिस्ट में सिटिंग विधायक नवाब मलिक का नाम नहीं है। उनकी बेटी को उनकी जगह चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। उनका नॉमिनेशन को लेकर एनसीपी ने तारीख भी तय कर दी थी, लेकिन बाद में वापस ले ली गई और अब लिस्ट में ही उनका नाम नहीं है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी मलिक परिवार को किनारे कर सकती है। वहीं, संयुक्त एनसीपी में जितेंद्र आह्वाड कलवा मुंब्रा से लड़ते रहे हैं, लेकिन उनके सामने अब एनसीपी ने नजीब मुल्ला को टिकट दिया है।

शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी

इससे पहले, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। सीएम एकनाथ शिंदे जीत का चौका लगाने के लिए एक बार फिर कोपरी पाचपाखाड़ी से अपनी दावेदारी पेश करेंगे तो वहीं पार्टी ने पैठण से विलास संदिपान भूमरे को चुनावी मैदान में उतारा है।

कैसा है महाराष्ट्र का सियासी समीकरण?

महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।

Bengal U-19 team in Vinoo Mankad Trophy semifinals after 11 years

Sports

Khabar kolkata News Desk: Bengal Under-19 team stormed into the semifinals of the Vinoo Mankad Trophy after a dominant 96-run victory over Maharashtra in the quarterfinals in Rajkot on Sunday.

Bengal entered the last-four stage of the competition after 11 years. They last qualified back in 2013.

Skipper Chandrahas Dash led from the front with a brilliant 82 off 112 balls. Agniswar Das (73), player-of-the-match Vishal Bhati (4-23), Ashutosh Kumar (2-23) and Jeet Thakur (2-25) also impressed for Bengal.

Opting to bat, Bengal posted a challenging 269/9 in 49 overs.

In reply, Maharashtra were bundled out for 173 in 41.1 overs.

"It has been a team effort. Maharashtra is one of the strongest teams in the competition. To beat them in this manner is incredible. Every member of our team stepped up when it mattered. Now we must focus on our next match," Bengal U-19 head coach Sourashish Lahiri said.

Pic Courtesy by: CAB

Bengal U-19 team enter quarterfinals of Vinoo Mankad Trophy
*Sports News*



*Khabar kolkata:* Bengal Under-19 team stormed into the quarterfinals of the Vinoo Mankad Trophy after a dominant 50-run victory over Madhya Pradesh in the pre-quarterfinals in Rajkot on Thursday.

Bengal’s Agniswar Das was awarded the player-of-the-match for his brilliant 87 off 113 balls. He struck seven boundaries and 2 sixes. Vishal Bhati (53, 2-32), Yudhajit Guha (3-37), Ganoranjan Kapat (2-17), Irshad Alam (2-23) also impressed for Bengal.

Batting first, Bengal posted 227/9 in 50 overs. In reply, Madhya Pradesh were bundled out for just 177 in 37.3 overs.

Bengal will next take on Maharashtra in the last-eight clash on Sunday.

Pic Courtesy by: CAB
शाहरूख खान के बेटे को जेल भेजने वाले समीर वानखेड़े की महाराष्ट्र चुनाव में एंट्री! ये पार्टी दे रही टिकट

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। इस बीच बड़ी खबर आ रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब एक हाई प्रोफाइल अधिकारी की एंट्री होने वाली है। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ कथित ड्रग्स मामले में कार्रवाई से चर्चा में आये पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े अब चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।

किस सीट से लड़ेंगे चुनाव?

सूत्रों के मुताबिक समीर वानखेड़े आगामी विधानसभा में ताल ठोकेंगे। सूत्रों की माने तो आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े शिवसेना शिंदे गुट से जुड़ेंगे। उन्हें शिंदे गुट मुंबई की किसी एक विधानसभा सीट से टिकट दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस बात चर्चा काफी जोरों पर है कि वे धारावी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि समीर वानखेड़े ने अभी तक सरकारी नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया है।

कौन हैं समीर वानखेड़े?

44 साल के समीर वानखेड़े 2008 बैच के आईआरएस भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। 2021 तक उन्होंने मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर के रूप में काम किया। एनसीबी में शामिल होने से पहले, वानखेड़े ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी और एयर इंटेलिजेंस यूनिट के साथ काम किया।अपने पूरे करियर के दौरान, वानखेड़े ने ड्रग एन्फॉर्समेंट से जुड़ी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में विभिन्न पदों पर काम किया है। समीर वानखेड़े ड्रग तस्करों और उनके नेटवर्क को निशाना बनाकर छापे मारने, खुफिया ऑपरेशन करने और अंडरकवर जांच करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। अपने 15 साल के करियर के दौरान उन्हें 17,000 किलोग्राम नशीले ड्रग्स पदार्थ और 165 किलोग्राम सोना जब्त करने का श्रेय दिया जाता है।

इन मामलों से बटोरीं सुर्खियां

अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद गिरोह के ड्रग्स नेक्सस को तोड़ना, इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला, सिंगर मिका सिंह को कस्टम चोरी मामला,शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की कोर्डलिया क्रूज ड्रग्स मामले में जेल डालने जैसे केस हैंडल करने वाले समीर वानखेड़े को जांबाज अधिकारियों में गिना जाता है।

महाराष्ट्र में एक तो झारखंड में दो चरणों में मतदान, 23 नवंबर को आएंगे नतीजे

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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा। वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 23 नवंबर को ही आएंगे। झारखंड में 2 चरणों में चुनाव होंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र में 9.63 करोड़ मतदाता होंगे। 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिला मतदाता होंगी। 1.85 करोड़ युवा मतदाता होंगे। पहली बार मतदान करने वाली संख्या 20.93 लाख होगी। राज्य में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र होंगे।

झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। यहां 2.6 करोड़ मतदाता होंगे। इनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता होंगे। यहां युवा मतदाताओं की संख्या 66.84 लाख और पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 11.84 लाख होगी। झारखंड में 29,562 मतदान केंद्र होंगे। कतारों के बीच में थोड़ी कुर्सियां या बेंच लगाई जाएंगी ताकि अपनी बारी का इंतजार कर रहे मतदाता थोड़ी-थोड़ी देर में बैठ सकें। ये व्यवस्था हर मतदान केंद्र पर मिलेगी।

सीईसी ने ईवीएम को लेकर कही ये बात

चुनाव आयोग ने मतगणना के दौरान नतीजों के रुझानों पर रिपोर्टिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की। ईवीएम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पांच छह महीने पहले ईवीएम की पहले लेवल की चेकिंग होती है। हमारे पास ईवीएम को लेकर 20 शिकायतें आई हैं और हम हर शिकायत का जवाब देंगे, पूरे तथ्यों के साथ। ये हमारा कर्तव्य है। हम उन जवाबों को प्रकाशित भी करेंगे ताकि सभी को पता चल सके। पहली चेकिंग, स्टोरेज रखना फिर उसे बूथ पर ले जाना, फिर स्टोरेज रखना और फिर मतगणना, हर समय पर राजनीतिक पार्टियों के एजेंट्स मौजूद रहते हैं।

एग्जिट पोल को लेकर क्या कहा

चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के अनुमानों पर कहा कि इसके सैंपल साइज और अन्य चीजों को देखने की जरूरत है। एग्जिट पोल का कोई साइंटिफिक आधार नहीं है, लेकिन एक सोच बन जाती है कि ऐसा हो सकता है। हमारी काउंटिंग तो 8.30 बजे के बाद ही शुरू होती है। वास्तविक रूप से जब एक्चुअल रिजल्ट आने शुरू होते हैं तो उससे मिसलिड होती है।

2 రెమ్మలు.. 2 వేలు.. నాణ్యత, బరువులో తేడా రాకుండా సరఫరా

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు.

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు. ఈనెల 22న హెచ్‌న్యూ (హైదరాబాద్‌ నార్కోటిక్‌ ఎన్‌ఫోర్స్‌మెంట్‌ వింగ్‌) పోలీసులకు చిక్కిన అనంతయ్య ఫ్యామిలీని పోలీసులు విచారించగా ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగులోకి వచ్చాయి.

ఆటోడ్రైవర్‌ అనంతయ్య, అతని భార్య నీరజ, కొడుకు రవికాంత్‌, ఆదిలాబాద్‌(Adilabad) నుంచి గంజాయి సరుకు సరఫరా చేస్తున్న గంగన్నలను హెచ్‌న్యూ పోలీసులు ఆదివారం అరెస్టు చేసిన విషయం తెలిసిందే. పోలీసుల విచారణలో ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగుచూశాయి. ఆదిలాబాద్‌కు చెందిన గంగన్న మహారాష్ట్ర, చత్తీస్ ‏గఢ్‌(Maharashtra, Chhattisgarh) ప్రాంతాలకు చెందిన రైతుల వద్ద మేలురకం గంజాయిని సేకరించి దాన్ని నగరంలోని ప్రధాన స్మగ్లర్లకు సరఫరా చేస్తున్నాడు. ధూల్‌పేటలో ఉంటున్న రజినీ చెల్లెలు, మరిది గంజాయి విక్రయాల్లో ఆరితేరారు. గంగన్న వారికి గంజాయి సరఫరా చేసేవాడు.

గంజాయి దందా లో సులభంగా డబ్బు సంపాదించొచ్చు అని చెల్లెలు ద్వారా గుర్తించిన రజినీ తాము కూడా అదే దందా చేయాలని నిర్ణయించుకుంది. అందుకు భర్త, ఇద్దరు కొడుకుల సహకారం తీసుకుంది. గంగన్న ఆదిలాబాద్‌ నుంచి సరుకు హైదరాబాద్‌కు తెచ్చిన వెంటనే గుట్టుచప్పుడు కాకుండా అనంతయ్య ఎంజీబీఎ్‌సకు వెళ్తాడు. ఆయన్ను ఒక చుట్టంలా ఇంటికి తీసుకెళ్తాడు. సరుకు లెక్క చూసుకొని గంగన్నకు డబ్బులిచ్చి, మర్యాద చేసి పంపిస్తారు. ఆ తర్వాత రజినీ గంజాయి రెమ్మలను జాగ్రత్తగా తీసుకొని రెండు మూడు రెమ్మలను కలిపి దోశ ప్యాకింగ్‌లా చేస్తుంది. గంజాయి రెమ్మ విరగకుండా, నలగకుండా జాగ్రత్త తీసుకుంటుంది

ఆ ప్యాకింగ్‌లను భర్త, ఇద్దరు కుమారులకు అందజేస్తుంది. పెద్ద కొడుకు క్యాబ్‌డ్రైవర్‌ కావడంతో సాఫ్ట్‌వేర్‌ ఉద్యోగులతో(Software employees) మంచి పరిచయాలు ఉన్నాయి. తమ వద్ద మేలు రకం గంజాయి ఉందని చెప్పి గుట్టుగా విక్రయిస్తున్నారు. అలా తండ్రి, ఇద్దరు కొడుకులు నగరంలోని పలు ప్రాంతాల్లో కస్టమర్స్‌కు ఒక్కో పార్శిల్‌లో రెండు లేదా మూడు రెమ్మలు పెట్టి రెండు వేలకు విక్రయిస్తున్నారు. నాణ్యత, బరువులో తేడా లేకుండా జాగ్రత్తలు తీసుకుంటూ డిమాండ్‌ను బట్టి రూ. 3వేల వరకు విక్రయిస్తున్నట్లు పోలీసులు గుర్తించారు. కేజీ మేలు రకం గంజాయిని రూ.10వేల చొప్పున కొనుగోలు చేస్తున్న నిందితులు.. దాన్ని విక్రయించడం ద్వారా రూ.40వేలు సంపాదిస్తున్నట్లు పోలీసులు ప్రాథమికంగా నిర్ధారించినట్లు తెలిసింది. రెండేళ్లుగా ఫ్యా మిలీ మొత్తం ఇదే దందా కొనసాగిస్తుండడం గమనార్హం.

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

కోల్‌కతా ఘటన మరవకముందే.. నర్సింగ్‌ విద్యార్థినిపై ఆటో డ్రైవర్‌ అఘాయిత్యం

Maharashtra | రత్నగిరి (Ratnagiri) జిల్లాలో ఓ నర్సింగ్‌ విద్యార్థినిపై ఆటో డ్రైవర్‌ (Auto Driver) అత్యాచారానికి పాల్పడ్డాడు.

దేశంలో మహిళలపై అఘాయిత్యాలు కొనసాగుతూనే ఉన్నాయి. మొన్నటికి మొన్న కోల్‌కతాలో ట్రైనీ వైద్యురాలిపై జరిగిన హత్యాచార ఘటన (sexually assaulted) తీవ్ర దిగ్భ్రాంతికి గురి చేస్తున్న విషయం తెలిసిందే. ఈ ఘటనను నిరసిస్తూ గత కొన్ని రోజులుగా వైద్యులు, విద్యార్థులు పెద్ద ఎత్తున ఆందోళనలను కొనసాగిస్తున్నారు. మహిళలపై ఇలాంటి ఘటనలు జరగకుండా కఠిన చట్టాలు తీసుకురావాలంటూ డిమాండ్‌ చేస్తున్నారు. కోల్‌కతా ఘటన మరవకముందే.. తాజాగా మహారాష్ట్ర (Maharashtra)లోనూ ఇలాంటి ఘటనే చోటు చేసుకుంది. రత్నగిరి (Ratnagiri) జిల్లాలో ఓ నర్సింగ్‌ విద్యార్థినిపై ఆటో డ్రైవర్‌ (Auto Driver) అత్యాచారానికి పాల్పడ్డాడు.

పోలీసులు తెలిపిన వివరాల ప్రకారం.. 19 ఏళ్ల నర్సింగ్‌ ట్రైనీ విద్యార్థిని కళాశాలను ముగించుకొని ఇంటికి వెళ్లేందుకు ఆటో ఎక్కింది. దారి మధ్యలో విద్యార్థినితో డ్రైవర్‌ మాటలు కలిపాడు. తాగేందుకు మంచినీరు అందించాడు. అయితే అప్పటికే ఆ నీటిలో మత్తుమందు కలిపి ఉండటంతో.. అవి తాగిన విద్యార్థిని స్పృహ కోల్పోయింది. ఆ తర్వాత డ్రైవర్‌ నిర్మానుష్య ప్రదేశానికి యువతిని తీసుకెళ్లి అఘాయిత్యానికి పాల్పడ్డాడు. అనంతరం అక్కడి నుంచి పరారయ్యాడు. కాసేపటికి స్పృహలోకి వచ్చిన బాధితురాలు తనపై అత్యాచారం జరిగిందని గ్రహించింది. ఈ విషయాన్ని వెంటనే కుటుంబ సభ్యులకు సమాచారం అందించింది.

దీంతో వారు వెంటనే పోలీసులకు ఫిర్యాదు చేశారు. ఈ మేరకు ఎఫ్‌ఐఆర్‌ నమోదు చేసుకున్న పోలీసులు నిందితుడి కోసం గాలిస్తున్నారు. సీసీటీవీ ఫుటేజ్‌ ఆధారంగా అతడిని పట్టుకునేందుకు ప్రయత్నిస్తున్నారు. ప్రస్తుతం బాధిత విద్యార్థిని ప్రభుత్వ ఆసుపత్రిలో చికిత్స పొందుతోంది. ఈ ఘటన నేపథ్యంలో స్థానికులు ఆ ప్రాంతంలో పెద్ద ఎత్తున ఆందోళన చేపట్టారు. ఈ కేసులో సత్వర చర్యలు తీసుకోవాలంటూ డిమాండ్‌ చేస్తూ గంటల తరబడి రహదారిని దిగ్బంధించారు

Defrauded Investors Urge Authorities to Act Against NSEL Brokers

Thousands of Investors Still Waiting for Justice Years After NSEL CrisisNew Delhi,

Thousands of investors who lost their hard-earned money due to the fallout of the National Spot Exchange Limited (NSEL) crisis are still waiting for justice and the return of their funds. Their prolonged wait is eroding trust in the system. The crisis, which began over a decade ago, involved brokers misleading investors with false promises of safe and assured returns, leaving them in financial turmoil. Despite clear court directives and the stringent provisions of the MPID Act, many brokers have yet to face the necessary legal action, and justice continues to be delayed. 

The National Spot Exchange Limited (NSEL) case stems from a payment default that occurred in 2013. The crisis was triggered when the Forward Markets Commission (FMC), the commodities market regulator, directed NSEL to halt the launch of new contracts, leading to the abrupt closure of the Exchange in July 2013. This event marked the beginning of a major financial crisis, leaving thousands of investors facing significant losses and sparking ongoing legal battles to recover the funds. 


The NSEL provided a platform for buyers and sellers to trade in commodities, involving clients, traders, and investors registered through their respective brokers. These brokers, in turn, were registered on the NSEL exchange. However, investigations have revealed that brokers exploited this system, engaging in fraudulent activities that defrauded thousands of investors.

The investigation uncovered several key findings that highlight the fraudulent activities of the brokers involved in the NSEL crisis. Brokers took Power of Attorney from their clients and executed trades on the NSEL on their behalf. They misrepresented NSEL contracts as fixed return products, luring traders into investments with promises of risk-free returns. Furthermore, brokers funded their clients beyond their repayment capacity and conducted trades without proper authority, sometimes using clients' names and PAN details for benami transactions. To conceal these illicit activities, brokers also engaged in rampant client code modifications.

Courts have ruled that brokers are to be considered as financial institutions under the Maharashtra Protection of Interest of Depositors (MPID) Act. The Court also upheld the attachment of assets, including bank accounts and properties, under this Act. This decision reinforces the legal framework aimed at protecting investors' interests and recovering their lost funds, providing renewed hope for justice to the thousands of affected investors. However, authorities have yet to take the necessary actions to implement this ruling effectively.

In March 2015, the Economic Offences Wing (EOW) of Mumbai Police arrested directors of three major brokerage firms. By December 2018, these brokers and their directors were charge-sheeted under various charges, including being declared Financial Establishments under the MPID Act. In December 2022, the EOW filed a final charge sheet against 16 additional brokers and their directors.

Despite these actions, significant delays in attaching the brokers' assets have frustrated investors. The MPID Act allows for the attachment of properties of entities declared as Financial Establishments to protect depositors' interests. However, the assets of brokers who accepted deposits from investors and failed to repay them remain largely unattached.

In May 2023, the MPID Court ordered the attachment of properties belonging to one prominent broker. However, authorities have only attached a fraction of the required assets. The High Court upheld the MPID Court's directive, emphasizing that inaction should not hinder the attachment process.

Investors, frustrated by the lack of progress, have taken legal action to expedite the attachment of assets. An application filed by an investor led to a court hearing where the Competent Authority confirmed that brokers had induced investors with false promises of guaranteed returns. The court ordered the attachment of properties, but significant progress is still lacking.

Public Outcry and Social Media Campaign:

The ongoing delays and perceived favoritism towards certain brokers have sparked a public outcry. A social media campaign under the hashtag has gained momentum, demanding swift justice and accountability. Prominent figures and social media influencers have joined the call for justice, amplifying the voices of affected investors.

Thousands of investors are still waiting for justice years after the NSEL crisis. They were promised safe returns by their brokers but are left empty-handed.  

The NSEL crisis has left a lasting impact on investor confidence and financial stability. As the call for justice grows louder, it is imperative for the concerned authorities to act promptly. Investors are demanding that the government attach the assets of all brokers involved, ensure accountability, and restore public faith in the financial system.

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अब संजय राउत के भाई के बिगड़े बोल, शिंदे गुट की महिला उम्मीदवार को कहा ‘बकरी’

#maharashtra_chunav_sanjay_raut_brother_called_female_candidate_goat

महाराष्ट्र चुनाव में बदजुबानी जारी है। पहले शिवसेना उद्धव गुट के नेता अरविंद सांवत ने शायना एनसी को “इम्पोर्टेड माल” कहकर संबोधित किया था। अब शिवसेना उद्धव गुट के ही संजय राउत के भाई और उम्मीदवार सुनील राउत ने महिला उम्मीदवार का अपमान किया है। सुनील राउत ने महिला उम्मीदवार को बकरी कहकर संबोधित किया है।

संजय राउत के भाई सुनील राउत का विवादित वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में सुनील राउत बता रहे हैं कि उनके सामने कोई उम्मीदवार ही नहीं है। उन्होंने कहा, वो दस से साल से विधायक है। अब कोई उम्मीदवार नहीं मिला तो एक बकरी को लाकर मेरे सामने खड़ा कर दिया। अब बकरी आई तो बकरे को सर झुकाना ही पड़ेगा।

बता दें कि सुनील राउत विक्रोली विधानसभा से तीसरी बार शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के उम्मीदवार बने हैं। अब उन्हें उम्मीद है वो जीतेंगे ही नहीं बल्कि इस बार मंत्री भी बनेंगे।वहीं, सुनील राउत के सामने शिवसेना शिंदे गुट ने इलाके की पार्षद सुवर्णा करंजे को उम्मीदवार बनाया है। जिन्हें सुनाल राउत ने बकरी कह कर संबोधित कर रहे हैं।

इससे पहले शिवसेना यूबीटी के सांसद अरविंद सांवत पहले ही शिंदे गुट की उम्मीदवार शायना एनसी को माल कहकर संबोधित कर चुके हैं। ऐसे में एक बार फिर उद्धव गुट के नेता ने बदजुबानी की है।

महाराष्ट्र चुनाव: एनसीपी ने जारी की 38 उम्मीदवारों की पहली सूची, बारामती से लड़ेंगे अजित पवार

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महाराष्ट्र चुनाव के एलान के बाद से ही सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इस बीच आज एनसीपी (अजित गुट) ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में 38 नाम शामिल हैं जिसमें उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार का भी नाम है। उप मुख्यमंत्री अजित पवार बारामती से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अजिर पवार कह चुके थे कि उन्हें बारामती से लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन लिस्ट से उनकी मंशा साफ हो गयी है।

पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 38 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। लिस्ट में अजित पवार, दिलीप वालसे पाटिल, धनंजय मुंडे, नरहरी झिरवाल, अदिति तटकरे, हसन मुशरिफ सहित अनिल पाटिल ज्यादातर नाम उन्हीं के है जो सिटिंग विधायक हैं। उनकी ही सीट पर उन्हें टिकट दिया गया है। अजित पवार के बेटे पार्थ को पहले बारामती सीट से लड़ाने की तैयारी थी, लेकिन अजित खुद अपनी सीट पर लड़ रहे हैं और पार्थ पवार के नाम को किसी सीट पर घोषित नहीं किया गया है। छगन भुजबल येओला से, दिलीप वाल्से पाटिल अम्बेगांव से चुनाव लड़ेंगे।

मलिक परिवार को किनारा!

एनसीपी की इस लिस्ट में सिटिंग विधायक नवाब मलिक का नाम नहीं है। उनकी बेटी को उनकी जगह चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। उनका नॉमिनेशन को लेकर एनसीपी ने तारीख भी तय कर दी थी, लेकिन बाद में वापस ले ली गई और अब लिस्ट में ही उनका नाम नहीं है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी मलिक परिवार को किनारे कर सकती है। वहीं, संयुक्त एनसीपी में जितेंद्र आह्वाड कलवा मुंब्रा से लड़ते रहे हैं, लेकिन उनके सामने अब एनसीपी ने नजीब मुल्ला को टिकट दिया है।

शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी

इससे पहले, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने 45 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। सीएम एकनाथ शिंदे जीत का चौका लगाने के लिए एक बार फिर कोपरी पाचपाखाड़ी से अपनी दावेदारी पेश करेंगे तो वहीं पार्टी ने पैठण से विलास संदिपान भूमरे को चुनावी मैदान में उतारा है।

कैसा है महाराष्ट्र का सियासी समीकरण?

महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।

Bengal U-19 team in Vinoo Mankad Trophy semifinals after 11 years

Sports

Khabar kolkata News Desk: Bengal Under-19 team stormed into the semifinals of the Vinoo Mankad Trophy after a dominant 96-run victory over Maharashtra in the quarterfinals in Rajkot on Sunday.

Bengal entered the last-four stage of the competition after 11 years. They last qualified back in 2013.

Skipper Chandrahas Dash led from the front with a brilliant 82 off 112 balls. Agniswar Das (73), player-of-the-match Vishal Bhati (4-23), Ashutosh Kumar (2-23) and Jeet Thakur (2-25) also impressed for Bengal.

Opting to bat, Bengal posted a challenging 269/9 in 49 overs.

In reply, Maharashtra were bundled out for 173 in 41.1 overs.

"It has been a team effort. Maharashtra is one of the strongest teams in the competition. To beat them in this manner is incredible. Every member of our team stepped up when it mattered. Now we must focus on our next match," Bengal U-19 head coach Sourashish Lahiri said.

Pic Courtesy by: CAB

Bengal U-19 team enter quarterfinals of Vinoo Mankad Trophy
*Sports News*



*Khabar kolkata:* Bengal Under-19 team stormed into the quarterfinals of the Vinoo Mankad Trophy after a dominant 50-run victory over Madhya Pradesh in the pre-quarterfinals in Rajkot on Thursday.

Bengal’s Agniswar Das was awarded the player-of-the-match for his brilliant 87 off 113 balls. He struck seven boundaries and 2 sixes. Vishal Bhati (53, 2-32), Yudhajit Guha (3-37), Ganoranjan Kapat (2-17), Irshad Alam (2-23) also impressed for Bengal.

Batting first, Bengal posted 227/9 in 50 overs. In reply, Madhya Pradesh were bundled out for just 177 in 37.3 overs.

Bengal will next take on Maharashtra in the last-eight clash on Sunday.

Pic Courtesy by: CAB
शाहरूख खान के बेटे को जेल भेजने वाले समीर वानखेड़े की महाराष्ट्र चुनाव में एंट्री! ये पार्टी दे रही टिकट

#sameerwankhedetocontestmaharashtraassemblyelection

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। इस बीच बड़ी खबर आ रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब एक हाई प्रोफाइल अधिकारी की एंट्री होने वाली है। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के खिलाफ कथित ड्रग्स मामले में कार्रवाई से चर्चा में आये पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े अब चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं।

किस सीट से लड़ेंगे चुनाव?

सूत्रों के मुताबिक समीर वानखेड़े आगामी विधानसभा में ताल ठोकेंगे। सूत्रों की माने तो आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े शिवसेना शिंदे गुट से जुड़ेंगे। उन्हें शिंदे गुट मुंबई की किसी एक विधानसभा सीट से टिकट दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक इस बात चर्चा काफी जोरों पर है कि वे धारावी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि समीर वानखेड़े ने अभी तक सरकारी नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया है।

कौन हैं समीर वानखेड़े?

44 साल के समीर वानखेड़े 2008 बैच के आईआरएस भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। 2021 तक उन्होंने मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर के रूप में काम किया। एनसीबी में शामिल होने से पहले, वानखेड़े ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी और एयर इंटेलिजेंस यूनिट के साथ काम किया।अपने पूरे करियर के दौरान, वानखेड़े ने ड्रग एन्फॉर्समेंट से जुड़ी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में विभिन्न पदों पर काम किया है। समीर वानखेड़े ड्रग तस्करों और उनके नेटवर्क को निशाना बनाकर छापे मारने, खुफिया ऑपरेशन करने और अंडरकवर जांच करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। अपने 15 साल के करियर के दौरान उन्हें 17,000 किलोग्राम नशीले ड्रग्स पदार्थ और 165 किलोग्राम सोना जब्त करने का श्रेय दिया जाता है।

इन मामलों से बटोरीं सुर्खियां

अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद गिरोह के ड्रग्स नेक्सस को तोड़ना, इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला, सिंगर मिका सिंह को कस्टम चोरी मामला,शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की कोर्डलिया क्रूज ड्रग्स मामले में जेल डालने जैसे केस हैंडल करने वाले समीर वानखेड़े को जांबाज अधिकारियों में गिना जाता है।

महाराष्ट्र में एक तो झारखंड में दो चरणों में मतदान, 23 नवंबर को आएंगे नतीजे

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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा। वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 23 नवंबर को ही आएंगे। झारखंड में 2 चरणों में चुनाव होंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र में 9.63 करोड़ मतदाता होंगे। 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिला मतदाता होंगी। 1.85 करोड़ युवा मतदाता होंगे। पहली बार मतदान करने वाली संख्या 20.93 लाख होगी। राज्य में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र होंगे।

झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। यहां 2.6 करोड़ मतदाता होंगे। इनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता होंगे। यहां युवा मतदाताओं की संख्या 66.84 लाख और पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 11.84 लाख होगी। झारखंड में 29,562 मतदान केंद्र होंगे। कतारों के बीच में थोड़ी कुर्सियां या बेंच लगाई जाएंगी ताकि अपनी बारी का इंतजार कर रहे मतदाता थोड़ी-थोड़ी देर में बैठ सकें। ये व्यवस्था हर मतदान केंद्र पर मिलेगी।

सीईसी ने ईवीएम को लेकर कही ये बात

चुनाव आयोग ने मतगणना के दौरान नतीजों के रुझानों पर रिपोर्टिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की। ईवीएम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पांच छह महीने पहले ईवीएम की पहले लेवल की चेकिंग होती है। हमारे पास ईवीएम को लेकर 20 शिकायतें आई हैं और हम हर शिकायत का जवाब देंगे, पूरे तथ्यों के साथ। ये हमारा कर्तव्य है। हम उन जवाबों को प्रकाशित भी करेंगे ताकि सभी को पता चल सके। पहली चेकिंग, स्टोरेज रखना फिर उसे बूथ पर ले जाना, फिर स्टोरेज रखना और फिर मतगणना, हर समय पर राजनीतिक पार्टियों के एजेंट्स मौजूद रहते हैं।

एग्जिट पोल को लेकर क्या कहा

चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के अनुमानों पर कहा कि इसके सैंपल साइज और अन्य चीजों को देखने की जरूरत है। एग्जिट पोल का कोई साइंटिफिक आधार नहीं है, लेकिन एक सोच बन जाती है कि ऐसा हो सकता है। हमारी काउंटिंग तो 8.30 बजे के बाद ही शुरू होती है। वास्तविक रूप से जब एक्चुअल रिजल्ट आने शुरू होते हैं तो उससे मिसलिड होती है।

2 రెమ్మలు.. 2 వేలు.. నాణ్యత, బరువులో తేడా రాకుండా సరఫరా

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు.

పార్సిల్‌ చూస్తే.. టిఫిన్‌ సెంటర్‌లో దోశ మాదిరిలా ఉంటుంది. విప్పితే రెండు గంజాయి రెమ్మలు ఉంటాయి. పోలీసుల తనిఖీల నేపథ్యంలో విక్రయదారులు వినూత్న పంథాను అనుసరిస్తున్నారు. కిలోల లెక్కన కాకుండా, 20 గ్రాముల నుంచి 100 గ్రాముల వరకు చిన్న చిన్న పొట్లాలుగా చేసి అమ్ముతున్నారు. ఈనెల 22న హెచ్‌న్యూ (హైదరాబాద్‌ నార్కోటిక్‌ ఎన్‌ఫోర్స్‌మెంట్‌ వింగ్‌) పోలీసులకు చిక్కిన అనంతయ్య ఫ్యామిలీని పోలీసులు విచారించగా ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగులోకి వచ్చాయి.

ఆటోడ్రైవర్‌ అనంతయ్య, అతని భార్య నీరజ, కొడుకు రవికాంత్‌, ఆదిలాబాద్‌(Adilabad) నుంచి గంజాయి సరుకు సరఫరా చేస్తున్న గంగన్నలను హెచ్‌న్యూ పోలీసులు ఆదివారం అరెస్టు చేసిన విషయం తెలిసిందే. పోలీసుల విచారణలో ఆసక్తికర విషయాలు వెలుగుచూశాయి. ఆదిలాబాద్‌కు చెందిన గంగన్న మహారాష్ట్ర, చత్తీస్ ‏గఢ్‌(Maharashtra, Chhattisgarh) ప్రాంతాలకు చెందిన రైతుల వద్ద మేలురకం గంజాయిని సేకరించి దాన్ని నగరంలోని ప్రధాన స్మగ్లర్లకు సరఫరా చేస్తున్నాడు. ధూల్‌పేటలో ఉంటున్న రజినీ చెల్లెలు, మరిది గంజాయి విక్రయాల్లో ఆరితేరారు. గంగన్న వారికి గంజాయి సరఫరా చేసేవాడు.

గంజాయి దందా లో సులభంగా డబ్బు సంపాదించొచ్చు అని చెల్లెలు ద్వారా గుర్తించిన రజినీ తాము కూడా అదే దందా చేయాలని నిర్ణయించుకుంది. అందుకు భర్త, ఇద్దరు కొడుకుల సహకారం తీసుకుంది. గంగన్న ఆదిలాబాద్‌ నుంచి సరుకు హైదరాబాద్‌కు తెచ్చిన వెంటనే గుట్టుచప్పుడు కాకుండా అనంతయ్య ఎంజీబీఎ్‌సకు వెళ్తాడు. ఆయన్ను ఒక చుట్టంలా ఇంటికి తీసుకెళ్తాడు. సరుకు లెక్క చూసుకొని గంగన్నకు డబ్బులిచ్చి, మర్యాద చేసి పంపిస్తారు. ఆ తర్వాత రజినీ గంజాయి రెమ్మలను జాగ్రత్తగా తీసుకొని రెండు మూడు రెమ్మలను కలిపి దోశ ప్యాకింగ్‌లా చేస్తుంది. గంజాయి రెమ్మ విరగకుండా, నలగకుండా జాగ్రత్త తీసుకుంటుంది

ఆ ప్యాకింగ్‌లను భర్త, ఇద్దరు కుమారులకు అందజేస్తుంది. పెద్ద కొడుకు క్యాబ్‌డ్రైవర్‌ కావడంతో సాఫ్ట్‌వేర్‌ ఉద్యోగులతో(Software employees) మంచి పరిచయాలు ఉన్నాయి. తమ వద్ద మేలు రకం గంజాయి ఉందని చెప్పి గుట్టుగా విక్రయిస్తున్నారు. అలా తండ్రి, ఇద్దరు కొడుకులు నగరంలోని పలు ప్రాంతాల్లో కస్టమర్స్‌కు ఒక్కో పార్శిల్‌లో రెండు లేదా మూడు రెమ్మలు పెట్టి రెండు వేలకు విక్రయిస్తున్నారు. నాణ్యత, బరువులో తేడా లేకుండా జాగ్రత్తలు తీసుకుంటూ డిమాండ్‌ను బట్టి రూ. 3వేల వరకు విక్రయిస్తున్నట్లు పోలీసులు గుర్తించారు. కేజీ మేలు రకం గంజాయిని రూ.10వేల చొప్పున కొనుగోలు చేస్తున్న నిందితులు.. దాన్ని విక్రయించడం ద్వారా రూ.40వేలు సంపాదిస్తున్నట్లు పోలీసులు ప్రాథమికంగా నిర్ధారించినట్లు తెలిసింది. రెండేళ్లుగా ఫ్యా మిలీ మొత్తం ఇదే దందా కొనసాగిస్తుండడం గమనార్హం.

*বাংলা পথ দেখাল: মহারাষ্ট্রে পশ্চিমবঙ্গের মতো কঠোর ধর্ষণ-বিরোধী বিল দাবি করলেন শরদ পওয়ার*


এসবি নিউজ ব্যুরো:পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় ঐতিহাসিক অপরাজিতা নারী ও শিশু বিল, যেখানে ধর্ষণের জন্য মৃত্যুদণ্ড-সহ কঠোরতম শাস্তির প্রস্তাব করা হয়েছে, পাস হওয়ার একদিন পরেই এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পাওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস শরদ পাওয়ারের এই সিদ্ধান্তকে স্বাগত জানিয়ে বলেছে যে, ধর্ষণের বিরুদ্ধে আন্দোলনকে আরও শক্তিশালী করতে এই পদক্ষেপ গুরুত্বপূর্ণ।

এই পদক্ষেপটি এই সত্যেরও প্রমাণ যে, সংস্কারের ক্ষেত্রে বাংলা সর্বদা অগ্রণী ভূমিকা পালন করেছে। এটি বাংলা-বিরোধী শক্তিগুলোর জন্যও উপযুক্ত জবাব, যারা দীর্ঘদিন ধরে দিল্লির জমিদারদের নির্দেশে বাংলার ভাবমূর্তি নষ্ট করার সর্বাত্মক চেষ্টা করে আসছে।

অপরাজিতা মহিলা ও শিশু (পশ্চিমবঙ্গ অপরাধ আইন সংশোধনী) বিল, ২০২৪ - যা সর্বসম্মতিক্রমে পাস হয়েছে - তাতে তিনটি গুরুত্বপূর্ণ উপাদান রয়েছে:

অপরাধীর জন্য কঠোর শাস্তি,

দ্রুত তদন্ত, এবং

* দ্রুত ন্যায়বিচারের ব্যবস্থা।

বিএনএসের অধীনে যৌন হেনস্তার মামলাগুলি ছাড়াও, বিলটি পকসো আইনের অধীনে দায়ের করা মামলাগুলোকেও লক্ষ্য করেছে।

এছাড়াও, ধর্ষণ-বিরোধী বিলটি রাজ্যের প্রতিটি জেলায় ‘অপরাজিতা টাস্ক ফোর্স’ গঠনেরও ব্যবস্থা করেছে।

সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেস নিজেদের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছে , "What Bengal thinks today, India thinks tomorrow! Under the leadership of Smt. GoWB is taking decisive action to ensure that women can live without fear. The Aparajita Anti-Rape Bill has prompted a leader of stature to call for a similar legislation in Maharashtra!"

"গতকাল, রাজ্যের বিধানসভায় যে ঐতিহাসিক বিলটি পাশ করা হয়েছে তাতে ধর্ষণের দোষীদের কঠোরতম শাস্তির কথা বলা হয়েছে। এটিকে উদাহরণ হিসাবে গ্রহণ করে, অন্যান্য রাজ্যগুলিও এই ঐতিহাসিক পদক্ষেপটি বাস্তবায়নের পরিকল্পনা করছে। উদাহরণস্বরূপ, এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার মহারাষ্ট্রেও একইরকম একটি বিল আনার ইচ্ছা প্রকাশ করেছেন। বাংলার এই উল্লেখযোগ্য পদক্ষেপটি মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করার জন্য একটি নতুন পথ দেখিয়েছে, " রাজ্যের অর্থমন্ত্রী চন্দ্রিমা ভট্টাচার্য বলেছেন৷

এনসিপি (এসপি) প্রধানের অপরাজিতা বিল অনুকরণের সিদ্ধান্তের বিষয়ে সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের জাতীয় মুখপাত্র এবং রাজ্যের মহিলা ও শিশু উন্নয়ন মন্ত্রী ড. শশী পাঁজা নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন,

"BENGAL SHOWS THE WAY. Now, Shri Sharad Pawar has pitched for West Bengal-like anti-rape bill in Maharashtra."

"মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় অপরাজিতা বিলের মাধ্যমে ইতিহাস তৈরি করেছেন। এটি শুধুমাত্র মৃত্যুদণ্ড নিশ্চিত করে না, বরং ধর্ষণের দোষীদের জন্য কঠোর শাস্তিরও আহ্বান জানায়। এটি মহিলাদের নিরাপত্তা ও সুরক্ষা জোরদার করবে। এনসিপি (এসপি) প্রধান শরদ পওয়ার এই বিলটিকে শুধু স্বাগত জানাননি, বরং এই বিলটিকে তিনি একটি 'মডেল' হিসাবেও অভিহিত করে বলেছেন যে এটা সারা দেশে বাস্তবায়ন করা উচিত। উনি বলেছেন যে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় এই বিলের দ্বারা একটি নজির স্থাপন করেছেন। বাংলা আজ যা ভাবে, ভারতবর্ষ আগামীকাল তাই ভাবে এবং ভাবতে হবে" তৃণমূল মুখপাত্র কুণাল ঘোষ বলেছেন।

বুধবার রাজ্য বিধানসভায় ভাষণ দেওয়ার সময় পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বলেন, "ধর্ষণ এখন জাতীয় লজ্জার বিষয় হয়ে দাঁড়িয়েছে। আসুন আমরা সবাই একত্রে এই সমস্যার মোকাবিলা করি। এই সমস্যার সমাধানে সমাজ সংস্কার ও মানুষের জাগরণের প্রয়োজন। অতীতেও পশ্চিমবঙ্গ এমন সংস্কার নেতৃত্ব দিয়েছে। রোগ থাকলে, তার চিকিৎসা হওয়া উচিত।"

মুখ্যমন্ত্রী আরও বলেন, "দেশে ধর্ষণের জন্য বর্তমান শাস্তি যথেষ্ট নয় – কেন ধর্ষকরা এমন কাজ করার সাহস পাচ্ছে? আমাদের এ বিষয়ে ভাবতে হবে। ২০২২ সালের ক্রাইম ইন ইন্ডিয়া-তে প্রকাশিত ডেটা অনুযায়ী, দেশে ধর্ষণ সংক্রান্ত মামলায় ৭৬% ক্ষেত্রে তদন্ত শেষ করে পুলিশ চার্জশিট জমা দিতে পেরেছে, কিন্তু মাত্র ২.৫৬% ক্ষেত্রে অভিযুক্তকে দোষী প্রমাণ করা হয়েছে। এই সমস্যাটি মোকাবিলা করতে হবে।"

এর আগে, সর্বভারতীয় তৃণমূল কংগ্রেসের সাধারণ সম্পাদক এবং ডায়মন্ড হারবারের সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় ধর্ষণের বিরুদ্ধে একটি সর্বাঙ্গীণ আইন প্রণয়নের দাবি জানিয়েছেন, যা সময়সীমার মধ্যে অপরাধীদের জন্য কঠোর শাস্তি নিশ্চিত করবে।

"Given the harrowing statistic of a RAPE EVERY 15 MINUTES, the demand for a COMPREHENSIVE TIME-BOUND ANTI-RAPE LAW is more pressing than ever. BENGAL is leading the charge with its ANTI-RAPE BILL. The Union must now take decisive action - whether by ordinance or BNSS amendment in the upcoming parliament session to ensure that justice is both swift and severe, with TRIALS AND CONVICTIONS concluded in 50 DAYS," উনি নিজের এক্স হ্যান্ডেলে লিখেছেন।

కోల్‌కతా ఘటన మరవకముందే.. నర్సింగ్‌ విద్యార్థినిపై ఆటో డ్రైవర్‌ అఘాయిత్యం

Maharashtra | రత్నగిరి (Ratnagiri) జిల్లాలో ఓ నర్సింగ్‌ విద్యార్థినిపై ఆటో డ్రైవర్‌ (Auto Driver) అత్యాచారానికి పాల్పడ్డాడు.

దేశంలో మహిళలపై అఘాయిత్యాలు కొనసాగుతూనే ఉన్నాయి. మొన్నటికి మొన్న కోల్‌కతాలో ట్రైనీ వైద్యురాలిపై జరిగిన హత్యాచార ఘటన (sexually assaulted) తీవ్ర దిగ్భ్రాంతికి గురి చేస్తున్న విషయం తెలిసిందే. ఈ ఘటనను నిరసిస్తూ గత కొన్ని రోజులుగా వైద్యులు, విద్యార్థులు పెద్ద ఎత్తున ఆందోళనలను కొనసాగిస్తున్నారు. మహిళలపై ఇలాంటి ఘటనలు జరగకుండా కఠిన చట్టాలు తీసుకురావాలంటూ డిమాండ్‌ చేస్తున్నారు. కోల్‌కతా ఘటన మరవకముందే.. తాజాగా మహారాష్ట్ర (Maharashtra)లోనూ ఇలాంటి ఘటనే చోటు చేసుకుంది. రత్నగిరి (Ratnagiri) జిల్లాలో ఓ నర్సింగ్‌ విద్యార్థినిపై ఆటో డ్రైవర్‌ (Auto Driver) అత్యాచారానికి పాల్పడ్డాడు.

పోలీసులు తెలిపిన వివరాల ప్రకారం.. 19 ఏళ్ల నర్సింగ్‌ ట్రైనీ విద్యార్థిని కళాశాలను ముగించుకొని ఇంటికి వెళ్లేందుకు ఆటో ఎక్కింది. దారి మధ్యలో విద్యార్థినితో డ్రైవర్‌ మాటలు కలిపాడు. తాగేందుకు మంచినీరు అందించాడు. అయితే అప్పటికే ఆ నీటిలో మత్తుమందు కలిపి ఉండటంతో.. అవి తాగిన విద్యార్థిని స్పృహ కోల్పోయింది. ఆ తర్వాత డ్రైవర్‌ నిర్మానుష్య ప్రదేశానికి యువతిని తీసుకెళ్లి అఘాయిత్యానికి పాల్పడ్డాడు. అనంతరం అక్కడి నుంచి పరారయ్యాడు. కాసేపటికి స్పృహలోకి వచ్చిన బాధితురాలు తనపై అత్యాచారం జరిగిందని గ్రహించింది. ఈ విషయాన్ని వెంటనే కుటుంబ సభ్యులకు సమాచారం అందించింది.

దీంతో వారు వెంటనే పోలీసులకు ఫిర్యాదు చేశారు. ఈ మేరకు ఎఫ్‌ఐఆర్‌ నమోదు చేసుకున్న పోలీసులు నిందితుడి కోసం గాలిస్తున్నారు. సీసీటీవీ ఫుటేజ్‌ ఆధారంగా అతడిని పట్టుకునేందుకు ప్రయత్నిస్తున్నారు. ప్రస్తుతం బాధిత విద్యార్థిని ప్రభుత్వ ఆసుపత్రిలో చికిత్స పొందుతోంది. ఈ ఘటన నేపథ్యంలో స్థానికులు ఆ ప్రాంతంలో పెద్ద ఎత్తున ఆందోళన చేపట్టారు. ఈ కేసులో సత్వర చర్యలు తీసుకోవాలంటూ డిమాండ్‌ చేస్తూ గంటల తరబడి రహదారిని దిగ్బంధించారు

Defrauded Investors Urge Authorities to Act Against NSEL Brokers

Thousands of Investors Still Waiting for Justice Years After NSEL CrisisNew Delhi,

Thousands of investors who lost their hard-earned money due to the fallout of the National Spot Exchange Limited (NSEL) crisis are still waiting for justice and the return of their funds. Their prolonged wait is eroding trust in the system. The crisis, which began over a decade ago, involved brokers misleading investors with false promises of safe and assured returns, leaving them in financial turmoil. Despite clear court directives and the stringent provisions of the MPID Act, many brokers have yet to face the necessary legal action, and justice continues to be delayed. 

The National Spot Exchange Limited (NSEL) case stems from a payment default that occurred in 2013. The crisis was triggered when the Forward Markets Commission (FMC), the commodities market regulator, directed NSEL to halt the launch of new contracts, leading to the abrupt closure of the Exchange in July 2013. This event marked the beginning of a major financial crisis, leaving thousands of investors facing significant losses and sparking ongoing legal battles to recover the funds. 


The NSEL provided a platform for buyers and sellers to trade in commodities, involving clients, traders, and investors registered through their respective brokers. These brokers, in turn, were registered on the NSEL exchange. However, investigations have revealed that brokers exploited this system, engaging in fraudulent activities that defrauded thousands of investors.

The investigation uncovered several key findings that highlight the fraudulent activities of the brokers involved in the NSEL crisis. Brokers took Power of Attorney from their clients and executed trades on the NSEL on their behalf. They misrepresented NSEL contracts as fixed return products, luring traders into investments with promises of risk-free returns. Furthermore, brokers funded their clients beyond their repayment capacity and conducted trades without proper authority, sometimes using clients' names and PAN details for benami transactions. To conceal these illicit activities, brokers also engaged in rampant client code modifications.

Courts have ruled that brokers are to be considered as financial institutions under the Maharashtra Protection of Interest of Depositors (MPID) Act. The Court also upheld the attachment of assets, including bank accounts and properties, under this Act. This decision reinforces the legal framework aimed at protecting investors' interests and recovering their lost funds, providing renewed hope for justice to the thousands of affected investors. However, authorities have yet to take the necessary actions to implement this ruling effectively.

In March 2015, the Economic Offences Wing (EOW) of Mumbai Police arrested directors of three major brokerage firms. By December 2018, these brokers and their directors were charge-sheeted under various charges, including being declared Financial Establishments under the MPID Act. In December 2022, the EOW filed a final charge sheet against 16 additional brokers and their directors.

Despite these actions, significant delays in attaching the brokers' assets have frustrated investors. The MPID Act allows for the attachment of properties of entities declared as Financial Establishments to protect depositors' interests. However, the assets of brokers who accepted deposits from investors and failed to repay them remain largely unattached.

In May 2023, the MPID Court ordered the attachment of properties belonging to one prominent broker. However, authorities have only attached a fraction of the required assets. The High Court upheld the MPID Court's directive, emphasizing that inaction should not hinder the attachment process.

Investors, frustrated by the lack of progress, have taken legal action to expedite the attachment of assets. An application filed by an investor led to a court hearing where the Competent Authority confirmed that brokers had induced investors with false promises of guaranteed returns. The court ordered the attachment of properties, but significant progress is still lacking.

Public Outcry and Social Media Campaign:

The ongoing delays and perceived favoritism towards certain brokers have sparked a public outcry. A social media campaign under the hashtag has gained momentum, demanding swift justice and accountability. Prominent figures and social media influencers have joined the call for justice, amplifying the voices of affected investors.

Thousands of investors are still waiting for justice years after the NSEL crisis. They were promised safe returns by their brokers but are left empty-handed.  

The NSEL crisis has left a lasting impact on investor confidence and financial stability. As the call for justice grows louder, it is imperative for the concerned authorities to act promptly. Investors are demanding that the government attach the assets of all brokers involved, ensure accountability, and restore public faith in the financial system.

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