पीएम मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च पुरस्कार,11 साल में 27 इंटरनेशनल अवॉर्ड

#pmmodiinternationalawardlist_27

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया में बुधवार को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस' से सम्मानित किया गया। नामीबिया की राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने उन्हें राजधानी विंडहोक स्थित स्टेट हाउस में यह सम्मान दिया। बतौर पीएम, मोदी का यह 27वां इंटरनेशनल अवॉर्ड है। 

पीएम मोदी 2 से 10 जुलाई तक 5 देशों के दौरे पर रहे। इस क्रम में पीएम मोदी एक दिवसीय दौरे पर नामीबिया पहुंचे।यहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान पीएम मोदी को बुधवार को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी को यह पुरस्कार नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा द्वारा विंडहोक में आयोजित एक समारोह में दिया गया।

प्रधानमंत्री ने नामीबिया की संसद को भी संबोधित किया

उन्होंने कहा, मैं सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेते हुए बहुत सम्मानित महसूस कर रहा है। नामीबिया के मजबूत और सुंदर पौधों की तरह, हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। यहां के राष्ट्रीय पौधे, वेल्वित्शिया मिराबिलिस की तरह, यह समय और उम्र के साथ और भी मजबूत होगी। पीएम ने कहा, आपने 2022 में हमारे देश में चीतों को फिर से बसाने में हमारी मदद की, हम आपके इस गिफ्ट के लिए बहुत आभारी हैं। उन्होंने आपके लिए एक संदेश भेजा है- सब कुछ ठीक है। वे बहुत खुश हैं और अपने नए घर में अच्छी तरह से ढल गए हैं। उनकी संख्या भी बढ़ी है।

7 दिनों में 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी को 26 अवॉर्ड मिल चुके हैं। पीएम मोदी को पिछले 7 दिनों में 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है। प्रधानमंत्री इस हफ्ते 5 देशों के दौरे पर थे। इस दौरान 4 मुल्कों ने उनका सम्मान किया है। वहीं, 24 घंटे के भीतर दिया गया दूसरा पुरस्कार है।

2016-2019 तक इन देशों ने किया सम्मानित

सबसे पहले पीएम को 2016 में सऊदी अरब ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान किंग अब्दुल अजीज सैश से सम्मानित किया। 2016 में ही अफगानिस्तान ने पीएम को स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर सम्मान दिया। 2018 में फिलिस्तीन ने अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट फलस्तीन से नवाजा। 2019 में यूएई ने ऑर्डर ऑफ जायद दिया। 2019 में ही पड़ोसी देश रूस ने ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल दिया। 2019 में ही मालदीव ने पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ इज्जुद्दीन से सम्मानित किया। बहरीन ने भी पीएम मोदी को 2019 में किंग हमद ऑर्डर ऑफ द रेनसां से सम्मनित किया।

2020 से 2025 तक मिले ये सम्मान

2020 में अमेरिका ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ मेरिट से सम्मानित किया। 2021 में भूटान ने पीएम को ऑर्डर ऑफ द द्रुक ग्यालपो से नवाजा। 2023 में पापुआ न्यू गिनी ने पीएम मोदी को एबाकल अवॉर्ड दिया। 2023 में ही फिजी ने पीएम मोदी को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर दिया। 2023 में पापुआ न्यू गिनी ने पीएम को ऑर्डर ऑफ लोगोहू भी दिया। जोकि सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। 2023 में मिस्त्र ने ऑर्डर ऑफ नाइल दिया। 2023 में फ्रांस ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द सीजन ऑनर दिया। 2023 में ग्रीस ने द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से नवाजा। इसके बाद पीएम को 2024 में डोमिनिका, नाइजीरिया, गुयाना, बारबाडोस और कुवैत ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा।

सबसे ज्यादा अवॉर्ड पाने वाले पीएम

11 साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी को अब तक 27 देशों ने अवॉर्ड दिया है। आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले, जबकि इंदिरा गांधी को भी दो सम्मान मिले। डॉ. मनमोहन सिंह को भी अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले, जबकि राजीव गांधी को कोई सम्मान नहीं मिला।

ग्लोबल साउथ के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया”, ब्रिक्स समिट से पीएम मोदी ने किसे दिया कड़ा संदेश?

#bricssummitpmmodimessageonterrorism

ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स देशों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद की कड़ी निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुटता का आह्वान किया। ब्रिक्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मजबूत करने' के विषय पर आयोजित सत्र के दौरान बड़ी ताकतों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि कहा कि ग्लोबल साउथ को जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी पहुंच पर सिर्फ दिखावटी चीजें मिली हैं।

आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाने वालों को संदेश

प्रधानमंत्री मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे हैं। इससे पहले वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और अर्जेंटीना जा चुके हैं। रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की। पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए कहा कि आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होनी चाहिए, न कि सुविधा। यह देखना कि हमला किस देश में हुआ और किसके खिलाफ, मानवता के साथ विश्वासघात है। पीएम का यह बयान सीधे तौर पर चीन को संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पिछले दिनों चीन में आयोजित एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में उसने संयुक्त बयान के मसौदे में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र नहीं किया।

ग्लोबल साउथ 'डबल स्टैंडर्ड' का शिकार-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ग्लोबल साउथ को जो कुछ भी मिला है, वह सिर्फ "टोकन जेस्चर" है। मतलब है कि उन्हें सिर्फ दिखावे के लिए कुछ चीजें दी गई हैं, वास्तव में उनकी मदद नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ 'डबल स्टैंडर्ड' का शिकार रहा है। मतलब, उनके साथ अलग-अलग नियमों के हिसाब से व्यवहार किया गया है।

वैश्विक संस्थाओं में सुधार की जरूरत-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 20वीं सदी में बने वैश्विक संगठन आज की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। दुनिया भर में चल रहे युद्ध हों, महामारी हो, आर्थिक संकट हो या साइबर दुनिया में नई चुनौतियां, इन संगठनों के पास कोई समाधान नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज दुनिया को एक नई, बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था की जरूरत है। इसकी शुरुआत वैश्विक संस्थानों में व्यापक सुधारों से करनी होगी। सुधार केवल दिखावटी नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका वास्तविक प्रभाव भी दिखना चाहिए। दुनिया को ऐसे नए सिस्टम की ज़रूरत है जिसमें कई देशों की बात सुनी जाए और सबको शामिल किया जाए। पुराने संगठनों में बदलाव ज़रूरी हैं, और ये बदलाव सिर्फ नाम के लिए नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका असर भी दिखना चाहिए।

पीएनबी घोटाले में बड़ी सफलता, भगोड़े नीरव मोदी का भाई नेहल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार

#niravmodibrothernihalmodiarrestedinafraudcasein_america

पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले में भगोड़ा घोषित नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। सीबीआई और ईडी के प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद उन पर शिकंजा कसा गया है। अमेरिका के अधिकारियों ने भारत सरकार को इसकी जानकारी दी है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी के भाई को 4 जुलाई को अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।

नेहल मोदी भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, पीएनबी घोटाले में वांछित हैं। जांच एजेंसियों का आरोप है कि उन्होंने अपने भाई नीरव मोदी की मदद करते हुए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई को छिपाया और शेल कंपनियों व विदेशी लेनदेन के जरिए उसे इधर-उधर किया।

2019 में जारी किया गया था रेड नोटिस

साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने इंटरपोल से नीरव मोदी को बैंक फंड्स को लूटने में मदद करने के आरोप में नेहल मोदी की भूमिका के लिए उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया था।

कौन है नेहल मोदी?

नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वांछित है। नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में कथित 13,600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले बैंक लेनदेन के मामले के आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी का भाई है। 46 वर्ष का नेहल मोदी बेल्जियम का नागरिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की गई जांच में नेहल मोदी को नीरव मोदी की आपराधिक आय को वैध बनाने के लिए काम करने वाले अहम शख्स पाया गया था। नीरव मोदी ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की कार्रवाई का सामना कर रहा है।

काले धन को सफेद करने और छुपाने अहम भूमिका

जांच में सामने आया है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी के लिए काले धन को सफेद करने और छुपाने में अहम भूमिका निभाई थी। ईडी और सीबीआई की जांच में ये भी पाया गया है कि नेहाल मोदी ने कई शेल कंपनियों के जरिए बड़ी रकम को विदेशों में इधर-उधर किया। उसका मकसद था धोखाधड़ी से कमाई गई रकम को ट्रैक से बाहर रखना।

नेहल की गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों के लिए अहम

बता दें कि नीरव मोदी खुद इस समय ब्रिटेन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। नेहल मोदी के प्रत्यर्पण मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को तय की गई है। जिसमें स्थिति की समीक्षा (स्टेटस कॉन्फ्रेंस) होगी। इस सुनवाई के दौरान नेहल मोदी जमानत की अर्जी भी दे सकते हैं, जिसे अमेरिकी अभियोजन पक्ष विरोध करेगा। यह गिरफ्तारी भारत की जांच एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पीएम मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रपति ने खुद किया सम्मानित

#modiconferredwithghanashighestnationalhonour

अफ्रीकी देशों के दौरे पर गए पीएम मोदी को घाना में 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान देश के राष्ट्रपति महामा ने पीएम मोदी को सम्मानित किया।पीएम मोदी ने इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे 'अत्यंत गर्व का विषय' बताया।

30 सालों में किसी भारतीय पीएम की पहली घाना यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को घाना पहुंचे। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। बता दें कि पीएम मोदी की यह यात्रा 30 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा थी। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत, घाना में व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगा और घाना के 'फीड घाना' कार्यक्रम का समर्थन करेगा।

यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का प्रतीक-पीएम मोदी

पीएम ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए घाना के जनता और सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कहा कि मुझे ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना से सम्मानित करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं और भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का भी एक प्रतीक है। भारत हमेशा घाना के लोगों का साथ देगा।

मोदी को 24 वैश्विक पुरस्कारों से किया जा चुका सम्मानित

घाना का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी को अब तक उनके कार्यकाल के दौरान 24 वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वर्ष घाना के अलावा साइप्रस, श्रीलंका और मॉरीशन के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। वहीं श्रीलंका ने पीएम मोदी को मित्र विभूषण मेडल से सम्मानित किया था। इसके अलावा इसी वर्ष प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में गए थे, जहां उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से नवाजा गया।

भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक’, आपातकाल के 50 साल पर बोले पीएम मोदी

#pmnarendramodiemergencyanniversary

देश में 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र के इतिहास के काले अध्याय को याद करते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। यह वो वक्त था जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स लिखा, यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया। कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।

तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लिखा कि जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। पीएम ने लिखा कि मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सलाम-पीएम मोदी

पीएम ने आपातकाल के खिलाफ खड़े होने वालों को सलाम किया। पीएम ने कहा हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।

चुनाव से पहले बिहार में बहार, आज फिर आ रहे पीएम मोदी, देंगे 5736 करोड़ की सौगात

#pmmodicomingtosiwanbihartoday

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल 20 दिन में दूसरा और इस साल का 51वां बिहार प्रवास होगा। पीएम मोदी ने इससे पहले 29-30 मई को बिहार का दौरा किया था।

22 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महागठबंधन के गढ़ सिवान में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे वह सिवान पहुंचेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम 1 बजकर 15 मिनट तक चलेगा। सिवान की धरती पर 5,736 करोड़ रुपये की कुल 22 परियोजनाओं का तब उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 53,666 बेघर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के तौर पर 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित करेंगे। इसके अलावा, 6,684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए घरों की चाबी मिलेगी।

कई योजनाओं का होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री एक नई वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो पटना के पास पाटलिपुत्र जंक्शन और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलेगी। मोदी अमृत भारत योजना की 11 परियोजनाओं और नमामि गंगे परियोजना के तहत चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।

सिवान में पीएम की रैली के सियासी मायने

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने जीत का लक्ष्य रखा है। रैली के जरिए पीएम मोदी सिवान के साथ ही सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। महागठबंधन का ये इलाका एनडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह आसान कर सकती है।

बता दें कि सिवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां 25% से ज्यादा मुस्लिम हैं और यादव वोट भी अच्छी तादात में है। MY समीकरण की वजह से यहां आरजेडी का दबदबा है। लेकिन खास बात यह है कि सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश और बीजेपी के साथ है।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

#pmmoditoughtalkwithdonaldtrump

कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

जी-7 में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी से हो सकती है मुलाकात

#pmmodimaymeetdonaldtrumping7

इस बार जी-7 की बैठक कनाडा में हो रही है। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता कनाडा के रॉकीज में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 से 17 जून तक आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। ट्रंप जी 7 बैठक में हिस्सा लेने कनाडा पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज कनाडा पहुंचेंगे। कनाडा में जी7 की बैठक से इतर पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है। हालांकि, किसी औपचारिक बैठक की संभावना की पुष्टि नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने कहा- सहयोगी देशों के नेताओं से बातचीत को उत्सुक

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, 'शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जगह देगा। मैं सहयोगी देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।' ऑपरेशन सिंदूर के सीजफायर को लेकर ट्रंप जिस तरह से लगातार बयानबाजी करते रहे हैं, उससे पीएम मोदी के साथ इस तरह की किसी भी संभावित मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।

जी7 समिट में इस बार क्या है एजेंडा?

इस साल कनाडा जी 7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा जी7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं। शुरुआत में जी7का एजेंडा आर्थिक चुनौतियों और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का हल निकालना था। बाद में राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी इसमें शामिल हो गए। वैश्विक मुद्दों पर जी7 के फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।

पीएम मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान, अब तक 20 से ज्यादा देशों में हुए सम्मानित

#pmmodireceiveshighesthonourofcyprus

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। साइप्रस ने सोमवार को पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान दिया।ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय साइप्रस की ओर से प्रदान किया जाने वाला नाइटहुड सम्मान है, जिसका नाम साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस तृतीय के नाम पर रखा गया था।

भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि साइप्रस के ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ सम्मान को प्राप्त करके मैं बहुत खुश हूं। मैं इसे हमारे देशों के बीच की मित्रता को समर्पित करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों को यह सम्मान समर्पित करते हुए कहा कि यह भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान है।

साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी सक्रिय साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। हम मिलकर न केवल अपने दोनों देशों की प्रगति को मजबूत करेंगे बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व के निर्माण में भी योगदान देंगे।

पीएम मोदी का 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था, जो प्रधानमंत्री मोदी को किसी अन्य देश द्वारा दिया गया है। इससे पहले मार्च में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया था। इसके बाद अप्रैल में श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को 'श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान' से सम्मानित किया था। पिछले साल दिसंबर में कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। कुवैत के अमीर अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा ने प्रधानमंत्री मोदी को 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया था।

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे का दूसरा दिन, जानें भारत के लिए क्यों है अहम

#pmmodivist_cyprus

प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में जी-7 बैठक में भाग लेने आज कनाडा पहुंचेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी दो देशों के कूटनीतिक यात्रा भी करेंगे। इनके दौरे में एक देश साइप्रस तो दूसरा क्रोएशिया है। प्रधानमंत्री मोदी कनाडा जाने से पहले साइप्रस पहुंचे। पीएम मोदी के साइप्रस दौरे का आज दूसरा दिन है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस राष्ट्रपति भवन में मोदी का स्वागत करेंगे। जिसके बाद वे प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा करेंगे। इसके बाद मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा रवाना हो जाएंगे।

व्यापार जगत के लोगों के साथ बैठक

पीएम मोदी रविवार दिन में साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंचे थे। मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया में व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने बैठक में भारत और साइप्रस के व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित किया। व्यापार, निवेश और रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में विकास की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

भारत के लिए क्यों अहम है साइप्रस?

साइप्रस, एक छोटा यूरोपीय देश होते हुए भी पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच में स्थित होने के कारण रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील है। इसका उत्तरी हिस्सा 1974 से तुर्की के सैन्य कब्जे में है। उसे केवल तुर्की ही “Northern Cyprus Turkish Republic (NCTR)” के नाम से मान्यता देता है। दुनिया का बाकी कोई भी देश उसे वैध नहीं मानते हैं। पीएम मोदी ने जिस इलाके का दौरा किया है, वह ठीक उसी सीमा के नज़दीक है जहां से तुर्की ने कब्जा किया है। इससे साफ होता है कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक साफ-साफ संदेश है।

पीएम मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च पुरस्कार,11 साल में 27 इंटरनेशनल अवॉर्ड

#pmmodiinternationalawardlist_27

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया में बुधवार को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस' से सम्मानित किया गया। नामीबिया की राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने उन्हें राजधानी विंडहोक स्थित स्टेट हाउस में यह सम्मान दिया। बतौर पीएम, मोदी का यह 27वां इंटरनेशनल अवॉर्ड है। 

पीएम मोदी 2 से 10 जुलाई तक 5 देशों के दौरे पर रहे। इस क्रम में पीएम मोदी एक दिवसीय दौरे पर नामीबिया पहुंचे।यहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान पीएम मोदी को बुधवार को नामीबिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेल्वित्चिया मिराबिलिस’ से सम्मानित किया गया। पीएम मोदी को यह पुरस्कार नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा द्वारा विंडहोक में आयोजित एक समारोह में दिया गया।

प्रधानमंत्री ने नामीबिया की संसद को भी संबोधित किया

उन्होंने कहा, मैं सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेते हुए बहुत सम्मानित महसूस कर रहा है। नामीबिया के मजबूत और सुंदर पौधों की तरह, हमारी दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। यहां के राष्ट्रीय पौधे, वेल्वित्शिया मिराबिलिस की तरह, यह समय और उम्र के साथ और भी मजबूत होगी। पीएम ने कहा, आपने 2022 में हमारे देश में चीतों को फिर से बसाने में हमारी मदद की, हम आपके इस गिफ्ट के लिए बहुत आभारी हैं। उन्होंने आपके लिए एक संदेश भेजा है- सब कुछ ठीक है। वे बहुत खुश हैं और अपने नए घर में अच्छी तरह से ढल गए हैं। उनकी संख्या भी बढ़ी है।

7 दिनों में 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी को 26 अवॉर्ड मिल चुके हैं। पीएम मोदी को पिछले 7 दिनों में 4 देशों ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है। प्रधानमंत्री इस हफ्ते 5 देशों के दौरे पर थे। इस दौरान 4 मुल्कों ने उनका सम्मान किया है। वहीं, 24 घंटे के भीतर दिया गया दूसरा पुरस्कार है।

2016-2019 तक इन देशों ने किया सम्मानित

सबसे पहले पीएम को 2016 में सऊदी अरब ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान किंग अब्दुल अजीज सैश से सम्मानित किया। 2016 में ही अफगानिस्तान ने पीएम को स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर सम्मान दिया। 2018 में फिलिस्तीन ने अपने सबसे बड़े नागरिक सम्मान ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट फलस्तीन से नवाजा। 2019 में यूएई ने ऑर्डर ऑफ जायद दिया। 2019 में ही पड़ोसी देश रूस ने ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल दिया। 2019 में ही मालदीव ने पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ इज्जुद्दीन से सम्मानित किया। बहरीन ने भी पीएम मोदी को 2019 में किंग हमद ऑर्डर ऑफ द रेनसां से सम्मनित किया।

2020 से 2025 तक मिले ये सम्मान

2020 में अमेरिका ने पीएम मोदी को लीजन ऑफ मेरिट से सम्मानित किया। 2021 में भूटान ने पीएम को ऑर्डर ऑफ द द्रुक ग्यालपो से नवाजा। 2023 में पापुआ न्यू गिनी ने पीएम मोदी को एबाकल अवॉर्ड दिया। 2023 में ही फिजी ने पीएम मोदी को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर दिया। 2023 में पापुआ न्यू गिनी ने पीएम को ऑर्डर ऑफ लोगोहू भी दिया। जोकि सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। 2023 में मिस्त्र ने ऑर्डर ऑफ नाइल दिया। 2023 में फ्रांस ने ग्रैंड क्रॉस ऑफ द सीजन ऑनर दिया। 2023 में ग्रीस ने द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर से नवाजा। इसके बाद पीएम को 2024 में डोमिनिका, नाइजीरिया, गुयाना, बारबाडोस और कुवैत ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा।

सबसे ज्यादा अवॉर्ड पाने वाले पीएम

11 साल के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी को अब तक 27 देशों ने अवॉर्ड दिया है। आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले, जबकि इंदिरा गांधी को भी दो सम्मान मिले। डॉ. मनमोहन सिंह को भी अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान दो अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले, जबकि राजीव गांधी को कोई सम्मान नहीं मिला।

ग्लोबल साउथ के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया”, ब्रिक्स समिट से पीएम मोदी ने किसे दिया कड़ा संदेश?

#bricssummitpmmodimessageonterrorism

ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स देशों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद की कड़ी निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुटता का आह्वान किया। ब्रिक्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मजबूत करने' के विषय पर आयोजित सत्र के दौरान बड़ी ताकतों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि कहा कि ग्लोबल साउथ को जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी पहुंच पर सिर्फ दिखावटी चीजें मिली हैं।

आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाने वालों को संदेश

प्रधानमंत्री मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे हैं। इससे पहले वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और अर्जेंटीना जा चुके हैं। रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की। पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए कहा कि आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होनी चाहिए, न कि सुविधा। यह देखना कि हमला किस देश में हुआ और किसके खिलाफ, मानवता के साथ विश्वासघात है। पीएम का यह बयान सीधे तौर पर चीन को संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पिछले दिनों चीन में आयोजित एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में उसने संयुक्त बयान के मसौदे में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र नहीं किया।

ग्लोबल साउथ 'डबल स्टैंडर्ड' का शिकार-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ग्लोबल साउथ को जो कुछ भी मिला है, वह सिर्फ "टोकन जेस्चर" है। मतलब है कि उन्हें सिर्फ दिखावे के लिए कुछ चीजें दी गई हैं, वास्तव में उनकी मदद नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ 'डबल स्टैंडर्ड' का शिकार रहा है। मतलब, उनके साथ अलग-अलग नियमों के हिसाब से व्यवहार किया गया है।

वैश्विक संस्थाओं में सुधार की जरूरत-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 20वीं सदी में बने वैश्विक संगठन आज की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। दुनिया भर में चल रहे युद्ध हों, महामारी हो, आर्थिक संकट हो या साइबर दुनिया में नई चुनौतियां, इन संगठनों के पास कोई समाधान नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज दुनिया को एक नई, बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था की जरूरत है। इसकी शुरुआत वैश्विक संस्थानों में व्यापक सुधारों से करनी होगी। सुधार केवल दिखावटी नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका वास्तविक प्रभाव भी दिखना चाहिए। दुनिया को ऐसे नए सिस्टम की ज़रूरत है जिसमें कई देशों की बात सुनी जाए और सबको शामिल किया जाए। पुराने संगठनों में बदलाव ज़रूरी हैं, और ये बदलाव सिर्फ नाम के लिए नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका असर भी दिखना चाहिए।

पीएनबी घोटाले में बड़ी सफलता, भगोड़े नीरव मोदी का भाई नेहल मोदी अमेरिका में गिरफ्तार

#niravmodibrothernihalmodiarrestedinafraudcasein_america

पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले में भगोड़ा घोषित नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। सीबीआई और ईडी के प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद उन पर शिकंजा कसा गया है। अमेरिका के अधिकारियों ने भारत सरकार को इसकी जानकारी दी है। यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी के भाई को 4 जुलाई को अमेरिकी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।

नेहल मोदी भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, पीएनबी घोटाले में वांछित हैं। जांच एजेंसियों का आरोप है कि उन्होंने अपने भाई नीरव मोदी की मदद करते हुए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई को छिपाया और शेल कंपनियों व विदेशी लेनदेन के जरिए उसे इधर-उधर किया।

2019 में जारी किया गया था रेड नोटिस

साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने इंटरपोल से नीरव मोदी को बैंक फंड्स को लूटने में मदद करने के आरोप में नेहल मोदी की भूमिका के लिए उसके खिलाफ रेड नोटिस जारी करने का अनुरोध किया गया था।

कौन है नेहल मोदी?

नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वांछित है। नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में कथित 13,600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले बैंक लेनदेन के मामले के आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी का भाई है। 46 वर्ष का नेहल मोदी बेल्जियम का नागरिक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की गई जांच में नेहल मोदी को नीरव मोदी की आपराधिक आय को वैध बनाने के लिए काम करने वाले अहम शख्स पाया गया था। नीरव मोदी ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की कार्रवाई का सामना कर रहा है।

काले धन को सफेद करने और छुपाने अहम भूमिका

जांच में सामने आया है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी के लिए काले धन को सफेद करने और छुपाने में अहम भूमिका निभाई थी। ईडी और सीबीआई की जांच में ये भी पाया गया है कि नेहाल मोदी ने कई शेल कंपनियों के जरिए बड़ी रकम को विदेशों में इधर-उधर किया। उसका मकसद था धोखाधड़ी से कमाई गई रकम को ट्रैक से बाहर रखना।

नेहल की गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों के लिए अहम

बता दें कि नीरव मोदी खुद इस समय ब्रिटेन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। नेहल मोदी के प्रत्यर्पण मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को तय की गई है। जिसमें स्थिति की समीक्षा (स्टेटस कॉन्फ्रेंस) होगी। इस सुनवाई के दौरान नेहल मोदी जमानत की अर्जी भी दे सकते हैं, जिसे अमेरिकी अभियोजन पक्ष विरोध करेगा। यह गिरफ्तारी भारत की जांच एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पीएम मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रपति ने खुद किया सम्मानित

#modiconferredwithghanashighestnationalhonour

अफ्रीकी देशों के दौरे पर गए पीएम मोदी को घाना में 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान देश के राष्ट्रपति महामा ने पीएम मोदी को सम्मानित किया।पीएम मोदी ने इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे 'अत्यंत गर्व का विषय' बताया।

30 सालों में किसी भारतीय पीएम की पहली घाना यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को घाना पहुंचे। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। बता दें कि पीएम मोदी की यह यात्रा 30 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा थी। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत, घाना में व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगा और घाना के 'फीड घाना' कार्यक्रम का समर्थन करेगा।

यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का प्रतीक-पीएम मोदी

पीएम ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए घाना के जनता और सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कहा कि मुझे ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना से सम्मानित करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं और भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का भी एक प्रतीक है। भारत हमेशा घाना के लोगों का साथ देगा।

मोदी को 24 वैश्विक पुरस्कारों से किया जा चुका सम्मानित

घाना का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी को अब तक उनके कार्यकाल के दौरान 24 वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वर्ष घाना के अलावा साइप्रस, श्रीलंका और मॉरीशन के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। वहीं श्रीलंका ने पीएम मोदी को मित्र विभूषण मेडल से सम्मानित किया था। इसके अलावा इसी वर्ष प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में गए थे, जहां उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से नवाजा गया।

भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक’, आपातकाल के 50 साल पर बोले पीएम मोदी

#pmnarendramodiemergencyanniversary

देश में 1975 को लगाए गए आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र के इतिहास के काले अध्याय को याद करते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक आपातकाल लागू होने के पचास साल पूरे हो गए हैं। यह वो वक्त था जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स लिखा, यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन, भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया। कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।

तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लिखा कि जब आपातकाल लगाया गया था, तब मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था। आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का एक अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला। पीएम ने लिखा कि मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।

आपातकाल के खिलाफ लड़ने वालों को सलाम-पीएम मोदी

पीएम ने आपातकाल के खिलाफ खड़े होने वालों को सलाम किया। पीएम ने कहा हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए।

चुनाव से पहले बिहार में बहार, आज फिर आ रहे पीएम मोदी, देंगे 5736 करोड़ की सौगात

#pmmodicomingtosiwanbihartoday

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज बिहार के दौरे पर रहेंगे। अपने इस दौरे के दौरान पीएम 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। वे एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कुछ ही महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पीएम मोदी का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल 20 दिन में दूसरा और इस साल का 51वां बिहार प्रवास होगा। पीएम मोदी ने इससे पहले 29-30 मई को बिहार का दौरा किया था।

22 परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महागठबंधन के गढ़ सिवान में एक बड़ी चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। दोपहर 12 बजे वह सिवान पहुंचेंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम 1 बजकर 15 मिनट तक चलेगा। सिवान की धरती पर 5,736 करोड़ रुपये की कुल 22 परियोजनाओं का तब उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 53,666 बेघर लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त के तौर पर 51,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित करेंगे। इसके अलावा, 6,684 शहरी गरीब परिवारों को उनके नए घरों की चाबी मिलेगी।

कई योजनाओं का होगा शिलान्यास

प्रधानमंत्री एक नई वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जो पटना के पास पाटलिपुत्र जंक्शन और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बीच चलेगी। मोदी अमृत भारत योजना की 11 परियोजनाओं और नमामि गंगे परियोजना के तहत चार अन्य परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।

सिवान में पीएम की रैली के सियासी मायने

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। महागठबंधन का गढ़ माने जाने वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर एनडीए ने जीत का लक्ष्य रखा है। रैली के जरिए पीएम मोदी सिवान के साथ ही सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। महागठबंधन का ये इलाका एनडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह आसान कर सकती है।

बता दें कि सिवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां 25% से ज्यादा मुस्लिम हैं और यादव वोट भी अच्छी तादात में है। MY समीकरण की वजह से यहां आरजेडी का दबदबा है। लेकिन खास बात यह है कि सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश और बीजेपी के साथ है।

भारत-पाक के बीच सीजफायर में अमेरिकी ने मध्यस्थता नहीं थी', पीएम मोदी ने ट्रंप को कर दिया साफ

#pmmoditoughtalkwithdonaldtrump

कनाडा में आयोजित जी7 शिखर सम्मलेन को बीच में ही छोड़कर अमेरिका लौटे डोनाल्ड ट्रंप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है। पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई। दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई। इस बातचीत के दौरान ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी ने दो टूक जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा। दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता की थी।

ट्रंप ने यूएस आने का दिया न्योता

ट्रंप ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या वह कनाडा से लौटने पर अमेरिका आ सकते हैं? प्रधानमंत्री ने पूर्व कार्यक्रमों का हवाला देते हुए ऐसा करने में असमर्थता जताई।

‘भारत-पाक संघर्ष में किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी’

इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पड़ोसी मुल्क के आह्वान के बाद दोनों देशों की आपसी सहमति से ही हुआ। इसमें किसी की भी मध्यस्थता नहीं थी और न ही किसी ट्रेड डील पर बात हुई थी।

कनाडा में दोनों नेताओं में होनी थी मुलाकात

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर हुई करीब 35 मिनट तक हुई इस बातचीत के बारे में विस्तार से बताया है। मिसरी ने बताया कि G7 समिट से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात होनी तय थी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिस कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई। उन्होंने बताया कि यह बातचीत लगभग 35 मिनट चली, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान तनाव पर विस्तार से चर्चा हुई।

जी-7 में पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप, पीएम मोदी से हो सकती है मुलाकात

#pmmodimaymeetdonaldtrumping7

इस बार जी-7 की बैठक कनाडा में हो रही है। दुनिया की कुछ सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता कनाडा के रॉकीज में ग्रुप ऑफ सेवन शिखर सम्मेलन के लिए पहुंच रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 15 से 17 जून तक आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। ट्रंप जी 7 बैठक में हिस्सा लेने कनाडा पहुंच चुके हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज कनाडा पहुंचेंगे। कनाडा में जी7 की बैठक से इतर पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने की संभावना है। हालांकि, किसी औपचारिक बैठक की संभावना की पुष्टि नहीं की गई है।

पीएम मोदी ने कहा- सहयोगी देशों के नेताओं से बातचीत को उत्सुक

पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, 'शिखर सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए जगह देगा। मैं सहयोगी देशों के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।' ऑपरेशन सिंदूर के सीजफायर को लेकर ट्रंप जिस तरह से लगातार बयानबाजी करते रहे हैं, उससे पीएम मोदी के साथ इस तरह की किसी भी संभावित मुलाकात की अहमियत और बढ़ गई है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है।

जी7 समिट में इस बार क्या है एजेंडा?

इस साल कनाडा जी 7 की अध्यक्षता कर रहा है। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा जी7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं। शुरुआत में जी7का एजेंडा आर्थिक चुनौतियों और क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों का हल निकालना था। बाद में राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी इसमें शामिल हो गए। वैश्विक मुद्दों पर जी7 के फैसलों का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है।

पीएम मोदी को मिला साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान, अब तक 20 से ज्यादा देशों में हुए सम्मानित

#pmmodireceiveshighesthonourofcyprus

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। साइप्रस ने सोमवार को पीएम मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III' से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में यह सम्मान दिया।ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय साइप्रस की ओर से प्रदान किया जाने वाला नाइटहुड सम्मान है, जिसका नाम साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति आर्कबिशप मकारियोस तृतीय के नाम पर रखा गया था।

भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि साइप्रस के ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस तृतीय’ सम्मान को प्राप्त करके मैं बहुत खुश हूं। मैं इसे हमारे देशों के बीच की मित्रता को समर्पित करता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों को यह सम्मान समर्पित करते हुए कहा कि यह भारत-साइप्रस की भरोसेमंद दोस्ती का सम्मान है।

साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में हमारी सक्रिय साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। हम मिलकर न केवल अपने दोनों देशों की प्रगति को मजबूत करेंगे बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व के निर्माण में भी योगदान देंगे।

पीएम मोदी का 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

यह 21वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार था, जो प्रधानमंत्री मोदी को किसी अन्य देश द्वारा दिया गया है। इससे पहले मार्च में मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'द ग्रांड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' से सम्मानित किया था। इसके बाद अप्रैल में श्रीलंका की सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी को 'श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान' से सम्मानित किया था। पिछले साल दिसंबर में कुवैत ने प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। कुवैत के अमीर अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल सबा ने प्रधानमंत्री मोदी को 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित किया था।

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे का दूसरा दिन, जानें भारत के लिए क्यों है अहम

#pmmodivist_cyprus

प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में जी-7 बैठक में भाग लेने आज कनाडा पहुंचेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी दो देशों के कूटनीतिक यात्रा भी करेंगे। इनके दौरे में एक देश साइप्रस तो दूसरा क्रोएशिया है। प्रधानमंत्री मोदी कनाडा जाने से पहले साइप्रस पहुंचे। पीएम मोदी के साइप्रस दौरे का आज दूसरा दिन है। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस राष्ट्रपति भवन में मोदी का स्वागत करेंगे। जिसके बाद वे प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा करेंगे। इसके बाद मोदी G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा रवाना हो जाएंगे।

व्यापार जगत के लोगों के साथ बैठक

पीएम मोदी रविवार दिन में साइप्रस की राजधानी निकोसिया पहुंचे थे। मोदी ने रविवार को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ निकोसिया में व्यापार जगत के लोगों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने बैठक में भारत और साइप्रस के व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित किया। व्यापार, निवेश और रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। व्यापार जगत के नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में विकास की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

भारत के लिए क्यों अहम है साइप्रस?

साइप्रस, एक छोटा यूरोपीय देश होते हुए भी पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच में स्थित होने के कारण रणनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील है। इसका उत्तरी हिस्सा 1974 से तुर्की के सैन्य कब्जे में है। उसे केवल तुर्की ही “Northern Cyprus Turkish Republic (NCTR)” के नाम से मान्यता देता है। दुनिया का बाकी कोई भी देश उसे वैध नहीं मानते हैं। पीएम मोदी ने जिस इलाके का दौरा किया है, वह ठीक उसी सीमा के नज़दीक है जहां से तुर्की ने कब्जा किया है। इससे साफ होता है कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक साफ-साफ संदेश है।