India

Mar 28 2024, 18:38

शिवसेना में शामिल हुए गोविंदा, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें

#govinda_joins_shiv_sena

फिल्म अभिनेता गोविंदा ने राजनीति में एक बार फिर एंट्री ली है, वह गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि वह मुंबई उत्तर पश्चिम से चुनाव लड़ सकते हैं। गोविंदा की राजनीति में एंट्री के कयास कल तब से लगाए जाने लगे थे जब उन्होंने शिवसेना एक नाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े से मुलाकात की थी। 

बुधवार को गोविंदा ने शिंदे खेमे के नेता और शिवसेना के पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े से मुलाकात की थी, जिसकी तस्वीर भी सामने आई थी। आज सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद वो औपचारिक तौर पर सक्रिय राजनीति का हिस्‍सा बन गए हैं। गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने गोविंदा को पार्टी की सदस्यता दिलाई, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद गोविंदा ने कहा, 'मैंने सोचा था कि मैं दोबारा राजनीति में प्रवेश नहीं करूंगा, लेकिन अब मैं शिव सेना में शामिल हो रहा हूं और मेरे लिए यह भगवान का आशीर्वाद है'। वहीं, इस दौरान अभिनेता ने सीएम एकनाथ शिंदे की भी तारीफ की।

अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वो उत्‍तर-पश्चिमी मुंबई से चुनाव लड़ सकते हैं। मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व मौजूदा वक्‍त में शिवसेना के गजानन कीर्तिकर कर रहे हैं। हालांकि, कीर्तिकर की अधिक उम्र के चलते एकनाथ शिंदे गुट कथित तौर पर उन्‍हें दोबारा मौका देने के मूड में नहीं हैं। ऐसे में गोविंदा के लिए यहां से लड़ने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।

गोविंदा इससे पहले 2004 में राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। उन्‍होंने 20 साल पहले उत्‍तरी मुंबई से चुनाव जीता था। गोविंदा कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। तब उन्होंने भाजपा के राम नाईक को 48,271 वोट से हराया था। राम नाईक बाद में यूपी के राज्‍यपाल भी बने। हालांकि, बाद में गोविंदा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए राजनीति छोड़ दी थी।

BollywoodCorner

Jul 09 2023, 13:25

गोविंदा ने बर्बाद कर दिया इस एक्टर का करियर! अब जी रहा गुमनामी की जिंदगी


डेस्क: सिनेमाजगत में कई सितारे ऐसे हैं जो जिन्होंने खूब नाम कमाया. यहां तक कि उन्हें एक के बाद एक फिल्में मिलीं. लेकिन अचानक पर्दे से गायब हो गए और गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं. ऐसा ही एक एक्टर सुमीत सहगल है. सुमीत ने बॉलीवुड में खूब नाम कमाया. लेकिन देखते ही देखते पर्दे से गायब हो गए. इसके पीछे की वजह कहीं ना कहीं गोविंदा थे. जानिए गोविंदा और सुमीत सहगल का ऐसा क्या कनेक्शन था कि जिसने सुमीत का चलता हुआ करियर बर्बाद कर दिया.

इस फिल्म से किया था डेब्यू

सुमीत सहगल ने साल 1987 में अपने करियर की शुरुआत 'इंसानियत के दुश्मन' फिल्म से की थी. इस फिल्म में तो सुमीत का रोल लोगों को ज्यादा रास नहीं आया लेकिन इसके बाद कई फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया. सुमीत का करियर साल 1987 से 1995 के बीच चल पड़ा था. इन्होंने इस बीच करीबन 30 फिल्मों में काम किया.

लोग गोंविदा से करने लगे तुलना

इसके बाद सुमीत सहगल की लोग तुलना गोविंदा (Govinda) से करने लगे. कुछ लोगों का उस वक्त कहना था कि एक्टर की शक्ल गोविंदा से मिलती जुलती है. ऐसे में सुमीत ने बतौर लीड एक्टर नहीं बल्कि सेकेंड लीड एक्टर के तौर पर काम किया और कभी भी लीड एक्टर नहीं बन पाए.

मिला 'सस्ता गोविंदा' का टैग

'तमाचा' फिल्म एक मल्टीस्टारर फिल्म थी. इसमें जीतेंद्र, रजनीकांत, भानुप्रिया और किमी काटकर थीं. खबरों की मानें तो पहले इस फिल्म के लिए गोविंदा को अप्रोच किया गया था. लेकिन बिजी शिड्यूल की वजह से इस फिल्म में काम नहीं कर पाए.इसके बाद मेकर्स ने सुमीत को इस रोल के लिए अप्रोच किया क्योंकि सुमीत का लुक और हेयर स्टाइल गोविंदा से काफी मिलता था.इसके बाद सुमीत को लेकर सिनेमाजगत में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी. कि अगर गोविंदा के पास वक्त नहीं है तो सुमीत को कास्ट कर लो.

ये बात आग की तरह इतनी ज्यादा फैल गई कि लोग सुमीत सहगल को सस्ता गोविंदा तक कहने लगे. आपको बता दें, गोविंदा उस वक्त बॉलीवुड के उभरते सितारे बन चुके थे. यहां तक कि उन्हें फिल्मों में हाथों हाथ लिया जा रहा था. गोविंदा की पॉपुलैरिटी उस वक्त इतनी ज्यादा थी कि सुमीत सहगल तो क्या कई बॉलीवुड सितारों को उन्होंने मात दे दी थी.

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शिवसेना में शामिल हुए गोविंदा, मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें

#govinda_joins_shiv_sena

फिल्म अभिनेता गोविंदा ने राजनीति में एक बार फिर एंट्री ली है, वह गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए। माना जा रहा है कि वह मुंबई उत्तर पश्चिम से चुनाव लड़ सकते हैं। गोविंदा की राजनीति में एंट्री के कयास कल तब से लगाए जाने लगे थे जब उन्होंने शिवसेना एक नाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े से मुलाकात की थी। 

बुधवार को गोविंदा ने शिंदे खेमे के नेता और शिवसेना के पूर्व विधायक कृष्णा हेगड़े से मुलाकात की थी, जिसकी तस्वीर भी सामने आई थी। आज सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद वो औपचारिक तौर पर सक्रिय राजनीति का हिस्‍सा बन गए हैं। गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने गोविंदा को पार्टी की सदस्यता दिलाई, जिसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद गोविंदा ने कहा, 'मैंने सोचा था कि मैं दोबारा राजनीति में प्रवेश नहीं करूंगा, लेकिन अब मैं शिव सेना में शामिल हो रहा हूं और मेरे लिए यह भगवान का आशीर्वाद है'। वहीं, इस दौरान अभिनेता ने सीएम एकनाथ शिंदे की भी तारीफ की।

अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वो उत्‍तर-पश्चिमी मुंबई से चुनाव लड़ सकते हैं। मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व मौजूदा वक्‍त में शिवसेना के गजानन कीर्तिकर कर रहे हैं। हालांकि, कीर्तिकर की अधिक उम्र के चलते एकनाथ शिंदे गुट कथित तौर पर उन्‍हें दोबारा मौका देने के मूड में नहीं हैं। ऐसे में गोविंदा के लिए यहां से लड़ने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।

गोविंदा इससे पहले 2004 में राजनीतिक सफर की शुरूआत की थी। उन्‍होंने 20 साल पहले उत्‍तरी मुंबई से चुनाव जीता था। गोविंदा कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। तब उन्होंने भाजपा के राम नाईक को 48,271 वोट से हराया था। राम नाईक बाद में यूपी के राज्‍यपाल भी बने। हालांकि, बाद में गोविंदा ने निजी कारणों का हवाला देते हुए राजनीति छोड़ दी थी।

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Jul 09 2023, 13:25

गोविंदा ने बर्बाद कर दिया इस एक्टर का करियर! अब जी रहा गुमनामी की जिंदगी


डेस्क: सिनेमाजगत में कई सितारे ऐसे हैं जो जिन्होंने खूब नाम कमाया. यहां तक कि उन्हें एक के बाद एक फिल्में मिलीं. लेकिन अचानक पर्दे से गायब हो गए और गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं. ऐसा ही एक एक्टर सुमीत सहगल है. सुमीत ने बॉलीवुड में खूब नाम कमाया. लेकिन देखते ही देखते पर्दे से गायब हो गए. इसके पीछे की वजह कहीं ना कहीं गोविंदा थे. जानिए गोविंदा और सुमीत सहगल का ऐसा क्या कनेक्शन था कि जिसने सुमीत का चलता हुआ करियर बर्बाद कर दिया.

इस फिल्म से किया था डेब्यू

सुमीत सहगल ने साल 1987 में अपने करियर की शुरुआत 'इंसानियत के दुश्मन' फिल्म से की थी. इस फिल्म में तो सुमीत का रोल लोगों को ज्यादा रास नहीं आया लेकिन इसके बाद कई फिल्मों में काम मिलना शुरू हो गया. सुमीत का करियर साल 1987 से 1995 के बीच चल पड़ा था. इन्होंने इस बीच करीबन 30 फिल्मों में काम किया.

लोग गोंविदा से करने लगे तुलना

इसके बाद सुमीत सहगल की लोग तुलना गोविंदा (Govinda) से करने लगे. कुछ लोगों का उस वक्त कहना था कि एक्टर की शक्ल गोविंदा से मिलती जुलती है. ऐसे में सुमीत ने बतौर लीड एक्टर नहीं बल्कि सेकेंड लीड एक्टर के तौर पर काम किया और कभी भी लीड एक्टर नहीं बन पाए.

मिला 'सस्ता गोविंदा' का टैग

'तमाचा' फिल्म एक मल्टीस्टारर फिल्म थी. इसमें जीतेंद्र, रजनीकांत, भानुप्रिया और किमी काटकर थीं. खबरों की मानें तो पहले इस फिल्म के लिए गोविंदा को अप्रोच किया गया था. लेकिन बिजी शिड्यूल की वजह से इस फिल्म में काम नहीं कर पाए.इसके बाद मेकर्स ने सुमीत को इस रोल के लिए अप्रोच किया क्योंकि सुमीत का लुक और हेयर स्टाइल गोविंदा से काफी मिलता था.इसके बाद सुमीत को लेकर सिनेमाजगत में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी. कि अगर गोविंदा के पास वक्त नहीं है तो सुमीत को कास्ट कर लो.

ये बात आग की तरह इतनी ज्यादा फैल गई कि लोग सुमीत सहगल को सस्ता गोविंदा तक कहने लगे. आपको बता दें, गोविंदा उस वक्त बॉलीवुड के उभरते सितारे बन चुके थे. यहां तक कि उन्हें फिल्मों में हाथों हाथ लिया जा रहा था. गोविंदा की पॉपुलैरिटी उस वक्त इतनी ज्यादा थी कि सुमीत सहगल तो क्या कई बॉलीवुड सितारों को उन्होंने मात दे दी थी.