पीएम मोदी ने 'गाजा पीस प्लान' पर ट्रंप को सराहा, बोले-भारत शांति के साथ है

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हमास और इजरायल के बीच जारी जंग अब खत्म होने को है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में गाजा के लिए पीस प्लान चलाया जा रहा है। इसके तहत हमास सभी इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान के लिए हमास के राजी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी सराहना की है।पीएम मोदी ने गाजा में शांति प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताया और कहा कि बंधकों की रिहाई शांति की दिशा में अहम कदम है।

पीएम मोदी ने किया समर्थन

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने समर्थन का इजहार किया है। पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के बीच हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।

ट्रंप का 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच दो वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त कराने की एक शांति योजना पेश की थी। ट्रंप ने गाजा में संघर्षविराम के लिए एक 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव तैयार किया। जिसे इस्राइल ने स्वीकार कर लिया। हमास ने भी बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता अन्य फलस्तीनियों को सौंपने की बात मान ली है। हालांकि शांति प्रस्ताव के कई अन्य बिंदुओं पर अभी हमास ने चर्चा के बाद फैसला लेने की बात कही है।

ट्रंप की धमकी के आगे झुका हमास

बता दें कि ट्रंप ने हमास को शांति प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए रविवार शाम छह बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। ट्रंप की धमकी के बाद ही हमास को बंधकों की रिहाई के लिए सहमति देने पर मजबूर होना पड़ा। ट्रंप ने अपनी धमकी में कहा है कि अगर हमास ने रविवार शाम 6 बजे तक इजरायल के साथ शांति समझौता नहीं किया तो सब कुछ बिगड़ जाएगा। ट्रंप ने आगे कहा कि हमास को शांति योजना स्वीकार करने का यह आखिरी मौका दिया जा रहा है। ट्रंप की सीधी धमकी के बाद हमास ने ऐलान कर दिया कि वह शांति समझौते के लिए तैयार है। हमास ने कहा कि वह सभी इजरायली बंधकों अपने पास से रिहा कर देगा, चाहे वह जीवित हों या फिर मर चुके हों।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

इजरायल ने तोड़ा सीजफायर, गाजा-लेबनान और सीरिया में किया एयर स्ट्राइक, 200 से ज्यादा मौतें

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इजराइल ने सोमवार को गाजा, लेबनान और सीरिया में हवाई हमले किए। इजराइल की ओर से किए गए ये हमले सीजफायर के दौरान किए गए हैं। पिछले 15 महीने चली जंग में महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर इजराइल के हमले किए। हवाई हमलों में कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। युद्धविराम के बाद गाजा में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। जिसमें इतने लोगों की मौत हुई है। वहीं हमास ने चेतावनी दी है कि गाजा में इजराइल के नए हमले युद्ध विराम का उल्लंघन हैं और यह बंधकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है।

यह हमला अचानक नहीं हुआ है। इसके बारे में इजरायल ने अमेरिका को पहले ही जानकारी दे दी थी। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा, हमास युद्धविराम बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया और युद्ध का विकल्प चुना। इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कराया था।

इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसके बारे में बताया है। आईडीएफ के हमला करने के बाद उन्होंने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, आज रात हम गाजा की लड़ाई में वापस आ गए हैं। हमास की ओर से बंधकों को रिहा करने से मना करने और आईडीएफ सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के मद्देनजर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमास सभी बचे 59 बंधकों को रिहा नहीं करता तो गाजा में नरक के दरवाजे खुल जाएंगे। हम हमास पर ऐसी ताकत से हमला करेंगे, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा 

वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं होने के कारण उन्होंने हमले का आदेश दिया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, इजराइल अब सैन्य ताकत बढ़ाकर हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इजरायल ने गाजा पर ऐसे समय में हमला किया है जब अमेरिका यमन के हूतियों पर बम बरसा रहा है।

गाजा युद्ध विराम और अमेरिकी दूत मार्को रुबियो की पहल

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2023 के अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले ने गाजा में स्थिति को गंभीर बना दिया। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का दौर बढ़ा। युद्धविराम के प्रयास जारी रहे, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रुबियो ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा युद्ध विराम पर बातचीत की, जो अमेरिकी-इजरायल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।

अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा: मार्को रुबियो का यह दौरा उनके पहले मध्य पूर्व दौरे के रूप में था। यह यात्रा विशेष रूप से गाजा युद्ध विराम और अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में अहम थी। इस दौरान, रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसमें गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और वहां के दो मिलियन से अधिक निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह योजना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना का शिकार हुई है।

ट्रम्प का प्रस्ताव: ट्रम्प ने गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गाजा को "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाने की बात की, जिससे वहाँ के आर्थिक पुनर्विकास की संभावना जताई गई थी। नेतन्याहू ने इस विचार का स्वागत किया, लेकिन कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वे मानते हैं कि यह समाधान अस्थिरता को बढ़ाएगा और फिलिस्तीनी समुदाय के लिए अस्वीकार्य होगा।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय: गाजा में युद्धविराम के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में एक समझौता हुआ, जिसके तहत 369 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 3 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया। यह छठी अदला-बदली थी, जो एक नाजुक युद्ध विराम के तहत की गई थी। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद कई लोग चिंतित हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो सकती है। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सेवानिवृत्त शिक्षक नासिर अल-अस्तल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी, लेकिन यह कभी भी टूट सकती है।"

अमेरिका का रुख: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ट्रम्प की योजना ही "एकमात्र योजना" है, और वह फिलिस्तीनी राज्य के लिए किसी भी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा के युद्ध के बाद के रोडमैप का प्रस्ताव किया, जिसमें इजरायल से फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता स्वीकार करने की बात की गई थी। नेतन्याहू की सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज किया, क्योंकि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को स्थायी शांति के लिए जरूरी बताया है, और सऊदी अरब जैसे देशों ने इसका समर्थन किया है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां: गाजा में युद्धविराम के पहले चरण के तहत, 19 जनवरी 2024 से युद्धविराम लागू किया गया था, लेकिन यह पिछले सप्ताह लगभग टूट गया था। इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर वे 3 जीवित बंधकों को रिहा नहीं करते, तो नई लड़ाई शुरू हो सकती है। इसके बाद, 3 इजरायली बंधक रिहा हुए, जिनमें इजरायली-अमेरिकी सागुई डेकेल-चेन, इजरायली-रूसी साशा ट्रुपानोव और इजरायली-अर्जेंटीना यायर हॉर्न शामिल थे। इन बंधकों की रिहाई के साथ, इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें अधिकतर गाजा के नागरिक थे। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हुई और स्थानीय लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है।

ट्रम्प की योजना पर विवाद: ट्रम्प की योजना, जिसमें गाजा के निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, को फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों ने नकारा। मिस्र और जॉर्डन को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिकी राजनयिक रुबियो ने कहा है कि हमास का भविष्य में कोई भी भूमिका नहीं होनी चाहिए और अरब देशों को इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गाजा में मानवाधिकारों की स्थिति: गाजा में युद्ध विराम के बावजूद, मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की जानें गई हैं, जबकि हमास के हमले में भी इजरायल के नागरिक मारे गए हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में अब तक 48,264 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 के हमले में इजरायल में 1,211 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

भविष्य की दिशा: गाजा में युद्धविराम और बंधक-विनिमय की स्थिति को स्थिर करने के लिए बातचीत जारी है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत इस सप्ताह दोहा में शुरू हो सकती है। हालांकि, हमास और इजरायल के बीच तनाव अभी भी बरकरार है और भविष्य में संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है। अमेरिकी, मिस्र, और अन्य क्षेत्रीय देशों के प्रयासों के बावजूद, गाजा के संकट का समाधान आसान नहीं होगा। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास के लिए भविष्य में और भी कड़े निर्णयों की आवश्यकता होगी।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय के प्रयास एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहल और ट्रम्प की योजना इस संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उनका कार्यान्वयन फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों के विरोध का सामना कर रहा है। युद्धविराम के बाद भी, गाजा में स्थिरता लाने के लिए लंबे समय तक और कठिन बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास की दिशा में गंभीर और दूरगामी कदम उठाने की आवश्यकता है।

गाजा पर कब्जा करेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का ऐलान, जानें क्या है प्लान?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण करेगा। मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये बड़ा बयान दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हम गाजा का मालिकाना लेना चाहते हैं, इसके बाद गाजा में मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी हमारी होगी। अमेरिका ध्वस्त या जर्जर हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण कराएगा और गाजा का आर्थिक विकास करेगा। इससे गाजा में रोजगार और लोगों को घर मिलेंगे।

गाजा को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनाने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा एक 'अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र' होगा। ट्रंप ने आगे बताया कि अमेरिका द्वारा पुनर्निर्माण पूरा करने के बाद दुनिया भर के लोग गाजा में रहेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी उनमें से हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गाजा में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने इससे इनकार नहीं किया।

सेना उतारने को तैयार ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा के पुनर्निर्माण में अगर अमेरिकी सेना की जरूरत पड़ी तो वे सेना को भी गाजा में तैनात करने पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर यह जरूरी हुआ तो हम ऐसा करेंगे।

फिलिस्तीनियों को निकालने की बात

ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि फिलिस्तीनियों को गाजा के 'नरक के गड्ढे' से निकाल दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि गाजा को एक ही लोगों के पुनर्निर्माण और कब्जे की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा की आबादी को इंसानी दिल रखने वाले देशों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और दावा किया कि कई लोग हैं जो ऐसा करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन

ट्रंप के साथ उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू भी बैठे थे और खुश हो रहे थे। जब ट्रंप यह सब बोल रहे थे, तब नेतन्याहू मुस्कुरा रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप की इस योजना का समर्थन किया और इसे पर खुशी जाहिर की। नेतन्याहू ने कहा कि हम चाहते हैं कि गाजा भविष्य में अब कभी भी इस्राइल के लिए खतरा न बने, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसे एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। ट्रंप का विचार अलग है और इससे गाजा का भविष्य बदल जाएगा। इस विचार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे इतिहास बदल सकता है।

गाजा संघर्ष विराम को इजराइली कैबिनेट की मंजूरी, नेतन्याहू ने की घोषणा, अगवा बंधक होंगे रिहा

#israel_cabinet_approves_deal_with_hamasfor_ceasefire_gaza_conflict

इजरायल-हमास युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान गाजा को हुआ। यहां पूरे युद्ध के समय मौत का तांडव होता रहा। अब युद्धविराम को लेकर इजरायल और हमास में डील हो गई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने इस डील पर मुहर लगा दी है। यह घोषणा नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद की गई कि गाजा में युद्ध विराम और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले बंधकों को मुक्त करने के लिए वार्ता में अंतिम समय में रुकावटें आईं।

इजरायल के प्रधानमंत्री के एक्स अकाउंट पर लिखा गया, 'वार्ता दल ने प्रधानमंत्री को बताया है कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर सहमति बन गई है। बंधकों और लापता लोगों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के प्राधिकरण ने बंधकों के परिवारों को इस बारे में जानकारी दे दी है। बंधकों की रिहाई के लिए रूपरेखा रविवार, 19 जनवरी, 2025 को लागू होगी।

इससे पहले मध्यस्थ कतर और अमेरिका ने बुधवार को युद्ध विराम की घोषणा की। यह समझौता एक दिन से अधिक समय तक अधर में लटका रहा। क्योंकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि अंतिम समय में कुछ जटिलताएं थीं। इसके लिए उन्होंने हमास आतंकवादी समूह को जिम्मेदार ठहराया। नेतन्याहू के इस तरह की प्रतिक्रिया से साफ समझा जा सकता है कि गाजा में तो युद्धविराम हो गया है लेकिन हमास और इजरायल के बीच तकरार बनी हुई है और आगे भी बनी रहेगी।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने समझौता मंजूरी में देरी के लिए हमास के साथ अंतिम समय में हुए विवाद को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि नेतन्याहू की सरकार के गठबंधन में बढ़ते तनाव ने समझौते के कार्यान्वयन में संकट पैदा कर दिया था। एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रमुख मध्यस्थ कतर ने घोषणा की थी कि समझौता पूरा हो गया है।

2024: गाज़ा के लिए युद्ध और संकट का वर्ष, 2025 में शांति और सुधार की उम्मीदें

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Aljazeera

2024 गाज़ा के लिए युद्ध और दुख का वर्ष था, जो मुख्य रूप से चल रहे संघर्ष और मानवतावादी संकटों के कारण था। कई कारणों ने इसे इस क्षेत्र के लिए एक कष्टपूर्ण और विनाशकारी वर्ष बना दिया:

1. बढ़ता हुआ सैन्य संघर्ष: गाज़ा पट्टी में हमास और इजरायली बलों के बीच लगातार सैन्य अभियानों और हवाई हमलों का सामना करना पड़ा। 2023 में हिंसा के बाद, 2024 में यह संघर्ष और बढ़ा, जिसके कारण भारी नागरिक हताहत और व्यापक तबाही हुई। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर उकसावे का आरोप लगाते रहे, लेकिन आमतौर पर नागरिक संघर्ष के बीच फंसे रहते थे और हिंसा का सबसे अधिक शिकार बने।

2. मानवतावादी संकट: गाज़ा की पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचा, जो पहले ही संघर्ष से प्रभावित था, और अधिक तबाह हो गया। स्वास्थ्य देखभाल, बिजली, स्वच्छ पानी और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। अस्पताल, जो पहले ही पूरी क्षमता पर चल रहे थे, बढ़ती हुई संख्या में घायलों का इलाज करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। कई इलाकों में बुनियादी आवश्यकताओं की भारी कमी हो गई, जिससे गाज़ा की आबादी, जो पहले से ही दुनिया में सबसे गरीब और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है, भारी संकट का सामना कर रही थी।

3. नकबंदी और घेराबंदी: इजराइल द्वारा गाज़ा की घेराबंदी, जो कि एक दशक से अधिक समय से लागू थी, संकट को और बढ़ाती रही। यह घेराबंदी आवश्यक वस्तुओं, जैसे खाद्य पदार्थ, चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन के आंतरिक और बाहरी आंदोलन को गंभीर रूप से सीमित करती है। गाज़ा में वस्तुओं के आने-जाने पर पाबंदी और सीमा पार करने वाले मार्गों की बंदी ने यहां के आर्थिक और सामाजिक हालात को और बिगाड़ दिया।

4. जान-माल का नुकसान और विस्थापन: हिंसा के कारण अनगिनत मौतें और लोग घायल हुए, विशेष रूप से गाज़ा की नागरिक आबादी में। कई परिवारों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वे आश्रय के लिए शरणार्थी शिविरों में पहुंचे। विस्थापन और आपातकालीन सहायता की कमी ने संकट को और बढ़ा दिया।

5. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विफलताएँ: संघर्ष को शांत करने या युद्धविराम पर बातचीत करने के कूटनीतिक प्रयास काफी हद तक अप्रभावी रहे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को हल करने में असमर्थ था, और इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की तनावपूर्ण स्थिति और फिलिस्तीनी गुटों के बीच आंतरिक विभाजन ने शांति प्रयासों को जटिल बना दिया। शांति की ओर स्पष्ट रास्ते की कमी ने हिंसा को गाज़ा में निरंतर वास्तविकता बना दिया।

2025 में गाज़ा क्या उम्मीद करता है:

2025 में, गाज़ा के लोग शांति, स्थिरता और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि इसका आकलन करना अभी कठिन है। कुछ संभावनाएँ जो गाज़ा में हो सकती हैं:

1. मानवतावादी सहायता और पुनर्निर्माण: गाज़ा के लोग आशा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, ताकि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सके। अस्पतालों, स्कूलों और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए प्रयास किए जा सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

2. राजनीतिक समाधान की उम्मीद: गाज़ा के निवासी शांति और स्थिरता की दिशा में एक स्थायी समाधान की आशा करते हैं। यह उम्मीद की जाती है कि कूटनीतिक प्रयास, संघर्ष के समाधान के लिए, एक नई दिशा में बढ़ेंगे, जिससे हिंसा में कमी आएगी और भविष्य में युद्ध की संभावना कम होगी।

3. घेराबंदी में राहत: गाज़ा के लोग यह उम्मीद करते हैं कि सीमा पार व्यापार, यात्रा और आपूर्ति में राहत मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। हालांकि, यह निर्भर करेगा कि इजराइल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच तनावों में कितनी कमी आती है।

4. शांति और सुरक्षा की तलाश: गाज़ा के लोग 2025 में शांति की उम्मीद करते हैं, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें और अपने बच्चों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य दे सकें। यह उम्मीद की जाती है कि दोनों पक्षों के बीच तनाव कम हो और संघर्ष के समापन के प्रयास सफल हों।

2024 गाज़ा के लिए बढ़ते सैन्य संघर्ष, बिगड़ती मानवतावादी स्थिति और निवासियों के लिए राहत की कमी का वर्ष था। इस वर्ष में हिंसा बढ़ी, नागरिकों का दुख बढ़ा, और संघर्ष में फंसे लोगों के लिए निराशा और अधिक बढ़ गई। 2025 में गाज़ा के लोग शांति, सुरक्षा, और विकास की उम्मीद करते हैं, लेकिन इस दिशा में प्रगति की राह मुश्किल और अनिश्चित है।

टूट गई हमास की हिम्मत! इजरायल के साथ संघर्ष खत्म करने को तैयार, जानें क्या बोले नेतन्याहू

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इजराइल-हमास के बीच पिछले एक साल से संघर्ष जारी है। इजराइल इस युद्ध में हमेशा हमास पर भारी पड़ा है। इजराइल लगातार हमास पर हमले कर रहा है। उसका सबसे बड़ा नेता याह्रा सिनवार बीते दिनों इजरायली हमले में मारा गया। उसके तमाम बड़े नेता अब मारे जा चुके हैं। ऐसे में इजरायल डिफेंस फोर्स के लगातार एक्‍शन के बाद अब हमास हिम्मत हारता दिख रहा है।इस बीच गुरुवार को इजराइल ने बताया कि हमास के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए लंबे समय से रुका प्रयास अब गति पकड़ते दिख रहा है। हमास का कहना है कि अगर इजराइल गाजा युद्धविराम समझौते के लिए मान जाता है तो वह युद्ध समाप्त कर देगा।

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को काहिरा में मिस्र के अधिकारियों के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल ने युद्ध विराम समझौते पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "हमास ने युद्ध रोकने के लिए तत्परता दिखाई है। इस्राइल को युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। उन्हें गाजा से निकल जाना चाहिए और विस्थापित लोगों को वहां वापस आने की अनुमति देनी चाहिए। इसके साथ गाजा में मानवीय सहायता की भी अनुमति देनी चाहिए।"

उधर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते पर पहुंचने के मिस्र के प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, काहिरा में हुई बैठकों के बाद प्रधानमंत्री ने मोसाद के निदेशक को दोहा जाने और सुरक्षा कैबिनेट के सदस्यों के समर्थन से एजेंडे में शामिल कई पहलों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। इजराइल ने कहा कि मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया रविवार को कतर में बैठक करने वाले थे, ताकि गाजा बंधक रिहाई समझौते की दिशा में बातचीत को फिर से शुरू किया जा सके।

*हो चुका है हमास चीफ याह्या सिनवार का खात्मा, इजरायल ने डीएनए जांच के बाद की मारे जाने की पुष्टि

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गाजा में इजरायल के मिलिट्री ऑपरेशन में हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत हो गई है। इजरायल ने याह्या सिनवार के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। डीएनए जांच से इसकी पुष्टि हुई है। गाजा में इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने गुरुवार को एक अभियान में हमास के तीन लड़ाके मार गिराए। आईडीएफ और इजराइल सिक्योरिटी एजेंसी (आईएसए) शुरुआत में यह जांच कर रहे थे कि क्या इनमें से याह्या सिनवार भी शामिल है या नहीं। बाद में आडीएफ ने पुष्टि की कि सिनवार मारा गया है। वहीं, इस्राइली विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की है।

गुरुवार को इजराइली सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है कि गाजा में एक ऑपरेशन के दौरान मारे गए तीन आतंकियों में से एक याह्या सिनवार हो सकता है। गाजा पर भीषण हवाई हमले के बाद ही इजरायली सेना ने सिनवार के मारे जाने की आशंका जाहिर की थी, मगर इसकी पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराने की बात कही थी। मगर तब दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी। अब इजरायल की ओर से आधिकारिक रूप से घोषणा में यह कहा गया है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में 1200 लोगों का नरसंहार करने वाला हमास नेता याह्या सिनवार मारा गया है। वह इजरायल पर हमले की साजिश रचने और उसके लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार था।

सिनवार के शव को कथित तौर पर दिखाने वाली तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। अब खुद बेंजामिन नेतन्याहू की पुष्टि के बाद गाजा में आतंक का एक नाम हमेशा के लिए मौत की नींद सो गया है। याह्या सिनवार की मौत आतंकी संगठन हमास के लिए किसी झटके से कम नहीं है।

कुछ दिनों पहले सिनवार को लेकर दावा किया गया था कि वह इजराइली बंधकों के बीच छिपा हुआ है, जिससे इजराइल उसे आसानी से निशाना न बना सके, वहीं इससे पहले भी सिनवार के मारे जाने की खबर आई थी लेकिन इजराइली सेना उसकी पुष्टि नहीं कर पाई थी।

कौन है याह्या सिनवार?

याह्या सिनवार हमास का पॉलिटिकल चीफ है, उसे इस्माइल हानिया की मौत के बाद अगस्त में ही संगठन की कमान सौंपी गई थी। सिनवार का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के शरणार्थी शिविर में हुआ था। इजराइल ने सिनवार को 3 बार गिरफ्तार किया था लेकिन 2011 में एक इजराइली सैनिक के बदले में इजराइल को 127 कैदियों के साथ सिनवार को भी रिहा करना पड़ा। वहीं, सितंबर 2015 में अमेरिका ने सिनवार का नाम इंटरनेशनल आतंकियों की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था।

क्या मार दिया गया इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार? इस्माइल हानिया जैसा तो नहीं हुआ अंजाम

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इजरायल और हमास के बीच गाजा में करीब साल भर से जंग जारी है। हमास के खात्मे की कसम खाने वाला इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है। इजरायल ने गाजा को खंडहर में तबदील कर दिया है। सैकड़ों हमास लड़ाकों को मौत की नींद सुला चुकी इजरायली सेना ईरान में उसके पूर्व चीफ इस्माइल हनीयेह को भी मार चुका है। इस बीच हमास नेता याह्या सिनवार को लेकर बड़ी खबर आ रही है।कहा जा रहा है कि हमास चीफ याह्या सिनवार की संभवतः इजरायली हमले में मौत हो गई है।

खबर आई कि गाजा सिटी के स्कूल पर हुए रॉकेट हमले में यह्या सिनवार भी मारा गया है। इजरायल ने बीते दिन हमास के एक स्कूल को निशाना बनाया, जिसमें 20 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग मारे गए। ये भी खबर है कि इस हमले में हमास का नया चीफ याह्या सिनवार भी मारा गया। हालांकि, इसकी पुष्टी नहीं हो पाई है।

हालांकि इजरायल ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट और इजरायल डिफेंस फोर्सेज के अधिकारियों ने कहा है कि वह इन रिपोर्ट्स की जांच कर रहे हैं, हालांकि फिलहाल सिनवार की मौत की पुष्टि करने वाला उन्हें कोई सबूत नहीं मिला है।

वाल्ला न्यूज वेबसाइट ने बताया है कि इजरायली आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट ने रिपोर्ट को खारिज किया है और उसका मानना है कि सिनवार जीवित है। यरुशलम पोस्ट के अनुसार, आईडीएफ ने रविवार को कहा कि वे हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत की रिपोर्ट की न तो पुष्टि कर सकते हैं और न ही खंडन कर सकते हैं। पोस्ट ने विभिन्न स्रोतों से बात की लेकिन किसी ने भी ऐसे ऑपरेशन का जिक्र नहीं किया, जो आईडीएफ ने सिनवार को मारने के लिए चलाया था

याह्या सिनवार को बीत साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए बड़े आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे, जबकि 254 को हमास के आतंकी अपहरण करके गाजा में ले गए थे। इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा में बड़ा अभियान शुरू किया था।

तेहरान में इसी साल अगस्त में हुए धमाके में इस्माइल हानिया की मौत के बाद सिनवार को हमास की कमान मिली थी। इससे पहले वह इसकी सुरक्षा शाखा का जिम्मा संभालता था और अपनी क्रूर रणनीति के लिए जाना जाता था।

पीएम मोदी ने 'गाजा पीस प्लान' पर ट्रंप को सराहा, बोले-भारत शांति के साथ है

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हमास और इजरायल के बीच जारी जंग अब खत्म होने को है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में गाजा के लिए पीस प्लान चलाया जा रहा है। इसके तहत हमास सभी इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। डोनाल्ड ट्रंप के गाजा पीस प्लान के लिए हमास के राजी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी सराहना की है।पीएम मोदी ने गाजा में शांति प्रयासों के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आभार जताया और कहा कि बंधकों की रिहाई शांति की दिशा में अहम कदम है।

पीएम मोदी ने किया समर्थन

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपने समर्थन का इजहार किया है। पीएम मोदी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के बीच हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।

ट्रंप का 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल और हमास के बीच दो वर्ष से जारी युद्ध को समाप्त कराने की एक शांति योजना पेश की थी। ट्रंप ने गाजा में संघर्षविराम के लिए एक 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव तैयार किया। जिसे इस्राइल ने स्वीकार कर लिया। हमास ने भी बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता अन्य फलस्तीनियों को सौंपने की बात मान ली है। हालांकि शांति प्रस्ताव के कई अन्य बिंदुओं पर अभी हमास ने चर्चा के बाद फैसला लेने की बात कही है।

ट्रंप की धमकी के आगे झुका हमास

बता दें कि ट्रंप ने हमास को शांति प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए रविवार शाम छह बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। ट्रंप की धमकी के बाद ही हमास को बंधकों की रिहाई के लिए सहमति देने पर मजबूर होना पड़ा। ट्रंप ने अपनी धमकी में कहा है कि अगर हमास ने रविवार शाम 6 बजे तक इजरायल के साथ शांति समझौता नहीं किया तो सब कुछ बिगड़ जाएगा। ट्रंप ने आगे कहा कि हमास को शांति योजना स्वीकार करने का यह आखिरी मौका दिया जा रहा है। ट्रंप की सीधी धमकी के बाद हमास ने ऐलान कर दिया कि वह शांति समझौते के लिए तैयार है। हमास ने कहा कि वह सभी इजरायली बंधकों अपने पास से रिहा कर देगा, चाहे वह जीवित हों या फिर मर चुके हों।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

इजरायल ने तोड़ा सीजफायर, गाजा-लेबनान और सीरिया में किया एयर स्ट्राइक, 200 से ज्यादा मौतें

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इजराइल ने सोमवार को गाजा, लेबनान और सीरिया में हवाई हमले किए। इजराइल की ओर से किए गए ये हमले सीजफायर के दौरान किए गए हैं। पिछले 15 महीने चली जंग में महीने भर की शांति के बाद एक बार फिर इजराइल के हमले किए। हवाई हमलों में कम से कम 200 लोग मारे गए हैं। युद्धविराम के बाद गाजा में किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। जिसमें इतने लोगों की मौत हुई है। वहीं हमास ने चेतावनी दी है कि गाजा में इजराइल के नए हमले युद्ध विराम का उल्लंघन हैं और यह बंधकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है।

यह हमला अचानक नहीं हुआ है। इसके बारे में इजरायल ने अमेरिका को पहले ही जानकारी दे दी थी। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक वाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने कहा, हमास युद्धविराम बढ़ाने के लिए बंधकों को रिहा कर सकता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया और युद्ध का विकल्प चुना। इजरायल और हमास के बीच हुए सीजफायर को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कराया था।

इजरायल के रक्षा मंत्री ने इसके बारे में बताया है। आईडीएफ के हमला करने के बाद उन्होंने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, आज रात हम गाजा की लड़ाई में वापस आ गए हैं। हमास की ओर से बंधकों को रिहा करने से मना करने और आईडीएफ सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकियों के मद्देनजर ऐसा किया गया है। उन्होंने कहा, ‘अगर हमास सभी बचे 59 बंधकों को रिहा नहीं करता तो गाजा में नरक के दरवाजे खुल जाएंगे। हम हमास पर ऐसी ताकत से हमला करेंगे, जैसा उसने पहले कभी नहीं देखा होगा 

वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम को बढ़ाने के लिए वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं होने के कारण उन्होंने हमले का आदेश दिया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, इजराइल अब सैन्य ताकत बढ़ाकर हमास के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इजरायल ने गाजा पर ऐसे समय में हमला किया है जब अमेरिका यमन के हूतियों पर बम बरसा रहा है।

गाजा युद्ध विराम और अमेरिकी दूत मार्को रुबियो की पहल

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2023 के अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले ने गाजा में स्थिति को गंभीर बना दिया। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का दौर बढ़ा। युद्धविराम के प्रयास जारी रहे, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रुबियो ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा युद्ध विराम पर बातचीत की, जो अमेरिकी-इजरायल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।

अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा: मार्को रुबियो का यह दौरा उनके पहले मध्य पूर्व दौरे के रूप में था। यह यात्रा विशेष रूप से गाजा युद्ध विराम और अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में अहम थी। इस दौरान, रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसमें गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और वहां के दो मिलियन से अधिक निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह योजना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना का शिकार हुई है।

ट्रम्प का प्रस्ताव: ट्रम्प ने गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गाजा को "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाने की बात की, जिससे वहाँ के आर्थिक पुनर्विकास की संभावना जताई गई थी। नेतन्याहू ने इस विचार का स्वागत किया, लेकिन कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वे मानते हैं कि यह समाधान अस्थिरता को बढ़ाएगा और फिलिस्तीनी समुदाय के लिए अस्वीकार्य होगा।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय: गाजा में युद्धविराम के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में एक समझौता हुआ, जिसके तहत 369 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 3 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया। यह छठी अदला-बदली थी, जो एक नाजुक युद्ध विराम के तहत की गई थी। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद कई लोग चिंतित हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो सकती है। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सेवानिवृत्त शिक्षक नासिर अल-अस्तल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी, लेकिन यह कभी भी टूट सकती है।"

अमेरिका का रुख: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ट्रम्प की योजना ही "एकमात्र योजना" है, और वह फिलिस्तीनी राज्य के लिए किसी भी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा के युद्ध के बाद के रोडमैप का प्रस्ताव किया, जिसमें इजरायल से फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता स्वीकार करने की बात की गई थी। नेतन्याहू की सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज किया, क्योंकि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को स्थायी शांति के लिए जरूरी बताया है, और सऊदी अरब जैसे देशों ने इसका समर्थन किया है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां: गाजा में युद्धविराम के पहले चरण के तहत, 19 जनवरी 2024 से युद्धविराम लागू किया गया था, लेकिन यह पिछले सप्ताह लगभग टूट गया था। इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर वे 3 जीवित बंधकों को रिहा नहीं करते, तो नई लड़ाई शुरू हो सकती है। इसके बाद, 3 इजरायली बंधक रिहा हुए, जिनमें इजरायली-अमेरिकी सागुई डेकेल-चेन, इजरायली-रूसी साशा ट्रुपानोव और इजरायली-अर्जेंटीना यायर हॉर्न शामिल थे। इन बंधकों की रिहाई के साथ, इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें अधिकतर गाजा के नागरिक थे। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हुई और स्थानीय लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है।

ट्रम्प की योजना पर विवाद: ट्रम्प की योजना, जिसमें गाजा के निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, को फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों ने नकारा। मिस्र और जॉर्डन को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिकी राजनयिक रुबियो ने कहा है कि हमास का भविष्य में कोई भी भूमिका नहीं होनी चाहिए और अरब देशों को इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गाजा में मानवाधिकारों की स्थिति: गाजा में युद्ध विराम के बावजूद, मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की जानें गई हैं, जबकि हमास के हमले में भी इजरायल के नागरिक मारे गए हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में अब तक 48,264 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 के हमले में इजरायल में 1,211 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

भविष्य की दिशा: गाजा में युद्धविराम और बंधक-विनिमय की स्थिति को स्थिर करने के लिए बातचीत जारी है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत इस सप्ताह दोहा में शुरू हो सकती है। हालांकि, हमास और इजरायल के बीच तनाव अभी भी बरकरार है और भविष्य में संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है। अमेरिकी, मिस्र, और अन्य क्षेत्रीय देशों के प्रयासों के बावजूद, गाजा के संकट का समाधान आसान नहीं होगा। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास के लिए भविष्य में और भी कड़े निर्णयों की आवश्यकता होगी।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय के प्रयास एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहल और ट्रम्प की योजना इस संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उनका कार्यान्वयन फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों के विरोध का सामना कर रहा है। युद्धविराम के बाद भी, गाजा में स्थिरता लाने के लिए लंबे समय तक और कठिन बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास की दिशा में गंभीर और दूरगामी कदम उठाने की आवश्यकता है।

गाजा पर कब्जा करेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का ऐलान, जानें क्या है प्लान?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर बड़ा बयान देकर खलबली मचा दी है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा पट्टी को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर अपना नियंत्रण करेगा। मंगलवार को नेतन्याहू के साथ बातचीत के बाद वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने ये बड़ा बयान दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि हम गाजा का मालिकाना लेना चाहते हैं, इसके बाद गाजा में मौजूद खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी हमारी होगी। अमेरिका ध्वस्त या जर्जर हो चुकी इमारतों का पुनर्निर्माण कराएगा और गाजा का आर्थिक विकास करेगा। इससे गाजा में रोजगार और लोगों को घर मिलेंगे।

गाजा को अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र बनाने का प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा एक 'अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र' होगा। ट्रंप ने आगे बताया कि अमेरिका द्वारा पुनर्निर्माण पूरा करने के बाद दुनिया भर के लोग गाजा में रहेंगे। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी उनमें से हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह गाजा में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए अमेरिकी सैनिकों को भेजने के लिए तैयार हैं, ट्रंप ने इससे इनकार नहीं किया।

सेना उतारने को तैयार ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा के पुनर्निर्माण में अगर अमेरिकी सेना की जरूरत पड़ी तो वे सेना को भी गाजा में तैनात करने पर विचार कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि अगर यह जरूरी हुआ तो हम ऐसा करेंगे।

फिलिस्तीनियों को निकालने की बात

ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि फिलिस्तीनियों को गाजा के 'नरक के गड्ढे' से निकाल दिया जाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि गाजा को एक ही लोगों के पुनर्निर्माण और कब्जे की प्रक्रिया से नहीं गुजरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाजा की आबादी को इंसानी दिल रखने वाले देशों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए और दावा किया कि कई लोग हैं जो ऐसा करना चाहते हैं।

नेतन्याहू ने किया ट्रंप की योजना का समर्थन

ट्रंप के साथ उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू भी बैठे थे और खुश हो रहे थे। जब ट्रंप यह सब बोल रहे थे, तब नेतन्याहू मुस्कुरा रहे थे। बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप की इस योजना का समर्थन किया और इसे पर खुशी जाहिर की। नेतन्याहू ने कहा कि हम चाहते हैं कि गाजा भविष्य में अब कभी भी इस्राइल के लिए खतरा न बने, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप इसे एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। ट्रंप का विचार अलग है और इससे गाजा का भविष्य बदल जाएगा। इस विचार पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे इतिहास बदल सकता है।

गाजा संघर्ष विराम को इजराइली कैबिनेट की मंजूरी, नेतन्याहू ने की घोषणा, अगवा बंधक होंगे रिहा

#israel_cabinet_approves_deal_with_hamasfor_ceasefire_gaza_conflict

इजरायल-हमास युद्ध में सबसे ज्यादा नुकसान गाजा को हुआ। यहां पूरे युद्ध के समय मौत का तांडव होता रहा। अब युद्धविराम को लेकर इजरायल और हमास में डील हो गई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस ने इस डील पर मुहर लगा दी है। यह घोषणा नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा यह कहे जाने के एक दिन बाद की गई कि गाजा में युद्ध विराम और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले बंधकों को मुक्त करने के लिए वार्ता में अंतिम समय में रुकावटें आईं।

इजरायल के प्रधानमंत्री के एक्स अकाउंट पर लिखा गया, 'वार्ता दल ने प्रधानमंत्री को बताया है कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौते पर सहमति बन गई है। बंधकों और लापता लोगों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के प्राधिकरण ने बंधकों के परिवारों को इस बारे में जानकारी दे दी है। बंधकों की रिहाई के लिए रूपरेखा रविवार, 19 जनवरी, 2025 को लागू होगी।

इससे पहले मध्यस्थ कतर और अमेरिका ने बुधवार को युद्ध विराम की घोषणा की। यह समझौता एक दिन से अधिक समय तक अधर में लटका रहा। क्योंकि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि अंतिम समय में कुछ जटिलताएं थीं। इसके लिए उन्होंने हमास आतंकवादी समूह को जिम्मेदार ठहराया। नेतन्याहू के इस तरह की प्रतिक्रिया से साफ समझा जा सकता है कि गाजा में तो युद्धविराम हो गया है लेकिन हमास और इजरायल के बीच तकरार बनी हुई है और आगे भी बनी रहेगी।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने समझौता मंजूरी में देरी के लिए हमास के साथ अंतिम समय में हुए विवाद को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि नेतन्याहू की सरकार के गठबंधन में बढ़ते तनाव ने समझौते के कार्यान्वयन में संकट पैदा कर दिया था। एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रमुख मध्यस्थ कतर ने घोषणा की थी कि समझौता पूरा हो गया है।

2024: गाज़ा के लिए युद्ध और संकट का वर्ष, 2025 में शांति और सुधार की उम्मीदें

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Aljazeera

2024 गाज़ा के लिए युद्ध और दुख का वर्ष था, जो मुख्य रूप से चल रहे संघर्ष और मानवतावादी संकटों के कारण था। कई कारणों ने इसे इस क्षेत्र के लिए एक कष्टपूर्ण और विनाशकारी वर्ष बना दिया:

1. बढ़ता हुआ सैन्य संघर्ष: गाज़ा पट्टी में हमास और इजरायली बलों के बीच लगातार सैन्य अभियानों और हवाई हमलों का सामना करना पड़ा। 2023 में हिंसा के बाद, 2024 में यह संघर्ष और बढ़ा, जिसके कारण भारी नागरिक हताहत और व्यापक तबाही हुई। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर उकसावे का आरोप लगाते रहे, लेकिन आमतौर पर नागरिक संघर्ष के बीच फंसे रहते थे और हिंसा का सबसे अधिक शिकार बने।

2. मानवतावादी संकट: गाज़ा की पहले से ही कमजोर बुनियादी ढांचा, जो पहले ही संघर्ष से प्रभावित था, और अधिक तबाह हो गया। स्वास्थ्य देखभाल, बिजली, स्वच्छ पानी और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। अस्पताल, जो पहले ही पूरी क्षमता पर चल रहे थे, बढ़ती हुई संख्या में घायलों का इलाज करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। कई इलाकों में बुनियादी आवश्यकताओं की भारी कमी हो गई, जिससे गाज़ा की आबादी, जो पहले से ही दुनिया में सबसे गरीब और घनी आबादी वाले इलाकों में से एक है, भारी संकट का सामना कर रही थी।

3. नकबंदी और घेराबंदी: इजराइल द्वारा गाज़ा की घेराबंदी, जो कि एक दशक से अधिक समय से लागू थी, संकट को और बढ़ाती रही। यह घेराबंदी आवश्यक वस्तुओं, जैसे खाद्य पदार्थ, चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन के आंतरिक और बाहरी आंदोलन को गंभीर रूप से सीमित करती है। गाज़ा में वस्तुओं के आने-जाने पर पाबंदी और सीमा पार करने वाले मार्गों की बंदी ने यहां के आर्थिक और सामाजिक हालात को और बिगाड़ दिया।

4. जान-माल का नुकसान और विस्थापन: हिंसा के कारण अनगिनत मौतें और लोग घायल हुए, विशेष रूप से गाज़ा की नागरिक आबादी में। कई परिवारों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, और वे आश्रय के लिए शरणार्थी शिविरों में पहुंचे। विस्थापन और आपातकालीन सहायता की कमी ने संकट को और बढ़ा दिया।

5. अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विफलताएँ: संघर्ष को शांत करने या युद्धविराम पर बातचीत करने के कूटनीतिक प्रयास काफी हद तक अप्रभावी रहे। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति को हल करने में असमर्थ था, और इजराइल और फिलिस्तीन के बीच की तनावपूर्ण स्थिति और फिलिस्तीनी गुटों के बीच आंतरिक विभाजन ने शांति प्रयासों को जटिल बना दिया। शांति की ओर स्पष्ट रास्ते की कमी ने हिंसा को गाज़ा में निरंतर वास्तविकता बना दिया।

2025 में गाज़ा क्या उम्मीद करता है:

2025 में, गाज़ा के लोग शांति, स्थिरता और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं, हालांकि इसका आकलन करना अभी कठिन है। कुछ संभावनाएँ जो गाज़ा में हो सकती हैं:

1. मानवतावादी सहायता और पुनर्निर्माण: गाज़ा के लोग आशा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करेगा, ताकि पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो सके। अस्पतालों, स्कूलों और बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए प्रयास किए जा सकते हैं, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।

2. राजनीतिक समाधान की उम्मीद: गाज़ा के निवासी शांति और स्थिरता की दिशा में एक स्थायी समाधान की आशा करते हैं। यह उम्मीद की जाती है कि कूटनीतिक प्रयास, संघर्ष के समाधान के लिए, एक नई दिशा में बढ़ेंगे, जिससे हिंसा में कमी आएगी और भविष्य में युद्ध की संभावना कम होगी।

3. घेराबंदी में राहत: गाज़ा के लोग यह उम्मीद करते हैं कि सीमा पार व्यापार, यात्रा और आपूर्ति में राहत मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। हालांकि, यह निर्भर करेगा कि इजराइल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच तनावों में कितनी कमी आती है।

4. शांति और सुरक्षा की तलाश: गाज़ा के लोग 2025 में शांति की उम्मीद करते हैं, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें और अपने बच्चों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य दे सकें। यह उम्मीद की जाती है कि दोनों पक्षों के बीच तनाव कम हो और संघर्ष के समापन के प्रयास सफल हों।

2024 गाज़ा के लिए बढ़ते सैन्य संघर्ष, बिगड़ती मानवतावादी स्थिति और निवासियों के लिए राहत की कमी का वर्ष था। इस वर्ष में हिंसा बढ़ी, नागरिकों का दुख बढ़ा, और संघर्ष में फंसे लोगों के लिए निराशा और अधिक बढ़ गई। 2025 में गाज़ा के लोग शांति, सुरक्षा, और विकास की उम्मीद करते हैं, लेकिन इस दिशा में प्रगति की राह मुश्किल और अनिश्चित है।

टूट गई हमास की हिम्मत! इजरायल के साथ संघर्ष खत्म करने को तैयार, जानें क्या बोले नेतन्याहू

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इजराइल-हमास के बीच पिछले एक साल से संघर्ष जारी है। इजराइल इस युद्ध में हमेशा हमास पर भारी पड़ा है। इजराइल लगातार हमास पर हमले कर रहा है। उसका सबसे बड़ा नेता याह्रा सिनवार बीते दिनों इजरायली हमले में मारा गया। उसके तमाम बड़े नेता अब मारे जा चुके हैं। ऐसे में इजरायल डिफेंस फोर्स के लगातार एक्‍शन के बाद अब हमास हिम्मत हारता दिख रहा है।इस बीच गुरुवार को इजराइल ने बताया कि हमास के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए लंबे समय से रुका प्रयास अब गति पकड़ते दिख रहा है। हमास का कहना है कि अगर इजराइल गाजा युद्धविराम समझौते के लिए मान जाता है तो वह युद्ध समाप्त कर देगा।

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को काहिरा में मिस्र के अधिकारियों के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल ने युद्ध विराम समझौते पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "हमास ने युद्ध रोकने के लिए तत्परता दिखाई है। इस्राइल को युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। उन्हें गाजा से निकल जाना चाहिए और विस्थापित लोगों को वहां वापस आने की अनुमति देनी चाहिए। इसके साथ गाजा में मानवीय सहायता की भी अनुमति देनी चाहिए।"

उधर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते पर पहुंचने के मिस्र के प्रयासों का हम स्वागत करते हैं। नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, काहिरा में हुई बैठकों के बाद प्रधानमंत्री ने मोसाद के निदेशक को दोहा जाने और सुरक्षा कैबिनेट के सदस्यों के समर्थन से एजेंडे में शामिल कई पहलों को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। इजराइल ने कहा कि मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया रविवार को कतर में बैठक करने वाले थे, ताकि गाजा बंधक रिहाई समझौते की दिशा में बातचीत को फिर से शुरू किया जा सके।

*हो चुका है हमास चीफ याह्या सिनवार का खात्मा, इजरायल ने डीएनए जांच के बाद की मारे जाने की पुष्टि

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गाजा में इजरायल के मिलिट्री ऑपरेशन में हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत हो गई है। इजरायल ने याह्या सिनवार के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। डीएनए जांच से इसकी पुष्टि हुई है। गाजा में इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने गुरुवार को एक अभियान में हमास के तीन लड़ाके मार गिराए। आईडीएफ और इजराइल सिक्योरिटी एजेंसी (आईएसए) शुरुआत में यह जांच कर रहे थे कि क्या इनमें से याह्या सिनवार भी शामिल है या नहीं। बाद में आडीएफ ने पुष्टि की कि सिनवार मारा गया है। वहीं, इस्राइली विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की है।

गुरुवार को इजराइली सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है कि गाजा में एक ऑपरेशन के दौरान मारे गए तीन आतंकियों में से एक याह्या सिनवार हो सकता है। गाजा पर भीषण हवाई हमले के बाद ही इजरायली सेना ने सिनवार के मारे जाने की आशंका जाहिर की थी, मगर इसकी पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराने की बात कही थी। मगर तब दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी। अब इजरायल की ओर से आधिकारिक रूप से घोषणा में यह कहा गया है कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में 1200 लोगों का नरसंहार करने वाला हमास नेता याह्या सिनवार मारा गया है। वह इजरायल पर हमले की साजिश रचने और उसके लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार था।

सिनवार के शव को कथित तौर पर दिखाने वाली तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। अब खुद बेंजामिन नेतन्याहू की पुष्टि के बाद गाजा में आतंक का एक नाम हमेशा के लिए मौत की नींद सो गया है। याह्या सिनवार की मौत आतंकी संगठन हमास के लिए किसी झटके से कम नहीं है।

कुछ दिनों पहले सिनवार को लेकर दावा किया गया था कि वह इजराइली बंधकों के बीच छिपा हुआ है, जिससे इजराइल उसे आसानी से निशाना न बना सके, वहीं इससे पहले भी सिनवार के मारे जाने की खबर आई थी लेकिन इजराइली सेना उसकी पुष्टि नहीं कर पाई थी।

कौन है याह्या सिनवार?

याह्या सिनवार हमास का पॉलिटिकल चीफ है, उसे इस्माइल हानिया की मौत के बाद अगस्त में ही संगठन की कमान सौंपी गई थी। सिनवार का जन्म 1962 में गाजा पट्टी के शरणार्थी शिविर में हुआ था। इजराइल ने सिनवार को 3 बार गिरफ्तार किया था लेकिन 2011 में एक इजराइली सैनिक के बदले में इजराइल को 127 कैदियों के साथ सिनवार को भी रिहा करना पड़ा। वहीं, सितंबर 2015 में अमेरिका ने सिनवार का नाम इंटरनेशनल आतंकियों की ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था।

क्या मार दिया गया इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार? इस्माइल हानिया जैसा तो नहीं हुआ अंजाम

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इजरायल और हमास के बीच गाजा में करीब साल भर से जंग जारी है। हमास के खात्मे की कसम खाने वाला इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है। इजरायल ने गाजा को खंडहर में तबदील कर दिया है। सैकड़ों हमास लड़ाकों को मौत की नींद सुला चुकी इजरायली सेना ईरान में उसके पूर्व चीफ इस्माइल हनीयेह को भी मार चुका है। इस बीच हमास नेता याह्या सिनवार को लेकर बड़ी खबर आ रही है।कहा जा रहा है कि हमास चीफ याह्या सिनवार की संभवतः इजरायली हमले में मौत हो गई है।

खबर आई कि गाजा सिटी के स्कूल पर हुए रॉकेट हमले में यह्या सिनवार भी मारा गया है। इजरायल ने बीते दिन हमास के एक स्कूल को निशाना बनाया, जिसमें 20 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग मारे गए। ये भी खबर है कि इस हमले में हमास का नया चीफ याह्या सिनवार भी मारा गया। हालांकि, इसकी पुष्टी नहीं हो पाई है।

हालांकि इजरायल ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट और इजरायल डिफेंस फोर्सेज के अधिकारियों ने कहा है कि वह इन रिपोर्ट्स की जांच कर रहे हैं, हालांकि फिलहाल सिनवार की मौत की पुष्टि करने वाला उन्हें कोई सबूत नहीं मिला है।

वाल्ला न्यूज वेबसाइट ने बताया है कि इजरायली आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट ने रिपोर्ट को खारिज किया है और उसका मानना है कि सिनवार जीवित है। यरुशलम पोस्ट के अनुसार, आईडीएफ ने रविवार को कहा कि वे हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत की रिपोर्ट की न तो पुष्टि कर सकते हैं और न ही खंडन कर सकते हैं। पोस्ट ने विभिन्न स्रोतों से बात की लेकिन किसी ने भी ऐसे ऑपरेशन का जिक्र नहीं किया, जो आईडीएफ ने सिनवार को मारने के लिए चलाया था

याह्या सिनवार को बीत साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए बड़े आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे, जबकि 254 को हमास के आतंकी अपहरण करके गाजा में ले गए थे। इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा में बड़ा अभियान शुरू किया था।

तेहरान में इसी साल अगस्त में हुए धमाके में इस्माइल हानिया की मौत के बाद सिनवार को हमास की कमान मिली थी। इससे पहले वह इसकी सुरक्षा शाखा का जिम्मा संभालता था और अपनी क्रूर रणनीति के लिए जाना जाता था।