भारत के 'पिनाक' का दुनिया में बजा डंका, फ्रांस करना चाह रहा डील, अर्मेनिया पहले ही दे चुका है ऑर्डर

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भारत के'मेक इन इंडिया' की गूंज अब दुनियाभर में देखने को मिल रही है। रक्षा क्षेत्र में भारत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। कभी हथियारों के लिए विदेश पर निर्भर रहने वाला भारत अब हथियारों का निर्यात भी कर रहा है। भारत में तैयार किए जा रहे एक से बढ़कर एक हथियारों पर अब कई देशों की नजरें टिक गई हैं। उनमें से फ्रांस भी एक है। फ्रांस अपनी रक्षा जरूरतों को पूरी करने के लिए भारत निर्मित पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। ऐसा कोई सौदा रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल की एक बड़ी सफलता साबित होगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान या रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' की ये सफलता तब मिलने जा रही है, जब फ्रांसीसी सेना के ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ भारत दौरे पर आए। उनका यह दौरान भारत के पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को खरीदने से भी संबंधित है। ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ ने बताया,'हम पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का मूल्यांकन कर रहे हैं क्योंकि हमें इस तरह के सिस्टम की जरूरत है।दोनों देशों के रिश्ते केवल व्यापारिक संबंधों तक ही केंद्रित नहीं हैं और हम साझा सहयोग को और आगे बढ़ाना चाहते हैं।

फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक

फ्रांस के वरिष्ठ अधिकारी दोनों पक्षों के बीच वार्ता के सिलसिले में ही आए हैं। वर्ष के शुरू में शुरुआत में सीडीएस जनरल अनिल चौहान की यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी।फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि दोनों देश उच्च तकनीक साझा कर रहे हैं क्योंकि वे साथ मिलकर स्कॉर्पीन जैसी उच्च क्षमता वाली पनडुब्बियां बना रहे है। फ्रांसीसी ब्रिगेडियर जनरल ने कहा कि दोनों पक्ष शक्ति श्रृंखला के अभ्यास कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध अभ्यास के 25वें संस्करण के लिए, फ्रांसीसी सेना भारतीय सेना की एक मजबूत टुकड़ी को अपने देश में आमंत्रित करेगी। अमेरिका के बाद फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और भारत से बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान वहां जाते हैं।

रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा भारत

भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है। भारत जिन देशों से पहले हथियार और रक्षा उपकरण खरीदता रहा है, अब वे देश भारत से रक्षा उपकरण खरीदने को आतुर दिखते हैं। इससे पहले भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्यात कर चुका है। ब्रह्मोस का विकास भारत और रूस ने मिलकर किया है।

क्या है पिनाक की खुबियां?

पिनाक रॉकेट सिस्टम 75 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। भारत पहले से ही इसका निर्यात कर रहा है। आर्मेनिया ने इसके लिए ऑर्डर दिया है। कई अन्य देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इस वर्ष की शुरुआत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान फ्रांसीसी पक्ष के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी। पिनाक का विकास डीआरडीओ ने सोलार इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा जैसी कंपनियों और आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर किया है।

ప్రభుత్వం కీలక నిర్ణయం

ప్రాణాలు హరించివేస్తున్న మయోనైజ్‏పై నిషేధం విధిస్తూ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం నిర్ణయం తీసుకుంది. ఈ మేరకు వైద్య ఆరోగ్య శాఖ మంత్రి దామోదర రాజనరసింహ బుధవారం ఆదేశాలు జారీ చేశారు.

ప్రాణాలు హరించివేస్తున్న మయోనైజ్‏పై నిషేధం విధిస్తూ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం నిర్ణయం తీసుకుంది. ఈ మేరకు వైద్య ఆరోగ్య శాఖ మంత్రి దామోదర రాజనరసింహ బుధవారం ఆదేశాలు జారీ చేశారు. డా.బీఆర్ అంబేడ్కర్ సెక్రటేరియెట్ లో ఫుడ్ సేఫ్టీ అధికారులతో దామోదర రాజ నర్సింహా బుధవారం సమీక్ష నిర్వహించారు. ఈ సమావేశంలో హోటళ్లలో తనిఖీలు, కల్తీ ఆహార పదార్థాల వినియోగాన్ని అరికట్టడానికి నియమించిన టాస్క్‌ఫోర్స్‌‌ కమిటీల పనితీరుపై మంత్రి ఆరా తీశారు. వివిధ రకాల ఆహార పదార్థాలతో మయోనైజ్‌ను తయారు చేస్తున్నారని అధికారులు మంత్రి దామోదరకు చెప్పారు.

అందులో కల్తీ, ఉడకబెట్టని గుడ్లను ఉపయోగిస్తున్నారని.. దీని వల్ల ప్రజల ఆరోగ్యంపై తీవ్రంగా ప్రభావం పడుతోందని మంత్రికి వివరించారు. ఈ సందర్భంగా కేరళ ప్రభుత్వం మయోనైజ్ పై బ్యాన్ విధించిన విషయాన్ని మంత్రి దృష్టికి తీసుకువచ్చారు. ప్రజల ఆరోగ్యాన్ని దృష్టిలో ఉంచుకుని తెలంగాణలోనూ మయోనైజ్ ను నిషేధం విధించాలని అధికారులు సూచించారు. సుదీర్ఘ చర్చల అనంతరం మయోనైజ్‌పై బ్యాన్ విధించాలని మంత్రి నిర్ణయించారు. ఈ మేరకు రాష్ట్ర ప్రభుత్వం ఉత్తర్వులు విడుదల చేసింది.

ఫ్రాన్స్‌(France)లో పుట్టిన బర్గర్లు నుంచి శాండ్‌విచ్‌లు.. డిప్స్‌ నుంచి సలాడ్స్‌ వరకూ అన్నింట్లోనూ విరివిగా వాడేస్తోన్న ప్రధానమైన కాండిమెంట్స్‌లో ఒకటిగా నిలిచింది మయోనైజ్‌. మండీకి వెళ్లి బిర్యానీ తిన్నా, బార్బిక్యులో రోస్టెడ్‌ చికెన్‌ రుచి చూసినా, షవార్మ సెంటర్‌లో షవార్మ రోల్‌ తిన్నా, స్టార్‌ హోటల్స్‌లో కాక్‌టైల్‌ పార్టీలో స్నాక్స్‌తో పాటు మయోనైజ్‌ కామన్‌గా ఉంటుంది. అతి చిక్కగా ఉండే ఈ క్రీమీ సాస్‌ను పిల్లలు, పెద్దలూ ఇష్టంగానే తింటుంటారు. వెగన్‌ మయోనైజ్‌తో ఇబ్బందులు లేవుకానీ, ఎగ్‌ మయోనైజ్‌లో ప్రధానంగా వాడే గుడ్డు సొనలో ఉండే సాల్మొనెల్లా వల్ల ఆరోగ్య సమస్యలు వచ్చే అవకాశాలున్నాయని న్యూట్రిషియనిస్ట్‏లు అంటున్నారు. హోటల్‌లో దీనిని తీసుకునే ముందు ఒకటికి పదిసార్లు ఆలోచించాలంటున్నారు.

ఇంట్లో తయారుచేసుకున్న మయోనైజ్‌ను త్వరగా వినియోగించాలనీ, ముఖ్యంగా కార్డియో, ఇతర ఆరోగ్య సమస్యలున్న వారు వాటి జోలికి వెళ్లకపోవడం మంచిదంటున్నారు. హోటళ్లలో అందుబాటులో ఉంచిన మయోనైజ్‌ వల్ల ప్రజలు అనారోగ్యం బారిన పడుతున్నారని, దాన్ని నిషేధించాలని జీహెచ్‌ఎంసీ ప్రభుత్వానికి నివేదికలు పంపుతుండడంతో అందరి దృష్టి మయోనైజ్‌పై పడింది. కేరళలో ఎగ్‌ మయోనైజ్‌పై ఇప్పటికే నిషేధం విధించారు.

अजित डोभाल के फ्रांस दौरे से पहले भारत के बड़ी खबर, राफेल मरीन जेट डील को लेकर बनी बात

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भारत और फ्रांस के बीच रक्षा साझेदारी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। फ्रांस ने 26 राफेल मरीन जेट सौदे के लिए भारत को फाइनल प्राइज ऑफर किया है। खास बात है कि फ्रांस ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दौरे से ठीक पहले ये कदम उठाया है। बता दें कि अजीत डोभाल 30 सितंबर से 1 अक्टूबर तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सौदे के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद, फ्रांस ने दाम में उल्लेखनीय कमी की है और भारतीय अधिकारियों को बेहतरीन फाइनल प्राइस ऑफर दिया है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस बार फ्रांस ने रकम में कटौती की है और परियोजना के लिए फ्रांस की ओर से भारतीय अधिकारियों को सर्वोत्तम मूल्य दिया गया है। हालांकि, फाइनल डील कितने में होगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस सौदे की कीमत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के होने की उम्मीद है।

इस सौदे में 26 राफेल मरीन जेट की खरीद शामिल हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और अन्य बेसों पर तैनात किया जाएगा। हाल ही में, इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों की एक टीम दिल्ली आई थी। वहीं अजीत डोभाल की फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे पर चर्चा की जाएगी, जो भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए जरूरी है।

यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी समुद्री हमला क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रही है। भारत ने अनुरोध पत्र में डेविएशन को भी मंजूरी दे दी है, जो कि सरकार से सरकार के सौदों के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट के बराबर है, जैसे कि भारतीय नौसेना के लिए जेट में स्वदेशी उत्तम रडार को एकीकृत करना है।

भारत की बढ़ती ताकतः अमेरिका के बाद फ्रांस का भी मिला साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता का किया समर्थन

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हाल के सालों में भारत ने दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाई है। दुनिया के ताकतवर देश भी भारत नए उभरते रूप से प्रभावित है। अमेरिका के बाद फ़्रांस का साथ मिलना इसका एक उदाहरण है। अमेरिका के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में इस वैश्विक निकाय को और ज्यादा कुशल बनाने की मांग की। उन्होंने यूएनजीए में बोलते हुए ब्राजील, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के दो देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया।मैक्रों ने यूएनजीए में कहा, "आइए संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाएं। हमें इसे और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है।" उन्होंने कहा, "जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।

फ्रांस ने किया सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन

मैक्रों ने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अपने हितों को लेकर एक-दूसरे को (प्रस्तावों को) रोकते रहेंगे तब तक आगे बढ़ना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ''क्या वहां एक अच्छी व्यवस्था काम कर रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. इसलिए आइए संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी बनाया जाए। लेकिन इसके लिए और अधिक सदस्य बनाए जाने चाहिए। इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करता है।''

भारत लंबे समय से कर रहा सुधार की मांग

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से करता रहा है। उसका कहना है कि 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद 21वीं सदी की ज़रूरत के हिसाब से फिट नहीं है। आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इसमें सुधार ज़रूरी है। भारत ने कई बार इस बात को दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हक़ रखता है। भारत आख़िरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य देश के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुआ था। भारत का कहना है कि एकतरफ़ा सुरक्षा परिषद आज की दुनिया में शांति और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है।

यूएनएससी क्या है?

संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में, सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं: वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य (संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम) और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य। गैर स्थायी सदस्यों का कार्यकाल बदलता रहता है।

सुरक्षा परिषद का काम क्या है?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राथमिक कार्यों में संघर्षों की जांच, शांति अभियानों की स्थापना, प्रतिबंध लगाना और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य कार्रवाई का प्राधिकरण शामिल है। यह वैश्विक संकटों और संघर्षों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक प्रमुख और प्रभावी समूह बन जाता है।

पेरिस में ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले बवाल, फ्रांसीसी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में तोड़फोड़*
#peris_olympic_opening_ceremony_malicious_attack_on_france_rail_network पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी से कुछ ही घंटे पहले फ्रांस हंगामे की खबर है। ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले फ्रांस के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर आगजनी की कई घटनाएं और हमले हुए है। रेल नेटवर्क को निशाना बनाकर किए गए हमलों के कारण कई रेल सेवाएं ठप हो गई हैं। फ्रांसीसी रेल कंपनी की और से एक बयान में कहा गया कि कई रेल लाइनों को निशाना बनाकर किए गए 'दुर्भावनापूर्ण कृत्यों' की वजहों से ओलंपिक से पहले ट्रेन परिचालन बुरी तरह बाधित हुआ. ट्रेन ऑपरेटर एसएनसीएफ (Train Operator SNCF) ने एएफपी को बताया, "यह टीजीवी नेटवर्क को हानि बनाने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया हमला है." इस हमले के चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पडा. राष्ट्रीय रेल परिचालक ने कहा, "एसएनसीएफ रात भर में एक साथ कई दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का शिकार हुआ।" हमलों से इसकी अटलांटिक, उत्तरी और पूर्वी लाइनें प्रभावित हुईं. प्रभावित लाइनों पर यातायात 'भारी रूप से बाधित' है। जानकारी के मुताबिक इस तोड़फोड़ और आगजनी के कारण जो नुकसान हुआ है उसके मरम्मत में कम से कम रविवार तक का समय लग सकता है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबित फ्रांस की खेल मंत्री ने इस हिंसा पर आक्रोश जताते हुए इसे भयावह बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेलों को निशाना बनाना फ्रांस को ही निशाना बनाने के बराबर है। वहीं फ्रांस के परिवहन मंत्री ने रेल नेटवर्क के खिलाफ किए गए इन हमलों को आपराधिक बताया है। SNCF के मुख्य कार्यकारी जीन-पियरे ने बताया है इससे करीब 8 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं।
फ्रांस में त्रिशंकु संसद के हालात, चुनावी नतीजे आने के बाद भड़की हिंसा

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फ्रांस चुनाव के दूसरे राउंड में बड़ा बदलाव देखने मिला है।रविवार की रात फ़्रांस के लिए उम्मीद से उलट नतीजों वाली रात थी। संसदीय चुनाव के नतीजे चौंकाने वाल रहे। पहले दौर में पहले स्थान पर रहने वाली दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली आखिरी दौर में आखिरी स्थान पर पहुंच गई है। फ्रांस के संसदीय चुनावों में वामपंथी गठबंधन की बढ़त के बाद राजधानी पेरिस समेत पूरे देश में हिंसा भड़क उठी है।

वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ़्रंट 182 सीटों के साथ पहले स्थान पर है। जबकी बुरी तरह पिछड़ी मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया।पहले चरण में सर्वाधिक मत जीतने वाली धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली तीसरे नंबर रही है। लेकिन इनमें से किसी के पास भी बहुमत के आंकड़े नहीं हैं और फ़्रांस में त्रिशंकु संसद के हालात बन गए हैं।फ्रांस में अनिश्चितता की ऐसी स्थिति बन गई है, जो पहले कभी नहीं देखी गई।

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन दूसरे स्थान पर और दक्षिणपंथी तीसरे स्थान पर आया. इस चुनावों से तीन प्रमुख राजनीतिक गुट उभरे हैं- फिर भी उनमें से कोई भी 577 सीटों वाले निचले सदन नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए जरूरी 289 सीटों के करीब नहीं पहुंच पाया है। यहां सबसे बड़े गुट बनकर उभरे वामपंथी गठबंधन को 182 सीटें मिली हैं। वहीं मैक्रों के गठबंधन को 168 सीटें, जबकि धुर दक्षिणपंथी रैसेमबलेमेंट नेशनल और उसके सहयोगियों को 143 सीटें मिली हैं।

जैसे ही चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए हजारों लोग पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक पर इकट्ठा हुए। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में वामपंथी गठबंधन की जीत की संभावना के बाद पेरिस में जश्न और हिंसा दोनों का माहौल बन गया। धुर-वामपंथी गठबंधन के अप्रत्याशित रूप से आगे निकलने की खबर पर हजारों लोग जश्न मनाने के लिए पेरिस के प्लेस डे ला रिपप्लिक में जमा हो गए। नतीजों से नाराज और नतीजों के बाद जश्न मना रहे लोग सड़को पर आ गए है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। 

ब्रिटिश टैबलायड द सन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह पता नहीं चल पाया है कि बढ़ते तनाव के बीच सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी किस दल के समर्थक है। इसके पहले यह आशंका जताई गई थी कि अगर दक्षिणपंथी जीत जाते हैं तो हिंसा भड़क सकती है।

Euro Cup 2024 starts today
#Sports News# Football #URO Cup ,2024 # Street Buzz News


*SB News Bureau:* The most entertaining competition after the football World Cup, the Euro Cup is going to start on Friday. As a result, football lovers of the city started waking up at night.

Two years ago, the magnificent football World Cup was held in Qatar. In the last 32-country fight, many countries have caught the eye separately. After the World Cup, arguably football's competition ahead of the rest, the Euro Cup gets underway on Friday. Germany and Scotland meet in the first match in Munich. Cristiano Ronaldo's Portugal, Kylian Mbappe's France, Harry Kane's England or three-time winners Spain, there is no shortage of countries to catch the eye at the Euro Cup. But this competition is always used to surprise. In 2004, Greece surprised everyone and won the trophy. A last-minute opportunity after Yugoslavia's relegation, Denmark surprised by winning Euro 1992. This time also any country can surprise.

Germany, which hosted the World Cup in 2006, is now the host of the Euro Cup. They want to bring back the experience of 18 years ago. Millions of people have already gathered in that country. Every stadium is likely to be full. But this time the political context of Europe is different. It's the first time since the Russian invasion of Ukraine that the Euros are taking place. It's hard to predict who will win after a month of football war. However, UEFA and host Germany have promised to set this year's Euros apart from the rest. Football lovers all over the world are looking forward to enjoy that joy.

*Pic Courtesy by: Reuters.*
জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

फ्रांस को मिला सबसे युवा और पहला गे प्रधानमंत्री, 34 वर्षीय गैब्रियल अटल बने पीएम

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गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने मंगलवार को गेब्रियल अटल को देश का नया प्रधान मंत्री नामित किया। 34 वर्ष की आयु के गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं। गेब्रियल अटल खुले तौर पर खुद को गे बता चुके हैं। इससे पहले अटल ने शिक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। प्रधानमंत्री के रूप में गैब्रियल की ये नियुक्ति तब हुई है जब इस साल के आखिर में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनाव से पहले मैक्रों अपनी टीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं।

गैब्रियल अटल ने अपने से लगभग दोगुनी उम्र की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न की जगह ली है। उनके इस्तीफे के बाद से ही अटल की तासपोशी लगभग तय मानी जा रही थी। एलिजाबेथ बोर्न के इस्तीफे की वजह नए इमिग्रेशन कानून को लेकर बढ़ रहे राजनीतिक तनाव को माना जा रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस कानून का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि सोमवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था और मंगलवार को नए पीएम के नाम का एलान कर दिया। 62 वर्षीय एलिजाबेथ बोर्न को मई 2022 में देश का पीएम नियुक्त किया गया था। वो लगभग दो साल तक इस पद पर थीं। इस पद पर पहुंचने वाली वो फ्रांस की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।

फ्रांस में यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है, जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों साल के अंत में होने वाले यूरोपीय चुनावों से पहले अपनी शीर्ष टीम में फेरबदल करने की तैयारी कर रहे हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मैक्रों का खेमा धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी से लगभग आठ से दस प्रतिशत अंकों से पीछे चल रहे हैं।

गेब्रियल अटल की गिनती मैक्रों के करीबी सहयोगियों में होती है। गेब्रियल अटल ने कोविड महामारी के दौरान सरकार के प्रवक्ता के रूप में उभरे थे जिसके बाद उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया दिया गया था। हाल के जनमत सर्वेक्षणों में देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक, अटल ने रेडियो शो और संसद में सहजता से काम करने वाले एक समझदार मंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई है।ऐसे में अटल को प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय संसद चुनावों से पहले अपने दूसरे जनादेश में नई जान फूंकना चाहते हैं। मैक्रों अब अटल के साथ मिलकर सरकार में नई जान डाल सकते हैं।

भारत के 'पिनाक' का दुनिया में बजा डंका, फ्रांस करना चाह रहा डील, अर्मेनिया पहले ही दे चुका है ऑर्डर

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भारत के'मेक इन इंडिया' की गूंज अब दुनियाभर में देखने को मिल रही है। रक्षा क्षेत्र में भारत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। कभी हथियारों के लिए विदेश पर निर्भर रहने वाला भारत अब हथियारों का निर्यात भी कर रहा है। भारत में तैयार किए जा रहे एक से बढ़कर एक हथियारों पर अब कई देशों की नजरें टिक गई हैं। उनमें से फ्रांस भी एक है। फ्रांस अपनी रक्षा जरूरतों को पूरी करने के लिए भारत निर्मित पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदने पर विचार कर रहा है। ऐसा कोई सौदा रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल की एक बड़ी सफलता साबित होगा।

आत्मनिर्भर भारत अभियान या रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' की ये सफलता तब मिलने जा रही है, जब फ्रांसीसी सेना के ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ भारत दौरे पर आए। उनका यह दौरान भारत के पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम को खरीदने से भी संबंधित है। ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचौ ने बताया,'हम पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का मूल्यांकन कर रहे हैं क्योंकि हमें इस तरह के सिस्टम की जरूरत है।दोनों देशों के रिश्ते केवल व्यापारिक संबंधों तक ही केंद्रित नहीं हैं और हम साझा सहयोग को और आगे बढ़ाना चाहते हैं।

फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक

फ्रांस के वरिष्ठ अधिकारी दोनों पक्षों के बीच वार्ता के सिलसिले में ही आए हैं। वर्ष के शुरू में शुरुआत में सीडीएस जनरल अनिल चौहान की यात्रा के दौरान फ्रांस के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी।फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि दोनों देश उच्च तकनीक साझा कर रहे हैं क्योंकि वे साथ मिलकर स्कॉर्पीन जैसी उच्च क्षमता वाली पनडुब्बियां बना रहे है। फ्रांसीसी ब्रिगेडियर जनरल ने कहा कि दोनों पक्ष शक्ति श्रृंखला के अभ्यास कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ साझेदारी के प्रतीक के रूप में एक-दूसरे के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है। उन्होंने कहा कि युद्ध अभ्यास के 25वें संस्करण के लिए, फ्रांसीसी सेना भारतीय सेना की एक मजबूत टुकड़ी को अपने देश में आमंत्रित करेगी। अमेरिका के बाद फ्रांस भारतीय रक्षा उपकरणों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है और भारत से बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान वहां जाते हैं।

रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा भारत

भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है। भारत जिन देशों से पहले हथियार और रक्षा उपकरण खरीदता रहा है, अब वे देश भारत से रक्षा उपकरण खरीदने को आतुर दिखते हैं। इससे पहले भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्यात कर चुका है। ब्रह्मोस का विकास भारत और रूस ने मिलकर किया है।

क्या है पिनाक की खुबियां?

पिनाक रॉकेट सिस्टम 75 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। भारत पहले से ही इसका निर्यात कर रहा है। आर्मेनिया ने इसके लिए ऑर्डर दिया है। कई अन्य देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इस वर्ष की शुरुआत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान फ्रांसीसी पक्ष के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी। पिनाक का विकास डीआरडीओ ने सोलार इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा जैसी कंपनियों और आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर किया है।

ప్రభుత్వం కీలక నిర్ణయం

ప్రాణాలు హరించివేస్తున్న మయోనైజ్‏పై నిషేధం విధిస్తూ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం నిర్ణయం తీసుకుంది. ఈ మేరకు వైద్య ఆరోగ్య శాఖ మంత్రి దామోదర రాజనరసింహ బుధవారం ఆదేశాలు జారీ చేశారు.

ప్రాణాలు హరించివేస్తున్న మయోనైజ్‏పై నిషేధం విధిస్తూ రాష్ట్ర ప్రభుత్వం నిర్ణయం తీసుకుంది. ఈ మేరకు వైద్య ఆరోగ్య శాఖ మంత్రి దామోదర రాజనరసింహ బుధవారం ఆదేశాలు జారీ చేశారు. డా.బీఆర్ అంబేడ్కర్ సెక్రటేరియెట్ లో ఫుడ్ సేఫ్టీ అధికారులతో దామోదర రాజ నర్సింహా బుధవారం సమీక్ష నిర్వహించారు. ఈ సమావేశంలో హోటళ్లలో తనిఖీలు, కల్తీ ఆహార పదార్థాల వినియోగాన్ని అరికట్టడానికి నియమించిన టాస్క్‌ఫోర్స్‌‌ కమిటీల పనితీరుపై మంత్రి ఆరా తీశారు. వివిధ రకాల ఆహార పదార్థాలతో మయోనైజ్‌ను తయారు చేస్తున్నారని అధికారులు మంత్రి దామోదరకు చెప్పారు.

అందులో కల్తీ, ఉడకబెట్టని గుడ్లను ఉపయోగిస్తున్నారని.. దీని వల్ల ప్రజల ఆరోగ్యంపై తీవ్రంగా ప్రభావం పడుతోందని మంత్రికి వివరించారు. ఈ సందర్భంగా కేరళ ప్రభుత్వం మయోనైజ్ పై బ్యాన్ విధించిన విషయాన్ని మంత్రి దృష్టికి తీసుకువచ్చారు. ప్రజల ఆరోగ్యాన్ని దృష్టిలో ఉంచుకుని తెలంగాణలోనూ మయోనైజ్ ను నిషేధం విధించాలని అధికారులు సూచించారు. సుదీర్ఘ చర్చల అనంతరం మయోనైజ్‌పై బ్యాన్ విధించాలని మంత్రి నిర్ణయించారు. ఈ మేరకు రాష్ట్ర ప్రభుత్వం ఉత్తర్వులు విడుదల చేసింది.

ఫ్రాన్స్‌(France)లో పుట్టిన బర్గర్లు నుంచి శాండ్‌విచ్‌లు.. డిప్స్‌ నుంచి సలాడ్స్‌ వరకూ అన్నింట్లోనూ విరివిగా వాడేస్తోన్న ప్రధానమైన కాండిమెంట్స్‌లో ఒకటిగా నిలిచింది మయోనైజ్‌. మండీకి వెళ్లి బిర్యానీ తిన్నా, బార్బిక్యులో రోస్టెడ్‌ చికెన్‌ రుచి చూసినా, షవార్మ సెంటర్‌లో షవార్మ రోల్‌ తిన్నా, స్టార్‌ హోటల్స్‌లో కాక్‌టైల్‌ పార్టీలో స్నాక్స్‌తో పాటు మయోనైజ్‌ కామన్‌గా ఉంటుంది. అతి చిక్కగా ఉండే ఈ క్రీమీ సాస్‌ను పిల్లలు, పెద్దలూ ఇష్టంగానే తింటుంటారు. వెగన్‌ మయోనైజ్‌తో ఇబ్బందులు లేవుకానీ, ఎగ్‌ మయోనైజ్‌లో ప్రధానంగా వాడే గుడ్డు సొనలో ఉండే సాల్మొనెల్లా వల్ల ఆరోగ్య సమస్యలు వచ్చే అవకాశాలున్నాయని న్యూట్రిషియనిస్ట్‏లు అంటున్నారు. హోటల్‌లో దీనిని తీసుకునే ముందు ఒకటికి పదిసార్లు ఆలోచించాలంటున్నారు.

ఇంట్లో తయారుచేసుకున్న మయోనైజ్‌ను త్వరగా వినియోగించాలనీ, ముఖ్యంగా కార్డియో, ఇతర ఆరోగ్య సమస్యలున్న వారు వాటి జోలికి వెళ్లకపోవడం మంచిదంటున్నారు. హోటళ్లలో అందుబాటులో ఉంచిన మయోనైజ్‌ వల్ల ప్రజలు అనారోగ్యం బారిన పడుతున్నారని, దాన్ని నిషేధించాలని జీహెచ్‌ఎంసీ ప్రభుత్వానికి నివేదికలు పంపుతుండడంతో అందరి దృష్టి మయోనైజ్‌పై పడింది. కేరళలో ఎగ్‌ మయోనైజ్‌పై ఇప్పటికే నిషేధం విధించారు.

अजित डोभाल के फ्रांस दौरे से पहले भारत के बड़ी खबर, राफेल मरीन जेट डील को लेकर बनी बात

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भारत और फ्रांस के बीच रक्षा साझेदारी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। फ्रांस ने 26 राफेल मरीन जेट सौदे के लिए भारत को फाइनल प्राइज ऑफर किया है। खास बात है कि फ्रांस ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दौरे से ठीक पहले ये कदम उठाया है। बता दें कि अजीत डोभाल 30 सितंबर से 1 अक्टूबर तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सौदे के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद, फ्रांस ने दाम में उल्लेखनीय कमी की है और भारतीय अधिकारियों को बेहतरीन फाइनल प्राइस ऑफर दिया है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस बार फ्रांस ने रकम में कटौती की है और परियोजना के लिए फ्रांस की ओर से भारतीय अधिकारियों को सर्वोत्तम मूल्य दिया गया है। हालांकि, फाइनल डील कितने में होगी, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक इस सौदे की कीमत लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के होने की उम्मीद है।

इस सौदे में 26 राफेल मरीन जेट की खरीद शामिल हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना के आईएनएस विक्रांत विमानवाहक पोत और अन्य बेसों पर तैनात किया जाएगा। हाल ही में, इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए फ्रांसीसी अधिकारियों की एक टीम दिल्ली आई थी। वहीं अजीत डोभाल की फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे पर चर्चा की जाएगी, जो भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमता को मजबूत करने के लिए जरूरी है।

यह सौदा भारतीय नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह अपनी समुद्री हमला क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रही है। भारत ने अनुरोध पत्र में डेविएशन को भी मंजूरी दे दी है, जो कि सरकार से सरकार के सौदों के लिए टेंडर डॉक्यूमेंट के बराबर है, जैसे कि भारतीय नौसेना के लिए जेट में स्वदेशी उत्तम रडार को एकीकृत करना है।

भारत की बढ़ती ताकतः अमेरिका के बाद फ्रांस का भी मिला साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता का किया समर्थन

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हाल के सालों में भारत ने दुनियाभर में अपनी खास पहचान बनाई है। दुनिया के ताकतवर देश भी भारत नए उभरते रूप से प्रभावित है। अमेरिका के बाद फ़्रांस का साथ मिलना इसका एक उदाहरण है। अमेरिका के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में अपने संबोधन में इस वैश्विक निकाय को और ज्यादा कुशल बनाने की मांग की। उन्होंने यूएनजीए में बोलते हुए ब्राजील, जर्मनी, जापान और अफ्रीका के दो देशों की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया।मैक्रों ने यूएनजीए में कहा, "आइए संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाएं। हमें इसे और अधिक प्रतिनिधि बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है।" उन्होंने कहा, "जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को स्थायी सदस्य होना चाहिए, साथ ही दो ऐसे देश होने चाहिए जिन्हें अफ्रीका उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए तय करेगा।

फ्रांस ने किया सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन

मैक्रों ने कहा कि जब तक सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अपने हितों को लेकर एक-दूसरे को (प्रस्तावों को) रोकते रहेंगे तब तक आगे बढ़ना मुश्किल है। उन्होंने कहा, ''क्या वहां एक अच्छी व्यवस्था काम कर रही है? मुझे ऐसा नहीं लगता. इसलिए आइए संयुक्त राष्ट्र को प्रभावी बनाया जाए। लेकिन इसके लिए और अधिक सदस्य बनाए जाने चाहिए। इसलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करता है।''

भारत लंबे समय से कर रहा सुधार की मांग

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग लंबे समय से करता रहा है। उसका कहना है कि 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद 21वीं सदी की ज़रूरत के हिसाब से फिट नहीं है। आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को देखते हुए इसमें सुधार ज़रूरी है। भारत ने कई बार इस बात को दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हक़ रखता है। भारत आख़िरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य देश के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल हुआ था। भारत का कहना है कि एकतरफ़ा सुरक्षा परिषद आज की दुनिया में शांति और सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है।

यूएनएससी क्या है?

संयुक्त राष्ट्र के छह मुख्य अंगों में से एक के रूप में, सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। इसमें 15 सदस्य शामिल हैं: वीटो पावर वाले पांच स्थायी सदस्य (संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम) और दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य। गैर स्थायी सदस्यों का कार्यकाल बदलता रहता है।

सुरक्षा परिषद का काम क्या है?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्राथमिक कार्यों में संघर्षों की जांच, शांति अभियानों की स्थापना, प्रतिबंध लगाना और आवश्यकता पड़ने पर सैन्य कार्रवाई का प्राधिकरण शामिल है। यह वैश्विक संकटों और संघर्षों को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक प्रमुख और प्रभावी समूह बन जाता है।

पेरिस में ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले बवाल, फ्रांसीसी हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में तोड़फोड़*
#peris_olympic_opening_ceremony_malicious_attack_on_france_rail_network पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी से कुछ ही घंटे पहले फ्रांस हंगामे की खबर है। ओलंपिक उद्घाटन समारोह से पहले फ्रांस के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क पर आगजनी की कई घटनाएं और हमले हुए है। रेल नेटवर्क को निशाना बनाकर किए गए हमलों के कारण कई रेल सेवाएं ठप हो गई हैं। फ्रांसीसी रेल कंपनी की और से एक बयान में कहा गया कि कई रेल लाइनों को निशाना बनाकर किए गए 'दुर्भावनापूर्ण कृत्यों' की वजहों से ओलंपिक से पहले ट्रेन परिचालन बुरी तरह बाधित हुआ. ट्रेन ऑपरेटर एसएनसीएफ (Train Operator SNCF) ने एएफपी को बताया, "यह टीजीवी नेटवर्क को हानि बनाने के लिए बड़े पैमाने पर किया गया हमला है." इस हमले के चलते कई ट्रेनों को रद्द करना पडा. राष्ट्रीय रेल परिचालक ने कहा, "एसएनसीएफ रात भर में एक साथ कई दुर्भावनापूर्ण कृत्यों का शिकार हुआ।" हमलों से इसकी अटलांटिक, उत्तरी और पूर्वी लाइनें प्रभावित हुईं. प्रभावित लाइनों पर यातायात 'भारी रूप से बाधित' है। जानकारी के मुताबिक इस तोड़फोड़ और आगजनी के कारण जो नुकसान हुआ है उसके मरम्मत में कम से कम रविवार तक का समय लग सकता है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबित फ्रांस की खेल मंत्री ने इस हिंसा पर आक्रोश जताते हुए इसे भयावह बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खेलों को निशाना बनाना फ्रांस को ही निशाना बनाने के बराबर है। वहीं फ्रांस के परिवहन मंत्री ने रेल नेटवर्क के खिलाफ किए गए इन हमलों को आपराधिक बताया है। SNCF के मुख्य कार्यकारी जीन-पियरे ने बताया है इससे करीब 8 लाख यात्री प्रभावित हुए हैं।
फ्रांस में त्रिशंकु संसद के हालात, चुनावी नतीजे आने के बाद भड़की हिंसा

#france_elections_result_left_coalition_wins_most_seat

फ्रांस चुनाव के दूसरे राउंड में बड़ा बदलाव देखने मिला है।रविवार की रात फ़्रांस के लिए उम्मीद से उलट नतीजों वाली रात थी। संसदीय चुनाव के नतीजे चौंकाने वाल रहे। पहले दौर में पहले स्थान पर रहने वाली दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली आखिरी दौर में आखिरी स्थान पर पहुंच गई है। फ्रांस के संसदीय चुनावों में वामपंथी गठबंधन की बढ़त के बाद राजधानी पेरिस समेत पूरे देश में हिंसा भड़क उठी है।

वामपंथी गठबंधन न्यू पॉपुलर फ़्रंट 182 सीटों के साथ पहले स्थान पर है। जबकी बुरी तरह पिछड़ी मैक्रों की मध्यमार्गी पार्टी ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल किया।पहले चरण में सर्वाधिक मत जीतने वाली धुर दक्षिणपंथी नेशनल रैली तीसरे नंबर रही है। लेकिन इनमें से किसी के पास भी बहुमत के आंकड़े नहीं हैं और फ़्रांस में त्रिशंकु संसद के हालात बन गए हैं।फ्रांस में अनिश्चितता की ऐसी स्थिति बन गई है, जो पहले कभी नहीं देखी गई।

राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मध्यमार्गी गठबंधन दूसरे स्थान पर और दक्षिणपंथी तीसरे स्थान पर आया. इस चुनावों से तीन प्रमुख राजनीतिक गुट उभरे हैं- फिर भी उनमें से कोई भी 577 सीटों वाले निचले सदन नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए जरूरी 289 सीटों के करीब नहीं पहुंच पाया है। यहां सबसे बड़े गुट बनकर उभरे वामपंथी गठबंधन को 182 सीटें मिली हैं। वहीं मैक्रों के गठबंधन को 168 सीटें, जबकि धुर दक्षिणपंथी रैसेमबलेमेंट नेशनल और उसके सहयोगियों को 143 सीटें मिली हैं।

जैसे ही चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए हजारों लोग पेरिस के प्लेस डे ला रिपब्लिक पर इकट्ठा हुए। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में वामपंथी गठबंधन की जीत की संभावना के बाद पेरिस में जश्न और हिंसा दोनों का माहौल बन गया। धुर-वामपंथी गठबंधन के अप्रत्याशित रूप से आगे निकलने की खबर पर हजारों लोग जश्न मनाने के लिए पेरिस के प्लेस डे ला रिपप्लिक में जमा हो गए। नतीजों से नाराज और नतीजों के बाद जश्न मना रहे लोग सड़को पर आ गए है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। 

ब्रिटिश टैबलायड द सन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह पता नहीं चल पाया है कि बढ़ते तनाव के बीच सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी किस दल के समर्थक है। इसके पहले यह आशंका जताई गई थी कि अगर दक्षिणपंथी जीत जाते हैं तो हिंसा भड़क सकती है।

Euro Cup 2024 starts today
#Sports News# Football #URO Cup ,2024 # Street Buzz News


*SB News Bureau:* The most entertaining competition after the football World Cup, the Euro Cup is going to start on Friday. As a result, football lovers of the city started waking up at night.

Two years ago, the magnificent football World Cup was held in Qatar. In the last 32-country fight, many countries have caught the eye separately. After the World Cup, arguably football's competition ahead of the rest, the Euro Cup gets underway on Friday. Germany and Scotland meet in the first match in Munich. Cristiano Ronaldo's Portugal, Kylian Mbappe's France, Harry Kane's England or three-time winners Spain, there is no shortage of countries to catch the eye at the Euro Cup. But this competition is always used to surprise. In 2004, Greece surprised everyone and won the trophy. A last-minute opportunity after Yugoslavia's relegation, Denmark surprised by winning Euro 1992. This time also any country can surprise.

Germany, which hosted the World Cup in 2006, is now the host of the Euro Cup. They want to bring back the experience of 18 years ago. Millions of people have already gathered in that country. Every stadium is likely to be full. But this time the political context of Europe is different. It's the first time since the Russian invasion of Ukraine that the Euros are taking place. It's hard to predict who will win after a month of football war. However, UEFA and host Germany have promised to set this year's Euros apart from the rest. Football lovers all over the world are looking forward to enjoy that joy.

*Pic Courtesy by: Reuters.*
জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

फ्रांस को मिला सबसे युवा और पहला गे प्रधानमंत्री, 34 वर्षीय गैब्रियल अटल बने पीएम

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गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा प्रधानमंत्री बन गए हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने मंगलवार को गेब्रियल अटल को देश का नया प्रधान मंत्री नामित किया। 34 वर्ष की आयु के गेब्रियल अटल फ्रांस के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री हैं। गेब्रियल अटल खुले तौर पर खुद को गे बता चुके हैं। इससे पहले अटल ने शिक्षा मंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं। प्रधानमंत्री के रूप में गैब्रियल की ये नियुक्ति तब हुई है जब इस साल के आखिर में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनाव से पहले मैक्रों अपनी टीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहे हैं।

गैब्रियल अटल ने अपने से लगभग दोगुनी उम्र की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न की जगह ली है। उनके इस्तीफे के बाद से ही अटल की तासपोशी लगभग तय मानी जा रही थी। एलिजाबेथ बोर्न के इस्तीफे की वजह नए इमिग्रेशन कानून को लेकर बढ़ रहे राजनीतिक तनाव को माना जा रहा है। राष्ट्रपति मैक्रों ने इस कानून का समर्थन किया था। बताया जा रहा है कि सोमवार को राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था और मंगलवार को नए पीएम के नाम का एलान कर दिया। 62 वर्षीय एलिजाबेथ बोर्न को मई 2022 में देश का पीएम नियुक्त किया गया था। वो लगभग दो साल तक इस पद पर थीं। इस पद पर पहुंचने वाली वो फ्रांस की दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं।

फ्रांस में यह फेरबदल ऐसे समय में हुआ है, जब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों साल के अंत में होने वाले यूरोपीय चुनावों से पहले अपनी शीर्ष टीम में फेरबदल करने की तैयारी कर रहे हैं। जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मैक्रों का खेमा धुर दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन की पार्टी से लगभग आठ से दस प्रतिशत अंकों से पीछे चल रहे हैं।

गेब्रियल अटल की गिनती मैक्रों के करीबी सहयोगियों में होती है। गेब्रियल अटल ने कोविड महामारी के दौरान सरकार के प्रवक्ता के रूप में उभरे थे जिसके बाद उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया दिया गया था। हाल के जनमत सर्वेक्षणों में देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक, अटल ने रेडियो शो और संसद में सहजता से काम करने वाले एक समझदार मंत्री के रूप में अपनी पहचान बनाई है।ऐसे में अटल को प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर कहा जा रहा है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति यूरोपीय संसद चुनावों से पहले अपने दूसरे जनादेश में नई जान फूंकना चाहते हैं। मैक्रों अब अटल के साथ मिलकर सरकार में नई जान डाल सकते हैं।