कुणाल कामरा को लेकर पहली बार बोले एकनाथ शिंदे, बोले- व्यंग्य भी मर्यादा में होता है

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स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर एकनाथ शिंदे ने चुप्पी तोड़ी है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि किसी भी व्यंग्य की एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है। सामने वाले व्यक्ति को भी एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। कॉमेडियन कुणाल कामरा के एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो में दिए गए उनके खिलाफ विवादित बयान का जिक्र कर रहे थे। इस बीच कुणाल कामरा ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

क्या बोले शिंदे

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी और शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ किए जाने पर कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है; हम व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी’ लेने जैसा है। सामने वाले व्यक्ति को भी एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए, अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।

शिंदे ने कहा- कामरा ने जो कहा वह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता नहीं है यह सुपारी लेकर बोल रहा है । हमारे कार्यकर्ता ने जो किया वह एक्शन की रिएक्शन है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। ये आरोप किसी से सुपारी लेकर आरोप लगाए गए हैं। इसलिए मैंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं तो बोलूंगा ही नहीं। मैं एक काम करनेवाला आदमी हूं।

कुणाल ने शिंदे को “गद्दार” कहा

स्टैंड-अप कॉमेडियन ने अपने शो में शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था। कामरा ने फिल्म 'दिल तो पागल है' के एक गाने की पैरोडी की थी, जिसमें शिंदे को गद्दार कहा गया। उन्होंने गाने के जरिए शिवसेना और NCP में विभाजन को लेकर भी मजाकिया लहजे में कमेंट किया था।

कामरा का वीडियो सामने आने के बाद 22 मार्च की रात शिवसेना शिंदे गुट के समर्थकों ने मुंबई के खार इलाके में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में जमकर तोड़फोड़ की। शिंदे ने कहा, इसी व्यक्ति (कामरा) ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह किसी के लिए काम करना है।

इस बीच तोड़फोड़ की घटना को लेकर कुणाल कामरा ने कहा- वह शिंदे के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे और मुंबई में उस स्थान पर तोड़फोड़ की आलोचना की, जहां कॉमेडी शो रिकॉर्ड किया गया था।

कुणाल कामरा को मुंबई पुलिस ने भेजा आज पेश होने का समन, पूछताछ के लिए बुलाया

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विवादित बयान देकर फंसे स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर विवादित कविता बोलने को लेकर वे कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। इस मामले में अब कुणाल को पुलिस ने समन भेजा है।

कुणाल कामरा को खार पुलिस ने उनके घर पर समन भेजा है। हालांकि, कुणाल फिलहाल मुंबई में नहीं है, इसीलिए समन कुणाल के पिता को हैंडओवर किया गया है। इसके अलावा कुणाल को पुलिस ने व्हाट्सएप के जरिए भी समन भेजा है और पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा है।

कामरा का माफी मांगने से इनकार

इससे पहले कुणाल कामरा ने इस विवाद को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। कामरा ने बीती रात एक स्टेटमेंट जारी किया था। इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए कुणाल कामरा ने साफतौर पर कहा कि वे माफी नहीं मांगेगे। उन्होंने लिखा- 'मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं अपने बेड के नीचे छिपकर इसके शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा। मैंने बिल्कुल वही कहा जैसा मिस्टर अजीत पवार (फर्स्ट डिप्टी सीएम) ने श्री एकनाथ शिंदे (दूसरे डिप्टी सीएम) के बारे में कहा था।

रघुनाथ पाटिल ने दी अपने अंदाज में बात करने की धमकी

वहीं, कामरा के माफी मांगने से इनकार करने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री गुलाब रघुनाथ पाटिल ने कहा, ‘अगर वह माफ़ी नहीं मांगते हैं, तो हम उनसे अपने अंदाज में बात करेंगे। शिवसेना उन्हें नहीं छोड़ेगी, हम यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो वह बाहर आ जाएंगे, कहां छिपेंगे? शिवसेना अपना असली रूप दिखाएगी।

क्या है मामला?

कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई में आयोजित अपने शो में महाराष्ट्र की राजनीति पर टिप्पणी की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे शिवसेना कार्यकर्ता उग्र हो गए थे। उन्होंने दिग्गज नेता के दल बदलने को लेकर एक फिल्मी गाने का सहारा लिया था। इस विवादित टिप्पणी पर भड़के शिवसेना के युवा कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसी होटल में कामरा के शो की शूटिंग हुई थी। उपद्रव के बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में राहुल समेत 12 को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई। विवादित टिप्पणी मामले में कामरा पर भी मामला दर्ज किया गया है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा की भड़के एकनाथ शिंदे, जानें पूरा मामला

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पूरा देश आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। पीएम मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंती पर नमन किया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की जयंती पर ट्वीट कर के मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दे दी है। जिसपर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है।

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है। वह हमेशा महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान करते हैं. वीर सावरकर का भी अपमान करते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि, स्वरा भास्कर हो या कमाल खान या राहुल गांधी, मैं उन सभी की निंदा करता हूं जो महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। आज पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है, ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा?

इससे पहले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- "छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने साहस और शौर्य से उन्होंने हमें निडरता और पूरे समर्पण के साथ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

एकनाथ शिंदे की डिमांड ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल, एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने पर नहीं हो रही राजी

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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन अब मंत्रालय के बंटवारें पर पेंच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महायुति गठबंधन में पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दिनों तक विवाद चला था और अब मंत्रालयों पर खूब खींचतान हो रही है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री पद पर अड़े हुए थे। अब उन्होंने गृह मंत्रालय की मांग पकड़ ली है। हालांकि, भाजपा इसे देने को तैयार नहीं है।अब खबर है कि भाजपा ने शिंदे को गृह मंत्रालय की जगह 3 अन्य मंत्रालयों में से चुनने का विकल्प दिया है।

भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। दो दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया है। शनिवार को महाराष्‍ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों ने विधायक पद की शपथ भी ले ली है। वहीं महाराष्‍ट्र सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे और महत्वपूर्ण मंत्री पदों को लेकर जंग तेज हो चुकी है।सरकार के गठन के पहले से एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं वहीं उपमुख्‍यमंत्री बनने के बाद उन्‍होंने एक बार फिर भाजपा के सामने गृह मंत्रालय की डिमांड रख दी है। जिसने भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है।

शिंदे की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं

मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है। सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है। शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है।ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से चुनने का विकल्प दिया है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना को साफ कर दिया है कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती।"भाजपा ने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है।

शिवसेना कर रही शिंदे के पक्ष में वकालत

शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार है, केंद्रीय गृह मंत्रालय बीजेपी (अमित शाह) के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय का पद सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है।

किन मंत्रालयों पर फंसा है पेंच?

महायुति में गृह मंत्रालय को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। भाजपा और शिंदे सेना इस पर दावेदारी कर रहे हैं।इसके अलावा वित्त, शहरी विकास, राजस्व, आवास, सिंचाई और सामान्य प्रशासन जैसे मंत्रालयों को लेकर भी मतभेद है। पिछले मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने जीत दर्ज की थी, इस वजह से सहमति बनाना और मुश्किल हो गया है।

कैसा हो सकता है मंत्रिमंडल?

रिपोर्ट के मुताबिक, महायुति में मंत्रिमंडल को लेकर 6 विधायक पर एक मंत्री पद का फार्मूला तय हुआ है। इसके तहत भाजपा को 20 से 22, शिंदे गुट को 12 और अजित गुट को 9 से 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।

क्या देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम होंगे एकनाथ शिंदे के बेटे ? क्या होगा महायुति का रुख

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है, उनकी पार्टी के नेताओं का दावा है कि शीर्ष पद के लिए उनका नाम तय हो गया है, जिसके लिए निवर्तमान और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दावेदार थे। हालांकि नई सरकार ने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसे महाराष्ट्र में महायुति के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा राज्य चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं। महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में होना है।

महाराष्ट्र सरकार गठन | मुख्य बिंदु

1. भाजपा नेता का दावा, फडणवीस होंगे अगले मुख्यमंत्री: समाचार एजेंसी पीटीआई ने रविवार रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री को चुनने के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।

2. शिंदे गांव से लौटे:

कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। उन्हें अपने गांव में तेज बुखार हो गया। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा लिया गया सीएम पद का फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।" इस दावे पर कि श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने जवाब दिया, "बातचीत चल रही थी"।

3.शिवसेना नेता ने अजित पवार की एनसीपी को नाराज़ किया:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीतते। शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनावों में 90-100 सीटें जीतती। निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, "हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में क्यों शामिल किया गया।" पलटवार करते हुए एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह अपनी "अवांछित जबान" न चलाएं।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम:

 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी दलों- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को हुआ था, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को हुई थी।

महाराष्ट्र में सीएम पद पर आज होगा फैसला, शिंदे देंगे साथ या बढ़ाएंगे तनाव?

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महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बकरार है। सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर लगातार सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए मुंबई में होने वाली महायुति की अहम बैठक स्थगित कर दी गई। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि शायद एकनाथ शिंदे सरकार गठन के फैसले से नाराज हैं और इसलिए सतारा जिले में अपने गांव चले गए हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।

24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे शिंदे

शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे क्योंकि उनकी दिलचस्पी महाराष्ट्र की राजनीति में है। संजय शिरसाट ने कहा, महाराष्ट्र के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की। पीएम मोदी और अमित शाह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 

शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को- संजय शिरसाट

शिवसेना नेता ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। जब उन्हें (एकनाथ शिंदे को) कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वह अपने पैतृक गांव जाते हैं। 24 घंटे तक वह (एकनाथ शिंदे) बहुत बड़ा फैसला लेंगे। मुझे जानकारी है कि शपथ ग्रहण समारोह दो दिसंबर को होगा।

क्या चल रहा है शिंदे के मन में?

इससे पहले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में सरकार गठन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले सीएम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा लिए गए फैसलों का पालन करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे से कहा गया है कि अगर फडणवीस के नाम पर विचार किया जा रहा है तो वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लें। हालांकि, ऐसी खबरें भी हैं कि एकनाथ शिंदे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को इस पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से किसी और को इस पद के लिए विचार किया जाएगा।

क्या नाराज हैं एकनाथ शिंदे, अचानक क्यों चले गए अपने गांव? सरकार गठन का फैसला अधर में लटका

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महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 6 दिन बीत चुके हैं, विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला अधर में लटका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच दो बड़ा डेवलपमेंट हुआ है. पहला, महायुति की अहम बैठक होने वाली थी, जिससे टाल दिया गया है। दूसरी तरफ दिल्‍ली यात्रा के बाद महाराष्‍ट्र के कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा स्थित अपने गांव के लिए निकल गए हैं। ऐसे वक्‍त में जब गठबंधन की तरफ से मुख्‍यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं किया गया है, एकनाथ शिंदे के मुंबई छोड़ने पर कई तरह की बातें होने लगी हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या एकनाथ शिंदे रूठे हुए हैं?

हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री भी मंजूर है। महायुति और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम समर्थन करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़ा होगा। क्या वह महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनकर काम करने के लिए तैयार होंगे, या फिर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे?

इस बीच बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए कई प्रस्ताव बनाए, मगर वह नहीं माने। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि महायुति में सबकुछ ठीक है और शुक्रवार को महायुति की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। लेकिन, इस बैठक को उस वक्त टालना पड़ा जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए।

अब सवाल उठता है कि महायुति की शुक्रवार के होने वाली बैठक अचानक से रद्द क्‍यों कर दी गई? आखिर कौन सी वजह थी जिसके चलते मीटिंग टालनी पड़ गई? सूत्रों के अनुसार, अब पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद महायुति की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें बीजेपी के साथ ही शिवसेना और एनसीपी के नेता भी शामिल होंगे। दिलचस्‍प बात यह है कि महायुति की तरफ से अभी तक मुख्‍यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख और तिथि तय कर दी गई है

रिपोर्टस के मुताबिक, गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग में यह साफ किया गया कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी ने शिंदे के सामने एक बार डिप्टी सीएम बनने की चर्चा की। उन्हें बताया गया कि डिप्टी सीएम का पद लेने से महायुति की एकता का संदेश जाएगा। उन्हें फडणवीस के साथ अन्य दिग्गज नेताओं के बारे में बताया गया, जिन्होंने बड़े पद पर रहने के बावजूद दूसरी जिम्मेदारी ली। इस दलीलों से शिंदे नहीं माने। अब शिवसेना नेताओं नई दलील दी है। शिवसेना का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस जाति से ब्राह्मण हैं। उनके नीचे दो मराठा नेता अजित पवार और एकनाथ शिंदे को डिप्टी के तौर से रखना राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। मराठा वोटरों को यह रास नहीं आएगा।

महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन ? एकनाथ शिंदे ने कहा, पीएम मोदी का फैसला होगा अंतिम

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महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस के बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि वह महायुति गठबंधन के सीएम पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को स्वीकार करेंगे। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने पीएम मोदी को परिवार का मुखिया बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को उन्हें सरकार गठन में बाधा नहीं समझना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई समस्या आती है, तो अपने मन में कोई संदेह न लाएं और जो भी फैसला लें, वह मुझे मंजूर है। आप हमारे परिवार के मुखिया हैं।" उन्होंने कहा, "मैंने पीएम मोदी और अमित शाह से कहा कि उन्हें मुझे बाधा के तौर पर नहीं देखना चाहिए। मैं उनके द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहूंगा।" एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि उनकी पार्टी प्रतिष्ठित पद के बारे में भाजपा नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगलवार को पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि उनका फैसला उन पर और शिवसेना पर बाध्यकारी होगा। शिंदे ने कहा कि उन्होंने एक आम आदमी की तरह काम किया है और खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं माना। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा तय किया था कि जब मैं सत्ता में आऊंगा, तो मैं इसे जनता को लौटाऊंगा क्योंकि मैं एक गरीब परिवार से आया हूं, इसलिए मैं राज्य के लोगों के दर्द और कठिनाइयों को समझ सकता हूं।" 

उन्होंने कहा कि एक सीएम के तौर पर उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और पीएम मोदी के आदर्शों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "मैं पिछले 2.5 सालों में किए गए सभी कामों से बहुत संतुष्ट हूं। मैं परेशान होने वाला नहीं हूं, हम ऐसे लोग हैं जो लड़ते हैं, लोगों के लिए लड़ते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं जो भी काम करूंगा, महाराष्ट्र के लोगों के लिए करूंगा। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि मुझे क्या मिलता है, बल्कि यह है कि राज्य के लोगों को क्या मिलता है।" एकनाथ शिंदे के आज बाद में दिल्ली के लिए रवाना होने की उम्मीद है। महायुति के सभी सहयोगियों की पीएम मोदी और शाह के साथ बैठक भी प्रस्तावित है।

इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने सीएम पद पर अपने रुख के लिए एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमेशा हमारे केंद्रीय नेतृत्व का सम्मान किया है और उनकी बात मानी है। उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हर निर्देश का पालन किया है। उन्होंने एक सच्चे महायुति नेता के रूप में काम किया है। हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद और बधाई देते हैं।" शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में शीर्ष राजनीतिक पद पर कौन होगा, इस पर महायुति गठबंधन के भीतर गहन बातचीत की खबरें आ रही हैं।

एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस दोनों ही इस पद के लिए होड़ में थे

शिवसेना ने बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की व्यवस्था का हवाला देते हुए इस पद की मांग की थी, जहां गठबंधन में छोटे भागीदार होने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, भाजपा ने कहा कि बिहार का फॉर्मूला महाराष्ट्र पर लागू नहीं होगा। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटें हासिल कीं, जिससे फडणवीस सीएम पद के लिए पसंदीदा बन गए। शिवसेना में विभाजन की साजिश रचने और भाजपा से हाथ मिलाने के बाद एकनाथ शिंदे 2022 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कल इस्तीफा दे दिया।

घर से सरकार नहीं चला पायेंगे आप: एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा
targetsuddhav thakreyfor runninga governmentfrom_home महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के जीत की ओर बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। 2019 में शिवसेना के 54 उम्मीदवार जीते थे। अब यह संख्या बढ़ गई है,” शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, जिसे उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने भी संबोधित किया।“हमने आलोचना का जवाब आलोचना से नहीं दिया। हमने इसका जवाब काम से दिया और यही बात लोगों को पसंद आई। हम सभी लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। आप अपने घर में रहकर सरकार नहीं चला सकते। आपको लोगों के पास जाना होगा,” शिंदे ने कहा। हम बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और यह सरकार बनाएंगे। 2019 में भी ऐसी ही सरकार बननी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लोग इसे नहीं भूले हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा।शिंदे ने ठाणे जिले की कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा सीट पर 1,20,717 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार केदार दिघे को हराया। अपडेट के अनुसार महायुति गठबंधन महा विकास अघाड़ी के खिलाफ 288 में से 220 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने अब तक 55 सीटें जीती हैं और 78 पर आगे चल रही है, शिवसेना ने 28 सीटें जीती हैं और 28 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि एनसीपी ने 25 सीटें जीती हैं और 16 सीटों पर आगे चल रही है।  2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे की बगावत2022 में महा विकास अघाड़ी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में से एक एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिंदे ने 40 विधायकों के साथ शिवसेना छोड़ दी, जिससे एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई। फ्लोर टेस्ट से पहले ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया और गठबंधन सरकार गिर गई। उस साल 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछले साल अजित पवार भी एनसीपी से अलग हो गए और दूसरे उपमुख्यमंत्री के तौर पर शिंदे सरकार में शामिल हो गए।
जो काम किया है जनता ने उस पर वोट दिया, मिलकर तय करेंगे सीएम” शिंदे के बयान के क्या हैं मायने?*

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बंपर बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर है और चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पार्टी 131 सीटों पर आगे चल रही है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र की जनता ने एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व पर विश्वास किया है। महायुति गठबंधन के लिए जहां रुझान खुश करने वाले हैं, लेकिन साथ ही महायुति गठबंधन में सीएम पद को लेकर भी पेच फंसता दिख रहा है।

बीजेपी का टेंशन बढ़ाने वाला बयान

महाराष्ट्र में आ रहे चुनावी परिणामों के बीच एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने कामों पर मुहर लगा दी है। हमने ढ़ाई साल सिर्फ महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया है, जिसका नतीजा अब सामने आ गया है।

इसी के साथ मुख्यमंत्री शिंदे ने यह कहकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है कि ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी के पास ही मुख्यमंत्री का पद हो, यह जरूरी नहीं है। शिंदे ने कहा है कि हम मिलकर तय करेंगे। अभी कुछ भी फाइनल नहीं है।

साथ बैठकर सीएम पद को लेकर फैसला करेंगे-शिंदे

शिंदे ने आगे कहा कि पीएम मोदी हैं, जेपी नड्डा जी हैं, हम सभी साथ मिलकर फैसला करेंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि जिस तरह से महायुति ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा है उसी तरह सभी एक साथ बैठकर सीएम पद को लेकर फैसला करेंगे।

क्या इस बार भी बीजेपी शिंदे को देगी सीएम की कुर्सी?

बता दें कि 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत किया था, उस वक्त उनके पास सिर्फ 40 विधायक थे। बीजेपी के पास 105 विधायकों का समर्थन था, लेकिन मुख्यमंत्री की कु्र्सी पार्टी ने शिंदे को दे दी।

अभी जो चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। उसमें बीजेपी 130 से ज्यादा सीटों पर बढ़त में है। शिंदे की पार्टी 50 के करीब सीटें जीतती नजर आ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 2022 की तरह ही बीजेपी इस बार शिंदे को सीएम की कुर्सी दे देगी?

दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। इससे साफ है कि सीएम पद को लेकर महायुति में खूब माथापच्ची होगी।

कुणाल कामरा को लेकर पहली बार बोले एकनाथ शिंदे, बोले- व्यंग्य भी मर्यादा में होता है

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स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर एकनाथ शिंदे ने चुप्पी तोड़ी है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि किसी भी व्यंग्य की एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है। सामने वाले व्यक्ति को भी एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। कॉमेडियन कुणाल कामरा के एक स्टैंड-अप कॉमेडी शो में दिए गए उनके खिलाफ विवादित बयान का जिक्र कर रहे थे। इस बीच कुणाल कामरा ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

क्या बोले शिंदे

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी और शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ किए जाने पर कहा- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है; हम व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी’ लेने जैसा है। सामने वाले व्यक्ति को भी एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए, अन्यथा क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।

शिंदे ने कहा- कामरा ने जो कहा वह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता नहीं है यह सुपारी लेकर बोल रहा है । हमारे कार्यकर्ता ने जो किया वह एक्शन की रिएक्शन है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। ये आरोप किसी से सुपारी लेकर आरोप लगाए गए हैं। इसलिए मैंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। मैं तो बोलूंगा ही नहीं। मैं एक काम करनेवाला आदमी हूं।

कुणाल ने शिंदे को “गद्दार” कहा

स्टैंड-अप कॉमेडियन ने अपने शो में शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था। कामरा ने फिल्म 'दिल तो पागल है' के एक गाने की पैरोडी की थी, जिसमें शिंदे को गद्दार कहा गया। उन्होंने गाने के जरिए शिवसेना और NCP में विभाजन को लेकर भी मजाकिया लहजे में कमेंट किया था।

कामरा का वीडियो सामने आने के बाद 22 मार्च की रात शिवसेना शिंदे गुट के समर्थकों ने मुंबई के खार इलाके में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में जमकर तोड़फोड़ की। शिंदे ने कहा, इसी व्यक्ति (कामरा) ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह किसी के लिए काम करना है।

इस बीच तोड़फोड़ की घटना को लेकर कुणाल कामरा ने कहा- वह शिंदे के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे और मुंबई में उस स्थान पर तोड़फोड़ की आलोचना की, जहां कॉमेडी शो रिकॉर्ड किया गया था।

कुणाल कामरा को मुंबई पुलिस ने भेजा आज पेश होने का समन, पूछताछ के लिए बुलाया

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विवादित बयान देकर फंसे स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर विवादित कविता बोलने को लेकर वे कानूनी पचड़े में फंस गए हैं। इस मामले में अब कुणाल को पुलिस ने समन भेजा है।

कुणाल कामरा को खार पुलिस ने उनके घर पर समन भेजा है। हालांकि, कुणाल फिलहाल मुंबई में नहीं है, इसीलिए समन कुणाल के पिता को हैंडओवर किया गया है। इसके अलावा कुणाल को पुलिस ने व्हाट्सएप के जरिए भी समन भेजा है और पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने के लिए कहा है।

कामरा का माफी मांगने से इनकार

इससे पहले कुणाल कामरा ने इस विवाद को लेकर माफी मांगने से इनकार कर दिया है। कामरा ने बीती रात एक स्टेटमेंट जारी किया था। इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए कुणाल कामरा ने साफतौर पर कहा कि वे माफी नहीं मांगेगे। उन्होंने लिखा- 'मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं अपने बेड के नीचे छिपकर इसके शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा। मैंने बिल्कुल वही कहा जैसा मिस्टर अजीत पवार (फर्स्ट डिप्टी सीएम) ने श्री एकनाथ शिंदे (दूसरे डिप्टी सीएम) के बारे में कहा था।

रघुनाथ पाटिल ने दी अपने अंदाज में बात करने की धमकी

वहीं, कामरा के माफी मांगने से इनकार करने के बाद महाराष्ट्र के मंत्री गुलाब रघुनाथ पाटिल ने कहा, ‘अगर वह माफ़ी नहीं मांगते हैं, तो हम उनसे अपने अंदाज में बात करेंगे। शिवसेना उन्हें नहीं छोड़ेगी, हम यह अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो वह बाहर आ जाएंगे, कहां छिपेंगे? शिवसेना अपना असली रूप दिखाएगी।

क्या है मामला?

कॉमेडियन कुणाल कामरा ने मुंबई में आयोजित अपने शो में महाराष्ट्र की राजनीति पर टिप्पणी की थी। उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर कुछ ऐसा कह दिया था, जिससे शिवसेना कार्यकर्ता उग्र हो गए थे। उन्होंने दिग्गज नेता के दल बदलने को लेकर एक फिल्मी गाने का सहारा लिया था। इस विवादित टिप्पणी पर भड़के शिवसेना के युवा कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसी होटल में कामरा के शो की शूटिंग हुई थी। उपद्रव के बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में राहुल समेत 12 को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई। विवादित टिप्पणी मामले में कामरा पर भी मामला दर्ज किया गया है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा की भड़के एकनाथ शिंदे, जानें पूरा मामला

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पूरा देश आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है। हर साल 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मनाई जाती है। पीएम मोदी समेत विभिन्न नेताओं ने छत्रपति शिवाजी को उनकी जयंती पर नमन किया है। हालांकि, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी छत्रपति शिवाजी की जयंती पर ट्वीट कर के मुश्किल में फंस गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने ट्वीट में छत्रपति शिवाजी को श्रद्धांजलि दे दी है। जिसपर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है।

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘राहुल गांधी ने यह गलती जानबूझकर की है। वह हमेशा महाराष्ट्र के महापुरुषों का अपमान करते हैं. वीर सावरकर का भी अपमान करते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’ इस दौरान उन्होंने कहा कि, स्वरा भास्कर हो या कमाल खान या राहुल गांधी, मैं उन सभी की निंदा करता हूं जो महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। आज पूरा देश छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है, ऐसे में राहुल गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

राहुल गांधी ने ऐसा क्या कहा?

इससे पहले छत्रपति शिवाजी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा- "छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन और अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अपने साहस और शौर्य से उन्होंने हमें निडरता और पूरे समर्पण के साथ आवाज़ उठाने की प्रेरणा दी। उनका जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

एकनाथ शिंदे की डिमांड ने बढ़ाई भाजपा की मुश्किल, एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने पर नहीं हो रही राजी

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महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन अब मंत्रालय के बंटवारें पर पेंच फंसा हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीतने के बाद महायुति गठबंधन में पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दिनों तक विवाद चला था और अब मंत्रालयों पर खूब खींचतान हो रही है। शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे पहले मुख्यमंत्री पद पर अड़े हुए थे। अब उन्होंने गृह मंत्रालय की मांग पकड़ ली है। हालांकि, भाजपा इसे देने को तैयार नहीं है।अब खबर है कि भाजपा ने शिंदे को गृह मंत्रालय की जगह 3 अन्य मंत्रालयों में से चुनने का विकल्प दिया है।

भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) वाले महायुति गठबंधन ने महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की। दो दिन पहले देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल लिया है। शनिवार को महाराष्‍ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों ने विधायक पद की शपथ भी ले ली है। वहीं महाराष्‍ट्र सरकार के गठन के बाद मंत्रालय के बंटवारे और महत्वपूर्ण मंत्री पदों को लेकर जंग तेज हो चुकी है।सरकार के गठन के पहले से एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय की मांग कर रहे हैं वहीं उपमुख्‍यमंत्री बनने के बाद उन्‍होंने एक बार फिर भाजपा के सामने गृह मंत्रालय की डिमांड रख दी है। जिसने भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है।

शिंदे की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं

मुख्यमंत्री बनने के बाद से देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बीजेपी फ्रंटफुट पर खेल रही है। सत्ता की बागडोर ही नहीं बल्कि सियासी पावर को भी बीजेपी अपने हाथ में रखना चाहती है। शिवसेना की गृह मंत्रालय की मांग के आगे बीजेपी झुकने को तैयार नहीं है।ऐसे में बीजेपी ने शिंदे खेमा को गृह के बजाय राजस्व, शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग में से चुनने का विकल्प दिया है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "भाजपा ने अपने गठबंधन सहयोगी शिवसेना को साफ कर दिया है कि वह गृह मंत्रालय नहीं दे सकती।"भाजपा ने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजीत पवार को वित्त और योजना विभाग देने का वादा किया है।

शिवसेना कर रही शिंदे के पक्ष में वकालत

शिवसेना की ओर से एकनाथ शिंदे को गृह मंत्रालय देने का दबाव बनाया जा रहा है। गुलाबराव पाटिल, संजय शिरसाट, भरत गुगवले समेत कई शिवेसना नेता शिंदे को गृह मंत्री बनाए जाने की वकालत कर रहे हैं, लेकिन इस पर बीजेपी तैयार नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि केंद्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार है, केंद्रीय गृह मंत्रालय बीजेपी (अमित शाह) के पास है। ऐसे में गृह मंत्रालय का पद सत्ता की बागडोर संभालने वाली पार्टी के पास होने से समन्वय आसान हो जाता है।

किन मंत्रालयों पर फंसा है पेंच?

महायुति में गृह मंत्रालय को लेकर सबसे ज्यादा विवाद है। भाजपा और शिंदे सेना इस पर दावेदारी कर रहे हैं।इसके अलावा वित्त, शहरी विकास, राजस्व, आवास, सिंचाई और सामान्य प्रशासन जैसे मंत्रालयों को लेकर भी मतभेद है। पिछले मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने जीत दर्ज की थी, इस वजह से सहमति बनाना और मुश्किल हो गया है।

कैसा हो सकता है मंत्रिमंडल?

रिपोर्ट के मुताबिक, महायुति में मंत्रिमंडल को लेकर 6 विधायक पर एक मंत्री पद का फार्मूला तय हुआ है। इसके तहत भाजपा को 20 से 22, शिंदे गुट को 12 और अजित गुट को 9 से 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा था कि 16 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।9 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।

क्या देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम होंगे एकनाथ शिंदे के बेटे ? क्या होगा महायुति का रुख

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है, उनकी पार्टी के नेताओं का दावा है कि शीर्ष पद के लिए उनका नाम तय हो गया है, जिसके लिए निवर्तमान और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दावेदार थे। हालांकि नई सरकार ने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसे महाराष्ट्र में महायुति के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा राज्य चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं। महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में होना है।

महाराष्ट्र सरकार गठन | मुख्य बिंदु

1. भाजपा नेता का दावा, फडणवीस होंगे अगले मुख्यमंत्री: समाचार एजेंसी पीटीआई ने रविवार रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री को चुनने के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।

2. शिंदे गांव से लौटे:

कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। उन्हें अपने गांव में तेज बुखार हो गया। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा लिया गया सीएम पद का फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।" इस दावे पर कि श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने जवाब दिया, "बातचीत चल रही थी"।

3.शिवसेना नेता ने अजित पवार की एनसीपी को नाराज़ किया:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीतते। शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनावों में 90-100 सीटें जीतती। निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, "हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में क्यों शामिल किया गया।" पलटवार करते हुए एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह अपनी "अवांछित जबान" न चलाएं।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम:

 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी दलों- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को हुआ था, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को हुई थी।

महाराष्ट्र में सीएम पद पर आज होगा फैसला, शिंदे देंगे साथ या बढ़ाएंगे तनाव?

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महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बकरार है। सीएम और डिप्टी सीएम के चेहरे को लेकर लगातार सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस बीच, कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव चले गए। इस वजह से महाराष्ट्र सरकार के गठन पर फैसला लेने के लिए मुंबई में होने वाली महायुति की अहम बैठक स्थगित कर दी गई। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी कि शायद एकनाथ शिंदे सरकार गठन के फैसले से नाराज हैं और इसलिए सतारा जिले में अपने गांव चले गए हैं। वहीं, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।

24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे शिंदे

शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि शिवसेना प्रमुख केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे क्योंकि उनकी दिलचस्पी महाराष्ट्र की राजनीति में है। संजय शिरसाट ने कहा, महाराष्ट्र के नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की। पीएम मोदी और अमित शाह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। 

शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को- संजय शिरसाट

शिवसेना नेता ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। जब उन्हें (एकनाथ शिंदे को) कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वह अपने पैतृक गांव जाते हैं। 24 घंटे तक वह (एकनाथ शिंदे) बहुत बड़ा फैसला लेंगे। मुझे जानकारी है कि शपथ ग्रहण समारोह दो दिसंबर को होगा।

क्या चल रहा है शिंदे के मन में?

इससे पहले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। एकनाथ शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक में सरकार गठन के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा था कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले सीएम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह द्वारा लिए गए फैसलों का पालन करेंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की तरफ से देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद के लिए सबसे आगे है। रिपोर्ट के अनुसार, एकनाथ शिंदे से कहा गया है कि अगर फडणवीस के नाम पर विचार किया जा रहा है तो वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर लें। हालांकि, ऐसी खबरें भी हैं कि एकनाथ शिंदे अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को इस पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से किसी और को इस पद के लिए विचार किया जाएगा।

क्या नाराज हैं एकनाथ शिंदे, अचानक क्यों चले गए अपने गांव? सरकार गठन का फैसला अधर में लटका

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महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे आए 6 दिन बीत चुके हैं, विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला अधर में लटका है। महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच दो बड़ा डेवलपमेंट हुआ है. पहला, महायुति की अहम बैठक होने वाली थी, जिससे टाल दिया गया है। दूसरी तरफ दिल्‍ली यात्रा के बाद महाराष्‍ट्र के कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा स्थित अपने गांव के लिए निकल गए हैं। ऐसे वक्‍त में जब गठबंधन की तरफ से मुख्‍यमंत्री का चेहरा अभी तक घोषित नहीं किया गया है, एकनाथ शिंदे के मुंबई छोड़ने पर कई तरह की बातें होने लगी हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या एकनाथ शिंदे रूठे हुए हैं?

हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें भाजपा का मुख्यमंत्री भी मंजूर है। महायुति और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम समर्थन करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़ा होगा। क्या वह महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनकर काम करने के लिए तैयार होंगे, या फिर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे?

इस बीच बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए कई प्रस्ताव बनाए, मगर वह नहीं माने। गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि महायुति में सबकुछ ठीक है और शुक्रवार को महायुति की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। लेकिन, इस बैठक को उस वक्त टालना पड़ा जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए।

अब सवाल उठता है कि महायुति की शुक्रवार के होने वाली बैठक अचानक से रद्द क्‍यों कर दी गई? आखिर कौन सी वजह थी जिसके चलते मीटिंग टालनी पड़ गई? सूत्रों के अनुसार, अब पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद महायुति की संयुक्त बैठक होगी, जिसमें बीजेपी के साथ ही शिवसेना और एनसीपी के नेता भी शामिल होंगे। दिलचस्‍प बात यह है कि महायुति की तरफ से अभी तक मुख्‍यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, शपथ ग्रहण की तारीख और तिथि तय कर दी गई है

रिपोर्टस के मुताबिक, गुरुवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग में यह साफ किया गया कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी ने शिंदे के सामने एक बार डिप्टी सीएम बनने की चर्चा की। उन्हें बताया गया कि डिप्टी सीएम का पद लेने से महायुति की एकता का संदेश जाएगा। उन्हें फडणवीस के साथ अन्य दिग्गज नेताओं के बारे में बताया गया, जिन्होंने बड़े पद पर रहने के बावजूद दूसरी जिम्मेदारी ली। इस दलीलों से शिंदे नहीं माने। अब शिवसेना नेताओं नई दलील दी है। शिवसेना का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस जाति से ब्राह्मण हैं। उनके नीचे दो मराठा नेता अजित पवार और एकनाथ शिंदे को डिप्टी के तौर से रखना राजनीतिक भूल साबित हो सकती है। मराठा वोटरों को यह रास नहीं आएगा।

महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन ? एकनाथ शिंदे ने कहा, पीएम मोदी का फैसला होगा अंतिम

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महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस के बीच शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि वह महायुति गठबंधन के सीएम पद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को स्वीकार करेंगे। मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने पीएम मोदी को परिवार का मुखिया बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व को उन्हें सरकार गठन में बाधा नहीं समझना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री से कहा है कि अगर मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई समस्या आती है, तो अपने मन में कोई संदेह न लाएं और जो भी फैसला लें, वह मुझे मंजूर है। आप हमारे परिवार के मुखिया हैं।" उन्होंने कहा, "मैंने पीएम मोदी और अमित शाह से कहा कि उन्हें मुझे बाधा के तौर पर नहीं देखना चाहिए। मैं उनके द्वारा लिए गए किसी भी फैसले के साथ खड़ा रहूंगा।" एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि उनकी पार्टी प्रतिष्ठित पद के बारे में भाजपा नेतृत्व द्वारा लिए गए किसी भी फैसले का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंगलवार को पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि उनका फैसला उन पर और शिवसेना पर बाध्यकारी होगा। शिंदे ने कहा कि उन्होंने एक आम आदमी की तरह काम किया है और खुद को कभी मुख्यमंत्री नहीं माना। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा तय किया था कि जब मैं सत्ता में आऊंगा, तो मैं इसे जनता को लौटाऊंगा क्योंकि मैं एक गरीब परिवार से आया हूं, इसलिए मैं राज्य के लोगों के दर्द और कठिनाइयों को समझ सकता हूं।" 

उन्होंने कहा कि एक सीएम के तौर पर उन्होंने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे और पीएम मोदी के आदर्शों को आगे बढ़ाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "मैं पिछले 2.5 सालों में किए गए सभी कामों से बहुत संतुष्ट हूं। मैं परेशान होने वाला नहीं हूं, हम ऐसे लोग हैं जो लड़ते हैं, लोगों के लिए लड़ते हैं।" उन्होंने कहा, "मैं जो भी काम करूंगा, महाराष्ट्र के लोगों के लिए करूंगा। महत्वपूर्ण यह नहीं है कि मुझे क्या मिलता है, बल्कि यह है कि राज्य के लोगों को क्या मिलता है।" एकनाथ शिंदे के आज बाद में दिल्ली के लिए रवाना होने की उम्मीद है। महायुति के सभी सहयोगियों की पीएम मोदी और शाह के साथ बैठक भी प्रस्तावित है।

इस बीच, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने सीएम पद पर अपने रुख के लिए एकनाथ शिंदे को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमेशा हमारे केंद्रीय नेतृत्व का सम्मान किया है और उनकी बात मानी है। उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के हर निर्देश का पालन किया है। उन्होंने एक सच्चे महायुति नेता के रूप में काम किया है। हम इसके लिए उन्हें धन्यवाद और बधाई देते हैं।" शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में शीर्ष राजनीतिक पद पर कौन होगा, इस पर महायुति गठबंधन के भीतर गहन बातचीत की खबरें आ रही हैं।

एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस दोनों ही इस पद के लिए होड़ में थे

शिवसेना ने बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की व्यवस्था का हवाला देते हुए इस पद की मांग की थी, जहां गठबंधन में छोटे भागीदार होने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, भाजपा ने कहा कि बिहार का फॉर्मूला महाराष्ट्र पर लागू नहीं होगा। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीटें हासिल कीं, जिससे फडणवीस सीएम पद के लिए पसंदीदा बन गए। शिवसेना में विभाजन की साजिश रचने और भाजपा से हाथ मिलाने के बाद एकनाथ शिंदे 2022 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कल इस्तीफा दे दिया।

घर से सरकार नहीं चला पायेंगे आप: एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा
targetsuddhav thakreyfor runninga governmentfrom_home महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन के जीत की ओर बढ़ने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। 2019 में शिवसेना के 54 उम्मीदवार जीते थे। अब यह संख्या बढ़ गई है,” शिंदे ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, जिसे उनके डिप्टी देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने भी संबोधित किया।“हमने आलोचना का जवाब आलोचना से नहीं दिया। हमने इसका जवाब काम से दिया और यही बात लोगों को पसंद आई। हम सभी लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे। आप अपने घर में रहकर सरकार नहीं चला सकते। आपको लोगों के पास जाना होगा,” शिंदे ने कहा। हम बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और यह सरकार बनाएंगे। 2019 में भी ऐसी ही सरकार बननी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लोग इसे नहीं भूले हैं,” मुख्यमंत्री ने कहा।शिंदे ने ठाणे जिले की कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा सीट पर 1,20,717 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार केदार दिघे को हराया। अपडेट के अनुसार महायुति गठबंधन महा विकास अघाड़ी के खिलाफ 288 में से 220 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है। चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने अब तक 55 सीटें जीती हैं और 78 पर आगे चल रही है, शिवसेना ने 28 सीटें जीती हैं और 28 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि एनसीपी ने 25 सीटें जीती हैं और 16 सीटों पर आगे चल रही है।  2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे की बगावत2022 में महा विकास अघाड़ी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में से एक एकनाथ शिंदे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी। शिंदे ने 40 विधायकों के साथ शिवसेना छोड़ दी, जिससे एमवीए सरकार अल्पमत में आ गई। फ्लोर टेस्ट से पहले ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया और गठबंधन सरकार गिर गई। उस साल 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछले साल अजित पवार भी एनसीपी से अलग हो गए और दूसरे उपमुख्यमंत्री के तौर पर शिंदे सरकार में शामिल हो गए।
जो काम किया है जनता ने उस पर वोट दिया, मिलकर तय करेंगे सीएम” शिंदे के बयान के क्या हैं मायने?*

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रुझानों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को बंपर बहुमत मिलता दिख रहा है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर है और चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पार्टी 131 सीटों पर आगे चल रही है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र की जनता ने एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व पर विश्वास किया है। महायुति गठबंधन के लिए जहां रुझान खुश करने वाले हैं, लेकिन साथ ही महायुति गठबंधन में सीएम पद को लेकर भी पेच फंसता दिख रहा है।

बीजेपी का टेंशन बढ़ाने वाला बयान

महाराष्ट्र में आ रहे चुनावी परिणामों के बीच एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने कामों पर मुहर लगा दी है। हमने ढ़ाई साल सिर्फ महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया है, जिसका नतीजा अब सामने आ गया है।

इसी के साथ मुख्यमंत्री शिंदे ने यह कहकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है कि ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी के पास ही मुख्यमंत्री का पद हो, यह जरूरी नहीं है। शिंदे ने कहा है कि हम मिलकर तय करेंगे। अभी कुछ भी फाइनल नहीं है।

साथ बैठकर सीएम पद को लेकर फैसला करेंगे-शिंदे

शिंदे ने आगे कहा कि पीएम मोदी हैं, जेपी नड्डा जी हैं, हम सभी साथ मिलकर फैसला करेंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि जिस तरह से महायुति ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा है उसी तरह सभी एक साथ बैठकर सीएम पद को लेकर फैसला करेंगे।

क्या इस बार भी बीजेपी शिंदे को देगी सीएम की कुर्सी?

बता दें कि 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत किया था, उस वक्त उनके पास सिर्फ 40 विधायक थे। बीजेपी के पास 105 विधायकों का समर्थन था, लेकिन मुख्यमंत्री की कु्र्सी पार्टी ने शिंदे को दे दी।

अभी जो चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। उसमें बीजेपी 130 से ज्यादा सीटों पर बढ़त में है। शिंदे की पार्टी 50 के करीब सीटें जीतती नजर आ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 2022 की तरह ही बीजेपी इस बार शिंदे को सीएम की कुर्सी दे देगी?

दरअसल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। इससे साफ है कि सीएम पद को लेकर महायुति में खूब माथापच्ची होगी।