“Keetanu – The Germ”: A Film or a Harsh Social Reality Under Fire?

Mumbai – Even before its official screening, the short film “Keetanu – The Germ” has already stirred waves of controversy in film and social circles. Shot entirely in black and white and featuring no dialogues, the film by Neelu Chopra and co-director Ranju Cycloney has been hailed as bold by some — but deeply problematic by others.

The Core of the Controversy: Art or Exploitation?

While many are applauding the film as a "new wave of cinematic expression", several critics and social organizations are questioning its intent. The story revolves around drug-addicted ragpickers and society’s marginalized, portrayed in an intensely raw and bleak light.

Some activists argue that the film romanticizes or exploits the pain of the underprivileged, turning real-life suffering into a dramatic spectacle for awards and acclaim, rather than driving actual awareness or change.

No Dialogue, Yet Too Much To Say?

The filmmakers claim the absence of dialogue is meant to amplify the emotional weight of the visuals. But critics argue that silence in a socially charged subject like addiction may confuse audiences, or worse, strip the characters of their voice — literally and symbolically.

“This isn’t silence for artistic effect — this is silence that mutes an entire community,” one reviewer noted.

 Shooting Locations Spark Backlash

The film was shot in Versova and Madh Jetty in Mumbai — areas close to slum dwellings and underprivileged populations. Allegations have surfaced that local residents were not properly consulted or compensated, leading to discontent within those communities. Some claim the film used these real-life locations without contextual sensitivity.

 Filmmakers Respond: “We’re Just Holding Up a Mirror”

In her defense, Neelu Chopra stated in an interview:

> “Our goal was never to offend — we’re simply showing the harsh truth. If it’s uncomfortable, maybe it’s because it needs to be seen.”

Still, questions persist: Does cinema have a responsibility to protect the dignity of its subjects, even in fiction?

 Critics Divided, Debate Intensifies

Some cinephiles call the film a raw masterpiece, a “silent scream” of those whose stories are never told. Others see it as a calculated move to win critical attention by portraying poverty and addiction through a stylized lens.

The absence of spoken words hasn’t silenced the noise — if anything, it’s made the conversation louder, sharper, and far more polarized.

 Conclusion: The Film is Silent, But the Controversy is Not

“Keetanu – The Germ” might be a short film, but the storm it has created is anything but small. Whether it’s art, exploitation, or activism in disguise — one thing is certain:

दवाओं के काले कारोबार पर चल रहा CDSCO का चाबुक, ऐसे कसा जा रहा शिकंजा

हाल के दिनों में ऐसा पाया गया है कि देश में कई सारे राज्यों में गलत दवा के निर्माण के मामले पाए गए. इनमें से कुछ मामले तो ऐसे भी थे जिनको लेकर वैश्विक स्तर पर देश के सम्मान को ठेस लगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि सरकार के कठोर पहल के तहत पहले से अधिक दवा निर्माताओं कंपनियों पर शिकंजा कसा गया है. Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) के संयुक्त ड्रग कंट्रोलर डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी ने टीवी9 भारतवर्ष के साथ खास बातचीत में बताया कि दवा कंपनियों पर कई तरह से शिकंजा कसा जा रहा है. इसमें पहले से अधिक तैयारी के साथ हमारे अधिकारी कंपनियों पर छापा मार रहे हैं.

डॉ रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान (NIHFW), एक स्वायत्त संगठन है. यहां पर इसके लिए विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई. पूरी ट्रेनिंग पर अभी तक 2.5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. ट्रेनिंग से अधिकारियों को पहले से अधिक तकनीकी तौर पर ट्रेंड किया गया, जिससे शिंकंजे में आईं कंपनियों पर कठोर कदम उठाया जा सके.

अधिकारियों की बड़ी तकनीकी टीम तैयार

डॉ रेड्डी ने बताया कि NIHFW के माध्यम से तकनीकी तौर पर एडवांस टीम तैयार की जा रही है. इस टीम में शामिल अधिकारियों की हर 6 महीने पर इनकी ट्रेनिंग की जा रही है. इंस्पेक्शन एंड इन्वेस्टिगेशन पर पहले से अधिक खर्च किया जा रहा है. पहले जितने मामले आते थे, उनमें ऐसा पाया जाता था कि सबूतों और कानूनी दाव पेंच का सहारा लेकर कई सारी कंपनियां बच निकलती थीं. अब एडवांस ट्रेनिंग के बाद कनविक्शन के मामले में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

कब कहां किस तरह के मामले

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का दावा है कि दुनिया में नकली दवाओं का कारोबार 200 बिलियन डॉलर यानी करीब 16,60,000 करोड़ रुपये का है. एसोचैम की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 25% दवाएं नकली या घटिया हैं. भारतीय मार्केट में इनका कारोबार 352 करोड़ रुपये का है. 14 नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी

दिसंबर 2024 में राजस्थान के ड्रग डिपार्टमेंट ने एक अलर्ट जारी करते हुए सात कंपनियों की 9 दवाइयों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. विभाग की ओर से बताया गया था कि इनमें से चार दवाइयां नकली पाई गईं और 5 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं. इन दवाइयों में सर्दी, खांसी, जुकाम और एलर्जी के साथ-साथ विटामिन डी-3, कैल्शियम और मानसिक रोगों में उपयोग में आने वाली दवाइयां शामिल थीं.

तेलंगाना में पिछले साल करोड़ों की नकली या घटियां दवाइयां पकड़ी गईं. यही हाल उत्तराखंड का भी था, जहां से कूरियर के माध्यम से नकली दवाओँ की खेप पकड़ी गई. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी कई ऑपरेशन में पिछले सालों में दिल्ली-एनसीआर में चल रहे कई सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था. गाजियाबाद के लोनी स्थित ट्रोनिका सिटी में नकली दवाओं का गोदाम पकड़ा, जिसका मास्टरमाइंड एक डॉक्टर निकला. ये सोनीपत के गन्नौर स्थित फैक्ट्री में भारत, अमेरिका, इंग्लैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका की 7 बड़ी कंपनियों के 20 से ज्यादा ब्रैंड की नकली दवा तैयार कर रहे थे.

ड्रग्स लेना बिल्कुल भी 'कूल' नहीं” सुप्रीम कोर्ट ने युवाओं को दी चेतावनी
#supreme_court_said_drug_abuse_is_not_cool *
* सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के युवाओं में बढ़ रही नशे की लत पर गहरी चिंता जाहिर की और युवाओं को चेताते हुए कहा कि ड्रग्स लेना बिल्कुल भी 'कूल' नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स तस्करी के आरोपी अंकुश विपन कपूर के खिलाफ एनआईए जांच की मंजूरी देते हुए ये टिप्पणी की। अंकुश विपन कपूर पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते भारत में होने वाली हेरोइन तस्करी में शामिल है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग को एक टैबू नहीं माना जाना चाहिए, लेकिन इस मुद्दे से निपटने के लिए एक खुली चर्चा की आवश्यकता है। जस्टिस नागरत्ना ने चेतावनी देते हुए कहा कि ड्रग्स इस्तेमाल के सामाजिक और आर्थिक खतरों के साथ ही मानसिक खतरे भी हैं। साथ ही पीठ ने युवाओं में बढ़ रही नशे की लत के खिलाफ तुरंत सामूहिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने माता-पिता, समाज और सरकारों से मिलकर इस समस्या के खिलाफ लड़ने को कहा। हम भारत में नशे संबंधी मुद्दों पर चुप रहते हैं और इसका फायदा आतंकवाद का समर्थन करने और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि ड्रग्स का असर उम्र, जाति और धर्म से परे हैं और इसके पूरे समाज और व्यवस्था पर गंभीर परिणाम होते हैं। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि ड्रग्स से होने वाली कमाई से ही आतंकवाद और समाज को अस्थिर करने के लिए फंडिंग होती है। पीठ ने समस्याओं से भागने वाले रवैये पर चिंता जताते हुए कहा कि इस गंभीर खतरे के खिलाफ सभी को एकजुट होना पड़ेगा। खासकर युवाओं से इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयास करने की अपील की। पीठ ने कहा कि नशे के शिकार व्यक्ति के साथ सहानुभूति और प्यार से पेश आने की जरूरत है। ड्रग तस्करों की कमाई पर प्रहार करने की जरूरत है। ड्रग्स का महिमामंडन बंद होना चाहिए और इसके खतरों के प्रति युवाओं को जागरुक किया जाना चाहिए।
श्रीलंका ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, एक जानकारी साझा की और अरब सागर में जब्त किए गए 500 किलो ड्रग्स

#jointoperationofindianandsrilankannavy500kgofdrugsseized

भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। हालांकि, नशे के इस कारोबार पर शिकंजा करने का प्रयास लगातार जारी है। हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है। जो ड्रग्स जब्त हुई है वह क्रिस्टल मेथ है। इस ड्रग्स को दो नावों से जब्त किया गया। वहीं जब्त की गई दोनों नौकाओं और उन पर सवार दोनों लोगों और ड्रग्स को श्रीलंका सरकार को सौंप दिया गया है, अब उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे ऑपेरशन की जानकारी भारतीय नौसेना ने दी है।भारतीय नौसेना के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना की तरफ से भारतीय नौसेना को एक मैसेज मिला कि अरब सागर श्रीलंका फ्लैग फिशिंग वेसेल के जरिए ड्रग की संभावित स्मगलिंग हो रही है। मैसेज मिलते ही नौसेना से तुरंत उस बोट को इंटरसेप्ट करने के लिए ऑपरेशन को लॉंच किया।

भारतीय नौसेना ने अपने लॉग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई और ड्रोन को एरियल सर्विलांस के लिए लॉन्‍च किया। गुरुग्राम स्थित नौसेना के इनफार्मेशन फ्यूजन सेंटर से मिले इनपुट के बाद समुद्र में वॉरशिप को भी मूव किया। जिसके बाद 24-25 नवंबर को 2 श्रीलंकाई फिशिंग बोट को पहचाना गया, उसे रोका गया और पकड़ा गया। तलाशी के बाद उसमें से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग बरामद की गई। दोनों बोट और उसमें पकड़े गए ड्रग और लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए श्रीलंका के हवाले कर दिया गया।हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

बता दें कि हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी

एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।भारत में बढ़ा ड्रग्स तस्करी का कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

प्रथम चरण के चुनाव में 15 जिलों में कुल 50 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में सुसज्जित किया

यूनिक बूथों पर दिखेगी झारखंड की संस्कृति

झारखंड के छऊ नृत्य से लेकर नशा मुक्ति के संदेश के थीम पर बने हैं मतदान केंद्र

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में 15 जिलों में कुल 43 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने जा रहें हैं । मतदान करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस उद्देश्य से हर मतदान केंद्र को मॉडल बूथ के रूप में तैयार किया गया है। हर मतदान केंद्र पर बिजली, पेयजल, रनिंग वाटर, शेड, दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों के लिए रैंप एवं व्हीलचेयर के साथ उनकी सहायता के लिए वॉलेंटियर की भी व्यवस्था की गई है। 

मतदाताओं को सहूलियत पहुंचाने एवं मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण के निर्वाचन में ऐसे बूथ बनाए गए हैं जहां महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां कुल 1152 महिलाओं द्वारा मैनेज्ड बूथ बनाए गए हैं। वहीं 24 बूथ दिव्यांगजनों एवं 23 युवा मतदानकर्मियों द्वारा मैनेज्ड बूथ तैयार किए गए हैं। 

मतदाताओं को आकर्षित करने एवं स्थानीय महत्व को दर्शाने के उद्देश्य से झारखंड के 15 जिलों में कुल 50 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में सुसज्जित किया गया है। इसमें स्थानीय कलाकृतियों, परम्पराओं, मान्यताओं एवं विशेषताओं को रेखांकित करने के उद्देश्य से बूथों को सुसज्जित किया गया है। ताकि मतदान के उपरांत मतदाताओं में इसकी एक अच्छी याद बनी रहे। 

इसी उद्देश्य से रांची के तमाड़ में चिपबंधीडीह स्थित बूथ को आदिवासी थीम पर सुसज्जित किया गया है। वहीं बालिका उच्च विद्यालय बरियातु को हॉकी के थीम पर सजाया गया है। हजारीबाग में जंगलों से घिरे बूथ को प्राकृतिक सौंदर्य से सुसज्जित करने का कार्य किया गया है। संत कोलंबस कॉलेज स्थित बूथ को सबसे पुराना बूथ होने के कारण यूनिक बूथ की कैटेगरी में रखा गया है। रामगढ़ के पतरातु के छावनी परिषद उत्क्रमित मध्य विद्यालय में झोपड़ी से सुसज्जित किया गया है। जबकि , उत्क्रमित मध्य विद्यालय उचरिंगा को पतरातु टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। गोला के राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय गोला को कृषि के थीम पर विकसित किया गया है। चतरा में उत्क्रमित उच्च विद्यालय लावालौंग में "Yes to Vote No to Drugs" थीम पर विकसित किया गया है। गिरिडीह में 11 ऐसे बूथ तैयार किए गए हैं, जो मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए स्थानीय संस्कृति के आधार पर तैयार किए गए हैं। छऊ नृत्य के लिए प्रसिद्ध बोकारो एवं सरायकेला के ऐसे बूथ भी हैं, जिन्हें छऊ नृत्य के दृश्यों से सुसज्जित किया गया है। इसके साथ ही सभी जिले में आदिम समूहों की बहुलता वाले बूथों पर इससे संबंधित थीम पर बूथों को सुसज्जित किया गया है। लोहरदगा में पोषक वन के रूप में सुसज्जित किया गया है।

नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने हेतु शिक्षा एवं जागरूकता अभियान

प्रयागराज। भारत सरकार के निर्देशन में नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने हेतु शिक्षा एवं जागरूकता अभियान के अंतर्गत के पी ट्रेनिंग कॉलेज में युवाओं के बीच एक कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यक्रम का निर्देशन जिला युवा धिकारी जागृति पांडेय ने किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्या अंजना श्रीवास्तव ने युवाओं को बताया कि देश एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है - नशीली दवाओं की लत का बढ़ता प्रचलन और अपने युवाओं के बीच मादक द्रव्यों का सेवन न स्वयं करें और न ही अपने पड़ोस में इसे बर्दाश्त करें। पुलिस विभाग से ट्रैफिक इंस्पेक्टर पवन पांडे ने बताया कि कैसे नशे के कारण सड़कों पर दुर्घटनाएं बढ़ती जा रहीं हैं और नशे की यह लत ना सिर्फ युवाओं के शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालती है बल्कि मानसिक स्थिति और उनके भविष्य के अवसरों को भी ख़तरे में डालता है।

कई बार सहकर्मी दबाव, शैक्षणिक तनाव और तीव्र परिवर्तन इत्यादि युवाओं में इस लत को ले आने में कारक का कार्य करते हैं। इससे निपटने के लिए सामुदायिक रूप से आगे आने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में National Action Plan for Drug Demand Reduction- NAPDDR के मास्टर ट्रेनर निर्मल कांत पाण्डेय तथा स्मिता कुशवाहा के साथ मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की काउंसलर गीता कौशल, आजमगढ़ के युवा स्वयं सेवक दीपक प्रजापति ने विभिन्न नशामुक्ति संबंधी विषयों पर जागरूक किया।मास्टर ट्रेनर निर्मल कांत ने नशे की लत लगने के मुख्य कारणों पर बेहतरीन ढंग से फोकस किया और युवाओं को इसे जड़ से खत्म करने का आवाहन किया।

बहरिया ब्लॉक से युवा ट्रेनर स्मिता ने इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण को समझाया। चाका ब्लॉक से स्वयं सेवक यंग लीडर गुड़िया सिंह ने नशे के कारण देश में नशाखोरी के कारण जनित दुष्प्रभावों को बताते हुए इससे बचने की अपील की।

नशामुक्ति पर आधारित प्रश्नोत्तरी के 4 विजेताओं को पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संचालक की भूमिका में कॉलेज की प्रोफेसर शक्ति ने किया।

कौन है दिल्ली में कोकीन का कारोबार का “किंग”, 5 हजार करोड़ का ड्रग्स जब्त होने के बाद भाजपा हमलावर

#bjp_blames_congress_for_5000_crore_drug_case_in_delhi

दिल्ली में नशे की सबसे बड़ी खेप बरामद हुई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मादक पदार्थों की अपने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। इसकी कीमत 5 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। नशे का ये कारोबार राजधानी में दबे पैर चल रहा था।पुलिस को इसकी भनक तो पहले से ही थी, वह तो बस मौके का इंतजार कर रही थी कि सिर्फ खेप ही नहीं इसके तस्कर भी पकड़े जाएं। पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया और मौका लगते ही इस गैंग पर छापा मार ड्रग्स की खेप के साथ तस्करों को भी धर दबोचा।

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर चार मादक पदार्थ तस्कर तुषार गोयल, भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी और हिमांशु कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को दिल्ली में एक्टिव संदिग्ध ड्रग कार्टल के खुफिया मैसेज को रिकॉर्ड करने के दौरान इंटरनेशनल ड्रग रैकेट की भनक लगी थी। पता चला कि विदेश से कोकीन की बड़ी खेप लाई जा रही है, इसको दिल्ली के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया जाना था।

ड्रग की ये खेप पनामा पोर्ट से दुबई होते हुए गोवा पहुंची थी। सीक्रेट बातचीत के मुताबिक, इसको यूपी के हापुड़ और गाजियाबाद और फिर दिल्ली के महिपालपुर में पहंचना था। बस फिर क्या था, पुलिस ने जाल बिछाया और इसे पकड़ लिया।पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से पहले 15 किलो कोकिन बरामद किया है बाद में इनकी निशानदेही पर महिपालपुर के गोदाम में छापा मारकर बाकी का ड्रग्स बरामद किया। पुलिस टीम के मुताबिक ये ड्रग्स 23 कार्टून और 8 यूएस पोलो शर्ट के कवर के अंदर छिपाकर रखी गई थी। इस रैकेट को मिडिल ईस्ट का हैंडलर ऑपरेट कर रहा था, दिल्ली में ये ड्रग्स अलग-अलग शहरों से पहुंची थी।

भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि तुषार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में आरटीआई सेल का हेड रहा है। भाजपा प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने देश को बर्बाद करने में शामिल ड्रग डीलरों के साथ कथित संबंधों के लिए कांग्रेस की आलोचना की और मुख्य विपक्षी दल से स्पष्टीकरण मांगा।

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'कल दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। यह मात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीए सरकार (2006-2013) के दौरान पूरे भारत में केवल 768 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी। 2014-2022 तक भाजपा सरकार ने 22,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है। ड्रग सिंडिकेट का मुख्य आरोपी और किंगपिन तुषार गोयल भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई सेल का प्रमुख रहा है। कांग्रेस पार्टी का उसके (तुषार गोयल) साथ क्या संबंध है? क्या यह पैसा कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावों में इस्तेमाल किया जा रहा था? क्या कांग्रेस के कुछ नेताओं का ड्रग तस्करों से कोई समझौता है? कांग्रेस खासकर हुड्डा परिवार को जवाब देना चाहिए कि आपका तुषार गोयल से क्या संबंध है?'

खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला*
#khalistani_sympathiser_mp_amritpal_singh_brother_arrested_in_drug_case खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है। बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।
खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला

#khalistani_sympathiser_mp_amritpal_singh_brother_arrested_in_drug_case 

खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है।

सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है।

बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।

Kayamkulam, Kerala: Md. Shahaaz entered a house of a 76-year-old woman, brutally raped her. Turned out to be a serial rapist.
25-year-old Shahaaz raped a 76-year-old woman who was staying alone in her house. The woman is now undergoing treatment at Vandanam Medical College. Shahaz was arrested by the police after reviewing CCTV footage. Authorities reported that he was in an inebriated state at the time of his arrest. Shahaz is a serial offender with a criminal track record, including multiple cases for drug trafficking. A few days ago, a case was registered against him for sexually assaulting another elderly woman in Kayamkulam. The investigation was ongoing in that case, and now he has been arrested again for committing the same crime for the second time.

25-year-old Shahaaz raped a 76-year-old woman who was staying alone in her house. The woman is now undergoing treatment at Vandanam Medical College. Shahaz was arrested by the police after reviewing C

“Keetanu – The Germ”: A Film or a Harsh Social Reality Under Fire?

Mumbai – Even before its official screening, the short film “Keetanu – The Germ” has already stirred waves of controversy in film and social circles. Shot entirely in black and white and featuring no dialogues, the film by Neelu Chopra and co-director Ranju Cycloney has been hailed as bold by some — but deeply problematic by others.

The Core of the Controversy: Art or Exploitation?

While many are applauding the film as a "new wave of cinematic expression", several critics and social organizations are questioning its intent. The story revolves around drug-addicted ragpickers and society’s marginalized, portrayed in an intensely raw and bleak light.

Some activists argue that the film romanticizes or exploits the pain of the underprivileged, turning real-life suffering into a dramatic spectacle for awards and acclaim, rather than driving actual awareness or change.

No Dialogue, Yet Too Much To Say?

The filmmakers claim the absence of dialogue is meant to amplify the emotional weight of the visuals. But critics argue that silence in a socially charged subject like addiction may confuse audiences, or worse, strip the characters of their voice — literally and symbolically.

“This isn’t silence for artistic effect — this is silence that mutes an entire community,” one reviewer noted.

 Shooting Locations Spark Backlash

The film was shot in Versova and Madh Jetty in Mumbai — areas close to slum dwellings and underprivileged populations. Allegations have surfaced that local residents were not properly consulted or compensated, leading to discontent within those communities. Some claim the film used these real-life locations without contextual sensitivity.

 Filmmakers Respond: “We’re Just Holding Up a Mirror”

In her defense, Neelu Chopra stated in an interview:

> “Our goal was never to offend — we’re simply showing the harsh truth. If it’s uncomfortable, maybe it’s because it needs to be seen.”

Still, questions persist: Does cinema have a responsibility to protect the dignity of its subjects, even in fiction?

 Critics Divided, Debate Intensifies

Some cinephiles call the film a raw masterpiece, a “silent scream” of those whose stories are never told. Others see it as a calculated move to win critical attention by portraying poverty and addiction through a stylized lens.

The absence of spoken words hasn’t silenced the noise — if anything, it’s made the conversation louder, sharper, and far more polarized.

 Conclusion: The Film is Silent, But the Controversy is Not

“Keetanu – The Germ” might be a short film, but the storm it has created is anything but small. Whether it’s art, exploitation, or activism in disguise — one thing is certain:

दवाओं के काले कारोबार पर चल रहा CDSCO का चाबुक, ऐसे कसा जा रहा शिकंजा

हाल के दिनों में ऐसा पाया गया है कि देश में कई सारे राज्यों में गलत दवा के निर्माण के मामले पाए गए. इनमें से कुछ मामले तो ऐसे भी थे जिनको लेकर वैश्विक स्तर पर देश के सम्मान को ठेस लगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि सरकार के कठोर पहल के तहत पहले से अधिक दवा निर्माताओं कंपनियों पर शिकंजा कसा गया है. Central Drugs Standard Control Organisation (CDSCO) के संयुक्त ड्रग कंट्रोलर डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी ने टीवी9 भारतवर्ष के साथ खास बातचीत में बताया कि दवा कंपनियों पर कई तरह से शिकंजा कसा जा रहा है. इसमें पहले से अधिक तैयारी के साथ हमारे अधिकारी कंपनियों पर छापा मार रहे हैं.

डॉ रेड्डी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान (NIHFW), एक स्वायत्त संगठन है. यहां पर इसके लिए विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई. पूरी ट्रेनिंग पर अभी तक 2.5 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. ट्रेनिंग से अधिकारियों को पहले से अधिक तकनीकी तौर पर ट्रेंड किया गया, जिससे शिंकंजे में आईं कंपनियों पर कठोर कदम उठाया जा सके.

अधिकारियों की बड़ी तकनीकी टीम तैयार

डॉ रेड्डी ने बताया कि NIHFW के माध्यम से तकनीकी तौर पर एडवांस टीम तैयार की जा रही है. इस टीम में शामिल अधिकारियों की हर 6 महीने पर इनकी ट्रेनिंग की जा रही है. इंस्पेक्शन एंड इन्वेस्टिगेशन पर पहले से अधिक खर्च किया जा रहा है. पहले जितने मामले आते थे, उनमें ऐसा पाया जाता था कि सबूतों और कानूनी दाव पेंच का सहारा लेकर कई सारी कंपनियां बच निकलती थीं. अब एडवांस ट्रेनिंग के बाद कनविक्शन के मामले में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

कब कहां किस तरह के मामले

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का दावा है कि दुनिया में नकली दवाओं का कारोबार 200 बिलियन डॉलर यानी करीब 16,60,000 करोड़ रुपये का है. एसोचैम की एक स्टडी के मुताबिक, भारत में 25% दवाएं नकली या घटिया हैं. भारतीय मार्केट में इनका कारोबार 352 करोड़ रुपये का है. 14 नवंबर 2024 में उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी

दिसंबर 2024 में राजस्थान के ड्रग डिपार्टमेंट ने एक अलर्ट जारी करते हुए सात कंपनियों की 9 दवाइयों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. विभाग की ओर से बताया गया था कि इनमें से चार दवाइयां नकली पाई गईं और 5 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए हैं. इन दवाइयों में सर्दी, खांसी, जुकाम और एलर्जी के साथ-साथ विटामिन डी-3, कैल्शियम और मानसिक रोगों में उपयोग में आने वाली दवाइयां शामिल थीं.

तेलंगाना में पिछले साल करोड़ों की नकली या घटियां दवाइयां पकड़ी गईं. यही हाल उत्तराखंड का भी था, जहां से कूरियर के माध्यम से नकली दवाओँ की खेप पकड़ी गई. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भी कई ऑपरेशन में पिछले सालों में दिल्ली-एनसीआर में चल रहे कई सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया था. गाजियाबाद के लोनी स्थित ट्रोनिका सिटी में नकली दवाओं का गोदाम पकड़ा, जिसका मास्टरमाइंड एक डॉक्टर निकला. ये सोनीपत के गन्नौर स्थित फैक्ट्री में भारत, अमेरिका, इंग्लैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका की 7 बड़ी कंपनियों के 20 से ज्यादा ब्रैंड की नकली दवा तैयार कर रहे थे.

ड्रग्स लेना बिल्कुल भी 'कूल' नहीं” सुप्रीम कोर्ट ने युवाओं को दी चेतावनी
#supreme_court_said_drug_abuse_is_not_cool *
* सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश के युवाओं में बढ़ रही नशे की लत पर गहरी चिंता जाहिर की और युवाओं को चेताते हुए कहा कि ड्रग्स लेना बिल्कुल भी 'कूल' नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स तस्करी के आरोपी अंकुश विपन कपूर के खिलाफ एनआईए जांच की मंजूरी देते हुए ये टिप्पणी की। अंकुश विपन कपूर पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते भारत में होने वाली हेरोइन तस्करी में शामिल है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग को एक टैबू नहीं माना जाना चाहिए, लेकिन इस मुद्दे से निपटने के लिए एक खुली चर्चा की आवश्यकता है। जस्टिस नागरत्ना ने चेतावनी देते हुए कहा कि ड्रग्स इस्तेमाल के सामाजिक और आर्थिक खतरों के साथ ही मानसिक खतरे भी हैं। साथ ही पीठ ने युवाओं में बढ़ रही नशे की लत के खिलाफ तुरंत सामूहिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। अदालत ने माता-पिता, समाज और सरकारों से मिलकर इस समस्या के खिलाफ लड़ने को कहा। हम भारत में नशे संबंधी मुद्दों पर चुप रहते हैं और इसका फायदा आतंकवाद का समर्थन करने और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि ड्रग्स का असर उम्र, जाति और धर्म से परे हैं और इसके पूरे समाज और व्यवस्था पर गंभीर परिणाम होते हैं। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि ड्रग्स से होने वाली कमाई से ही आतंकवाद और समाज को अस्थिर करने के लिए फंडिंग होती है। पीठ ने समस्याओं से भागने वाले रवैये पर चिंता जताते हुए कहा कि इस गंभीर खतरे के खिलाफ सभी को एकजुट होना पड़ेगा। खासकर युवाओं से इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयास करने की अपील की। पीठ ने कहा कि नशे के शिकार व्यक्ति के साथ सहानुभूति और प्यार से पेश आने की जरूरत है। ड्रग तस्करों की कमाई पर प्रहार करने की जरूरत है। ड्रग्स का महिमामंडन बंद होना चाहिए और इसके खतरों के प्रति युवाओं को जागरुक किया जाना चाहिए।
श्रीलंका ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, एक जानकारी साझा की और अरब सागर में जब्त किए गए 500 किलो ड्रग्स

#jointoperationofindianandsrilankannavy500kgofdrugsseized

भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। हालांकि, नशे के इस कारोबार पर शिकंजा करने का प्रयास लगातार जारी है। हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है। जो ड्रग्स जब्त हुई है वह क्रिस्टल मेथ है। इस ड्रग्स को दो नावों से जब्त किया गया। वहीं जब्त की गई दोनों नौकाओं और उन पर सवार दोनों लोगों और ड्रग्स को श्रीलंका सरकार को सौंप दिया गया है, अब उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे ऑपेरशन की जानकारी भारतीय नौसेना ने दी है।भारतीय नौसेना के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना की तरफ से भारतीय नौसेना को एक मैसेज मिला कि अरब सागर श्रीलंका फ्लैग फिशिंग वेसेल के जरिए ड्रग की संभावित स्मगलिंग हो रही है। मैसेज मिलते ही नौसेना से तुरंत उस बोट को इंटरसेप्ट करने के लिए ऑपरेशन को लॉंच किया।

भारतीय नौसेना ने अपने लॉग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई और ड्रोन को एरियल सर्विलांस के लिए लॉन्‍च किया। गुरुग्राम स्थित नौसेना के इनफार्मेशन फ्यूजन सेंटर से मिले इनपुट के बाद समुद्र में वॉरशिप को भी मूव किया। जिसके बाद 24-25 नवंबर को 2 श्रीलंकाई फिशिंग बोट को पहचाना गया, उसे रोका गया और पकड़ा गया। तलाशी के बाद उसमें से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग बरामद की गई। दोनों बोट और उसमें पकड़े गए ड्रग और लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए श्रीलंका के हवाले कर दिया गया।हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

बता दें कि हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी

एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।भारत में बढ़ा ड्रग्स तस्करी का कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

प्रथम चरण के चुनाव में 15 जिलों में कुल 50 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में सुसज्जित किया

यूनिक बूथों पर दिखेगी झारखंड की संस्कृति

झारखंड के छऊ नृत्य से लेकर नशा मुक्ति के संदेश के थीम पर बने हैं मतदान केंद्र

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में 15 जिलों में कुल 43 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने जा रहें हैं । मतदान करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस उद्देश्य से हर मतदान केंद्र को मॉडल बूथ के रूप में तैयार किया गया है। हर मतदान केंद्र पर बिजली, पेयजल, रनिंग वाटर, शेड, दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों के लिए रैंप एवं व्हीलचेयर के साथ उनकी सहायता के लिए वॉलेंटियर की भी व्यवस्था की गई है। 

मतदाताओं को सहूलियत पहुंचाने एवं मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण के निर्वाचन में ऐसे बूथ बनाए गए हैं जहां महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां कुल 1152 महिलाओं द्वारा मैनेज्ड बूथ बनाए गए हैं। वहीं 24 बूथ दिव्यांगजनों एवं 23 युवा मतदानकर्मियों द्वारा मैनेज्ड बूथ तैयार किए गए हैं। 

मतदाताओं को आकर्षित करने एवं स्थानीय महत्व को दर्शाने के उद्देश्य से झारखंड के 15 जिलों में कुल 50 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में सुसज्जित किया गया है। इसमें स्थानीय कलाकृतियों, परम्पराओं, मान्यताओं एवं विशेषताओं को रेखांकित करने के उद्देश्य से बूथों को सुसज्जित किया गया है। ताकि मतदान के उपरांत मतदाताओं में इसकी एक अच्छी याद बनी रहे। 

इसी उद्देश्य से रांची के तमाड़ में चिपबंधीडीह स्थित बूथ को आदिवासी थीम पर सुसज्जित किया गया है। वहीं बालिका उच्च विद्यालय बरियातु को हॉकी के थीम पर सजाया गया है। हजारीबाग में जंगलों से घिरे बूथ को प्राकृतिक सौंदर्य से सुसज्जित करने का कार्य किया गया है। संत कोलंबस कॉलेज स्थित बूथ को सबसे पुराना बूथ होने के कारण यूनिक बूथ की कैटेगरी में रखा गया है। रामगढ़ के पतरातु के छावनी परिषद उत्क्रमित मध्य विद्यालय में झोपड़ी से सुसज्जित किया गया है। जबकि , उत्क्रमित मध्य विद्यालय उचरिंगा को पतरातु टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। गोला के राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय गोला को कृषि के थीम पर विकसित किया गया है। चतरा में उत्क्रमित उच्च विद्यालय लावालौंग में "Yes to Vote No to Drugs" थीम पर विकसित किया गया है। गिरिडीह में 11 ऐसे बूथ तैयार किए गए हैं, जो मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए स्थानीय संस्कृति के आधार पर तैयार किए गए हैं। छऊ नृत्य के लिए प्रसिद्ध बोकारो एवं सरायकेला के ऐसे बूथ भी हैं, जिन्हें छऊ नृत्य के दृश्यों से सुसज्जित किया गया है। इसके साथ ही सभी जिले में आदिम समूहों की बहुलता वाले बूथों पर इससे संबंधित थीम पर बूथों को सुसज्जित किया गया है। लोहरदगा में पोषक वन के रूप में सुसज्जित किया गया है।

नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने हेतु शिक्षा एवं जागरूकता अभियान

प्रयागराज। भारत सरकार के निर्देशन में नशीली दवाओं की लत और मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने हेतु शिक्षा एवं जागरूकता अभियान के अंतर्गत के पी ट्रेनिंग कॉलेज में युवाओं के बीच एक कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यक्रम का निर्देशन जिला युवा धिकारी जागृति पांडेय ने किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्या अंजना श्रीवास्तव ने युवाओं को बताया कि देश एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है - नशीली दवाओं की लत का बढ़ता प्रचलन और अपने युवाओं के बीच मादक द्रव्यों का सेवन न स्वयं करें और न ही अपने पड़ोस में इसे बर्दाश्त करें। पुलिस विभाग से ट्रैफिक इंस्पेक्टर पवन पांडे ने बताया कि कैसे नशे के कारण सड़कों पर दुर्घटनाएं बढ़ती जा रहीं हैं और नशे की यह लत ना सिर्फ युवाओं के शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालती है बल्कि मानसिक स्थिति और उनके भविष्य के अवसरों को भी ख़तरे में डालता है।

कई बार सहकर्मी दबाव, शैक्षणिक तनाव और तीव्र परिवर्तन इत्यादि युवाओं में इस लत को ले आने में कारक का कार्य करते हैं। इससे निपटने के लिए सामुदायिक रूप से आगे आने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में National Action Plan for Drug Demand Reduction- NAPDDR के मास्टर ट्रेनर निर्मल कांत पाण्डेय तथा स्मिता कुशवाहा के साथ मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की काउंसलर गीता कौशल, आजमगढ़ के युवा स्वयं सेवक दीपक प्रजापति ने विभिन्न नशामुक्ति संबंधी विषयों पर जागरूक किया।मास्टर ट्रेनर निर्मल कांत ने नशे की लत लगने के मुख्य कारणों पर बेहतरीन ढंग से फोकस किया और युवाओं को इसे जड़ से खत्म करने का आवाहन किया।

बहरिया ब्लॉक से युवा ट्रेनर स्मिता ने इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण को समझाया। चाका ब्लॉक से स्वयं सेवक यंग लीडर गुड़िया सिंह ने नशे के कारण देश में नशाखोरी के कारण जनित दुष्प्रभावों को बताते हुए इससे बचने की अपील की।

नशामुक्ति पर आधारित प्रश्नोत्तरी के 4 विजेताओं को पुरस्कार तथा प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संचालक की भूमिका में कॉलेज की प्रोफेसर शक्ति ने किया।

कौन है दिल्ली में कोकीन का कारोबार का “किंग”, 5 हजार करोड़ का ड्रग्स जब्त होने के बाद भाजपा हमलावर

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दिल्ली में नशे की सबसे बड़ी खेप बरामद हुई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मादक पदार्थों की अपने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी खेप बरामद की है। इसकी कीमत 5 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। नशे का ये कारोबार राजधानी में दबे पैर चल रहा था।पुलिस को इसकी भनक तो पहले से ही थी, वह तो बस मौके का इंतजार कर रही थी कि सिर्फ खेप ही नहीं इसके तस्कर भी पकड़े जाएं। पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया और मौका लगते ही इस गैंग पर छापा मार ड्रग्स की खेप के साथ तस्करों को भी धर दबोचा।

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर चार मादक पदार्थ तस्कर तुषार गोयल, भरत कुमार जैन, औरंगजेब सिद्दीकी और हिमांशु कुमार को गिरफ्तार किया है। पुलिस को दिल्ली में एक्टिव संदिग्ध ड्रग कार्टल के खुफिया मैसेज को रिकॉर्ड करने के दौरान इंटरनेशनल ड्रग रैकेट की भनक लगी थी। पता चला कि विदेश से कोकीन की बड़ी खेप लाई जा रही है, इसको दिल्ली के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया जाना था।

ड्रग की ये खेप पनामा पोर्ट से दुबई होते हुए गोवा पहुंची थी। सीक्रेट बातचीत के मुताबिक, इसको यूपी के हापुड़ और गाजियाबाद और फिर दिल्ली के महिपालपुर में पहंचना था। बस फिर क्या था, पुलिस ने जाल बिछाया और इसे पकड़ लिया।पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से पहले 15 किलो कोकिन बरामद किया है बाद में इनकी निशानदेही पर महिपालपुर के गोदाम में छापा मारकर बाकी का ड्रग्स बरामद किया। पुलिस टीम के मुताबिक ये ड्रग्स 23 कार्टून और 8 यूएस पोलो शर्ट के कवर के अंदर छिपाकर रखी गई थी। इस रैकेट को मिडिल ईस्ट का हैंडलर ऑपरेट कर रहा था, दिल्ली में ये ड्रग्स अलग-अलग शहरों से पहुंची थी।

भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि तुषार दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में आरटीआई सेल का हेड रहा है। भाजपा प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने देश को बर्बाद करने में शामिल ड्रग डीलरों के साथ कथित संबंधों के लिए कांग्रेस की आलोचना की और मुख्य विपक्षी दल से स्पष्टीकरण मांगा।

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'कल दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। यह मात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपीए सरकार (2006-2013) के दौरान पूरे भारत में केवल 768 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी। 2014-2022 तक भाजपा सरकार ने 22,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है। ड्रग सिंडिकेट का मुख्य आरोपी और किंगपिन तुषार गोयल भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई सेल का प्रमुख रहा है। कांग्रेस पार्टी का उसके (तुषार गोयल) साथ क्या संबंध है? क्या यह पैसा कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनावों में इस्तेमाल किया जा रहा था? क्या कांग्रेस के कुछ नेताओं का ड्रग तस्करों से कोई समझौता है? कांग्रेस खासकर हुड्डा परिवार को जवाब देना चाहिए कि आपका तुषार गोयल से क्या संबंध है?'

खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला*
#khalistani_sympathiser_mp_amritpal_singh_brother_arrested_in_drug_case खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है। बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।
खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह का भाई गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला

#khalistani_sympathiser_mp_amritpal_singh_brother_arrested_in_drug_case 

खालिस्तान समर्थक और लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह के भाई को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है। हरप्रीत सिंह को पंजाब के फिल्लौर के पास जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच ग्राम ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है। हरप्रीत सिंह सहित 3 लोगों को जालंधर पुलिस ने आइस ड्रग के साथ गिरफ्तार किया है।

सांसद के भाई हरप्रीत सिंह को गिरफ्तारी किए जाने की पुष्टि जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंकुर गुप्ता ने कर दी है। गिरफ्तारी के बारे में उन्होंने बताया कि हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से हमें आइस बरामद हुई है।

बता दें कि अमृतपाल सिंह ने हाल ही में सांसद के रूप में शपथ ली है। वो फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई थी। वहीं उसके नौ सहयोगी डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वारिस पंजाब का चीफ अमृतपाल पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलाकर ही सुर्खियों में आया था। यहीं नहीं अमृतपाल खुद अपने साथियों के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था। अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद यहां इलाज करवाने आए युवा भी अपने घरों को लौट गए थे। उसी अमृतपाल का भाई आज नशे के साथ गिरफ्तार किया गया है।

Kayamkulam, Kerala: Md. Shahaaz entered a house of a 76-year-old woman, brutally raped her. Turned out to be a serial rapist.
25-year-old Shahaaz raped a 76-year-old woman who was staying alone in her house. The woman is now undergoing treatment at Vandanam Medical College. Shahaz was arrested by the police after reviewing CCTV footage. Authorities reported that he was in an inebriated state at the time of his arrest. Shahaz is a serial offender with a criminal track record, including multiple cases for drug trafficking. A few days ago, a case was registered against him for sexually assaulting another elderly woman in Kayamkulam. The investigation was ongoing in that case, and now he has been arrested again for committing the same crime for the second time.

25-year-old Shahaaz raped a 76-year-old woman who was staying alone in her house. The woman is now undergoing treatment at Vandanam Medical College. Shahaz was arrested by the police after reviewing C