कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया “मौनी बाबा”, पर साधा निशाना, ट्रंप के रूस से तेल खरीद के दावे पर साधा निशाना

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और रूस के बीच कच्चा तेल खरीदने संबंधी दावे को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है। इस बीच कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें 'मौनी बाबा' बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया है

क्या बोले जयराम रमेश?

जयराम रमेश ने शनिवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि उनके 'अच्छे दोस्त' ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल के आयात में कटौती करेगा। लेकिन वह 'अच्छे दोस्त' उस वक्त अचानक 'मौनी बाबा' बन जाते हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रुकवा दिया है और अब जब वह कहते हैं कि भारत रूस से तेल का आयात कम कर देगा।'

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा के बाद तंज

रमेश ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में आगे लिखा कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 54.4 अरब डॉलर तक बढ़ गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 49.6 अरब डॉलर था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और वह तनाव घटा रहा है और पीछे हट रहा है। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है।

ट्रंप ने क्या दावा किया?

इससे पहले गुरूवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगा। रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर ट्रंप के पिछले दावे के बाद भारत सरकार ने कहा था कि वह बाजार की परिस्थितियों के अनुरूप ऊर्जा स्रोत के आधार को व्यापक और विविध बना रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है।

भारत महान देश और मेरे बहुत अच्छे दोस्त वहां...', शाहबाज शरीफ के सामने ही ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

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सोमवार को मिस्र में हुए गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिना नाम लिए तारीफ की। ऐसा ट्रंप ने तब किया जब पास में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी खड़े थे। दरअसल, पाक पीएम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को मिस्र के शर्मअल शेख में गाजा पीस समिट के दौरान ट्रंप की खुलकर तारीफ की। उन्होंने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ कहकर पुकारा। हालांकि, ट्रंप ने उसी वक्‍त भारत को महान देश बता द‍िया। इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ से हामी भी भरवा ली।

गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित किया। ट्रंप ने मिस्र के शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने वाले ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, भारत एक महान देश है और वहां मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसने शानदार काम किया है। 

ट्रंप ने शहबाज शरीफ से पूछा-सब ठीक है?

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। यह बोलने के बाद उन्होंने अपने ठीक पीछे खड़े शहबाज शरीफ से पूछा, ठीक है? इसपर शरीफ मुस्कुराए और सिर हिलाकर सहमति जताई।

हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे-ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।

UN पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, बैक-टू-बैक 3 बार हुई फजीहत से नाराज, बोले- ये इत्तेफाक नहीं

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित किया था। यहां उनके द्वारा दिए गए भाषण की काफी चर्चा हुई। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में डोनाल्ड ट्रंप के साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटी जो काफी चर्चा का विषय बन गईं। अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर आकर इस बात की जानकारी दी है और किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा किया है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की जांच अब सीक्रेट सर्विस करेगी।

क्या है पहली घटना

ट्रंप ने यह बात अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट ट्रुथ सोशल पर कही, जहां उन्होंने इन घटनाओं को ‘तीन साजिश’ बताया। ट्रंप ने बताया कि यूएन में उनके साथ पहली घटना तब हुई, जब वह अपने दल के साथ एस्केलेटर पर थे। अचानक एस्केलेटर ‘जोर से रुक गया।’ ट्रंप ने इसे ‘स्पष्ट साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। हालांकि, यूएन के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का एक वीडियोग्राफर, जो ट्रंप के आगे दौड़ रहा था, उसने गलती से एस्केलेटर के स्टॉप मैकेनिज्म को छू लिया होगा, जिससे यह रुक गया।

दूसरी घटना- टेलीप्रॉम्प्टर का काम न करना

दूसरी घटना में ट्रंप जब संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे, तो टेलीप्रॉम्प्टर अचानक बंद हो गया। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस दावे में विरोधाभास यह है कि टेलीप्रॉम्प्टर का संचान खुद व्हाइट हाउस करता है, न कि संयुक्त राष्ट्र।

तीसरी घटना- सभागार में आवाज बंद

ट्रंप ने दावा किया तीसरी घटना में जब वह भाषण दे रहे थे, तो उनका माइक ठीक से काम नहीं कर रहा था। उनकी बात उन्हें लोगों तक पहुंच रही थी, जिनके पास कान में लगाने वाले अनुवादक उपकरण मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी मेलानिया ने भी उन्हें बताया कि वह उनका भाषण ठीक से सुन नहीं सकीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, यह कोई संयोग नहीं था। यह तीसरी साजिश थी।

ये कोई संयोग नहीं - ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में हुईं ये घटनाएं कोई संयोग नहीं थीं। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। मैं इस लेटर की एक कॉपी महासचिव को भेज रहा हूं, और मैं तत्काल जांच की मांग करता हूं। कोई आश्चर्य नहीं कि संयुक्त राष्ट्र वह काम नहीं कर पाया जिसके लिए उसे बनाया गया था। एस्केलेटर पर लगे सभी सुरक्षा टेप सुरक्षित रखे जाने चाहिए, खासकर आपातकालीन स्टॉप बटन। सीक्रेट सर्विस इसे देख रही है।

पीएम मोदी के जन्मदिन पर ट्रंप का फोन, टैरिफ विवाद के बीच कितना अहम है ये एक कॉल

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भारत-अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ महीने से तल्खी देखी जा रही थी। टैरिफ विवाद के कारण रिश्ते निम्नतम स्तर पर थे। अब उन रिश्तों को संजीवनी मिली है। कई महीनों की तनातनी के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उन्हें 75वें जन्मदिन की बधाई दी। पीएम मोदी को डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार की शाम को फोन किया और जन्मदिन की शुभकामना दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी फोन पर बातचीत ‘बहुत अच्छी’ रही। ट्रंप ने मोदी को फिर से अपना अच्छा दोस्त कहा।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने अपने दोस्त पीएम मोदी से अभी फोन पर बात की। उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। वह बहुत ही शानदार काम कर रहे हैं। नरेंद्र, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने में आपके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।'

पीएम मोदी ने जन्मदिन पर बधाई के लिए कहा शुक्रिया

वहीं, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ फोन पर हुई बात की जानकारी एक्स पर पोस्ट कर दी। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा “मेरे मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप, मेरे 75वें जन्मदिन पर आपके फोन कॉल और हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। आपकी तरह, मैं भी भारत-अमेरिका व्यापक और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपकी पहल का समर्थन करते हैं।”

ट्रेड डील पर बातचीत जारी

राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को ऐसे समय में फोन किया है, जब भारत और अमेरिका के प्रतिनिधियों के बीच ट्रेड डील पर बातचीत फिर से शुरु हो गई है। मंगलवार (16 सितंबर) को दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच 7 घंटे लंबी मैराथन मीटिंग हुई थी। बैठक के बाद दोनों देश के प्रतिनिधियों ने बैठक को काफी सकारात्मक कहा है। अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि उसके मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच और भारत के वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर हुई बातचीत सकारात्मक रही। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा कि दोनों पक्षों ने नयी दिल्ली में आयोजित एक-दिवसीय बैठक के दौरान व्यापार वार्ता के अगले कदमों पर चर्चा की।

ट्रंप-मोदी के बीच तीन महीने बाद सीधी बात

ट्रंप और मोदी के बीच सीधी बातचीत तीन महीने के बाद हुई है। 17 जून को कनाडा में जी-7 की बैठक के बाद दोनों नेताओं में फोन पर 35 मिनट तक बात हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से युद्ध विराम अमेरिका के कारण नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ था। इसमें किसी तीसरे पक्ष का कोई दखल नहीं था। इसके बाद जुलाई में ट्रंप ने भारत पर पहले 25%, फिर अगस्त में 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था।

आखिरकार ट्रंप ने कबूली सच्चाई, बोले- रूसी तेल पर टैरिफ के फैसले से भारत संग रिश्ते में आई दरार

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अमेरिका और भारत के रिश्तों में पिछले दिनों कड़वाहट देखी गई। हालांकि, अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के पहल ने फिर से रिश्तों को बहाल का है। अब पहली बार ट्रंप ने माना है कि उनकी ओर से लगाए गए टैरिफ से भारत के साथ रिश्ते में तनाव आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बड़ी बात कही है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ ने भारत के साथ दरार पैदा की है। इस दौरान ट्रंप ने ये भी स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन विवाद, जिसके सुलझने की उन्हें सबसे आसान उम्मीद थी, अभी तक अनसुलझा है। इसे सभी ने हल्के में ले लिया था।

ट्रंप ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में भारत पर टैरिफ और संबंधों में तनाव पर बात की है। ट्रंप ने स्वीकार किया है कि भारत पर उन्होंने जो 50 फीसदी टैरिफ लगाया, वह सीधे तौर पर रूस से भारत की तेल खरीदारी के कारण था और यही कदम दोनों देशों के रिश्तों में दरार की वजह बना। उन्होंने कहा, भारत रूसी तेल का एक बड़ा ग्राहक है। मैंने इसे रोकने के लिए भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि वे रूस से तेल खरीदते हैं। यह कोई आसान काम नहीं है। यह बड़ी बात है और इससे भारत के साथ रिश्ते में दरार पैदा होती है।

रूस-यूक्रेन विवाद को नहीं सुलझा सकने की बात मानी

भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ पर चर्चा करने से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि वे रूस-यूक्रेन विवाद को नहीं सुलझा पाए हैं, जो उनके विचार में सबसे आसान होता। उन्होंने फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा, मुझे लगा था कि यूक्रेन और रूस के बीच सबसे आसान होगा। टैंगो के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। जब पुतिन ऐसा करना चाहते थे, तो जेलेंस्की नहीं करते थे। जब जेलेंस्की ऐसा करना चाहते थे, तो पुतिन नहीं करते थे। अब जेलेंस्की ऐसा करना चाहते हैं और पुतिन पर सवालिया निशान है। हमें बहुत सख्ती से जवाब देना होगा। पुतिन के साथ मेरे हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, यही एकमात्र युद्ध है जिसका मैं समाधान नहीं कर पाया हूं। 

भारत-पाक संघर्ष पर बयान

ट्रंप ने एक बार फिर से यह भी दोहराया कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में कई युद्ध रुकवा दिए हैं। साक्षात्कार के दौरान उन्होंने अन्य संघर्षों को सुलझाने में अपने रिकॉर्ड को भी दोहराया। ट्रंप ने कहा, 'मैंने सात युद्ध रोके, सात। मैंने पाकिस्तान और भारत समेत कई युद्ध सुलझाए। कुछ तो अनसुलझे थे। कांगो और रवांडा, मैंने सुलझाया। लाखों लोग मारे गए। मैंने ऐसे युद्ध सुलझाए जो अनसुलझे थे।

बता दें कि भारत-पाक संघर्ष पर ट्रंप कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं। हालांकि भारत ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज किया है।

ट्रंप के 'अच्छे दोस्त और ग्रेट प्राइम मिनिस्टर' वाले बयान पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब, रिश्तों में आई नई गर्माहट?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तल्ख तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। टैरिफ और रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर हमलावर थे। हालांकि, अब ट्रंप के सुर बदले- बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया, तो वहीं भारतीय प्रधानमंत्री ने भी इस पर अब जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप की भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना की है।

अमेरिका और भारत के रिश्तों को 'बहुत ख़ास' बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'हमेशा दोस्त रहेंगे' और इसमें 'चिंता की कोई बात नहीं' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान की सराहना की है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे रिश्तों के बारे में उनके सकारात्मक विचारों की सराहना करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक एवं वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।

ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम पसंद नहीं आ रहे हैं। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच ऐसे पल आ जाते हैं।'ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट पर ‘भारत को खोने’ वाली टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ है।’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे मोदी के साथ अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं।

भारत-रूस को चीन के हाथ खोने की बात कही थी

शुक्रवार को ही ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि भारत और रूस शायद चीन के साथ चले गए हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। अब वे साथ मिलकर लंबा और सुखद भविष्य बिताएं।

ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का आक्रामक रुख

बता दें कि ट्रंप के प्रशासन और समर्थकों की ओर से हाल के दिनों में भारत के खिलाफ बयानबाजी बढ़ी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक पीटर नवारो पिछले कुछ समय से भारत और पीएम मोदी के बारे में बयान देते हुए आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।शुक्रवार देर रात पीटर नवारो ने भारत को लेकर अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने लिखा, भारत की ऊंची टैरिफ दरें अमेरिकी नौकरियों पर असर डालती हैं। भारत सिर्फ़ मुनाफा कमाने के लिए रूस से तेल खरीदता है और यह पैसा रूस की जंग मशीन को जाता है। इसमें यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिकी टैक्स देने वालों को और ज़्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। भारत सच्चाई नहीं मानता और बस कहानी घुमाता है। इससे पहले नवारो रूस और यूक्रेन के टकराव को 'मोदी का युद्ध' बता चुके हैं। 29 अगस्त को उन्होंने एक्स पर लिखा कि रूसी तेल से होने वाली कमाई भारत के राजनीतिक तौर पर जुड़े ऊर्जा कारोबारियों तक पहुंचती है और सीधे पुतिन के युद्ध फ़ंड में भी जाती है।

SCO मीटिंग की सफलता देख अमेरिका ने बदला सुर, ट्रंप के वित्त मंत्री का बड़ा बयान

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चीन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक की तस्वीरों को देखने का बाद ऐसा लग रहा है, अमेरिका की आंखे खुल गई है। तियानजिन में हुए एससीओ सम्मेलन की सफलता के ठीक अगले दिन अमेरिका ने भारत के साथ संबंधों पर सकारात्मक सुर अपनाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत-यूएस संबंधों को लेकर कहा है कि दोनों लोकतंत्रों की बुनियाद मज़बूत है और वे अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं। जल्द ही वाशिगंटन और नई दिल्ली के रिश्ते पटरी पर लौट आएंगे।

“रूस-चीन से ज्यादा हमारे करीब है भारत”

बेसेंट ने फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में भारत के साथ संबंधों पर बात की है। उनसे सवाल हुआ कि क्या ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भारत का झुकाव चीन और रूस की तरफ हो गया है। इस पर उन्होंने अमेरिका और भारत के व्यापारिक मतभेद दूर होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि दो महान देश मिलकर चीजें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। उनके मूल्य चीन की तुलना में हमारे मूल्यों के बहुत करीब हैं और रूस की तुलना में भी वह हमारे करीब है।

एससीओ को लेकर क्या है यूएस की राय?

बेसेंट ने हाल ही में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी पर भी बात की। बेसेंट ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से अमेरिका के लिए चिंता की बात को नकार दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ एक दीर्घकालिक बैठक है और यह काफी हद तक औपचारिक है। वर्षों से हो रही इस बैठक का कोई खास असर जमीन पर देखने को नहीं मिलेगा।

भारत की रूस से तेल खरीद की आलोचना

हालांकि, भारत की रूस से तेल खरीद की आलोचना की। अमेरिका का मानना है कि भारत रूस से तेल खरीद कर उसे यूक्रेन जंग के लिए आर्थिक सहायता कर रहा है। बेसेंट ने कहा कि भारतीय रूसी तेल सस्ते में खरीदकर रिफाइन कर बेच रहे हैं, जिससे युद्ध प्रयासों को फंड मिल रहा है। यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के संदर्भ में आई, जो रूसी तेल आयात और धीमी व्यापार वार्ता पर आधारित हैं।

एससीओ सम्मेलन के बाद बदले यूएस के सुर

बेसेंट का ये बयान एससीओ सम्मेलन के बाद आया है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बेहद गर्मजोशी से मुलाकात की। भारत का रूस के साथ-साथ चीन के करीब जाना पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

ट्रंप की धमकियों से झुकेगा नहीं भारत, दिया करारा जवाब, ₹31,500 करोड़ का रक्षा सौदा ठंडे बस्ते में

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अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद भारत के साथ रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इस बीच भारत ने अमेरिका से इंडियन नेवी के लिए खरीदे जा रहे 6 अतिरिक्त बोइंग P-8i पोसीडॉन विमानों की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि सौदे को पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। यह सौदा लगभग ₹31,500 करोड़ (करीब 3.78 अरब डॉलर) का था।

पोसीडन डील पर लगा विराम

रक्षा वेबसाइट IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 3 अगस्त को अमेरिकी कंपनी बोइंग से छह P-8I पोसीडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट की खरीद को रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था, खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए।

पहले मंजूरी, फिर बढ़ी कीमत

साल 2021 में अमेरिका ने 6 और P-8i विमान भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। उस समय इनकी कीमत लगभग 2.42 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) थी। लेकिन जुलाई 2025 तक यह लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) हो गई। जिसका कारण सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पहले बढ़ती हुई लागत को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं न कहीं इसकी ऑपरेशनल जरूरतों के मुताबिक भारत इसकी खरीद को तैयार हुआ था। लेकिन टैरिफ की घोषणा के बाद अब रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन फिर से शुरू हो गया है। हालांकि यह सौदा पूरी तरह रद्द नहीं हुआ है।

डील को अस्थायी रूप से रोका

भारत के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं। पहली बार 2009 में भारत ने 8 विमान करीब 2.2 अरब डॉलर में खरीदे थे, इसके बाद 2016 में 4 और जोड़े गए। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिखाए तेवर, टैरिफ विवाद के बीच भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत से किया इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अपना तेवर दिखाया है। ट्रंप ने टैरिफ विवाद हल होने तक भारत के साथ किसी भी व्यापार वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ के आगे भारत झुक नहीं रहा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को परेशान कर रहा है। अब उनके बयान से ये बौखलाहट साफ नजर आ रही है।

बुधवार को ट्रंप ने एक नया आदेश जारी कर भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैक्स अब 50% हो गया है। ट्रंप से वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि 50% टैरिफ लगाने के बाद क्या बातचीत शुरू होगी, तो उन्होंने कहा- नहीं, पहले मसला (टैरिफ) सुलझे, फिर बात होगी।

पीएम मोदी ने कहा- मैं तैयार हूँ

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत के टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया और अब उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील करने को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ट्रैरिफ बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत ने भी पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है। भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है, इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूँ, भारत तैयार है!

ट्रंप ने बढ़ाया है टैरिफ

इससे पहले व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और विशेष रूप से भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात की ओर इशारा करते हुए टैरिफ बढ़ाने की बात कही। आदेश में दावा किया गया है कि ये आयात चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा पेश करते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूसी तेल न खरीदने की बात कही है। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने अपने निवेश हितों का हवाला देते हुए ऑयल इंपोर्ट रोकने से मना कर दिया।

टैरिफ अटैक के बीच पीएम मोदी का ट्रंप को साफ संदेश, बोले-किसानों-मछुआरों के हितों से समझौता नहीं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को साफ शब्दो में संदेश दिया है। डेनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इस पर पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अमेरिका जितना भी टैरिफ बढ़ा ले, लेकिन भारत किसी देश के आगे झुकने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी-पीएम मोदी

भारत के खिलाफ अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए देश के किसान सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

इशारों-इशारों में पीएम मोदी का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। पीएम मोदी का यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब दिया। बगैर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने कड़ा संदेश दिया है।

अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया

अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। पीएम मोदी के इस बयान से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर पलटवार किया था।

कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया “मौनी बाबा”, पर साधा निशाना, ट्रंप के रूस से तेल खरीद के दावे पर साधा निशाना

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और रूस के बीच कच्चा तेल खरीदने संबंधी दावे को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है। इस बीच कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें 'मौनी बाबा' बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया है

क्या बोले जयराम रमेश?

जयराम रमेश ने शनिवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि उनके 'अच्छे दोस्त' ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल के आयात में कटौती करेगा। लेकिन वह 'अच्छे दोस्त' उस वक्त अचानक 'मौनी बाबा' बन जाते हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रुकवा दिया है और अब जब वह कहते हैं कि भारत रूस से तेल का आयात कम कर देगा।'

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा के बाद तंज

रमेश ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में आगे लिखा कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 54.4 अरब डॉलर तक बढ़ गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 49.6 अरब डॉलर था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और वह तनाव घटा रहा है और पीछे हट रहा है। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है।

ट्रंप ने क्या दावा किया?

इससे पहले गुरूवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगा। रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर ट्रंप के पिछले दावे के बाद भारत सरकार ने कहा था कि वह बाजार की परिस्थितियों के अनुरूप ऊर्जा स्रोत के आधार को व्यापक और विविध बना रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है।

भारत महान देश और मेरे बहुत अच्छे दोस्त वहां...', शाहबाज शरीफ के सामने ही ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

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सोमवार को मिस्र में हुए गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिना नाम लिए तारीफ की। ऐसा ट्रंप ने तब किया जब पास में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी खड़े थे। दरअसल, पाक पीएम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को मिस्र के शर्मअल शेख में गाजा पीस समिट के दौरान ट्रंप की खुलकर तारीफ की। उन्होंने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ कहकर पुकारा। हालांकि, ट्रंप ने उसी वक्‍त भारत को महान देश बता द‍िया। इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ से हामी भी भरवा ली।

गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित किया। ट्रंप ने मिस्र के शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने वाले ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, भारत एक महान देश है और वहां मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसने शानदार काम किया है। 

ट्रंप ने शहबाज शरीफ से पूछा-सब ठीक है?

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। यह बोलने के बाद उन्होंने अपने ठीक पीछे खड़े शहबाज शरीफ से पूछा, ठीक है? इसपर शरीफ मुस्कुराए और सिर हिलाकर सहमति जताई।

हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे-ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।

UN पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप, बैक-टू-बैक 3 बार हुई फजीहत से नाराज, बोले- ये इत्तेफाक नहीं

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित किया था। यहां उनके द्वारा दिए गए भाषण की काफी चर्चा हुई। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में डोनाल्ड ट्रंप के साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटी जो काफी चर्चा का विषय बन गईं। अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद सोशल मीडिया पर आकर इस बात की जानकारी दी है और किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा किया है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं की जांच अब सीक्रेट सर्विस करेगी।

क्या है पहली घटना

ट्रंप ने यह बात अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट ट्रुथ सोशल पर कही, जहां उन्होंने इन घटनाओं को ‘तीन साजिश’ बताया। ट्रंप ने बताया कि यूएन में उनके साथ पहली घटना तब हुई, जब वह अपने दल के साथ एस्केलेटर पर थे। अचानक एस्केलेटर ‘जोर से रुक गया।’ ट्रंप ने इसे ‘स्पष्ट साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। हालांकि, यूएन के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का एक वीडियोग्राफर, जो ट्रंप के आगे दौड़ रहा था, उसने गलती से एस्केलेटर के स्टॉप मैकेनिज्म को छू लिया होगा, जिससे यह रुक गया।

दूसरी घटना- टेलीप्रॉम्प्टर का काम न करना

दूसरी घटना में ट्रंप जब संयुक्त राष्ट्र में भाषण दे रहे थे, तो टेलीप्रॉम्प्टर अचानक बंद हो गया। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इस दावे में विरोधाभास यह है कि टेलीप्रॉम्प्टर का संचान खुद व्हाइट हाउस करता है, न कि संयुक्त राष्ट्र।

तीसरी घटना- सभागार में आवाज बंद

ट्रंप ने दावा किया तीसरी घटना में जब वह भाषण दे रहे थे, तो उनका माइक ठीक से काम नहीं कर रहा था। उनकी बात उन्हें लोगों तक पहुंच रही थी, जिनके पास कान में लगाने वाले अनुवादक उपकरण मौजूद थे। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी मेलानिया ने भी उन्हें बताया कि वह उनका भाषण ठीक से सुन नहीं सकीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, यह कोई संयोग नहीं था। यह तीसरी साजिश थी।

ये कोई संयोग नहीं - ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में हुईं ये घटनाएं कोई संयोग नहीं थीं। उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। मैं इस लेटर की एक कॉपी महासचिव को भेज रहा हूं, और मैं तत्काल जांच की मांग करता हूं। कोई आश्चर्य नहीं कि संयुक्त राष्ट्र वह काम नहीं कर पाया जिसके लिए उसे बनाया गया था। एस्केलेटर पर लगे सभी सुरक्षा टेप सुरक्षित रखे जाने चाहिए, खासकर आपातकालीन स्टॉप बटन। सीक्रेट सर्विस इसे देख रही है।

पीएम मोदी के जन्मदिन पर ट्रंप का फोन, टैरिफ विवाद के बीच कितना अहम है ये एक कॉल

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भारत-अमेरिका के रिश्तों में पिछले कुछ महीने से तल्खी देखी जा रही थी। टैरिफ विवाद के कारण रिश्ते निम्नतम स्तर पर थे। अब उन रिश्तों को संजीवनी मिली है। कई महीनों की तनातनी के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उन्हें 75वें जन्मदिन की बधाई दी। पीएम मोदी को डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार की शाम को फोन किया और जन्मदिन की शुभकामना दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनकी फोन पर बातचीत ‘बहुत अच्छी’ रही। ट्रंप ने मोदी को फिर से अपना अच्छा दोस्त कहा।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मैंने अपने दोस्त पीएम मोदी से अभी फोन पर बात की। उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। वह बहुत ही शानदार काम कर रहे हैं। नरेंद्र, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रुकवाने में आपके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।'

पीएम मोदी ने जन्मदिन पर बधाई के लिए कहा शुक्रिया

वहीं, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ फोन पर हुई बात की जानकारी एक्स पर पोस्ट कर दी। पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा “मेरे मित्र, राष्ट्रपति ट्रंप, मेरे 75वें जन्मदिन पर आपके फोन कॉल और हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। आपकी तरह, मैं भी भारत-अमेरिका व्यापक और वैश्विक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। हम यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में आपकी पहल का समर्थन करते हैं।”

ट्रेड डील पर बातचीत जारी

राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी को ऐसे समय में फोन किया है, जब भारत और अमेरिका के प्रतिनिधियों के बीच ट्रेड डील पर बातचीत फिर से शुरु हो गई है। मंगलवार (16 सितंबर) को दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच 7 घंटे लंबी मैराथन मीटिंग हुई थी। बैठक के बाद दोनों देश के प्रतिनिधियों ने बैठक को काफी सकारात्मक कहा है। अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि उसके मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच और भारत के वाणिज्य मंत्रालय में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर हुई बातचीत सकारात्मक रही। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा कि दोनों पक्षों ने नयी दिल्ली में आयोजित एक-दिवसीय बैठक के दौरान व्यापार वार्ता के अगले कदमों पर चर्चा की।

ट्रंप-मोदी के बीच तीन महीने बाद सीधी बात

ट्रंप और मोदी के बीच सीधी बातचीत तीन महीने के बाद हुई है। 17 जून को कनाडा में जी-7 की बैठक के बाद दोनों नेताओं में फोन पर 35 मिनट तक बात हुई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से युद्ध विराम अमेरिका के कारण नहीं, बल्कि पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ था। इसमें किसी तीसरे पक्ष का कोई दखल नहीं था। इसके बाद जुलाई में ट्रंप ने भारत पर पहले 25%, फिर अगस्त में 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया था।

आखिरकार ट्रंप ने कबूली सच्चाई, बोले- रूसी तेल पर टैरिफ के फैसले से भारत संग रिश्ते में आई दरार

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अमेरिका और भारत के रिश्तों में पिछले दिनों कड़वाहट देखी गई। हालांकि, अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के पहल ने फिर से रिश्तों को बहाल का है। अब पहली बार ट्रंप ने माना है कि उनकी ओर से लगाए गए टैरिफ से भारत के साथ रिश्ते में तनाव आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में बड़ी बात कही है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ ने भारत के साथ दरार पैदा की है। इस दौरान ट्रंप ने ये भी स्वीकार किया कि रूस-यूक्रेन विवाद, जिसके सुलझने की उन्हें सबसे आसान उम्मीद थी, अभी तक अनसुलझा है। इसे सभी ने हल्के में ले लिया था।

ट्रंप ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में भारत पर टैरिफ और संबंधों में तनाव पर बात की है। ट्रंप ने स्वीकार किया है कि भारत पर उन्होंने जो 50 फीसदी टैरिफ लगाया, वह सीधे तौर पर रूस से भारत की तेल खरीदारी के कारण था और यही कदम दोनों देशों के रिश्तों में दरार की वजह बना। उन्होंने कहा, भारत रूसी तेल का एक बड़ा ग्राहक है। मैंने इसे रोकने के लिए भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि वे रूस से तेल खरीदते हैं। यह कोई आसान काम नहीं है। यह बड़ी बात है और इससे भारत के साथ रिश्ते में दरार पैदा होती है।

रूस-यूक्रेन विवाद को नहीं सुलझा सकने की बात मानी

भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ पर चर्चा करने से पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि वे रूस-यूक्रेन विवाद को नहीं सुलझा पाए हैं, जो उनके विचार में सबसे आसान होता। उन्होंने फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा, मुझे लगा था कि यूक्रेन और रूस के बीच सबसे आसान होगा। टैंगो के लिए दो लोगों की जरूरत होती है। जब पुतिन ऐसा करना चाहते थे, तो जेलेंस्की नहीं करते थे। जब जेलेंस्की ऐसा करना चाहते थे, तो पुतिन नहीं करते थे। अब जेलेंस्की ऐसा करना चाहते हैं और पुतिन पर सवालिया निशान है। हमें बहुत सख्ती से जवाब देना होगा। पुतिन के साथ मेरे हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, यही एकमात्र युद्ध है जिसका मैं समाधान नहीं कर पाया हूं। 

भारत-पाक संघर्ष पर बयान

ट्रंप ने एक बार फिर से यह भी दोहराया कि उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल में कई युद्ध रुकवा दिए हैं। साक्षात्कार के दौरान उन्होंने अन्य संघर्षों को सुलझाने में अपने रिकॉर्ड को भी दोहराया। ट्रंप ने कहा, 'मैंने सात युद्ध रोके, सात। मैंने पाकिस्तान और भारत समेत कई युद्ध सुलझाए। कुछ तो अनसुलझे थे। कांगो और रवांडा, मैंने सुलझाया। लाखों लोग मारे गए। मैंने ऐसे युद्ध सुलझाए जो अनसुलझे थे।

बता दें कि भारत-पाक संघर्ष पर ट्रंप कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं। हालांकि भारत ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज किया है।

ट्रंप के 'अच्छे दोस्त और ग्रेट प्राइम मिनिस्टर' वाले बयान पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब, रिश्तों में आई नई गर्माहट?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तल्ख तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। टैरिफ और रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। इसे लेकर डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत पर हमलावर थे। हालांकि, अब ट्रंप के सुर बदले- बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया, तो वहीं भारतीय प्रधानमंत्री ने भी इस पर अब जवाब दिया है। पीएम मोदी ने ट्रंप की भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना की है।

अमेरिका और भारत के रिश्तों को 'बहुत ख़ास' बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'हमेशा दोस्त रहेंगे' और इसमें 'चिंता की कोई बात नहीं' है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के बयान की सराहना की है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे रिश्तों के बारे में उनके सकारात्मक विचारों की सराहना करता हूं। भारत और अमेरिका के बीच बेहद सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक एवं वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।

ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले शुक्रवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि 'मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। लेकिन मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम पसंद नहीं आ रहे हैं। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमारे बीच ऐसे पल आ जाते हैं।'ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट पर ‘भारत को खोने’ वाली टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ है।’ उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे मोदी के साथ अच्छी तरह घुलमिल जाते हैं।

भारत-रूस को चीन के हाथ खोने की बात कही थी

शुक्रवार को ही ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि भारत और रूस शायद चीन के साथ चले गए हैं। उन्होंने कहा था कि ऐसा लगता है कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। अब वे साथ मिलकर लंबा और सुखद भविष्य बिताएं।

ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो का आक्रामक रुख

बता दें कि ट्रंप के प्रशासन और समर्थकों की ओर से हाल के दिनों में भारत के खिलाफ बयानबाजी बढ़ी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक पीटर नवारो पिछले कुछ समय से भारत और पीएम मोदी के बारे में बयान देते हुए आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।शुक्रवार देर रात पीटर नवारो ने भारत को लेकर अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट लिखी। इसमें उन्होंने लिखा, भारत की ऊंची टैरिफ दरें अमेरिकी नौकरियों पर असर डालती हैं। भारत सिर्फ़ मुनाफा कमाने के लिए रूस से तेल खरीदता है और यह पैसा रूस की जंग मशीन को जाता है। इसमें यूक्रेनी और रूसी लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिकी टैक्स देने वालों को और ज़्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। भारत सच्चाई नहीं मानता और बस कहानी घुमाता है। इससे पहले नवारो रूस और यूक्रेन के टकराव को 'मोदी का युद्ध' बता चुके हैं। 29 अगस्त को उन्होंने एक्स पर लिखा कि रूसी तेल से होने वाली कमाई भारत के राजनीतिक तौर पर जुड़े ऊर्जा कारोबारियों तक पहुंचती है और सीधे पुतिन के युद्ध फ़ंड में भी जाती है।

SCO मीटिंग की सफलता देख अमेरिका ने बदला सुर, ट्रंप के वित्त मंत्री का बड़ा बयान

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चीन में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक की तस्वीरों को देखने का बाद ऐसा लग रहा है, अमेरिका की आंखे खुल गई है। तियानजिन में हुए एससीओ सम्मेलन की सफलता के ठीक अगले दिन अमेरिका ने भारत के साथ संबंधों पर सकारात्मक सुर अपनाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत-यूएस संबंधों को लेकर कहा है कि दोनों लोकतंत्रों की बुनियाद मज़बूत है और वे अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं। जल्द ही वाशिगंटन और नई दिल्ली के रिश्ते पटरी पर लौट आएंगे।

“रूस-चीन से ज्यादा हमारे करीब है भारत”

बेसेंट ने फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में भारत के साथ संबंधों पर बात की है। उनसे सवाल हुआ कि क्या ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भारत का झुकाव चीन और रूस की तरफ हो गया है। इस पर उन्होंने अमेरिका और भारत के व्यापारिक मतभेद दूर होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि दो महान देश मिलकर चीजें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। उनके मूल्य चीन की तुलना में हमारे मूल्यों के बहुत करीब हैं और रूस की तुलना में भी वह हमारे करीब है।

एससीओ को लेकर क्या है यूएस की राय?

बेसेंट ने हाल ही में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग के साथ शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी पर भी बात की। बेसेंट ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से अमेरिका के लिए चिंता की बात को नकार दिया। उन्होंने कहा कि एससीओ एक दीर्घकालिक बैठक है और यह काफी हद तक औपचारिक है। वर्षों से हो रही इस बैठक का कोई खास असर जमीन पर देखने को नहीं मिलेगा।

भारत की रूस से तेल खरीद की आलोचना

हालांकि, भारत की रूस से तेल खरीद की आलोचना की। अमेरिका का मानना है कि भारत रूस से तेल खरीद कर उसे यूक्रेन जंग के लिए आर्थिक सहायता कर रहा है। बेसेंट ने कहा कि भारतीय रूसी तेल सस्ते में खरीदकर रिफाइन कर बेच रहे हैं, जिससे युद्ध प्रयासों को फंड मिल रहा है। यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के संदर्भ में आई, जो रूसी तेल आयात और धीमी व्यापार वार्ता पर आधारित हैं।

एससीओ सम्मेलन के बाद बदले यूएस के सुर

बेसेंट का ये बयान एससीओ सम्मेलन के बाद आया है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बेहद गर्मजोशी से मुलाकात की। भारत का रूस के साथ-साथ चीन के करीब जाना पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

ट्रंप की धमकियों से झुकेगा नहीं भारत, दिया करारा जवाब, ₹31,500 करोड़ का रक्षा सौदा ठंडे बस्ते में

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अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ के बाद भारत के साथ रिश्ते इस समय थोड़ा गरमी के दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है। इस बीच भारत ने अमेरिका से इंडियन नेवी के लिए खरीदे जा रहे 6 अतिरिक्त बोइंग P-8i पोसीडॉन विमानों की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि सौदे को पूरी तरह रद्द नहीं किया गया है। यह सौदा लगभग ₹31,500 करोड़ (करीब 3.78 अरब डॉलर) का था।

पोसीडन डील पर लगा विराम

रक्षा वेबसाइट IDRW की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 3 अगस्त को अमेरिकी कंपनी बोइंग से छह P-8I पोसीडन एंटी-सबमरीन एयरक्राफ्ट की खरीद को रोक दिया है। यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था, खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए।

पहले मंजूरी, फिर बढ़ी कीमत

साल 2021 में अमेरिका ने 6 और P-8i विमान भारत को बेचने की मंजूरी दी थी। उस समय इनकी कीमत लगभग 2.42 अरब डॉलर (करीब 20 हजार करोड़ रुपये) थी। लेकिन जुलाई 2025 तक यह लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपये) हो गई। जिसका कारण सप्लाई चेन में रुकावट और महंगाई बताया गया है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पहले बढ़ती हुई लागत को लेकर चिंता जताई थी, लेकिन कहीं न कहीं इसकी ऑपरेशनल जरूरतों के मुताबिक भारत इसकी खरीद को तैयार हुआ था। लेकिन टैरिफ की घोषणा के बाद अब रणनीतिक पुनर्मूल्यांकन फिर से शुरू हो गया है। हालांकि यह सौदा पूरी तरह रद्द नहीं हुआ है।

डील को अस्थायी रूप से रोका

भारत के पास फिलहाल 12 P-8I एयरक्राफ्ट हैं। पहली बार 2009 में भारत ने 8 विमान करीब 2.2 अरब डॉलर में खरीदे थे, इसके बाद 2016 में 4 और जोड़े गए। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत सरकार ने इस डील को अस्थायी रूप से रोक दिया है। रक्षा मंत्रालय अब इस सौदे की रणनीतिक पुनर्समीक्षा कर रहा है जिसमें बढ़ती लागत, भू राजनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता जैसे पहलुओं का मूल्यांकन किया जा रहा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दिखाए तेवर, टैरिफ विवाद के बीच भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत से किया इनकार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अपना तेवर दिखाया है। ट्रंप ने टैरिफ विवाद हल होने तक भारत के साथ किसी भी व्यापार वार्ता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का समाधान नहीं हो जाता, तब तक भारत के साथ कोई व्यापार वार्ता नहीं होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप के मनमाने टैरिफ के आगे भारत झुक नहीं रहा, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को परेशान कर रहा है। अब उनके बयान से ये बौखलाहट साफ नजर आ रही है।

बुधवार को ट्रंप ने एक नया आदेश जारी कर भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ थोप दिया, जिससे कुल टैक्स अब 50% हो गया है। ट्रंप से वॉशिंगटन में ओवल ऑफिस में जब एक पत्रकार ने पूछा कि 50% टैरिफ लगाने के बाद क्या बातचीत शुरू होगी, तो उन्होंने कहा- नहीं, पहले मसला (टैरिफ) सुलझे, फिर बात होगी।

पीएम मोदी ने कहा- मैं तैयार हूँ

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पहले से लगाए गए 25 प्रतिशत के टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया और अब उन्होंने भारत के साथ ट्रेड डील करने को लेकर भी बड़ी बात कह दी है। राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से ट्रैरिफ बढ़ाने के फैसले को लेकर भारत ने भी पलटवार किया। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। हमारे लिए किसानों का हित सबसे ऊपर है। भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी वालों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। मुझे पता है, इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं तैयार हूँ, भारत तैयार है!

ट्रंप ने बढ़ाया है टैरिफ

इससे पहले व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक कार्यकारी आदेश जारी कर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया। ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति संबंधी चिंताओं का हवाला दिया और विशेष रूप से भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात की ओर इशारा करते हुए टैरिफ बढ़ाने की बात कही। आदेश में दावा किया गया है कि ये आयात चाहे प्रत्यक्ष हों या बिचौलियों के माध्यम से, संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक असामान्य और असाधारण खतरा पेश करते हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रूसी तेल न खरीदने की बात कही है। लेकिन, विदेश मंत्रालय ने अपने निवेश हितों का हवाला देते हुए ऑयल इंपोर्ट रोकने से मना कर दिया।

टैरिफ अटैक के बीच पीएम मोदी का ट्रंप को साफ संदेश, बोले-किसानों-मछुआरों के हितों से समझौता नहीं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को साफ शब्दो में संदेश दिया है। डेनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इस पर पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अमेरिका जितना भी टैरिफ बढ़ा ले, लेकिन भारत किसी देश के आगे झुकने वाला नहीं है। पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी-पीएम मोदी

भारत के खिलाफ अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने पर पीएम मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि उनके लिए देश के किसान सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा।

इशारों-इशारों में पीएम मोदी का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। पीएम मोदी का यह बयान तब आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा जवाब दिया। बगैर डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए इशारों-इशारों में पीएम मोदी ने कड़ा संदेश दिया है।

अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया

अमेरिकी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कहा गया है कि रूसी तेल खरीद की वजह से भारत पर यह एक्शन लिया गया है। इससे पहले उन्होंने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। अब भारत पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। पीएम मोदी के इस बयान से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर पलटवार किया था।