When Diplomacy Meets Over Coffee: CD Foundation’s Decade-long Journey Inspires Global Bridges

New Delhi, September 12, 2025 — It wasn’t a conference room, but a coffee table that brought the world together on Friday morning at the Eros Hotel, New Delhi. Against the aroma of freshly brewed coffee and the warmth of Indian hospitality, diplomats, partners, and cultural leaders gathered to celebrate a rare milestone: ten years of CD Foundation’s cultural diplomacy.Founded in 2015 by Charu Das, Founder & Director, CD Foundation began as a small idea — a neutral, people-first space for embassies and communities to meet beyond politics. A decade later, it has blossomed into an internationally recognized platform spanning 45+ countries, proof that “soft power” can be stronger than any hard negotiation.

A Gathering of Nations

The Diplomatic Coffee Morning turned into a mini-United Nations in New Delhi, with dignitaries from Bangladesh, Belarus, China, Indonesia, Iran, Iraq, and Zambia among the attendees. Their presence not only lent gravitas but also reaffirmed the Coffee Morning’s reputation as a hub of genuine dialogue and exchange.

The event opened with a traditional lamp-lighting ceremony followed by a short film capturing CD Foundation’s journey — from Delhi’s embassy corridors to international festivals and partnerships shaping global conversations.

Voices of Influence

Dr. Amrendra Khatua, Former Secretary, Ministry of External Affairs, set the tone, reminding the audience that “where politics falters, culture succeeds.” His words were echoed by H.E. Mr. Oday Hatim Mohammed of Iraq and Mrs. Phalecy Mwenda Yambayamba of Zambia, who emphasized the shared future that diplomacy-through-culture could nurture.

The event’s global spirit was further amplified through a virtual address from H.E. Dr. Madan Mohan Sethi, Consul General of India in Auckland. His remarks spotlighted the India–New Zealand bridge of trade, tourism, and culture, underlining how cultural diplomacy carries real economic weight. Adding a local yet international flavor, Ms. Mahia Williams of the Whiria Collective (New Zealand) spoke of Māori–Indian collaborations not as symbolic, but as living exchanges.

Partnerships with Purpose

Beyond diplomacy, the Coffee Morning also recognized healthcare and humanitarian champions. Dr. Amit Luthra of Amolik Health Care highlighted India’s emerging role in medical diplomacy, while United Sikh drew attention to its relief efforts in flood-hit Punjab — a reminder that people-to-people diplomacy extends to those who need it most.

Looking Ahead

The celebration was not just about looking back but also about unveiling the future. Upcoming initiatives include:

India–UK Festival (Manchester & Leeds, November 2025)

Delegations to China (late 2025)

Reciprocal Festivals in India (early 2026)

Each marks a continuation of CD Foundation’s mission: to turn connections into collaborations.

A New Beginning at Ten

As the morning ended, there was no sense of closure — only continuity. Ten years may mark a milestone, but for CD Foundation, it is just the first chapter of a much bigger global story waiting to be written.

For more information you can visit https://www.cdfoundation.co.in/

 

पवन खेड़ा के पास 2 इपिक आईडी, भाजपा के दावे पर कांग्रेस नेता ने क्या-हमारी भाषा बोल रहे हैं

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लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। इस बीच भाजपा ने दावा किया है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के पास दो वोटर आईडी हैं। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के नाम पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में एक्टिव वोटर आईडी कार्ड मौजूद हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जो 'वोट चारी' को लेकर अभियान चला रहे हैं।

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को कहा कि एक तरफ राहुल गांधी जोर-जोर से 'वोट चोरी' का नारा लगा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा जो गांधी परिवार से अपनी नजदीकी दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते, उनके पास दो सक्रिय EPIC नंबर हैं। खेड़ा का नाम जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र (पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट) और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र (नई दिल्ली लोकसभा सीट) की वोटर लिस्ट में है।

चुनाव आयोग के लिए जांच का विषय-मालवीय

अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर दोनों इपिक नंबर जारी करते हुए कहा, यह अब चुनाव आयोग के लिए जांच का विषय है कि आखिर पवन खेड़ा के पास दो वोटर आईडी कैसे हैं और क्या उन्होंने एक से ज्यादा बार मतदान किया। यह चुनावी कानून का खुला उल्लंघन है।

पवन खेड़ा ने कसा तंज

इन आरोप पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, कांग्रेस यही सवाल तो चुनाव आयोग से कर रही है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया और काम करने की कार्यशैली पर ही हम सवाल उठा रहे हैं। अमित मालवीय बार-बार चुनाव आयोग पर जो आरोप लगा रहे हैं, हमारे साथ आकर लगाइए ना। मिलकर आरोप लगाने से शायद आपके माध्‍यम से हमें भी जवाब मिल जाएंगे। सुबह तो मुझे एक बार लगा कि वो कांग्रेस में आ गए हैं, क्‍योंकि यही सवाल तो हम उठा रहे हैं।

खेड़ा ने पूछा- नई दिल्‍ली विधानसभा में कौन डाल रहा वोट

पवन खेड़ा ने आगे कहा, अब मैं चुनाव आयोग से जानना चाहता हूं कि नई दिल्‍ली विधानसभा में किससे वोट डलवाया जा रहा है? मैं ये जानना चाहता हूं, मुझे वहां का सीसीटीवी फुटेज चाहिए। मेरा नाम अब तक उस विधानसभा की वोटर लिस्‍ट में क्‍यों है? मैं 2016 में वहां से शिफ्ट कर गया था। तब मैंने नाम कटवाने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया था, फिर अभी तक नाम क्‍यों है। इसी बात को राहुल गांधी 7 अगस्‍त से आज तक चुनाव आयोग से पूछ रहे हैं, सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ये चल क्‍या रहा है?'

सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए…महुआ मोइत्रा ने किसके लिए कही इतनी “बड़ी” बात

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पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्री अमित शाह पर विवादित बयान दिया है। मोइत्रा ने शुक्रवार को घुसपैठ मुद्दे पर कहा कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है। अगर घुसपैठ हो रही है तो अमित शाह का सिर काटकर टेबिल पर रख देना चाहिए।

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शुक्रवार को महुआ राज्य में अवैध घुसपैठ को लेकर जवाब दे रही थीं। इस दौरान टीएमसी नेता ने कहा- मैं पूछ रही हूं कि अगर हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करने वाला कोई नहीं है और लाखों-करोड़ों लोग भारत में घुस रहे हैं, अगर वे हमारी माताओं और बहनों पर बुरी नजर डाल रहे हैं, वे हमारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, तो सबसे पहले अमित शाह का सिर काटना चाहिए और मेज पर रखना चाहिए।

चिल्लाने से कुछ नहीं होगा-मोइत्रा

मोइत्रा ने आगे कहा कि 'केवल घुसपैठिया... घुसपैठिया... चिल्लाने से कुछ नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से कहा कि घुसपैठ हो रही है और उसकी वजह से डेमोग्राफी चेंज हो रही है, बाहर से लोग यहां आ रहे हैं। जिस वक्त वो ये बात कह रहे थे कि उस वक्त पहली पंक्ति में बैठे गृहमंत्री उनकी बात सुनकर तालियां बजा रहे थे, ये बेहद ही शर्मनाक है।

बीजेपी बोले-टीएमसी की हताशा और हिंसा की संस्कृति उजागर

बंगाल भाजपा ने उनके बयान से जुड़ा एक वीडियो भी एक्स पर शेयर किया। वहीं दूसरी पोस्ट में भाजपा ने लिखा- जब महुआ गृह मंत्री का सिर काटने की बात करती हैं, तो यह टीएमसी की हताशा और हिंसा की संस्कृति को उजागर करता है जो बंगाल की छवि को धूमिल कर रही है और राज्य को पीछे धकेल रही है। वहीं, महुआ के बयान को लेकर संदीप मजूमदार नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने नदिया कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

क्या है वो सलवा जुडूम केस? विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के फैसले को अमित शाह ने घेरा

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देश में उपराष्ट्रपति पद लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को घेरा है। शाह ने सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी पर हमला करते हुए कहा, उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज किया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक बना रहा। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार पद के लिए चुनने का आधार रही होगी।

एएनआ को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। यही वजह है कि देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है। उस समय नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे ले रहा था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी रक्षा के लिए सलवा जुडूम का गठन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नक्सलियों ने रातों रात एक आदेश जारी कर सबको बाहर निकाल दिया। कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमला हुए। उस स्कूल को भी तबाह कर दिया, जिसमें CRPF और सुरक्षा बल मौजूद थे।

क्या था सलवा जुडूम

छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यहां नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आंदोलन छेड़ा था। सलवा जुडूम का मतलब ‘शांति यात्रा’ होता है। ग्रामीणों ने नक्सलियों से अपनी सुरक्षा के लिए बिना किसी सरकारी मदद के शिविर स्थापित किए थे। बाद में बस्तर के इस अभियान को केंद्र और राज्य सरकार ने सहयोग दिया था। राज्य सरकार ने इस आंदोलन में कुछ सहायता प्रदान करनी शुरू कर दिया। इस आंदोलन का नेतृत्व बस्तर के युवा और स्थानीय लोग कर रहे थे।

नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में चला अभियान

आंदोलन से जुड़े लोगों ने नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में अभियान चलाया था। युवाओं ने अलग शिविर कैंपों की स्थापना की थी जिससे बच्चों को नक्सली विचारधारा से दूर रखा जा सके। हर गांव में नक्सलियों को खिलाफ अभियान चल पड़ा था। लोगों ने माओवादी विचारधारा का समर्थन करने वालों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया था। जब नक्सलियों ने इन शिविरों पर हमला करना शुरू किया तो सरकार ने आंदोलन के सदस्यों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करना शुरू कर दिया था। सलवा जुडूम आंदोलन में शामिल स्थानीय युवकों को SPO बनाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। युवाओं को SPO ट्रेनिंग देकर नक्सलियों के खिलाफ हमला किया जाता था।

कोर्ट ने सलवा जुडूम व्यवस्था पर लगाई थी रोक

मानवाधिकार और कई समाजसेवियों ने सलवा जुडूम का विरोध किया। सलवा जुडूम पर आरोप लगा कि इसमें निर्दोष ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लोगों के घर जलाने, जबरन कैंप में ले जाने और मानवाधिकार उल्लंघन समेत कई आरोप लगाए गए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नाबालिगों को हथियार देकर लड़ाई में झोंकना असंवैधानिक है। कोर्ट ने सलवा जुडूम और SPO व्यवस्था पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के जज थे विपक्ष के उम्मीदवार

सलवा जुडूम पर रोक लगाने का फैसला जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने दिया था। उन्होंने सुनाते हुए कहा था कि सलवा जुडूम की स्थापना गलत थी और इसे असंवैधानिक समानांतर व्यवस्था बताया था तथा इसे समाप्त करने का आदेश दिया था।

प्रधानमंत्री ने खुद पीएम पद शामिल करवाया, 130वें संशोधन पर अमित शाह का बड़ा बयान

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि विपक्ष की तीखी आलोचना के बावजूद संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हो जाएगा। यही नहीं, अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच साफ किया कि इस विधेयक में प्रधानमंत्री के पद को शामिल करने का प्रस्ताव स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था। बता दें कि हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में शाह ने यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को स्वतः हटाने का प्रस्ताव है, यदि उन्हें पांच साल या उससे अधिक कारावास की सजा वाले आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार और हिरासत में रखा जाता है।

जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर करारा हमला बोला। एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे कभी जेल गए, तो वे जेल से आसानी से सरकार चला लेंगे। जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से आदेश लेंगे।'

शाह का विपक्ष पर तंज

एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'मैं पूरे देश और विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या कोई भी नेता जेल से देश चला सकता है? क्या यह हमारे लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल है? आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे जेल से आसानी से सरकार बना लेंगे।

आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा-शाह

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि इस बिल में असुरक्षा जैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार होने के बाद अब जमानत मिलने तक जेल से सरकार नहीं चलेगी। यदि कोर्ट से जमानत मिल जाती है तो आप फिर से शपथ ले सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मामले में आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा।

ये एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा-शाह

शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद इस विधेयक में पीएम पद को शामिल किया है। पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को अदालती समीक्षा से बचाने की कोशिश की थी। लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाया, जिसमें कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि देश में आज देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या अधिक अधिक है और प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं। इसलिए यह विधेयक सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं, बल्कि एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा।

30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

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केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

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देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने दिलाई DGMO राजीव घई की याद

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बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर बार बार सवाल उठाने को लेकर मालवीय ने राहुल गांधी को घेरा है।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। वे यह क्यों नहीं पूछ रहे कि हमने पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट मार गिराए। राहुल यह भी बताएं कि उन्होंने ऐसे सफल ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई क्यों नहीं दी।

मुनीर और राहुल की फोटो मिलाकर बनाई

अमित मालवीय ने एक फोटो के साथ ट्वीट करते हुए यह बात कही। यह फोटो पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और राहुल गांधी की आधी-आधी फोटो को मिलाकर बनाई गई है। अमित मालवीय ने राहुल गांधी के सोमवार को किए गए ट्वीट के बाद यह सवाल किया है जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई एक कथित टिप्पणी को लेकर कहा था कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री को जवाब देना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है।

राहुल ने क्या कहा था?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब उस पर राजनीतिक बयानबाजी जोड़ पकड़ने लगी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर नए आरोप लगाए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि हमारे हमले से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी देना एक अपराध था। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। राहुल ने सवाल किया है कि ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया और इसके कारण हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?

आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे,किसी को बख्शा नहीं जाएगा... पहलगाम हमले पर अमित शाह की चेतावनी

#amitshahwarns_pakistan

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सख्त बयान दिया।

आतंक फैलाने वालों को अल्टीमेटम

गृह मंत्री ने कहा, मैं आज जनता को बताना चाहता हूं कि 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं, उनके खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। आज वे यह न समझें कि हमारे नागरिकों की जान लेकर वो ये लड़ाई जीत लेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई अंत नहीं है, एक मकाम है। एक-एक व्यक्ति को चुन-चुन कर इसका जवाब दिया जाएगा।

आतंकवाद के खात्मे लड़ाई जारी रहेगी-शाह

शाह ने आगे कहा कि अगर कोई कायराना हमला करके सोचता है कि यह उनकी बड़ी जीत है, तो एक बात समझ लें, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारा संकल्प है कि इस देश के हर कोने से आतंकवाद को उखाड़ फेंकेंगे और यह पूरा होगा। न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ी है। मैं इस संकल्प को दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने इसे अंजाम दिया है, उन्हें निश्चित रूप से उचित सजा दी जाएगी।

सेना को फ्री हैंड देकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकती सरकार, संजय राउत बोले- पहलगाम का असली बदला तो...

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस घटना से पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच केन्द्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान खिलाफ एक्शन के लिए सेना को फ्री हैंड दिया है। मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते-राउत

संजय राउत ने पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार की जवाबदेही बताते हुए कहा, आर्मी तो कश्मीर में है, फिर भी पहलगाम हमला हुआ। आर्मी के ऊपर छोड़कर आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। अगर बदला लेना है और असली श्रद्धांजलि देनी है, तो गृह मंत्रालय पर एक्शन लिया जाना चाहिए। इंटेलिजेंस क्यों फेल हुआ और आप क्या कर रहे थे? अगर सरकार किसी और की होती और हममें से कोई गृहमंत्री होता तो बीजेपी पूरे देश में हंगामा कर देती।

विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है-राउत

संजय राउत ने कहा कि सरकार की गलतियों का समर्थन नहीं किया जाएगा। सरकार बार-बार गलतियां कर रही है, यह नहीं चलेगा। उन्होंने अमित शाह का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जगह उनका कोई मंत्री होता तो वे भी इस्तीफा मांगते। राउत ने कहा कि विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है, इसमें गलत क्या है?

27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार-राउत

संजय राउत ने सर्वदलीय बैठक को बेकार बताते हुए कहा कि कश्मीर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। राउत ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सिर्फ ताली बजाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि विशेष सत्र बुलाया जाए और दो दिन कश्मीर पर चर्चा हो। राउत ने कहा कि 27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार हुए हैं। उन्होंने इसे सरकार की ओर से नरबलि बताया। उनके अनुसार, सरकार की लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान गई।

When Diplomacy Meets Over Coffee: CD Foundation’s Decade-long Journey Inspires Global Bridges

New Delhi, September 12, 2025 — It wasn’t a conference room, but a coffee table that brought the world together on Friday morning at the Eros Hotel, New Delhi. Against the aroma of freshly brewed coffee and the warmth of Indian hospitality, diplomats, partners, and cultural leaders gathered to celebrate a rare milestone: ten years of CD Foundation’s cultural diplomacy.Founded in 2015 by Charu Das, Founder & Director, CD Foundation began as a small idea — a neutral, people-first space for embassies and communities to meet beyond politics. A decade later, it has blossomed into an internationally recognized platform spanning 45+ countries, proof that “soft power” can be stronger than any hard negotiation.

A Gathering of Nations

The Diplomatic Coffee Morning turned into a mini-United Nations in New Delhi, with dignitaries from Bangladesh, Belarus, China, Indonesia, Iran, Iraq, and Zambia among the attendees. Their presence not only lent gravitas but also reaffirmed the Coffee Morning’s reputation as a hub of genuine dialogue and exchange.

The event opened with a traditional lamp-lighting ceremony followed by a short film capturing CD Foundation’s journey — from Delhi’s embassy corridors to international festivals and partnerships shaping global conversations.

Voices of Influence

Dr. Amrendra Khatua, Former Secretary, Ministry of External Affairs, set the tone, reminding the audience that “where politics falters, culture succeeds.” His words were echoed by H.E. Mr. Oday Hatim Mohammed of Iraq and Mrs. Phalecy Mwenda Yambayamba of Zambia, who emphasized the shared future that diplomacy-through-culture could nurture.

The event’s global spirit was further amplified through a virtual address from H.E. Dr. Madan Mohan Sethi, Consul General of India in Auckland. His remarks spotlighted the India–New Zealand bridge of trade, tourism, and culture, underlining how cultural diplomacy carries real economic weight. Adding a local yet international flavor, Ms. Mahia Williams of the Whiria Collective (New Zealand) spoke of Māori–Indian collaborations not as symbolic, but as living exchanges.

Partnerships with Purpose

Beyond diplomacy, the Coffee Morning also recognized healthcare and humanitarian champions. Dr. Amit Luthra of Amolik Health Care highlighted India’s emerging role in medical diplomacy, while United Sikh drew attention to its relief efforts in flood-hit Punjab — a reminder that people-to-people diplomacy extends to those who need it most.

Looking Ahead

The celebration was not just about looking back but also about unveiling the future. Upcoming initiatives include:

India–UK Festival (Manchester & Leeds, November 2025)

Delegations to China (late 2025)

Reciprocal Festivals in India (early 2026)

Each marks a continuation of CD Foundation’s mission: to turn connections into collaborations.

A New Beginning at Ten

As the morning ended, there was no sense of closure — only continuity. Ten years may mark a milestone, but for CD Foundation, it is just the first chapter of a much bigger global story waiting to be written.

For more information you can visit https://www.cdfoundation.co.in/

 

पवन खेड़ा के पास 2 इपिक आईडी, भाजपा के दावे पर कांग्रेस नेता ने क्या-हमारी भाषा बोल रहे हैं

#pawankherahastwovotercardsamitmalviyagave_proof

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं। इस बीच भाजपा ने दावा किया है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के पास दो वोटर आईडी हैं। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के नाम पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में एक्टिव वोटर आईडी कार्ड मौजूद हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जो 'वोट चारी' को लेकर अभियान चला रहे हैं।

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को कहा कि एक तरफ राहुल गांधी जोर-जोर से 'वोट चोरी' का नारा लगा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा जो गांधी परिवार से अपनी नजदीकी दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते, उनके पास दो सक्रिय EPIC नंबर हैं। खेड़ा का नाम जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र (पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट) और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र (नई दिल्ली लोकसभा सीट) की वोटर लिस्ट में है।

चुनाव आयोग के लिए जांच का विषय-मालवीय

अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर दोनों इपिक नंबर जारी करते हुए कहा, यह अब चुनाव आयोग के लिए जांच का विषय है कि आखिर पवन खेड़ा के पास दो वोटर आईडी कैसे हैं और क्या उन्होंने एक से ज्यादा बार मतदान किया। यह चुनावी कानून का खुला उल्लंघन है।

पवन खेड़ा ने कसा तंज

इन आरोप पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, कांग्रेस यही सवाल तो चुनाव आयोग से कर रही है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया और काम करने की कार्यशैली पर ही हम सवाल उठा रहे हैं। अमित मालवीय बार-बार चुनाव आयोग पर जो आरोप लगा रहे हैं, हमारे साथ आकर लगाइए ना। मिलकर आरोप लगाने से शायद आपके माध्‍यम से हमें भी जवाब मिल जाएंगे। सुबह तो मुझे एक बार लगा कि वो कांग्रेस में आ गए हैं, क्‍योंकि यही सवाल तो हम उठा रहे हैं।

खेड़ा ने पूछा- नई दिल्‍ली विधानसभा में कौन डाल रहा वोट

पवन खेड़ा ने आगे कहा, अब मैं चुनाव आयोग से जानना चाहता हूं कि नई दिल्‍ली विधानसभा में किससे वोट डलवाया जा रहा है? मैं ये जानना चाहता हूं, मुझे वहां का सीसीटीवी फुटेज चाहिए। मेरा नाम अब तक उस विधानसभा की वोटर लिस्‍ट में क्‍यों है? मैं 2016 में वहां से शिफ्ट कर गया था। तब मैंने नाम कटवाने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया था, फिर अभी तक नाम क्‍यों है। इसी बात को राहुल गांधी 7 अगस्‍त से आज तक चुनाव आयोग से पूछ रहे हैं, सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ये चल क्‍या रहा है?'

सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए…महुआ मोइत्रा ने किसके लिए कही इतनी “बड़ी” बात

#mahuamoitracontroversyamitshah

पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्री अमित शाह पर विवादित बयान दिया है। मोइत्रा ने शुक्रवार को घुसपैठ मुद्दे पर कहा कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय की होती है। अगर घुसपैठ हो रही है तो अमित शाह का सिर काटकर टेबिल पर रख देना चाहिए।

पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शुक्रवार को महुआ राज्य में अवैध घुसपैठ को लेकर जवाब दे रही थीं। इस दौरान टीएमसी नेता ने कहा- मैं पूछ रही हूं कि अगर हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करने वाला कोई नहीं है और लाखों-करोड़ों लोग भारत में घुस रहे हैं, अगर वे हमारी माताओं और बहनों पर बुरी नजर डाल रहे हैं, वे हमारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, तो सबसे पहले अमित शाह का सिर काटना चाहिए और मेज पर रखना चाहिए।

चिल्लाने से कुछ नहीं होगा-मोइत्रा

मोइत्रा ने आगे कहा कि 'केवल घुसपैठिया... घुसपैठिया... चिल्लाने से कुछ नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से कहा कि घुसपैठ हो रही है और उसकी वजह से डेमोग्राफी चेंज हो रही है, बाहर से लोग यहां आ रहे हैं। जिस वक्त वो ये बात कह रहे थे कि उस वक्त पहली पंक्ति में बैठे गृहमंत्री उनकी बात सुनकर तालियां बजा रहे थे, ये बेहद ही शर्मनाक है।

बीजेपी बोले-टीएमसी की हताशा और हिंसा की संस्कृति उजागर

बंगाल भाजपा ने उनके बयान से जुड़ा एक वीडियो भी एक्स पर शेयर किया। वहीं दूसरी पोस्ट में भाजपा ने लिखा- जब महुआ गृह मंत्री का सिर काटने की बात करती हैं, तो यह टीएमसी की हताशा और हिंसा की संस्कृति को उजागर करता है जो बंगाल की छवि को धूमिल कर रही है और राज्य को पीछे धकेल रही है। वहीं, महुआ के बयान को लेकर संदीप मजूमदार नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता ने नदिया कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

क्या है वो सलवा जुडूम केस? विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के फैसले को अमित शाह ने घेरा

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देश में उपराष्ट्रपति पद लिए 9 सितंबर को चुनाव होने हैं। एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष ने बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस बीच सलवा जुडूम फैसले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को घेरा है। शाह ने सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी पर हमला करते हुए कहा, उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज किया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक बना रहा। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार पद के लिए चुनने का आधार रही होगी।

एएनआ को दिए इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को खारिज कर आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया। यही वजह है कि देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला है। उस समय नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसे ले रहा था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने अपनी रक्षा के लिए सलवा जुडूम का गठन किया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद नक्सलियों ने रातों रात एक आदेश जारी कर सबको बाहर निकाल दिया। कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमला हुए। उस स्कूल को भी तबाह कर दिया, जिसमें CRPF और सुरक्षा बल मौजूद थे।

क्या था सलवा जुडूम

छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। यहां नक्सलियों के खिलाफ स्थानीय लोगों ने आंदोलन छेड़ा था। सलवा जुडूम का मतलब ‘शांति यात्रा’ होता है। ग्रामीणों ने नक्सलियों से अपनी सुरक्षा के लिए बिना किसी सरकारी मदद के शिविर स्थापित किए थे। बाद में बस्तर के इस अभियान को केंद्र और राज्य सरकार ने सहयोग दिया था। राज्य सरकार ने इस आंदोलन में कुछ सहायता प्रदान करनी शुरू कर दिया। इस आंदोलन का नेतृत्व बस्तर के युवा और स्थानीय लोग कर रहे थे।

नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में चला अभियान

आंदोलन से जुड़े लोगों ने नक्सलियों का विरोध में पूरे बस्तर में अभियान चलाया था। युवाओं ने अलग शिविर कैंपों की स्थापना की थी जिससे बच्चों को नक्सली विचारधारा से दूर रखा जा सके। हर गांव में नक्सलियों को खिलाफ अभियान चल पड़ा था। लोगों ने माओवादी विचारधारा का समर्थन करने वालों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया था। जब नक्सलियों ने इन शिविरों पर हमला करना शुरू किया तो सरकार ने आंदोलन के सदस्यों को विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के रूप में नियुक्त करना शुरू कर दिया था। सलवा जुडूम आंदोलन में शामिल स्थानीय युवकों को SPO बनाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। युवाओं को SPO ट्रेनिंग देकर नक्सलियों के खिलाफ हमला किया जाता था।

कोर्ट ने सलवा जुडूम व्यवस्था पर लगाई थी रोक

मानवाधिकार और कई समाजसेवियों ने सलवा जुडूम का विरोध किया। सलवा जुडूम पर आरोप लगा कि इसमें निर्दोष ग्रामीणों को प्रताड़ित किया जा रहा है। लोगों के घर जलाने, जबरन कैंप में ले जाने और मानवाधिकार उल्लंघन समेत कई आरोप लगाए गए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि नाबालिगों को हथियार देकर लड़ाई में झोंकना असंवैधानिक है। कोर्ट ने सलवा जुडूम और SPO व्यवस्था पर रोक लगा दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के जज थे विपक्ष के उम्मीदवार

सलवा जुडूम पर रोक लगाने का फैसला जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने दिया था। उन्होंने सुनाते हुए कहा था कि सलवा जुडूम की स्थापना गलत थी और इसे असंवैधानिक समानांतर व्यवस्था बताया था तथा इसे समाप्त करने का आदेश दिया था।

प्रधानमंत्री ने खुद पीएम पद शामिल करवाया, 130वें संशोधन पर अमित शाह का बड़ा बयान

#homeministeramitshahonoppositionstandagainst130thconstitutionalamendment_bill

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्वास व्यक्त किया कि विपक्ष की तीखी आलोचना के बावजूद संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हो जाएगा। यही नहीं, अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच साफ किया कि इस विधेयक में प्रधानमंत्री के पद को शामिल करने का प्रस्ताव स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था। बता दें कि हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र में शाह ने यह विधेयक पेश किया। इस विधेयक में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को स्वतः हटाने का प्रस्ताव है, यदि उन्हें पांच साल या उससे अधिक कारावास की सजा वाले आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार और हिरासत में रखा जाता है।

जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर करारा हमला बोला। एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे कभी जेल गए, तो वे जेल से आसानी से सरकार चला लेंगे। जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से आदेश लेंगे।'

शाह का विपक्ष पर तंज

एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, 'मैं पूरे देश और विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि क्या कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री या कोई भी नेता जेल से देश चला सकता है? क्या यह हमारे लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल है? आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे जेल से आसानी से सरकार बना लेंगे।

आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा-शाह

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि इस बिल में असुरक्षा जैसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार होने के बाद अब जमानत मिलने तक जेल से सरकार नहीं चलेगी। यदि कोर्ट से जमानत मिल जाती है तो आप फिर से शपथ ले सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मामले में आरोप मुक्त होने पर पद बहाल हो जाएगा।

ये एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा-शाह

शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद इस विधेयक में पीएम पद को शामिल किया है। पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को अदालती समीक्षा से बचाने की कोशिश की थी। लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाया, जिसमें कहा गया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि देश में आज देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या अधिक अधिक है और प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं। इसलिए यह विधेयक सिर्फ विपक्ष के लिए नहीं, बल्कि एनडीए के मुख्यमंत्रियों पर भी लागू होगा।

30 दिन हिरासत में रहे तो चली जाएगी पीएम-सीएम की कुर्सी, लोकसभा में बिल पेश, विपक्ष ने फाड़ी विधेयक की कॉपी

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केंद्र सरकार ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 130वां संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला। विपक्षी सांसदों ने बिल का विरोध किया। उन्होंने विधेयक की कॉपी सदन में ही फाड़ दिया और इसे केंद्रीय गृह मंत्री के ऊपर फेंक दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत के संविधान का संशोधन करने वाले विधेयक को स्थापित करनी की अनुमति दी जाए। जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन स्थापित करने की अनुमति दी जाए। मैं प्रस्ताव करता हूं संघ राज्य क्षेत्र शासन अधिनयम 1963 वाले विधेयक को स्थापित करने की अनुमति दी जाए।

बिल की प्रतियां फाड़कर शाह की ओर फेंकी गईं

जिसपर लोकसभा में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल ने तीनों बिल का भारी विरोध किया और उसे वापस लेने की मांग भी की है। लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियाँ फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।

गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश

सदन में हंगामे के बाद अमित शाह ने कहा कि इस बिल को संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया। राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों की समिति बनेगी। सत्ताधारी दल की तरफ जिसे ट्रेज़री बेंच कहते हैं उसे विपक्षी सांसदों ने घेर लिया और गृहमंत्री के माइक को मोड़ने की कोशिश की गई। जमकर हंगामा हुआ और सदन के अंदर स्थिति तनाव ग्रस्त हो गई। सत्ता पक्ष की तरफ से भी कई सांसदों ने गृहमंत्री के बचाव में आकर विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की। सत्ता पक्ष से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरण रिजिजू, शतीश गौतम ने गृहमंत्री के पास नारा लगा रहे आक्रमक सांसदों को रोकने का प्रयास किया।

हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित

संसद के वेल में नारेबाजी की शुरुआत टीएमसी के सांसदों ने की। टीएमसी सांसदों ने बिल इंट्रोड्यूस होने के वक्त से ही लगातार वेल में नारेबाजी शुरू कर दी थी। बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव के सी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से ही बिल की कॉपी फाड़कर उछाल दी। उसके बाद सारे कांग्रेस सांसद वेल में उतर गए। वेणुगोपाल के बाद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल की कॉपी अपनी सीट से ही फाड़कर फेंक दी और सभी समाजवादी पार्टी सांसद वेल में उतर गए। बाद में जब गृहमंत्री बिल को प्रस्थापित कर रहे थे तब सभी विपक्षी दल के संसद लोकसभा वेल में उतरकर जबरदस्त हंगामा करते नजर आए और एक बार हालत बिगड़ते हुए नजर आए। सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

कहां हैं जगदीप धनखड़? संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, कहा-नहीं हो पा रहा संपर्क

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देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के पीछे का कारण उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को बताया था। धनखड़ के पद छोड़े 19 दिन से अधिक हो गए हैं लेकिन इसके बाद से अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। इस्तीफे के बाद अब तक उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है। न ही उनका कोई बयान सामने आया है। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। संजय राउत का कहना है कि जगदीप धनखड़ का कोई पता नहीं चल रहा है। उनसे न फोन पर संपर्क हो रहा और न उनके स्टाफ जवाब दे रहे हैं। यही नहीं, संजय राउत ने हैबियस कॉर्पस याचिका की चेतावनी दी है।

संजय राउत ने अमित शाह को यह खत 10 अगस्त को लिखा। इस पत्र में संजय राउत ने बताया कि कई सांसदों ने जगदीप धनखड़ से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उनके स्टाफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। पत्र में कहा कि 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्यवाही सामान्य रूप से संचालित की थी। वह इस दौरान पूरी तरह स्वस्थ दिखाई दे रहे थे। लेकिन उसी शाम को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया। संजय राउत के मुताबिक, तब से अब तक जगदीप धनखड़ की सेहत या ठिकाने को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

आवास में नजरबंद हैं धनखंड?

राउत का दावा है कि दिल्ली में ऐसी अफवाहें फैल रही हैं कि उपराष्ट्रपति को उनके आवास में नजरबंद किया गया है और वे सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने इस स्थिति को चौंकाने वाली और चिंताजनक बताते हुए सवाल उठाया कि उनके हालात और स्थान को लेकर पारदर्शिता क्यों नहीं है, जबकि देश को सच जानने का अधिकार है।

हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने की चेतावनी

संजय राउत ने अपने पत्र में आगे खुलासा किया कि कुछ राज्यसभा सदस्य उपराष्ट्रपति की कुशलता जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कानूनी कदम उठाने से पहले उन्होंने गृह मंत्री से आधिकारिक जानकारी देने की मांग की। शिवसेना नेता ने शाह से आग्रह किया कि उपराष्ट्रपति की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सच्ची जानकारी सार्वजनिक की जाए, ताकि सभी अटकलों पर विराम लग सके।

कपिल सिब्बल ने भी सरकार से मांगा जवाब

संजय राउत से पहले राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सरकार से जवाब मांगा था। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके इस्तीफे के बाद से हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता चला है। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैंने पहले 'लापता लेडीज' के बारे में सुना था, लेकिन 'लापता' उपराष्ट्रपति के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। अब लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था लेकिन उन्होंने नहीं उठाया बल्कि उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई फोन नहीं उठा रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में हम क्या करें?

राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने दिलाई DGMO राजीव घई की याद

#amitmalviyassharpattackrahul_gandhi

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने कहा कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर बार बार सवाल उठाने को लेकर मालवीय ने राहुल गांधी को घेरा है।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि राहुल पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं। वे यह क्यों नहीं पूछ रहे कि हमने पाकिस्तान के कितने फाइटर जेट मार गिराए। राहुल यह भी बताएं कि उन्होंने ऐसे सफल ऑपरेशन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई क्यों नहीं दी।

मुनीर और राहुल की फोटो मिलाकर बनाई

अमित मालवीय ने एक फोटो के साथ ट्वीट करते हुए यह बात कही। यह फोटो पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और राहुल गांधी की आधी-आधी फोटो को मिलाकर बनाई गई है। अमित मालवीय ने राहुल गांधी के सोमवार को किए गए ट्वीट के बाद यह सवाल किया है जिसमें उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई एक कथित टिप्पणी को लेकर कहा था कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री को जवाब देना चाहिए। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है।

राहुल ने क्या कहा था?

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब उस पर राजनीतिक बयानबाजी जोड़ पकड़ने लगी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर नए आरोप लगाए गए हैं। राहुल गांधी ने कहा है कि हमारे हमले से पहले पाकिस्तान को इसकी जानकारी देना एक अपराध था। राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया। राहुल ने सवाल किया है कि ऐसा करने के लिए किसने अधिकृत किया और इसके कारण हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?

आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे,किसी को बख्शा नहीं जाएगा... पहलगाम हमले पर अमित शाह की चेतावनी

#amitshahwarns_pakistan

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आतंकियों को चुन-चुनकर मारेंगे। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सख्त बयान दिया।

आतंक फैलाने वालों को अल्टीमेटम

गृह मंत्री ने कहा, मैं आज जनता को बताना चाहता हूं कि 90 के दशक से कश्मीर में जो आतंकवाद चला रहे हैं, उनके खिलाफ हम जीरो टॉलरेंस की नीति पर मजबूती के साथ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। आज वे यह न समझें कि हमारे नागरिकों की जान लेकर वो ये लड़ाई जीत लेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैं सभी आतंक फैलाने वालों को कहना चाहता हूं कि यह लड़ाई अंत नहीं है, एक मकाम है। एक-एक व्यक्ति को चुन-चुन कर इसका जवाब दिया जाएगा।

आतंकवाद के खात्मे लड़ाई जारी रहेगी-शाह

शाह ने आगे कहा कि अगर कोई कायराना हमला करके सोचता है कि यह उनकी बड़ी जीत है, तो एक बात समझ लें, यह नरेंद्र मोदी की सरकार है, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारा संकल्प है कि इस देश के हर कोने से आतंकवाद को उखाड़ फेंकेंगे और यह पूरा होगा। न केवल 140 करोड़ भारतीय बल्कि पूरी दुनिया इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ी है। मैं इस संकल्प को दोहराना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने इसे अंजाम दिया है, उन्हें निश्चित रूप से उचित सजा दी जाएगी।

सेना को फ्री हैंड देकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकती सरकार, संजय राउत बोले- पहलगाम का असली बदला तो...

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस घटना से पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। इस बीच केन्द्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान खिलाफ एक्शन के लिए सेना को फ्री हैंड दिया है। मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना को अपने हिसाब से पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन लेने की आजादी दे दी है। इसके बाद उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है।

आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते-राउत

संजय राउत ने पहलगाम हमले पर केंद्र सरकार की जवाबदेही बताते हुए कहा, आर्मी तो कश्मीर में है, फिर भी पहलगाम हमला हुआ। आर्मी के ऊपर छोड़कर आप जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। अगर बदला लेना है और असली श्रद्धांजलि देनी है, तो गृह मंत्रालय पर एक्शन लिया जाना चाहिए। इंटेलिजेंस क्यों फेल हुआ और आप क्या कर रहे थे? अगर सरकार किसी और की होती और हममें से कोई गृहमंत्री होता तो बीजेपी पूरे देश में हंगामा कर देती।

विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है-राउत

संजय राउत ने कहा कि सरकार की गलतियों का समर्थन नहीं किया जाएगा। सरकार बार-बार गलतियां कर रही है, यह नहीं चलेगा। उन्होंने अमित शाह का इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जगह उनका कोई मंत्री होता तो वे भी इस्तीफा मांगते। राउत ने कहा कि विपक्ष का काम ही सवाल उठाना है, इसमें गलत क्या है?

27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार-राउत

संजय राउत ने सर्वदलीय बैठक को बेकार बताते हुए कहा कि कश्मीर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। राउत ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सिर्फ ताली बजाने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि विशेष सत्र बुलाया जाए और दो दिन कश्मीर पर चर्चा हो। राउत ने कहा कि 27 लोग सरकार की लापरवाही के शिकार हुए हैं। उन्होंने इसे सरकार की ओर से नरबलि बताया। उनके अनुसार, सरकार की लापरवाही के कारण इतने लोगों की जान गई।