ऑपरेशन सिंदूर' क्यों रखा गया मिशन का नाम? अमेरिका में शशि थरूर ने दिया ये जवाब

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कांग्रेस नेता शशि थरूर अमेरिका में हैं। थरूर भारत की तरफ से दुनियाभर में भेजे गए डेलीगेशन का हिस्सा हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखना है। कांग्रेस नेता ने यूएस स्थित नेशनल प्रेस क्लब में एक बातचीत के दौरान बताया कि आखिर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम क्यों दिया। थरूर ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है। उन्होंने सिंदूर के महत्व को बताते हुए कहा कि यह रंग खून से अलग नहीं है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना?

बुधवार को अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाद सत्र के दौरान यह पूछे जाने पर कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर, वास्तव में, मुझे लगा कि यह एक शानदार नाम है। सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो यह सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं अपनी मांग में लगाती है। यह व्यापक रूप से प्रचलित है। कुछ गैर-हिंदू भी इसे करते हैं। सिंदूर विवाह समारोह के समय लगाया जाता है और उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं। इसलिए, हम इन क्रूर आतंकवादियों के बारे में बहुत सचेत थे, जिन्होंने पति को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने गोली मार दी। आतंकियों ने महिलाओं को छोड़ दिया और जब एक पत्नी चिल्लाई, ‘मुझे भी मार दो’, तो उसे कहा गया, नहीं, ‘तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है।’ इसी कारण से महिलाएं इस जघन्य, वीभत्स कृत्य से बच गईं।

सिंदूर का रंग खून के रंग से बहुत अलग नहीं-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि उस सिंदूर को वास्तव में 26 भारतीय महिलाओं के माथे से मिटा दिया गया था, मैं हिंदू महिलाएं कहने वाला था, लेकिन उनमें से एक वास्तव में ईसाई थी, लेकिन बाकी सभी के माथे का सिंदूर इन आतंकवादी घटना में मिटा दिया गया। इसलिए हम सबसे पहले सिंदूर मिटाने की उस घटना का बदला लेना चाहते थे। लेकिन, दूसरी बात, यह कोई संयोग नहीं है कि सिंदूर का रंग लाल है, जो खून के रंग से बहुत अलग नहीं है, और कई मायनों में एक हिंदी मुहावरा है कि ‘खून का बदला खून’; यहां यह ‘सिंदूर का बदला खून’ होगा, यानी सिंदूर के साथ जो कुछ भी किया गया है, उसके जवाब में खून।

रांची जिले में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अप्रैल माह की सम्मान राशि का भुगतान: 3.40 लाख लाभुकों को 85 करोड़ रुपये का लाभ

रांची जिले में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अप्रैल माह की 2500 रुपये की सम्मान राशि लाभुकों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। प्रथम चरण में 3 लाख 40 हजार से ज्यादा लाभुकों को आधार बेस्ड सम्मान राशि का भुगतान किया गया है, जिसमें कुल 85 करोड़ 01 लाख 57 हजार 500 रुपये की राशि शामिल है।

लाभुकों की संख्या ब्लॉकवार:

- अनगड़ा: 14,022

- बेड़ो: 16,874

- बुंडू: 7,385

- बुड़मू: 14,812

- चान्हो: 16,525

- ईटकी: 8,554

- कांके: 28,432

- खलारी: 7,631

- लापुंग: 8,770

- मांडर: 19,941

- नगड़ी: 15,140

- नामकुम: 14,436

- ओरमांझी: 16,560

- राहे: 8,154

- रातू: 15,002

- सिल्ली: 17,745

- सोनाहातू: 11,236

- तमाड़: 15,387

- अरगोड़ा शहरी क्षेत्र: 13,575

- बड़गाईं शहरी क्षेत्र: 10,030

- हेहल शहरी क्षेत्र: 16,376

- सदर शहरी क्षेत्र: 25,634

- कांके शहरी क्षेत्र: 997

- नगड़ी शहरी क्षेत्र: 6,689

- नामकुम शहरी क्षेत्र: 7,086

- बुंडू नगर पंचायत: 3,070

महत्वपूर्ण जानकारी:

- जिन लाभुकों का आवेदन पूर्व में स्वीकृत है और उन्होंने अपना आधार सीडिंग बैंक खाते से नहीं कराया है, उन्हें अपना आधार सीडिंग कराना अनिवार्य है।

- जिला में भौतिक सत्यापन का कार्य जारी है, और शेष सुयोग्य लाभुकों को भौतिक सत्यापन के बाद योजना का लाभ मिलेगा।

- जून में लाभुकों को मई और जून की संयुक्त किस्त के रूप में 5000 रुपये मिलने की उम्मीद है

पटरातू में बालिका सशक्तिकरण मिशन का भव्य समापन समारोह: आत्मविश्वास और सामुदायिक भागीदारी का प्रतीक

पटरातू में पीवीयूएनएल द्वारा आयोजित गर्ल्स एम्पावरमेंट मिशन (GEM) का समापन समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बालिकाओं ने गणेश वंदना और स्वच्छता पखवाड़ा पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गौरव गोस्वामी, आईपीएस, एएसपी, पटरातू थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री आर. के. सिंह, सीईओ, पीवीयूएनएल और श्रीमती रीता सिंह, अध्यक्ष, स्वर्णरेखा महिला समिति उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम की विशेषताएं

- बालिकाओं की प्रस्तुतियां: बालिकाओं ने गणेश वंदना और स्वच्छता पखवाड़ा पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया।

- फिल्म का विमोचन: GEM पर आधारित एक प्रेरणादायक फिल्म का विमोचन किया गया, जिसमें शिविर की गतिविधियों और बालिकाओं की प्रगति को चित्रित किया गया।

कार्यक्रम का महत्व

- आत्मविश्वास में वृद्धि: कार्यक्रम ने बालिकाओं के आत्मविश्वास को सशक्त किया।

- सामुदायिक भागीदारी: कार्यक्रम ने सामुदायिक भागीदारी और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ

गया जी में 11 माह की बच्ची से रेप की घटना, चचेरे मामा ने दिया घटना को अंजाम, पुलिस ने मामा को दबोचा, पूछताछ जारी

गया जी (मनीष कुमार): गया जिले के आमस थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां 11 माह की बच्ची से रेप की घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना को अंजाम चचेरे मामा ने दे दिया है।

इस घटना के बाद गया के पुलिस कप्तान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष को जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने कि चेतावनी दी है। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची की हालत गंभीर है।

मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। परिजनों ने बताया कि बुधवार रात 8 बजे आरोपी घर आया था। बच्ची अपने कमरे में थी। घुमाने का बहाना बनाकर उसे बाहर लेकर चला गया। करीब आधे घंटे बाद लौटा। बच्ची को बेड पर लिटाकर तेजी से भाग गया।

इस दौरान बच्ची रोने लगी। मां ने जब गोद उठाया तो देखा कि प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा है। परिवार को सदस्यों को इसकी जानकारी दी गई। आनन-फानन में डायल-112 को सूचना दी गई।

5 मिनट के अंदर टीम मौके पर पहुंची। बच्ची को

अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पता चला कि उसके

साथ गलत काम हुआ है जो उसके चचेरे मामा

ने किया है। क्योंकि वहीः उसको बाहर लेकर गया

था। इसके बाद अस्पताल में मौजूद आमस पुलिस

को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने त्वरित

कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

पूरी तरह से टूट चुका हूं”, आरसीबी की विक्ट्री परेड भगदड़ पर बोले विराट कोहली

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बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई। इससे 11 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 33 लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे पर आरसीबी के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली ने प्रतिक्रिया दी है। विराट कोहली ने कहा कि उनका दिल टूट गया है और वो निशब्द हैं।

कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा- 'मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। पूरी तरह से टूट गया हूं।' उन्होंने हार्टब्रेक का इमोजी भी बनाया। विराट कोहली ने भगदड़ के बारे में आरसीबी का आधिकारिक बयान साझा किया है। आरसीबी ने हादसे के बाद एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्हें इस हादसे से दुख हुआ है।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ पर कहा, हमें बेंगलुरु में आज दोपहर मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए मिली घटनाओं की जानकारी से काफी दुख हुआ। सभी की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। आरसीबी इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के लिए शोक व्यक्त करता है और हमारी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। हालात की जानकारी मिलते ही हमने तुरंत अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों और सलाह का पालन किया। हम अपने सभी समर्थकों से अनुरोध करते हैं कि कृपया सुरक्षित रहें।

आरसीबी के आईपीएल जीतने पर बेंगलुरु में जश्न मनाया जा रहा था। मंगलवार को आईपीएल में अपना पहला टाइटल जीता था। टीम ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराया। आरसीबी की टीम जब बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची, तब वहां हजारों आरसीबी फैंस मौजूद थे। आरसीबी की टीम का विधानसभा में कर्नाटक सरकार ने सम्मान किया।

एक प्रोग्राम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी था। स्टेडियम के बाहर लाखों की भीड़ जमा हो गई थी। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

*ভারতীয় জ্যোতিষের মূল কথা*

ডেস্ক: জ্যোতিষশাস্ত্র হলো এমন একটি শাস্ত্র, যা নভোমণ্ডলে বিভিন্ন জ্যোতিষ্ক অর্থাৎ গ্রহ-নক্ষত্র ইত্যাদির অবস্থান বিবেচনা করে মানুষের ভাগ্যগণনা তথা ভাগ্য নিরূপণ করে। যারা এরূপে ভাগ্য গণনা করে তাদের বলা হয় জ্যোতিষ। জ্যোতিষ একটি সংস্কৃত শব্দ। এই শব্দের একটি অর্থ হল “জ্যোতির্বিষয়ক” এবং অস্ত্যর্থে এই শব্দের একটি অর্থ হল জ্যোতিষশাস্ত্রবিৎ; অন্য অর্থ ‘জ্যোতির্ব্বিৎ’। জ্যোতিষ ৬ টি বেদাঙ্গের অন্যতম। বেদাঙ্গ জ্যোতিষের উপলব্ধ শ্লোকগুলিতে মূলত সূর্য্য-চন্দ্রের আবর্তন এবং ঋতুপরিবর্তন সংক্রান্ত বিষয় আলোচিত হয়েছে। বেদ লিপিবদ্ধকরণের সময় যজ্ঞানুষ্ঠানের দিন, মূহুর্তাদি ও ক্ষণ নির্ণয়েও জ্যোতিষের বহুল ব্যবহার ছিল। উল্লেখ্য এ যে, সে সময় জ্যোতির্বিদ্যা ও জ্যোতিষবিদ্যা অভিন্ন ছিল।

বর্তমানে প্রশ্নকর্তার জন্মসময়, তারিখ ও জন্মস্থানের ভিত্তিতে, জন্মকালে মহাকাশে গ্রহের অবস্থান নিরুপণ করে অথবা প্রশ্নের সময় গ্রহাদির অবস্থান নির্ণয় করে অথবা হস্তরেখাবিচার, শরীরের চিহ্নবিচারসহ বিভিন্ন পদ্ধতির ব্যবহারে প্রশ্নকর্তার ভবিষ্যতের গতি প্রকৃতি নির্ধারণ করার জ্ঞান ও পদ্ধতিকে জ্যোতিষশাস্ত্র বলা হয়।আবার জ্যোতিষশাস্ত্রের একটি বিভাগ দেশ, রাজ্য, শহর, গ্রাম ইত্যাদির এবং প্রাকৃতিক ঘটনাবলীর যেমন বৃষ্টি,অতিবৃষ্টি,অনাবৃষ্টি, ভূমিকম্প, ঝড়, ঝঞ্ঝা, মহামারি বা প্লাবণের ভবিষ্যদ্বাণী করতেও ব্যবহৃত হয়।

बेंगलुरु में जानलेवा जश्नः चिन्नास्वामी के बाहर आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़, 11 लोगों की मौत

#bengaluru_rcb_victory_rally_tragedy

जीत का जश्न मातम में बदल गया। बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल 2025 ट्रॉफी जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड में बड़ा हादसा हो गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए।

इस साल आईपीएल में आरसीबी ने पहली बार खिताब पर कब्जा किया। पहली बार ट्रॉफी जीतने के बाद फैंस बुधवार को अपनी पसंदीदा टीम के साथ जश्न मनाना चाह रहे थे। जैसे ही टीम बेंगलुरू पहुंची और सेलिब्रेशन का शेड्यूल आया तो प्रशंसक एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की ओर चल पड़े।अनुमान है कि करीब 5 लाख लोग इस जश्न में शामिल होने पहुंचे थे, जबकि स्टेडियम की कुल क्षमता सिर्फ 40,000 लोगों की है। अधिक भीड़ के बावजूद लोग जबरन स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रहे थे।

इसी दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, कई लोग गिर पड़े और एक-दूसरे के पैरों तले कुचले गए। चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के बाद हर तरफ चीख पुकार मची थी। रिपोर्ट के अनुसार कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वे बेहोश हो गए।

पुलिस सूने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए मुख्य वजह विजय परेड को लेकर असमंजस, फ्री पास, अत्यधिक भीड़ और चिन्नास्वामी स्टेडियम में सीमित सीटों को बताया है। उन्होंने कहा कि आरसीबी टीम के स्वागत के लिए बंगलूरू के क्रिकेट प्रेमी मंगलवार रात से ही सड़कों पर उमड़े हुए थे। बुधवार को राज्य विधानसभा में जब टीम का स्वागत किया गया तब भी भारी भीड़ जमा थी। वहीं, चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न को लेकर उसके बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि इस दौरान कई ऐसे लोग जिनके पास स्टेडियम में जाने के लिए वैध टिकट नहीं था, वे टिकट वालों के साथ अंदर घुसने की कोशिश करने लगे, जब उन्हें रोका गया तो अफरातफरी मच गई। इस दौरान स्टेडियम में घुसने के लिए कई लोग उसके गेटों पर चढ़ने की कोशिश करते समय जमीन पर भी गिर गए, तथा कुछ घायल हो गए।

नेपाल में भारत की प्रतिष्ठित संस्था यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का ऐतिहासिक आयोजन – राज लुइटेल ने रचा इतिहास

काठमांडू, नेपाल - 31 मई 2025 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक ऐतिहासिक दिन देखा गया, जब भारत की प्रतिष्ठित संस्था यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का भव्य और प्रतिष्ठित आयोजन नरूलाज़ एंड कंपनी द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आयोजन की मुख्य आयोजिका रहीं डॉ. शिखा नरूला, जो यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं और नरूलाज़ एंड कंपनी की संस्थापक भी हैं।

राज लुइटेल को यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से नवाजा गया– एक ऐसा नाम जिसने नेपाल की संस्कृति को विश्व के सबसे ऊंचे मंच तक पहुँचाया

राज लुइटेल नेपाल के सांस्कृतिक और आयोजन जगत का एक प्रतिष्ठित और प्रेरणादायक नाम हैं। एक जुझारू दूरदर्शी आयोजक और सांस्कृतिक राजदूत के रूप में उन्होंने नेपाल की पहचान को अंतरराष्ट्रीय ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।

राज लुइटेल ने विश्व की सबसे ऊंची जगह पर फिल्माया गया म्यूजिक वीडियो डायरेक्ट करके इतिहास रच दिया। यह ऐतिहासिक शूट 5,105 मीटर (16,748 फीट) की ऊंचाई पर नेपाल के तिलिचो में हुआ और इसे यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा विश्व रिकॉर्ड के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।

400 से अधिक प्रतिष्ठित आयोजनों के सूत्रधार

राज लुइटेल न केवल एक इवेंट डायरेक्टर हैं, बल्कि एक दूरदर्शी इवेंट डायरेक्टर भी हैं। वे अब तक नेपाल में 400 से अधिक सांस्कृतिक, फैशन और राष्ट्रीय आयोजनों का सफल संचालन कर चुके हैं, जिनमें उन्होंने स्थानीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच दिया और नेपाल की संस्कृति को सृजनात्मक रूप से प्रस्तुत किया।

संगीत जिसमें पर्वतों की आत्मा बसती है

राज लुइटेल द्वारा निर्देशित कई संगीत एल्बम न केवल नेपाल की भावनाओं से जुड़ते हैं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और प्रकृति का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करते हैं। उनका विश्व रिकॉर्ड म्यूजिक वीडियो न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि एक सांस्कृतिक श्रद्धांजलि भी है।

पुरस्कारों की एक लंबी श्रृंखला

राज लुइटेल को अब तक 200 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें शामिल हैं:

दादा साहब फाल्के आइकन अवॉर्ड

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सेवा सम्मान

यूरोपियन रिकॉर्ड्स बुक – सर्वश्रेष्ठ पत्रकार सम्मान

ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑनर

महात्मा गांधी इंटरनेशनल अवॉर्ड

इंटरनेशनल आइकन अवॉर्ड

वे पहले ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सर्वाधिक म्यूजिक वीडियो निर्देशन के लिए दर्ज हो चुके हैं।

एक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व

राज लुइटेल की यात्रा काठमांडू की तिलिचो की ऊँचाइयों तक, एक ऐसे शख्स की कहानी है जिसने साहस, रचनात्मकता और मातृभूमि से प्रेम के बल पर असंभव को संभव किया। वे आज नेपाल के लिए ही नहीं, समूचे दक्षिण एशिया के लिए एक प्रेरणा हैं।

गौरवशाली अतिथियों की उपस्थिति में एक ऐतिहासिक क्षण

इस ऐतिहासिक आयोजन की गरिमा को बढ़ाया नेपाल के माननीय विशिष्ट अतिथियों ने:

माननीय नारायण दहाल – अध्यक्ष, राष्ट्रीय सभा, नेपाल

माननीय संतोष चालिसे – अध्यक्ष, वित्त समिति / सांसद

माननीय अब्दुल खान – सांसद, उद्योग एवं उपभोक्ता कल्याण समिति

श्रीमती अनुराधा कोइराला – पद्मश्री सम्मानित, संस्थापक – माईती नेपाल

श्रीमती उर्मिला श्रेष्ठा – उपाध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स, नेपाल

भारत-नेपाल सांस्कृतिक रिश्तों को नया आयाम

इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. शिखा नरूला को इवेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन ऑफ नेपाल द्वारा मानद सदस्यता प्रदान की गई — जो भारत और नेपाल के सांस्कृतिक, सामाजिक संबंधों को और अधिक गहराई देने वाला कदम है।

डॉ. शिखा नरूला को इवेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन ऑफ नेपाल की मानद सदस्यता प्रदान की गई, जो भारत और नेपाल के सांस्कृतिक और आयोजन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम रहा।

नरूलाज़ एंड कंपनी ने इस आयोजन के माध्यम से अपनी पहचान बनाई और सिद्ध किया कि यह केवल एक इवेंट कंपनी नहीं, बल्कि एक विजनरी मंच है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृति, समाज और सरोकारों को जोड़ता है। इसकी निदेशक डॉ. शिखा नरूला न सिर्फ एक इंटरनेशनल इवेंट डायरेक्टर, बल्कि लेखिका, कलाकार और सामाजिक बदलाव की प्रतीक हैं।

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्णय से छत्तीसगढ़ को डिजिटल कनेक्टिविटी की बड़ी सौगात, 83 गांवों को मिलेगी 4G सेवा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती व आदिवासी बहुल भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के 83 गांवों को अब हाई-स्पीड 4G इंटरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा स्थानीय विधायक रेणुका सिंह के अनुरोध पर लिया गया। इस कदम से “डिजिटल इंडिया” मिशन को जमीनी स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

त्वरित कार्रवाई में दिखी संकल्प की दृढ़ता

विधायक रेणुका सिंह द्वारा अपने क्षेत्र में नेटवर्क की गंभीर समस्याओं को उठाए जाने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ने तत्काल दूरसंचार विभाग को सर्वेक्षण के निर्देश दिए। सर्वेक्षण के आधार पर भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के 83 गांवों को 4G सैचुरेशन योजना और LWE Phase-1 Upgradation परियोजना में शामिल कर लिया गया है।

सर्वेक्षण ने उजागर की डिजिटल असमानता

रायगढ़ जिले के सीमावर्ती अंचलों में किए गए विश्लेषण में यह सामने आया कि 27 गांवों में पहले से 4G सेवाएं उपलब्ध थीं, लेकिन शेष गांवों में नेटवर्क की बेहद कमी थी। अब अमृतपुर, गरनई, नेवादिह, नटवाही, सोनहारी सहित अन्य गांवों में 4G सेवा विस्तार का कार्य शुरू किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री संचार मंत्री का विधायक रेणुका सिंह ने व्यक्त किया आभार

विधायक रेणुका सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा “विधानसभा चुनाव के दौरान मैंने क्षेत्र की जनता से हर गांव को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने का वादा किया था। आज वह संकल्प पूरा होता देखना गर्व और संतोष का क्षण है।”

डिजिटल क्रांति से बदलेगा ग्रामीण जीवन

इस कनेक्टिविटी विस्तार से क्षेत्र के ग्रामीणों को अनेक लाभ मिलेंगे। विद्यार्थियों को जहां ऑनलाइन शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं किसानों को सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी जानकारियों तक त्वरित पहुंच प्राप्त होगी। इसके साथ ही स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। यह डिजिटल सशक्तिकरण न केवल सूचना तक पहुंच को सरल बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा।

जल्द जुड़ेंगे और भी गांव

अगली सूची में आनंदपुर, घटमा, भुमका, नारायणपुर, कछाड़ी, मेंड्रा और पटपरटोला जैसे गांवों को शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार भविष्य में और भी गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।

संचार मंत्रालय कर रहा है मिशन मोड में कार्य

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में संचार मंत्रालय देश के हर कोने में डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में कार्यरत है। यह निर्णय उसी निरंतर प्रयास का प्रमाण है, जो ग्रामीण भारत को डिजिटल भारत से जोड़ने की दिशा में किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से शिक्षा में नया संतुलन, दूरस्थ अंचल के स्कूलों के बच्चों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी।

कोरबा जिले के सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अब न्यूनतम दो व तीन शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। 287 सहायक शिक्षक, 147 माध्यमिक शिक्षक और 75 व्याख्याताओं को काउंसलिंग के माध्यम से ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया है, जहां शिक्षक की जरूरत थी। इससे पोड़ी उपरोड़ा, पाली, करतला, कटघोरा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षकविहीन रहे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञों शिक्षक स्कूलों में उपलब्ध होंगे।

रायपुर के धरसीवां विकासखंड में कई स्कूलों में छात्रों की संख्या के मान से शिक्षक अधिक पदस्थ हैं। नयापारा कन्या स्कूल में 33 छात्राओं पर 7 शिक्षक तथा रविग्राम में 82 विद्यार्थियों पर 8 शिक्षक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से इन शिक्षकों को आवश्यकता वाली शालाओं में पदस्थ किया जाएगा, जिससे शिक्षक और छात्र के अनुपात का संतुलन कायम होने के साथ ही दूरस्थ इलाकों के बच्चों को भी अध्यापन के लिए शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

इसी तरह शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन के चलते राजनांदगांव और दुर्ग जिले के ग्रामीण स्कूलों के परीक्षा परिणामों में गिरावट आई है। राजनांदगांव के घोटिया स्कूल में 103 छात्रों पर मात्र 3 व्याख्याता हैं, वहीं दुर्ग के मुरमुदा, सिलितरा और बिरेझर जैसे स्कूलों में पर्याप्त संख्या में व्याख्याता न होने के कारण इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। इसके उलट शहरी स्कूलों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण से अब इस असमानता को दूर किया जा रहा है।

बस्तर संभाग के सात जिलों बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा में कुल 1611 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शैक्षणिक संसाधनों का समुचित वितरण, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कंप्यूटर, खेल सामग्री जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही, एक ही परिसर में संचालित शालाओं का एकीकरण कर प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी। कमोवेश यह स्थिति कोरिया जिले में मिली, जिसके कारण जिले में 81 सहायक शिक्षक, 33 शिक्षक व 7 व्याख्याताओं को ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया, जहां शिक्षकों की जरूरत रही है। जिलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संचालित की जा रही है और अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से उनकी पसंद की शालाओं में पदस्थ किया जा रहा है।

सरगुजा जिले में भी युक्तियुक्तकरण के माध्यम से 283 सहायक शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा गया है, जहां शिक्षकों की जरूरत थी। जांजगीर जिले में 18 प्रधान पाठक, 196 शिक्षक और 436 सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी व वरिष्ठता प्रणाली के आधार पर पूर्ण की गई। चयनित शिक्षकों को तत्काल पदस्थापना आदेश भी दे दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह नीति न केवल शैक्षणिक असमानताओं को दूर कर रही है, बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी को समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।

ऑपरेशन सिंदूर' क्यों रखा गया मिशन का नाम? अमेरिका में शशि थरूर ने दिया ये जवाब

#whyindiachosenameoperationsindooragainstshashitharoor_answer

कांग्रेस नेता शशि थरूर अमेरिका में हैं। थरूर भारत की तरफ से दुनियाभर में भेजे गए डेलीगेशन का हिस्सा हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने रखना है। कांग्रेस नेता ने यूएस स्थित नेशनल प्रेस क्लब में एक बातचीत के दौरान बताया कि आखिर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम क्यों दिया। थरूर ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम बहुत सोच-समझकर रखा गया है। उन्होंने सिंदूर के महत्व को बताते हुए कहा कि यह रंग खून से अलग नहीं है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना?

बुधवार को अमेरिका में नेशनल प्रेस क्लब में एक संवाद सत्र के दौरान यह पूछे जाने पर कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर, वास्तव में, मुझे लगा कि यह एक शानदार नाम है। सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो यह सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं अपनी मांग में लगाती है। यह व्यापक रूप से प्रचलित है। कुछ गैर-हिंदू भी इसे करते हैं। सिंदूर विवाह समारोह के समय लगाया जाता है और उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं। इसलिए, हम इन क्रूर आतंकवादियों के बारे में बहुत सचेत थे, जिन्होंने पति को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने गोली मार दी। आतंकियों ने महिलाओं को छोड़ दिया और जब एक पत्नी चिल्लाई, ‘मुझे भी मार दो’, तो उसे कहा गया, नहीं, ‘तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है।’ इसी कारण से महिलाएं इस जघन्य, वीभत्स कृत्य से बच गईं।

सिंदूर का रंग खून के रंग से बहुत अलग नहीं-थरूर

थरूर ने आगे कहा कि उस सिंदूर को वास्तव में 26 भारतीय महिलाओं के माथे से मिटा दिया गया था, मैं हिंदू महिलाएं कहने वाला था, लेकिन उनमें से एक वास्तव में ईसाई थी, लेकिन बाकी सभी के माथे का सिंदूर इन आतंकवादी घटना में मिटा दिया गया। इसलिए हम सबसे पहले सिंदूर मिटाने की उस घटना का बदला लेना चाहते थे। लेकिन, दूसरी बात, यह कोई संयोग नहीं है कि सिंदूर का रंग लाल है, जो खून के रंग से बहुत अलग नहीं है, और कई मायनों में एक हिंदी मुहावरा है कि ‘खून का बदला खून’; यहां यह ‘सिंदूर का बदला खून’ होगा, यानी सिंदूर के साथ जो कुछ भी किया गया है, उसके जवाब में खून।

रांची जिले में मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अप्रैल माह की सम्मान राशि का भुगतान: 3.40 लाख लाभुकों को 85 करोड़ रुपये का लाभ

रांची जिले में झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत अप्रैल माह की 2500 रुपये की सम्मान राशि लाभुकों के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई है। प्रथम चरण में 3 लाख 40 हजार से ज्यादा लाभुकों को आधार बेस्ड सम्मान राशि का भुगतान किया गया है, जिसमें कुल 85 करोड़ 01 लाख 57 हजार 500 रुपये की राशि शामिल है।

लाभुकों की संख्या ब्लॉकवार:

- अनगड़ा: 14,022

- बेड़ो: 16,874

- बुंडू: 7,385

- बुड़मू: 14,812

- चान्हो: 16,525

- ईटकी: 8,554

- कांके: 28,432

- खलारी: 7,631

- लापुंग: 8,770

- मांडर: 19,941

- नगड़ी: 15,140

- नामकुम: 14,436

- ओरमांझी: 16,560

- राहे: 8,154

- रातू: 15,002

- सिल्ली: 17,745

- सोनाहातू: 11,236

- तमाड़: 15,387

- अरगोड़ा शहरी क्षेत्र: 13,575

- बड़गाईं शहरी क्षेत्र: 10,030

- हेहल शहरी क्षेत्र: 16,376

- सदर शहरी क्षेत्र: 25,634

- कांके शहरी क्षेत्र: 997

- नगड़ी शहरी क्षेत्र: 6,689

- नामकुम शहरी क्षेत्र: 7,086

- बुंडू नगर पंचायत: 3,070

महत्वपूर्ण जानकारी:

- जिन लाभुकों का आवेदन पूर्व में स्वीकृत है और उन्होंने अपना आधार सीडिंग बैंक खाते से नहीं कराया है, उन्हें अपना आधार सीडिंग कराना अनिवार्य है।

- जिला में भौतिक सत्यापन का कार्य जारी है, और शेष सुयोग्य लाभुकों को भौतिक सत्यापन के बाद योजना का लाभ मिलेगा।

- जून में लाभुकों को मई और जून की संयुक्त किस्त के रूप में 5000 रुपये मिलने की उम्मीद है

पटरातू में बालिका सशक्तिकरण मिशन का भव्य समापन समारोह: आत्मविश्वास और सामुदायिक भागीदारी का प्रतीक

पटरातू में पीवीयूएनएल द्वारा आयोजित गर्ल्स एम्पावरमेंट मिशन (GEM) का समापन समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर बालिकाओं ने गणेश वंदना और स्वच्छता पखवाड़ा पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को स्वच्छता के महत्व से अवगत कराया।

मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गौरव गोस्वामी, आईपीएस, एएसपी, पटरातू थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री आर. के. सिंह, सीईओ, पीवीयूएनएल और श्रीमती रीता सिंह, अध्यक्ष, स्वर्णरेखा महिला समिति उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम की विशेषताएं

- बालिकाओं की प्रस्तुतियां: बालिकाओं ने गणेश वंदना और स्वच्छता पखवाड़ा पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया।

- फिल्म का विमोचन: GEM पर आधारित एक प्रेरणादायक फिल्म का विमोचन किया गया, जिसमें शिविर की गतिविधियों और बालिकाओं की प्रगति को चित्रित किया गया।

कार्यक्रम का महत्व

- आत्मविश्वास में वृद्धि: कार्यक्रम ने बालिकाओं के आत्मविश्वास को सशक्त किया।

- सामुदायिक भागीदारी: कार्यक्रम ने सामुदायिक भागीदारी और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हुआ

गया जी में 11 माह की बच्ची से रेप की घटना, चचेरे मामा ने दिया घटना को अंजाम, पुलिस ने मामा को दबोचा, पूछताछ जारी

गया जी (मनीष कुमार): गया जिले के आमस थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां 11 माह की बच्ची से रेप की घटना को अंजाम दिया गया। इस घटना को अंजाम चचेरे मामा ने दे दिया है।

इस घटना के बाद गया के पुलिस कप्तान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष को जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने कि चेतावनी दी है। हालांकि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची की हालत गंभीर है।

मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। परिजनों ने बताया कि बुधवार रात 8 बजे आरोपी घर आया था। बच्ची अपने कमरे में थी। घुमाने का बहाना बनाकर उसे बाहर लेकर चला गया। करीब आधे घंटे बाद लौटा। बच्ची को बेड पर लिटाकर तेजी से भाग गया।

इस दौरान बच्ची रोने लगी। मां ने जब गोद उठाया तो देखा कि प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा है। परिवार को सदस्यों को इसकी जानकारी दी गई। आनन-फानन में डायल-112 को सूचना दी गई।

5 मिनट के अंदर टीम मौके पर पहुंची। बच्ची को

अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पता चला कि उसके

साथ गलत काम हुआ है जो उसके चचेरे मामा

ने किया है। क्योंकि वहीः उसको बाहर लेकर गया

था। इसके बाद अस्पताल में मौजूद आमस पुलिस

को घटना की जानकारी दी गई। पुलिस ने त्वरित

कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

पूरी तरह से टूट चुका हूं”, आरसीबी की विक्ट्री परेड भगदड़ पर बोले विराट कोहली

#virat_kohli_reaction_on_stampede_outside_chinnaswamy_stadium

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की विक्ट्री परेड में भगदड़ मच गई। इससे 11 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 33 लोग घायल हो गए हैं। इस हादसे पर आरसीबी के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली ने प्रतिक्रिया दी है। विराट कोहली ने कहा कि उनका दिल टूट गया है और वो निशब्द हैं।

कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा- 'मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। पूरी तरह से टूट गया हूं।' उन्होंने हार्टब्रेक का इमोजी भी बनाया। विराट कोहली ने भगदड़ के बारे में आरसीबी का आधिकारिक बयान साझा किया है। आरसीबी ने हादसे के बाद एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्हें इस हादसे से दुख हुआ है।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ पर कहा, हमें बेंगलुरु में आज दोपहर मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए मिली घटनाओं की जानकारी से काफी दुख हुआ। सभी की सुरक्षा हमारे लिए पहली प्राथमिकता है। आरसीबी इस दुखद हादसे में जान गंवाने वालों के लिए शोक व्यक्त करता है और हमारी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है। हालात की जानकारी मिलते ही हमने तुरंत अपने कार्यक्रम में बदलाव किया और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों और सलाह का पालन किया। हम अपने सभी समर्थकों से अनुरोध करते हैं कि कृपया सुरक्षित रहें।

आरसीबी के आईपीएल जीतने पर बेंगलुरु में जश्न मनाया जा रहा था। मंगलवार को आईपीएल में अपना पहला टाइटल जीता था। टीम ने पंजाब किंग्स को 6 रन से हराया। आरसीबी की टीम जब बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंची, तब वहां हजारों आरसीबी फैंस मौजूद थे। आरसीबी की टीम का विधानसभा में कर्नाटक सरकार ने सम्मान किया।

एक प्रोग्राम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी था। स्टेडियम के बाहर लाखों की भीड़ जमा हो गई थी। भीड़ को संभालने के लिए पुलिस हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

*ভারতীয় জ্যোতিষের মূল কথা*

ডেস্ক: জ্যোতিষশাস্ত্র হলো এমন একটি শাস্ত্র, যা নভোমণ্ডলে বিভিন্ন জ্যোতিষ্ক অর্থাৎ গ্রহ-নক্ষত্র ইত্যাদির অবস্থান বিবেচনা করে মানুষের ভাগ্যগণনা তথা ভাগ্য নিরূপণ করে। যারা এরূপে ভাগ্য গণনা করে তাদের বলা হয় জ্যোতিষ। জ্যোতিষ একটি সংস্কৃত শব্দ। এই শব্দের একটি অর্থ হল “জ্যোতির্বিষয়ক” এবং অস্ত্যর্থে এই শব্দের একটি অর্থ হল জ্যোতিষশাস্ত্রবিৎ; অন্য অর্থ ‘জ্যোতির্ব্বিৎ’। জ্যোতিষ ৬ টি বেদাঙ্গের অন্যতম। বেদাঙ্গ জ্যোতিষের উপলব্ধ শ্লোকগুলিতে মূলত সূর্য্য-চন্দ্রের আবর্তন এবং ঋতুপরিবর্তন সংক্রান্ত বিষয় আলোচিত হয়েছে। বেদ লিপিবদ্ধকরণের সময় যজ্ঞানুষ্ঠানের দিন, মূহুর্তাদি ও ক্ষণ নির্ণয়েও জ্যোতিষের বহুল ব্যবহার ছিল। উল্লেখ্য এ যে, সে সময় জ্যোতির্বিদ্যা ও জ্যোতিষবিদ্যা অভিন্ন ছিল।

বর্তমানে প্রশ্নকর্তার জন্মসময়, তারিখ ও জন্মস্থানের ভিত্তিতে, জন্মকালে মহাকাশে গ্রহের অবস্থান নিরুপণ করে অথবা প্রশ্নের সময় গ্রহাদির অবস্থান নির্ণয় করে অথবা হস্তরেখাবিচার, শরীরের চিহ্নবিচারসহ বিভিন্ন পদ্ধতির ব্যবহারে প্রশ্নকর্তার ভবিষ্যতের গতি প্রকৃতি নির্ধারণ করার জ্ঞান ও পদ্ধতিকে জ্যোতিষশাস্ত্র বলা হয়।আবার জ্যোতিষশাস্ত্রের একটি বিভাগ দেশ, রাজ্য, শহর, গ্রাম ইত্যাদির এবং প্রাকৃতিক ঘটনাবলীর যেমন বৃষ্টি,অতিবৃষ্টি,অনাবৃষ্টি, ভূমিকম্প, ঝড়, ঝঞ্ঝা, মহামারি বা প্লাবণের ভবিষ্যদ্বাণী করতেও ব্যবহৃত হয়।

बेंगलुरु में जानलेवा जश्नः चिन्नास्वामी के बाहर आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़, 11 लोगों की मौत

#bengaluru_rcb_victory_rally_tragedy

जीत का जश्न मातम में बदल गया। बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की आईपीएल 2025 ट्रॉफी जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड में बड़ा हादसा हो गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर बुधवार को भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए।

इस साल आईपीएल में आरसीबी ने पहली बार खिताब पर कब्जा किया। पहली बार ट्रॉफी जीतने के बाद फैंस बुधवार को अपनी पसंदीदा टीम के साथ जश्न मनाना चाह रहे थे। जैसे ही टीम बेंगलुरू पहुंची और सेलिब्रेशन का शेड्यूल आया तो प्रशंसक एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की ओर चल पड़े।अनुमान है कि करीब 5 लाख लोग इस जश्न में शामिल होने पहुंचे थे, जबकि स्टेडियम की कुल क्षमता सिर्फ 40,000 लोगों की है। अधिक भीड़ के बावजूद लोग जबरन स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रहे थे।

इसी दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, कई लोग गिर पड़े और एक-दूसरे के पैरों तले कुचले गए। चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ के बाद हर तरफ चीख पुकार मची थी। रिपोर्ट के अनुसार कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और वे बेहोश हो गए।

पुलिस सूने चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए मुख्य वजह विजय परेड को लेकर असमंजस, फ्री पास, अत्यधिक भीड़ और चिन्नास्वामी स्टेडियम में सीमित सीटों को बताया है। उन्होंने कहा कि आरसीबी टीम के स्वागत के लिए बंगलूरू के क्रिकेट प्रेमी मंगलवार रात से ही सड़कों पर उमड़े हुए थे। बुधवार को राज्य विधानसभा में जब टीम का स्वागत किया गया तब भी भारी भीड़ जमा थी। वहीं, चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न को लेकर उसके बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि इस दौरान कई ऐसे लोग जिनके पास स्टेडियम में जाने के लिए वैध टिकट नहीं था, वे टिकट वालों के साथ अंदर घुसने की कोशिश करने लगे, जब उन्हें रोका गया तो अफरातफरी मच गई। इस दौरान स्टेडियम में घुसने के लिए कई लोग उसके गेटों पर चढ़ने की कोशिश करते समय जमीन पर भी गिर गए, तथा कुछ घायल हो गए।

नेपाल में भारत की प्रतिष्ठित संस्था यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का ऐतिहासिक आयोजन – राज लुइटेल ने रचा इतिहास

काठमांडू, नेपाल - 31 मई 2025 को नेपाल की राजधानी काठमांडू में एक ऐतिहासिक दिन देखा गया, जब भारत की प्रतिष्ठित संस्था यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का भव्य और प्रतिष्ठित आयोजन नरूलाज़ एंड कंपनी द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आयोजन की मुख्य आयोजिका रहीं डॉ. शिखा नरूला, जो यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं और नरूलाज़ एंड कंपनी की संस्थापक भी हैं।

राज लुइटेल को यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से नवाजा गया– एक ऐसा नाम जिसने नेपाल की संस्कृति को विश्व के सबसे ऊंचे मंच तक पहुँचाया

राज लुइटेल नेपाल के सांस्कृतिक और आयोजन जगत का एक प्रतिष्ठित और प्रेरणादायक नाम हैं। एक जुझारू दूरदर्शी आयोजक और सांस्कृतिक राजदूत के रूप में उन्होंने नेपाल की पहचान को अंतरराष्ट्रीय ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।

राज लुइटेल ने विश्व की सबसे ऊंची जगह पर फिल्माया गया म्यूजिक वीडियो डायरेक्ट करके इतिहास रच दिया। यह ऐतिहासिक शूट 5,105 मीटर (16,748 फीट) की ऊंचाई पर नेपाल के तिलिचो में हुआ और इसे यूनिवर्सल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा विश्व रिकॉर्ड के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।

400 से अधिक प्रतिष्ठित आयोजनों के सूत्रधार

राज लुइटेल न केवल एक इवेंट डायरेक्टर हैं, बल्कि एक दूरदर्शी इवेंट डायरेक्टर भी हैं। वे अब तक नेपाल में 400 से अधिक सांस्कृतिक, फैशन और राष्ट्रीय आयोजनों का सफल संचालन कर चुके हैं, जिनमें उन्होंने स्थानीय प्रतिभाओं को वैश्विक मंच दिया और नेपाल की संस्कृति को सृजनात्मक रूप से प्रस्तुत किया।

संगीत जिसमें पर्वतों की आत्मा बसती है

राज लुइटेल द्वारा निर्देशित कई संगीत एल्बम न केवल नेपाल की भावनाओं से जुड़ते हैं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और प्रकृति का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करते हैं। उनका विश्व रिकॉर्ड म्यूजिक वीडियो न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि एक सांस्कृतिक श्रद्धांजलि भी है।

पुरस्कारों की एक लंबी श्रृंखला

राज लुइटेल को अब तक 200 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिनमें शामिल हैं:

दादा साहब फाल्के आइकन अवॉर्ड

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सेवा सम्मान

यूरोपियन रिकॉर्ड्स बुक – सर्वश्रेष्ठ पत्रकार सम्मान

ब्रिटिश वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑनर

महात्मा गांधी इंटरनेशनल अवॉर्ड

इंटरनेशनल आइकन अवॉर्ड

वे पहले ही गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सर्वाधिक म्यूजिक वीडियो निर्देशन के लिए दर्ज हो चुके हैं।

एक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व

राज लुइटेल की यात्रा काठमांडू की तिलिचो की ऊँचाइयों तक, एक ऐसे शख्स की कहानी है जिसने साहस, रचनात्मकता और मातृभूमि से प्रेम के बल पर असंभव को संभव किया। वे आज नेपाल के लिए ही नहीं, समूचे दक्षिण एशिया के लिए एक प्रेरणा हैं।

गौरवशाली अतिथियों की उपस्थिति में एक ऐतिहासिक क्षण

इस ऐतिहासिक आयोजन की गरिमा को बढ़ाया नेपाल के माननीय विशिष्ट अतिथियों ने:

माननीय नारायण दहाल – अध्यक्ष, राष्ट्रीय सभा, नेपाल

माननीय संतोष चालिसे – अध्यक्ष, वित्त समिति / सांसद

माननीय अब्दुल खान – सांसद, उद्योग एवं उपभोक्ता कल्याण समिति

श्रीमती अनुराधा कोइराला – पद्मश्री सम्मानित, संस्थापक – माईती नेपाल

श्रीमती उर्मिला श्रेष्ठा – उपाध्यक्ष, चैंबर ऑफ कॉमर्स, नेपाल

भारत-नेपाल सांस्कृतिक रिश्तों को नया आयाम

इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. शिखा नरूला को इवेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन ऑफ नेपाल द्वारा मानद सदस्यता प्रदान की गई — जो भारत और नेपाल के सांस्कृतिक, सामाजिक संबंधों को और अधिक गहराई देने वाला कदम है।

डॉ. शिखा नरूला को इवेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन ऑफ नेपाल की मानद सदस्यता प्रदान की गई, जो भारत और नेपाल के सांस्कृतिक और आयोजन संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम रहा।

नरूलाज़ एंड कंपनी ने इस आयोजन के माध्यम से अपनी पहचान बनाई और सिद्ध किया कि यह केवल एक इवेंट कंपनी नहीं, बल्कि एक विजनरी मंच है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृति, समाज और सरोकारों को जोड़ता है। इसकी निदेशक डॉ. शिखा नरूला न सिर्फ एक इंटरनेशनल इवेंट डायरेक्टर, बल्कि लेखिका, कलाकार और सामाजिक बदलाव की प्रतीक हैं।

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्णय से छत्तीसगढ़ को डिजिटल कनेक्टिविटी की बड़ी सौगात, 83 गांवों को मिलेगी 4G सेवा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती व आदिवासी बहुल भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र के 83 गांवों को अब हाई-स्पीड 4G इंटरनेट सेवाओं से जोड़ा जाएगा। यह ऐतिहासिक निर्णय केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा स्थानीय विधायक रेणुका सिंह के अनुरोध पर लिया गया। इस कदम से “डिजिटल इंडिया” मिशन को जमीनी स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

त्वरित कार्रवाई में दिखी संकल्प की दृढ़ता

विधायक रेणुका सिंह द्वारा अपने क्षेत्र में नेटवर्क की गंभीर समस्याओं को उठाए जाने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ने तत्काल दूरसंचार विभाग को सर्वेक्षण के निर्देश दिए। सर्वेक्षण के आधार पर भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के 83 गांवों को 4G सैचुरेशन योजना और LWE Phase-1 Upgradation परियोजना में शामिल कर लिया गया है।

सर्वेक्षण ने उजागर की डिजिटल असमानता

रायगढ़ जिले के सीमावर्ती अंचलों में किए गए विश्लेषण में यह सामने आया कि 27 गांवों में पहले से 4G सेवाएं उपलब्ध थीं, लेकिन शेष गांवों में नेटवर्क की बेहद कमी थी। अब अमृतपुर, गरनई, नेवादिह, नटवाही, सोनहारी सहित अन्य गांवों में 4G सेवा विस्तार का कार्य शुरू किया जा चुका है।

केंद्रीय मंत्री संचार मंत्री का विधायक रेणुका सिंह ने व्यक्त किया आभार

विधायक रेणुका सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के माध्यम से इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए केंद्रीय संचार मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा “विधानसभा चुनाव के दौरान मैंने क्षेत्र की जनता से हर गांव को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने का वादा किया था। आज वह संकल्प पूरा होता देखना गर्व और संतोष का क्षण है।”

डिजिटल क्रांति से बदलेगा ग्रामीण जीवन

इस कनेक्टिविटी विस्तार से क्षेत्र के ग्रामीणों को अनेक लाभ मिलेंगे। विद्यार्थियों को जहां ऑनलाइन शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी, वहीं किसानों को सरकारी योजनाओं और कृषि संबंधी जानकारियों तक त्वरित पहुंच प्राप्त होगी। इसके साथ ही स्थानीय व्यापारियों को डिजिटल भुगतान प्रणाली और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा। यह डिजिटल सशक्तिकरण न केवल सूचना तक पहुंच को सरल बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेगा।

जल्द जुड़ेंगे और भी गांव

अगली सूची में आनंदपुर, घटमा, भुमका, नारायणपुर, कछाड़ी, मेंड्रा और पटपरटोला जैसे गांवों को शामिल किए जाने की संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार भविष्य में और भी गांवों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।

संचार मंत्रालय कर रहा है मिशन मोड में कार्य

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में संचार मंत्रालय देश के हर कोने में डिजिटल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में कार्यरत है। यह निर्णय उसी निरंतर प्रयास का प्रमाण है, जो ग्रामीण भारत को डिजिटल भारत से जोड़ने की दिशा में किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण से शिक्षा में नया संतुलन, दूरस्थ अंचल के स्कूलों के बच्चों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

रायपुर- छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी।

कोरबा जिले के सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अब न्यूनतम दो व तीन शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। 287 सहायक शिक्षक, 147 माध्यमिक शिक्षक और 75 व्याख्याताओं को काउंसलिंग के माध्यम से ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया है, जहां शिक्षक की जरूरत थी। इससे पोड़ी उपरोड़ा, पाली, करतला, कटघोरा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षकविहीन रहे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञों शिक्षक स्कूलों में उपलब्ध होंगे।

रायपुर के धरसीवां विकासखंड में कई स्कूलों में छात्रों की संख्या के मान से शिक्षक अधिक पदस्थ हैं। नयापारा कन्या स्कूल में 33 छात्राओं पर 7 शिक्षक तथा रविग्राम में 82 विद्यार्थियों पर 8 शिक्षक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से इन शिक्षकों को आवश्यकता वाली शालाओं में पदस्थ किया जाएगा, जिससे शिक्षक और छात्र के अनुपात का संतुलन कायम होने के साथ ही दूरस्थ इलाकों के बच्चों को भी अध्यापन के लिए शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

इसी तरह शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन के चलते राजनांदगांव और दुर्ग जिले के ग्रामीण स्कूलों के परीक्षा परिणामों में गिरावट आई है। राजनांदगांव के घोटिया स्कूल में 103 छात्रों पर मात्र 3 व्याख्याता हैं, वहीं दुर्ग के मुरमुदा, सिलितरा और बिरेझर जैसे स्कूलों में पर्याप्त संख्या में व्याख्याता न होने के कारण इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। इसके उलट शहरी स्कूलों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण से अब इस असमानता को दूर किया जा रहा है।

बस्तर संभाग के सात जिलों बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा में कुल 1611 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शैक्षणिक संसाधनों का समुचित वितरण, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कंप्यूटर, खेल सामग्री जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही, एक ही परिसर में संचालित शालाओं का एकीकरण कर प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी। कमोवेश यह स्थिति कोरिया जिले में मिली, जिसके कारण जिले में 81 सहायक शिक्षक, 33 शिक्षक व 7 व्याख्याताओं को ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया, जहां शिक्षकों की जरूरत रही है। जिलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संचालित की जा रही है और अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से उनकी पसंद की शालाओं में पदस्थ किया जा रहा है।

सरगुजा जिले में भी युक्तियुक्तकरण के माध्यम से 283 सहायक शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा गया है, जहां शिक्षकों की जरूरत थी। जांजगीर जिले में 18 प्रधान पाठक, 196 शिक्षक और 436 सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी व वरिष्ठता प्रणाली के आधार पर पूर्ण की गई। चयनित शिक्षकों को तत्काल पदस्थापना आदेश भी दे दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह नीति न केवल शैक्षणिक असमानताओं को दूर कर रही है, बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी को समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।