यूट्यूबर चंदन उपाध्याय को बिहार पुलिस ने अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर दी चेतावनी

भोजपुरी भाषा में अश्लीलता के खिलाफ बिहार पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, हाल में ही बिहार सरकार ने आदेश दिया था कि भोजपुरी भाषा में अश्लील गाने गाने और बजाने के खिलाफ कार्रवाई किया जाए इसी को देखते हुए बिहार पुलिस ने इस पर कार्रवाई करना शुरू कर और पढ़े https://rangmediagroup.com/bihar/youtuber-chandan-upadhyay-warned-by-bihar-police-for-using-abusive-language/

आईटीआई धनबाद का होगा कायाकल्प, चार करोड़ से बदलेगी तस्वीर, तीन दशक बाद होगा रेनोवेशन

धनबाद : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) धनबाद का जल्द ही कायाकल्प होगा. झारखंड सरकार ने संस्थान के नवीनीकरण के लिए लगभग चार करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया है.

इससे संस्थान के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और बेहतर शिक्षण वातावरण उपलब्ध होगा.

जर्जर हो गया है आईटीआई धनबाद

वर्षों पहले बना आईटीआई धनबाद के भवन का हाल बेहाल है. पुराना होने की वजह से भवनों में सीलन आ चुका था. कई जगहों पर भवन टूट भी चुके हैं. इस फंड से आईटीआई धनबाद में प्रशासनिक भवन, एवीटीएस के सभी वर्कशॉप, सभी मशीन वर्कशॉप , हाइटेक भवन, सीओई भवन, लाइब्रेरी, हॉस्टल, सड़क आदि का नवीनीकरण होगा. वहीं कक्षाओं का निर्माण, पुरानी कक्षाओं का नवीनीकरण किये जायेंगे.

30 साल बाद होगा रेनोवेशन

जानकारी के अनुसार संस्थान का रेनोवेशन लगभग 30 साल बाद किया जा रहा है. अबतक इसका रखरखाव नहीं होने से संस्थान के भवन जर्जर हो चुके हैं. इसे लेकर आईटीआई धनबाद प्रबंधन की ओर से सरकार को कई बार पत्र लिखा गया था. अब फंड आवंटित होने से संस्थान के भवनों का जीर्णोद्धार होगा.

1962 में हुई थी आईटीआई की स्थापना

धनबाद आईटीआई की स्थापना 1962 में हुई थी. यहां धनबाद के अलावा दूसरे जिलों से भी छात्र पढ़ने आते हैं. संस्थान की स्थापना के लगभग 33 साल बाद पहली बार नवीनीकरण किया गया था. इसके 30 साल के बाद अब दूसरी बार रेनोवेशन का काम होगा.

धनबाद में सोना चांदी व हीरे के साथ अपराधी धराया

धनबाद :गोविंदपुर पुलिस को गुरुवार को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जहां लगभग 1 करोड़ के मूल्य के सोना चांदी और हीरे के आभूषण के साथ अकरम खान नामक अपराधी को गिरफ्तार किया है. अपराधी मध्य प्रदेश के धार जिला का निवासी है.

एसएसपी के क्राइम मीटिंग में सरहानीय कार्य करनेवाले थाना प्रभारियों को रीवार्ड देने की घोषणा,

धनबाद : एसएसपी एचपी जनार्दनन के नेतृत्व में आज समाहरणालय सभागार में आयोजित क्राइम मीटिंग में

लंबित कांडों को लेकर समीक्षा की गई. साथ ही आगामी रामनवमी पर्व को लेकर सभी थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में अपराधियों पर निगरानी रखने के साथ साथ सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.

आसमाजिक तत्वों को चिन्हित करते हुए उनपर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. पिछले पांच सालों में जितने भी कांड हुए हैं उनमे शामिल उन सभी अपराधियों को चिन्हित करते हुए उन सभी पर एक्शन लेने के निर्देश दिए.

एसएसपी ने बताया कि पिछले फ़रवरी माह में जो भी कार्य हुए हैं उन सभी कार्यों की समीक्षा की गई और आगे की कार्य योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुईं है. कई थाना प्रभारियों के द्वारा सरहानीय कार्य किए गए हैं उन्हें रीवार्ड देने का निर्णय लिया गया है साथ ही वैसे थाना प्रभारी जिनका परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई गई है.

हाय रे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था! टाइगर जयराम महतो ने खोली स्वास्थ्य विभाग की पोल

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज 14वां दिन था। बजट सत्र के दौरान आज विभागीय अनुदान बजट पर चर्चा हुई। सदन की दूसरी पाली में स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा हुई। चर्चा की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। जहां विधायकों ने अपने प्रश्न सभा पटल पर रखे। जिसके बाद संबंधित विभाग के मंत्री ने जवाब दिया।

चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के ही विधायक सुरेश बैठने स्वास्थ्य पर लेकर चिंता जताई। उन्होंने राज्य के अस्पतालों में डॉक्टर और नसों की कमी बताई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग में चल रहे आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग की। कहा आउटसोर्सिंग के कारण बिहार, यूपी और बंगाल के लोग यहां आ कर नौकरी ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नीति पर भी कहा कि रघुवर दास के स्थानीय नीति को रद्द कर नई नीति बनाए। इस बार भी यदि स्थानीय नीति -नियोजन नीति नहीं बनी तो कभी नहीं बनेगा। 

वहीं दूसरी ओर झारखंड लोक जन क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने तो स्वास्थ्य विभाग की पूरी पोल ही खोल दी। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी दुरुस्त है तो राज्य के माननीय प्राइवेट और बड़े अस्पतालों में क्यों इलाज करने जाते हैं उदाहरण देते हुए उन्होंने कल रात राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर अपना इलाज निजी अस्पताल आर्किड में करा रहे हैं, इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सांसद महुआ मांझी भी अपना इलाज इसी अस्पताल में कर रही है। उन्होंने यहां तक भी कह डाली कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के परिजन राज्य से बाहर इलाज कराने गए। स्वास्थ्य विभाग की सार्थकता तभी होगी जब माननीय आम जनता के माफीक अपना इलाज सरकारी अस्पताल में ही कराएंगे।

वही इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पर पास हुए बजट का असर आने वाले दिनों में दिखेगा चाहे वह राज्य के निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल सभी में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएगी। उन्होंने मेडिको सिटी खोलने की भी बात कही है। वही जयराम महतो के सवाल पर इरफान अंसारी ने कहा कि सवाल उठाना अच्छी बात है लेकिन इस व्यवस्था की जिम्मेदार उन्होंने भाजपा को ठहराया। 

सदन की कार्यवाही के दौरान ही विधायक जयराम महतो ने किसानों के भुगतान को लेकर सवाल किए। इस दौरान विभागीय मंत्री द्वारा जवाब नहीं दिए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद सदन में जवाब देते दिखे। दरअसल, जयराम महतो ने किसानों के धान का उठाव नहीं होने की वजह से उनके भुगतान में हो रही देरी पर सरकार से इस पर ब्याज सहित भुगतान किसानों को देने की मांग की थी। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में चावल मिल बढ़ाने का काम किया जा रहा है। जिससे किसानों के धान का उठाव होने में तेजी आएगी।

दुमका : दोस्तों के साथ पार्टी मनाना गोड्डा के यश को पड़ा महंगा, दोस्तों ने ही मिलकर कर दी हत्या, 2 गिरफ्तार

दुमका : गोड्डा के यश चौधरी को दुमका में दोस्तों के साथ पार्टी मनाना महंगा साबित हुआ। किसी बात को लेकर हुए आपसी विवाद में उक्त नाबालिग लड़के की हत्या उसके दोस्तों ने ही कर दी। सभी नशे की हालात में थे। जिस दोस्त पर भरोसा कर यश गोड्डा से दुमका आया, उसी दोस्त ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर यश की हत्या कर दी। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना बीते 6 मार्च की है। बीते 16 मार्च को उक्त नाबालिग लड़के का शव पुलिस ने नगर थाना अंतर्गत खूंटा बांध के समीप खंडहरनुमा एक जर्जर भवन से बरामद किया था। करीब 10 दिनों बाद मिली लाश की शिनाख्त करना पुलिस के लिए काफी चुनौती पूर्ण था लेकिन शव बरामदगी के महज चार दिनों बाद पुलिस ने पूरे मामले से पर्दा उठा दिया। मामले में पुलिस ने गुरुवार को हत्यारोपी दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार ने कहा कि बीते 16 मार्च को पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति का शव क्षत विक्षत स्थिति में खूंटाबांध लाल बहादुर शास्त्री मध्य विद्यालय के पीछे खंडरनुमा भवन के अंतिम कोना में बरामद किया था। शव काफी पुराना लग रहा था एवं तत्काल उसका शिनाख्त नहीं हो पाया। 

कहा कि मामले में दुमका नगर थाना काण्ड सख्या-45/25 के अंतर्गत धारा 103 (1)/61(2)/238/3(5) BNS 2023 के तहत अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।

कहा कि अज्ञात शव के शिनाख्त एवं घटना में शामिल अपराधकर्मी के गिरफ्तारी के लिए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकरी के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया गया। टीम को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर उक्त अज्ञात शव की शिनाख्त की गयी जो गोड्‌डा निवासी राजेश कुमार चौधरी के पुत्र यश चौधरी के रूप में हुई।कहा कि यश अपने दोस्त के साथ दुमका आया था। दुमका में उसके दोस्त ने अपने एक और दोस्त के साथ 6 मार्च को उक्त खंडहर नुमा भवन में देर रात को पार्टी मनाया।

कहा कि दोनो नाबालिग दोस्तों के द्वारा पार्टी मनाने के दौरान यश के साथ आपसी वाद-विवाद में आपा खो दिया गया और इसी क्रम में दोनों लड़कों ने उसकी हत्या कर दी। 

कहा कि दोनों निन्द्र बालकों को न्यायालय में उपस्थापित करवाया जा रहा है। कहा कि पुलिस ने घटना को अंजाम देते समय दोनों निरुद्ध बालकों का पहना हुआ खुन लगा कपड़ा और हत्या में इस्तेमाल खून लगा ईंट एवं पत्थर बरामद किया है। 

छापामारी में शामिल पुलिस पदाधिकारी :-

अनुमंडल पुलिस पदाधिकरी महोदय सदर बिजय कुमार महतो के नेतृत्व में बनी टीम में परिक्ष्यमान पुलिस उपाधिक्षक अमित रविदास, 

पु० नि० सह थाना प्रभारी नंद किशोर प्रसाद, पु० अ० नि० रोहित साव, राजीव रंजन-1 एवं बाजो रजक, स० अ० नि० कुमोद यादव, बबन प्रसाद सिंह एवं परवेज आलम और नगर थाना के सशस्त्र बल शामिल थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की गुप्ता)

जयपुर में मुस्कान जैसी वारदात: पति को मारा, प्रेमी संग बाइक पर लाश लेकर 5KM घूमी…

मेरठ की मुस्कान का बेरहम चेहरा जिसने भी देखा वह सहम गया. प्रेमी से अपने पति को मरवाया. शव के टुकड़े कर उसे ड्रम में सीमेंट से जाम कर दिया, ताकि राज कभी उस ड्रम से बाहर न आ सके. मेरठ के मुस्कान जैसा ही मामला 400 किमी दूर राजस्थान की राजधानी जयपुर में सामने आया है. यहां गोपाली नाम की महिला ने भी प्रेमी दीनदयाल के हाथों अपने पति को मरवाया. लाश को बाइक पर रखकर पांच किलोमीटर तक दोनों घूमते रहे. फिर एक सुनसान जगह पर उसे जलाने की कोशिश की, ताकि मुस्कान की तरह वह भी राज को दफ्न कर सकें.

मामला राजधानी जयपुर का है. जयपुर साउथ की रहने वाली गोपाली देवी की उम्र 42 साल है. उसके पति का नाम धन्नालाल सैनी था. धन्नलाल सब्जी बेचने का काम करता था. वहीं गोपाली, दीनदयाल (30) की दुकान पर काम करती थी. गोपाली और दीनदयाल में धीरे-धीरे संबंध बन गए, जबकि दीनदयाल, गोपाली से 12 साल छोटा था. जब इसकी भनक धन्नालाल को हुई तो वह एक दिन दीनदयाल की दुकान पर आ पहुंचा.

प्रेमी की दुकान पर काम करती थी पत्नी

यहां दोनों के बीच झगड़ा हो गया. दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी. धन्नालाल ने पत्नी गोपाली देवी को दीनदयाल की दुकान पर काम करने से मना कर दिया, लेकिन गोपाली नहीं मानी. वह धन्नालाल के मना करने के बावजूद दीनदयाल की दुकान पर काम करने आती रही. यहीं पर बदले की आग में जल रहे दीनदयाल ने गोपाली से धन्नालाल को रास्ते से हटाने को कहा. फिर दोनों ने एक साथ मिलकर धन्नालाल को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की.

एक दिन दीनदयाल और गोपाली ने मिलकर धन्नालाल की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद दोनों ने लाश को ठिकाने लगाने की सोची. दीनदयाल ने बाइक उठाई और गोपाली को पीछे बैठाकर धन्नालाल की लाश को बोरे में भरकर बीच में रख लिया. दोनों पांच किलोमीटर तक लाश को लिए घूमते रहे, ताकि किसी सुनसान जगह पर ठिकाने लगा सकें. बाइक पर लाश ले जाते दोनों CCTV में भी कैद हुए.

दिनदहाड़े बाइक पर लाश को लेकर धूमते रहे

CCTV में दिख रहा है कि गोपाली पीछे बाइक पर बैठी हुई बोरे को पकड़े हुए हैं. दिनदहाड़े दोनों लाश को लेकर घूमते रहते हैं, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगती है. फिर एक सुनसान जगह पर दोनों ने धन्नालाल की लाश को जला दिया और घर आ गए. अगले दिन सुबह जब पुलिस को अधजली लाश मिली तो पुलिस ने जांच शुरू की. 16 मार्च को इस वारदात को दोनों ने अंजाम दिया था. तीन दिन बाद 20 मार्च को गोपाली और दीनदयाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने दोनों आरोपियों को भेजा जेल

पुलिस पूछताछ में गोपाली ने अपने प्रेमी दीनदयाल के साथ मिलकर पति धन्नालाल की हत्या करने का अपराध कबूल किया. जयपुर साउथ के डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि दोनों आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. दोनों ने अपना अपराध कबूल किया है. दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.

बीजेपी जिला महामंत्री के आवास पर उनके पिता घनश्याम शुक्ला का निधन

संजीव सिंह बलिया। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी का आगमन नगरा जिला महामंत्री बलिया आलोक शुक्ला जी के आवास पर उनके पिता घनश्याम शुक्ला के निधन की खबर सुनकर श्रद्धाजंली देने पहुँचे। गुरुवार को अपराह्न के समय राज्यमंत्री ने उनके आवास पर पहुंचकर चित्र पर पुष्प अर्पित किए और संवेदना व्यक्त किए।

इस मौके पर साथ मे गोरखपुर क्षेत्रीय युवा मोर्चा मंत्री मयंक शेखर, जिला संयोजक, आईटी विभाग जयप्रकाश जायसवाल, राजेश राजभर, प्रिंस गुप्ता, चंदू शुक्ला, अविनाश शुक्ला, कृष्णा गुप्ता, मनमोहन सिंह, बड़े अंसारी, सेराज अहमद, गुडडू पांडेय, दीपक ठाकुर आदि रहे।

दिशा सालियान मौत मामले में क्यों आ रहा आदित्य ठाकरे का नाम? महाराष्ट्र में नया सियासत बवाल

#dishasaliandeathcaseadityathackeraynamewhyinvolved

दिशा सालियान मर्डर केस एक बार फिर सुर्खियों में है। 8 जून 2020 को दिशा की मौत हुई। इसके 6 दिन एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की लाश उनके कमरे में मिली। दिशा सुशांत की मैनेजर रह चुकी थी। दिशा की मौत का केस इस बार सुर्खियों में इसलिए आया, क्योंकि उसके पिता सतीश ने बेटी की मौत की नए एंगल से जांच करने की मांग की है। हालांकि 5 साल पहले सतीश ने दिशा की मौत को सुसाइड मान लिया था, लेकिन अब उनका कहना है कि उन्हें सुसाइड मानने के लिए मजबूर किया गया था।

दिशा के पिता सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत की नए सिरे से जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने याचिका में दिशा सालियान के अंतिम संस्कार की तस्वीरों को भी अदालत में अपनी याचिका के साथ अटैच किया है। इस याचिका में वकील का कहना है कि जब दिशा का पार्थिव शरीर उसके परिवार को सौंपा गया, तब उसके शरीर पर किसी भी चोट या घाव के निशान नहीं थे, जबकि मालवणी पुलिस ने दावा किया था कि दिशा की मौत के समय उसका शरीर खून से लथपथ था।

दिशा की मौत मामले में आदित्य ठाकरे का नाम आ रहा है।सतीश सालियान ने कोर्ट में याचिका दायर कर आदित्य ठाकरे समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आदित्य ठाकरे और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है। दिशा सालियान के पिता ने बेटी की हत्या का दावा करते हुए आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोर्या पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि मुंबई पुलिस ने हकीकत को छुपाने की कोशिश की है। सतीश सालियान ने आदित्य ठाकरे पर ये भी आरोप लगाया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उन्होंने रिया चक्रवर्ती से 44 बार फोन पर फोन किया था।

परिवार को नजरबंद रखने का आरोप

सतीश सालियान ने याचिका में कहा है कि दिशा की मौत अचानक नहीं हुई। पहले उनके साथ गैंगरेप हुआ और फिर उनका मर्डर कर दिया गया। सतीश ने कहा-'दिशा अपने करियर को लेकर काफी सीरियस थीं, ऐसे में उनका सुसाइड करना मुमकिन नहीं है। उस समय मुझे ये विश्वास दिलाया गया कि मेरी बेटी की मौत एक हादसा थी। पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर, मालवणी पुलिस थाने के अधिकारी लगातार इस बात पर जोर दे रहे थे कि वे जो बात कह रहे हैं, वो सच है। इन्हीं लोगों ने मेरे परिवार को लगातार दबाव में रखा और नजरबंद किया था। हमारी हर एक्टिविटी पर उनकी नजर थी।

8 जून की पार्टी में आदित्य ठाकरे भी थे शामिल?

याचिका में ये भी कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने दिशा के गैंगरेप और मर्डर को दबाने की कोशिश की। इसके लिए पुलिस ने सभी गवाह, फोरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसी सारी चीजें फर्जी तरीके से तैयार कीं। चश्मदीदों के मुताबिकर 8 जून 2020 की रात दिशा के मालवणी वाले घर पर एक पार्टी थी जिसमें उसके कुछ करीबी दोस्त शामिल हुए थे। इस दौरान आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोरिया भी दिशा के घर पहुंचे थे। इस घटना के बाद ही दिशा को मौत के घाट उतार दिया गया।

नितेश राणे ने लगाया बड़ा आरोप

इधर, बीजेपी विधायक नितेश राणे ने दावा किया कि दिशा सालियान मामले को लेकर उद्धव ठाकरे ने उनके पिता नारायण राणे को दो बार फोन कर मदद की गुहार लगाई थी। नितेश राणे ने कहा, उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे से कहा था कि तुम्हारे भी दो बच्चे हैं, मेरे भी दो बच्चे हैं। अगर आदित्य ठाकरे निर्दोष हैं, तो उन्हें कैमरे के सामने आकर यह कहना चाहिए कि 8 जून 2020 को वे कहां थे।

राणे ने यह भी दावा किया कि दिशा सालियान के पिता के अनुसार इस मामले में तीन मास्टरमाइंड हैं - आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली और डिनो मोर्या। उन्होंने कहा, अब मैं यह आरोप नहीं लगा रहा, बल्कि दिशा सालियान के पिता खुद यह आरोप लगा रहे हैं।

कृत्रिम नेत्र: आशा की नई किरण केजीएमयू नेत्र रोग विभाग की पहल

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने कृत्रिम नेत्र के क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति की है। जिन लोगों ने किसी दुर्घटना, बीमारी या जन्मजात विकार के कारण अपनी आंख गंवा दी हो, उनके लिए एक अच्छी तरह से निर्मित कृत्रिम नेत्र न सिर्फ उनकी खोई हुई सुंदरता को लौटाता है, बल्कि उनके जीवन में आत्मविश्वास और आशा की नई किरण भी जगाता है।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव

एक अच्छी तरह से निर्मित कृत्रिम नेत्र चेहरे के सौंदर्य में सामंजस्य स्थापित करता है। साथ ही आंख के बाहरी ढांचे के सही विकास में भी सहायक होता है। यह व्यक्ति के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ ऑक्युलोप्लास्टिक सर्जन डॉ. अपजीत कौर कहती हैं, "कृत्रिम नेत्र केवल सौंदर्य सुधार का साधन नहीं है, यह व्यक्ति के आत्मविश्वास और सामाजिक समावेशन को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सही तकनीक और देखभाल से, यह न सिर्फ चेहरों की खूबसूरती बल्कि जिंदगियों में भी नया उत्साह भर देता है।" यह समाज में किसी प्रकार के भेदभाव या असहजता की भावना को कम करने में भी सहायक सिद्ध होता है।

यह पॉलिमेथिल मैथाक्रिलेट का बना है। इसकी माप ली जाती है। सटीक माप लेने में लगभग 1 घंटा लग जाता है। पूरी आंख के सटीक माप और तैयार करने में 3 से 4 दिन लगते हैं।

रोगी को 1 हफ्ते बाद बुलाया जाता है। उसके बाद हर तीन महीने में एक बार एक वर्ष तक रोगी को बुलाया जाता है। कृत्रिम आंख से देखा नहीं जा सकता है।

रोगियों के अनुभव: उम्मीद की नई किरण

कृत्रिम नेत्र प्राप्त करने वाले कई रोगियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं, जो प्रेरणा देने वाले हैं।

रामकुमार वर्मा (परिवर्तित नाम), 45 वर्ष, कहते हैं, "दुर्घटना के बाद मेरा आत्मविश्वास बिल्कुल टूट चुका था। कृत्रिम नेत्र लगने के बाद मुझे ऐसा लगा मानो मैंने अपनी खोई हुई पहचान फिर से पा ली हो। अब मैं लोगों से खुलकर बात कर सकता हूं, बिना किसी झिझक के।"

नीता अग्रवाल (परिवर्तित नाम), 2 वर्ष बालिका की माता साझा करती हैं, "रेटिनोब्लास्टोमा नामक कैंसर के कारण बच्ची को ऑपरेशन द्वारा अपनी आंख हटवानी पड़ी। कृत्रिम नेत्र ने न केवल उसके चेहरे की सुंदरता को बहाल किया, बल्कि उसके भीतर के डर और संकोच को भी दूर कर दिया। अब वह जीवन को नई आशा के साथ देखेगी।"

केजीएमयू में उपलब्ध तकनीकें: उपचार मिलना हुआ आसान"

कृत्रिम नेत्र बनाने की नवीन तकनीकें और मशीनें अब नेत्र विभाग में उपलब्ध हैं। OPD में परामर्श के बाद इस सुविधा का उपयोग ऑक्युलोप्लास्टी क्लिनिक के माध्यम से किया जा सकता है। मात्र 1000 रुपये के व्यय से उच्च कोटि की कृत्रिम आंख बनवा सकते हैं।

चिकित्सा देखभाल और रखरखाव: निरंतर सतर्कता आवश्यक

कृत्रिम नेत्र के सफल उपयोग के लिए नियमित देखभाल अत्यंत आवश्यक है। इसमें उचित स्वच्छता बनाए रखना, आंख के बाहरी ढांचे में संक्रमण से बचाव और समय-समय पर नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना शामिल है। सही देखभाल से कृत्रिम नेत्र लंबे समय तक सुरक्षित और प्रभावी बना रहता है।

यूट्यूबर चंदन उपाध्याय को बिहार पुलिस ने अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर दी चेतावनी

भोजपुरी भाषा में अश्लीलता के खिलाफ बिहार पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है, हाल में ही बिहार सरकार ने आदेश दिया था कि भोजपुरी भाषा में अश्लील गाने गाने और बजाने के खिलाफ कार्रवाई किया जाए इसी को देखते हुए बिहार पुलिस ने इस पर कार्रवाई करना शुरू कर और पढ़े https://rangmediagroup.com/bihar/youtuber-chandan-upadhyay-warned-by-bihar-police-for-using-abusive-language/

आईटीआई धनबाद का होगा कायाकल्प, चार करोड़ से बदलेगी तस्वीर, तीन दशक बाद होगा रेनोवेशन

धनबाद : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) धनबाद का जल्द ही कायाकल्प होगा. झारखंड सरकार ने संस्थान के नवीनीकरण के लिए लगभग चार करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया है.

इससे संस्थान के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और बेहतर शिक्षण वातावरण उपलब्ध होगा.

जर्जर हो गया है आईटीआई धनबाद

वर्षों पहले बना आईटीआई धनबाद के भवन का हाल बेहाल है. पुराना होने की वजह से भवनों में सीलन आ चुका था. कई जगहों पर भवन टूट भी चुके हैं. इस फंड से आईटीआई धनबाद में प्रशासनिक भवन, एवीटीएस के सभी वर्कशॉप, सभी मशीन वर्कशॉप , हाइटेक भवन, सीओई भवन, लाइब्रेरी, हॉस्टल, सड़क आदि का नवीनीकरण होगा. वहीं कक्षाओं का निर्माण, पुरानी कक्षाओं का नवीनीकरण किये जायेंगे.

30 साल बाद होगा रेनोवेशन

जानकारी के अनुसार संस्थान का रेनोवेशन लगभग 30 साल बाद किया जा रहा है. अबतक इसका रखरखाव नहीं होने से संस्थान के भवन जर्जर हो चुके हैं. इसे लेकर आईटीआई धनबाद प्रबंधन की ओर से सरकार को कई बार पत्र लिखा गया था. अब फंड आवंटित होने से संस्थान के भवनों का जीर्णोद्धार होगा.

1962 में हुई थी आईटीआई की स्थापना

धनबाद आईटीआई की स्थापना 1962 में हुई थी. यहां धनबाद के अलावा दूसरे जिलों से भी छात्र पढ़ने आते हैं. संस्थान की स्थापना के लगभग 33 साल बाद पहली बार नवीनीकरण किया गया था. इसके 30 साल के बाद अब दूसरी बार रेनोवेशन का काम होगा.

धनबाद में सोना चांदी व हीरे के साथ अपराधी धराया

धनबाद :गोविंदपुर पुलिस को गुरुवार को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जहां लगभग 1 करोड़ के मूल्य के सोना चांदी और हीरे के आभूषण के साथ अकरम खान नामक अपराधी को गिरफ्तार किया है. अपराधी मध्य प्रदेश के धार जिला का निवासी है.

एसएसपी के क्राइम मीटिंग में सरहानीय कार्य करनेवाले थाना प्रभारियों को रीवार्ड देने की घोषणा,

धनबाद : एसएसपी एचपी जनार्दनन के नेतृत्व में आज समाहरणालय सभागार में आयोजित क्राइम मीटिंग में

लंबित कांडों को लेकर समीक्षा की गई. साथ ही आगामी रामनवमी पर्व को लेकर सभी थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में अपराधियों पर निगरानी रखने के साथ साथ सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.

आसमाजिक तत्वों को चिन्हित करते हुए उनपर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. पिछले पांच सालों में जितने भी कांड हुए हैं उनमे शामिल उन सभी अपराधियों को चिन्हित करते हुए उन सभी पर एक्शन लेने के निर्देश दिए.

एसएसपी ने बताया कि पिछले फ़रवरी माह में जो भी कार्य हुए हैं उन सभी कार्यों की समीक्षा की गई और आगे की कार्य योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुईं है. कई थाना प्रभारियों के द्वारा सरहानीय कार्य किए गए हैं उन्हें रीवार्ड देने का निर्णय लिया गया है साथ ही वैसे थाना प्रभारी जिनका परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई गई है.

हाय रे झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था! टाइगर जयराम महतो ने खोली स्वास्थ्य विभाग की पोल

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आज 14वां दिन था। बजट सत्र के दौरान आज विभागीय अनुदान बजट पर चर्चा हुई। सदन की दूसरी पाली में स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा हुई। चर्चा की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। जहां विधायकों ने अपने प्रश्न सभा पटल पर रखे। जिसके बाद संबंधित विभाग के मंत्री ने जवाब दिया।

चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के ही विधायक सुरेश बैठने स्वास्थ्य पर लेकर चिंता जताई। उन्होंने राज्य के अस्पतालों में डॉक्टर और नसों की कमी बताई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग में चल रहे आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग की। कहा आउटसोर्सिंग के कारण बिहार, यूपी और बंगाल के लोग यहां आ कर नौकरी ले रहे हैं। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नीति पर भी कहा कि रघुवर दास के स्थानीय नीति को रद्द कर नई नीति बनाए। इस बार भी यदि स्थानीय नीति -नियोजन नीति नहीं बनी तो कभी नहीं बनेगा। 

वहीं दूसरी ओर झारखंड लोक जन क्रांतिकारी मोर्चा के विधायक जयराम महतो ने तो स्वास्थ्य विभाग की पूरी पोल ही खोल दी। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी दुरुस्त है तो राज्य के माननीय प्राइवेट और बड़े अस्पतालों में क्यों इलाज करने जाते हैं उदाहरण देते हुए उन्होंने कल रात राज्य के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर अपना इलाज निजी अस्पताल आर्किड में करा रहे हैं, इसके अलावा झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सांसद महुआ मांझी भी अपना इलाज इसी अस्पताल में कर रही है। उन्होंने यहां तक भी कह डाली कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के परिजन राज्य से बाहर इलाज कराने गए। स्वास्थ्य विभाग की सार्थकता तभी होगी जब माननीय आम जनता के माफीक अपना इलाज सरकारी अस्पताल में ही कराएंगे।

वही इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पर पास हुए बजट का असर आने वाले दिनों में दिखेगा चाहे वह राज्य के निजी अस्पताल हो या सरकारी अस्पताल सभी में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएगी। उन्होंने मेडिको सिटी खोलने की भी बात कही है। वही जयराम महतो के सवाल पर इरफान अंसारी ने कहा कि सवाल उठाना अच्छी बात है लेकिन इस व्यवस्था की जिम्मेदार उन्होंने भाजपा को ठहराया। 

सदन की कार्यवाही के दौरान ही विधायक जयराम महतो ने किसानों के भुगतान को लेकर सवाल किए। इस दौरान विभागीय मंत्री द्वारा जवाब नहीं दिए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद सदन में जवाब देते दिखे। दरअसल, जयराम महतो ने किसानों के धान का उठाव नहीं होने की वजह से उनके भुगतान में हो रही देरी पर सरकार से इस पर ब्याज सहित भुगतान किसानों को देने की मांग की थी। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में चावल मिल बढ़ाने का काम किया जा रहा है। जिससे किसानों के धान का उठाव होने में तेजी आएगी।

दुमका : दोस्तों के साथ पार्टी मनाना गोड्डा के यश को पड़ा महंगा, दोस्तों ने ही मिलकर कर दी हत्या, 2 गिरफ्तार

दुमका : गोड्डा के यश चौधरी को दुमका में दोस्तों के साथ पार्टी मनाना महंगा साबित हुआ। किसी बात को लेकर हुए आपसी विवाद में उक्त नाबालिग लड़के की हत्या उसके दोस्तों ने ही कर दी। सभी नशे की हालात में थे। जिस दोस्त पर भरोसा कर यश गोड्डा से दुमका आया, उसी दोस्त ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर यश की हत्या कर दी। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए। घटना बीते 6 मार्च की है। बीते 16 मार्च को उक्त नाबालिग लड़के का शव पुलिस ने नगर थाना अंतर्गत खूंटा बांध के समीप खंडहरनुमा एक जर्जर भवन से बरामद किया था। करीब 10 दिनों बाद मिली लाश की शिनाख्त करना पुलिस के लिए काफी चुनौती पूर्ण था लेकिन शव बरामदगी के महज चार दिनों बाद पुलिस ने पूरे मामले से पर्दा उठा दिया। मामले में पुलिस ने गुरुवार को हत्यारोपी दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस अधीक्षक पीताम्बर सिंह खेरवार ने कहा कि बीते 16 मार्च को पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति का शव क्षत विक्षत स्थिति में खूंटाबांध लाल बहादुर शास्त्री मध्य विद्यालय के पीछे खंडरनुमा भवन के अंतिम कोना में बरामद किया था। शव काफी पुराना लग रहा था एवं तत्काल उसका शिनाख्त नहीं हो पाया। 

कहा कि मामले में दुमका नगर थाना काण्ड सख्या-45/25 के अंतर्गत धारा 103 (1)/61(2)/238/3(5) BNS 2023 के तहत अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया।

कहा कि अज्ञात शव के शिनाख्त एवं घटना में शामिल अपराधकर्मी के गिरफ्तारी के लिए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकरी के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया गया। टीम को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर उक्त अज्ञात शव की शिनाख्त की गयी जो गोड्‌डा निवासी राजेश कुमार चौधरी के पुत्र यश चौधरी के रूप में हुई।कहा कि यश अपने दोस्त के साथ दुमका आया था। दुमका में उसके दोस्त ने अपने एक और दोस्त के साथ 6 मार्च को उक्त खंडहर नुमा भवन में देर रात को पार्टी मनाया।

कहा कि दोनो नाबालिग दोस्तों के द्वारा पार्टी मनाने के दौरान यश के साथ आपसी वाद-विवाद में आपा खो दिया गया और इसी क्रम में दोनों लड़कों ने उसकी हत्या कर दी। 

कहा कि दोनों निन्द्र बालकों को न्यायालय में उपस्थापित करवाया जा रहा है। कहा कि पुलिस ने घटना को अंजाम देते समय दोनों निरुद्ध बालकों का पहना हुआ खुन लगा कपड़ा और हत्या में इस्तेमाल खून लगा ईंट एवं पत्थर बरामद किया है। 

छापामारी में शामिल पुलिस पदाधिकारी :-

अनुमंडल पुलिस पदाधिकरी महोदय सदर बिजय कुमार महतो के नेतृत्व में बनी टीम में परिक्ष्यमान पुलिस उपाधिक्षक अमित रविदास, 

पु० नि० सह थाना प्रभारी नंद किशोर प्रसाद, पु० अ० नि० रोहित साव, राजीव रंजन-1 एवं बाजो रजक, स० अ० नि० कुमोद यादव, बबन प्रसाद सिंह एवं परवेज आलम और नगर थाना के सशस्त्र बल शामिल थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की गुप्ता)

जयपुर में मुस्कान जैसी वारदात: पति को मारा, प्रेमी संग बाइक पर लाश लेकर 5KM घूमी…

मेरठ की मुस्कान का बेरहम चेहरा जिसने भी देखा वह सहम गया. प्रेमी से अपने पति को मरवाया. शव के टुकड़े कर उसे ड्रम में सीमेंट से जाम कर दिया, ताकि राज कभी उस ड्रम से बाहर न आ सके. मेरठ के मुस्कान जैसा ही मामला 400 किमी दूर राजस्थान की राजधानी जयपुर में सामने आया है. यहां गोपाली नाम की महिला ने भी प्रेमी दीनदयाल के हाथों अपने पति को मरवाया. लाश को बाइक पर रखकर पांच किलोमीटर तक दोनों घूमते रहे. फिर एक सुनसान जगह पर उसे जलाने की कोशिश की, ताकि मुस्कान की तरह वह भी राज को दफ्न कर सकें.

मामला राजधानी जयपुर का है. जयपुर साउथ की रहने वाली गोपाली देवी की उम्र 42 साल है. उसके पति का नाम धन्नालाल सैनी था. धन्नलाल सब्जी बेचने का काम करता था. वहीं गोपाली, दीनदयाल (30) की दुकान पर काम करती थी. गोपाली और दीनदयाल में धीरे-धीरे संबंध बन गए, जबकि दीनदयाल, गोपाली से 12 साल छोटा था. जब इसकी भनक धन्नालाल को हुई तो वह एक दिन दीनदयाल की दुकान पर आ पहुंचा.

प्रेमी की दुकान पर काम करती थी पत्नी

यहां दोनों के बीच झगड़ा हो गया. दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी. धन्नालाल ने पत्नी गोपाली देवी को दीनदयाल की दुकान पर काम करने से मना कर दिया, लेकिन गोपाली नहीं मानी. वह धन्नालाल के मना करने के बावजूद दीनदयाल की दुकान पर काम करने आती रही. यहीं पर बदले की आग में जल रहे दीनदयाल ने गोपाली से धन्नालाल को रास्ते से हटाने को कहा. फिर दोनों ने एक साथ मिलकर धन्नालाल को रास्ते से हटाने की प्लानिंग की.

एक दिन दीनदयाल और गोपाली ने मिलकर धन्नालाल की हत्या कर दी. हत्या करने के बाद दोनों ने लाश को ठिकाने लगाने की सोची. दीनदयाल ने बाइक उठाई और गोपाली को पीछे बैठाकर धन्नालाल की लाश को बोरे में भरकर बीच में रख लिया. दोनों पांच किलोमीटर तक लाश को लिए घूमते रहे, ताकि किसी सुनसान जगह पर ठिकाने लगा सकें. बाइक पर लाश ले जाते दोनों CCTV में भी कैद हुए.

दिनदहाड़े बाइक पर लाश को लेकर धूमते रहे

CCTV में दिख रहा है कि गोपाली पीछे बाइक पर बैठी हुई बोरे को पकड़े हुए हैं. दिनदहाड़े दोनों लाश को लेकर घूमते रहते हैं, लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगती है. फिर एक सुनसान जगह पर दोनों ने धन्नालाल की लाश को जला दिया और घर आ गए. अगले दिन सुबह जब पुलिस को अधजली लाश मिली तो पुलिस ने जांच शुरू की. 16 मार्च को इस वारदात को दोनों ने अंजाम दिया था. तीन दिन बाद 20 मार्च को गोपाली और दीनदयाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने दोनों आरोपियों को भेजा जेल

पुलिस पूछताछ में गोपाली ने अपने प्रेमी दीनदयाल के साथ मिलकर पति धन्नालाल की हत्या करने का अपराध कबूल किया. जयपुर साउथ के डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि दोनों आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. दोनों ने अपना अपराध कबूल किया है. दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.

बीजेपी जिला महामंत्री के आवास पर उनके पिता घनश्याम शुक्ला का निधन

संजीव सिंह बलिया। उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी का आगमन नगरा जिला महामंत्री बलिया आलोक शुक्ला जी के आवास पर उनके पिता घनश्याम शुक्ला के निधन की खबर सुनकर श्रद्धाजंली देने पहुँचे। गुरुवार को अपराह्न के समय राज्यमंत्री ने उनके आवास पर पहुंचकर चित्र पर पुष्प अर्पित किए और संवेदना व्यक्त किए।

इस मौके पर साथ मे गोरखपुर क्षेत्रीय युवा मोर्चा मंत्री मयंक शेखर, जिला संयोजक, आईटी विभाग जयप्रकाश जायसवाल, राजेश राजभर, प्रिंस गुप्ता, चंदू शुक्ला, अविनाश शुक्ला, कृष्णा गुप्ता, मनमोहन सिंह, बड़े अंसारी, सेराज अहमद, गुडडू पांडेय, दीपक ठाकुर आदि रहे।

दिशा सालियान मौत मामले में क्यों आ रहा आदित्य ठाकरे का नाम? महाराष्ट्र में नया सियासत बवाल

#dishasaliandeathcaseadityathackeraynamewhyinvolved

दिशा सालियान मर्डर केस एक बार फिर सुर्खियों में है। 8 जून 2020 को दिशा की मौत हुई। इसके 6 दिन एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की लाश उनके कमरे में मिली। दिशा सुशांत की मैनेजर रह चुकी थी। दिशा की मौत का केस इस बार सुर्खियों में इसलिए आया, क्योंकि उसके पिता सतीश ने बेटी की मौत की नए एंगल से जांच करने की मांग की है। हालांकि 5 साल पहले सतीश ने दिशा की मौत को सुसाइड मान लिया था, लेकिन अब उनका कहना है कि उन्हें सुसाइड मानने के लिए मजबूर किया गया था।

दिशा के पिता सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत की नए सिरे से जांच की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने याचिका में दिशा सालियान के अंतिम संस्कार की तस्वीरों को भी अदालत में अपनी याचिका के साथ अटैच किया है। इस याचिका में वकील का कहना है कि जब दिशा का पार्थिव शरीर उसके परिवार को सौंपा गया, तब उसके शरीर पर किसी भी चोट या घाव के निशान नहीं थे, जबकि मालवणी पुलिस ने दावा किया था कि दिशा की मौत के समय उसका शरीर खून से लथपथ था।

दिशा की मौत मामले में आदित्य ठाकरे का नाम आ रहा है।सतीश सालियान ने कोर्ट में याचिका दायर कर आदित्य ठाकरे समेत कई लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आदित्य ठाकरे और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की गई है। दिशा सालियान के पिता ने बेटी की हत्या का दावा करते हुए आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोर्या पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ये भी कहा है कि मुंबई पुलिस ने हकीकत को छुपाने की कोशिश की है। सतीश सालियान ने आदित्य ठाकरे पर ये भी आरोप लगाया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद उन्होंने रिया चक्रवर्ती से 44 बार फोन पर फोन किया था।

परिवार को नजरबंद रखने का आरोप

सतीश सालियान ने याचिका में कहा है कि दिशा की मौत अचानक नहीं हुई। पहले उनके साथ गैंगरेप हुआ और फिर उनका मर्डर कर दिया गया। सतीश ने कहा-'दिशा अपने करियर को लेकर काफी सीरियस थीं, ऐसे में उनका सुसाइड करना मुमकिन नहीं है। उस समय मुझे ये विश्वास दिलाया गया कि मेरी बेटी की मौत एक हादसा थी। पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर, मालवणी पुलिस थाने के अधिकारी लगातार इस बात पर जोर दे रहे थे कि वे जो बात कह रहे हैं, वो सच है। इन्हीं लोगों ने मेरे परिवार को लगातार दबाव में रखा और नजरबंद किया था। हमारी हर एक्टिविटी पर उनकी नजर थी।

8 जून की पार्टी में आदित्य ठाकरे भी थे शामिल?

याचिका में ये भी कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने दिशा के गैंगरेप और मर्डर को दबाने की कोशिश की। इसके लिए पुलिस ने सभी गवाह, फोरेंसिक रिपोर्ट, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जैसी सारी चीजें फर्जी तरीके से तैयार कीं। चश्मदीदों के मुताबिकर 8 जून 2020 की रात दिशा के मालवणी वाले घर पर एक पार्टी थी जिसमें उसके कुछ करीबी दोस्त शामिल हुए थे। इस दौरान आदित्य ठाकरे, एक्टर सूरज पंचोली और डिनो मोरिया भी दिशा के घर पहुंचे थे। इस घटना के बाद ही दिशा को मौत के घाट उतार दिया गया।

नितेश राणे ने लगाया बड़ा आरोप

इधर, बीजेपी विधायक नितेश राणे ने दावा किया कि दिशा सालियान मामले को लेकर उद्धव ठाकरे ने उनके पिता नारायण राणे को दो बार फोन कर मदद की गुहार लगाई थी। नितेश राणे ने कहा, उद्धव ठाकरे ने नारायण राणे से कहा था कि तुम्हारे भी दो बच्चे हैं, मेरे भी दो बच्चे हैं। अगर आदित्य ठाकरे निर्दोष हैं, तो उन्हें कैमरे के सामने आकर यह कहना चाहिए कि 8 जून 2020 को वे कहां थे।

राणे ने यह भी दावा किया कि दिशा सालियान के पिता के अनुसार इस मामले में तीन मास्टरमाइंड हैं - आदित्य ठाकरे, सूरज पंचोली और डिनो मोर्या। उन्होंने कहा, अब मैं यह आरोप नहीं लगा रहा, बल्कि दिशा सालियान के पिता खुद यह आरोप लगा रहे हैं।

कृत्रिम नेत्र: आशा की नई किरण केजीएमयू नेत्र रोग विभाग की पहल

आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने कृत्रिम नेत्र के क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति की है। जिन लोगों ने किसी दुर्घटना, बीमारी या जन्मजात विकार के कारण अपनी आंख गंवा दी हो, उनके लिए एक अच्छी तरह से निर्मित कृत्रिम नेत्र न सिर्फ उनकी खोई हुई सुंदरता को लौटाता है, बल्कि उनके जीवन में आत्मविश्वास और आशा की नई किरण भी जगाता है।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव

एक अच्छी तरह से निर्मित कृत्रिम नेत्र चेहरे के सौंदर्य में सामंजस्य स्थापित करता है। साथ ही आंख के बाहरी ढांचे के सही विकास में भी सहायक होता है। यह व्यक्ति के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की वरिष्ठ ऑक्युलोप्लास्टिक सर्जन डॉ. अपजीत कौर कहती हैं, "कृत्रिम नेत्र केवल सौंदर्य सुधार का साधन नहीं है, यह व्यक्ति के आत्मविश्वास और सामाजिक समावेशन को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सही तकनीक और देखभाल से, यह न सिर्फ चेहरों की खूबसूरती बल्कि जिंदगियों में भी नया उत्साह भर देता है।" यह समाज में किसी प्रकार के भेदभाव या असहजता की भावना को कम करने में भी सहायक सिद्ध होता है।

यह पॉलिमेथिल मैथाक्रिलेट का बना है। इसकी माप ली जाती है। सटीक माप लेने में लगभग 1 घंटा लग जाता है। पूरी आंख के सटीक माप और तैयार करने में 3 से 4 दिन लगते हैं।

रोगी को 1 हफ्ते बाद बुलाया जाता है। उसके बाद हर तीन महीने में एक बार एक वर्ष तक रोगी को बुलाया जाता है। कृत्रिम आंख से देखा नहीं जा सकता है।

रोगियों के अनुभव: उम्मीद की नई किरण

कृत्रिम नेत्र प्राप्त करने वाले कई रोगियों ने अपने अनुभव साझा किए हैं, जो प्रेरणा देने वाले हैं।

रामकुमार वर्मा (परिवर्तित नाम), 45 वर्ष, कहते हैं, "दुर्घटना के बाद मेरा आत्मविश्वास बिल्कुल टूट चुका था। कृत्रिम नेत्र लगने के बाद मुझे ऐसा लगा मानो मैंने अपनी खोई हुई पहचान फिर से पा ली हो। अब मैं लोगों से खुलकर बात कर सकता हूं, बिना किसी झिझक के।"

नीता अग्रवाल (परिवर्तित नाम), 2 वर्ष बालिका की माता साझा करती हैं, "रेटिनोब्लास्टोमा नामक कैंसर के कारण बच्ची को ऑपरेशन द्वारा अपनी आंख हटवानी पड़ी। कृत्रिम नेत्र ने न केवल उसके चेहरे की सुंदरता को बहाल किया, बल्कि उसके भीतर के डर और संकोच को भी दूर कर दिया। अब वह जीवन को नई आशा के साथ देखेगी।"

केजीएमयू में उपलब्ध तकनीकें: उपचार मिलना हुआ आसान"

कृत्रिम नेत्र बनाने की नवीन तकनीकें और मशीनें अब नेत्र विभाग में उपलब्ध हैं। OPD में परामर्श के बाद इस सुविधा का उपयोग ऑक्युलोप्लास्टी क्लिनिक के माध्यम से किया जा सकता है। मात्र 1000 रुपये के व्यय से उच्च कोटि की कृत्रिम आंख बनवा सकते हैं।

चिकित्सा देखभाल और रखरखाव: निरंतर सतर्कता आवश्यक

कृत्रिम नेत्र के सफल उपयोग के लिए नियमित देखभाल अत्यंत आवश्यक है। इसमें उचित स्वच्छता बनाए रखना, आंख के बाहरी ढांचे में संक्रमण से बचाव और समय-समय पर नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लेना शामिल है। सही देखभाल से कृत्रिम नेत्र लंबे समय तक सुरक्षित और प्रभावी बना रहता है।