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घुसपैठिए तो छोड़िए परिंदा भी पर नहीं मारेगा...” बंगाल में अमित शाह की हुंकार

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पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। इससे पहले राज्य का सियासी पारा हाई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर हैं। शाह ने मंगलवार को कोलकाता में प्रेस वार्ता की। जहां उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

टीएमसी सरकार पर जमकर बरसे शाह

अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, बंगाल के लिए आज से शुरू होकर अप्रैल तक का एक अहम समय है क्योंकि तब राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 15 साल में टीएमसी सरकार के शासन में राज्य में भय, भ्रष्टाचार और गलत प्रशासन फैला है, जिसके कारण बंगाल में आम नागरिकों में चिंता का माहौल बन गया है। शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण बंगाल का विकास रुक गया है। प्रधानमंत्री मोदी की जनकल्याण योजनाएं यहां टोल सिंडिकेट की भेंट चढ़ गई हैं। पिछले 14 वर्षों से बंगाल की पहचान डर और भ्रष्टाचार बन गई है।

बंगाल की विरासत को करेंगे पुनर्जीवित-शाह

बंगाल में आगामी चुनाव से पहले अपनी पार्टी के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, बीजेपी पश्चिम बंगाल के लोगों को भरोसा और वादा करना चाहती है कि जैसे ही राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी, हम बंगाल की विरासत को फिर से ज़िंदा करेंगे और राज्य में विकास की नदी बहेगी। हम गरीबों की भलाई को भी प्राथमिकता देंगे।

घुसपैठ को रोकने के लिए राष्ट्रीय ग्रीड बनाने का भरोसा

अमित शाह ने ममता सरकार पर घुसपैठ रोकने में विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकना अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन गया है और केवल भाजपा ही इसे रोक सकती है। शाह ने कहा, एक ऐसी मजबूत राष्ट्रीय ग्रीड बनाएंगे जो बंगाल से घुसपैठ को समाप्त कर देगी। इंसान छोड़ दीजिए परिंदा भी पर नहीं मार पाए हम इस प्रकार की ग्रीड की रचना करेंगे। ना केवल घुसपैठ रोकेंगे, सारे घुसपैठियों को चुन-चुन कर भारत के बाहर निकालने का काम भी भाजपा सरकार करेगी।

घुसपैठ मुद्दे पर चुनाव

अमित शाह ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, बंगाल के लोग अब जान गए हैं और वे बदलाव लाएंगे। आने वाला चुनाव घुसपैठ के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। यह चुनाव घुसपैठ पर होगा और यह मामला अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो बॉर्डर को सील करे।

पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर जताया शोक, पुरानी तस्वीरें शेयर कर दी श्रद्धांजलि

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने 10 साल पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही उन्होंने खालिदा जिया के योगदान को याद किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।'

पीएम मोदी ने खालिदा के योगदानों को किया याद

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 'बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी सोच और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी राह दिखाती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

2015 में हुई थी पीएम मोदी और खालिदा जिया की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6-7 जून 2015 को बांग्लादेश की द्विपक्षीय यात्रा का थी। यह यात्रा मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर हुई थी। इसी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया से मुलाकात थी। 7 जून 2015 को ढाका के पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में यह मुलाकात हुई। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली थी। मुलाकात में खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनके देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली में भारत से हस्तक्षेप की अपील की थी।

लंबे समय से बीमार थीं खालिदा

बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। खालिदा लंबे समय से बीमार थीं। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

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अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत पर हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे

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सुप्रीम कोर्ट में आज उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी पाए गए भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मुकदमे पर सुनवाई हुई। कुलदीप सेंगर की उन्नाव रेप मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर की आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर दी थी और सशर्त जमानत भी दे दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रारंभिक रूप से, हम इस आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में हैं।

चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें यह प्रतीत होता है कि इस मामले में कई महत्वपूर्ण लीगल सवाल उठे हैं। हम इस तथ्य से अवगत हैं कि जब किसी दोषी या विचाराधीन कैदी को रिहा कर दिया गया हो, तो इस न्यायालय द्वारा संबंधित व्यक्ति को सुने बिना ऐसे आदेशों पर रोक नहीं लगाई जाती। लेकिन इस मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए कि जहां दोषी एक अलग अपराध में भी सजा काट रहा है हम दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर 2025 के आदेश के संचालन पर रोक लगाते हैं।

1 हफ्ते में मांगा जवाब

याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। इसके लिए पूर्व विधायक को 1 हफ्ते का समय दिया गया है। कुलदीप सेंगर को अगले 7 दिन में जवाब दाखिल करना होगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने निलंबित की थी सजा

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया। इस मामले में अधिवक्ता अंजलि पटेल और पूजा शिल्पकार की ओर से दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है। उन्नाव दुष्कर्म मामला देश के सबसे संवेदनशील और चर्चित मामलों में से एक रहा है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का रुख बेहद अहम माना जा रहा है।

उन्नाव रेप कांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी, सेंगर की उम्रकैद निलंबन पर होगा फैसला

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सुप्रीम कोर्ट में आज की दिन अहम है। उन्नाव रेप कांड के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अहम सुनवाई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस में कुलदीप सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने का आदेश दिया था। इसी राहत के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सेंगर को मिली इस राहत के खिलाफ देशभर में आक्रोश है।

दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की याचिका

सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें सेंगर की अपील पेंडिंग रहने तक सजा सस्पेंड करने की अर्जी मंजूर की गई थी। इससे पहले, यह जानकारी सामने आई थी कि सीबीआई और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया था।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन

उन्नाव गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई से पहले अदालत के बाहर माहौल गरमा गया। पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता और आम महिलाएं भी शामिल रहीं। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर मौके से हटा दिया।

सुप्रीम कोर्ट के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा

बता दें कि सेंगर को मिली इस राहत के खिलाफ देशभर में आक्रोश है। पिछले दिनों दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता के परिवार ने दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया था। इसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

पीड़िता की मां ने जताया न्याय का भरोसा

इससे पहले उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उसकी मां ने रविवार को जंतर मंतर पर कुलदीप सिंह सेंगर को मिली जमानत के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में हाथों में बैनर व तख्तियां लिए पहुंचे। पीड़िता की मां ने बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि वहां से उन्हें न्याय मिलेगा। उन्होंने बताया कि उनपर केस वापस लेने का दवाब बनाया जा रहा है। हम बिना किसी डर के अपनी कानूनी लड़ाई लड़ना चाहती है और इसके लिए उसे सुरक्षा की जरूरत है। पीड़िता ने कहा मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करती हूं कि मुझे इस तरह सुरक्षा दी जाए, जिससे मैं निडर होकर अपनी लड़ाई लड़ सकूं।

घने कोहरे का असर: इंडिगो ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी, फ्लाइट ऑपरेशन प्रभावित


* दिल्ली और हिंडन एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी में उतार-चढ़ाव, यात्रियों से अपडेट चेक करने की अपील



नई दिल्ली। मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए इंडिगो एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। एयरलाइन ने बताया कि आज सुबह दिल्ली और हिंडन एयरपोर्ट पर ठंडी हवाओं के साथ घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे विजिबिलिटी में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।

इंडिगो के अनुसार कम दृश्यता के कारण फ्लाइट शेड्यूल में बदलाव किए गए हैं और बदलते हालात के चलते विमान परिचालन सामान्य से धीमा हो सकता है। एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और ग्राउंड टीमें विजिबिलिटी व सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन कर रही हैं।

एयरलाइन ने यह भी कहा कि जैसे ही मौसम की स्थिति में सुधार होगा, ऑपरेशन धीरे-धीरे सामान्य हो जाएंगे और उड़ानें तय कार्यक्रम के अनुसार संचालित की जाएंगी। इंडिगो ने यात्रियों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट के लिए रवाना होने से पहले अपनी फ्लाइट स्टेटस की जानकारी जरूर जांच लें।
ठंड से कांपा पूरा उत्तर भारत, दिल्ली-यूपी से हरियाणा-पंजाब तक शीतलहर का अलर्ट

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समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उस पर से घने कोहरे का कहर भी जारी है। इसके चलते पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री रहा। उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में शीतलहरी चली। पहाड़ी इलाकों में लद्दाख के द्रास में पारा शून्य से 14.2 डिग्री नीचे चला गया।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने घने कोहरे और शीतलहर के साथ ही कोल्ड डे की चेतावनी जारी की है। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी तक घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक आज (29 दिसंबर) को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के कुछ इलाकों में कोल्ड डे की स्थिति बन सकती है।

सबसे ज्‍यादा ज्यादा असर ट्रेनों पर

उत्तर भारत में जारी घने कोहरे का सबसे ज्‍यादा ज्यादा असर ट्रेनों पर पड़ा है। आज दिल्ली की ओर आने वाली 100 से अधिक ट्रेनें सात घंटे तक देरी से चल रही हैं। कोहरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीजन में पहली बार इतनी अधिक संख्‍या में ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। देरी से चलने वाली ट्रेनों में कई राजधानी और शताब्‍दी ट्रेनें शामिल हैं। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए देरी से चल रही ट्रेनों की लिस्‍ट जारी कर दी है, जिससे यात्री घर से निकलने से पहले ट्रेनों की लोकेशन जान लें और परेशानी से बच सकें।

दिल्ली एयरपोर्ट ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

घने कोहरे को देखते हुए दिल्ली एयरपोर्ट ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, क्योंकि घने कोहरे के कारण उड़ान संचालन में समस्याएं आ सकती हैं। एडवाइजरी में कहा गया है कि हम यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। उड़ानों से संबंधित ताजा जानकारी के लिए यात्रियों को अपनी-अपनी एयरलाइन से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय असुविधा के लिए हमें खेद है।

उस्मान हादी की हत्या के दो आरोपी भारत भागे...', बांग्लादेश पुलिस का दावा कितना सच?

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बांग्लादेश के इंकिलाब मंच के नेता उस्मान हादी की मौत के बाद से वहां बवाल मचा हुआ है और सरकार से उनके हत्यारों को पकड़ने की मांग हो रही थी। हालांकि, उस्मान हादी के हत्यारे का अब तक पता नहीं चला है। इस नाकामी के बीच ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस ने दावा किया है कि उस्मान हादी की हत्या के दोनों प्रमुख अभियुक्त भारत भाग गए हैं।

स्थानीय मदद से सीमा करने का दावा

बांग्लादेश की ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने दावा किया है कि शरीफ उस्मान हादी की हत्या के दो मुख्य आरोपी भारत भाग गए हैं। ढाका पुलिस के मुताबिक ये आरोपी मयमनसिंह जिले के हलुआघाट बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुए, जो मेघालय से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी स्थानीय मदद से सीमा पार कर भारत पहुंचे।

मदद देने वालों की भारत में गिरफ्तारी का दावा

ढाका के डीएमपी मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त आयुक्त एसएन नज़रुल इस्लाम ने बताया कि आरोपी फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख हुलुआघाट सीमा पार कर भारत पहुंचे। पुलिस के अनुसार, सीमा पार करने के बाद उन्हें पहले पूर्ति नाम के व्यक्ति ने रिसीव किया और फिर सामी नामक टैक्सी चालक ने उन्हें मेघालय के तुरा शहर तक पहुंचाया। अधिकारी ने यह भी कहा कि जिन दो लोगों ने आरोपियों को मेघालय पहुंचाने में मदद की, उन्हें भारत में हिरासत में लिया गया है। बांग्लादेशी पुलिस ने भरोसा जताया कि भारतीय एजेंसियों के साथ औपचारिक और अनौपचारिक दोनों स्तरों पर समन्वय जारी है ताकि आरोपियों की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जा सके।

कौन थे शरीफ उस्मान हादी?

शरीफ उस्मान हादी बांग्लादेश के छात्र नेता थे और शेख हसीना विरोधी मंच ‘इनक़िलाब मंच’ से जुड़े थे। वे आगामी फरवरी चुनावों में ढाका-8 सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी उन पर जानलेवा हमला हुआ। 12 दिसंबर को उस्मान हादी को गोली मार दी गई थी। इसके बाद 18 दिसंबर को हादी का सिंगापुर में निधन हो गया और तब से लेकर अब तक बांग्लादेश में लगातार माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

दिग्विजय सिंह के समर्थन में आए शशि थरूर, आरएसएस वाले बयान पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस

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कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक्स पर पीएम मोदी और लाल कृष्ण आडवाणी की एक पुरानी फोटो शेयर की थी, जिसमें नरेन्द्र मोदी जमीन पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो को शेयर कर उन्होंने आरएसएस की संगठनात्मक शक्ति की तारीफ। साथ ही कांग्रेस को मजबूत करने की जरूरत वाला बयान दिया। दिग्विजय सिंह के इस बयान पर बवाल मच गया है।

दिग्विजय सिंह के बयान पर कांग्रेस नेताओं की राय बटी

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की ओर से आरएसएस और भाजपा की तारीफ किए जाने के मामले ने पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि वह संघ की विचारधारा के घोर विरोधी हैं। हालांकि, उनके इस बयान पर कांग्रेस में ही कई नेताओं की राय बंटी हुई नजर आ रही है।

पवन खेड़ा का दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रहार

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने रविवार को दिग्विजय सिंह के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि संघ से सीखने को कुछ नहीं है। संघ पर तीखा प्रहार करते हुए खेड़ा ने आरएसएस की तुलना महात्मा गांधी की हत्या करने वाले हिंदुत्ववादी विचारक नाथूराम गोडसे से की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि आरएसएस से सीखने को कुछ नहीं है। गोडसे के लिए कुख्यात संगठन गांधी द्वारा स्थापित संगठन को क्या सिखा सकता है?

दिग्विजय के समर्थन में शशि थरूर

वहीं दूसरी ओर दिग्विजय सिंह के आरएसएस की संगठनात्मक शक्ति की प्रशंसा करने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मैं भी चाहता हूं कि हमारा संगठन मजबूत हो। हमारे संगठन में अनुशासन होना चाहिए। दिग्विजय सिंह खुद इस बारे में बोल सकते हैं। इसके साथ ही शशि थरूर ने कहा, 'हमारी पार्टी का 140 साल का इतिहास है। हम इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम खुद से भी बहुत सी चीजें सीख सकते हैं। अनुशासन बहुत जरूरी चीज है।