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तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री ने CM सोरेन को दिया ‘ग्लोबल समिट’ में शामिल होने का निमंत्रण

कांके रोड स्थित आवासीय कार्यालय में हुई शिष्टाचार भेंट, दोनों राज्यों के बीच आपसी सहयोग पर हुई चर्चा

रांची, 5 दिसंबर 2025।

झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से आज कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री श्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने शिष्टाचार भेंट की।

आमंत्रण और चर्चा का विषय

आमंत्रण: उप मुख्यमंत्री श्री विक्रमार्क ने मुख्यमंत्री सोरेन को हैदराबाद में आगामी 8-9 दिसंबर को आयोजित होने वाले ‘तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट’ में शामिल होने हेतु औपचारिक निमंत्रण प्रदान किया।

चर्चा: मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने तेलंगाना एवं झारखंड के बीच आपसी सहयोग के विभिन्न विषयों पर सौहार्दपूर्ण चर्चा की।

उपस्थिति

इस अवसर पर झारखंड कांग्रेस के प्रभारी श्री के. राजू तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री केशव महतो कमलेश भी उपस्थित रहे।

यह मुलाकात दोनों राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

धनबाद के केंदुआडीह में गैस रिसाव से हड़कंप: 2 महिलाओं की मौत, 24 से अधिक लोग बीमार

इलाका भूमिगत आग के कारण डेंजर जोन घोषित; DC आदित्य रंजन ने जांच के लिए कमेटी गठित की


झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत केंदुआडीह इलाके से गैस रिसाव का गंभीर मामला सामने आया है। बुधवार दोपहर को हुई इस घटना में अब तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है, जबकि 24 से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं। बीमार लोगों को उल्टी, चक्कर और बेचैनी की शिकायत के बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया है।

घटना का विवरण

समय और स्थान: बुधवार दोपहर, केंदुआडीह इलाका।

घटना: स्थानीय लोगों के मुताबिक, एकाएक तेज दुर्गंध के साथ गैस फैली और रिसाव के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

मृतक: गैस रिसाव के कारण जिन दो महिलाओं की मौत हुई है, उनकी पहचान ललिता देवी और प्रियंका देवी के रूप में हुई है। हालांकि, मौत की सही वजह (गैस रिसाव या कुछ और) पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

डेंजर जोन: केंदुआडीह का यह इलाका भूमिगत कोयले में लगी आग के कारण पहले से ही डेंजर जोन घोषित है।

प्रशासनिक कार्रवाई और आक्रोश

दो महिलाओं की मौत की खबर के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला, जो सड़कों तक पहुँच गया। लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।

जांच कमेटी: डिप्टी कमिश्नर आदित्य रंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एक जांच कमेटी का गठन किया है।

राहत निर्देश: इसके साथ ही, डीसी ने बीसीसीएल (BCCL) मैनेजमेंट को प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए तुरंत राहत उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।

खतरे में लोगों की जिंदगी

धनबाद का अग्निप्रभावित और भू-धंसान वाला यह क्षेत्र हमेशा खतरे के साये में रहता है। कब कहाँ जमीन धंस जाए या गोफ बन जाए, यह कोई नहीं जानता, जिससे यहाँ रहने वाले हजारों लोगों की जिंदगी हर पल दांव पर लगी रहती है।

पिछला हादसा: इससे पहले, सितंबर महीने में बाघमारा के कतरास में बीसीसीएल खदान क्षेत्र में जमीन धंसने से एक सर्विस वैन 300 फीट से ज्यादा गहरी खाई में गिर गई थी, जिसमें 6 मजदूरों की मौत हो गई थी।

अगस्त की घटना: अगस्त के महीने में केंदुआ के गोधर एरिया में भी एक महिला अपने घर के बाहर खड़ी थी, जब उनके पैर के नीचे की जमीन धंस गई थी। हालांकि, कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।

ट्रायल कोर्ट में 12 दिसंबर की सुनवाई स्थगित, ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश; अगली सुनवाई 18 दिसंबर को


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के शिकायतवाद पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) द्वारा लिए गए संज्ञान को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री को बड़ी अंतरिम राहत मिली है।

हाईकोर्ट का निर्देश

ट्रायल स्थगित: कोर्ट ने ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए, रांची के एमपी-एमएलए कोर्ट (ट्रायल कोर्ट) को 12 दिसंबर को होने वाली सुनवाई को स्थगित करने को कहा है।

अगली सुनवाई: इस मामले की अगली सुनवाई अब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होगी।

सुनवाई के दौरान दलीलें

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, दीपांकर राय और श्रेय मिश्रा ने दलील पेश की।

सीएम के अधिवक्ता की मांग: सीएम के अधिवक्ता दीपांकर राय ने बताया कि ईडी ने काउंटर फाइल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था। इस पर यह तर्क दिया गया कि अगर समय दिया गया तो 12 दिसंबर को प्रस्तावित ट्रायल शुरू हो जाएगा। इसलिए, अगली सुनवाई होने तक अंतरिम आदेश देने की मांग की गई थी।

इस दलील को स्वीकार करते हुए जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई में भी मिली थी राहत

गौरतलब है कि बुधवार (3 दिसंबर) को इसी मामले में सीएम हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने उन्हें सिर्फ 6 दिसंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था, साथ ही ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत पेशी की अनिवार्यता हटा दी थी। हालांकि, विशेष कारणों से कोर्ट उन्हें व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित होने को कह सकता है।

यह मामला ईडी द्वारा 19 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत से जुड़ा है, जिसमें हेमंत सोरेन पर आठ समन की अवहेलना करने का आरोप लगाया गया था।

रिम्स कैंपस में अवैध निर्माण पर BJP का तीखा हमला: 'सरकार संरक्षित व्यवस्थित लूट जारी'


भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और सरकार को घेरा; आशंका जताई- 'रिम्स-2 की जमीन भी इसी मॉडल पर हड़पने की तैयारी'

रांची स्थित रिम्स अस्पताल परिसर में चल रहे अवैध निर्माण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य सरकार और सरकारी तंत्र पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि राजधानी रांची में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर ज़मीन की व्यवस्थित और संगठित लूट जारी है।

'माफिया-सरकारी तंत्र' के गठजोड़ का आरोप

अजय साह ने रिम्स परिसर में चार साल तक खुलेआम निजी अपार्टमेंट का निर्माण होने पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं:

संरक्षण का आरोप: "सामान्यतः ज़मीन माफिया दो–तीन दिनों में अवैध कब्ज़ा कर भाग खड़े होते हैं, लेकिन रिम्स परिसर में तो चार वर्षों तक खुलेआम एक निजी अपार्टमेंट का निर्माण होता रहा... यह तभी संभव है जब माफियाओं को सरकार और उसके प्रभावी तंत्र का संरक्षण प्राप्त हो।"

संलिप्तता: उन्होंने इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ रांची नगर निगम के शीर्ष अधिकारियों को समान रूप से संलिप्त बताया।

नगर निगम पर निशाना: साह ने कहा कि जहाँ आम लोगों के साधारण मकानों के नक्शे वर्षों तक पास नहीं होते, वहाँ चार साल तक अवैध अपार्टमेंट का निर्माण बिना अधिकारियों की शह के चलना असंभव है।

पूर्व डीसी और बरियातू जमीन का मुद्दा

भाजपा प्रवक्ता ने बरियातू की जमीन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिस जमीन पर सेना का दावा था, उसे हथियाने वाले पूर्व डीसी (जो मास्टरमाइंड बताए जाते हैं) को सरकार ने दोबारा सत्ता तंत्र में शामिल कर लिया है। अब उसी क्षेत्र में सरकारी अस्पताल की जमीन पर कब्जा कर निजी अपार्टमेंट खड़ा कर दिया गया है।

रांची नगर निगम 'भ्रष्ट अधिकारियों की शरणस्थली'

अजय साह ने रांची नगर निगम पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया:

भ्रष्टाचार का तंत्र: उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम पूरे राज्य के भ्रष्ट अधिकारियों की शरणस्थली बन गया है। दूसरे जिलों में भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिकारियों को यहाँ पदोन्नत कर भेजा जाता है, ताकि वे राजधानी में "बड़े पैमाने पर खेल" कर सकें।

चुनाव न कराने का कारण: उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम में जारी इसी भ्रष्टाचार के तंत्र के कारण पिछले पाँच वर्षों से राज्य में नगर निगम चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।

रिम्स-2 पर 'हड़पने' की आशंका

अजय साह ने सवाल उठाया कि जब वर्तमान रिम्स की जमीन बिल्डरों के हवाले कर दी गई है, तो क्या इसी "रिम्स मॉडल" को लागू करने के लिए सरकार भारी जनविरोध के बावजूद रिम्स-2 के लिए निवासियों की जमीन अधिग्रहित करने पर तुली हुई है? उन्होंने आशंका जताई कि रिम्स-2 की जमीन भी भूमाफियाओं के लिए नया खजाना बनाने की तैयारी है।

निष्पक्ष जांच की मांग

भाजपा ने आरोप लगाया कि जहां नगर निगम आम नागरिकों के साधारण मकानों पर बुलडोजर चलाने में तत्पर रहता है, वहीं इस अवैध निर्माण पर वर्षों तक केवल "नोटिस-नोटिस" का खेल खेलता रहा। भाजपा ने यह भी दावा किया कि इस अवैध निर्माण में कांग्रेस के एक विधायक का नाम भी सामने आ रहा है, जिसके कारण पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई अनिवार्य है।

JSSC CGL नियुक्ति पर रोक हटने के बाद CM सोरेन ने कहा: "नेक इरादों का मिला परिणाम"

मुख्यमंत्री आवास पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने मनाया जश्न, CM हेमंत सोरेन ने कहा- "निष्पक्ष जांच और ईमानदार प्रयासों का हुआ सम्मान"

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जेएसएससी संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (CGL) के परिणाम जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने के आदेश के बाद आज सैकड़ों अभ्यर्थी ढोल-नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय परिसर पहुँचे। इन अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री का संबोधन और जीत की बधाई

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने जश्न मनाते अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि लंबे संघर्ष के बाद मिली यह सफलता और विजयी होना आप सभी के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

नेक इरादों का परिणाम: मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर इरादें नेक हों तो हर चीजें बेहतर होती है। इसी का परिणाम है कि जेएसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा के रिजल्ट और नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी सारी अड़चनें अब दूर हो चुकी है।"

विलंब पर खेद: उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में विलंब हुआ, नहीं तो राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ पर ही वे युवाओं को नियुक्ति पत्र देने की खुशियां मनाते।

राज्य की खुशहाली: उन्होंने अपनी सरकार का दृष्टिकोण दोहराते हुए कहा कि "जब युवा खुश होंगे तभी यह राज्य खुशहाल होगा।"

निष्पक्ष जांच और विरोधियों पर हमला

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने इस पूरे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच कराई, जिसके कारण दोषियों पर कठोर कार्रवाई हुई।

जांच पर जोर: उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने पूरी निष्पक्षता के साथ इसकी जांच कराई। जिन्होंने इस प्रतियोगिता परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता को दागदार बनाने की साजिश रची, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हुई।"

विरोधी तत्वों पर आरोप: मुख्यमंत्री ने विरोधी तत्वों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हर प्रतियोगिता परीक्षाओं को बाधित करने की साजिश रचते रहते हैं।

न्याय की पुष्टि: उन्होंने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय ने निष्पक्ष जांच, तथा अभ्यर्थियों के ईमानदार प्रयास और भावनाओं को सम्मान देते हुए उन्हें न्याय दिया है।

जेपीएससी परीक्षाओं का तुलनात्मक रिकॉर्ड

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की प्रतिबद्धता साबित करने के लिए झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का उदाहरण दिया।

परीक्षाओं की संख्या: मुख्यमंत्री ने कहा कि जेपीएससी द्वारा पिछले 18 वर्षों में सिविल सेवा की जितनी परीक्षाएं ली गई, उतनी परीक्षाएं उनकी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में ही ली है।

बेदाग रिकॉर्ड: उन्होंने दावा किया कि पिछली परीक्षाओं को लेकर धांधली के मामले सामने आए थे, लेकिन उनकी सरकार में ली गई तमाम परीक्षाएं बेदाग रही हैं।

अभ्यर्थियों ने जताया आभार

इस अवसर पर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के अथक प्रयासों और सरकार द्वारा पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने से ही उन्हें न्याय मिला है।

JSSC-CGL परीक्षार्थियों ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर दी बधाई; कहा- 'CM हेमंत सोरेन के प्रयासों से मिला न्याय'

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा (CGL) का रिजल्ट जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के बाद राज्यभर के अभ्यर्थियों में उत्साह और कृतज्ञता का माहौल है। सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी ढोल-नगाड़ों के साथ मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के आवासीय कार्यालय परिसर पहुँचे और जमकर जश्न मनाया।

मुख्यमंत्री का जताया आभार

जश्न मनाने आए अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री श्री सोरेन को इस न्यायिक जीत के लिए बधाई दी और उनका आभार व्यक्त किया।

अभ्यर्थियों का वक्तव्य: अभ्यर्थियों ने कहा, "मुख्यमंत्री जी के प्रयासों एवं निष्पक्ष जांच के कारण हमें न्याय मिला है।"

जश्न का माहौल: कोर्ट के फैसले से राहत मिलने के बाद अभ्यर्थियों ने मिठाइयाँ बांटी और ढोल की थाप पर अपनी खुशी जाहिर की।

अभ्यर्थियों ने विश्वास जताया कि राज्य सरकार अब न्यायालय के निर्देशानुसार जल्द ही रिजल्ट जारी करेगी और नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी, जिससे उनके भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

हाईकोर्ट के फैसले से JSSC-CGL अभ्यर्थियों में खुशी की लहर!


CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज; रिजल्ट जारी करने का निर्देश मिलते ही रांची में जश्न

रांची, 4 दिसंबर 2025।

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) के कथित पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर देने के बाद राज्यभर के हजारों अभ्यर्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। बुधवार को फैसला आने के कुछ ही घंटों के भीतर, राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जमा हो गए और जमकर जश्न मनाया।

जश्न और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया

खुशी का इजहार: अभ्यर्थियों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर खुशी जाहिर की और एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर अपनी खुशी बांटी।

राहत की सांस: अभ्यर्थियों का कहना है कि वे लंबे समय से रिजल्ट जारी होने का इंतजार कर रहे थे, जिससे उनकी तैयारी और रोजगार दोनों प्रभावित हो रहे थे। हाईकोर्ट द्वारा रिजल्ट जारी कर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए जाने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है।

नई शुरुआत: कई अभ्यर्थियों ने इस फैसले को अपने 'करियर की नई शुरुआत' बताते हुए सरकार और आयोग से जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की अपील की।

न्यायालय का फैसला

हाईकोर्ट की खंडपीठ, जिसमें चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर शामिल थे, ने 3 नवंबर को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मुख्य निर्णय: अदालत ने बुधवार को सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया और आयोग को परिणाम जारी करने का निर्देश दिया।

रोक: हालांकि, कोर्ट ने उन दस अभ्यर्थियों के रिजल्ट पर रोक लगा दी है, जिन्होंने कथित तौर पर नेपाल में रहकर परीक्षा की तैयारी की थी।

याचिकाकर्ताओं की दलीलें

याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता समीर रंजन ने बहस की थी। उन्होंने सुनवाई के दौरान दावा किया था कि 22 सितंबर 2024 को आयोजित परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक हुआ था। उनकी दलीलों में व्हाट्सएप चैट, संदिग्धों के बयान, नेपाल कनेक्शन और कथित भुगतान के सबूतों का हवाला दिया गया था।

अल्बर्ट एक्का चौक पर जुटे अभ्यर्थियों ने कहा कि हाईकोर्ट का यह निर्णय उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले से लंबे समय से अटकी भर्ती प्रक्रिया का रास्ता साफ हो गया है और हजारों युवाओं में नई उम्मीद जगी है।

जमीन घोटाले में फंसे झारखंड CM हेमंत सोरेन को राहत, अब नहीं आना होगा कोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित लैंड स्कैम से जुड़े ED मामले में बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उन्हें MP-MLA कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी है. सोरेन ने निचली अदालत के पेशी आदेश को चुनौती दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. अब वकील ही सोरेन की तरफ से प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, यह फैसला ED की तरफ से दाखिल शिकायत के बाद आया है.

झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई की गई. मामले की सुनवाई जस्टिस एके चौधरी की बेंच ने की. ईडी समन अवहेलना मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निचली अदालत में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट प्रदान कर दी है.

कोर्ट से मिली बड़ी राहत

मुख्यमंत्री की तरफ से दाखिल याचिका में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा 12 दिसंबर को अनिवार्य व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुनवाई के दौरान सीएम की ओर से अधिवक्ता दीपांकर ने बताया कि हेमंत सोरेन ने ईडी के सभी समन का जवाब भेजा था, इसलिए व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत दी जानी चाहिए. अदालत ने दलील स्वीकार करते हुए निचली अदालत में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश पर रोक लगा दी. कोर्ट के इस फैसले से सीएम सोरेन को बड़ी राहत मिली है.

कोर्ट पहुंची थी ED

एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने सोरेन को अपने ऑफिस में पेश होने के लिए समन जारी किए थे, जिसका उन्होंने कभी पालन नहीं किया. शिकायतकर्ता, ED के असिस्टेंट डायरेक्टर, देवराज झा ने कंप्लेंट फाइल करते हुए कहा कि सोरेन को कथित लैंड स्कैम में शामिल होने के सिलसिले में अथॉरिटी के सामने पेश होने के लिए 10 समन जारी किए गए थे. झा ने कहा था कि सोरेन सिर्फ दो समन के जवाब में पेश हुए थे, जबकि बाकी को इग्नोर कर दिया गया था.

इसके बाद, ED ने 2024 में MP-MLA कोर्ट के स्पेशल जज के सामने एक कंप्लेंट पिटीशन फाइल की. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट द्वारा फाइल की गई कंप्लेंट पिटीशन की सुनवाई के दौरान, स्पेशल जज ने सोरेन को रांची में MP-MLA कोर्ट के सामने पर्सनली पेश होने का ऑर्डर दिया था.

हटिया मजदूर यूनियन ने केंद्र सरकार पर लगाया रणनीतिक PSU को खत्म करने का आरोप, कहा- "घाटा कृत्रिम संकट का परिणाम"

रांची स्थित देश की प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) को बंद करने की केंद्र सरकार की सिफारिश और मंत्रालय से रिपोर्ट तलब किए जाने पर भारी विरोध शुरू हो गया है। हटिया मजदूर यूनियन (सीटू) के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह ने एक प्रेस बयान जारी कर केंद्र सरकार की नीतियों को 'जन-विरोधी, सीपीएसयू-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी' करार दिया है।

यूनियन ने आरोप लगाया है कि पिछले सात वर्षों के घाटे का हवाला देकर एचईसी को 'अकार्यक्षम' बताने की कोशिश की जा रही है, जबकि यह घाटा सरकार की सुनियोजित नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम है।

सरकार पर लगाए गए मुख्य आरोप (घाटे का कारण)

यूनियन ने स्पष्ट किया कि एचईसी को घाटे में धकेलने के पीछे बाजार की विफलता नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं:

आरोप विवरण

पूंजी और निवेश का अभाव एचईसी को पूंजीगत निवेश नहीं दिया गया, जिससे मशीनरी और संयंत्र का उन्नयन नहीं हो सका।

बकाया भुगतान रोकना केंद्र सरकार ने एचईसी के ₹4300 करोड़ के बकाये का भुगतान रोके रखा, जो विभिन्न परियोजनाओं में किए गए कार्यों के एवज में लंबित है।

नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूरी भारी मशीनरी, खनन, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक विशेषज्ञता के बावजूद, एचईसी को जानबूझकर नए कॉन्ट्रैक्ट्स से दूर रखा गया।

सुनियोजित घाटा 2018-19 से 2024-25 तक घाटा लगातार बढ़ा, जिसे यूनियन ने PSU को पंगु बनाने की नीति का हिस्सा बताया है।

भवन सिंह ने कहा, "बिना पूंजी और बिना आदेश के कोई भी उद्योग लाभ कैसे कमा सकता है? अब इसी कृत्रिम संकट का हवाला देकर इकाई को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है।"

सरकार की वास्तविक मंशा

यूनियन ने आरोप लगाया कि सरकार की वास्तविक मंशा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी पूँजीपतियों के लिए खाली मैदान बनाना और देश की सामरिक औद्योगिक क्षमता (भारी इंजीनियरिंग, अंतरिक्ष, रक्षा) को निजी हाथों में सौंपना है।

हटिया मजदूर यूनियन की प्रमुख माँगे

यूनियन ने केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए निम्नलिखित माँगे रखी हैं:

तत्काल रोक: एचईसी बंद करने की किसी भी प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।

बैंक गारंटी बहाल: केंद्र सरकार एचईसी की रद्द एसबीआई की बैंक गारंटी को तुरंत बहाल करे।

फंड और कॉन्ट्रैक्ट्स: एचईसी को नए आदेश, आधुनिकीकरण बजट और तकनीकी उन्नयन पैकेज प्रदान किया जाए।

नीतिगत बदलाव: सार्वजनिक उद्योग नीति को पुनः बहाल किया जाए।

कर्मचारियों की सुरक्षा: मजदूरों, इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों की आजीविका की रक्षा सुनिश्चित की जाए; किसी भी प्रकार की छँटनी या विनिवेश स्वीकार नहीं किया जाएगा।

यूनियन ने इस जन-विरोधी निर्णय का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि एचईसी का निजीकरण या बंदी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी, क्योंकि यह झारखंड के लाखों परिवारों और भारत की औद्योगिक क्षमता पर सीधा हमला है।

हाईकोर्ट के फैसले से बेनकाब हुई BJP की साजिश; JMM ने कहा- "यह युवाओं और पारदर्शिता की जीत"

झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा सीजीएल-2023 (CGL-2023) परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति दिए जाने के बाद, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने जारी एक प्रेस बयान में कहा कि न्यायालय के इस फैसले ने भाजपा द्वारा फैलाई गई अफवाहों और संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है।

हाईकोर्ट के फैसले का सार

प्रेस बयान में कहा गया कि न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि:

मामला सीबीआई जांच के योग्य नहीं है।

एसआईटी की निगरानी में जांच जारी रहनी चाहिए।

महाचसिव विनोद पांडेय ने कहा, "इस फैसले ने भाजपा द्वारा पेपर लीक की दुहाई देकर सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक मचाए गए बेवजह हंगामे की सच्चाई को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। अदालत में उनके दावों की कोई सच्चाई साबित नहीं हो सकी।"

भाजपा पर तीखा हमला

झामुमो ने आरोप लगाया कि भाजपा ने केवल अपनी राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए हजारों युवाओं को गुमराह किया, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया और पूरे राज्य में अनिश्चितता का माहौल खड़ा किया।

"शिक्षा माफिया और अफवाह फैलाने वाले तत्व आज एक बार फिर पूरी तरह उजागर हो चुके हैं।"

विनोद पांडेय, महासचिव, JMM

पारदर्शिता और सफलता की पुष्टि

झामुमो ने दोहराया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार का इरादा शुरू से ही साफ और प्रक्रिया पारदर्शी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के कथन को उद्धृत किया: "नेक इरादा हो तो चौतरफा सफलता मिलती है"—और कहा कि हाईकोर्ट का फैसला उसी बात की पुष्टि करता है।

युवाओं को बधाई और भाजपा से माफी की मांग

झामुमो ने उन हजारों परीक्षार्थियों को बधाई दी, जिनका परिणाम अब जारी होगा और जो जल्द ही राज्य की सेवा में आगे बढ़ सकेंगे।

अंत में, पार्टी ने भाजपा से मांग की कि वह झूठे आरोपों के सहारे युवाओं का मनोबल तोड़ने, भर्ती प्रक्रिया को बदनाम करने और भ्रम का जाल फैलाने के लिए राज्य की जनता से माफी माँगे। झामुमो ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि वह युवाओं के अधिकार, पारदर्शी भर्ती और निष्पक्ष अवसर के प्रति समर्पित है और रहेगा।