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झारखंड में अपराध छिपाने केलिए नया अपराध गढ़ती है हेमंत सरकार......बाबूलाल मरांडी

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर अपराध छिपाने केलिए नया अपराध गढ़ने का आरोप लगाया।

श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में अब अपराध छिपाने के लिए नया अपराध गढ़ना सरकार और सिस्टम की आदत बन चुकी है। धनबाद के कोयले के काले साम्राज्य में ED की हालिया कार्रवाई ने कई चौंकाने वाले सबूत उजागर किए हैं। लेकिन सबसे खतरनाक बात यह है कि कोयले की काली कमाई से लाल हो रहे कुछ “शीर्ष पुलिस अधिकारी” द्वारा कोयला माफियाओं को उनके कुछ जमीनी गुर्गों को “हमेशा के लिए खत्म” करने का “टारगेट” दिया गया है।

कहा कि स्पष्ट जानकारी मिल रही हैं कि ED जिन लोगों से पूछताछ कर रही है, उन्हीं की हत्या की साजिश रची जा रही है, ताकि सच बाहर न आ सके। अपराधियों को पकड़ने के नाम पर “सबूतों का एनकाउंटर” कराने का खेल पहले भी इस राज्य में खेला गया है। झारखंड एक ऐसे अपराधी डीजीपी को देख चुका है जिस पर सुपारी लेकर एनकाउंटर तक करवाने और झारखंड में उससे भ्रष्ट डीजीपी आजतक कभी नहीं बनने के साथ ही भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ देने का आरोप सत्ताधारी दल तक के लोगों ने भी लगाया है।

कहा कि ED को बेहद सतर्क रहना चाहिए। यहाँ सच बोलने वाले का नहीं, सच दबाने वाले का राज चलता है। और जब सत्ता, सिस्टम और माफिया एक ही धुरी पर घूमने लगें, तो न्याय का गला घोंटना महज औपचारिकता रह जाती है।

दुमका में 22 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को मिलेगा पानी: CM हेमंत सोरेन ने मसलिया-रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का किया निरीक्षण

दुमका: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आज (24 नवंबर 2025) दुमका जिला अंतर्गत रानेश्वर प्रखंड के मुरगुनी में सिद्धेश्वरी नदी पर निर्माणाधीन मसलिया-रानेश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना की कार्य प्रगति का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के शेष बचे कार्यों को अतिशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि किसानों को जल्द से जल्द यह समर्पित की जा सके।

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निरीक्षण के दौरान विधायक श्री आलोक कुमार सोरेन, मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार और सचिव श्री प्रशांत कुमार भी मौजूद थे।

परियोजना होगी बहुउपयोगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना दुमका के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जिससे मसलिया और रानेश्वर प्रखंड के 22,283 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर सिंचाई की सुविधा पहुंचाई जानी है।

मुख्यमंत्री ने कहा:

"हर खेत तक पानी पहुंचे, इसी संकल्प के साथ हम सिंचाई सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं। सिद्धेश्वरी नदी के पानी का पूर्ण सदुपयोग करने की जिस सोच के साथ यह योजना बनी है, वह हकीकत में पूरी होनी चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना बहुउपयोगी साबित होगी, क्योंकि इससे पटवन के अलावा नदी में ज्यादा पानी होने पर उसे तालाबों और जलाशयों में भी डाइवर्ट किया जा सकेगा। इसके चालू होने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

80 प्रतिशत कार्य हुआ पूर्ण

परियोजना का निर्माण कर रही एल. एंड टी. कंपनी के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि लगभग 80 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है।

प्रगति: एक बैराज लगभग तैयार है, 15 गेटों का 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है, और तीन पंप हाउस में एक पूर्ण हो चुका है।

लक्ष्य: अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अगले वर्ष जनवरी तक लगभग 6400 हेक्टेयर भूमि पर भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।

ज्ञात हो कि 1313 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने नवंबर 2022 में किया था, जिसके पूर्ण होने पर मसलिया प्रखंड के 15 और रानेश्वर प्रखंड के चार पंचायत के अंतर्गत आने वाले 226 गांवों को लाभ मिलेगा।

सीएम सोरेन का बड़ा निर्देश: जनगणना 2027 के लिए झारखंड की प्रशासनिक सीमाओं में 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक नहीं होगा कोई बदलाव

रांची (मुख्यमंत्री सचिवालय): मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने आगामी भारत की जनगणना-2027 को सुचारू रूप से संपन्न कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण और बड़ा निर्देश जारी किया है।

आज (24 नवंबर 2025) मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह फैसला लिया है कि:

"झारखंड राज्य की सभी प्रशासनिक इकाइयों यथा, जिला, अनुमंडल, प्रखंड, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, छावनी परिषद, वार्ड, पंचायत और ग्राम आदि के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार की सीमाओं में दिनांक-01.01.2026 से 31.03.2027 तक किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाएगा।"

मुख्यमंत्री ने साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर 2025 तक क्षेत्राधिकार की सीमाओं में हुए सभी परिवर्तनों से संबंधित सूचना और वांछित अधिसूचना निदेशक जनगणना कार्य निदेशालय, झारखंड, रांची को अग्रसारित (forward) की जाए।

यह निर्णय जनगणना प्रक्रिया की सटीकता और प्रशासनिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, ताकि जनगणना कार्य के दौरान किसी भी इकाई की सीमाएं अपरिवर्तित रहें।


पारदर्शी, दूरदर्शी, कल्याणकारी, संवेदनशील हेमंत सरकार के आगे भाजपा पस्त : विनोद पांडेय

मंईयां सम्मान योजना, प्रोन्नति मामलों और ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों पर झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को भटकाने के लिए झूठ और आधी-अधूरी जानकारी का सहारा ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर पांडेय ने कहा कि भाजपा शासन में वर्षों तक कैडर समीक्षा लंबित रहने और फाइलों के गड़बड़ रहने की वजह से ही लंबे समय तक कई प्रक्रिया बाधित रहीं।

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उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हजारों कर्मचारियों को लंबित प्रमोशन दिया है और पेंशन व सेवा लाभों को तेजी से निष्पादित भी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार से वेतन लेकर भाजपा के स्लीपर सेल के रूप में काम करने वाले कुछ अधिकारियों की चिंता में भाजपा नेता डूबे हुए हैं। उनके लिए ही भाजपा में बौखलाहट है। माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल पारदर्शी शासन स्थापित किया है बल्कि हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। झारखंड में भाजपा की हर रणनीति बार-बार फेल साबित हो रही है।

हेमंत सरकार की जिम्मेदार और संवेदनसील पहल सेवा का अधिकार सप्ताह

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर भाजपा के आरोप पर उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से चुनी हुई हेमंत सरकार की हर लोकप्रिय योजना को बदनाम करने का षडयंत्र रचना भाजपा की पुरानी आदत और राजनीतिक मजबूरी है। महासचिव पांडेय ने कहा कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम हेमंत सरकार के सबसे लोकप्रिय और सफल कार्यक्रमों में शामिल है। राष्ट्रीय स्तर पर विरोधियों ने भी अंतिम व्यक्ति के घर तक पहुंच कर सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के इस संकल्प की सराहना की है।

इस कार्यक्रम की प्रगति पूरी तरह पारदर्शी है और इसका पूरा डाटा पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। सेवा की गारंटी की दिशा में पहली बार झारखंड में सरकार के स्तर से इतनी व्यापक पहल की गई है। भाजपा को सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी ही नहीं है। अगर होती तो मंईयां सम्मान योजना को लेकर बेतुका बयान जारी नहीं करती।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस कार्यक्रम की सफलता से असहजता है क्योंकि सरकार सीधे गांव – पंचायतों के अंतिम व्यक्ति के घर जाकर उन्हें उनका हक और अधिकार के प्रति न सिर्फ जागरूक कर रही है बल्कि उन्हें उनका हक दे भी रही है। बिचौलियों या दलालों के चंगुल से भोले भाले आदिवासी, मूलवासी, गरीब, पिछड़े, अल्पसंख्यकों को छुटकारा दिला कर हेमंत सरकार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस प्रकार का संवेदनशील शासन पूंजीपतियों की पार्टी भाजपा के बूते की बात नहीं है। इतिहास में श्री हेमंत जी की यह पहल मिल का पत्थर साबित हुआ है।

मंईयां सम्मान योजना की अपार सफलता से भाजपा नेता चिंतित

उन्होंने कहा कि भाजपा को महिलाओं, कर्मचारियों या ग्रामीण जनता की चिंता नहीं, बल्कि अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन की फिक्र है। हकीकत यह है कि मंईयां सम्मान योजना की तर्ज पर भाजपा शासित राज्यों में योजनाएं शुरू की गई हैं। ऐसे में भाजपा का भ्रामक आरोप सिर्फ और सिर्फ हर दिन माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराहट में दिया गया है।

महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को “राजनीतिक हताशा की उपज”बताया। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का ऐतिहासिक कदम है, और भाजपा को इससे तकलीफ इसलिए हो रही है क्योंकि वह अपने शासनकाल में महिलाओं के लिए एक भी स्वतंत्र आर्थिक सहायता योजना शुरू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि मंईयां सम्मान का लाभ झारखंड की 50 लाख से अधिक महिलाओं को नियमित मिल रहा है। और श्री हेमंत सोरेन के इस संकल्प के आगे भाजपा पूरी तरह धराशायी नजर आ रही है। जनता के पैसा का उपयोग पूरी तरह पारदर्शिता के साथ करना अनिवार्य है। यही काम भाजपा अपने शासन में नहीं कर पाई जिस कारण उसे जनता ने विपक्ष में बैठा दिया। भाजपा के पूंजीपति मित्र बैंकों में जमा जनता का अरबों रुपये लेकर भाग जाए तो उनका कर्ज माफ कराया जाना भाजपा को सही लगता है, लेकिन जरूरतमंद और गरीबों को उनका हक देना गलत लगता है।

झारखंड में सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे थे 2 युवक, ओवरलोडेड ट्रक ने कुचला

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सेना में बहाल होकर देश की सेवा करने का सपना संजोए झारखंड के गढ़वा जिला के दो युवक सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे थे. उन्हें कहां मालूम था कि देश सेवा करने का सपना को तेज रफ्तार ट्रक एक झटके में चकनाचूर कर देगा. झारखंड के गढ़वा जिले में हुए भीषण हादसे में सेना भर्ती को लेकर दौड़ की तैयारी कर रहे दो युवकों की मौत के बाद कोहराम मच गया.

भीषण हादसा गढ़वा जिला के रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड नामक स्थान पर उस वक्त हुआ जब आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे दो युवकों को तेज रफ्तार गिट्टी लोडेड हाइवा ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी. भीषण हादसे के शिकार दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक युवकों की पहचान में मानपुर गांव के रहने वाले राजू कुमार और अनिल कुमार के रूप में की गई हैं.

भीषण हादसे से आक्रोशित स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना इतनी भयावह थी कि दोनो युवकों के शव क्षत- विक्षित होकर सड़क पर बिखर गए थे. बताया जा रहा कि मौत बनकर आई ओवरलोड हाइवा ट्रक, गिट्टी लेकर गढ़वा की ओर जा रहा था. इस दौरान रंका- रमकंडा रोड पर बरवाटांड गांव के समीप सेना भर्ती दौड़ को लेकर प्रैक्टिस कर रहे दोनों युवकों को चपेट में ले लिया. असंतुलित होकर गिट्टी लीडर हाइवा दोनों युवकों के ऊपर ही पलट गई. जिस कारण दोनों की मौत हो गयी है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश

स्थानीय ग्रामीण और मृतकों के परिजनों ने दोनों के शव को सड़क पर रख कर विरोध प्रदर्शन दिया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि लगातार ओवरलोडेड गाड़ियां तेज रफ्तार में चलती हैं. जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं. हालांकि बाद में प्रशासनिक अधिकारी के आश्वासन और कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क जाम को हटाया. प्रशासन के द्वारा, दुर्घटना को अंजाम देने वाले वाहन के मालिक और चालक पर कार्रवाई करने के साथ ही साथ मृतकों के परिजनों को सरकारी नियमों के अनुरूप सहायता देने आश्वासन दिया गया है.

पहले भी हुआ था ऐसा हादसा

झारखंड के गढ़वा जिला में भीषण दुर्घटना से पूर्व अक्टूबर के महीने में, राजधानी रांची के बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत रांची-टाटा नेशनल हाईवे-33 पर गोसाईंडीह के पास भीषण सड़क दुर्घटना में सवारी गाड़ी में सवार चार लोगों की मौत हो गयी. जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे.

हेमंत सरकार ‘गजनी मोड’ में काम करती है"- प्रतुल शाह देव

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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हेमंत सरकार की कार्य संस्कृति गजनी फिल्म से प्रभावित दिखती है। सरकार कोई योजना शुरू करती है।फिर भूल जाती है।फिर अचानक झटका लगता है तो याद आता है कि ‘सरकार आपके द्वार’ जैसा कोई कार्यक्रम भी है। प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार 2 वर्षों से अपनी इस योजना को भूल कर बैठी थी।जिस सरकार को अपनी ही घोषणाएं याद न रहें, वह जनता की समस्याएं क्या याद रखेगी?"

प्रतुल ने कहा की सबसे पहले हेमंत सरकार को श्वेत पत्र जारी करके बताना चाहिए कि सरकार आपके द्वार के पहले तीन चरणों में आए हुए डेढ़ करोड़ से ज्यादा आवेदनों का क्या हुआ? 2021 में 35.95 लाख आवेदन, 2022 में 55.44 लाख आवेदन, 2023 में 58.26 लाख आवेदन आए थे। सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि कितने आवेदकों को न्याय मिला। ऐसा लगता है कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम सिर्फ एक रिसीविंग देने का जरिया बन गया है।पहले तीन चरणों में सबसे ज्यादा शिकायतें जमीन से संबंधित आए थे। लेकिन इस सरकार में तो अंचल कार्यालय लूट का अड्डा बन गया है। जिस सरकार में अंचल कार्यालय की बोली लगती हो वहां जनता को न्याय कहां मिलेगा। प्रतुल ने कहा ऐसा प्रतीत होता है कि ‘सरकार आपके द्वारा’ नहीं बल्कि सरकार की एक फोटो-अपॉर्चुनिटी’ बनकर रह गई है!"

"जनता को राहत देने के नाम पर कार्यक्रम सिर्फ शो बाजी है

प्रतुल ने कहा कि की सरकार आपके द्वारा के दौरान जमा किए गए डेढ़ करोड़ आवेदनों पर धूल जम रहा है।काम शून्य दिख रहा। सरकार कैमरे के सामने मुस्कुराने में व्यस्त है। आवेदक अपनी पुरानी समस्याओं से ही घिरे हुए हैं।दो साल बाद जागी सरकार को अब जनता जवाब देगी कि झारखंड में ‘गजनी गवर्नेंस’ नहीं चलेगा।"

झारखंड के भ्रष्ट ,तानाशाह एवं लापरवाह पदाधिकारी राज्य को कानून से नहीं मनमर्जी चला रहे....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के प्रोन्नत पदाधिकारियों की पोस्टिंग नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

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श्री मरांडी ने कहा कि यह बहुत अफ़सोस की बात है कि झारखंड के कुछ लापरवाह एवं तानाशाह अफ़सर राज्य को क़ानून के मुताबिक नहीं, बल्कि अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। ऐसा लगता है मानों सारे नियम क़ानून और सुविधाएं उनके फायदे और निजी लाभ के लिये बनाये गये हों।

कहा कि हमें बताया गया है कि पुलिस विभाग में जिन अधिकारियों का डीएसपी में प्रोमोशन हुआ है, उनकी पोस्टिंग चार-पॉंच महीने से भी ज़्यादा समय तक लंबित रखी जाती है। कई मामलों में तो पोस्टिंग उनके रिटायरमेंट के सिर्फ दो-चार दिन पहले की जाती है। इस वजह से ऐसे प्रोमोशन पाये लोगों को जो वास्तविक लाभ मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता।

कहा कि छोटे कर्मचारियों की स्थिति तो इससे भी बदतर है। उनके प्रोमोशन की फाइलें वर्षों तक विभागों की जटिल प्रक्रियाओं में फँसी रहती हैं। कई बार कर्मचारी न्यायालय से आदेश लेकर आते हैं, फिर भी उन्हें लाभ नहीं दिया जाता। इसके विपरीत, आईएएस/आईपीएस अधिकारी अपने प्रोमोशन और उसके लाभ को समय पर प्राप्त करने के लिए महीनों पहले ही सारी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर लेते हैं।

कहा कि राज्य के कई कर्मचारी मिलते हैं, तो इस मुद्दे को लेकर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हैं । इस वजह से उनमें भारी असंतोष है।

उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किया कि समय पर प्रोमोशन और लाभ की व्यवस्था में आईएएस/आईपीएस और राज्य कर्मियों के लिये छोटे-बड़े के दोहरे मापदंड एवं भेदभाव की प्रवृत्ति पर रोक लगे।

कहा कि यह व्यवस्था सबके लिए समान और निष्पक्ष होनी चाहिए।

IITF 2025 में 'रांची स्मार्ट सिटी' मॉडल ने खींचा ध्यान: झारखंड सरकार रांची को पूर्वोत्तर राज्यों का 'नॉलेज हब' बनाने की तैयारी में

नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में इस वर्ष झारखंड पवेलियन का रांची स्मार्ट सिटी मॉडल दर्शकों और मीडिया का विशेष आकर्षण बना। नवीनतम तकनीक, भविष्योन्मुखी शहरी नियोजन और नागरिक-केंद्रित विकास की दृष्टि के साथ यह मॉडल झारखंड सरकार की प्रगतिशील शहरी नीतियों का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।

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नॉलेज हब बनाने की मजबूत पहल

रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के जन संपर्क पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि रांची को शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक उभरते हुए ज्ञान-केन्द्र (नॉलेज हब) के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:

"रांची को ज्ञान-आधारित उद्योगों और आधुनिक शिक्षण संरचना के माध्यम से इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि अगले 5–10 वर्षों में झारखंड पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी प्रमुख शैक्षणिक एवं कौशल विकास केंद्र बन सके।"

अत्याधुनिक और सतत शहरी प्रबंधन

रांची स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अत्याधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है। यह ग्रीनफील्ड टाउनशिप (656 एकड़ में) प्रस्तावित राजधानी परिसर, एयरपोर्ट और हटिया रेलवे स्टेशन के निकट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर विकसित की जा रही है।

पर्यावरण अनुकूलन: रांची को फ्यूचर-रेडी स्मार्ट सिटी बनाने के उद्देश्य से 37% भूमि को ओपन और ग्रीन स्पेस के रूप में सुरक्षित किया गया है।

जल संरक्षण: जल आपूर्ति नेटवर्क के साथ ही, 16 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के माध्यम से उपचारित जल के 40% हिस्से को गैर-पीने योग्य उपयोगों के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

अन्य सुविधाएँ: अंडरग्राउंड वायरिंग मॉडल, रोडसाइड यूटिलिटी डक्ट सिस्टम और 24×7 गैस-इंसुलेटेड पावर स्टेशन जैसी अत्याधुनिक शहरी सेवाएँ शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-संतुलित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

उन्नत सुविधाओं और वैश्विक स्तर के टाउन प्लानिंग मॉडल के साथ, रांची स्मार्ट सिटी IITF 2025 में झारखंड की नई शहरी पहचान को प्रभावी रूप से प्रस्तुत कर रही है।

झारखंड में बढ़ेगी ठंड: अगले दो दिन कोई बड़ा बदलाव नहीं, 28 नवंबर तक मौसम शुष्क; मौसम विभाग ने बुजुर्गों-बच्चों के लिए दी खास सलाह


रांची: झारखंड में इन दिनों मौसम लगातार उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के अनुसार, राज्य में अगले दो दिनों तक किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। अगले दो दिनों तक कई जिलों में सुबह-शाम हल्की धुंध और आंशिक बादल छाए रहेंगे। दिन का मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है, जबकि रात के तापमान में गिरावट जारी है।

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28 नवंबर तक शुष्क रहेगा मौसम

मौसम विभाग ने बताया है कि 28 नवंबर तक राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा और इस दौरान किसी भी जिले में वर्षा की संभावना नहीं है। हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी बनी हुई है, जिसके कारण रात और सुबह में हल्की ठंड महसूस की जा रही है।

तापमान में गिरावट: मौसम विभाग की मानें तो आगामी 26, 27 और 28 नवंबर को रात का पारा और गिर सकता है।

धुंध का प्रभाव: सुबह के समय कई स्थानों पर हल्की धुंध छाने की संभावना है, जिस वजह से ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले अधिक ठंड महसूस हो सकती है।

आगामी दो दिन: 25 नवंबर को मौसम में कोई बड़े बदलाव नहीं हैं, शुष्क मौसम के साथ हल्की धुंध का प्रभाव रहेगा।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सलाह

गिरते तापमान के मद्देनजर मौसम विशेषज्ञों ने नागरिकों के लिए खास सलाह दी है:

सुबह और शाम बाहर निकलते समय हल्के गर्म कपड़े पहनें।

बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाव के लिए अत्याधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

जमशेदपुर में ग्राहक बनकर पहुंची वन विभाग की टीम, प्रतिबंधित सफेद मूंगा के साथ चार तस्करों को दबोचा

झारखंड में इन दिनों प्रतिबंधित चीजों की कालाबाजारी जोरों पर है. ऐसा ही एक मामला जमशेदपुर शहर से भी सामने आया है, जहां वन विभाग की टीम ने प्रतिबंधित सफेद समुद्री कोरल (मूंगा) के साथ चार तस्करों को पकड़ा है. इस मूंगा की कीमत 10 से 15 लाख रुपए के बीच बताई जा रही है. वहीं इनका वजन करीब 3 किलो है. गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. गिरफ्तार तस्करों में से तीन लोग रांची के रहने वाले हैं, जबकि एक पश्चिम सिंहभूम का है.

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दीपक कुमार महतो, प्रमोद कैवता और अभय कुमार रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. वहीं, चौथा तस्कर हरिचरण गोप पश्चिम सिंहभूम के गम्हरिया थाना क्षेत्र का रहने वाला है. जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर के एक होटल में प्रतिबंधित सफेद समुद्री कोरल (मूंगा) की डील होनी थी. गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम और वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के सदस्यों की एक टीम होटल में खरीददार बनकर पहुंची.

सफेद मूंगा के साथ चार तस्कर अरेस्ट

टीम को देखते ही तस्करों ने एक बैग से निकला मूंगा उनके सामने रख दिया. इसके बाद वन विभाग ने मूंगा को जब्त करते चारों तस्करों को दबोच लिया. जानकारों की मानें तो व्यापार और कारोबार में उन्नति के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि और गुड लक के लिए समुद्री कोरल को लोग अपने घरों में रखते हैं. इसके अलावा, सफेद समुद्री कोरल का उपयोग महंगे आभूषण बनाने में भी किया जाता है. समुद्री कोरल से खूबसूरत गहने जैसे हार, अंगूठी, कंगन आदि बनाए जाते हैं.

वन विभाग ने तस्करों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई

इसी के चलते सफेद समुद्री कोरल की मार्किट में बहुत ज्यादा डिमांड रहती है. सरकार ने इसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा रखी है. बावजूद इसके मोटा पैसा कमाने के लिए तस्कर इसका व्यापार करते हैं. जमशेदपुर के होटल से पकड़े गए तस्करों के खिलाफ वन विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है.