*नेतृत्व संभालती बेटियाँ: एक दिन की जिलाधिकारी बनकर रचा नया इतिहास*
*कन्या जन्मोत्सव से गूंजे अस्पताल- मिशन शक्ति ने बेटियों के स्वागत को बनाया जन-आंदोलन*
*अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने कहा, आज का दिन बहुत ही खास रहा*
लखनऊ। महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा मिशन शक्ति 5.0 के अत्तर्गत अतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) थीम के तहत आज पूरे प्रदेश में 2 अनूठे कार्यक्रम आयोजित किये गये। इन विशेष आयोजन में एक तरफ तो विभिन्न जनपदों की प्रतिभाशाली और इच्छाशक्ति से परिपूर्ण बालिकाओं तथा महिलाओं को ' *एक दिन की जिलाधिकारी*" की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस पहल का उद्देश्य था कि बालिकाएँ न केवल नेतृत्व क्षमता को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करे, बल्कि उन्हें प्रशासनिक व सामाजिक उत्तरदायित्वों की गहरी समझ भी प्राप्त हो।
दूसरी तरफ आज पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ "कन्या जन्मोत्सव मनाया गया। इस विशेष अवसर पर प्रत्येक जनपद के सरकारी अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और ब्लॉक स्तर पर उन बालिकाओं का सामूहिक उत्सवपूर्वक स्वागत किया गया जिन बालिकाओं ने आज जन्म लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश देना था कि बेटियों का जन्म न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए हर्ष और गर्व का विषय है।
आज के कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से चयनित बालिकाओं को जिला प्रशासन के कार्यों का वास्तविक अनुभव कराया गया। सुबह औपचारिक रूप से उन्हें एक दिन की जिलाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण कराया गया, जिसके बाद उन्होंने विभागीय बैठको में भाग लिया, विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। कई जिलों में बालिकाओं ने महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर अधिकारियों से संवाद कर अपनी राय रखी और सुझाव प्रस्तुत किए। यह अनुभव बालिकाओं के लिए केवल औपचारिक दायित्वों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्हें यह आत्मविश्वास भी मिला कि वे भविष्य में उच्चतम पदों पर पहुंचकर निर्णयकारी भूमिका निभा सकती है।
इस आयोजन से बालिकाओं ने प्रशासनिक कार्यशैली का गहन अनुभव प्राप्त किया। उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि किस प्रकार से जिला स्तर पर विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है, जनता की समस्याओं को सुना जाता है और उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जाते हैं। बालिकाओं ने महसूस किया कि वे अपने अधिकारों और दायित्वों के प्रति सजग रहते हुए समाज को नई दिशा देने की क्षमता रखती है।
प्रदेश भर में आयोजित इस कार्यक्रम ने अभिभावको और समाज को यह सोचने के लिए प्रेरित किया कि बालिकाओ को केवल घर और परिवार की सीमाओ तक न देखा जाए, बल्कि उन्हे प्रशासन, राजनीति, विज्ञान, शिक्षा और अन्य सभी क्षेत्रो में योगदान देने का अवसर मिले। जहाँ-जहाँ बालिकाओं ने जिलाधिकारी का पद संभाला, वहाँ उनकी गंभीरता, परिपक्वता और नेतृत्व क्षमता देखकर सभी अधिकारी और कर्मचारी भी प्रभावित हुए।
दूसरी ओर आज जन्म लेने वाली बालिकाओं और उनकी माताओं का सम्मान किया गया। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं का विधिवत पूजन कर उन्हें उपहार स्वरूप वस्त्र, फल, पौष्टिक आहार सामग्री और शुभकामना कार्ड भेट किए गए। माताओं और बालिकाओं के इस सम्मान समारोह ने वातावरण को उल्लास और सकारात्मकता से भर दिया। परिवारों को यह संकल्प दिलाया गया कि वे बालिका को शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसर प्रदान करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
कन्या जन्मोत्सव का सबसे अनूठा पहलू यह रहा कि इस आयोजन को सीधे तौर पर उतर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना "मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा गया। कार्यक्रम के दौरान माताओं को योजना की पात्रता, लाभ और प्रक्रिया की जानकारी दी गई, ताकि प्रत्येक नवजात बालिका को जन्म के साथ ही सुरक्षित भविष्य की गारंटी मिल सके। विभागीय अधिकारियों ने उपस्थित परिवारों को बताया कि इस योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक बालिकाओं को 6 अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना को कन्या जन्मोत्सव से जोडने का संदेश यह रहा कि सरकार हर बेटी के साथ खड़ी है और उसके सपूर्ण विकास और आत्मनिर्भरता के लिए ठोस कदम उठा रही है।
जिलाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वयं अस्पतालों में पहुँचकर माताओं का सम्मान किया और नवजात बालिकाओं का स्वागत किया। कई जिलों में परिवारों को पौधारोपण के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि बेटियों का जन्म धरती को हरियाली और समाज को नई ऊर्जा प्रदान करता है। नवजात के जन्म की संख्या के अनुसार वृक्षारोपण किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण और बेटी बचाओ के संकल्प को एक साथ आगे बढाया जा सके।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की *अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी* ने कहा, "आज का दिन ऐतिहासिक है, जब हमारी बेटियों ने एक दिन के लिए जिलाधिकारी बनकर नेतृत्व का साहसिक उदाहरण प्रस्तुत किया। मिशन शक्ति का यही उद्देश्य है कि हर बेटी को यह विश्वास मिले कि वह केवल अपने सपनों तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हे साकार करने की शक्ति भी उसके भीतर है। यह अनुभव उनके जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनेगा और आने वाले समय में उन्हें समाज की दिशा बदलने की ताकत प्रदान करेगा।"
एक दिन की जिलाधिकारी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश भार में 350 से अधिक बालिकाओं को जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा धिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न प्रशासनिक पदों का दायित्व सौंपा गया। साथा ही कन्या जन्मोत्सव के अंतर्गत 1 ही दिन में जन्म लेने वाली 500 से अधिक बालिकाओं का स्वागत उनके जन्मोत्सव के माध्यम से किया गया।
Oct 10 2025, 18:58